समाजशास्त्र (331)| Sociology 331 NIOS Free Solved Assignment 2021 – 22 (Hindi Medium)
समाजशास्त्र (331)
शिक्षक अंकित मूल्यांकन पत्र, कुल अंक: 20.
(i) सभी प्रश्नों के उत्तर देने अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
(ii) उत्तर पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर अपना नाम अनुक्रमांक अध्ययन केंद्र का नाम और विषय स्पष्ट शब्दों में लिखिए
Table of Contents
1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए। 2
(a) क्या आप इस बात से सहमत हैं की , “ भावनाओं की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की अपनी पृष्ठभूमि होती है” उदाहरण सहित स्पष्ट करें। (पाठ 7 देखें).
उत्तर: भावनाएँ विश्वासों से निकटता से संबंधित हैं। एक भावना दुनिया के बारे में ‘हम क्या महसूस करते हैं’ को दर्शाती है। भावनाएँ अनुभव और सांस्कृतिक प्रशिक्षण के उत्पाद हैं। भाव विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, अर्थात बौद्धिक, नैतिक और धार्मिक आदि। भावनाओं की भी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की पृष्ठभूमि होती है।
जैसा कि हम जानते हैं, यह अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति थी जिसने औपनिवेशिक काल के दौरान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच इतनी मजबूत और घातक धार्मिक भावना पैदा की। हिंदू एक हजार साल तक मुसलमानों के साथ रहे थे और उन्हें कभी भी एक घातक और विस्फोटक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा, जैसा कि ब्रिटिश काल के दौरान हुआ था।
(b) “ अनौपचारिक प्रतिबंध-सकारात्मक और नकारात्मक-दोनों ही प्रत्येक समाज की नियमित विशेषताएं हैं”। टिप्पणी करें। (पाठ 8 देखें)
उत्तर: किसी एक प्रश्न का उत्तर दें
2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए। 2
(a) “ सहयोग एक सामाजिक सहचार्य प्रक्रिया है”। स्पष्ट करें ( पाठ 10 देखें).
उत्तर: सहयोग एक ऐसी प्रक्रिया है, जो सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए, सहयोग को साहचर्य सामाजिक प्रक्रिया के रूप में माना जाता है। यह एक सार्वभौमिक घटना है। अगर हमें समाज के सदस्यों के रूप में रहना है, तो हम सहयोग के बिना नहीं रह सकते। सहयोग सामाजिक संपर्क का लक्ष्य-उन्मुख और सचेत रूप है।
इसमें दो तत्व शामिल हैं: – (i) सामान्य अंत, और (ii) संगठित प्रयास। सभी व्यक्तिगत सदस्यों का एक समान अंत होता है, जैसे की उत्सव मनाना । लेकिन वे ऐसा तभी कर सकते हैं जब सभी सदस्य संगठित तरीके से एक दूसरे का सहयोग करें।
(b) प्रतिमान किस प्रकार मूल्यों का प्रतिबिंब है ? स्पष्ट करें। (पाठ 8 देखें)
उत्तर: किसी एक प्रश्न का उत्तर दें
3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए। 2
(a) प्रत्येक परिस्थिति मैं कैसे अनेक भूमिकाएं निहित होती है उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए। (पाठ 9 देखें), (b) आपके विचार में परसंस्कृतिकरण एक चेतन प्रक्रिया है या एक अचेतन प्रक्रिया है टिप्पणी करें। (पाठ 11 देखें).
उत्तर: परसंस्कृतिकरण या तो एक सचेत या अचेतन प्रक्रिया हो सकती है। अन्य समूहों के संस्कृति लक्षणों को अपनाने वाले लोग इस तथ्य से अवगत हो सकते है कि वे पराई संस्कृति को अपनाते जा रहे है या वे बिना महसूस किये परायी संस्कृति में मिलते जाते है | परसंस्कृतिकरण तब होता है जब विभिन्न संस्कृतियों से संबंधित दो या दो से अधिक समुदाय एक साथ आते हैं और एक दूसरे की संस्कृति विशेषता को अपनाने लगते हैं।
संस्कृति परिवर्तन में शामिल दोनों समूहों में कुछ परिवर्तन होते हैं। परसंस्कृतिकरण रातोंरात नहीं होता है। सदस्यों को अन्य समुदायों से संस्कृति के लक्षण अपनाने में काफी समय लगता है। लेकिन आत्मसात करने की तुलना में, परसंस्कृतिकरण अपेक्षाकृत कम समय लेता है।
4. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में दीजिए। 4
(a) बहुलतावाद , भारतीय समाज के विभिन्न पारंपरिक मूल्य में से एक है उदाहरण सहित वर्णन करें। (पाठ 8 देखें).
उत्तर: किसी एक प्रश्न का उत्तर दें
(b) उपयुक्त उदाहरणो सहित प्रतिमान और मूल्यों के बीच संबंध स्पष्ट कीजिए ? ( पाठ 8 देखें)
उत्तर: मूल्यों को अच्छाई या वांछनीयता के माप के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। वे आचरण के लिए सामान्य दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। इस अर्थ में उन्हें अक्सर “उच्च क्रम मानदंड” कहा जाता है। लेकिन मानदंडों को और अधिक विशिष्ट अर्थ दिया जाता है। वे विशेष परिस्थितियों में उपयुक्त और स्वीकार्य व्यवहार को परिभाषित करते हैं।
मूल्यों को केवल मानदंडों के पालन के माध्यम से पोषित किया जाता है। दोनों के बीच संबंध को निम्न उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है। एक समाज “गोपनीयता” के मूल्य को संजो सकता है। यह मान व्यवहार के लिए केवल एक सामान्य मार्गदर्शक प्रदान करता है। मानदंड परिभाषित करते हैं कि कैसे ‘गोपनीयता’ का मूल्य विशेष परिस्थितियों और परिस्थितियों में कार्रवाई में अनुवादित होता है। उदाहरण के लिए, गोपनीयता से संबंधित मानदंड इस बात पर जोर दे सकते हैं कि व्यक्ति के पत्र बिना अनुमति आदि के नहीं खोले जाने चाहिए।
5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में दीजिए। 4
(a) प्रदत भूमिकाओं और अर्जित भूमिकाओं के बीच उदाहरण सहित भेद स्पष्ट करें। (पाठ 9 देखें).
उत्तर: किसी एक प्रश्न का उत्तर दें
(b) “ संस्कृति जन्मजात नहीं है”। अपने अनुभव के आधार पर उदाहरण सहित कथन की व्याख्या करें। (पाठ 11 देखें)
उत्तर: संस्कृति संपर्क सभी समाजों और समूहों में संचालित होता है। यह तभी संभव है जब लोग नए लक्षणों को स्वीकार करने के इच्छुक हों और पुराने लक्षणों का पालन करना जारी रखें।
संस्कृति जन्मजात नहीं होती। जन्म के बाद व्यक्ति दिए गए भौतिक और सामाजिक वातावरण में बढ़ते हुए सांस्कृतिक मूल्यों, प्रथाओं, परंपराओं और मानदंडों को सीखता है। दूसरी ओर शुद्ध या प्राचीन संस्कृति नाम की कोई चीज नहीं है। संपूर्ण अर्थों में सांस्कृतिक अलगाव संभव नहीं है। कोई भी संस्कृति अलगाव में जीवित नहीं रह सकती। संस्कृति निरंतरता और परिवर्तन की विशेषता वाली एक गतिशील प्रक्रिया है।
परिवहन और संचार के आधुनिक साधनों द्वारा संस्कृति संपर्क को सुगम बनाया गया है। दो अलग-अलग संस्कृतियों के सदस्यों के बीच इस तरह के संपर्क विभिन्न सांस्कृतिक लक्षणों के पारस्परिक उधार लेने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, प्रभावित क्षेत्र – कला और कलाकृतियां, पोशाक और भोजन की आदतें, भाषा और साहित्य, उनके आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक जीवन में प्रथाएं और अनुष्ठान हैं।
इस तरह का उधार भौतिक संस्कृति और मूल्यों में अधिक दिखाई देता है, जो कमोबेश सामान्य हैं। ज्यादातर संस्कृतिकरण की प्रक्रिया में, ऐसे सांस्कृतिक लक्षणों का उधार लेना उन लोगों पर प्रमुख संस्कृति के प्रभाव को दर्शाता है जो या तो संख्यात्मक रूप से छोटे हैं या नए आने वाले या अप्रवासी हैं। संस्कृतिकरण का अर्थ है सांस्कृतिक तत्वों का एक सामाजिक समूह से दूसरे समूह में संचरण। कभी-कभी यह उल्टा भी हो सकता है।
6. नीचे दी गई परियोजनाओं में से कोई एक परियोजना तैयार कीजिए। 6
(a) अपने पड़ोस में 10 परिवारों का एक्शन करें। ऐसे 10 महिलाओं और 10 पुरुषों का साक्षात्कार कीजिए और उनके शैक्षक स्तर , काम के घंटे , उनकी भूमिकाए और उनकी जिम्मेदारियों को जानने का प्रयास कीजिए जिनके बच्चे स्कूल जाते हो। इन महिलाओं और पुरुषों की विभिन्न परिस्थितियों में उनकी भूमिकाए और उनकी जिम्मेदारियों के आधार पर परिवार में उनकी भूमिका का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए , (b) अपने आस-पास के किसी माध्यमिक स्कूल का भ्रमण करें। वहां जाएं और उस स्कूल में होने वाले शिक्षा-शिक्षण कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालन के लिए विभिन्न शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य द्वारा किए जा रहे कार्यों पर एक विस्तृत नोट लिखें। अपने अवलोकन के आधार पर यह भी लिखें कि ये सभी लोग किस प्रकार स्कूल के सुचारू संचालन में एक दूसरे की सहायता करते हैं।.
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समाजशास्त्र के 250 अति महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न | Important Objective Questions of Sociology in hindi
यहां आपके लिए समाजशास्त्र से संबंधित 250 वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं जो आगामी टीचर के एग्जाम के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे। शिक्षक पात्रता परीक्षा, TET, CTET, SLET, UGC NET, SET, PRT, PGT, TGT, B.Ed., M.Ed., REET, में आवश्यक रूप से पूछे जाने वाले प्रश्न यहां समावेशित किए गए हैं। सभी प्रकार के टीचर एग्जाम में ये प्रश्न पूछे जाते हैं।
1. समाजशास्त्र के पिता या जनक हैं- (अ) इमाइल दुर्खीम (ब) ऑगस्त काम्ते (स) मैक्स वैबर (द) पारसन्स उत्तर - (ब) ऑगस्त काम्ते। 2. समाजशास्त्र के जनक काम्ते का जनम किस सन् में हुआ? (अ) 1857 में (ब) 1798 में (स) 1899 में (द) 1789 में। उत्तर - (ब) 1798 में। 3. भारत में वर्तमान समाजशास्त्र का अध्ययन कब प्रारंभ हुआ? (अ) 1917 (ब) 1919 (स) 1921 (द) (923 उत्तर - (ब) 1919 4. समाजशास्त्र की सर्वप्रथम पुस्तक कौन-सी है ? (अ) अमूर्त होता है (ब) सोसाइटी (स) ह्यूमन सोसाइटी (ट) प्रिंसिपल्स ऑफ सोशियोलॉजी उत्तर - (द) प्रिंसिपल्स ऑफ सोशियोलॉजी। 5. "Social Structure of Values" नामक पुस्तक के लेखक कौन है? (अ) डी० एन० मजूमदार (ब) के० एम० कपाड़िया (स) एस० एन० श्रीनिवास (द) राधाकमल मुखर्जी उत्तर - (द) राधाकमल मुखर्जी। 6. "समाजशास्त्र अन्य विज्ञानों की न तो दासी है और न ही स्वामिनी वरन् यह उसकी बहिन है।" यह कथन किस विद्वान का है? (अ) स्पेन्सर (ब) मार्क्स (द) सोरोकिन (स) वार्न्स एवं बीकर उत्तर - (स) वार्न्स एवं बीकर। 7. "समस्त विज्ञान की एकता केवल उसकी पद्धति में है उसकी विषय-वस्तु में नहीं" (अ) कार्ल पियर्सन (ब) स्टुअर्ट चेज़ (स) लुण्डबर्ग (द) बर्नार्ड उत्तर - (अ) कार्ल पियर्सन। 8. समाजशास्त्र की सर्वप्रथम पुस्तक कौन-सी है? (अ) सोसाइटी (ब) सोशियोलॉजी (स) प्रिंसिपल ऑफ सोशियोलॉजी (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) प्रिंसिपल ऑफ सोशियोलॉजी। 9. समन्वयात्मक सिद्धांत के अनुसार समाज की प्रकृति- (अ) सावयवी है (ब) असामाजिक है (स) सामाजिक है (द) काल्पनिक है उत्तर - (अ) सावयवी है। 10. बीरस्टीड के अनुसार समाजशास्त्र एक विज्ञान है (अ) आत्मनिर्भर (ब) विशिष्ट (स) आदर्शात्मक (द) विशुद्ध उत्तर - (द) विशुद्ध।
11 . What is Sociology पुस्तक किसने लिखी है? (अ) वार्ड (ब) बॉटोमोर (स) ऐलेक्स इंकलिस (द) सोरोकिन उत्तर - (स) ऐलेक्स इंकलिस। 12. समाजशास्त्र के समन्वयात्मक प्रवर्तक हैं- (अ) मैक्स वैबर (ब) जिन्सबर्ग (स) गिडिंग्स (द) वीरकांत उत्तर - (ब) जिन्सबर्ग। 13. समाजशास्त्र के अंतर्गत हम अध्ययन करते हैं (अ) सामाजिक समूहों का (ब) सामाजिक प्रक्रियाओं का (स) सामाजिक संबंधों का (द) उपरोक्त सभी उत्तर - (द) उपरोक्त सभी 14. सन् 1888 में समाजशास्त्र शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किस विद्वान् ने किया? (अ) ऑगस्त काम्ते (ब) दुर्खीम (स) अरस्तू (द) पी० ए० सोरोकिन उत्तर - (अ) ऑगस्त काम्ते। 15. Sociology शब्द किन दो भाषाओं के शब्दों से मिलकर बना है? (अ) लेटिन एवं ग्रीक (ब) पीक एवं अंग्रेजी (स) लेटिन एवं अंग्रेजी (द) लेटिन एवं रूसी। उत्तर - (अ) लेटिन एवं ग्रीक। 16. इतिहास अतीत की घटनाओं का किस प्रकार अध्ययन करता है? (अ) स्पष्ट रूप से (ब) क्रमबद्ध रूप से (स) संगठित रूप से (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) क्रमबद्ध रूप से। 17. "समाजशास्त्र एकमात्र सामाजिक विज्ञान है" यह विचार किस विद्वान का है? (अ) ऑगस्त काम्ते (स) स्पेन्सर (ब) वार्ड (द) सोरोकिन उत्तर - (अ) ऑगस्त काम्ते। 18. समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र में जिस तथ्य का सामान्य रूप से अध्ययन किया जाता है, वह है- (अ) माँग एवं पूर्ति का नियम (ब) पारिवारिक व्यवस्था (स) श्रम कल्याण (द) बजट के सिद्धांत उत्तर - (स) श्रम कल्याण। 19. निम्नलिखित में से कौन-सा कारण जजमानी व्यवस्था के विघटन के लिए उत्तर दायी नहीं है- (अ) बढ़ती हुई जनसंख्या (ब) औद्योगीकरण (स) ग्रामीण समाज में पाई जाने वाली एकता (द) जमींदारी उन्मूलन उत्तर - (स) ग्रामीण समाज में पाई जाने वाली एकता। 20. समाजशास्त्र एक विज्ञान है क्योंकि इसमें उपयोग होता है- (अ) ऐतिहासिक पद्धति का (ब) वैज्ञानिक पद्धति का (स) सांख्यिकीय पद्धति का (द) तुलनात्मक पद्धति का उत्तर - (ब) वैज्ञानिक पद्धति का।
21. किस समाजशास्त्री ने मानवशास्त्र एवं समाजशास्त्र को जुड़वां बहने माना है? (अ) बेकर (ब) ऑगस्त काम्ते (स) सोरोकिन (द) क्रोबर उत्तर - (द) क्रोबर। 22. निम्नलिखित में से किस विद्वान ने अपनी पुस्तक 'Social Organization' में प्राथमिक समूह की अवधारणा को प्रतिपादित किया है? (अ) जी० सी० होमन्स (ब) सी० एच० कूले (स) बोगार्डस (द) जी० सिमेल उत्तर - (ब) सी० एच० कूले। 23. किसी समूह की स्थापना किन व्यक्तियों द्वारा होती है ? (अ) जिनके हित समान हो (ब) जिनकी रुचि समान हो (स) जिनके पारिवारिक संबंध हो (द) अ और ब दोनों। उत्तर - (द) (अ) और (ब) दोनों। 24. सामाजिक समूह को स्थायी एवं अस्थायी समूह में किसने विभाजित किया है? (अ) समनर (ब) कूले (स) गिलिन और गिलिन (द) मर्टन उत्तर - (स) गिलिन और गिलिन । 25. प्राथमिक एवं द्वितीयक समूह का वर्गीकरण किसके द्वारा किया गया है? (अ) ऑगवर्न (ब) मैकाइवर (स) कूले (द) लुण्डबर्ग उत्तर - (स) कूले । 26. संदर्भ समूह 'शब्द' का प्रयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया? (अ) मर्टन (ब) न्यूकॉम्ब (स) बोगार्डस (द) हाइमन उत्तर - (द) हाइमन। 27. निम्नलिखित में से अस्थायी समूह हैं (अ) राज्य (ब) भीड़ (स) समाज (द) राष्ट्र उत्तर - (ब) भीड़। 28. सभ्यता के विकास के साथ-साथ समाज में समूह की संख्या- (अ) घटती जाती है (ब) बढ़ती जाती है (स) परिवर्तित होती है (द) प्रभावित हो जाती है उत्तर - (ब) बढ़ती जाती है 29. संदर्भ समूह होता है (अ) प्राथमिक समूह (ब) द्वितीयक समूह (स) अन्तः समूह (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं। उत्तर - (ब) द्वितीयक समूह 30. निम्नलिखित में से सामाजिक समूह का लक्ष्य कौन-सा है? (अ) सदस्यता (ब) समानता (स) अनिवार्य सदस्यता (द) आदान-प्रदान के संबंध उत्तर - (अ) सदस्यता
