Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध हिंदी में
In this article, we are providing an Essay on Exercise in Hindi | Vyayam Par Nibandh व्यायाम पर निबंध | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.
दोस्तों आज हमने Vyayam | Exercise Essay in Hindi लिखा है, व्यायाम पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।
( Essay-1 ) 10 Lines Essay on Exercise in Hindi
1. व्यायाम करना हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
2. यह हमें स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।
3. व्यायाम करने से हमारी मानसिक चेतना भी बढ़ती है।
4. दौड़ना, स्किपिंग, योग, और खेलना व्यायाम के उदाहरण हैं।
5. यह हमारे खून को शुद्ध करता है और हमें रोगों से बचाता है।
6. व्यायाम करने से हमारी शरीर में ताजगी आती है और और उससे हमें और ऊर्जा मिलती है।
7. यह हमें मोटापे से बचाकर आकर्षक और स्वस्थ बनाता है।
8. व्यायाम करने से हमारी नींद भी अच्छी आती है और हमारा ध्यान बढ़ता है।
9. नियमित व्यायाम करने से हम तनाव को कम करते हैं और मनोवैज्ञानिक तनाव से राहत प्राप्त करते हैं।
10. व्यायाम का आनंद लेकर हम खुश और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं।
( Essay- 2 ) Short Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध (200 words)
‘पहला सुख नीरोगी काया’ इस उक्ति के अनुसार शरीर का नीरोग या स्वस्थ रहना ही सब से बड़ा सुख है। कारण, अस्वस्थ व्यक्ति न कोई काम कर सकता हैं और न सांसारिक सुखों को भोग सकता है।
व्यायाम का अर्थ है ( Meaning of Exercise in Hindi )
शरीर के अंगों का विकास। व्यायाम करने से शरीर के अंगों का ठीक प्रकार से विकास हो जाता है। व्यायाम से हाथ, पैर और शरीर के पुढे बलिष्ठ हो जाते हैं; शरीर स्फूर्ति-सम्पन्न तथा कर्मण बनता है। इससे पाचन क्रिया भी ठीक रहती है, भूख समय पर लगती है; शरीर में रक्त का निर्माण और रक्त-संचार ठीक प्रकार से होता है और काया पुष्ट होती है तथा मन भी प्रसन्न रहता है। नियमपूर्वक व्यायाम करने वाला कभी अस्वस्थ नहीं होता। व्यायाम के कई प्रकार हैं। जैसे- दण्ड-बैठक लगाना, मुग्दर चलाना, कुश्ती करना, जिमनास्टिक करना, दौड़ लगाना, घुड़ सवारी करना, गदका चलाना आदि। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के आसन और प्राणायाम करना भी श्रेष्ठ व्यायाम हैं। खेलों से भी शरीर का व्यायाम हो जाता है। मस्तिष्क से काम करने वाले व्यक्तियों के लिए घूमना, सूर्य नमस्कार आदि भी हल्के और उपयोगी व्यायाम हैं।
शरीर का प्रभाव मन पर भी पड़ता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। अतः समय निकाल कर सबको व्यायाम अवश्य करना चाहिए।
Morning Walk Essay in Hindi
Essay on Importance of Exercise in Hindi
Vyayam Essay in Hindi
( Essay- 3 ) Hindi Essay on Exercise ( 250 words )
हमारे गुरुजन बताते हैं कि जिस प्रकार शरीर के लि भोजन व पानी आवश्यक है उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने क लिए व्यायाम भी जरूरी है। व्यायाम के बिना मनुष्य का शरीर रोगी हो जाता है। इसलिए वह मन लगाकर कोई भी कार्य नहीं क सकता है।
आसनों का अभ्यास करना सबसे उत्तम व्यायाम बताया गया है बचपन में बालक हर प्रकार के आसन सरलता से कर लेता हैं। बड़े होने पर कई आसन हो ही नहीं सकते हैं। इसलिए अच्छे जानका व्यक्ति की देख-रेख में आसन बचपन से ही करने चाहिए।
खेल भी एक प्रकार का व्यायाम है। खेलों में उछल-कूद स् सभी अंग संचालित होते हैं। प्रायः बच्चों को खेल करने से व्यायाम के सारे लाभ मिल जाते हैं। इससे एक ओर शरीर में फुर्ती आती है तो दूसरी तरफ हार जीत के कारण मन में उत्सुकता बनी रहती है। खेल बच्चों के लिए सर्वोत्तम व्यायाम है।
व्यायाम करने से शरीर में स्फुर्ति व ताजगी बनी रहती है। जिस लड़के का शरीर स्वस्थ रहता है, उसका दिमाग भी स्वस्थ रहता है। बीमार व रोगी शरीर में रोगी दिमाग ही निवास करता है। व व्यायाम करने वाले लड़के का शरीर ही स्वस्थ नहीं बल्कि वह पढ़ा में भी निपुण होता है। इसलिए दिमाग व शरीर दोनों को स्वस्थ रखने के लिए हमें व्यायाम जरूर करना चाहिए।
( Essay- 4 ) Vyayam Par Nibandh -(कसरत) व्यायाम पर निबंध 300 words
कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है। जिस व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, उसका मानसिक स्वास्थ्य भी, अच्छा होता है। शारीरिक स्वास्थ्य केलिए व्यायाम जरूरी है। यह सब व्यक्तियों के लिए उपयोगी है। कुछ लोग व्यायाम को व्यर्थ समझते हैं। यह गलत विचार है।
व्यायाम के कई प्रकार हैं। हमारे ऋषि लोग प्राणायाम करते थे। प्राणायाम से अच्छा व्यायाम होता है। परन्तु साधारण लोग इसे मुश्किल मानते हैं। प्राणायाम के भी हजारों प्रकार हैं। आजकल शिक्षित लोग प्राणायाम की ओर आकृष्ट हो रहे हैं।
आसन डालना भी व्यायाम का एक विधान है। इसकी अनेक किस्में हैं । घर में ही लोग आसन डाल सकते हैं। प्राणायाम और आसनों में बहुत खर्च नहीं करना पड़ता।
खेल-कूद व्यायाम का सरल विधान है। विद्यार्थी अपने विद्यालय में . ही अपनी इच्छा के अनुसार फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट आदि खेल सकते हैं। ये खेल खर्चीले होते हैं। ग्रामीण प्रांतों में इन खेलों का कोई प्रयोजन नहीं होता। कुश्ती लड़ना, को-को; दंड-बैंठक सरल उपाय हैं। गरीब लोग भी ये कर सकते हैं। बूढ़े लोगों को सैर-सपाटे से व्यायाम होता है।
व्यायाम से कई लाभ हैं। उससे शरीर और मन मजबूत होते हैं। बीमारियाँ पास नहीं आतीं। आदमी फुर्तीला हो जाता है। वह अपने कर्तव्य-पालन में लग जाता है। खन का प्रसार तेजी से होने लगता है। आदमी जल्दी नहीं थकता।
मैदान में तथा खुली हवा में व्यायाम करें। भोजन के बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए। व्यायाम के बाद तत्काल भोजन नहीं करना है। व्यायाम में संयम की आवश्यकता है। सब विद्यार्थियों को व्यायाम में मन लगाना चाहिए।
जरूर पढ़े- Essay on Health in Hindi
( Essay- 5 ) Long Exercise Essay in Hindi- व्यायाम पर निबंध( 500 words )
1. भूमिका 2. व्यायाम का महत्व ( Vyayam Ka Mahatva ) 3. व्यायाम के भेद ( Types of Exercise in Hindi ) 4. व्यायाम से लाभ ( Benefits of Exercise in Hindi ) 5. उपसंहार
किसी विद्वान ने कहा है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर को स्वस्थ रखना सुखी जीवन के लिए आवश्यक है। व्यायाम हमारे स्वास्थ्य की कुंजी है। उत्तम स्वास्थ्य से मनुष्य का जीवन सुखी रहता है। हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम आवश्यक है।
व्यायाम के भेद ( Types of Exercise in Hindi )
व्यायाम अनेक प्रकार के होते हैं। केवल दण्ड बैठक या कुश्ती लड़ने को ही व्यायाम नहीं समझना चाहिए। प्रातः काल खुले मैदान में थोड़ी देर चहल कदमी या टहलना भी व्यायाम है। इससे शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आती है और कार्य करने में मन लगता है। खेल-कूद भी व्यायाम के ही अन्तर्गत आते हैं। अनेक देशी-विदेशी खेलों से उत्तम व्यायाम हो जाता है। ऐसे खेलों में कबड्डी, गुल्ली डण्डा, आती-पाती, घोड़े की सवारी, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिण्टन, क्रिकेट, वालीबॉल आदि प्रमुख हैं। ये खेल मनोरंजन और व्यायाम के समान रूप से साधन हैं। इसके अलावा दौड़ना, तैरना, गेंद फेंकना, उछलना-कूदना आदि भी व्यायाम के अन्तर्गत आते हैं। हर व्यायाम का शरीर पर अलग-अलग ढंग से प्रभाव पड़ता है। गदा फेरने, मुग्दल उठाने आदि से बाहें और सीना आदि पुष्ट होते हैं। दण्ड–बैठक करने से जाँघे सुगठित और मजबूत होती हैं। दौड़ने से फेफड़े ठीक रहते हैं। साइकिल चलाने से कमर और जांघे पुष्ट होती हैं।
व्यायाम करने के नियम
व्यायाम समय पर और नियमानुसार करना चाहिए। ऐसा न करने से लाभ की अपेक्षा हानि होने की सम्भावना होती है। देशी व्यायाम के लिए प्रात:काल सर्वोत्तम समय होता है। व्यायाम खुले स्थान और सुन्दर वातावरण में करना । चाहिए, जहाँ हवा–प्रकाश की अच्छी व्यवस्था हो ऐसे स्थान पर व्यायाम करने से अधिक लाभ होता है। विदेशी व्यायाम अधिकतर शाम को आयोजित होते हैं। व्यायाम शारीरिक क्षमता के अनुकूल होना चाहिए। अधिक व्यायाम हानिप्रद होता है। व्यायाम के बाद हल्का जलपान लेना चाहिए। बूढ़े लोगों के लिए टहलना ही व्यायाम है। शारीरिक क्षमता के अनुकूल ही व्यायाम करना लाभदायक है।
व्यायाम के लाभ ( Benefits of Exercise in Hindi )
व्यायाम हमारे लिए बहुत आवश्यक है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ और नीरोग होता है। व्यायाम से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है। शरीर स्वस्थ और नीरोग होता है। व्यायाम से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है। शरीर स्वस्थ रहने से मन भी स्वस्थ रहता है। इससे शरीर में स्फूर्ति आती है और मन प्रसन्न रहता है। व्यायाम कार्य करने में मन लगता है। अधिक परिश्रम से शरीर में थकावट आती है।
व्यायाम से थकावट दूर हो जाती है। व्यायाम करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और हम दीर्घजीवी होते हैं। व्यायाम से शिथिलता, आलस्य और उदासी दूर होती है। शरीर में रक्त संचार सुन्दर ढंग से होता है। फेफड़ों में स्वच्छ वायु जाने से वे अच्छी तरह कार्य करते हैं। व्यायाम से हमारा शारीरिक गठन सुन्दर होती है।
उपर्युक्त बातों के सन्दर्भ में हम कह सकते हैं कि व्यायाम हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। उसके करने से शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता है और हमारा जीवन सुखी और आनन्दमय होता है। हर व्यक्ति को समयानुसार नियमित व्यायाम करना चाहिए। कहा गया है- तन्दुरुस्ती हजार नियामत। व्यायाम हमारे स्वस्थ जीवन की आधारशिला है।
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इस लेख के माध्यम से हमने Vyayam Par Nibandh | Exercise Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।
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स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध | Health And Exercise Essay In Hindi
Health And Exercise Essay In Hindi नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं आज हम स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध लेकर आए हैं. अच्छे स्वास्थ्य के लिए नित्य व्यायाम एवं खेलकूद अनिवार्य शर्त मानी जाती हैं.
व्यायाम हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखता हैं. आज के निबंध, भाषण, अनुच्छेद, पैराग्राफ में हम स्वास्थ्य और व्यायाम के संबंध और महत्व के बारें में जानेगे.
स्वास्थ्य व व्यायाम पर निबंध Health And Exercise Essay In Hindi
प्रस्तावना : सुखी जीवन के लिए अच्छे स्वास्थ्य को आवश्यक माना जाता हैं. मनुष्य यदि शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ है तो वह सबसे अधिक धनवान तथा भाग्यशाली हैं.
स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवन उद्देश्यों की प्राप्ति कर सकता हैं. तथा औरों के जीवन में भी रौशनी लाने का कार्य कर सकता हैं. व्यक्ति के जीवन के चार मूल ध्येय धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन की प्राप्ति के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना चाहिए.
अंग्रेजी की प्रसिद्ध कहावत हेल्थ इज वेल्थ स्वास्थ्य के सार्वभौमिक महत्व को दिखाती हैं. अच्छे स्वास्थ्य के कई मार्ग हो सकते है मगर एक संतुलित जीवन में व्यायाम वह माध्यम हैं जिसे बालक से लेकर वृद्ध तक कोई भी सरलता से अपना सकता हैं.
व्यायाम का अर्थ : यह शब्द वि और आयाम से मिलकर बना हैं, जिसका आशय है व्यायाम किसी एक क्रिया का नाम न होकर इसमें कई सारी क्रियाएं समाहित होती है जिनका उद्देश्य व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ और स्फूर्तिवान बनाना.
योगासन, खेल कूद, शाम सवेरे का भ्रमण, प्रणायाम, अंग प्रत्यंग क्रियाएं यथा उठक बैठक टहलना, आसन, ध्यान, तैरना, मुगदर आदि को समाहित कर जो नाम दिया जाता हैं वह व्यायाम हैं.
अर्थात विभिन्न वे आयाम जो व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ और तन्दुरस्त रखने के लिए करता हैं उसे व्यायाम की संज्ञा दी जाती हैं.
व्यायाम की आवश्यकता: आज भारत ही नहीं पूरा विश्व व्यायाम को अपने जीवन शैली का हिस्सा बना हैं. योग को वैश्विक स्वीकार्यता इसका बड़ा प्रमाण हैं.
संसार में आज हरेक व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रोगों से स्वयं को घिरा हुआ पाता हैं. आज की हमारी व्यवस्था में बीमार पड़ने पर चिकित्सक के पास जाकर दवाई ले आने की व्यवस्था हैं.
यह चक्र निरंतर चलता रहता है मगर यदि कोई बीमारी और ईलाज के चक्र को विध्वंस कर व्यक्ति को सदैव स्वस्थ रखने की गारंटी दे सकता हैं तो वह योग व व्यायाम ही हैं.
प्रत्येक व्यक्ति में रोगजनक कीटाणु एक मात्रा में होते हैं मगर हमारा शरीर पर्याप्त शक्तिशाली होने के कारण वे अपना प्रभाव दिखा नहीं पाते हैं.
मगर जैसे ही शरीर में दुर्बलता आती है हम बीमार पड़ जाते हैं. मगर जो व्यक्ति नित्य व्यायाम करता है वह कभी भी बीमार नहीं पड़ता हैं.
एक महान डोक्टर की पंक्तियाँ सारगर्भित हैं. वे कहते है सच्चा चिकित्सक वही है जो दवाई पर यकीन किये बिना अपने मरीज के स्वास्थ्य को ठीक कर दे वही उत्तम चिकित्सक हैं.
आए दिन प्रकाशित होने वाले शोध इस बात की पुष्टि करते है कि दवाई एक बीमारी को मिटाने के लिए दी जाती हैं मगर वह दस नई बीमारियों की सम्भावना को तैयार कर देती हैं.
अतः हमें दवाई पर निर्भर न होकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं. व्यायाम और योग क्रियाएं हमारे शरीर को पर्याप्त शक्तिशाली बना देगी जिस पर रोगों के परजीवियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं.
व्यायाम के रूप : व्यायाम शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं से जुड़ा विषय हैं. स्वस्थ चिन्तन, मनन कल्पना भी इसका अंग हैं वही शरीर की क्रियाओं यथा खेलकूद और योग आदि शारीरिक व्यायाम के प्रकार हैं.
मूल रूप से स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए व्यायाम किया जाता हैं. इन्हें मोटे दो भागों में विभक्त कर सकते है खेलकूद एवं नियमित व्यायाम.
शारीरिक गतिविधियों से जुड़े खेल यथा हॉकी, कबड्डी, तैराकी, कुश्ती, क्रिकेट, दौड़ आदि से शरीर के सभी अंगों व कोशिकाओं में रक्त संचार व ऑक्सीकरण की क्रिया मजबूत होती हैं.
शरीर की वृद्धि तथा मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूती मिलती हैं तथा मस्तिष्क में बुद्धि का संचार होता हैं. खासकर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए खेलकूद और व्यायाम को पाठ्यक्रम की तरह ही उपयोगी मानकर हमारे देश में इन्हें पाठ्यचर्या का अंग बनाया गया हैं.
वे व्यक्ति जो खेल आदि क्रियाओं में भाग नहीं ले सकते है उन्हें सुबह और शाम के समय भ्रमण, योगासन, नृत्य आदि क्रियाओं को स्वास्थ्य को अच्छा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.
व्यायाम की मात्रा : प्रत्येक व्यक्ति को कितनी मात्रा में व्यायाम करना चाहिए यह उनकी आयु, शारीरिक क्षमता आदि पर निर्भर करता हैं
बच्चों महिलाओं तथा वृद्धों की तुलना में वयस्क पुरुषों को दिन में अधिक व्यायाम करना चाहिए. वृद्ध तथा बच्चों को विशेष रूप से सवेरे नित्य भ्रमण तथा कसरत को अपनी नित्य दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए.
व्यायाम के लिए आवश्यक बातें : सभी के लिए व्यायाम का बेहतरीन समय सवेरे का माना जाता हैं. हाथ मुहं ढोने के बाद निवृत होकर व्यायाम करने चाहिए.
सुबह व्यायाम करने का एक अन्य लाभ यह है कि स्वच्छ वातावरण होता है वायु स्वच्छ होता है आरम्भ में थोड़े थोड़े समय से व्यायाम की आदत डालने के बाद धीरे धीरे इसे बढाना चाहिए.
हरेक व्यक्ति को अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक़ व्यायाम का चयन करना चाहिए, नाक से श्वास ले तथा व्यायाम करने के बाद दूध और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए.
व्यायाम से लाभ : मानव का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य को माना गया हैं जो शरीर को शिथिल व मंदबुद्धि बना देता हैं, समय पर कोई कार्य नहीं होता है रक्त संचार और पाचन क्रियाएं सुस्त पड़ जाती हैं. तथा बीमार पड़ने लगता हैं.
व्यायाम आलस्य को दूर कर शरीर में स्फूर्ति का संचार करता हैं रक्त का परिसंचरण सही ढंग से होने लगता है तथा भोजन भी ठीक तरह से पचता हैं इस तरह वह रोगों से दूरी बना लेता हैं.
निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि व्यायाम और स्वास्थ्य का गहरा अंतरसम्बन्ध है नित्य व्यायाम करके व्यक्ति रोगों से छुटकारा पा सकता हैं तथा अपने जीवन को इच्छित ढंग से जी सकता हैं.
- स्वस्थ भारत पर निबंध
- अनुशासन पर भाषण
- बौद्ध धर्म का इतिहास
उम्मीद करता हूँ दोस्तों स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध Health And Exercise Essay In Hindi का यह निबंध पसंद आया होगा, यदि आपकों स्वास्थ्य और योग पर दिया गया शोर्ट निबंध एस्से पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.
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व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi
क्या आप व्यायाम क्यों जरूरी है जानना चाहते हैं? Want to know Benefits of Exercise in Hindi?
जी हां दोस्तों आज हम आपको प्रतिदिन व्यायाम करने के फायदों के बारे में बतायेंगे और साथ ही हम इसके महत्व के विषय में भी बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं…
इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति हर समय किसी न किसी रोग से घिरा ही हुआ है। उन रोगों से बचने के लिए हर कोई व्यक्ति डॉक्टर या चिकित्सक के पास जाता है। परंतु उनमें से सभी डॉक्टर और चिकित्सक उस रोग या बीमारी को तो ठीक कर देते हैं परंतु स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं करता। अपने स्वास्थ्य को अच्छे से रखना का एक ही रास्ता है और वह है व्यायाम।
जो लोग व्यायाम और योग करते हैं वह लोग कभी भी आसानी से बीमार नहीं पड़ते हैं। रोग मात्र दुर्बल शरीर पर आक्रमण करता है और व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा तंदुरुस्त और शक्तिशाली रहता है। इसीलिए बीमारी या रोग से बचने का एकमात्र समाधान है व्यायाम।
प्रतिदिन व्यायाम करने से मनुष्य का मन उत्साहित रहता है और शरीर को शक्ति तथा स्फूर्ति मिलती है। अगर हम व्यायाम की तुलना डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाइयों, विटामिन सिरप और इंजेक्शन के साथ करें तो सब व्यर्थ है।
एक बड़े चिकित्सक का कथन है कि जो डॉक्टर दवाइयों पर ज्यादा भरोसा किए बिना अपने रोगी का स्वास्थ्य सुधार दे वही सबसे बुद्धिमान और अच्छा डॉक्टर कहलाता है। बड़े-बड़े शोधकर्ताओं का कहना है की आज के युग में मनुष्य रोगों से कम और दवाइयों के कारण ज्यादा मर रहे हैं। इस से साफ पता चलता है की मनुष्य को दवाइयों से नहीं व्यायाम और योग जैसी क्रियाएं करके अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाना होगा।
If we could give every individual the right amount of nourishment and exercise, not too little and not too much, we would have found the safest way to health. – Hippocrates
फादर ऑफ मेडिसिन हिप्पोक्रेट्स का कथन था – अगर प्रत्येक व्यक्ति को पोषण और व्यायाम का सही मात्रा दिया जाए, ना थोड़ा ज्यादा ना थोड़ा कम, तो हम यह देखेंगे की यह सबसे सुरक्षित स्वस्थ रहने का रास्ता है।
इस बात में तो थोड़ा भी संदेह नहीं है कि स्वास्थ्य से अनमोल कोई चीज नहीं है। सही प्रकार से व्यायाम करने वाले व्यक्ति का शरीर हृष्ट पुष्ट रहता है तथा मन और मुख हमेशा प्रफुल्लित बना रहता है। व्यायाम करने से पाचन तंत्र सही प्रकार से काम करता है और भूख भी बढ़ाता है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति का मन हमेशा शांत रहता है और उसके मन में सुविचार भी उत्पन्न होते हैं।
It is health that is real wealth and not pieces of gold and silver. – Mahatma Gandhi
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का कथन था – यह स्वास्थ ही है जो असली धन होता है ना की सोना और चांदी। यह बात तो सत्य ही है की अगर मनुष्य के स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो सोना चांदी का वह क्या करेगा?