31. जब कभी दो या दो से अधिक व्यक्ति एक साथ मिलते हैं एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं तो वे सामाजिक समूह का निर्माण करते हैं यह परिभाषा किस विद्वान द्वारा दी गई हैं? (अ) मैकाइवर एवं पेज (ब) जिन्सबर्ग (स) मर्टन (द) ऑगबर्न एवं निमकॉफ उत्तर - (द) ऑगबर्न एवं निमकॉफ 32. "संदर्भ समूह नकारात्मक भी हो सकता है" यह कथन किसका है? (अ) शैरिफ (ब) क्लाइनबर्ग (स) हाइमैन (द) मर्टन उत्तर - (ब) क्लाइनबर्ग। 33. निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह रक्त संबंध पर आधारित है (अ) परिवार (ब) क्रीड़ा समूह (स) पड़ोस (द) श्रोता समूह उत्तर - (अ) परिवार। 34. समाज में क्या पाया जाता है? (अ) केवल सहयोग (ब) केवल संघर्ष (स) सहयोग एवं संघर्ष (द) उपरोक्त में से कोई नहीं। उत्तर - (स) सहयोग एवं संघर्ष। 35. वर्ग विहीन समाज की अवधारणा किस विद्वान ने प्रस्तुत की है? (अ) मार्क्स (ब) दुर्खीम (द) हीगल। (स) स्पेन्सर उत्तर - (अ) मार्क्स। 36. एक समाज (अ) अमूर्त होता है (ब) मूर्त होता है (स) मूर्त एवं अमूर्त दोनों (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (अ) अमूर्त होता है। 37. समाज सामाजिक संबंधों का जाल है, यह कथन किस विद्वान का है? (अ) पारसन्स (ब) मैकाइवर एवं पेज (स) जिन्सबर्ग (द) डेविस उत्तर - (ब) मैकाइवर एवं पेज। 38. जहाँ जीवन है वहीं समाज है, यह कथन किस विद्वान का है? (अ) वार्ड (ब) मैकाइवर एवं पेज (स) गिलिन एवं गिलिन (द) गिडिंग्स उत्तर - (ब) मैकाइवर एवं पेज। 39. समुदाय होता है- (अ) मूर्त (स) निर्मित (ब) अमूर्त (द) कल्पित उत्तर - (अ) मूर्त। 40. 'लघु समुदाय' की अवधारणा किसकी है? (अ) किंग्सले डेविस (ब) बोगार्डस (स) रॉबर्ट रेडफील्ड (द) जिन्सबर्ग। उत्तर - (स) रॉबर्ट रेडफील्ड।
41. 'Community' शब्द किस भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है? (अ) लेटिन (ब) ग्रीक (स) जर्मन (द) फ्रेंच। उत्तर - (अ) लेटिन 42. 'सामुदायिक भावना' को समुदाय का आधार किसने बताया है? (अ) समनर (ब) मैकाइवर एवं पेज (स) टॉयलर (द) किंग्सले डेविस उत्तर - (ब) मैकाइवर एवं पेज। 43. समाज एक जीव रचना के समान है, यह कथन किसका है? (अ) स्पेन्सर (ब) मार्क्स (स) बोगा (द) कूले उत्तर - (अ) स्पेन्सर। 44. 'Modern Sociology' पुस्तक के लेखक कौन हैं? (अ) गोल्डनर (ब) प्रीन (स) समनर (द) बोगार्डस उत्तर - (अ) गोल्डनर। 45. संस्था को अदिश नियमों का संग्रह कौन विद्वान मानता है? (अ) कूले (ब) डेविस (स) समनर (द) एण्डसरसन उत्तर - (द) एण्डसरसन। 46. संपूर्ण संस्था की अवधारणा प्रस्तुत करने वाले विद्वान कौन हैं? (अ) वेबर (ब) दुर्खीम (स) मर्टन (द) ईस्माइल उत्तर - (स) मर्टन। 47. 'हम समितियों के सदस्य होते हैं, संस्थाओं के नहीं' यह कथन किस विद्वान का है? (अ) मर्टन (ब) बोगार्डस (स) मैकाइवर एवं पेज (द) दुर्खीम उत्तर - (स) मैकाइवर एवं पेज। 48. समिति की सदस्यता- (अ) अनिवार्य होती है (ब) ऐच्छिक होती है (स) जन्म द्वारा होती है (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) ऐच्छिक होती है। 49. निम्न में से समिति कौन सी है? (अ) ट्रेड यूनियन (ब) राज्य (स) टेनिस क्लब (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी 50. समाज में सहयोग एवं संघर्ष पाया जाता है किंतु समिति में- (अ) सहयोग एवं समानता (ब) सहयोग व विरोध (स) केवल विरोध (द) केवल सहयोग उत्तर - (अ) सहयोग एवं समानता
51. जब कुछ व्यक्ति अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक नियमबद्ध संगठन का निर्माण करते हैं तो वह संगठन कहलाता है- (अ) समुदाय (ब) जनरीति (स) संस्था (द) समिति उत्तर - (द) समिति। 52. 'Modern Sociology' नामक पुस्तक के लेखक हैं- (अ) समनर (ब) ग्रीन (स) बोगार्डस (द) गोल्डनर उत्तर - (द) गोल्डनर। 53. ( Folkways) 'फॉकवेज' नामक पुस्तक का प्रकाशन निम्न में से किस सन् में हुआ? (अ) 1910 (ब) 1905 (स) 1890 (द) 1907 उत्तर - (द) 1907 54. सामाजिक नियमों के संग्रह को कहते हैं- (अ) संस्था (ब) समूह (स) समुदाय (द) समाज । उत्तर - (अ) संस्था 55. संस्था के संबंध में कौन-सा कथन सही है? (अ) संस्था अस्थायी होती है (ब) संस्था पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती है (स) प्रत्येक संस्था की संरचना होती है (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (ब) संस्था पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती है। 56. मुख्य प्रस्थिति की अवधारणा किस विद्वान् द्वारा की गयी है? (अ) बीरस्टीड (ब) किंग्सले डेविस (स) ई० टी० हिलर (द) इनमें से कोई नहीं उत्तर - (स) ई० टी० हिलर। 57. प्रस्थिति एवं भूमिका की अवधारणा संबंधित है (अ) मैकाइवर एवं पेज (ब) बिल्बर्ट मूर (स) राल्फ लिण्टन (द) किंग्सले डेविस उत्तर - (स) राल्फ लिण्टन। 58. प्रदत्त प्रस्थिति किस समाज की द्योतक है? (अ) द्वितीयक (ब) वृहद् (स) बन्द (द) मुक्त उत्तर - (स) बन्द। 59. व्यक्ति जो करता है उसी को हम भूमिका कहते हैं, यह कथन है (अ) डेविस (ब) ऑगबर्न एवं निमकॉफ (स) मैकाइवर (द) लिण्टन। उत्तर - (ब) ऑगबर्न एवं निमकॉफ 60. माता-पिता की प्रस्थिति किस प्रकार की प्रस्थिति कही जायेगी? (अ) विशिष्ट प्रस्थिति (ब) सामान्य प्रस्थिति (स) उपार्जित प्रस्थिति (द) कल्पित प्रस्थिति उत्तर - (अ) विशिष्ट प्रस्थिति।
61. अधिकांश भूमिकाएँ होती हैं- (अ) एकाकी (ब) अन्योन्य (स) व्यक्तिमूलक (द) इनमे से कोई नहीं उत्तर - (ब) अन्योन्य। 62. अर्जित प्रस्थिति आधारित है (अ) योग्यता पर (ब) सांस्कृतिक मूल्यों पर (स) शक्ति पर (द) इनमें से कोई नहीं उत्तर - (अ) योग्यता पर। 64. सामान्यतः एक प्रस्थिति समाज अथवा एक समूह के पद हैं। यह परिभाषा किस विद्वान ने दी है? (अ) फिचर (ब) गिलिन एवं गिलिन (स) बीरस्टीड (द) सदरलैण्ड उत्तर - (स) बीरस्टीड। 65. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रस्थिति अर्जित नहीं कही जा सकती है? (अ) पुरोहित (ब) अभिनेता (स) धनवान (द) मिल मालिक उत्तर - (अ) पुरोहित। 66. किसने भूमिका समुच्चय की अवधारण को विकसित किया? (अ) पारसन्स (ब) निस्बेट (द) लिण्टन (स) मर्टन उत्तर - (स) मर्टन। 67. जाति एक बन्द वर्ग है यह कथन किस विद्वान का है? (अ) हॉबेल (ब) चार्ल्स कूले (स) मजूमदार एवं मदान (द) हट्टन उत्तर - (ग) मजूमदार एवं मदान 68. भारत का सबसे प्राचीन वेद है- (अ) अथर्ववेद (ब) सामवेद (स) ऋग्वेद (द) यजुर्वेद उत्तर - (स) ऋग्वेद। 69. स्तरीकरण समाज का 'उच्च' तथा 'निम्न' सामाजिक इकाइयों में किया गया समतल विभाजन है यह कथन किस विद्वान का है? (अ) सदरलैण्ड (ब) रेमण्ड पूरे (स) वुडवर्ड (द) जिसबर्ट उत्तर - (ब) रेमण्ड मूरे 70. पश्चिमी समाजों में स्तरीकरण का आधार हैं- (अ) वर्ग (ब) आयु (स) जाति (द) लिंग उत्तर - (अ) वर्ग।
71. जाति मार्ग है- (अ) बन्द (ब) खुला (स) निश्चित (द) अनिश्चित उत्तर - (अ) बन्द। 72. जाति में अनेक (अ) वर्ण होते हैं (ब) धर्म होते हैं (स) उपजातियाँ होती है (द) इनमें से कोई नहीं उत्तर - (स) उपजातियाँ होती है। 73. सोरोकिन तथा वैबर ने स्तरीकरण के किन आधारों का उल्लेख किया हैं? (अ) आर्थिक (ब) राजनीतिक (स) व्यावसायिक (द) उपरोक्त सभी। उत्तर - (द) उपरोक्त सभी । 74. वंशानुक्रम मानव जीवन को प्रभावित करता है (अ) राजनीति में (ब) राष्ट्रवाद में (स) मानसिक गुणों के विकास में (द) किसी भी क्षेत्र में नहीं उत्तर - (स) मानसिक गुणों के विकास में। 75. "माता-पिता द्वारा अपनी संतान में कतिपय गुणों को हस्तांतरित करने को ही वंशानुक्रम कहते हैं।" यह कथन है- (अ) वेन्डिक्ट का (स) मैकाइवर तथा पेज का (ब) जिसवर्ट का (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (अ) वेन्डिक्ट का। 76. "मनुष्य मनुष्य को जन्म देता है।" यह बात किस सिद्धांत में कही गयी है (अ) मेंडल सिद्धांत (ब) सावयवी सिद्धांत (स) मूल जीवाणु तत्व की निरंतरता का सिद्धांत (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) मूल जीवाणु तत्व की निरंतरता का सिद्धांत। 77. "हेरिडिटरी जीनियम" नामक पुस्तक के लेखक थे- (अ) फ्रांसिस गाल्टन (ब) बेकन (स) मार्क्स वेबर (द) मैनहीम उत्तर - (अ) फ्रांसिस गाल्टन। 78. प्रजातियों का अध्ययन करने वाले विद्वान का नाम था- (अ) गिलिन (ब) गिलबर्ट (स) किलनबर्ग (द) इलबर्ट उत्तर - (स) किलनबर्ग। 79. "पर्यावरण वह सब कुछ है जो मनुष्य को चारों और से घेरे हुए हैं।" कथन है- (अ) जिन्सबर्ग का (ब) प्रो० तोमर का (स) मैकाइवर का (द) यूटर का उत्तर - (अ) जिन्सबर्ग का। 80. भौगोलिक पर्यावरण को दो भागों में विभाजित किया गया है- (अ) कृत्रिम तथा मनुष्यकृत (ब) नियंत्रित तथा अनियंत्रित (स) सरल तथा जटिल (द) परिवर्तनशील व अपरिवर्तनशील उत्तर - (ब) नियंत्रित तथा अनियंत्रित।
81. भौगोलिक पर्यावरण मानव जीवन को प्रभावित करता है- (अ) केवल प्रत्यक्ष रूप से (ब) केवल अप्रत्यक्ष रूप से (स) कृत्रिम रूप से (द) प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों रूप से उत्तर - (द) प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों रूप से। 82. “भौगोलिक तत्व ही हमारी सभी संस्थाओं को प्रभावित करते हैं।" यह विचारधारा है- (अ) समाजवाद (स) अराजकतावाद (ब) साम्यवाद (द) भौगोलिकवाद उत्तर - (द) भौगोलिकवाद। 83. "मनुष्य पृथ्वी की संतान है, उसे पृथ्वी से अलग नहीं किया जा सकता है।" यह कथन है- (अ) ओडम (स) कु० सेम्पल का (ब) रेजल का (द) गिलबर्ट का उत्तर - (अ) ओडम। 84. निम्नलिखित में से कौन-सी जनजाति अपना वंशानुक्रम मिथकीय महिला पूर्वजों से जोड़ती है? (अ) राजस्थान की मीना जनजाति (ब) असम की खासी जनजाति (स) बिहार की 'हो' जनजाति (द) महाराष्ट्र की वालींस जनजाति उत्तर - (अ) राजस्थान की मीना जनजाति। 85. औद्योगिक समाजों में पर्यावरण का व्यक्तित्व पर किस प्रकार प्रभाव पड़ता है? (अ) व्यक्तिवादिता एवं पृथकता (ब) सहिष्णुता (स) जीवन के लिए संघर्ष (द) उपर्युक्त सभी। उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी 86. हर्सकोविट्स के लिए संस्कृति का अर्थ है- (अ) पर्यावरण का मानव निर्मित अंश (ब) मानव समूहों का सामाजिक व्यवहार (स) एक समुदाय की मानव वृत्ति, सामाजिक वृत्ति तथा मानसिक वृत्ति (द) समुदाय के सामाजिक संबंधों का जाल उत्तर - (अ) पर्यावरण का मानव निर्मित अंश 87. पर्यावरण के चार भेद भौतिक, जैवकीय, सामाजिक, संस्थागत किस विद्वान ने बतलाये हैं- (अ) लैडिम (स) ऑगवर्न एवं निमकॉफ (ब) मैकाइवर (द) एल० एल० बनाई उत्तर - (द) एल० एल० बनाई। 88. पर्यावरण का संबंध उन्हीं दशाओं से है जो हमें प्रभावित करती हैं? (अ) आंतरिक रूप (ब) बाह्य रूप (स) सामाजिक रूप (द) प्राकृतिक रूप उत्तर - (ब) बाह्य रूप 89. निम्नांकित में से प्राकृतिक पर्यावरण से संबंधित कौन-सी वस्तु है? (अ) भूमि की उर्वरता (ब) सड़क किनारे से वृक्ष (स) नदी का पुल (द) खनिज पदार्थ उत्तर - (द) खनिज पदार्थ। 90. निम्नलिखित में से किसे भौगोलिक निर्णायकवादी के रूप में जाना जाता है? (अ) मजूमदार डी० एन० (ब) हंटिग्टन (स) वेस्टर मार्क (द) हावेल उत्तर - (ब) इंटिग्टन।
91. समाज की वृद्धि के साथ भौगोलिक पर्यावरण की क्या दशा होती है? (अ) घटता जाता है (ब) बढ़ता जाता है। (स) स्थिर हो जाता है (द) प्रत्या हो जाता है उत्तर - (अ) घटता जाता है। 92. निम्नांकित में से कौन सा भौगोलिक निर्णायकवादी नहीं है? (अ) मान्टेस्क्यू (ब) एण्डरसन (स) इंटिग्टन (द) डेक्स्टर उत्तर - (स) इंटिग्टन। 93. "पर्यावरण पशु-जीवन को प्रभावित करता है जबकि मनुष्य पर्यावरण को।" यह किसका कथन है? (अ) सोरोकिन (ब) रेटजेल (स) लेस्टर वार्ड (द) विक्टर कजिन उत्तर - (स) लेस्टर वार्ड। 94. निम्नांकित में से कितने 'संपूर्ण सामाजिक विरासत' को सांस्कृतिक पर्यावरण का नाम दिया? (अ) ऑगवर्न एवं ऑगबर्न (ब) लैण्डिस एवं लैण्डिस (स) गिलिन एवं गिलिन (द) मैकाइवर एवं पेज उत्तर - (द) मैकाइवर एवं पेज। 95. "मानव के सामाजिक जीवन में जैविकीय अनुकूलन का महत्व सर्वाधिक होता है।" यह कैसा कथन है? (अ) सत्य (ब) असत्य (स) विवादपूर्ण (द) आंशिक सत्य उत्तर - (ब) असत्य 96. निम्नांकित तथ्यों का कौन-सा समूह सांस्कृतिक पर्यावरण से संबंधित माना जायेगा? (अ) प्रथाएँ, संस्कार, प्रौद्योगिकी (ब) लोककथाएँ, कलात्मक वस्तुएँ (स) कानून, विश्वास, नैतिक नियम (द) पृथ्वी, आकाश, जल उत्तर - (स) कानून, विश्वास, नैतिक नियम। 97. किस विचारक का मानना है कि मानव के संपूर्ण पर्यावरण में मनुष्यकृत पर्यावरण को घटा देने से जो शेष बचता है उसी को प्राकृतिक पर्यावरण कहा जाता है? (अ) इंटिस्टन (ब) मैकाइवर (स) सोरोकिन (द) रिचार्ड मीड उत्तर - (स) सोरोकिन 98. निम्नलिखित में से किस विशेषता को प्राकृतिक पर्यावरण से संबंधित कहा जायेगा? (अ) मानव द्वारा संशोधित (ब) जलवायु से स्वतंत्र (स) मानव से अप्रभावित (द) सावयवी प्रकृति से संबंधित उत्तर - (स) मानव से अप्रभावित। 99. निम्नलिखित में से कौन-सा व्यक्तित्व का आधार है- (अ) शारीरिक संरचना (ब) मनोवैज्ञानिक संरचना (स) सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी।