इस संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने व्यायाम को जीवन का सर्वप्रथम कर्म माना है। यह व्यायाम की ही शक्ति का प्रभाव है की उन महान लोगों ने मनुष्य के हित और देश के विकास के लिए अपना योगदान दिया।
आप कई पुस्तकों में कई प्रकार के व्यायाम के विषय में पढ़ेंगे। परंतु अगर आप ज्यादा दौड़-भाग वाले व्यायाम नहीं कर पाते तो आपके लिए सबसे बेहतरीन व्यायाम का तरीका है योगासन या योग अभ्यास करना। आप शुरुआत में कुछ आसान योगासन करके प्रतिदिन व्यायाम को शुरू कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो दौड़-भाग वाले व्यायाम भी कर सकते हैं।
व्यायाम करने के शुरुआती दिनों में हो सकता है आपको थोड़ा मुश्किल हो परंतु कुछ दिनों बाद कष्ट कम हो जाएंगे और आपको व्यायाम करने के लाभ दिखने लगेंगे। कई प्रकार के व्यायाम के तरीके हैं जिसमें घुड़सवारी, तैरना, चलना, दौड़ना इत्यादि विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
आजकल लोग कई प्रकार के खेल जैसे कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, टेनिस इत्यादि को उत्तम व्यायाम समझते हैं परंतु इन खेलों में एक से अधिक व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है जो की हर समय संभव नहीं है।
व्यायाम भी प्रतिदिन नियम अनुसार और समय पर करना आवश्यक है। यह एक दिन का काम नहीं होता है इसे प्रतिदिन निर्धारित समय के लिए करना बहुत ही आवश्यक होता है। पश्चिमी देशों में है पुरुषों की तरह हैं महिलाएं भी प्रतिदिन व्यायाम करती हैं, परंतु भारत में बहुत कम ही जगह में घर की महिलाएं बाहर निकलकर व्यायाम करती हैं। परंतु इसका यह मतलब नहीं है कि घर की महिलाएं व्यायाम नहीं करती हैं क्योंकि चक्की पीसना, खड़े होकर खाना बनाना, कपड़े धोना, और अन्य घरेलू काम भी तो व्यायाम ही हैं।
धीरे धीरे इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में शरीर के बल के महत्व को लोग भूलते जा रहे हैं। आज के दिन में प्रत्येक कंपनी मैं आधा से ज्यादा काम मशीनें करती हैं जिसके कारण एक तो बेरोजगारी बढ़ रही है और साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ते जा रहा है।
पहले जमाने में कारखानों और कंपनियों में लोग काम किया करते थे जो उनके लिए एक व्यायाम के रूप में काम आता था परंतु आज कंप्यूटर की दुनिया में सारा काम कंप्यूटर ही करता है। जिसके कारण लोग बैठ बैठकर आलसी हो गए हैं और वही कई प्रकार के रोगों का बढ़ावा दे रहा है।
इसीलिए दोस्तों नियमित रूप से व्यायाम करें और अगर अभी तक आपने व्यायाम करना शुरू नहीं किया है तो आज ही व्यायाम करना शुरू करें। बहुत जल्द आप स्वयं में एक सकारात्मक बदलाव पाएंगे और रोगमुक्त जीवन के साथ सफलता प्राप्त करेंगे।
आशा करते हैं व्यायाम के विषय में यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह निबंध अच्छा लगा है तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट में ज़रुर शेयर करें धन्यवाद।
19 thoughts on “व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi”
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व्यायाम और हमारा स्वास्थ्य पर निबंध
व्यायाम और हमारा स्वास्थ्य पर निबंध – essay on exercise and our health in hindi.
हमारा स्वास्थ्य और व्यायाम संसार में मनुष्य अनेक प्रकार के आनंद पाना चाहता है। उसके लिए सुंदर मकान, रुचिकर भोजन और आकर्षक वस्त्रों की इच्छा हमेशा बलवती रहती है। धन की राशि, राजप्रासाद तथा अन्य भौतिक वस्तुएँ उसके सुख के साधन हैं। सभी सुखों का मूल है—शरीर-सुख। सर्वप्रथम शरीर, इसके बाद और कुछ। यदि शरीर स्वस्थ (नीरोग) नहीं तो सारा वैभव व्यर्थ है। स्वास्थ्य का ठीक रहना सब प्रकार की संपत्ति प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। सुख का आधार है— स्वास्थ्य । एक रोगी को राजमहल में भी नींद नहीं आ सकती, परंतु एक स्वस्थ श्रमिक सड़क के किनारे भी गहरी नींद ले लेता है। अत: संसार में सबसे जरूरी है स्वस्थ शरीर होना।
व्यायाम नियमित और निश्चित मात्रा में किया जाना चाहिए। प्राय: व्यायाम के लिए प्रात: अथवा सायंकाल का समय उपयुक्त होता है। स्थान ऐसा हो, जहाँ का वातावरण शुद्ध और खुला हो। बाग-बगीचे, तालाब या नदी किनारे पर व्यायाम करना और भी लाभदायक होता है। व्यायाम करते समय गहरी श्वासें लें। व्यायाम समाप्त करने पर कुछ देर खुली हवा में टहलना चाहिए। व्यायाम की समाप्ति पर तुरंत कोई खाद्य पदार्थ खाना हितकर नहीं है। नियत समय पर नियमित व्यायाम ही शरीर को स्वस्थ बना सकता है।
व्यायाम मनुष्य के दैनिक जीवन का एक आवश्यक कार्य होना चाहिए। व्यायाम करने से शरीर पुष्ट होता है। शरीर के सभी अंग सुडौल और सुंदर बन जाते हैं। मांसपेशियाँ ठीक-ठीक स्थानों पर नियमित हो जाती हैं। जठराग्नि (पाचन-शक्ति) तेज हो जाती है। जो कुछ भोजन किया जाता है, वह शीघ्र पच जाता है। शरीर में स्फूर्ति आती है। आलस्य दूर भागता है। शरीर में हलकापन रहता है। किसी प्रकार के रोग का आक्रमण नहीं होता। शरीर के सभी अंग काम करने के लिए सजग रहते हैं। मन हमेशा प्रसन्न रहता है। व्यायाम मनुष्य के लिए उसी प्रकार सुखदायक है जैसे वर्षा ऋतु में छाता पानी रोकता है। व्यायाम रोगों से हमारी रक्षाकरता है।
प्रत्येक व्यक्ति को व्यायाम करना चाहिए। संसार में आनंद प्रत्येक व्यक्ति चाहता है। आनंद का एकमात्र साधन है स्वास्थ्य का अच्छा रहना। यह स्वास्थ्य तभी ठीक रह सकता है जब नियमित व्यायाम किया जाए। महर्षि चरक का कहना है कि व्यायाम करनेवाले पुरुष के शरीर पर बुढ़ापा जल्दी आक्रमण नहीं कर सकता। व्यायाम की महत्ता का बखान करते हुए किसी कवि ने इसके द्वारा प्राप्त होनेवाले लाभों के बारे में कहा है –
‘‘स्वास्थ्य आयु बल ओज छवि भूख विवर्द्धन काम। रोग हरन मंगल करन, कीजै नित व्यायाम॥’’
- स्वास्थ्य का महत्व पर निबंध
- पुस्तकों का महत्व पर निबंध
- किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध
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- मेरा गाँव निबंध हिं दी
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व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi
इस लेख में हमने व्यायाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Exercise in Hindi) लिखा है। इसमें व्यायाम का अर्थ, प्रकार, महत्व, नियम, लाभ, 10 लाइन के विषय में जानकारी दिया गया है।
तो अगर आप एक्सरसाइज पर हिंदी निबंध की तलाश कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकता है। दिया गया निबंध व्यायाम के सभी जानकारियों को संग्रहित करके तैयार किया गया है जो बेहद ही सरल है।
Table of Contents
प्रस्तावना (व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi)
जिस प्रकार किसी वाहन को सुचारू रूप से चलते रहने के लिए इंधन और रखरखाव की आवश्यकता पड़ती है। उसी प्रकार मनुष्य के शरीर को भी सुचारू रूप से काम करने के लिए व्यायाम की आवश्यकता पड़ती है।
धार्मिक ग्रंथों में भी व्यायाम की एक स्वर में महिमा गाई गई है और इसके अभाव को तमाम तकलीफों को भोगने का कारण बताया गया है।
विकासवाद के इस युग में मनुष्य ने शरीर, मन, बुद्धि और प्रकृति के तरफ से अपना मुंह फेर रखा है जिसके कारण उसे कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
व्यायाम शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक विकास के लिए भी जरूरी होता है। आज लोग हजारों रुपये देकर एक खास जगह पर व्यायाम करने जाते हैं।
जो ज्ञान पहले हर किसी को स्वयमेव ग्रहण करना पड़ता था आज उसके लिए व्यायाम टीचर या योग गुरु को हजारों लाखों रुपए देखकर कुछ घंटों का व्यायाम किया जाता है।
व्यायाम न सिर्फ हमें बाहरी तकलीफों से बचाए रखता है बल्कि शरीर के अंदर के रोगाणुओं, जीवाणुओं का नाश करता है और स्वस्थ और सुडौल शरीर बनाने में सहायता करता है।
और पढ़: पर्यावरण पर निबंध
व्यायाम क्या है? What is Exercise in Hindi?
व्यायाम यह संस्कृत सबसे निकला हुआ शब्द है। जिसका अर्थ होता है शरीर के सभी आयामों (अंग-प्रत्यंगों) को विभिन्न क्रियाओं द्वारा गुजारना जिससे उसका विकास हो।
साधारण अर्थों में शरीर के अंगों को तानना, घुमाना, मोड़ना और अन्य काम जैसे खेलना, कूदना, तैरना यह सभी व्यायाम कहलाते हैं।
व्यायाम को अलग-अलग कारणों के लिए किया जाता है। जैसे कि वजन घटाने के लिए, मजबूती बढ़ाने के लिए, लचीलापन और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए व शरीर तथा मन को शांत करने के लिए इत्यादि।
जितने भी खेल वजूद में हैं उन्हें बनाए जाने के पीछे मनोरंजन और व्यायाम ही मुख्य था। जैसे की कबड्डी, खो खो, ऊंची कूद तथा लंबी कूद जैसे खेलों से शारीरिक मजबूती और स्फूर्ति भी बढ़ती है साथ ही खेल भावना की बढ़ोतरी होती है।
व्यायाम के प्रकार Types of Exercises in Hindi
आज के समय में व्यायाम के लिए विभिन्न मशीनों और उपकरणों की सहायता ली जाती है जिससे व्यायाम की शैली और रूपरेखा दोनों बदल गई है। लेकिन व्यायाम की शुरुआत प्राचीन काल में योग और प्राणायाम से ही हुई थी।
प्राचीन काल से योग और खेल को ही व्यायाम का एकमात्र साधन माना जाता था लेकिन समय के साथ व्यायाम के और भी रूप-प्रतिरूप सामने आते गए जो निम्न है।
व्यायाम के मुख्य प्रकारों में आयसोटोनिक, आयसोमट्रिक ,आयसोमेट्रिक और आयसोटोनिक, एनरोबिक्स (शीघ्र व्यायाम), एरोबिक्स (दमसांस वाले व्यायाम), चलना, खेल इत्यादि को शामिल किया जाता है।
जिन कसरतों में हलचल ज्यादा होती है उसे आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कि साइकल चलाना, तैरना, दौड़ना इत्यादि।
जब शरीर के द्वारा बल लगाकर किसी चीज को उठाया जाता है या धक्का लगाया जाता है जिसमें गतिशीलता नहीं होती है बल्कि ताकत लगती है उसे आइसोमेट्रिक प्रकार का व्यायाम कहते हैं। जैसे जिम में डंबल उठाना इत्यादि
जिस प्रकार के व्यायाम में गतिशीलता के साथ वजन उठाने को भी शामिल किया जाता है उसे आइसोटोनिक तथा आइसोमेट्रिक मिक्स प्रकार का व्यायाम कहते हैं।
ऐसे प्रकार के व्यायाम को एक निश्चित अंतराल पर किया जाता है उसे एनरोबिक्स प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कबड्डी, 200 मीटर रेस इत्यादि।
जिन व्यायाम में शरीर की तनन क्षमता, मजबूती और गतिशीलता तीनों का उपयोग होता है उसे एरोबिक्स कहते हैं। कुछ खास प्रकार के व्यायाम के साथ तेज दौड़ना, ऊंची कूद, लंबी कूद, टेनिस जैसे खेलों को इनमें शामिल किया जाता है।
व्यायाम का महत्व Importance of Exercise in Hindi
सुबह होते ही गाय तथा भैंसों के बच्चे व अन्य जानवर उत्साह पूर्वक उछलने कूदने लगते हैं क्योंकि प्रकृति ने हर एक जीव जंतु के लिए एक ही नियम को बनाया है।
पशुओं के जीवन के मुकाबले इंसानों का जीवन सुख सुविधाओं वाला होता है इसलिए व्यायाम का महत्व इंसानों के लिए सबसे ज्यादा होता है।
व्यायाम करने से शरीर को पर्याप्त कसरत मिलता है इसके कारण शरीर के आंतरिक अंग सुचारू रूप से कार्य कर पाते हैं। एक बार आंतरिक अंग स्वस्थ रुप से कार्य करने लगते हैं तो मन स्वतः शांत और स्वस्थ हो जाता है।
शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाने के लिए व्यायाम को सर्वोपरि माना जाता है व्यायाम के कारण बाहरी रोगाणुओं- जीवाणुओं का शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
बड़े से बड़ा चिकित्सक व्यायाम को सबके लिए सर्वोपरि मानता है। इसलिए ही वह अपने सभी मरीजों को व्यायाम जरूर करने की सलाह देता है।
जो बच्चे व्यायाम और खेलकूद में रुचि रखते हैं उनका जीवन व्यायाम न करने वाले बच्चों से बेहतर देखा गया है।
व्यायाम के नियम Rule of Exercise in Hindi
किसी भी चीज से सटीक लाभ लेने के लिए उसके नियमों का पालन करना पड़ता है तथा सावधानियों की समझ भी रखनी होती है। व्यायाम करने के भी कई नियम हैं इसे अगर नजरअंदाज किया जाए तो शारीरिक व मानसिक कष्ट भुगतना पड़ सकता है।
कसरत को करने के लिए प्रातः काल का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। व्यायाम करने से पहले शौच आदि से निवृत हो लेना एक अच्छी आदत मानी जाती है।
व्यायाम के पहले नियम के अनुसार यह कभी भी खाली पेट या खाने के कम से कम 3 घंटे बाद किया जाना चाहिए व आधे घंटे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिया जा सकता है।
खुले और हवादार जगहों का प्रयोग व्यायाम करने के लिए किया जाता है क्योंकि इस समय सांसे और शारीरिक तापमान अधिक रफ्तार से चढ़ते और उतरते रहते हैं।
किसी भी प्रकार के कठिन या सरल व्यायाम करने से पहले शरीर की मांसपेशियों को तान कर ढीला करना चाहिए ताकि एकाएक व्यायाम से उन्हें कोई हानि न हो।
जिन्हें कोई भी शारीरिक और मानसिक व्याधि हो उन्हें व्यायाम करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।
व्यायाम से लाभ Benefits of Exercise in Hindi
व्यायाम से शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है जिसके कारण अन्य कामों में ध्यान अच्छे से लग पाता है। इसके सबसे बड़े लाभ के रूप में रोग प्रतिकारक क्षमता की बढ़ोतरी है जीसके कारण शरीर स्वस्थ रहता है।
आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम से हर किसी को कई लाभ होते हैं जैसे कि स्टैमिना का बढ़ना, चेहरे पर निखार आना, रक्त का साफ होना इत्यादि।
योग तथा प्राणायाम करने से हर प्रकार की आधी व्याधि दूर होती है। लंबाई बढ़ाने के लिए ताड़ासन जैसे योग को सर्वोपरि माना जाता है।
प्राणायाम के रूप में अनुलोम विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर और मन को अनेकों लाभ होते हैं जैसे एकाग्रता का बढ़ना, विचारों का शांत होना, चिंता का कम होना और आध्यात्मिक उन्नति करना इत्यादि।
व्यायाम पर 10 लाइन Best 10 Lines on Exercise in Hindi
नीचे पढ़ें व्यायाम पर 10 लाइन-
- कसरत से शरीर में काफी ऊर्जा निकल कर गर्मी पैदा होती है। यह गर्मी पसीना और प्रश्वास के माध्यम से शरीर शुद्ध करती है।
- वह कार्य जिससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा बल मिलता है, उसे व्यायाम कहते हैं।
- व्यायाम कई प्रकार के होते हैं- दण्ड बैठक करना, प्रातः भ्रमण, दौड़ना, रस्सी कूदना, योगासन करना आदि।
- ऐसे व्यायाम नहीं करने चाहिएँ जिन्हें हमारा शरीर स्वीकार न करता हो।
- व्यायाम करने से पाचन क्रिया भी ठीक रहती है व भूख समय पर लगती है।
- व्यायाम करने से हाथ-पैर और शरीर के अन्य अंग बलिष्ठ हो जाते हैं। शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाती है।
- जो विद्यार्थी व्यायाम नहीं करते, उनका शरीर बेडौल हो जाता है
- प्रात:काल की खुली वायु में व्यायाम करना सर्वोत्तम होता है।
- व्यायाम का चुनाव करते समय व्यक्ति को अपनी आयु, क्षमता तथा शरीर को विशेषताओं का ध्यान में रखना चाहिए।
- बच्चों की लंबाई को बढ़ाने के लिए ताड़ासन जैसे योग को सर्वोपरि माना जाता है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने व्यायाम पर निबंध (Essay on the Exercise in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको जानकारी से भरपूर लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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व्यायाम और फिटनेस
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व्यायाम और फिटनेस - Exercise and Fitness in Hindi
वयस्कों के लिए एक्सरसाइज -Exercise for adults
हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की मध्यम एरोबिक व्यायाम (aerobic exercise) करें, जैसे तेज चलना या 75 मिनट का कठोर व्यायाम (brisk walking aerobic exercise)आदि करें । प्रत्येक सत्र में कम से कम 10 मिनट तक व्यायाम को छोटे सत्रों में करें।
सप्ताह में कम से कम दो दिन करें स्ट्रेंथ-ट्रेनिंग -Strength training exercises
सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों जैसे कि पैरों, कूल्हों, पीठ, पेट, छाती, कंधों और बाजुओं को मजबूत बनाने के लिए स्ट्रेंथ-ट्रेनिंग (Strength training)करें। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में वेट लिफ्टिंग (weightlifting benefits) शामिल हो सकती है, रेसिस्टेंस बैंड्स (resistance bands benefits)का इस्तेमाल किया जा सकता है या पुश-अप्स और सिट-अप्स (push ups and sit-ups benefits)जैसी एक्सरसाइज भी की जा सकती हैं, जिसमें आपके शरीर का वजन रेजिस्टेंस को कम करता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए-Exercise in pregnancy
अधिकांश गर्भवती महिलाओं के लिए एरोबिक व्यायाम (aerobic exercise in pregnancy)के दिशानिर्देश सुरक्षित माने जाते हैं। सीडीसी महिलाओं के स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (exercises to avoid during pregnancy) के लिए कोई सिफारिश नहीं करता है। साथ ही अपने डॉक्टर के साथ अपनी व्यायाम योजना की समीक्षा करें।
बच्चों के लिए-exercise for children at home
एक्सरसाइज के फायदे -Benefits of daily exercise in hindi
1. व्यायाम वजन को नियंत्रित करता है -Exercise for Weight loss in hindi
2. हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है- Exercise for High BP in Hindi
3. दिल को स्वस्थ रखता है- Exercise for healthy heart in hindi
4.स्ट्रेस कम करता है-Exercise for stress relief
5. व्यायाम बेहतर नींद को बढ़ावा देता है- Exercises for sleep
रोजाना करें ये 10 एक्सरसाइज -10 Daily Exercise
1.पुश अप्स के फायदे (Pushups)
2. पुल अप्स (Pull-Up Exercise)
3. लंजेस Exercise (Lunges exercise)
4.स्क्वॉट (Squat exercise)
5. प्लैंक्स (Plank exercise)
6.ब्रिज एक्सरसाइज (Bridge exercise)
7. सुपरमैन एक्सरसाइज (Superman exercise)
8.कॉल्फ रेसेस (Calf Raises)
9.स्किपिंग और जंपिंग जैक्स (Skipping rope and jumping jacks)
10.मांउटन क्लाइंबर्स (Mountain climbing exercise)
11. रनिंग (Running)
इस तरह से व्यायाम और फिटनेस (Exercise and Fitness in Hindi) की इस कैटेगरी में आप स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न परेशानियों के लिए व्यायामों के बारे में जानेंगे, साथ ही आप एक्सपर्ट से एक्सरसाइज करने के तरीके और अलग-अलग वर्कआउट के फायदों को भी जान सकते हैं। तो पढ़ते रहिए हमारी इस फिटनेस कैटेगरी को और स्वस्थ रहिए।
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ESSAY KI DUNIYA
HINDI ESSAYS & TOPICS
Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध
September 13, 2017 by essaykiduniya
Here you will get Paragraph & Short Essay on Exercise in Hindi Language for Students of all classes in 200, 300, 400 and 500 words. Essay on Benefits of Exercise in Hindi Language. Importance of exercise in Hindi Language. सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में व्यायाम के लाभ पर निबंध।
Short Essay On Exercise In Hindi Language – व्यायाम पर निबंध ( 200 words )
व्यायाम स्वस्थ रहने के लिए बहुत ही जरूरी है और यह बिमारियों से दुर रहने का एकमात्र साधन है। दवाई किसी भी बिमारी को खत्म करती है पर व्यक्ति को स्वस्थ नहीं रखती है। हमें हमारी दिनचर्या में व्यायाम को जोड़ना चाहिए और नियमित रूप से निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से हमें अनेकों साभ है। यह हमें स्वस्थ, तंदुरूस्त और चुस्त रखता है। व्यायाम करने से व्यक्ति का मन उत्साहित और प्रसन्न रहता है। व्यायाम हमारा मोटापा कम करता है और हमारी माँस पेशियों को मजबूत रखता है। व्यायाम करने से रक्त संचार बना रहता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है।
व्यायाम करना आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति बिमारियों से घिरा रहता है। व्यायाम हमारे शरीर में रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है और यह स्वस्थ रहने का सबसे सस्ता और सरल उपाय है। व्यायाम करने से हमें ताजगी का अनुभव होता है और हम मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं। व्यायाम हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है और हम सबको इसे अपनाना चाहिए। व्यायाम और योग हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं।
Vyayam Ke Labh – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध ( 300 words )
भूमिका- स्वास्थय मनुष्य का सबसे बड़ा धन है और आज के समय में बहुत से लोग अस्वस्थ है क्योंकि वह अपने स्वास्थय पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की आवश्यकता है क्योंकि व्यायाम करके ही हम खुद को खुश और तंदुरूस्त रख सकते हैं। डॉक्टर भी व्यक्ति को व्यायाम करने की सलाह देते है क्योंकि दवाई केवल बिमारी को खत्म करती है जबकि व्यायाम हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
व्यायाम के प्रकार- हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए। हम तरह तरह के व्यायाम कर सकते हैं जैसे सुबह सुबह टहलना, साईकिल चलाना, योगा करना। यदि हम कोई ऐसा कार्य करते हैं जिसमें हमारा बल लगता है वह भी एक तरह का व्यायाम ही है।