100. निम्नलिखित में से कौन-सा व्यक्तित्व का प्राणिशास्त्रीय आधार है- (अ) स्वास्थ्य (स) स्नायुमण्डल (ब) बुद्धि (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी 101. किसने कहा है कि "व्यक्तित्व के निर्माण में आनुवंशिकता एवं पर्यावरण दोनों का ही महत्व है-" (अ) आलपोर्ट (ब) यंग (स) डीवर (द) प्रिन्स उत्तर - (अ) आलपोर्ट। 102. "किसी समान लक्ष्य के लिए विभिन्न व्यक्तियों या समूहों का परस्पर मिलकर कार्य करना ही सहयोग है।" यह कथन किस विद्वान का है? (अ) मीन (ब) के० डेविस (स) सदरलैण्ड तथा वुडवर्ड (द) फेयर चाइल्ड उत्तर - (स) सदरलैण्ड तथा वुडवर्ड। 103. एकीकरण की प्रक्रिया किन कारकों पर निर्भर हैं? (अ) समरूपता (ब) समूह का आकार (स) शारीरिक गतिशीलता (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी। 104. परिवार पड़ोस और मित्र-मण्डली में किस प्रकार का सहयोग पाया जाता है? (अ) मित्रवत् (ब) द्वितीयक (स) प्राथमिक (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (स) प्राथमिक 105. जब दो या दो से अधिक व्यक्ति समान वस्तु या लक्ष्य को पाने के लिए होड़ या प्रयत्न करते हैं, उसे कहते हैं- (अ) संघर्ष (ब) प्रतियोगिता (स) सहयोग (द) व्यवस्थापन उत्तर - (ब) प्रतियोगिता। 106. संघर्ष एक प्रक्रिया है- (अ) अचेतन (ब) चेतन (स) पूर्ण चेतन (द) अर्द्ध चेतन उत्तर - (ब) चेतन 107. प्रतिस्पर्धा जन्म देती है- (अ) सामाजिक संगठन को (ब) सामाजिक गतिशीलता को (स) समाजीकरण को (द) सामाजिक नियंत्रण को उत्तर - (ब) सामाजिक गतिशीलता को। 108. निम्नलिखित में से कौन-सी सहयोगी सामाजिक प्रक्रिया नहीं है? (अ) सहयोग (ब) समायोजन (स) प्रतिस्पर्धा (द) सात्मीकरण उत्तर - (स) प्रतिस्पर्धा 109. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रिया विघटनात्मक नहीं हैं? (अ) संघर्ष (ब) प्रतियोगिता (स) व्यवस्थापन (द) प्रतिकूलन उत्तर - (स) व्यवस्थापन। 110. व्यक्ति किन परिस्थितियों में जान-बूझकर सामंजस्य स्थापित करता है? (अ) सात्मीकरण में (ब) समायोजन में (स) प्रतिस्पर्धा में (द) संघर्ष में उत्तर - (ब) समायोजन में।
111. फॉकवेज नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं? (अ) जॉर्ज सिमेल (ब) ग्राह्य समनर (स) मैक्स वैबर (द) टालकॉट पारसन्स उत्तर - (ब) ग्राह्य समनर 112. संस्कृति होती है- (अ) निश्चित (ब) अनिश्चित (स) हस्तांतरित (द) अहस्तांतरित उत्तर - (स) हस्तांतरित। 113. 'Man and Culture' पुस्तक के लेखक कौन हैं? (अ) टॉयलर (ब) विसलर (स) पारसन्स (द) मैकाइवर। उत्तर - (ब) विसलर। 114. "संस्थाएँ, संस्कृति की वाहक हैं" यह कथन किस विद्वान का है? (अ) कूले (ब) मैकाइवर एवं पेज (स) जॉनसन (द) लिंटन उत्तर - (ब) मैकाइवर एवं पेज। 115. सभ्यता को ..... जा सकता है। (अ) जोड़ा (ब) तोला (स) मापा (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) मापा। 116. Cultural Sociology पुस्तक के लेखक कौन हैं? (अ) गिलिन एवं गिलिन (ब) लिंटन (स) पारसन्स (द) मैकाइवर एवं पेज उत्तर - (अ) गिलिन एवं गिलिन। 117. सामाजिक आदर्श ..... द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने का माध्यम है। (अ) कानून (ब) मूल्य (स) परिपाटी (द) प्रथा उत्तर - (ब) मूल्य। 118. अपने से बड़ों का सम्मान करना एक ..... है। (अ) सामाजिक मूल्य (ब) सांस्कृतिक (स) सांस्कृतिक प्रतिमान (द) कानून। उत्तर - (अ) सामाजिक मूल्य 119. मूल्य एक समाज से दूसरे समाज में भिन्न होते हैं। यह कथन किस विद्वान का है? (अ) राधाकमल मुखर्जी (ब) जॉनसन (स) हरलाम्बोस (द) पारसन्स उत्तर - (स) हरलाम्बोस। 120. सामाजिक आदर्श समूह की आकांक्षाएँ हैं। यह कथन किसका है? (अ) वुड्स (ब) किम्बाल यंग (स) पारसन्स (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) किम्बाल यंग।
121. मानव समाज एवं मानव कल्याण के लिए मूल्यों का पालन एवं संरक्षण आवश्यक है। यह कथन किसका है? (अ) मनु (ब) लिण्टन (स) राधाकमल मुखर्जी (द) आलपोर्ट उत्तर - (स) राधाकमल मुखर्जी। 122. समाज के बाहरी ढाँचे को सामान्यतः किस नाम से पुकारा जाता है? (अ) सामाजिक संगठन (ब) सामाजिक व्यवस्था (स) सामाजिक संरचना (द) सामाजिक अन्तक्रिया उत्तर - (स) सामाजिक संरचना। 123. किन विद्वानों ने सामाजिक संरचना की विस्तारपूर्वक व्याख्या की है? (अ) पारसन्स (ब) रॉबर्ट के मर्टन (स) कार्ल मानहीम (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी 124. विभिन्न समूहों एवं संस्थाओं के बीच असंतुलन उत्पन्न हो जाने को- (अ) अव्यवस्था कहते हैं (ब) व्यवस्था कहते हैं (स) संरचना कहते हैं (द) अपराध कहते हैं उत्तर - (अ) अव्यवस्था कहते हैं। 125. संरचना (Structure) शब्द किस भाषा के शब्द से बना है? (अ) लेटिन भाषा में (ब) ग्रीक भाषा से (स) रोमन भाषा से (द) फ्रेंच भाषा से उत्तर - (अ) लेटिन भाषा से 126. सामाजिक संरचना अनेक अंगों की क्रमबद्धता को स्पष्ट करती है। वह किसका मत है? (अ) मैकाइवर (ब) रेडक्लिफ बाउन (स) मेंडल (द) पारसन्स उत्तर - (ब) रेडक्ल्फि ब्राउन। 127. पुस्तक 'Division of Labour in Society' के लेखक हैं- (अ) रेडक्ल्फि ब्राउन (ब) बार्ड (स) पारसन्स (द) दुर्खीम उत्तर - (द) दुखम। 128. सामाजिक व्यवस्था के बारे में सर्वप्रथम विचार किसने व्यक्त किए थे? (अ) प्लेटो (ब) काम्ते (स) अरस्तु (द) स्पेन्सर उत्तर - (द) स्पेंसर 129. स्थायी मानव क्रियाओं को कहते हैं- (अ) स्थिति (ब) सामाजिक व्यवस्था (स) भूमिका (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) भूमिका 130. पारसन्स के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा सामाजिक व्यवस्था का पक्ष है? (अ) संस्थात्मक (ब) प्रकार्यात्मक (स) संरचनात्मक (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी
131. भारतीय ग्रामीण समाज का मुख्य व्यवसाय होता है- (अ) उद्योग (ब) कृषि (स) वाणिज्य (द) व्यापार उत्तर - (ब) कृषि। 132. यह किसने कहा कि "प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि नगर क्या है किंतु किसी ने भी इसकी संतोषजनक परिभाषा नहीं दी है" (अ) वर्गल (ब) मैकाइवर (स) गिलिन एवं गिलिन (द) रॉस उत्तर - (अ) बर्गल। 133. यह कथन किसका है "ग्रामीण जीवन सुझाव देता है- बचाओ" नागरिक जीवन सुझाव देता है- खर्च करो। (अ) जिमरमैन (ब) रॉस (स) गिलिन एवं गिलिन (द) सिम्स उत्तर - (ब) रॉस। 134. 'The City' पुस्तक के लेखक कौन है? (अ) रॉबर्ट पावर्द (ब) बेडफोर्ड (स) एण्डरसन (द) सिम्स उत्तर - (अ) रॉबर्ट पावर्द। 135. नगरीय जीवन की विशेषता है- (अ) विषमता (ब) कृत्रिमता (स) द्वितीयक संबंध (द) उपरोक्त सभी उत्तर - (द) उपरोक्त सभी। 136. गाँवों में परिवर्तन की गति होती है- (अ) बहुत मन्द (ब) तीव्र (स) बहुत तीव्र (द) मन्द उत्तर - (अ) बहुत मन्द। 137. ग्रामीण समुदाय की विशेषता है- (अ) परिवार का अधिक महत्व (ब) कृषि व्यवस्था (स) गतिशीलता का अभाव (द) उपरोक्त सभी उत्तर - (द) उपरोक्त सभी 138. भाग्यवादी विशेषता है- (अ) ग्रामीण समाज की (ब) नगरीय समाज की (स) जटिल समाज की (द) औद्योगिक समाज की उत्तर - (क) ग्रामीण समाज की। 139. किसका कथन है कि "अत्यधिक वर्ग विषमताएँ नगर का लक्षण हैं"- (अ) बोगार्डस (ब) सिम्स (स) रॉस (द) मैकाइवर उत्तर - (अ) बोगार्डस। 140. "भारतवर्ष विभिन्न प्रकार के सम्प्रदायों, रीति-रिवाजों, धर्मो, संस्कृतियों, विश्वासों, भाषाओं, जातियों तथा सामाजिक व्यवसायों का एक संग्रहालय है।" यह कथन है- (अ) सर हरबर्ट रिजले (ब) डॉ० राधा कुमुद मुकर्जी (स) पंडित जवाहरलाल नेहरू (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) डॉ० राधा कुमुद मुकर्जी
141. भारत में राष्ट्रीय एकता के सहायक तत्त्व हैं- (अ) जातिवाद (ब) क्षेत्रवाद (स) सामाजिक समानता (द) भाषावाद उत्तर - (स) सामाजिक समानता। 143. भारत में राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्त्व हैं- (अ) इकहरी नागरिकता (ब) एक राष्ट्र भाषा (स) क्षेत्रवाद (द) राष्ट्रीय त्यौहार उत्तर - (स) क्षेत्रवाद। 144. भारतीय समाज की विशेषता है- (अ) संस्कृतिकरण (ब) लौकिकीकरण (स) पश्चिमी सभ्यता पर आधारित (द) उपरोक्त सभी उत्तर - (द) उपरोक्त सभी। 145. भारतीय संस्कृति की विविधतायें हैं- (अ) प्रजातिय विविधता (ब) धार्मिक विविधता (स) (अ) व (ब) दोनों (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) (अ) व (ब) दोनों। 146. "विविधता में एकता उत्पन्न करने की भारतवासियों की योग्यता मानव जाति के लिये भारत की विशेष देन है।" यह कथन हैं- (अ) हरबर्ट रिजले (ब) गाँधी (स) नेहरू (द) राधा कुमुद उत्तर - (स) नेहरू। 147. किस विद्वान् ने पुरुषार्थ को भारतीय सामाजिक व्यवस्था का एक मनोवैज्ञानिक तथा नैतिक आधार कहा है? (अ) मैक्स वेबर (ब) डॉ० जी० एस० घुरिये (स) डॉ० एम० एन० श्रीनिवास (द) पी० एच० प्रभु उत्तर - (द) पी० एच० प्रभु। 148. भारतीय सामाजिक व्यवस्था का वह कौन-सा आधार है, जिसके द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को व्यवस्थित रूप से अपने कर्त्तव्यों को पूरा करने की प्रेरणा दी गई- (अ) कर्म का सिद्धान्त (ब) पुरुषार्थ (स) संयुक्त परिवार (द) विवाह संस्कार उत्तर - (ब) पुरुषार्थ। 149. हिन्दू दर्शन के अनुसार कितने पुरुषार्थ हैं? (अ) चार (ब) तीन (स) आठ (द) पाँच उत्तर - (अ) चार। 150. धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष क्या है? (अ) पुरुषार्थ (ब) वर्ण (स) जाति (द) आश्रम उत्तर - (अ) पुरुषार्थ।
151. पुरुषार्थ के अन्तर्गत धर्म, अर्थ तथा काम का अन्तिम लक्ष्य है- (अ) व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास करना (ब) मोक्ष प्राप्त करना (स) आत्म-नियन्त्रण में वृद्धि करना (द) सांसारिक जीवन में सफलता दिलाना उत्तर - (ब) मोक्ष प्राप्त करना। 152. हिन्दू जीवन का अन्तिम उद्देश्य क्या है? (अ) धर्म (ब) अर्थ (स) काम (द) मोक्ष उत्तर - (द) मोक्ष। 153. 'वर्ण' का अर्थ है- (अ) रंग (ब) चुनाव करना (स) वृत्ति के अनुरूप (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी। 154. वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत वर्णों की संख्या है- (अ) दो (ब) तीन (स) चार (द) पाँच उत्तर - (स) चार। 155. यह किसने कहा कि 'वर्ण व्यवस्था का आधार कर्म है, जनम नहीं?' (अ) जे० एच० हट्टन (ब) डॉ० राधाकृष्णन् (स) महर्षि वेदव्यास (द) मैक्समूलर उत्तर - (ब) डॉ० राधाकृष्णन 156. वर्ण व्यवस्था का आधारभूत उद्देश्य समाज का किस प्रकार का विभाजन करना है- (अ) कार्यात्मक (ब) नैतिक (स) धार्मिक (द) प्रजातीय उत्तर - (अ) कार्यात्मक। 157. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण है- (अ) ब्राह्मण (ब) यादव (स) त्यागी (द) अग्रवाल उत्तर - (अ) ब्राह्मण 158. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण नहीं है- (अ) ब्राह्मण (ब) यादव (स) क्षत्रिय (द) वैश्य उत्तर - (ब) यादव 159. किस वेद में सर्वप्रथम वर्णों की उत्पत्ति का उल्लेख किया गया? (अ) यजुर्वेद (ब) सामवेद (स) ऋग्वेद (द) अथर्ववेद उत्तर - (स) ऋग्वेद। 160. निम्नलिखित में से कौन-सा कारण जजमानी व्यवस्था के विघटन के लिए उत्तर दायी है- (अ) प्रजातान्त्रिक विकेन्द्रीकरण (ब) जमींदारी उन्मूलन (स) बढ़ती हुई जनसंख्या (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी
161. निम्नांकित में से कौन-सी विशेषता वर्ण-व्यवस्था के महत्त्व को स्पष्ट करती है? (अ) धार्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति (ब) श्रम विभाजन को प्रोत्साहन (स) समानता की प्ररेणा (द) राजनीतिक संघर्षों से छुटकारा उत्तर - (ब) श्रम विभाजन को प्रोत्साहन। 162. निम्नांकित में कौन वर्ण-व्यवस्था की विशेषता है? (अ) प्रतिलोम (ब) अधिकारों का रण (स) सामाजिक व आर्थिक विभाजन (द) कर्मकाण्डीय विशुद्धता उत्तर - (ब) अधिकारों का संवरण। 163. निम्नलिखित में से कौन-सा आश्रम व्यवस्था से सम्बन्धित नहीं है? (अ) ब्रह्मचर्य आश्रम (ब) गृहस्थ आश्रम (स) संन्यास आश्रम (द) आचार्य रजनीश आश्रम उत्तर - (द) आचार्य रजनीश आश्रम। 164. शास्त्रकारों के अनुसार कितने वर्ष की आयु पूरी कर लेने के पश्चात् व्यक्ति को वानप्रस्त आश्रम में प्रवेश करना चाहिए- (अ) 25 (ब) 50 (स) 75 (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) 50 165. 'आश्रम' शब्द का अर्थ है- (अ) एक ऐसा स्थान जहाँ प्रयत्न या परिश्रम किया जाता है (ब) इस प्रकार के प्रयत्न या परिश्रम के निमित्त की जाने वाली क्रिया (स) ठहरने का स्थान अथवा विश्राम स्थल (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (अ) एक ऐसा स्थान जहाँ प्रयत्न या परिश्रम किया जाता है। 166. भारत में आश्रम व्यवस्था किस काल में प्रारम्भ हुई? (अ) स्मृति काल (ब) वैदिक काल (स) उपनिषद् काल (द) मध्य काल उत्तर - (स) उपनिषद् काल। 167. आश्रम व्यवस्था का क्या उद्देश्य है? (अ) भौतिक सुख (ब) पारिवारिक सुख (स) मोक्ष (द) स्वर्ग उत्तर - (स) मोक्ष। 168. वानप्रस्थ आश्रम की अवधि है- (अ) जन्म से 25 वर्ष तक (ब) 25-50 वर्ष तक (द) 75-100 वर्ष तक (स) 50-75 वर्ष तक उत्तर - (स) 50-75 वर्ष तक। 169. आश्रम व्यवस्था में एक व्यक्ति के जीवन को कितने खण्डों में विभाजित किया गया है? (अ) चार (ब) दो (स) पाँच (द) सात उत्तर - (अ) चार। 170. वह व्यवस्था जिसके द्वारा विभिन्न आयु के व्यक्तियों को समाज में भिन्न-भिन्न दायित्व सौंपे गये हैं- (अ) आश्रम व्यवस्था (ब) सामान्य धर्म (द) पंच ऋण (स) वर्ण व्यवस्था उत्तर - (अ) आश्रम व्यवस्था
171. गर्भाधान किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्रागूजन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (अ) प्राग्जन्म संस्कार 172. पुंसवन किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्राग्जन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (अ) प्राग्जन्म संस्कार। 173. सीमन्तोन्नयन किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्राग्जन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (अ) प्राग्जन्म संस्कार। 174. जातकर्म किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्राग्जन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (ब) बाल्यावस्था का संस्कार। 175. नामकरण किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्राग्जन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (ब) बाल्यावस्था का संस्कार। 176. निम्नलिखित में से कौन-सा संस्कारों का प्रमुख उद्देश्य है (अ) दोष मार्जन (ब) अतिशयाधान (स) हीनांगपूर्ति (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी। 177. कर्णवेध (कर्णछेदन) किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्राग्जन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (ब) बाल्यावस्था का संस्कार। 178. उपनयन किस प्रकार का संस्कार है- (अ) प्राग्जन्म संस्कार (ब) बाल्यावस्था का संस्कार (स) शैक्षणिक संस्कार (द) अवसान संस्कार उत्तर - (ब) बाल्यावस्था का संस्कार। 179. मनु ने कर्म के कितने भेद किए हैं- (अ) एक (ब) दो (स) तीन (द) चार उत्तर - (स) तीन। 180. "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।" यह कथन किस ग्रन्थ में वर्णित है? (अ) महाभारत (ब) गीता (स) रामायण (द) मनुस्मृति उत्तर - (ब) गीता।