व्यायाम के फायदे- व्यायाम किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। व्यायाम व्यक्ति की माँस पेशियों को ठीक रखता है और रक्त का संचार भी सही रहता है। व्यायाम से हमारे जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। रक्तचाप और मधुमेह की समस्या से निजात मिलती है और पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। व्यायाम करने से शरीर में फूर्ति आती है और व्यक्ति को पूरा दिन ताजगी अनुभव होती है। व्यायाम करने वाला व्यक्ति पूरा दिन प्रसन्न रहता है।
निष्कर्ष- व्यायाम हर स्वस्थ जीवन की जरुरत है। व्यायाम के माध्यम से ही कोई भी व्यक्ति तंदुरूस्त और स्वस्थ बन सकता है। जो व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करता है बिमारी उस पर कभी भी आक्रमण नहीं कर पाती है और वह हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहता है। हमें रोज निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए और जीवन को स्वस्थ बनाना चाहिए। व्यायाम करने से मन उत्साहित रहता है और यह रोगों से बचने का एकमात्र समाधान है।
Importance of Exercise in Hindi – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध (400 Words)
व्यायाम से शरीर स्वस्थ, बलवान, चुस्त और फूर्तिला बन जाता है। आज का युग विज्ञान तथा गति का युग है। क्या शहर, क्या गाँव- सब तरफ़ दोड़- सी लगी हुई है। पढ़ना- लिखना, घर का काम, सामान ख़रीदना, दुकान या दफ़्तर का काम करना- बस, इन्हीं में दिन निकल जाता है। इस हड़बड़ी में अपने शरीर का ध्यान किसे रहता है ? किसे फ़ुरसत है कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखे ? होश तब अत है जब मनुष्य बीमार होकर चारपाई पर पड़ जाता है।
शरीर को स्वस्थ और तंडरुसत रखना रखना आज एक समस्या बन गया है। लोग कहते हैं – “हमारे पास व्यायाम का समय कहाँ है ?” परन्तु ध्यान रहे – स्वास्थ्य और सौन्दर्य एक बार बिगड़ जाए, तो उसे ठीक करना कठिन हो जाता है। शरीर सुडौल रहे, सुन्दर रहे, जवानी जैसी उमंग क़ायम रहे – यह मनुष्य के वश में है। प्रतिदिन आधे घंटे व्यायाम करके इसका कमाल देखा जा सकता है।
मनुष्य की महान सम्पत्ति उसका स्वास्थ होता ही होता है। व्यायाम का उद्देश्य आपको पहलवान बनाना नहीं है। इसका उद्देश्य है – आपके शरीर को रोगों से बचाना – चुस्त – दुरुस्त और फ़ुर्तिला बनाना – शरीर को सुडौल और सुन्दर बनाना – तरूणई और जवानी के उत्साह को बढ़ाना। व्यायाम करने से शरीर हल्का, चुस्त और निरोग रहता है। शरीर में काम करने की शक्ति बढ़ती है।
व्यायाम योजना वही ठीक है जो शरीर को चुस्त और फ़ुर्तिला बनाते पर ज़ोर दे, ताकि आपको व्यायाम के बाद सुस्ती न हो, दिन में नींद न आए। बल्कि आपके दिन – भर के कामों को आप चूसती – फुर्ती और उत्साह से करें। इसलिए जिन व्यायामों से शरीर पर भोझ नहीं पड़ता, देह की कार्य – शक्ति में कमी नहीं आती, बल्कि व्रिदिध होती है, वे ही व्यायाम लाभकारी हैं।
हम व्यायाम क्यों अपनाएँ ? विज्ञानिक खोजों से सिद्ध हो चुका है की स्वस्थ शरीर वाला मनुष्य ही काम और दोड़ – धूप में होने वाली थकावट को सहन कर सकता है। वह दूसरों की अपेक्षा अधिकाधिक काम कर सकता है, क्योंकि उसकी सहन- शक्ति अधिक होती है। वह शरीर पर पड़ने वाले ज़ोर और दबाव को सहन करने में समर्थ होता है। स्वस्थ शरीर वाले का हृदय अधिक चुस्त होता है। उसका मस्तिष्क चुस्त, चोकन्ना और सक्रिय होता है। स्वस्थ शरीर की नाड़ियाँ – दिन – भर की दोड़ – धूप और हाय – तोबा के तनाव को सहज ही सह लेती हैं। लेकिन अगर शरीर में किसी तरह की कमज़ोरी हो तो वह इस तनाव को नहीं सह पाता।
Essay on Exercise in Hindi Language – व्यायाम पर निबंध (500 Words)
स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ न होगा तो मनुष्य के पास कितनी भी सम्पत्ति क्यों न हो वह उसका आनन्द नहीं ले सकता। इसलिए मनुष्य का सबसे पहला कर्त्तव्य तो अपना स्वास्थ्य ठीक रखना है । स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा को ” निवास होता है। रोगी व्यक्ति तो जीवन में चिड़चिड़ा हो जाता है। वह न कहीं घूम सकता है और न ही किसी सांसारिक वस्तु का आनन्द ले सकता है। शरीर को स्वस्थ रखने का एकमात्र साधन व्यायाम है। जिस प्रकार काम न लेने के कारण मशीन को जंग लग जाता है। और वह काम नहीं करती, ठीक इसी प्रकार शरीर भी व्यायाम के बिना रोगी और निकम्मा हो जाता है । इसलिए नियमानुसार व्यायाम करना बड़ा ज़रूरी है। यहां इस बात का भी ध्यान रहे कि व्यायाम के साथ पौष्टिक भोजन होना भी ज़रूरी है।
आयु के अनुसार व्यायाम का रूप भी बदलता रहता है। सबसे अच्छा व्यायाम तो दोनों समय लम्बी सैर करना है। बूढ़े लोगों के लिए तो यह सर्वोत्तम व्यायाम है। प्रातःकालीन स्वच्छ वायु के सेवन से शरीर नीरोग होता है। युवाओं और बच्चों के लिए खेल-कूद और दौड़ना व्यायाम के सुन्दर ढंग हैं। पुराने ज़माने में दण्ड निकालना, बैठकें निकालना आदि व्यायाम के प्रसिद्ध साधन थे । रस्सी लेकर कूदना लड़कियों के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है। ग्रामों में औरतों के कार्यों में प्रतिदिन चक्की पीसना, कुओं से पानी भरना आदि भी व्यायाम के साधन थे। हाकी, फुटबाल, कबड्डी, खो-खो आदि खेल भी व्यायाम के बड़े सुन्दर साधन हैं। भारत में आजकल योगाभ्यास बहुत प्रचलित हो गया है।
योग का सीधा सम्बन्ध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है। इसमें अनेक प्रकार के आसन दिए गए हैं। प्रत्येक आसन का सम्बन्ध शरीर के अलग-अलग अगों से है। योग के शिक्षकों का तो यहां तक कहना है कि योग के माध्यम से शरीर का ऐसा कोई भी रोग नहीं रहता जिसको दूर न किया जा सके। उनके अनसार योगाभ्यास करने वाले के पास तो रोग फटकते तक नहीं।
दुर्भाग्य की बात है कि आज के विज्ञान ने सभी को आलसी बना दिया है। व्यायाम करना तो एक ओर रहा, आज के बच्चे प्रातः उठना भी उचित नहीं समझते । 8-9 बजे तक सोये रहना तो आज का फैशन हो गया है। यही कारण है कि आजकल के बालक-बालिकाओं के शरीर बड़े दुबले पतले रहते हैं । कद छोटे-छोटे हैं। ये लोग शीघ्र ही रोग-ग्रस्त हो जाते हैं। व्यायाम करने के कई लाभ हैं। सब से बड़ा लाभ तो यह है कि शरीर स्वस्थ रहता है। इससे मन प्रसन्न रहता है। सांसारिक सुखों को आनन्द के साथ भोग सकता है। मानव-बुद्धि तीब्र होती है। मनुष्य का खाना अच्छी प्रकार पच जाता है। शरीर पर से अनावश्यक चर्बी उतर जाती है, मोटापे से छुटकारा पाना अनेक रोग से मुवित प्राप्त करना है। तभी तो कहा है व्यायाम को अपनाओ डाक्टर को भगाओ। इसीलिए हमें प्रतिदिन , नियमपूर्वक व्यायाम अवश्य करना चाहिए। व्यायाम से शरीर के व्यर्थ मल नष्ट हो जाते हैं, मोटापा घटता है , शरीर सुदोग बनता है। चूसती – फुर्ती आने से कार्य – शक्ति बढ़ती है।
हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Exercise in Hindi – व्यायाम पर निबंध ) को पसंद करेंगे।
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Health and Fitness Essay In Hindi – स्वास्थ्य और स्वास्थ्य निबंध हिंदी में
स्वास्थ्य और फिटनेस
(Health and Fitness Essay In Hindi)स्वास्थ्य और फिटनेस शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रहने की स्थिति है। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से व्यक्ति के स्वास्थ्य और फिटनेस में सुधार हो सकता है। हम स्वास्थ्य को किसी व्यक्ति के पूर्ण मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति के रूप में परिभाषित कर सकते हैं। यह केवल बीमारी, बीमारियों या दुर्बलता की अनुपस्थिति नहीं है। हम किसी भी व्यक्ति की फिटनेस को पर्यावरण की मांगों को पूरा करने की क्षमता के रूप में परिभाषित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य और फिटनेस कैसे बनाए रखें
यदि हम नियमित रूप से निम्नलिखित का पालन करते हैं तो हमें स्वस्थ और फिट रखने के कई तरीके हैं:
- हमें अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय निकालकर नियमित रूप से दैनिक शारीरिक व्यायाम में शामिल होना चाहिए। दैनिक आधार पर ३० से ६० मिनट का व्यायाम या सप्ताह में ५ से ६ बार किसी को भी फिट रहने के लिए आदर्श है।
- एक व्यक्ति को स्वस्थ और फिट रहने के लिए सही मात्रा में और सही समय पर स्वस्थ और स्वच्छ भोजन बहुत आवश्यक है। उच्च फाइबर, कम वसा, उच्च प्रोटीन और विटामिन और खनिजों के समृद्ध स्रोत के साथ स्वस्थ पोषण अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है।
- तंदुरूस्त और स्वस्थ रहने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छी नींद का पैटर्न बहुत जरूरी है। हमें अपनी दिनचर्या में एक अनुशासन बनाए रखने और अच्छी नींद के पैटर्न पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो सही समय पर शुरू और समाप्त होना चाहिए। हर रात आठ घंटे की अच्छी नींद लेने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है और हृदय रोगों को रोकने में मदद मिलती है और साथ ही मूड में सुधार होता है। अपर्याप्त नींद पैटर्न नींद विकारों और विभिन्न मानसिक विकारों की ओर ले जाता है।
स्वास्थ्य और फिटनेस का महत्व
स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो बहुत खुशी और शांति से स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं। एक स्वस्थ और तंदुरूस्त व्यक्ति ही जीवन को उसकी पूर्ण सीमा तक जीने में सक्षम होता है। हम एक व्यक्ति को स्वस्थ और फिट कह सकते हैं यदि वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ लोग चिकित्सा स्थितियों के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं। किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य और फिटनेस इसमें मदद करता है:
- बीमारियों के जोखिम को कम करता है (उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कोरोनरी हृदय रोग, पेट का कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, मोटापा, स्ट्रोक, स्तन कैंसर, आदि)।
- उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बेहतर महसूस कराएं।
- उनके आत्मविश्वास के स्तर में सुधार करता है।
- चोटों को जल्दी ठीक करता है।
- जीवन में वर्षों को जोड़कर लंबे समय तक जीने में मदद करता है।
- तनाव कम करता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- चिंता के स्तर, तनाव और अवसाद की भावनाओं को कम करता है।
निष्कर्ष : सभी आयु वर्ग के लोगों विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए नियमित शारीरिक गतिविधियां और नियमित व्यायाम बहुत आवश्यक है। स्वास्थ्य और फिटनेस जीवन में खुशी लाता है और व्यक्ति को तनाव मुक्त और रोग मुक्त जीवन जीने में मदद करता है।
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व्यायाम का महत्व निबंध – Importance Of Exercise Essay In Hindi
व्यायाम का महत्व निबंध – essay on importance of exercise in hindi.
संकेत बिंदु –
- पुरुषार्थ प्राप्ति के लिए आवश्यक
- व्यायाम के लाभ
- व्यायाम का उचित समय
- ध्यान रखने योग्य बातें
व्यायाम एक-लाभ अनेक (Vyayam Ek-Labh Anek) – Exercise – Many Benefits
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
भूमिका – गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है- ‘बड़े भाग मानुष तन पावा’ अर्थात् मानव शरीर बड़ी किस्मत से मिलता है। इस शरीर से सुख-सुविधाओं का आनंद उठाने के लिए इसका स्वस्थ एवं नीरोग होना अत्यावश्यक है। यूँ तो स्वस्थ शरीर पाने के कई तरीके हो सकते हैं पर व्यायाम उनमें सर्वोत्तम है।
पुरुषार्थ प्राप्ति के लिए आवश्यक – मानव जीवन के चार पुरुषार्थ माने जाते हैं। ये हैं-धर्म अर्थ, काम और मोक्ष। इन्हें पाने का साधन है- स्वास्थ्य। अर्थात् यदि मनुष्य का जीवन नीरोग है तभी इन पुरुषार्थों के माध्यम से जीवन को सफल बनाया जा सकता है। रोगी और अस्वस्थ व्यक्ति न तो धर्मचिंतन कर सकता है और न उद्यम करके धनोपार्जन कर सकता है, न वह काम की प्राप्ति कर सकता है और न मोक्ष की प्राप्ति। अतः उत्तम स्वास्थ्य की ज़रूरत निस्संदेह है और उत्तम स्वास्थ्य पाने का सर्वोत्तम साधन हैव्यायाम। वास्तव में व्यायाम स्वास्थ्य का मूलमंत्र है।
व्यायाम के लाभ – उत्तम स्वास्थ्य के लिए संतुलित पौष्टिक भोजन शुद्ध जलवायु, संयमित जीवन, स्वच्छता आदि आवश्यक है, परंतु इनमें सर्वोपरि है-व्यायाम। व्यायाम के अभाव में पौष्टिक भोजन पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो पाता है।
व्यायाम में चिरयौवन पाने का राज छिपा है। जो व्यक्ति नियमित व्यायाम करता है, बुढ़ापा उसके निकट नहीं आता है। इससे उसका शरीर ऊर्जावान बना रहता है और लंबे समय तक चेहरे या शरीर पर झुर्रियाँ नहीं पड़ती हैं। व्यायाम हमारे शरीर की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। सही ढंग से पचा भोजन ही रक्त, मज्जा, माँस आदि में परिवर्तित हो पाता है। व्यायाम हमारे शरीर कर रक्त संचार भी ठीक रखता है। इससे शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य भी उत्तम बनता है। इसके अलावा शरीर सुगठित, फुरतीला, लचीला और सुंदर बनता है।
व्यायाम का उचित समय – व्यायाम करने का सर्वोत्तम समय प्रातः काल है। इस समय पूरब की लालिमा शरीर में नवोत्साह भर देती है। इससे मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस समय बहने वाली शीतल मंद हवा चित्त को प्रसन्न कर देती है और शरीर को ऊर्जा से भर देती है। पक्षियों का कलख कुछ-कहकर हमें व्यायाम करने की प्रेरणा देता हुआ प्रतीत होता है। इस समय शौच आदि से निवृत्त होकर बिना कुछ खाए व्यायाम करना चाहिए। ऋतु और मौसम को ध्यान में रखकर शरीर पर सरसों के तेल की मालिश व्यायाम से पूर्व करना अच्छा रहता है। दोपहर या तेज़ धूप में व्यायाम से बचना चाहिए। यदि किसी कारण सवेरे समय न मिले तो शाम को व्यायाम करना चाहिए।
ध्यान देने योग्य बातें – व्यायाम करते समय कुछ बाते अवश्य ध्यान में रखना चाहिए। व्यायाम इस तरह करना चाहिए कि शरीर के सभी अंगों का सही ढंग से व्यायाम हो। शरीर के कुछ अंगों पर ही ज़ोर पड़ने से वे पुष्ट हो जाते हैं परंतु अन्य अंग कमजोर रह जाते हैं। इससे शरीर बेडौल हो जाता है। व्यायाम करते समय श्वास फूलने पर व्यायाम बंद कर देना चाहिए, अन्यथा शरीर की नसें टेढ़ी होने का डर रहता है। व्यायाम करते समय सदा नाक से साँस लेनी चाहिए, मुँह से कदापि नहीं। व्यायाम करने के तुरंत उपरांत कभी नहाना नहीं चाहिए। इसके अलावा व्यायाम ऐसी जगह पर करना चाहिए जहाँ पर्याप्त वायु और प्रकाश हो। व्यायाम की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए अन्यथा अगले दिन व्यायाम करने की इच्छा नहीं होगी।
उपसंहार – व्यायाम उत्तम स्वास्थ्य पाने की मुफ़्त औषधि है। इसके लिए बस इच्छाशक्ति और लगन की आवश्यकता होती है। हमें सवेरे देर तक सोने की आदत छोड़कर प्रतिदिन व्यायाम अवश्य करना चाहिए।
व्यायाम से होने वाले 10 सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभ – 10 benefits of exercise in Hindi
एक्सरसाइज करने के 10 फायदे: एक स्वस्थ शरीर संतुलित आहार और व्यायाम का एक संयोजन होता है। हम भोजन के मामले में सतर्क हैं लेकिन एक्सरसाइज और शारीरिक श्रम के मामले लापरवाही करते हैं। लेकिन भोजन की तरह, व्यायाम को भी नियमित रूप से किया जाना चाहिए। व्यायाम शरीर को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है और साथ ही हमें स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। आइये व्यायाम से होने वाले 10 सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभों (10 benefits of exercise in Hindi) को जानते हैं।
विभिन्न चीजों के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम हैं। कुछ शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए होते हैं और कुछ स्वस्थ और निरोगी होने में सहायक होते हैं। योग के रूप में किए गए व्यायाम बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं।
एक्सरसाइज करने के 10 फायदे – 10 benefits of exercise in Hindi
यदि आप एक्सरसाइज से होने वाले फायदों को नहीं जानते हैं तो आज हम आपको व्यायाम से होने वाले 10 सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभ (10 benefits of exercise in Hindi) के बारे में बताने जा रहे है जिससे आप इनके महत्त्व को समझ जायेगें।
बौद्धिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना
नियमित रूप से 30-45 मिनट तक व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह आपके मूड को सही करने में भी मदद करता है। एक्सरसाइज करने से नई तंत्रिका कोशिकाएँ बनती हैं, जो अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियों को दूर रखती हैं। डिमेंशिया जैसे लक्षण जो की ओल्ड ऐज में विकसित होते हैं, उनसे भी हर दिन व्यायाम कर बचा जा सकता है।
चिंताओं का दूर होना
व्यायाम से मिलने वाली शांति की निरंतर भावना, मन में घर कर गयी चिंताओं को दूर करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है, एक्सरसाइज दिमाग से समस्याओं को दूर करती है।
जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं वे आसानी से घातक हृदय रोगों से बचे रह सकते हैं। अगर आपके परिवार में किसी को पहले से दिल की बीमारी है, तो एक्सरसाइज और शारीरिक परिश्रम से आप लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
वजन नियन्त्रित रहना
स्वस्थ शरीर के लिए सही वजन बनाए रखना हर किसी के लिए एक सपने जैसा होता है और नियमित व्यायाम से आप शरीर का वांछित वजन प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप पर्याप्त व्यायाम के साथ संतुलित आहार खाते हैं, तो आप आसानी से अतिरिक्त वजन से छुटकारा पा सकते हैं।
ब्लड प्रेशर सामान्य रहना
उच्च रक्तचाप से गुपचुप तरीके से मृत्यु हो सकती है, अपने आप को उच्च रक्तचाप से बचाने के लिए, नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और काम करने वाली मांसपेशियों को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाता है। यह रक्त वाहिकाओं को रिलेक्स करने और रक्तचाप में कमी का कारण बनता है।
डायबिटीज के खतरे को कम करे
एक्सरसाइज करने से न केवल वजन कम होता है, बल्कि उम्र के साथ मोटे लोगों में भी डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। नियमित व्यायाम से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है।
स्टैमिना बढ़ाने में
एक्सरसाइज करने से पसीना आता है और थकावट होती है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम प्राप्त होते हैं जैसे स्टैमिना बढ़ना और मांसपेशियों में थकावट कम होना।
इम्युनिटी मजबूत होना
नियमित व्यायाम से प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) मजबूत होती है और आपको सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा कम होगा।
काम पर एक थके हुए दिन के बाद शारीरिक परिश्रम के कारण बिस्तर पर जाने के बाद, आप एक बच्चे की तरह गहरी नींद में सोयेगें । लेकिन ध्यान रहे कि सोने से तुरंत पहले व्यायाम न करें।
चिरायु होना
नियमित व्यायाम करने से आपके जीवन के कई साल बढ़ जाते हैं और आपका चिरायु होने का सपना सच हो जाता है। व्यायाम न केवल आपके जीवन को लम्बा खींचता है, बल्कि आपको स्वस्थ भी बनाता है।
ये तो थे व्यायाम से होने वाले 10 सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभ (10 benefits of exercise in Hindi) आपको हमारा एक्सरसाइज करने के 10 फायदे का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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Health and Wellness: Yoga Education, Sports, and Fitness in Hindi
As we age, maintaining our health and wellness becomes increasingly important. This includes physical and mental health , healthy eating, exercise, and self-care. In this essay, we will explore the benefits of yoga, sports, and fitness for seniors in the Hindi language.
Namaste! In this article, we will be discussing health and wellness, yoga education, sports, and fitness in Hindi. Today, more and more people are realizing the importance of maintaining a healthy lifestyle, both physically and mentally. Through yoga, sports, and fitness activities, one can attain a healthy body, increase focus and concentration, and improve overall well-being. This article aims to provide an overview of these topics in Hindi language, for better understanding and implementation in daily life. So, let’s dive in and explore the world of health and wellness, yoga education, sports, and fitness in Hindi!
Yoga Education for Senior Health and Wellness
Yoga has been practiced for thousands of years and has numerous benefits for seniors. Yoga can help improve flexibility, balance, and strength, which are essential for maintaining a healthy body. It can also help reduce stress and anxiety, improve sleep, and boost overall well-being.
In Hindi, yoga is known as “योग” or “Yog.” There are many different types of yoga, but some of the most popular for seniors include Hatha, Restorative, and Chair yoga.
Hatha yoga is a gentle form of yoga that focuses on breathing and relaxation techniques. It is a great option for seniors who are new to yoga or have limited mobility. In Hindi, Hatha yoga is known as “हठयोग” or “Hathayog.”
Restorative Yoga
Restorative yoga is a form of yoga that uses props like blankets, bolsters, and blocks to support the body in relaxing postures. It is a great option for seniors who need to reduce stress and anxiety. In Hindi, Restorative yoga is known as “पुनर्वास” or “Punarvas.”
Chair yoga is a form of yoga that can be done while sitting in a chair. It is a great option for seniors who have limited mobility or are recovering from an injury. In Hindi, Chair yoga is known as “चेयर योग” or “Cheyar Yog.”
Sports and Fitness for Senior Health and Wellness
In addition to yoga, sports and fitness activities can also help seniors maintain their health and wellness. Exercise can help improve cardiovascular health, increase strength and flexibility, and prevent chronic diseases like diabetes and heart disease.
In Hindi, sports and fitness are known as “खेल और फिटनेस” or “Khel aur Fitness.” Some popular sports and fitness activities for seniors include swimming, walking, and strength training.
Swimming is a low-impact exercise that is great for seniors who have joint pain or limited mobility. It can help improve cardiovascular health, increase muscle strength, and reduce stress. In Hindi, swimming is known as “तैराकी” or “Tairaki.”
Walking is a simple and effective way for seniors to get exercise. It can help improve cardiovascular health, increase muscle strength, and reduce stress. In Hindi, walking is known as “चलना” or “Chalna.”
Strength Training
Strength training is a form of exercise that uses weights or resistance to build muscle strength. It can help improve bone density, increase muscle mass, and prevent falls. In Hindi, strength training is known as “शक्ति प्रशिक्षण” or “Shakti Prashikshan.”
FAQs: Health and Wellness Yoga Education Sports and Fitness in Hindi
क्या है योगा और कैसे इससे बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है.
योगा एक प्राचीन संस्कृति है जिसे शांति, समन्वय और स्वस्थ जीवन का एक मार्ग माना जाता है। योगा प्रक्रिया नहीं है बल्कि इससे एक स्थित अवस्था के माध्यम से शरीर को संतुलित और ताकतवर बनाना सीखा जाता है, जिससे शारीरिक और मानसिक समता मिलती है। योग अभ्यास से सही श्वास-प्रश्वास और ताकतवर शरीर के लिए विभिन्न आसन जरूरी होते हैं, जो स्वस्थ जीवन के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
क्या योगा सीखने के लिए कोई उम्र रोक होती है?