181. कर्म की अवधारणा सम्बन्धित है- (अ) कर्मफल से (ब) पुनर्जन्म से (स) प्रारम्ब्ध से (द) उपर्युक्त सभी से उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी से। 182. कर्म के सिद्धान्त के अनुसार कर्म का सम्बन्ध उन सभी क्रियाओं से है जो- (अ) शरीर तथा वाणी के द्वारा किए जाते हैं (ब) पूर्व जन्म में किए जाते हैं (स) परिश्रम तथा अहिंसा भाव से किए जाते हैं (द) शरीर वाणी तथा मन द्वारा किए जाते हैं। उत्तर - (द) शरीर वाणी तथा मन द्वारा किए जाते हैं। 183. गीता में कर्म के कितने भेद बताए गए हैं? (अ) दो (स) चार (ब) तीन (द) छः उत्तर - (ब) तीन। 184. निष्काम कर्म का विस्तृत विवरण किस धर्मग्रन्थ में मिलता है? (अ) वेद (द) उपनिषद् (स) महाभारत (ब) गीता उत्तर - (ब) गीता। 185. 'जाति' के अंग्रेजी शब्द 'Caste' की उत्पत्ति 'Casta' शब्द से मानी जाती है। 'Casta' किस भाषा का शब्द है? (अ) लैटिन (ब) इटालियन (स) फ्रेंच (द) पुर्तगाली उत्तर - (द) पुर्तगाली। 186. "जाति एक बन्द वर्ग है।" यह कथन किसका है? (अ) कार्ल मार्क्स (ब) मजूमदार तथा मदान (स) दुर्खीम (द) इरावती कर्वे उत्तर - (ब) मजूमदार तथा मदान। 187. 'जाति' शब्द की उत्पत्ति का पता सर्वप्रथम किसने लगाया? (अ) चार्ल्स एच० कूले (ब) अबे दुबायस (स) हरबर्ट रिजले (द) ग्रेसिया-डी ओरेटा उत्तर - (द) ग्रेसिया-डी ओरेटा। 188. जाति व्यवस्था का सर्वप्रथम लिखित उल्लेख मिलता है- (अ) ऋग्वेद में (ब) अथर्ववेद में (स) यजुर्वेद में (द) सामवेद में उत्तर - (अ) ऋग्वेद में। 189. निम्नांकित में से जाति के कार्य बताइए- (अ) मानसिक सुरक्षा (ब) संस्कृति की रक्षा (स) व्यवसाय का निर्धारण (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी 180. निम्न में से जाति का आधार क्या है? (अ) जन्म (ब) कर्म (द) धन (स) योग्यता उत्तर - (अ) जन्म।
191. निम्नलिखित में से कौन जाति नहीं है? (अ) ब्राह्मण (ब) क्षत्रिय (स) भील (द) शूद्र उत्तर - (स) भील। 192. जाति की उत्पत्ति का 'व्यावसायिक सिद्धान्त' किसने दिया था? (अ) नेसफोल्ड (ब) सर हरबर्ट रिजले (स) होकार्ट और सेनार्ट (द) जे० एच० हट्टन उत्तर - (अ) नेसफील्ड। 193. जाति और वर्ग में क्या समानता है? (अ) अर्जित प्रस्थिति (ब) प्रदत्त स्थिति (स) संस्तरण (द) भोजन तथा सामाजिक सम्पर्क पर प्रतिबन्ध उत्तर - (स) संस्तरण। 194. जाति की प्रकृति होती हैं- (अ) परिवर्तनशील (ब) अपरिवर्तनशील (स) बन्द (द) खुली उत्तर - (स) बन्द 195. "विवाह स्त्री तथा पुरुष के पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने की संस्था है।" यह परिभाषा किसने लिखी है? (अ) वेस्टमार्क (ब) वोगार्डस (स) किंग्सले डेविस (द) एच० जॉनसन उत्तर - (ब) बोगार्डस। 196. निम्नांकित में से किसे विवाह का उद्देश्य कहा जायेगा? (अ) बच्चों के जन्म की वैध व्यवस्था करना (ब) परिवार की स्थापना करना (स) यौन सन्तुष्टि की संस्थात्मक पूर्ति (द) उपर्युक्त सभी बातें उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी बातें 197. विवाह का क्या उद्देश्य है? (अ) यौन सम्बन्धों का नियमन करना (ब) सामाजिक संगठन को सुदृढ़ता प्रदान करना (स) परिवार की स्थापना करना (द) ये सभी बातें उत्तर - (द) ये सभी बातें 198. हिन्दुओं में विवाह को माना जाता है (अ) धार्मिक संस्कार (ब) सामाजिक समझौता (स) कानूनी बन्धन (द) इनमें से कोई भी नहीं उत्तर - (अ) धार्मिक संस्कार 199. हिन्दुओं में विवाह के परम्परागत स्वरूप कितने माने गए हैं? (अ) पाँच (ब) आठ (स) बारह (द) सोलह उत्तर - (ब) आठ। 200. निम्न में से कौन-सा हिन्दू विवाह का उद्देश्य नहीं है? (अ) धर्म (ब) प्रजा (स) अर्थोपार्जन (द) रति आनन्द उत्तर - (स)।
201. कन्या मूल्य देकर सम्पन्न किए जाने वाले विवाह को कहते हैं- (अ) गान्धर्व विवाह (ब) ब्राह्म विवाह (स) असुर विवाह (द) प्रजापत्य विवाह उत्तर - (स) असुर विवाह। 202. "हिन्दू विवाह एक धार्मिक संस्कार है।" किसने कहा है? (अ) डॉ० के० एम० कपाड़िया (ब) आई० पी० देसाई (स) इरावती कर्वे (द) पी० एच० प्रभु उत्तर - (अ) डॉ० के० एम० कपाड़िया। 203. उच्च जाति की लड़की निम्न जाति के लड़के से विवाह करती है, तो उसे कहते हैं- (अ) अनुलोम विवाह (ब) प्रतिलोम विवाह (स) अन्तर्विवाह (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) प्रतिलोम विवाह 204. वह कौन-सा विवाह है जिसमें स्त्री का अपहरण करके उससे विवाह किया जाता है? (अ) पैशाच विवाह (ब) असुर विवाह (स) आर्ष विवाह (द) राक्षस विवाह उत्तर - (द) राक्षस विवाह 205. 'शरियत' के अनुसार मुस्लिम विवाह को क्या माना गया है- (अ) खुदा का हुक्म (ब) समझौता (स) सुन्नाह (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (ब) समझौता। 206. "मुस्लिम विवाह एक समझौता है जिसका उद्देश्य यौन सम्बन्धों और बच्चों के प्रजनन को कानूनी रूप देना है और समाज के हित के लिए पति-पत्नी और उनसे उत्पन्न सन्तानों के अधिकार व कर्त्तव्य को निर्धारित करके सामाजिक नियमन करना है।" यह परिभाषा किस समाजशास्त्री की है- (अ) मुल्ला की (ब) महाभारत की (स) हेदया की (द) श्रीनिवास की उत्तर - (स) हेदया की। 207. मुस्लिम विवाह को 'उर्दू' में क्या कहा जाता है- (अ) निकाह (ब) सुन्नत (स) कियास (द) इजया उत्तर - (अ) निकाह। 208. मुस्लिम विवाह में- (अ) कन्यादान का प्रचलन है (ब) कन्यादान का प्रचलन नहीं है (स) उपर्युक्त दोनों हो सकते हैं (द) सन्देह है उत्तर - (ब) कन्यादान का प्रचलन नहीं है। 209. मुस्लिम विवाह- (अ) एक विशिष्ट समझौता है (ब) धार्मिक संस्कार और समझौता दोनों है (स) एक धार्मिक संस्कार है (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (अ) एक विशिष्ट समझौता है। 210. 'मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम' किस सन् में पारित हुआ था (अ) 1939 ई० में (ब) 1955 ई० में (स) 1947 ई० में (द). 1945 ई० में उत्तर - (अ) 1939 ई० में।
211. मुस्लिम समाज में पति द्वारा पत्नी को दिया जाने वाला धन कहलाता है- (अ) वधू-मूल्य (ब) निकाह शुल्क (स) दहेज (द) मेहर उत्तर - (द) मेहर। 212. भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम पारित हुआ— (अ) 1865 (ब) 1866 (स) 1867 (द) 1868 उत्तर - (स) 1867 213. ईसाई विवाह है- (अ) सामाजिक समझौता (ब) धार्मिक संस्कार (स) (अ) तथा (ब) दोनों (द) उपरोक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) (अ) तथा (ब) दोनों। 214. निम्न में से ईसाई विवाह का उद्देश्य नहीं है- (अ) परिवार की स्थापना (ब) पवित्र जीवन का विकास (स) समाज की निरन्तरता (द) पारस्परिक उत्तर - (स) समाज की निरन्तरता। 215. भारत में किस जनजाति में बहुपत्नी विवाह का प्रचलन है? (अ) गोंड (ब) खासी (स) संथाल (द) बुक्सा उत्तर - (अ) गोंड। 216. जनजातियों में जीवन साथी का चुनाव करने से संबंधित किस पद्धति का प्रचलन नहीं है? (अ) असुर विवाह (ब) हरण विवाह (स) परीक्षा विवाह (ब) सेवा विवाह उत्तर - (अ) असुर विवाह। 217. "टोडा जनजाति में बहुपत्नी विवाह का प्रचलन है।" यह कथन है- (अ) सत्य (ब) आंशिक सत्य (स) असत्य (द) अर्थहीन उत्तर - (स) असत्य। 218. जनजातियों में आज पुरुष प्रधान सामाजिक व्यवस्था का प्रभाव बढ़ने से विवाह की जिस प्रथा का प्रचलन बढ़ा है, वह है- (अ) समूह विवाह (ब) एक विवाह (स) बहुपत्नी विवाह (द) बहुपति विवाह उत्तर - (ब) एक विवाह। 219. जब एकाधिक भाई आपस में मिलकर एक ही स्त्री से विवाह करते हैं, तो उसे कहते हैं- (अ) बहुपति विवाह (ब) एक विवाह (स) समूह विवाह (द) प्रातूक बहुपति विवाह उत्तर - (द) भातृक बहुपति विवाह। 220. बहुपत्नी विवाह का प्रचलन है- (अ) ईसाइयों में (ब) हिन्दुओं में (स) जनजातियों में (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) जनजातियों में।
221. पलायन विवाह एक प्रकार है- (अ) जनजातीय विवाह का (ब) हिन्दू विवाह का (स) मुस्लिम विवाह का (द) ईसाई विवाह का उत्तर - (अ) जनजातीय विवाह का। 222. “परिवार उस समूह का नाम है जो यौन सम्बन्धों पर आश्रित है तथा इतना छोटा और शक्तिशाली है, जिसमें सन्तान के जन्म और पालन-पोषण की व्यवस्था की जा सकती है।" यह किसका कथन है? (अ) मैकाइवर तथा पेज (ब) ऑगबर्न तथा निमकॉफ (स) लोवी (द) एण्डरसन उत्तर - (अ) मैकाइवर तथा पेज 223. "परिवार ऐसे व्यक्तियों का समूह है जिनके एक-दूसरे के प्रति सम्बन्ध समरक्तता पर आधारित होते हैं और जो इस प्रकार एक-दूसरे के नातेदार होते हैं।" यह कथन किसका है? (अ) लूसी मेयर (ब) वेस्टरमार्क (स) एण्डरसन (द) किंग्सले डेविस उत्तर - (द) किंग्सले डेविस 224. निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता परिवार की नहीं है? (अ) सार्वभौमिकता (ब) असीमित आकार (स) सामाजिक समूह (द) भावात्मक आधार उत्तर - (ब) असीमित आकार। 225. मातृसत्तात्मक परिवार किस जनजाति में पाया जाता है? (अ) नायर (ब) भोटिया (स) खस (द) भील उत्तर - (अ) नायर। 226. केन्द्रीय परिवार का अर्थ है (अ) पति-पत्नी और उनके दो बच्चे (ब) दो पीढ़ियों से अधिक से सदस्य (द) तलाकशुदा पत्नी और उनके बच्चे (स) पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे उत्तर - (स) पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे। 227. संयुक्त परिवार बढ़ावा देता है- (अ) विधवा पुनर्विवाह को (ब) बाल-विवाह को (स) विलम्ब विवाह को (द) प्रतिलोम विवाह को उत्तर - (ब) बाल-विवाह को। 228. संयुक्त परिवार के विघटन का मुख्य कारण है- (अ) औद्योगीकरण (ब) सामान्य गरीबी (स) व्यक्तिवादिता का उदय (द) महिला आन्दोलन उत्तर - (अ) औद्योगीकरण 229. 'हिन्दू विवाह-विच्छेद अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1955 में (ब) सन् 1956 में (स) सन् 1961 में (द) सन् 1962 में उत्तर - (अ) सन् 1955 में। 230. "हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम' कब पारित हुआ? (अ) सन् 1952 में (ब) सन् 1856 में (स) सन् 1958 में (द) सन् 1956 में उत्तर - (ब) सन् 1856 में।
231. 'बाल विवाह निरोधक अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1929 में (ब) सन् 1930 में (स) सन् 1955 में (द) सन् 1956 में उत्तर - (अ) सन् 1929 में। 232. विशेष विवाह अधिनियम' कब पारित हुआ? (अ) सन् 1954 में (ब) सन् 1955 में (स) सन् 1956 में (द) सन् 1957 में उत्तर - (अ) सन् 1954 में। 233. 'दहेज निरोधक अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1939 में (ब) सन् 1951 में (स) सन् 1956 में (द) सन् 1961 में उत्तर - (द) सन् 1961 में। 234. स्त्रियों व कन्याओं का अनैतिक व्यापार निरोधक अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1954 में (ब) सन् 1955 में (स) सन् 1956 में (द) सन् 1957 में उत्तर - (स) सन् 1956 में। 235. हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1955 में (ब) सन् 1956 में (द) सन् 1958 में (स) सन् 1957 में उत्तर - (ब) सन् 1957 में। 236. अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1952 में (ब) सन् 1956 में (स) सन् 1955 में (द) सन् 1987 में उत्तर - (स) सन् 1955 में। 237. 'मुस्लिम विवाह कानून' कब पारित हुआ? (अ) सन् 1957 में (ब) सन् 1939 (स) सन् 1953 में (द) सन् 1943 में उत्तर - (ब) सन् 1939 में। 238. निम्नलिखित में से कौन-सा अधिनियम विवाह एवं परिवार से सम्बन्धित नहीं हैं? (अ) विशेष विवाह अधिनियम, 1954 (ब) हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 (स) दहेज निरोधक अधिनियम, 1961 (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं उत्तर - (स) दहेज निरोधक अधिनियम, 1961। 239. 'हिन्दू उत्तर ाधिकार अधिनियम कब पारित हुआ? (अ) सन् 1951 में (ब) सन् 1954 में (स) सन 1956 में (द) सन् 1955 में उत्तर - (स) सन् 1956 में। 240. स्वजनों के परस्पर सम्बन्धों को नियमित करने वाली व्यवस्था को क्या कहते हैं? (अ) नातेदारी प्रथा (ब) वर्ग व्यवस्था (स) सन 1956 में (द) दास प्रथा उत्तर - (अ) नातेदारी प्रथा।
241. जिन सम्बन्धियों से हमारा प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है वे हमारे- (अ) प्राथमिक नातेदार हैं (ब) द्वितीयक नातेदार हैं (स) तृतीयक नातेदार हैं (द) चतुर्थक नातेदार हैं उत्तर - (अ) प्राथमिक नातेदार हैं। 242. पति और पत्नी किस प्रकार के नातेदार हैं (अ) प्राथमिक (ब) द्वितीयक (स) तृतीयक (द) चतुर्थक उत्तर - (अ) प्राथमिक। 243. जीजा और साला किस प्रकार के नातेदार हैं- (अ) द्वितीयक (ब) प्राथमिक (स) तृतीयक (द) चतुर्थक उत्तर - (अ) द्वितीयक। 244. जीजा-साली में किस प्रकार के सम्बन्ध सामान्यतः पाए जाते हैं- (अ) परिहार (ब) परिहास (स) मातुलेय (द) पितृश्वश्रे उत्तर - (अ) परिहार। 245. भारत में जजमानी व्यवस्था का उल्लेख सर्वप्रथम किस विद्वान् ने किया- (अ) विलियम चाइजर ने (ब) ऑस्कर लविस ने (स) एम० एन० श्रीनिवास ने (द) कैथलीन गफ ने उत्तर - (अ) विलियम वाइजर ने। 246. उस व्यवस्था को क्या कहा जाता है, जिसमें विभिन्न जातयाँ एक-दूसरे को अपनी परम्परागत सेवाएँ प्रदान करती हैं- (अ) संस्कृतिकरण (ब) जजमानी (स) परसंस्कृतिग्रहण (द) सात्मीकरण उत्तर - (ब) जजमानी। 247. निम्नलिखित विशेषताओं में से कौन-सी विशेषता जजमानी व्यवस्था की है- (अ) प्रकार्यात्मक सम्बन्धों की व्यवस्था (ब) आजीविका कमाने की परम्परागत व्यवस्था (स) सुव्यवस्थित श्रम विभाजन की व्यवस्था (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी। 248. निम्नलिखि में से कौन-सा जजमानी व्यवस्था का गुण या लाभ है- (अ) प्रामीण समुदाय में एकता बनाए रखने में सहायक (ब) सामाजक तथा आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक (स) सामाजक नियन्त्रण में सहायक (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी। 249. निम्नलिखित में से कौन-सा जजमानी व्यवस्था का अवगुण (दोष) है- (अ) शोषण को प्रोत्साहन (ब) दास प्रथा का प्रतीक (स) रूढ़िवादता को प्रोत्साहन (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी। 250. निम्नलिखित में से कौन-सा कारण जजमानी व्यवस्था के विघटन के लिए उत्तर दायी है- (अ) नगरीकरण (ब) औद्योगीकरण (स) आधुनिक शिक्षा (द) उपर्युक्त सभी उत्तर - (द) उपर्युक्त सभी।
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समाजशास्त्र क्या है- अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, महत्व एवं विशेषताएं (What is Sociology in Hindi)
आज हम आपको समाजशास्त्र के बारे में बताने वाले हैं। समाजशास्त्र को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। तो आज हम यह जानेंगे कि Samajshastra kya hai ? समाजशास्त्र की परिभाषा क्या है ? समाजशास्त्र शब्द का अर्थ क्या होता है और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई ? (Meaning and Definition of Sociology in Hindi) इसके अलावा समाजशास्त्र की प्रकृति , विशेषताएं एवं महत्व के बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी।
समाजशास्त्र का अर्थ (Meaning of Sociology)
समाजशास्त्र को अंग्रेजी में Sociology कहा जाता है। Sociology शब्द Socius और logos दो शब्दों से मिलकर बना है। Socius लैटिन भाषा का एक शब्द हैं जिसका अर्थ होता है - समाज । Logos एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ होता है - विज्ञान या अध्ययन । इसप्रकार समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ होता है - समाज का विज्ञान या समाज का अध्ययन।
समाज का अर्थ सामाजिक सम्बन्धों के ताने-बाने से है जबकि विज्ञान किसी भी विषय के व्यवस्थित एवं क्रमवद्ध ज्ञान को कहते है।
समाजशास्त्र को एक नवीन विज्ञान के रूप में स्थापित करने का श्रेय फ्रांस के प्रसिद्ध विद्वान आगस्त कॉम्टे (Auguste Comte) को जाता है। कॉम्टे ने ही 1838 में इस नए विषय को Sociology नाम दिया था। इसलिए आगस्त कॉम्टे को समाजशास्त्र का जनक (Father of Sociology) कहा जाता है।
आगस्त कॉम्टे को सिर्फ इसलिए Samajshastra का जनक नहीं कहा जाता है क्योंकि उन्होंने समाजशास्त्र नाम दिया बल्कि समाजशास्त्र को एक विषय के रूप में स्थापित करने में उनके अहम योगदान के कारण उन्हें समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है।
चूँकि Sociology दो भाषाओं के शब्दों से मिलकर बना है इसलिए जॉन स्टुअर्ट मिल ने समाजशास्त्र को दो भाषाओं की अवैध संतान कहा एवं इसके स्थान पर इथोलॉजी (Ethology) शब्द प्रयोग करने का सुझाव दिया था जिसे अधिकांश विद्वानों ने अस्वीकार कर दिया।
समाजशास्त्र की परिभाषा (Definition of Sociology)
समाजशास्त्र की कोई सर्वमान्य परिभाषा नही है। विभिन्न विद्वानों ने इसकी परिभाषा भिन्न-भिन दृष्टिकोणों से दी है। विभिन्न विद्वानों ने समाजशास्त्र को एक समाज-वैज्ञानिक विषय व सामाजिक विषय के रूप में अपने-अपने तरीकों से परिभाषित करने के प्रयास किए।
आगस्त काॅम्टे के अनुसार - "समाजशास्त्र सामाजिक व्यवस्था और प्रगति का विज्ञान है।"
समाजशास्त्रियों द्वारा दी गई परिभाषाओं को हम निम्नलिखित पांच प्रमुख श्रेणियों में विभक्त कर सकते हैं -
1. समाजशास्त्र समाज का अध्ययन है
अधिकांश विद्वान (जैसे - ओडम, वार्ड, जिसबर्ट, गिडिंग्स आदि) समाजशास्त्र को समाज के अध्ययन या समाज के विज्ञान के रूप में परिभाषित करते है।
लिस्टर एफ. वार्ड (Lester F. Ward) के अनुसार - "समाजशास्त्र समाज का विज्ञान है।"
ओडम (Odum) के अनुसार - "समाजशास्त्र वह विज्ञान है जो समाज का अध्ययन करता है।"
एफ. एच. गिडिंस (Giddings) के अनुसार - "समाजशास्त्र समग्र रूप से समाज का क्रमवद्ध वर्णन तथा व्याख्या है।"
जिसबर्ट (Gisbert) के अनुसार - "समाजशास्त्र सामान्यतः समाज के विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जाता है।"
2. समाजशास्त्र सामाजिक संबंधो का अध्ययन है
कुछ विद्वानों (जैसे - मैकाइवर एवं पेज, क्यूबर, रोज, सिमेल, ग्रीन आदि) ने समाजशास्त्र को सामाजिक सम्बन्धों के क्रमबद्ध अध्ययन के रूप में परिभाषित किया है।
मैकाइवर एवं पेज (Maciver and Page) के अनुसार - "समाजशास्त्र सामाजिक सम्बन्धों के विषय में है। सम्बन्धों के इस जाल को हम 'समाज' कहते हैं।"
क्यूबर (Cuber) के अनुसार - "समाजशास्त्र को मानव सम्बन्धों के वैज्ञानिक ज्ञान के ढाँचे के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।"
रोज (Rose) के अनुसार - "समाजशास्त्र मानव सम्बन्धों का विज्ञान है।"
सिमेल (Simmel) के अनुसार - "समाजशास्त्र मानवीय अन्तर्सम्बन्धों के स्वरूपों का विज्ञान है।"
3. समाजशास्त्र सामाजिक जीवन, घटनाओं, व्यवहार एवं कार्यों का अध्ययन है
कुछ विद्वानों (जैसे - ऑगबर्न एवं निमकॉफ, बेनेट एवं ट्यूमिन, किम्बल यंग, सोरोकिन आदि) ने समाजशास्त्र को सामाजिक जीवन, व्यक्तियों के व्यवहार एवं उनके कार्यों तथा सामाजिक घटनाओं के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया है।
ऑगबर्न एवं निमकॉफ (Ogburn and Nimkoff) के अनुसार - "समाजशास्त्र सामाजिक जीवन का वैज्ञानिक अध्ययन है।"
बेनेट एवं ट्यूमिन (Beanet and Tumin) के अनुसार - "समाजशास्त्र सामाजिक जीवन के ढाँचे और कार्यों का विज्ञान है।"
यंग (Young) के अनुसार - "समाजशास्त्र समूहों में मनुष्यों के व्यवहार का अध्ययन करता है।"
4. समाजशास्त्र सामाजिक समूहों का अध्ययन है
जॉनसन (Johnson) के अनुसार - "समाजशास्त्र सामाजिक समूहों का विज्ञान है।"
5. समाजशास्त्र अन्तर्क्रियाओं का अध्ययन है
मोरिस गिंसवर्ग के अनुसार - "समाजशास्त्र मानवीय अन्तःक्रियाओं और अन्तःसम्बन्धों, उनकी दशाओं और परिणामों का अध्ययन हैं।"
समाजशास्त्र क्या है - What is Sociology in Hindi
समाजशास्त्र की परिभाषा से हमें पता चलता है कि समाजशास्त्र क्या है। अलग-अलग विद्वानों ने इसे अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया है।
आगस्त कॉम्टे का मानना था कि जिस प्रकार भौतिक वस्तुओं का अध्ययन करने के लिए भौतिकशास्त्र, अतीत की घटनाओं का अध्ययन करने के लिए इतिहास, आर्थिक क्रियाओं के अध्ययन के लिए अर्थशास्त्र है। ठीक उसी प्रकार सामाज का अध्ययन करने के लिए एक अलग सामाजिक विज्ञान की आवश्यकता है। शुरुआत में इन्होने इसे सामाजिक भौतिकी (Social Physics) नाम दिया था और 1838 में बदलकर समाजशास्त्र रखा था।
समाजशास्त्र समाज का विज्ञान है। यह एक ऐसा विषय है जिसमें मानव समाज के विभिन्न स्वरूपों, उसकी विविध संरचनाओं, प्रक्रियाओं इत्यादि का वस्तुनिष्ठ एवं क्रमबद्ध रूप से अध्ययन किया जाता है। यह 'राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान एवं मानवशास्त्र की तरह एक सामाजिक विज्ञान है। यह अन्य विषयों की भाँति सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक रूप से परिपक़्व व स्वतंत्र विषय है।
समाजशास्त्र का इतिहास: उत्पत्ति एवं विकास
समाज का विज्ञान होने के नाते इस विषय की उत्पत्ति तभी से मानी जानी चाहिए जब से कि स्वयं समाज का निर्माण हुआ है और मनुष्य ने समाज के विभिन्न पहलुओं के बारे में चिन्तन प्रारम्भ किया है। परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है। इसका इतिहास 200 साल से भी कम पुराना है।
समाजशास्त्र के जन्म के लिए फ्रांसीसी क्रांति व औद्योगिक क्रांति को प्रमुख कारक माना जाता हैं। यूरोप में पुनर्जागरण और वाणिज्यिक क्रांति से समाज में एक नई चेतना का जन्म हुआ।
विभिन्न घटनाओं, आंदोलनों, क्रांतियों के फलस्वरूप यूरोप में कई सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व आर्थिक परिवर्तन हुए। इन बदलावों के कारण समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने के लिए एक नए विषय की आवश्यकता महसूस हुई।
इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए समाजशास्त्र का उद्भव हुआ। 1838 में फ्रांस के आगस्त कॉम्टे ने समाजशास्त्र को एक विषय के रूप में स्थापित किया। शुरुआत में उन्होंने इसे सामाजिक भौतिकी (Social Physics) नाम दिया था जिसे बाद में बदलकर Sociology कर दिया।
कालांतर में दुर्खीम, स्पेंसर, मैक्स वेबर एवं कई अन्य विद्वानों ने समाजशास्त्र को एक अकादमिक विषय के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिए।
पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में समाजशास्त्र का उद्भव बहुत समय बाद हुआ। जिस समय भारत में समाजशास्त्र का उद्भव हुआ उस वक्त भारत ब्रिटेन का उपनिवेश था। शुरुआत में यहाँ समाजशास्त्र का अध्यययन यूरोपीय विद्वानों द्वारा ही किया गया।
भारत में समाजशास्त्र की वास्तविक शुरुआत बम्बई विश्वविद्यालय से मानी जाती है। यहाँ 1919 में पेट्रिक गेडिस की अध्यक्षता में समाजशास्त्र विभाग की शुरुआत हुई। इसी प्रकार भारत में कई विश्वविद्यालयों में समाजशास्त्र का अध्ययन शुरू हुआ।
एस सी दूबे, एम एन श्रीनिवास, जी एस घुरिए, के एम कपाड़िया, ए के सरन, डी एन मजूमदार, पी एच प्रभु, ए आर देसाई, इरावती कर्वे, राधाकमल मुखर्जी, योगेंद्र सिंह आदि भारत के प्रमुख समाजशास्त्री है।
समाजशास्त्र की विशेषताएं (Characteristics of Sociology)
समाजशास्त्र की परिभाषा और प्रकृति से हमें इसकी विशेषताओं के बारे में पता चलता है। समाजशास्त्र एक स्वतंत्र विज्ञान है जिसकी प्रकृति विज्ञान की तरह पूर्णतः वैज्ञानिक है। समाजशास्त्र की निम्नलिखित विशेषताएँ है -
- समाजशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है, प्राकृतिक विज्ञान नहीं।
- समाजशास्त्र एक वास्तविक (निश्चयात्मक) विज्ञान है, आदर्शात्मक विज्ञान नहीं।
- समाजशास्त्र एक विशुद्ध विज्ञान है, व्यावहारिक विज्ञान नहीं।
समाजशास्त्र का महत्व (Importance of Sociology)
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह समाज में रहता है। समाजशास्त्र का अध्ययन व्यक्ति और सामाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। समाजशास्त्र के अध्ययन से हमें समाज की संरचना, उसके स्वरुप और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी मिलती है। इसके अध्ययन से हम समाज की समस्याओं के बारे में जान सकते है। समाजशास्त्र के अंतर्गत समाज के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। इसलिए समाजशास्त्र के अध्ययन का काफी महत्त्व है।
समाजशास्त्र की प्रकृति (Nature of Sociology)
किसी भी विषय की प्रकृति से आशय है कि सम्बद्ध विषय विज्ञान है अथवा कला।
जहाँ तक समाजशास्त्र की प्रकृति का सम्बन्ध है तो समाजशास्त्र के जनक कहे जाने वाले आगस्त कॉम्टे सहित इमाईल दुर्थीम, मैक्स वेबर आदि प्रतिष्ठित समाजशास्त्रियों ने समाजशास्त्र को शुरू से ही विज्ञान माना है।
समाजशास्त्र को विज्ञान मानने के निम्नलिखित कारण है -
1. समाजशास्त्र में वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग, वस्तुनिष्ठ अध्ययन, सत्यापनीयता, निश्चितता, कार्य-कारण सम्बन्धों की स्थापना के गुण विद्यमान है। इसलिए इसकी प्रकृति विज्ञान जैसी है।
2. विज्ञान की ही तरह समाजशास्त्र में सामान्यीकरण करना, पूर्वानुमान लगाना, आनुभविक अध्ययन एवं सार्वभौमिकता की दशाएँ सन्निहित रहती हैं जो समाजशास्त्र की प्रकृति वैज्ञानिक बनाती हैं।
विज्ञान की सभी विशेषताएँ होने के बावजूद समाजशास्त्र की कुछ सीमाएँ हैं। इस बात को सावधानी के साथ समझने की आवश्यकता है कि समाजशास्त्र प्राकृतिक विज्ञान न होकर सामाजिक विज्ञान है। ऐसी स्थिति में इसकी अपनी कुछ सीमाएँ है।
प्राकृतिक विज्ञानों की विषय सामग्री विवेकशील नहीं होती है किन्तु समाजशास्त्र की सामग्री विवेकशील होती है। समाजशास्त्र की विषयवस्तु मनुष्य होते है, जो अपने व्यवहार में कभी भी परिवर्तन ला सकते है।
ऐसी स्थिति में समाजशास्त्र के लिए सत्यापनीयता व पूर्वानुमान लगाना प्राकृतिक विज्ञान की तुलना में कठिन होता है।
प्राकृतिक विज्ञान से अंतर होने के बावजूद समाजशास्त्र में समस्याओं के चयन, परिकल्पना का निर्माण, तथ्यों का संकलन, तथ्यों का वर्गीकरण एवं विश्लेषण और सिद्धांत निर्माण में उन्ही पद्धतियों को अपनाया जाता है जो प्राकृतिक विज्ञान में अपनाया जाता है। अतः समाजशास्त्र की प्रकृति विज्ञान जैसी है।
निष्कर्ष
समाजशास्त्र समाज का व्यवस्थित एवं क्रमवद्ध अध्ययन हैं। यह समाज का विज्ञान है। आगस्त कॉम्टे (Auguste Comte) को समाजशास्त्र का जनक कहा जाता है। यूरोप में पुनर्जागरण, औद्योगिक क्रांति एवं फ्रांसीसी क्रांति को एक विषय के रूप में समाजशास्त्र की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार कारक माना जाता हैं।
समाजशास्त्र की कोई सर्वमान्य परिभाषा नही है। विभिन्न विद्वानों ने इसे अपने तरीके से परिभाषित किया है। समाजशास्त्र की प्रकृति विज्ञान जैसी है। इसमें विज्ञान के सभी गुण विद्यमान है तथापि यह प्राकृतिक विज्ञान नही बल्कि सामाजिक विज्ञान है।
आज आपने समाजशास्त्र के बारे में जाना। उम्मीद है अब आप samajshastra kya hai अच्छी तरह से जान गए होंगे। इसके अलावा समाजशास्त्र की परिभाषा और प्रकृति के बारे में भी अच्छी तरह से जान गए होंगे।
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जानिए एमए सोशियोलॉजी के सिलेबस के बारे में
- Updated on
- सितम्बर 2, 2022
सोशियोलॉजी दो शब्दों से मिलकर बना है, socio यानी सोशल और ology यानी साइंस। सोशियोलॉजी में हम संस्कृति, वर्ग, जाति, धर्म, क्राइम, डिस्क्रिमिनेशन, परिवार, लिंग, पापुलेशन एजुकेशन आदि क्षेत्रों का अध्ययन करते हैं। मानव समाज अब तक की सबसे जटिल, अनोखी और पेचीदा सभ्यता है। मानव समाज में सामाजिक व्यवहार और सोसाइटी डेवलपमेंट के बारे में खोज में रुचि रखने वालों के लिए, समाजशास्त्र मानव समाज के साथ-साथ मानव संस्कृति और रीति-रिवाजों के कामकाज की एक व्यावहारिक समझ प्रदान करता है। अगर आप भी सोशियोलॉजी में रुचि रखते हैं और MA sociology syllabus in Hindi में जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को पूरा जरूर पढ़े।
This Blog Includes:
एमए सोशियोलॉजी क्या हैं , एमए सोशियोलॉजी के लिए योग्यता , एमए सोशियोलॉजी सिलेबस इन हिंदी, वैकल्पिक विषय, एमए सोशियोलॉजी प्रोजेक्ट के लिए सैंपल टॉपिक, विदेश में एमए सोशियोलॉजी सिलेबस, एमए सोशियोलॉजी सिलेबस इग्नू, जेएनयू के लिए एमए सोशियोलॉजी सिलेबस, एमए समाजशास्त्र एचपीयू के लिए सिलेबस, एमजेपीआरयू के लिए एमए समाजशास्त्र सिलेबस , एमए सोशियोलॉजी सिलेबस बीएचयू , विश्व के शीर्ष रैंक वाले विश्वविद्यालय , भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज , आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़, सोशियोलॉजी की बेस्ट बुक्स, करियर के अवसर एमए सोशियोलॉजी के बाद .