नहीं, योग में कोई उम्र रोक नहीं होती है। योग को बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी के लिए फायदेमंद माना जाता है। लेकिन, बच्चों और युवाओं के लिए कुछ आसन समझने में थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए उन्हें एक प्रशिक्षक के साथ ही योग का अभ्यास करना चाहिए।
कौन से खेल और फिटनेस एक्सरसाइज हमारे शारीर के लिए सबसे फायदेमंद होते हैं?
जो खेल या एक्सरसाइज हमारे शारीर के लिए सबसे फायदेमंद होते हैं वे निम्नलिखित होते हैं –
- डेली वॉकिंग और रनिंग
- जिम्नास्टिक्स
- पावर लिफ्टिंग
- क्रॉसफिट ट्रेनिंग
ये सभी खेल और एक्सरसाइज हमारे शारीर के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन यदि आप कोई नया खेल खेलना चाहते हैं तो उससे पहले एक डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है।
क्या हम स्वस्थ खानपान के साथ-साथ स्पोर्ट्स और फिटनेस एक्सरसाइज भी कर सकते हैं?
हां, स्वस्थ खानपान और फिटनेस एक्सरसाइज को एक साथ करना बेहतर होता है। स्वस्थ आहार घटाता है अतिरिक्त वजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का, जबकि रेगुलर एक्सरसाइज फिट रहने के लिए जरूरी होता है और मानसिक तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है। इसलिए स्वस्थ भोजन और फिटनेस एक्सरसाइज दोनों को लेकर संतुलित होना आवश्यक होता है।
कैसे हम स्वस्थ रह सकते हैं और फिट रहने के लिए क्या करना चाहिए?
स्वस्थ रहने के लिए और फिट रहने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय हैं –
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक कोई एक्सरसाइज या खेल का अभ्यास करें।
- स्वस्थ खानपान के लिए पर्याप्त फल, सब्जी, ग्रीन टी, दाल और गेहूं के अनाज का आहार लें।
- सही नींद लें, 6 से 8 घंटे की नींद महत्वपूर्ण है।
- तंबाकू और शराब का सेवन कम से कम करें या बिल्कुल न करें।
- सफ़ाई का ध्यान रखें, सभी वस्तुएँ साफ-सफाई रखें।
- आपको हमेशा स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
ये कुछ छोटे से काम होते हैं, जिनसे आप स्वस्थ रह सकते हैं और फिट रह सकते हैं।
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स्वास्थ्य और व्यायाम निबंध। Health and exercise essay in hindi
स्वास्थ्य और व्यायाम निबंध। Health and exercise essay in hindi : मानव-जीवन में स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व है। यदि मनुष्य का शरीर स्वस्थ है तो वह जीवन में अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर सकता है। यह मानव-जीवन की सर्वश्रेष्ठ पूँजी है। ‘एक तन्दुरूस्ती हजार नियामत’ के अनुसार स्वास्थ्य वह सम्पदा है जिसके द्वारा मनुष्य धर्म¸अर्थ¸काम और मोक्ष चारों पुरूषार्थों को प्राप्त कर सकता है। प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य की महत्ता पर बल दिया जाता रहा है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन¸ चिन्तामुक्त जीवन¸ उचित विश्राम और पर्याप्त व्यायाम की आवश्यकता होती है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्यायाम सर्वोत्तम साधन है।
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व्यायाम पर निबन्ध | Essay on Exercise in Hindi
व्यायाम पर निबन्ध | Essay on Exercise in Hindi!
खेलना-कूदना, दौड़ लगाना, उछलना (Jump) आदि हमें बचपन से ही अच्छा लगता है । कहते हैं कि बच्चा जितना उछल-कूद करेगा, उतना ही बढ़ेगा और स्वस्थ (Healthy) भी रहेगा । जीवन में हर काम तभी अच्छा हो सकता है जब हमारा मन और शरीर दोनों स्वस्थ हों । ऐसा तभी हो सकता है जब हम नियमित रूप से (Regularly) व्यायाम करें ।
ADVERTISEMENTS:
व्यायाम कई प्रकार के हो सकते हैं । अपनी उम्र (Age) और शारीरिक गठन (Physique) के अनुसार हम अलग-अलग प्रकार के व्यायाम का चयन (Selection) कर सकते हैं । रस्सी-कूद, उठक-बैठक, ऊँची-कूद, लम्बी-कूद (High Jump-Long Jump), गोला फेंक (Shot-Put), कबड्डी, तैराकी (Swimming), कुश्ती (Wrestling), योगासन आदि अनेक प्रकार के प्रचलित (Traditional) व्यायाम हैं ।
इनमें से अपनी शारीरिक अवस्था और सुवि धा के अनुसार कोई भी व्यायाम चुना जा सकता है । छोटे बच्चों के लिए रस्सी-कूद, ऊँची-कूद और लम्बी कूद, तैराकी और योगाभ्यास लाभकारी (Beneficial) रहता है । इन व्यायामों से उनके शरीर की मांसपेशियाँ (Muscles) हड्डियाँ (Bones) आदि मजबूत (Strong) बनती हैं, रक्त का संचार (Blood Circulation) ठीक रहता है त था फेफड़े (Lungs) स्वस्थ रहते हैं ।
इसी प्रकार वृद्ध व्यक्तियों (Aged persons) के लिए योगासन त था टहलना (Walking) फायदेमंद होते हैं, जबकि युवा (Youth) व्यक्ति के लिए इनमें से किसी भी प्रकार का व्यायाम लाभकारी हो सकता है ।
स्त्री हो या पुरुष, वृद्ध हो या अधेड़, युवा हो या बालक, स भी के लिए व्यायाम लाभकारी होता है । खुले वातावरण (Open Atmosphere) में तथा अच्छे प्रशिक्षक (A Good Trainer) की देखरेख (Supervision) में किया जाने वाला व्यायाम व्यक्ति के शरीर के लिए अमृत के समान होता है । व्यक्ति का मन, उसकी बुद्धि और उसके शरीर के स भी तत्र (Systems) ठीक रहते हैं, जिससे व्यक्ति अधिक समय तक प्रसन्न रहते हुए जीवित रह सकता है ।
4. उपसंहार:
पुराने ग्रन्थों (Epics) मैं कहा गया है कि धन यदि चला जाय तो फिर लौट सकता है या उसके बिना भी मनुष्य जीवित रह सकता है किन्तु स्वास्थ्य (Health) के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक (Purposeless) बन जाता है क्योंकि रोगी (Patient) को न तो कोई भोजन और नही कोई आमोद-प्रमोद (Amusement) खुशकर सकताहै । अत: स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है और इसकी रक्षा के लिए व्यायाम करना आवश्यक है ।
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स्वास्थ्य पर निबंध (Health Essay in Hindi)
स्वास्थ्य एक व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक बेहतरी को संदर्भित करता है। एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हुए तब कहा जाता है जब वह किसी भी शारीरिक बीमारियों, मानसिक तनाव से रहित होता है और अच्छे पारस्परिक संबंधों का मज़ा उठाता है। पिछले कई दशकों में स्वास्थ्य की परिभाषा काफी विकसित हुई है। हालांकि इससे पहले इसे केवल एक व्यक्ति की भौतिक भलाई से जोड़ा जाता था पर अब यह उस स्थिति को संदर्भित करता है जब कोई व्यक्ति अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है, आध्यात्मिक रूप से जागृत है और एक अच्छा सामाजिक जीवन जी रहा है।
स्वास्थ्य पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Health in Hindi, Swasthya par Nibandh Hindi mein)
निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
शास्त्रों में कहा गया है की स्वास्थ्य धन ही सर्वप्रमुख धन है। “आप क्या खा रहे हैं स्वास्थ्य का संबंध केवल इससे नहीं है बल्कि आप क्या सोच रहे हैं और क्या कह रहे हैं स्वास्थ्य का संबंध इससे भी है।”स्वास्थ्य का सम्बन्ध केवल शरीर से ही नहीं बल्कि मन की दृढ़ता से भी है।
अच्छे स्वास्थ्य की परिभाषा
1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने किसी व्यक्ति की संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति को स्वास्थ्य में शामिल किया है न कि केवल बीमारी का अभाव। इसे लंबे समय के लिए अव्यवहारिक मानकर खारिज कर दिया गया था।
1980 में स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लाई गई। इसके तहत स्वास्थ्य को एक संसाधन के रूप में माना गया है।आज एक व्यक्ति को तब स्वस्थ माना जाता है जब वह अच्छा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है।
स्वास्थ्य को बनाए रखने का महत्व
पारिवारिक जीवन में: कोई व्यक्ति जो शारीरिक रूप से अयोग्य है वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकता है। इसी तरह कोई व्यक्ति मानसिक तनाव का सामना कर रहा है और अपनी भावनाओं को संभालने में अक्षम है तो वह परिवार के साथ अच्छे रिश्तों का निर्माण और उनको बढ़ावा नहीं दे सकता है।
अध्ययन में: ख़राब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन में एक बाधा है। अच्छी तरह से अध्ययन करने के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अलावा अच्छा संज्ञानात्मक स्वास्थ्य बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जब आप स्वस्थ होंगे तो आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं की भी देखभाल करने में सक्षम होंगे।मनुष्य को धन और वैभव की ओर अंधी दौड़ को छोड़कर स्वास्थ्य के महत्व को समझने की नितांत आवश्यकता है।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Health in Hindi
निबंध – 2 (400 शब्द)
स्वास्थ्य उस स्थिति का नाम है जब एक व्यक्ति अच्छी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हो, सबसे अच्छे पारस्परिक संबंध हो और आध्यात्मिक रूप से जागृत हो। सेहतमंद जीवन का आनंद लेने के लिए अपने स्वास्थ्य के हर पहलू का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए।
स्वास्थ्य को सुधारने की तकनीक
स्वास्थ्य का सुधार करने में सहायता करने के लिए यहां कुछ सरल तकनीकें दी गई हैं:
- स्वस्थ आहार योजना का पालन करें
अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की ओर पहला कदम विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों से समृद्ध आहार होना है। आपके आहार में विशेष रूप से ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल होनी चाहिए। इसके अलावा दालें, अंडे और डेयरी उत्पाद भी हैं जो आपके समग्र विकास और अनाज में मदद करती हैं जो पूरे दिन चलने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- उचित विश्राम करें
अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने और काम करने के लिए ऊर्जा बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए 8 घंटों के लिए सोना ज़रूरी है। किसी भी मामले में आपको अपनी नींद पर समझौता नहीं करना चाहिए। नींद की कमी आपको सुस्त बना देती है और आपको शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करती है।
आपको अपने पसंद के किसी भी शारीरिक व्यायाम में शामिल होने के लिए अपने दैनिक कार्यक्रम से कम से कम आधे घंटे का समय निकालना चाहिए। आप तेज़ चलना, जॉगिंग, तैराकी, साइकिल चलाना, योग या अपनी पसंद कोई भी अन्य व्यायाम का प्रयास कर सकते हैं। यह आपको शारीरिक रूप से फिट रखता है और अपने दिमाग को आराम देने का एक शानदार तरीका भी है।
- दिमागी खेल खेलें
जैसा कि आप के लिए शारीरिक व्यायाम में शामिल होना महत्वपूर्ण है आपके लिए दिमागी खेल खेलना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ये आपके संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
- ध्यान लगाना
ध्यान आपके मन को शांत करने और आत्मनिरीक्षण करने का एक शानदार तरीका है। यह आपको एक उच्च स्थिति में ले जाता है और आपके विचारों को और अधिक स्पष्टता देता है।
- सकारात्मक लोगों के साथ रहें
सकारात्मक लोगों के साथ रहना आवश्यक है। उन लोगों के साथ रहें जिनके साथ आप स्वस्थ और सार्थक चर्चाओं में शामिल हो सकते हैं तथा जो आपको निराश करने की बजाए आपको बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यह आपके भावनात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
- रूटीन चेक-अप कराते रहें
वार्षिक स्वास्थ्य जांच कराना एक अच्छा विचार है। सावधानी हमेशा इलाज से बेहतर है। इसलिए यदि आप अपनी वार्षिक रिपोर्ट में किसी भी तरह की कमी या किसी भी तरह के मुद्दे को देखते हैं तो आपको तुरंत मेडिकल सहायता प्राप्त करनी चाहिए और इससे पहले कि यह बढ़े इसे ठीक कर लेना चाहिए।