एमए सोशियोलॉजी सोशल साइंस की एक ब्रांच है। एमए सोशियोलॉजी में छात्रों को किसी भी व्यक्ति या समाज के प्रति सोशल रिलेशन और सोशल ग्रुप्स के साथ उनके व्यवहार के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन करते है। अगस्टे कॉम्टे वह पहले विद्वान थे, जिन्होंने ह्यूमन सोशल रिलेशन का वैज्ञानिक नाम ‘समाज विज्ञान’ यानी sociology शब्द का प्रयोग किया था। आसान शब्दों में कहा जाये तो ये एक ऐसा विज्ञान है जिसमें मानव और सामाजिक सम्बन्धों के बीच अध्ययन किया जाता है।
एमए सोशियोलॉजी करने के लिए छात्रों के लिए सामान्य योग्यता नीचे दी गई है, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- छात्र को 10+2 किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम से पास करनी होगी।
- बैचलर डिग्री प्रोग्राम में छात्र के पास न्यूनतम 50% – 55% अंक होने आवश्यक हैं ।
- विदेश में पढ़ाई करने के लिए अंग्रेजी भाषा दक्षता प्रमाण के लिए TOEFL / IELTS / PTE स्कोर की आवश्यकता होती है।
- लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
MA sociology syllabus in Hindi में नीचे कुछ सामान्य विषयों की लिस्ट दी गई हैं, जो छात्रों को उनके शैक्षणिक सत्र के दौरान पढ़ाए जाते हैं। यह विषय यूनिवर्सिटी के अनुसार और राज्य के अनुसार थोड़े अलग हो सकते हैं ।
MA sociology syllabus in Hindi में छात्रों के लिए कुछ वैकल्पिक विषय की सूची दी गई हैं, जिन्हें छात्र अपनी स्पेशलाइजेशन के अनुसार चुन सकते हैं।
- एनवायर्नमेंटल पॉलिटिक्स एंड सोशियोलॉजी
- क्रिटिकल सोशल रिसर्च : ट्रुथ, एथिक्स एंड पॉवर
- क्वालिटेटिव रिसर्च
- क्वांटिटेटिव डेटा एनालिसिस
- सोशल चेंज एंड द पॉलिटिकल सिस्टम
- सोशियोलॉजी ऑफ़ वायलेंस
- सोशल रिसर्च डिज़ाइन
छात्रों के लिए नीचे कुछ प्रोजेक्ट सैंपल की लिस्ट दी गई हैं जो छात्रों को अपने फाइनल ईयर में अपनी विशेषज्ञता के अनुसार करने होते हैं।
- श्रमिकों के मुखर व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारकों के रूप में लिंग और परिवार का प्रकार
- नाइजीरियाई पुलिस और नागरिक सुरक्षा वाहिनी के बीच संघर्ष प्रबंधन की संस्थागत भूमिकाएँ
- नाइजीरिया में पुलिस तनाव का असर
- नाइजीरियाई पुलिस अधिकारी पर रात की पाली का प्रभाव
- पुलिस का तनाव : समस्या और समाधान
- पुलिस अधिकारियों में अवसाद, चिंता और तनाव का स्तर
- पुलिस तनाव: तनाव के लक्षणों की पहचान और प्रबंधन
- कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर तनाव और थकान का प्रभाव
- पर्यावरणीय गिरावट पर ग्रामीण गरीबी का प्रभाव
- नाइजीरिया में महिला आपराधिकता का सामाजिक-आर्थिक संबंध [कडुना जेल का एक केस स्टडी]
- बेन्यू स्टेट यूनिवर्सिटी, मकुरदी में छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग का प्रभाव
- मकुर्दी स्थानीय शासन क्षेत्र में एकल पितृत्व की समाजशास्त्रीय परीक्षा
- तृतीयक संस्थाओं में भूतपूर्व कृषकों का पुनर्वास
- नाइजीरियाई होम वीडियो: फिल्में: एक समाजशास्त्रीय सर्वेक्षण
- कोल्बेन में एक पाठ्यक्रम के रूप में प्रारंभिक बाल शिक्षा के अध्ययन के प्रति प्रारंभिक बचपन देखभाल शिक्षा के छात्रों का ज्ञान और दृष्टिकोण
- नाइजीरिया में जनसंख्या में कमी के एक एजेंट के रूप में परिवार नियोजन: बेनिन शहर में ओविया उत्तर पूर्व स्थानीय सरकार क्षेत्र में कुछ चयनित समुदाय का एक केस स्टडी
- नाइजीरिया तृतीयक संस्थानों में महिला वेश्यावृत्ति के कारणों, प्रसार और प्रभाव की जांच: एक केस स्टडी के रूप में शिक्षा कॉलेज, एकियाडोलोर-बेनिन
- टूटे हुए घरों पर सामाजिक कल्याण सेवाओं की भूमिका ईदो राज्य के ओरेडो स्थानीय सरकार क्षेत्र का एक केस स्टडी
- नाइजीरिया में बढ़ती जनसंख्या के नियंत्रण में परिवार नियोजन का महत्व: ईदो राज्य के ओरेडो स्थानीय सरकार क्षेत्र का एक केस स्टडी
- नाइजीरिया में एक बहुविवाहित परिवार में बालिकाओं को शिक्षित करना: ईदो राज्य के ओरेडो स्थानीय सरकार क्षेत्र का एक केस स्टडी
- एसन पश्चिम स्थानीय सरकारी क्षेत्र में अनपढ़ माताओं में बच्चों के टीकाकरण से जुड़ी समस्याएं
- ईदो राज्य के ओरेडो स्थानीय सरकार क्षेत्र में स्ट्रीट ट्रेडिंग और बलात्कार: कारण और प्रभाव
नीचे विदेश में यूएसए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके में पढ़ाए जाने वाले सोशियोलॉजी सिलेबस की लिस्ट दी गई हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:
- क्वांटिटेटिव मेथड्स ऑफ़ सोशियोलॉजी
- क्वालिटेटिव मेथड्स ऑफ़ सोशियोलॉजी
- रिसर्च मेथड्स ऑफ़ सोशियोलॉजी
- ग्रोथ एंड सस्टेनेबिलिटी
- कंटेम्पररी मॉड्यूल्स ऑफ़ सोशियोलॉजी
- हेल्थ एंड सोसाइटी
- वर्ल्ड इश्यूस एंड आस्पेक्ट्स ऑफ़ सोशियोलॉजी
अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के लिए एमए सोशियोलॉजी सिलेबस
नीचे अलग अलग भारतीय यूनिवर्सिटी के द्वारा फॉलो किए जाने वाले सिलेबस की जानकारी दी गई हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
- एसएस 451N – सामाजिक विज्ञान की पद्धति
- एसएस 452N – समाजशास्त्रीय विचारक
- एसएस 453N – संस्कृति, व्यक्तित्व और समाज
- एसएस 454एन – भारत में पारिवारिक जीवन और नातेदारी
- एसएस 455N – मानवशास्त्रीय सिद्धांत
- एसएस 456N – भारत में अर्थव्यवस्था और समाज
- एसएस 457N – भारत में सामाजिक स्तरीकरण का समाजशास्त्र
- एसएस 458N – भारत में धर्म और समाज
- एसएस 459N – समाजशास्त्रीय सिद्धांत
- एसएस 460एन – सामाजिक अनुसंधान की तकनीक
- एसएस 461N – भारत में राजनीति और समाज
- एसएस 413एन – भारत में उद्योग और समाज
- एसएस 414एन – ज्ञान का समाजशास्त्र
- एसएस 415N – भारत में कानून और समाज
- एसएस 416एन – मेडिसिन का समाजशास्त्र
- एसएस 417N – विज्ञान का समाजशास्त्र
- एसएस 418N – अल्पसंख्यकों और जातीय समूहों का समाजशास्त्र
- एसएस 419N – भारत में नौकरशाही और विकास
- एसएस 420N – भारत में शिक्षा का समाजशास्त्र
- एसएस 421एन – भारत में जनजातीय समाजशास्त्र
- एसएस 422एन – भारत में किसान समाजशास्त्र
- एसएस 423एन – भारत में शहरी जीवन का समाजशास्त्र
- एसएस 424N – व्यवसायों का समाजशास्त्र
- एसएस 425N – सामाजिक नृविज्ञान में विषय – मोनोग्राफ का विश्लेषण
- एसएस 426एन – सामाजिक विज्ञान में सांख्यिकी
- एसएस 427N – भारत में जनसंख्या और समाज
- शास्त्रीय समाजशास्त्रीय परंपराएं
- सामाजिक अनुसंधान की पद्धति
- लिंग और समाज (वैकल्पिक)
- पर्यावरण और समाज (वैकल्पिक)
- भारत में रॉयल सोसाइटी (वैकल्पिक)
- सीमांत समुदायों का समाजशास्त्र (वैकल्पिक)
- वैश्वीकरण और समाज (वैकल्पिक)
- समाजशास्त्र में सैद्धांतिक परिप्रेक्ष्य
- भारतीय समाजों पर परिप्रेक्ष्य
- भारत में शहरी समाज (वैकल्पिक)
- उम्र बढ़ने का समाजशास्त्र (वैकल्पिक)
- भारत में उद्योग और समाज (वैकल्पिक)
- भारतीय डायस्पोरा का अध्ययन (वैकल्पिक)
- राजनीतिक समाजशास्त्र (वैकल्पिक)
सेमेस्टर 1
- पेपर S1:01 सोशल एंथ्रोपोलॉजी
- पेपर S1:02 सामाजिक विज्ञान की कार्यप्रणाली
- पेपर S1:03 समूह प्रक्रियाएं और गतिशीलता
- पेपर S1:04 शास्त्रीय सामाजिक विचारक
- पेपर S1:05 पर्यावरण का समाजशास्त्र
- पेपर S2:01 जनजातीय अर्थव्यवस्था और समाज
- पेपर S2:02 सामाजिक सांख्यिकी
- पेपर S2:03 ग्रुप इंटरेक्शन के सिद्धांत
- पेपर S2:04 पारंपरिक सैद्धांतिक नींव
- पेपर S2:05 समाजशास्त्रीय समीक्षा और चिरायु- Voce
सेमेस्टर 3
- अनिवार्य कागजात
- पेपर S3:01 आधुनिक समाजशास्त्रीय सिद्धांत
- पेपर S3:02 भारत का समाजशास्त्र
- वैकल्पिक पेपर
- पेपर S3:03 रूरल सोशियोलॉजी
- पेपर S3:04 अर्बन सोशियोलॉजी
- पेपर S3:03 सामाजिक जनसांख्यिकी
- पेपर S3:04 सामुदायिक स्वास्थ्य के जनसांख्यिकीय आयाम
- पेपर S3:03 महिलाएं और समाज
- पेपर S3:04 भारत में महिलाएं और सामाजिक परिवर्तन
- पेपर S3:03 औद्योगिक समाजशास्त्र
- पेपर S3:04 औद्योगिक प्रबंधन
- पेपर S3:03 सामाजिक नृविज्ञान: वैचारिक और पद्धति संबंधी मुद्दे
- पेपर S3:04 भारत में जनजातियाँ
- पेपर S3:05 निबंध
- पेपर S4:01 उन्नत समाजशास्त्रीय सिद्धांत
- पेपर S4:02 भारत में निरंतरता और परिवर्तन
- पेपर S4:03 किसान समाज और सामाजिक परिवर्तन
- पेपर S4:04 शहरीकरण और सामाजिक परिवर्तन
- पेपर S4:03 जनसंख्या वृद्धि और नीतियां
- पेपर S4:04 सामुदायिक स्वास्थ्य प्रबंधन
- पेपर S4:03 लिंग और विकास
- पेपर S4:04 जेंडर मोबिलिटी और चेंज
- पेपर S4:03 श्रमिक वर्ग और औद्योगिक विकास
- पेपर S4:04 औद्योगिक संबंध और कार्मिक प्रबंधन
- पेपर S4:03 जनजातीय संस्थान
- पेपर S4:04 जनजातीय विकास के दृष्टिकोण
- पेपर S4:05 चिरायु -आप
छात्रों द्वारा मोस्ट प्रिफर्ड और QS 2022 वर्ल्ड रैंकिंग यूनिवर्सिटीज की लिस्ट कुछ इस प्रकार हैं:
- इरास्मस स्कूल ऑफ सोशल एंड बिहेवियरल साइंसेज
- लिस्बन विश्वविद्यालय संस्थान
- चार्ल्स विश्वविद्यालय
- अल्गार्वे विश्वविद्यालय
- बांगोर विश्वविद्यालय
- कार्डिफ विश्वविद्यालय
- केंटो विश्वविद्यालय
- प्रिटोरिया विश्वविद्यालय
- लिमरिक विश्वविद्यालय
- द न्यू स्कूल
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय। ऑक्सफोर्ड, यूनाइटेड किंगडम
- लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) लंदन, यूनाइटेड किंगडम
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (यूसीबी)
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए)
- शिकागो विश्वविद्यालय
आइए जानते हैं NIRF की रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज के बारे में जहां एमए सोशियोलॉजी कोर्स करने के लिए प्रवेश ले सकते हैं।
- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
- गलगोटिया विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा
- निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर
- उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर
- तेजपुर विश्वविद्यालय, तेजपुर
- आरटीएमएनयू नागपुर – राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय
- गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद
- एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, मुंबई
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- एलपीयू जालंधर – लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
- इग्नू दिल्ली – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
- एमएसयू बड़ौदा – महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
- बीएचयू वाराणसी – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद
- डॉ बीआर अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, हैदराबाद
- मणिपाल विश्वविद्यालय (एमएएचई) – मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी
- प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कोलकाता
- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय
- महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको उसकी प्रक्रिया पता होनी चाहिए। भारत और विदेश में एमए सोशियोलॉजी करने के लिए नीचे बतायी गई प्रक्रिया को चरण दर चरण फॉलो करना होगा।
भारत और विदेश में एमए समाजशास्त्र करने के लिए आवेदन प्रक्रिया
- विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें। यूके में एडमिशन के लिए आप यूसीएएस वेबसाइट ( UCAS ) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे।
- यूजर आईडी से साइन इन करें और कोर्स चुनें जिसे आप चुनना चाहते हैं।
- अगली स्टेप में अपनी शैक्षणिक जानकारी भरें।
- विदेश में शैक्षणिक योग्यता के साथ IELTS , TOEFL , प्रवेश परीक्षा स्कोर, SOP , LOR की जानकारी भरें।
- पिछले वर्षों की नौकरी की जानकारी भरें।
- रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें।
- अंत में आवेदन पत्र जमा करें।
- कुछ यूनिवर्सिटी, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए इनवाइट करती हैं।
विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है:
- सभी ऑफिसियल शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटो कॉपी
- वीजा
- रिज्यूमे
- अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
- सिफारिश पत्र या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
- एमाजशास्त्र (मक्ग्रॉ हिल एजुकेशन) – एस. एस. पाण्डेय
- समाजशास्त्र – एम. एल. गुप्ता एवं डी. डी. शर्मा
- IGNOU समाजशास्त्र (हिंदी) BA अध्ययन सामग्री
- मुख्य समाजशास्त्रीय विचारक (पाश्चात्य एवं भारतीय चिंतक) – एस. एल. दोषी एवं पी. सी. जैन समाजशास्त्र नोट्स (हिंदी माध्यम) (सम्पूर्ण पाठ्यक्रम) – एस. एस. पाण्डेय
- 11वीं और 12वीं कक्षा की NCERT किताबें
एमए सोशियोलॉजी करने के बाद छात्रों के पास कई जॉब अवसर उपलब्ध हैं जहां वह अपना सुनहरा करियर बना सकते हैं।
- शिक्षण संस्थान
- परामर्श और चिकित्सा
- समाज सेवा एनजीओ
- परिवीक्षा और जेल सेवा
- सामुदायिक विकास
- मानव संसाधन प्रबंधक
- प्रोजेक्ट मैनेजर
- सार्वजनिक संबंधो के विशेषज्ञ
- पार्षद मार्गदर्शन
- प्रबंधन सलाहकार
- सर्वेक्षण शोधकर्ता
- सामाजिक और सामुदायिक सेवा प्रबंधक
- सहयोगी सलाहकार
- बाज़ार अनुसंधान विश्लेषक
- शहरी और क्षेत्रीय योजनाकार
- नीति अधिकारी
- मादक द्रव्यों के सेवन, और मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता
- अर्धन्यायिक
यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से सम्बन्धित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचन और विवेचनात्मक विश्लेषण की विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करता है, अक्सर जिसका ध्येय सामाजिक कल्याण के अनुसरण में ऐसे ज्ञान को लागू करना होता है।
सोशियोलॉजी के जनक ऑगस्त कॉम्त का पूरा नाम था इज़िदोर मारी ऑगस्त फ़्रांस्वा हाविए कॉम्त. उनका जन्म दक्षिण पश्चिम फ़्रांस के मॉन्टपैलिए नगर में 1798 में हुआ था।
सोशियोलॉजी को इस प्रकार दो भाग में बाँटकर देखा जा सकता है जिसमें सामाजिक घटना का एक स्थायी स्वरूप होता है और उसका एक गतिशील स्वरूप होता है | समाजिक क्रियाओं के इन दो स्वरूपों अर्थात् स्थायी (Static) और गतिशील (Dynamic) दोनों प्राकृतिक नियमों द्वारा परिचालित होते हैं।
प्रोफेसर मुकर्जी के ही नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सर्वप्रथम लखनऊ विश्वविद्यालय में 1921 में सोशियोलॉजी का अध्ययन प्रारम्भ हुआ इसलिए वे उत्तर प्रदेश में सोशियोलॉजी के प्रणेता के रूप में भी विख्यात हैं। प्रोफेसर मुकर्जी इतिहास के अत्यन्त मौलिक दार्शनिक थे।
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समाजशास्त्र एवं समाज Notes, Class 11 sociology chapter 1 notes in hindi
11 class sociology chapter 1 समाजशास्त्र एवं समाज notes in hindi introducing sociology and society.
समाजशास्त्र एवं समाज Notes, Class 11 sociology chapter 1 notes in hindi जिसमे हम समाज , व्यक्ति , समाजशात्र , समाजशास्त्र की उत्पत्ति , समाजशास्त्र और मनोविज्ञान , समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र , समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान , समाजशास्त्र और इतिहास आदि के बारे में पड़ेंगे ।
Class 11 Sociology Chapter 1 समाजशास्त्र एवं समाज Sociology and Society Notes In Hindi
📚 अध्याय = 1 📚 💠 समाजशास्त्र एवं समाज 💠
❇️ समाज :-
🔹 समाजशास्त्रियों के अनुसार समाज के लोगों में पाए गए संबंधों के जाल को जो कि एक दूसरे से जुड़े होते हैं वह समाज हैं और यह सम्बन्ध अमूर्त ( Abstract ) संबंध होते हैं ।
❇️ समाज की प्रमुख विशेषताएँ :-
- समाज अमूर्त है ।
- समाज में समानता व भिन्नता है ।
- पारस्पारिक सहयोग एंव संघर्ष है ।
- आश्रित रहने का नियम ।
- समाज परिवर्तनशील है ।
❇️ व्यक्ति और समाज में समबंध :-
🔹 मनुष्य के क्रियाकलाप समाज से संबंधित हैं और समाज पर ही उसका अस्तित्व और विकास निर्भर करता है ।
🔹 मानव शरीर को सामाजिक विशेषताओं या गुणों से व्यक्तित्व प्रदान करना समाज का ही काम है ।
🔹 इस दृष्टि से व्यक्ति समाज पर अत्याधिक निर्भर है ।
🔹 व्यक्तियों के बिना सामाजिक संबंधों की व्यवस्था नहीं पनप सकती और न ही सामाजिक संबंधों की व्यवस्था के बिना समाज का अस्तित्व संभव है ।
❇️ मानव समाज और पशु समाज में अन्तर :-
🔶 मानव समाज :-
बोलने , सोचने समझने की शक्ति होती है ।
अपनी एक संस्कृति होती है ।
स्वयं को व्यक्त करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है ।
भविष्य की चिन्ता करता है उसके लिए योजनाएं बनाता है ।
🔶 पशु समाज :-
बोलने सोचने , समझने की शक्ति नहीं होती है ।
संस्कृति नहीं होती है ।
स्वयं के व्यक्त करने के लिए भाषा नहीं होती है ।
वर्तमान में जीता है ।
❇️ समाजों में बहुलताएँ एंव असमानताएँ :-
एक समाज दूसरे समाज से भिन्न होता है ।
हम एक से अधिक समाज के सदस्य बनते जा रहे हैं ।
दूसरे समाजों से अंतः क्रिया करते हैं , उनकी संस्कृति को ग्रहण करते हैं ।
इस प्रकार आज हमारी संस्कृति एक मिश्रित संस्कृति तथा हमारा समाज एक बहुलवादी समाज ( एक से ज्यादा समाज ) में परिवर्तित होता जा रहा है ।
हमारे समाज में असमानता समाजों के बीच केन्द्रीय बिंदु है ।
उदहारण :- अमीर व गरीब
❇️ समाजशास्त्र :-
🔹 सामाजिक संबंधों का व्यवस्थित व क्रमबद्ध तरीके से अध्ययन करने वाला विज्ञान ही समाजशास्त्र है ।
❇️ समाजशास्त्र के प्रकार :-
🔶 समष्टि समाज शास्त्र :- बड़े समूहों , संगठनों तथा सामाजिक व्यवस्थाओं का अध्ययन करना ।
🔶 व्यष्टि समाज शास्त्र :- आमने – सामने की अन्तः क्रिया के संदर्भ में मनुष्यों के व्यवहार अध्ययन ।
❇️ समाजशास्त्र की उत्पत्ति :-
🔹 समाजशास्त्र का जन्म 19 वीं शताब्दी में हुआ ।
🔹 समूह के क्रिया – कलापों में भाग लेने के लिए आवश्यक है कि समस्याओं को सुलझाया जाए । इन्हीं प्रयत्नों के परिणामस्वरूप ही समाजशास्त्र की उत्पत्ति हुई है ।
❇️ समाजशास्त्र का जनक :-
🔹 19 वीं शताब्दी के प्रारंभ में फ्रांस के विचारक अगस्त कॉम्ट ने समाजशास्त्र का नाम सामाजिक भौतिकी रखा और 1838 में बदलकर समाजशास्त्र रखा । इस कारण से कॉम्ट को ” समाजशास्त्र का जनक ” कहा जाता है ।
🔹 समाजशास्त्र को एक विषय के रूप में विकसित करने में दुर्खीम , स्पेंसर तथा मैक्स वेबर आदि विद्वानों के विचारों का काफी रहा है ।
❇️ भारत में समाजशास्त्र :-
🔹 भारत में समाजशास्त्र के उदभव का विकास का इतिहास प्राचीन है । भारत में समाजशास्त्र विभाग 1919 में मुम्बई विश्वविद्यालय में शुरू हुआ तथा औपचारिक अध्ययन शुरू हुआ ।
❇️ भारत में समाजशास्त्र के अध्ययन की आवश्यकता :-
🔹 भारत में व्याप्त क्षेत्रवाद , भाषावाद , सम्प्रदायवाद , जातिवाद आदि समस्याओं को व्यवस्थित ढंग से सुलझाने के लिए समाजशास्त्रीय अध्ययन आवश्यक है ।
🔹 इसी कारण , भारत में विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु समाजशास्त्र का अध्ययन अधिक लोकप्रिय होता जा रहा है ।
🔹 दूसरे समाजों के साथ तुलनात्मक अध्ययन होता है । सामाजिक गतिशीलता के बारे में पता चलता है ।
❇️ समाजशास्त्र की प्रकृति की मुख्य विशेषताएँ :-
समाजशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है , न कि प्राकृतिक विज्ञान ।
समाजशास्त्र एक निरपेक्ष विज्ञान है , न कि आदर्शात्मक विज्ञान ।
समाजशास्त्र अपेक्षाकृत एक अमूर्त विज्ञान है , न कि मूर्त विज्ञान ।
समाजशास्त्र एक सामान्य विज्ञान है , न कि विशेष विज्ञान ।
❇️ बौद्धिक विचार जिनकी समाजशास्त्र की रचना में भूमिका है :-
🔹 प्राकृतिक विकास के वैज्ञानिक सिद्धांतो और प्राचीन यात्रियों द्वारा पूर्व आधुनिक सभ्यताओं की खोज से प्रभावित होकर उपनिवेशी प्रशासकों , समाजशास्त्रियों एंव सामाजिक मानवविज्ञानियों ने समाजों के बारें में इस दृष्टिकोण से विचार किया कि उनका विभिन्न प्रकारों में वर्गीकरण किया जाए ताकि सामाजिक विकास के विभिन्न चरणों को पहचाना जा सके ।
❇️ सरल समाज एंव जटिल समाज :-
🔹 भारत स्वयं परंपरा और आधुनिकता का , गाँव और शहर का , जाति और जनजाति का , वर्ग एंव समुदाय का एक जटिल मिश्रण है । 19 वी शताब्दी में समाजों का वर्गीकरण किया गया है ।
🔹 आधुनिक काल से पहले के समाजों के प्रकार जैसे – शिकारी टोलियाँ एंव संग्रहकर्ता , चरवाहे एंव कृषक , कृषक एंव गैर औद्योगिक सभ्यताएँ ( सरल समाज )
🔹 आधुनिक समाजों के प्रकार , जैसे- औद्योगिक समाज ( जटिल समाज )
🔹 डार्विन के जीव विकास के विचारों का आरंभिक समाजशास्त्रीय विचारों पर दढ प्रभाव था ।
ज्ञानोदय , एक यूरोपीय बौद्धिक आंदोलन जो सत्रहवीं शताब्दी के अंतिम वर्षो एंव अट्ठारहवीं शताब्दी में चला , कारण और व्यक्तिवाद पर बल देता है ।
🔹 सरल समाज में श्रम विभाजन नही होता जबकि जटिल समाज देखने को मिलता है ।
❇️ समाजशास्त्र की अन्य सामाजिक विज्ञानों के मध्य स्थिति एक दृष्टि में :-
सभी सामाजिक विज्ञान समाजशास्त्र से किसी रूप से संबंधित है और दूसरी और भिन्न भी है ।
इनके आपसी सहयोग के द्वारा ही विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन सुचारू रूप से संभव है ।
सभी सामाजिक विज्ञानों का क्षेत्र अलग – अलग है , और इन सभी का केंद्र बिंदु सामाजिक प्राणी मानव है ।
समाजशास्त्र एक सहयोगी व्यवस्था का निर्माण करता है और सभी विज्ञानों को एक सामान्य पटल पर ले आता है ।
इस प्रकार सामाजिक जीवन को जटिलताओं का अध्ययन व विश्लेषण सरलता से संभव है ।
❇️ समाजशास्त्र और मनोविज्ञान में संबंध :-
❇️ समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र में संबंध :-
❇️ समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान में संबंध :-
❇️ समाजशास्त्र और इतिहास में संबंध :-
❇️ पूँजीवाद :-
🔹 बाजार विनिमय के आधार पर आर्थिक उद्यम की एक प्रणाली ।
🔹 पूंजी ” किसी भी परिसंपत्ति को संदर्भित करती है , जिसमें पैसा , संपत्ति , मशीन और शामिल है , जिसका उपयोग बिक्री के लिए वस्तुओं का उत्पादन करने या लाभ प्राप्त करने की आशा के साथ बाजार में निवेश करने के लिए किया जा सकता है ।
🔹 यह संपत्ति के निजी स्वामित्व और उत्पादन के साधनों पर निर्भर है ।
❇️ द्वंद्वात्मक :-
🔹 सामाजिक बलों का विरोध करने या अस्तित्व की कार्रवाई , उदाहरण के लिए सामाजिक बोध और व्यक्तिगत इच्छा ।
❇️ आनुभाविक जांच :-
🔹 सामाजिक अध्ययन के किसी दिए गए क्षेत्र में एक वास्तविक जांच की गई ।
❇️ तथ्यात्मक पूछताछ :-
🔹 तथ्यात्मक या वर्णनात्मक पूछताछ । इसका उद्देश्य मूल्यों मूद्दों को समझने और हल करने के लिए आवश्यक तथ्यों को प्राप्त करना है ।
❇️ सामाजिक प्रतिबंध :-
🔹 समूह और समाज जिनके हम एक हिस्सा है जब वे हमारे व्यवहार पर एक अनुकूलित प्रभाव डालते है ।
❇️ मूल्य :-
🔹 मानव व्यक्ति या समूहों के विचार जो वांछनीय , उचित अच्छे या बूरे के बारे में है ।
❇️ नस्ल :-
🔹 नस्ल साझा सांस्कृतिक प्रथाओं , दृष्टिकोणों और भेदों को संदर्भित करता है जो लोगों के दूसरे से अलग करते है ।
❇️ जातीयता :-
🔹 जातीयता एक साझा सांस्कृतिक विरासत है । विभिन्न जातीय समूहों को अलग करने वाली विशेषताएं वंश , इतिहास की भावना , भाषा , धर्म और पोशाक के रूप हैं ।
❇️ उपनिवेशवाद :-
🔹 यह किसी अन्य देश पूर्ण या आंशिक राजनैतिक नियन्त्रण प्राप्त करने , इसे बसने वालों के कब्जा करने और आर्थिक रूप से इसका शोषण करने ककी नीति या अभ्यास को संदर्भित करता है ।
❇️ कारखाना उत्पादन :-
🔹 एक कारखाना उत्पादन या विनिर्माण संयंत्र एक और औद्योगिक स्थल है , जिसमें आम तौर पर भवनों और मशीनरी या अधिक जटिल होते है , जिनमें कई इमारतों होते है , जहाँ श्रमिक सामान का निर्माण अधिक करते है या मशीनों को एक उत्पाद से दूसरे में संसाधित करते हैं ।
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Sociology Handwritten Notes in Hindi for CTET, UPSC, MPPSC, BA, MA
Sociology Handwritten Notes in Hindi for CTET, UPSC, MPPSC, BA, MA. These Sociology Handwritten Notes are important for UPSC, IAS Mains. These are also very helpful for competitive exams such as TET, CTET, MP Samvida Varg 1, 2, 3, These notes are very helpful for college and school students of BA, MA, and PhD.
Here you will get Following Sociology Handwritten Notes
- Sociology Handwritten Notes in Hindi by Ashok Sir
- Best Handwritten Notes for Sociology
- Sociology PDF Notes/ Book by Manish Singh
- Sociology Handwritten Notes in English
Here we have collected various quality notes PDF of Sociology Handwritten Notes for you. You can download all best Sociology Notes PDF from Various Sources. You can Preview all given Notes. If you like any notes download it and print it for easy readings.
If you have any problem regarding provided notes of Sociology Handwritten Notes PDF, Please feel free to contact us on [email protected]. or go to Contact us Page
How to Download Sociology Handwritten Notes in Hindi?
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List of given Handwritten Notes Study Material for Sociology
Sociology Handwritten Notes study material includes all important chapters. with the help of these notes, we can do best in competitive exams in the Sociology section of the exam. Here we are going to provide the downloading link of following Sociology Study Material for Exams.
1. Sociology Handwritten Notes in Hindi by Ashok Sir
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Details of Sociology Handwritten Notes in Hindi by Ashok Sir
- Subject: Sociology
- Name of Notes: Sociology Handwritten Notes in Hindi by Ashok Sir
- Credit: Ashok Sir
- Total Size of the Notes: 46 MB
- Total Pages of the Notes: 101 Pages
- Language of the Notes: Hindi
- Useful for: Competitive Exams
- Targeted Exams: UPSC, PSC, IAS, IFS
- Format of the Study Material: PDF
- Quality of the Given Notes: Excellent
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- Category: Competitive Exams E-books
2. Best Handwritten Notes for Sociology
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Details of Best Handwritten Notes for Sociology
- Name of Notes: Best Handwritten Notes for Sociology
- Total Size of the Notes: 5 MB
- Total Pages of the Notes: 38 Pages
3. Sociology PDF Notes/ Book by Manish Singh
File Size – 5 MB: Download PDF
Details of Sociology PDF Notes/ Book by Manish Singh
- Name of Notes: Sociology PDF Notes/ Book by Manish Singh
- Credit: Manish Singh
- Total Pages of the Notes: 202 Pages
4. Sociology Handwritten Notes in English
File Size: 5 MB – Download PDF
Details of Sociology Handwritten Notes in English
- Subject: Economics
- Name of Notes: Sociology Handwritten Notes in English
- Total Pages of the Notes: 12 Pages
- Language of the Notes: English
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Other Handwritten/Ebooks PDF notes
- Computer Notes PDF for Competitive Exams | Best E-Books | Download PDF
- Computer Handwritten Notes PDF in Hindi and English for SSC, BCA, GATE
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- History Handwritten Notes for UPSC, IAS, SSC CGL in Hindi and English
- Psychology Handwritten Notes for CTET, UPSC, PSC, MPPSC, TET
- Agriculture Notes for UPSC Pre and Mains: Download Handwritten Notes PDF
- Geology Handwritten Notes for UPSC, IAS Mains, IFS, BSC | Download PDF
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UPSC की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिये समाजशास्त्र विषय से संबंधित पाठ्यक्रम
UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र दो प्रश्नपत्रों (प्रश्नपत्र- I और प्रश्नपत्र- II) के साथ वैकल्पिक विषयों में से एक है। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में 3 चरण होते हैं- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण।
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यह लेख आपको UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के लिये वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र का पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा हेतु वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र का पाठ्यक्रम
समाजशास्त्र विषय IAS मुख्य परीक्षा में (भारतीय समाज भाग) सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-I के साथ समानता रखता है और यह सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- II, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- III और निबंध के प्रश्नपत्र के लिये भी सहायक है। IAS परीक्षा के लिये समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम की प्रकृति समाज में समकालीन मुद्दों पर केंद्रित है।
IAS परीक्षा में वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र विषय के दो प्रश्नपत्र 250 अंकों के साथ, कुल 500 अंकों के होते हैं। IAS मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय के रूप में समाजशास्त्र प्रतियोगियों के मध्य लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि एक IAS अधिकारी को समाज के कई पहलुओं से निपटना पड़ता है और समाजशास्त्र का ज्ञान उनके काम में सहायक होता है।
UPSC समाजशास्त्र प्रश्न पत्र-I पाठ्यक्रम
समाजशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत
1. समाजशास्त्र विद्या शाखा
(क) यूरोप में आधुनिकता एवं सामाजिक परिवर्तन तथा समाजशास्त्र का आविर्भाव।
(ख) समाजशास्त्र का विषय-क्षेत्र एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों से इसकी तुलना।
(ग) समाजशास्त्र एवं सामान्य बोध।
2. समाजशास्त्र विज्ञान के रूप में
(क) विज्ञान, वैज्ञानिक पद्धति एवं समीक्षा
(ख) अनुसंधान क्रियाविधि के प्रमुख सैद्धांतिक तत्त्व
(ग) प्रत्यक्षवाद एवं इसकी समीक्षा
(घ) तथ्य, मूल्य एवं उद्देश्यपरकता
(ड.) अ-प्रत्यक्षवादी क्रियाविधियाँ
3. अनुसंधान पद्धतियाँ एवं विश्लेषण
(क) गुणात्मक एवं मात्रात्मक पद्धतियाँ
(ख) दत्त संग्रहण की तकनीक
(ग) परिवर्तन, प्रतिचयन प्राक्कल्पना, विश्वसनीयता एवं वैधता।
4. समाजशास्त्री चिंतक
(क) कार्लमार्क्स : ऐतिहासिक भौतिकवाद, उत्पादन विधि, वि-संबंधन, वर्ग संघर्ष ।
(ख) इमाईल दुर्खीम श्रम विभाजन, सामाजिक तथ्य, आत्महत्या धर्म एवं समाज
(ग) मैक्स वेबर : सामाजिक क्रिया, आदर्श प्ररूप, सत्ता, अधिकारी तंत्र, प्रोटेस्टैंट नीतिशास्त्र और पूंजीवाद की भावना।
(घ) टेल्कोट पर्सन्स : सामाजिक व्यवस्था, प्रतिरूप परिवर्तन।
(ड) रॉबर्ट के मर्टन : अव्यक्त तथा अभिव्यक्त प्रकार्य, अनुरूपता एवं विसामान्यता, संदर्भ समूह
(च) मीड : आत्म एवं तादात्म्य
5. स्तरीकरण एवं गतिशीलता
(क) संकल्पनाएँ समानता, असमानता, अधिक्रम, अपवर्जन, गरीबी एवं वंचन।
(ख) सामाजिक स्तरीकरण के सिद्धांत संरचनात्मक प्रकार्यवादी सिद्धांत, मार्क्सवादी सिद्धांत, वेबर का सिद्धांत।
(ग) आयाम वर्ग, स्थिति समूहों, लिंग, नृजातीयता एवं प्रजाति का सामाजिक स्तरीकरण
(घ) सामाजिक गतिशीलता-खुली एवं बंद व्यवस्थाएँ, गतिशीलता के प्रकार, गतिशीलता के स्रोत एवं कारण ।
6. कार्य एवं आर्थिक जीवन
(क) विभिन्न प्रकार के समाजों में कार्य का सामाजिक संगठन-दास समाज, सामंती समाज, औद्योगिक/पूँजीवादी समाज ।
(ख) कार्य का औपचारिक एवं अनौपचारिक संगठन।
(ग) श्रम एवं समाज
7. राजनीति एवं समाज
(क) सत्ता के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
(ख) सत्ता प्रवर्जन, अधिकारीतंत्र, दबाव समूह, राजनैतिक दल।
(ग) राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, लोकतंत्र, सिविल समाज, विचारधारा।
(घ) विरोध, आंदोलन, सामाजिक आंदोलन, सामूहिक क्रिया, क्रांति।
8. धर्म एवं समाज
(क) धर्म के समाजशास्त्रीय सिद्धांत।
(ख) धार्मिक कर्म के प्रकार : जीववाद, एकतत्ववाद, बहुतत्ववाद पंथ, उपासना पद्धतियाँ।
(ग) आधुनिक समाज में धर्म, धर्म एवं विज्ञान, धर्मनिरपेक्षीकरण, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद, मूलतत्ववाद
9. नातेदारी की व्यवस्थाएँ
(क) परिवार, गृहस्थी, विवाह ।
(ख) परिवार के प्रकार एवं रूप ।
(ग) वंश एवं वंशानुक्रम
(घ) पितृतंत्र एवं श्रम लिंगाधारित विभाजन ।
(ङ) समसामयिक प्रवृत्तियाँ ।
10. आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन
(क) सामाजिक परिवर्तन के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
(ख) विकास एवं पराश्रितता
(ग) सामाजिक परिवर्तन के कारक ।
(घ) शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन ।
(ङ) विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक परिवर्तन
UPSC समाजशास्त्र प्रश्न पत्र-II पाठ्यक्रम
(क) भारतीय समाज संरचना एवं परिवर्तन – भारतीय समाज का परिचय
(i) भारतीय समाज के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य
(क) भारतीय विद्या (जी. एस. धुर्ये) ।
(ख) संरचनात्मक प्रकार्यवाद (एम. एन. श्रीनिवास) ।
(ग) मार्क्सवादी समाजशास्त्र (ए. आर. देसाई) ।
(ii) भारतीय समाज पर औपनिवेशिक शासन का प्रभाव
(क) भारतीय राष्ट्रवाद की सामाजिक पृष्ठभूमि
(ख) भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण ।
(ग) औपनिवेशिक काल के दौरान विरोध एवं आंदोलन ।
(घ) सामाजिक सुधार ।
ख. सामाजिक संरचना
(i) ग्रामीण एवं कृषक सामाजिक संरचना
(क) भारतीय ग्राम का विचार एवं ग्राम अध्ययन
(ख) कृषक सामाजिक संरचना ,पट्टेदारी प्रणाली का विकास, भूमि सुधार ।
(ii) जाति व्यवस्था
(क) जाति व्यवस्था के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य- (जी. एस. धुर्ये, एम. एन. श्रीनिवास, लुई डुमान्ट, आन्द्रे बेतेय) ।
(ख) जाति व्यवस्था के अभिलक्षण ।
(ग) अस्पृश्यता-रूप एवं परिप्रेक्ष्य ।
(iii) भारत में जनजातीय समुदाय
(क) परिभाषीय समस्याएँ ।
(ख) भौगोलिक विस्तार ।
(ग) औपनिवेशिक नीतियाँ एवं जनजातियाँ ।
(घ) एकीकरण एवं स्वायतत्ता के मुद्दे ।
(iv ) भारत में सामाजिक वर्ग
(क) कृषिक वर्ग संरचना ।
(ख) औद्योगिक वर्ग संरचना
(ग) भारत में मध्यम वर्ग ।
(v) भारत में नातेदारी की व्यवस्थाएँ
(क) भारत में वंश एवं वंशानुक्रम ।
(ख) नातेदारी व्यवस्थाओं के प्रकार ।
(ग) भारत में परिवार एवं विवाह ।
(घ) परिवार, घरेलू आयाम ।
(ङ) पितृतंत्र, हकदारी एवं श्रम का लिंगाधारित विभाजन ।
( vi) धर्म एवं समाज
(क) भारत में धार्मिक समुदाय
(ख) धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्याएँ ।
ग. भारत में सामाजिक परिवर्तन
(i) भारत में सामाजिक परिवर्तन की दृष्टियाँ
(क) विकास आयोजना एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था का विचार ।
(ख) संविधान, विधि एवं सामजिक परिवर्तन
(ग) शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन
(ii) भारत में ग्रामीण एवं कृषक रूपांतरण
(क) ग्रामीण विकास कार्यक्रम, समुदाय विकास कार्यक्रम, सहकारी संस्थाएँ, गरीबी उन्मूलन योजनाएँ
(ख) हरित क्रांति एवं सामाजिक परिवर्तन।
(ग) भारतीय कृषि में उत्पादन की बदलती विधियाँ।
(घ) ग्रामीण मजदूर, बँधुआ एवं प्रवासन की समस्याएँ ।
(iii) भारत में औद्योगिकीकरण एवं नगरीकरण
(क) भारत में आधुनिक उद्योग का विकास।
(ख) भारत में नगरीय बस्तियों की वृद्धि ।
(ग) श्रमिक वर्ग : संरचना, वृद्धि, वर्ग संघटन ।
(घ) अनौपचारिक क्षेत्रक, बाल श्रमिक।
(ङ) नगरीय क्षेत्रों में गंदी बस्ती एवं वंचन।
(iv) राजनीति एवं समाज
(क) राष्ट्र, लोकतंत्र एवं नागरिकता ।
(ख) राजनैतिक दल, दबाव समूह, सामाजिक एवं राजनैतिक प्रवजन ।
(ग) क्षेत्रीयतावाद एवं सत्ता का विकेन्द्रीयकरण
(घ) धर्मनिरपेक्षीकरण
(v) आधुनिक भारत में सामजिक आंदोलन
(क) कृषक एवं किसान आंदोलन ।
(ख) महिला आंदोलन ।
(ग) पिछड़ा वर्ग एवं दलित आंदोलन ।
(घ) पर्यावरणीय आंदोलन ।
(ङ) नृजातीयता एवं अभिज्ञान आंदोलन
(vi) जनसंख्या गतिकी
(क) जनसंख्या आकार, वृद्धि संघटन एवं वितरण
(ख) जनसंख्या वृद्धि के घटक : जन्म, मृत्यु, प्रवासन ।
(ग) जनसंख्या नीति एवं परिवार नियोजन ।
(घ) उभरते हुए मुद्दे : कालप्रभावन, लिंग अनुपात, बाल एवं शिशु मृत्युदर, जनन स्वास्थ्य |
(vii) सामाजिक रूपांतरण की चुनौतियाँ
(क) विकास का संकट : विस्थापन, पर्यावरणीय समस्याएँ एवं संपोषणीयता ।
(ख) गरीबी, वंचन एवं असमानताएँ ।
(ग) स्त्रियों के प्रति हिंसा
(घ) जातीय द्वन्द्व ।
(ड.) नृजातीय द्वन्द्व, सांप्रदायिकता, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद ।
(च) असाक्षरता तथा शिक्षा में असमानताएँ।
IAS परीक्षा के प्रतियोगियों को ध्यान देना होगा कि मुख्य परीक्षा में समाजशास्त्र विषय का सामान्य अध्ययन के विषयों के साथ महत्त्वपूर्ण समानता है, इसलिये उन्हें एक साथ प्रश्नपत्र तैयार करना चाहिये। इसके अलावा, प्रतियोगियों को समाजशास्त्र विषय के साथ IAS परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिये विगत वर्षों के UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के प्रश्नपत्रों के साथ-साथ अधिकाधिक मॉक टेस्टों से प्रश्नों को हल करना चाहिये।
प्रतियोगियों को इस विषय की सफलता दर की समीक्षा करने के लिये IAS परीक्षा के पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के रुझानों की समीक्षा करनी चाहिये।
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IGNOU MSOE-03 धर्म और समाजशास्त्र Question Papers Hindi
Are you looking for IGNOU MSOE-03 धर्म और समाजशास्त्र Question Papers in Hindi in PDF format ? You can also find the IGNOU MSOE-03 MSO 1st Year Question Paper and the MSOE-03 Last 5 Year Question Paper with Solutions in PDF format here.
IGNOU MSOE-03 Guess Paper and Sample Paper, Hindi Medium MSOE-03: Important Questions or Notes Before the IGNOU Exam, the term-end exam schedule is made public by IGNOU, which stands for Indira Gandhi National Open University. This is the Master of Arts (Sociology) Program at IGNOU :
IGNOU MSOE-03 Last Year Question Papers Download in PDF:-
So you download the previous or previous year’s MSOE-03 question paper in PDF format to prepare for this session’s TEE (term end exam) and get a good grade.
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IGNOU MSOE-03 is a Sociology course offered by Indira Gandhi National Open University (IGNOU). To prepare for the exam, it is important for students to have access to the previous year’s question papers.
It is recommended that students practice solving the previous year’s question papers to evaluate their preparation and improve their performance in the exam. Additionally, students can identify the important topics from the syllabus by analyzing the question papers and focus their preparation accordingly.
How to Write the IGNOU MSOE-03 Question Paper ?
- Read All Question Carefully, Then Take a Deep Breath.
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- Crack to IGNOU MSOE-03 Exam
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Benefits of Solving IGNOU MSOE-03 Previous Year Exam Question Paper
The benefits of studying IGNOU MSOE-03 previous year question papers are given below:
- Previous year question papers, what type of questions you can ask in the exam,
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- The best way is to solve the questionnaire, you can download the old question paper of IGNOU and solve it.
How to Download IGNOU MSOE-03 Question Paper With Solutions ?
- Step 1 : First Download the Question Paper of MSOE-03
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FAQ on IGNOU MSOE-03 Question Papers Hindi
Yes IGNOU Repeat the MSOE-03 Questions , If you want good marks then at least read the question papers of the last 4 years.
No, It is Medium , if your Writing Skill is Great therefor EXAM is Easy for You
MSOE-03 is धर्म और समाजशास्त्र
it is Master of Arts (Sociology) Programs
Conclusion: Thank you for reading this article. I hope you found this page useful in obtaining the IGNOU MSOE-03 Question Papers Hindi, as well as the MSO MSOE-03 All Last Year Question Paper and Important MSOE-03 धर्म और समाजशास्त्र Questions. You also share with your friends.
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Subject matter and Scope of Sociology in hindi |समाजशास्त्र की विषय वस्तु एवं अध्ययन क्षेत्र
Difference between subject matter and scope of sociology| समाजशास्त्र की विषय वस्तु एवं अध्ययन क्षेत्र में अंतर.
समाजशास्त्र की विषयवस्तु का तात्पर्य उन निश्चित विषयों से है ,जिसका अध्ययन समाजशास्त्र के अंतर्गत किया जाता है, जैसे – सामाजिक संबंध, विचलन, एकीकरण आदि का अध्ययन समाजशास्त्र की विषय वस्तु है जबकि अध्ययन क्षेत्र का तात्पर्य उन संभावित सीमाओं से है, जहाँ तक समाजशास्त्र के किसी विषय (Topic) का अध्ययन किया जा सकता है ,जैसे – किस तरह के सामाजिक संबंधों का अध्ययन हो, यह उसके अध्ययन क्षेत्र को दर्शाता है |स्पष्ट है कि सामाजिक संबंधों का अध्ययन समाजशास्त्र की विषय वस्तु है किंतु किस प्रकार के सामाजिक संबंधों का अध्ययन किया जाय, सभी प्रकार के या कुछ विशेष संबंधों का, यह उसका अध्ययन क्षेत्र है |
Table of Contents
समाजशास्त्र का विषय क्षेत्र या अध्ययन क्षेत्र.
समाजशास्त्र के विषय क्षेत्र को लेकर विद्वानों में मतभेद है | अनेक समाजशास्त्रियों द्वारा भिन्न-भिन्न मत व्यक्त किए गए हैं , जिसे प्रमुख रुप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –
(1) स्वरुपात्मक संप्रदाय (2) समन्वयात्मक संप्रदाय
आप पढ़ रहे हैं : Subject matter and Scope of Sociology
स्वरुपात्मक संप्रदाय (Formalistic School) –
यह संप्रदाय समाजशास्त्र के अध्ययन क्षेत्र को अत्यंत सीमित एवं विशिष्ट मानता है | यह केवल उन्हीं समस्याओं या सामाजिक पक्षों तक समाजशास्त्र के अध्ययन को सीमित करना चाहता है ,जिसका अध्ययन अन्य सामाजिक विज्ञानो द्वारा नहीं किया जाता है | इस संप्रदाय में मुख्य रुप से जॉर्ज सिमेल, टॉनीज , वॉन विज, वीरकान्त, मैक्स वेबर शामिल है |
सिमेल के विचार (Views of Simmel) –
सिमेल के अनुसार सभी प्राकृतिक एवं सामाजिक घटनाओं के दो पक्ष होते हैं –
(1) स्वरूप (Form) (2) अंतर्वस्तु (Content)
स्वरूप का अध्ययन अंतर्वस्तु से पृथक कर स्वतंत्र रुप से किया जा सकता है | क्योंकि सभी सामाजिक विज्ञान में अंतर्वस्तु पक्ष का अध्ययन होता है ,लेकिन किसी भी विज्ञान द्वारा स्वरुप का अध्ययन नहीं होता है | यदि समाजशास्त्र स्वरुप का अध्ययन करें तो यह अन्य सामाजिक विज्ञानो से भिन्न एवं विशिष्ट हो सकता है | सिमेल ने संघर्ष ,सहयोग ,प्रतिस्पर्धा, एकीकरण आदि को सामाजिक संबंधों के स्वरुप से संबोधित किया एवं इन पक्षों से जुड़े राजनीतिक, आर्थिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक इत्यादि को अंतर्वस्तु से संबोधित किया | सिमेल के अनुसार समाजशास्त्र को स्वरुप का ही अध्ययन करना चाहिए |
मैक्स वेबर के विचार (Views of Max Weber) –
वेबर के अनुसार समाजशास्त्र सामाजिक क्रियाओं का अध्ययन है | सामाजिक क्रिया से वेबर का तात्पर्य –
(1) वह क्रिया जो दूसरे लोगों के व्यवहारों से प्रभावित होती है |
(2) वह क्रिया जो अर्थ पूर्ण हो |
वेबर ने एक तरफ से की गई क्रिया को सामाजिक क्रिया नहीं माना , जैसे – जादूगर द्वारा जादू का खेल दिखाना या पूजा करना | तात्पर्य है कि सामाजिक क्रिया वही है जिसका संदर्भ व्यक्ति हो तथा करने वाला समाज से प्रभावित हो तथा समाज को प्रभावित करे | वेबर के अनुसार सामाजिक क्रिया समस्त सामाजिक संबंधों का एक विशेष भाग है | अतः सामाजिक क्रिया के अध्ययन द्वारा समाजशास्त्र को एक विशेष विज्ञान बनाया जा सकता है |
वीरकांत के विचार (Views of Vierkant) –
इनके अनुसार समाजशास्त्र मानसिक संबंधों का अध्ययन है जो एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से अथवा समूह में बाँधता है | इस तरह व्यक्तियों के बीच के संबंध जैसे – प्रेम ,घृणा, असंतोष आदि संबंधों के द्वारा होता है जिसके द्वारा सहयोगी एवं विरोधी संबंध बनते हैं | वीरकांत के अनुसार समाजशास्त्र के द्वारा सिर्फ इसी तरह के संबंधों का अध्ययन होना चाहिए |
वॉन विज के विचार (Views of Von Wiese) –
वॉन विज के अनुसार समाजशास्त्र एक विशिष्ट सामाजिक विज्ञान है जो कि मानवीय संबंधों के स्वरुपों का अध्ययन है और यही उसका विशिष्ट क्षेत्र है | वान विज ने सामाजिक संबंधों के 650 स्वरूपों की चर्चा की है | उनके अनुसार समाजशास्त्र को इन्ही स्वरूपों का अध्ययन करना चाहिए |
टॉनीज के विचार (Views of Tonnies) –
उनके अनुसार समाजशास्त्र शुद्ध एवं स्वतंत्र विज्ञान है | सामाजिक संबंधों के स्वरुपों के आधार पर टॉनीज ने समाज को दो भागों में विभाजित किया –
( 1) जीमेनशैफ्ट (समुदाय)
(2) जेसेलशैफ्ट (समिति)
टॉनीज के अनुसार समाजशास्त्र का उद्देश्य इन्हीं दो तरह की श्रेणियों के अंतर्गत सामाजिक संबंधों के स्वरुपों का अध्ययन करना है |
इसकी आलोचना में सोरोकिन कहते हैं कि भौतिक वस्तुओं के अंतरवस्तु बदलने पर स्वरुप में कोई परिवर्तन नहीं आता | लेकिन समाज में ऐसा नहीं होता | हम किसी सामाजिक संरचना को नहीं जानते जिसके सदस्यों में परिवर्तन हो लेकिन उसके स्वरुप में कोई परिवर्तन न हो | उदाहरण के लिए यदि अमेरिकी समाज में अमेरिकी लोगों के बजाय चीनी समुदाय या अफ्रीका के बुशमैन के लोग आ जाएं तो क्या अमेरिकी समाज के स्वरुप में कोई बदलाव नहीं होगा ?
समन्वयात्मक संप्रदाय (Synthetic School) –
इस संप्रदाय के प्रमुख विचारक दुर्खीम, सोरोकिन, हॉबहाउस, गिन्सबर्ग आदि हैं | इन विद्वानों का मत है कि समाज के विभिन्न भाग एक दूसरे से संबंधित एव अन्तर्निर्भर है | अतः समाजशास्त्र में संपूर्ण समाज का सामान्य अध्ययन आवश्यक हो जाता है |
दुर्खीम के विचार (Views of Durkheim) –
दुर्खीम के अनुसार सामाजिक तथ्य जैसे – परम्परा ,लोकाचार , प्रथा आदि के आधार पर समाज में कुछ सामूहिक विचारधाराएं बन जाती हैं , जिसे वे सामूहिक प्रतिनिधित्व या प्रतिनिधान (Collective Representation) कहते हैं | दुर्खीम के अनुसार समाजशास्त्र सामूहिक प्रतिनिधान का विज्ञान है ,और इसके द्वारा समाज का सामान्य अध्ययन किया जाता है |
सोरोकिन के विचार (Views of Sorokin) –
सोरोकिन के अनुसार प्रत्येक सामाजिक विज्ञान एक दूसरे पर किसी न किसी रुप से निर्भर हैं | समाजशास्त्र इन्हीं पारस्परिक संबंधों या उनके सामान्य पक्षों का अध्ययन करता है | सोरोकिन इसे एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करते हैं –
आर्थिक संबंध —- a, b, c, d, e, f राजनीतिक संबंध —- a, b, c, g, h, i धार्मिक संबंध —- a, b, c, j, k, l वैज्ञानिक संबंध —- a, b, c, m,n,o मनोरंजनात्मक संबंध —- a, b, c, p, q, r
उपर्युक्त में a, b, c ऐसे तत्व है जो सभी विषयों में विद्यमान है | सोरोकिन के अनुसार समाजशास्त्र इन्हीं सामान्य तत्वों का अध्ययन करता है | निष्कर्ष अतः कहा जा सकता है कि समाजशास्त्र के विषय क्षेञ से संबंधित दोनों ही दृष्टिकोण (स्वरुपात्मक एवं समन्वयात्मक ) एकाकी हैं | समाजशास्त्र न तो केवल विशिष्ट सामाजिक संबंधों का अध्ययन करता है और न ही सामान्य सामाजिक प्रघटनाओं का | दोनों प्रकार का अध्ययन परिस्थितिजन्य होता है | अतः समाजशास्त्र के विषय क्षेत्र के अंतर्गत सामान्यता एवं विशिष्टता दोनों का अध्ययन किया जाता है |
FAQ: Subject matter and Scope of Sociology
समाजशास्त्र की विषयवस्तु क्या है .
समाजशास्त्र की विषयवस्तु का तात्पर्य उन आयामों से है ,जिसका अध्ययन समाजशास्त्र में किया जाता है, जैसे – अंतःक्रिया, अपराध, समूह, संस्कृति आदि
विषयवस्तु और कार्य क्षेत्र में क्या अंतर है ?
विषयवस्तु का तात्पर्य उन निश्चित प्रकरणों से है जिसका समाजशास्त्र अध्ययन करता है | किस तरह के प्रकरण का अध्ययन हो, यह समाजशास्त्र के विषय क्षेत्र को दर्शाता है | उदहारण के लिए : सामाजिक समूह का अध्ययन समाजशास्त्र की विषयवस्तु को दर्शाता है जबकि किस तरह के सामाजिक समूह जैसे- सकारात्मक या नकारात्कम का अध्ययन हो यह उसके कार्य क्षेत्र को दर्शाता है |
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10 thoughts on “Subject matter and Scope of Sociology in hindi |समाजशास्त्र की विषय वस्तु एवं अध्ययन क्षेत्र”
Tyri bhut achi hogi aise hi …. study kro nd test do….. good 👍 👍
It’s o.k.
Very helpful
Thanks Prabhat
Very thankful
Good works in metter
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BA Sociology Syllabus In Hindi – बीए समाजशास्त्र की सिलेबस
नमस्कार दोस्तों, आज के लेख में बात करेंगे BA Sociology Syllabus In Hindi , अगर आप बीए समाजशास्त्र कोर्स करना चाहते हैं तो आपको इसके सिलेबस को जानना बहुत ही आवश्यक है, इस लेख में हम आपको बीए समाजशास्त्र की पूरी जानकारी देने वाले हैं, तो बिना किसी देरी के आइए जानते हैं: BA Sociology Syllabus In Hindi
विषयों की सूची
BA Sociology का विवरण:
बीए समाजशास्त्र क्या है.
बीए सोशियोलॉजी तीन साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। पाठ्यक्रम को 6 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें उम्मीदवारों को विभिन्न प्रकार के विषय पढ़ाए जाते हैं। बीए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम विभिन्न सामाजिक पहलुओं से संबंधित है जिसमें उम्मीदवारों को विभिन्न सामाजिक समस्याओं और उपलब्धियों के बारे में पढ़ाया जाता है। उम्मीदवारों को समाज में प्रचलित विभिन्न लिंगों, जातियों, वर्ग और अन्य प्रकार के बहुमुखी समूहों के मनोवैज्ञानिक पहलू के बारे में भी पढ़ाया जाता है। उम्मीदवार समाज में मौजूद बहुमुखी संबंधों के बारे में सीखते हैं और वे समाज के इतिहास और राजनीति को कैसे प्रभावित करते हैं। समाजशास्त्र समाज का अध्ययन है जो न केवल समूहों या लोगों के अध्ययन से संबंधित है बल्कि किसी भी समाज में व्यक्तिगत भूमिका पर भी केंद्रित है।
BA Sociology Syllabus In Hindi
बीए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम एक विशाल और दिलचस्प पाठ्यक्रम है जिसमें उम्मीदवारों को सामाजिक विकास से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों के साथ-साथ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विभिन्न कॉलेजों के लिए बीए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम भिन्न हो सकता है। बीए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की एक बुनियादी संरचना जिसे छह सेमेस्टर की समयावधि में पढ़ाया जाता है, इस प्रकार है:
इसके आलावा आपको निम्नलिखित विषयों को पढ़ना होता है:
- पर्यावरण विज्ञान
- समाजशास्त्र का परिचय-I
- आर्थिक समाजशास्त्र
- राजनीतिक समाजशास्त्र
- पुनर्विचार विकास
- समाजशास्त्रीय अनुसंधान के तरीके
- लिंग का समाजशास्त्र
- रिश्तेदारी का समाजशास्त्र
- व्यावसायिक संचार
- धर्म का समाजशास्त्र
- लिंग और हिंसा
- समाजशास्त्र का परिचय- II
- योजना उद्यमिता
- मूल्य शिक्षा
- सामाजिक संतुष्टि
ये भी पढ़ें:
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प्रश्न: बीए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम के लिए औसत शुल्क क्या है?
उत्तर: बीए समाजशास्त्र के लिए औसत शुल्क INR 10000 प्रति वर्ष है।
प्रश्न: बीए समाजशास्त्र से संबंधित लोकप्रिय विशेषज्ञताएं क्या हैं?
उत्तर: बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) के लिए कुछ लोकप्रिय विशेषज्ञताएं हैं: भाषा और साहित्य, पत्रकारिता, पारंपरिक मूर्तिकला, लोक प्रशासन, खाद्य और पोषण।
प्रश्न: बीए समाजशास्त्र पाठ्यक्रम की अवधि क्या है?
उत्तर: बीए सोशियोलॉजी 3 साल का कोर्स है।
FINAL ANALYSIS:
आज के लेख में हमने जाना की BA Sociology Syllabus In Hindi , मुझे आशा है की आपको इस लेख के जरिये BA समाजशास्त्र के सिलेबस के बारें में जानने को मिला होगा, अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हो, इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
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