आज के समय में लोग इतने व्यस्त है कि वे अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना भूल जाते हैं। यह समझना आवश्यक है कि स्वास्थ्य सबसे पहले है। स्वास्थ्य को अनुकूलित करने और सेहतमंद रहने के लिए उपर्युक्त बिंदुओं का पालन करना चाहिए।
निबंध – 3 (500 शब्द)
स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है। स्वास्थ्य का महत्व सबसे पहले है और बाकी सब कुछ इसके बाद में आता है। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे हम कैसी हवा में सांस लेते हैं, कैसा पानी पीते हैं, कैसा भोजन खाते हैं, किस तरह के लोगों से हम मिलते हैं और हम कैसा व्यायाम हम करते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य की तरह महत्वपूर्ण है
जहाँ किसी व्यक्ति के प्रारंभिक वर्षों से ही उसको शारीरिक रूप से फिट होने पर बहुत महत्व दिया जाता है वहीँ कई लोग भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत रहने की ज़रूरत और महत्व की अनदेखी करते हैं। यह सही समय है जब लोगों को यह समझना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना और उस दिशा में काम करना कितना महत्वपूर्ण है।
माता-पिता को अक्सर अपने बच्चों के द्वारा खाए जाने वाले भोजन को और उनके शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता के स्तर को बनाए रखने को महत्व देते देखा जा सकता है। कई माताएं अपने बच्चों की खाने की आदतों पर चिंता करती देखी जा सकती है। वे अपने बच्चों को शारीरिक रूप से फिट और ऊर्जावान रखने के लिए अलग-अलग तरीकों का उपयोग करते हुए भोजन करने के लिए मजबूर करते हैं लेकिन हमने शायद ही कभी यह जानने की कोशिश की है बच्चे के मन में क्या चल रहा है। हमें यह समझना चाहिए कि माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को काम करने के लिए निर्देश देते हैं लेकिन इस चीज़ का विश्लेषण करने का प्रयास नहीं करते कि उनका बच्चा क्यों काम करने से बच रहा है या इनकार कर रहा है। बच्चों के साथ समय बिताना और उनकी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने की ही तरह उन्हें खिलाना भी महत्वपूर्ण है।
यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए अच्छा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को उतना महत्व देना चाहिए जितना वह अपने शारीरिक स्वास्थ्य को देता है। इस बात की कमी की वजह से अवसाद, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी समस्याएँ जन्म ले रही हैं।
भारत में हेल्थकेयर
भारत के नागरिकों के लिए कोई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा प्रणाली नहीं है। यही कारण है कि निजी क्षेत्र हमारे देश में मुख्य स्वास्थ्य प्रदाता है। देश में जहाँ-जहाँ पर सरकारी अस्पताल हैं वहां इलाज मुफ़्त किया जाता है और लोगों को मुफ्त दवाइयाँ प्रदान की जाती है पर बहुत से लोग स्वच्छता की कमी के कारण इन अस्पतालों से दूर रहते हैं। इसके अलावा चूंकि ये सेवाएं मुफ्त मुहैया कराई जाती हैं इसलिए यहां लंबी-लंबी लाइन लगती हैं।
सरकार को इन सुविधाओं को बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए और इन्हीं सुविधाओं की तरह और अधिक अस्पताल स्थापित करने चाहिए ताकि प्रत्येक नागरिक की जरूरतों को पूरा किया जा सके। भारत में आम आदमी को स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारी मात्रा में पैसे की आवश्यकता होती है। उनके द्वारा की गई अधिकांश बचत अपने परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करने में खर्च होती है। जो लोग हेल्थकेयर बीमा खरीदते हैं उन्हें भी विभिन्न उपचारों के दौरान पैसे की ज़रूरत होती है क्योंकि इन पॉलिसियों में बहुत कमियां हैं।
जीवन में हर कदम पर प्रतिस्पर्धा होती है। प्रत्येक व्यक्ति दूसरे की बराबरी करना चाहता है चाहे वह स्कूल या कॉलेज स्तर पर हो या जीवन में स्वास्थ्य शैली को बनाए रखनी की हो। लोगों को इस तथ्य को पहचानना चाहिए कि स्वास्थ्य पहले है। हम यह सब तभी कर सकते हैं जब हम स्वस्थ होते हैं और जीवन के अन्य पहलुओं पर बेहतर काम करते हैं। सरकार को देश की भलाई के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ भी प्रदान करनी चाहिए।
निबंध – 4 (600 शब्द)
स्वास्थ्य को शुरू में एक ऐसी स्थिति के रूप में जाना जाता था जिसमें एक व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से फिट था। ख़राब स्वास्थ्य की समस्या तब होती थी जब कोई व्यक्ति बीमार हो जाता या अन्य शारीरिक बीमारियों से पीड़ित हो जाता है। हालांकि समय गुजरने के साथ स्वास्थ्य की परिभाषा में परिवर्तन आया है और अब इसमें एक व्यापक परिप्रेक्ष्य शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य के विभिन्न घटक
मूल रूप से स्वास्थ्य के पांच घटक हैं। एक व्यक्ति को स्वस्थ तब माना जाता है जब ये सभी घटक सही होते हैं। यहां इन घटकों पर एक नजर है:
1. शारीरिक स्वास्थ्य
शारीरिक स्वास्थ्य शारीरिक रूप से फिट होना और सभी बीमारियों से रहित होने से संबंधित है। अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य लंबे जीवन काल को बढ़ावा देता है।
कैसे शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें?
- उचित आहार योजना का पालन करें जिसमें सभी आवश्यक माइक्रोन्यूट्रेंट्स शामिल हो
- तेल, मीठा और जंक फूड की खपत कम करें
- धूम्रपान, शराब पीने और ड्रग्स लेने से बचें
- रोजाना पर्याप्त नींद लें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाएं
2. मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य
इसमें एक व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण भी शामिल है। हमारा मानसिक स्वास्थ्य मूल रूप से, जिस तरह से हम महसूस करते हैं, अलग-अलग परिस्थितियों में सोचते हैं और स्थिति को नियंत्रित करते हैं, आदि को प्रभावित करता है। मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शारीरिक स्वास्थ्य को बरकरार रखना महत्वपूर्ण है।
मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखे?
- अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना
- मूल्य और अपने आप को सम्मान
- अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ रहें
- ध्यान लगायें
- व्यायाम करें
- तनाव से निपटने के तरीके जानें
3. सामाजिक स्वास्थ्य
सामाजिक स्वास्थ्य समाज में अपने दोस्तों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों के साथ पारस्परिक संबंधों को संवारने और बनाए रखने की क्षमता रखता है। यह उचित रूप से कार्य करने और विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए किसी व्यक्ति की क्षमता को दर्शाता है।
सामाजिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखे?
- अपनी छवि को विकसित करें
- प्रभावी रूप से संवाद करने के लिए संचार कौशल सीखना
- मैत्रीपूर्ण और सकारात्मक बनें
- क्रोध प्रबंधन की कला जानें
- सामाजिक समारोहों में भाग लें
- एक अच्छा श्रोता बने
4. संज्ञानात्मक स्वास्थ्य
जब एक व्यक्ति का मस्तिष्क सभी मानसिक प्रक्रियाओं को कुशलता से निष्पादित करता है तो उसे अच्छे संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद लेना कहा जाता है। प्रक्रियाओं और क्रियाकलापों में नई बातें, अच्छे निर्णय, अपनी बात और मजबूत अंतर्ज्ञान संवाद करने के लिए भाषा का कुशल उपयोग करना शामिल है।
संज्ञानात्मक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखे?
- स्वस्थ खाएं
- प्रत्येक दिन 8 घंटे सोएं
- दिमागी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए जड़ी-बूटियां जैसे ब्रह्मी, अश्वगंधा और कैलामस लें
- शतरंज, सुडोकू, शब्द पहेलियाँ आदि जैसे दिमागी खेल खेलें
- अर्थपूर्ण चर्चाओं में शामिल हों
- एक साथ ज्यादा काम ना करें
5. आध्यात्मिक स्वास्थ्य
यह मूल रूप से जीवन के अर्थ को समझने के लिए किसी व्यक्ति को स्वयं के साथ संबंधों की भावना स्थापित करना है। आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बरकरार रखने से एक व्यक्ति अधिक सकारात्मक, जुझारू और सुलझा हुआ बनता है।
आध्यात्मिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखे?
- प्रत्येक दिन कुछ समय आत्म-आत्मनिरीक्षण के लिए निकालें।
- अगर आप सोचते समय ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते तो अपने विचारों को एक डायरी में लिख लें
- गहरी साँस लेने का अभ्यास करें
- योग का अभ्यास करें
- प्रार्थना करें
सांस्कृतिक स्वास्थ्य क्या है ?
यह मूल रूप से एक शिक्षा अनुशासन है जो उचित सांस्कृतिक सूचनाओं के बारे में शिक्षित करता है। यह अंतर-सांस्कृतिक क्षमता को संदर्भित करता है जो प्रभावी सांस्कृतिक संचार स्थापित करने के लिए आवश्यक है।
यह चार श्रेणियों में विभाजित है:
- राष्ट्रीय: यह देश के मूल्यों, सिद्धांतों और हितों के बारे में सांस्कृतिक साक्षरता पर केंद्रित है जो एक व्यक्ति से संबंधित है।
- चिकित्सा: यह चिकित्सा प्रतिनिधियों और संगठनों की सांस्कृतिक क्षमता पर केंद्रित है।
- जातीय: यह सांस्कृतिक साक्षरता पर ध्यान केंद्रित करता है जो एक ऐसे व्यक्ति के मूल्यों, सिद्धांतों और हितों के बारे में है जो उस व्यक्ति से संबंधित है।
- शिक्षा: यह छात्रों और पेशेवरों की सांस्कृतिक साक्षरता पर केंद्रित है। कई स्कूलों ने अपने पाठ्यक्रम में इसे शामिल करना शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य का मतलब केवल आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य नहीं है बल्कि इसके बारे में ऊपर बताए गए विभिन्न तत्व भी इसमें शामिल हैं। जहाँ अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य एक स्वस्थ जीवन के लिए आधार है वहीँ आपको एक स्वस्थ्य जीवन का आनंद लेने के लिए अन्य सभी स्वास्थ्य घटकों को बनाए रखना आवश्यक है।
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स्वास्थ्य पर निबंध 10 lines (Health Essay in Hindi) 100, 200, 250, 300, 500, शब्दों में
Health Essay in Hindi – जीवन उन अनमोल क्षणों के बारे में है जिन्हें हम संजोते हैं, वे यादें जो हमें मुस्कुराती हैं, वे लोग जिनके लिए हम आभारी महसूस करते हैं और वे चीजें जो हमारी आत्मा को प्रभावित करती हैं। जीवन में सबसे कीमती चीजें खरीदी या बेची नहीं जा सकतीं, और वे मूर्त नहीं हैं। स्वास्थ्य उनमें से एक है. यह हर किसी के जीवन की सबसे कीमती चीज़ है जिसे खरीदा नहीं जा सकता लेकिन इसका व्यक्ति के जीवन भर बहुत विविध प्रभाव पड़ता है। स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण घटक है जो किसी भी व्यक्ति की संपूर्ण जीवनशैली को तय करता है। अच्छे और बुरे स्वास्थ्य के प्रभावों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए आज हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
स्वास्थ्य पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Health Essay 10 Lines in Hindi) 100 – 150 Words
- 1) अच्छा स्वास्थ्य पृथ्वी पर हर इंसान की इच्छा है।
- 2) मनुष्य की जीवनशैली में स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- 3) अच्छी जीवनशैली के लिए अच्छा स्वास्थ्य बहुत जरूरी है।
- 4) विटामिन और खनिजों से भरपूर पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- 5) अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- 6) स्वास्थ्य समस्याओं के शीघ्र निदान और उपचार के लिए नियमित जांच महत्वपूर्ण है।
- 7) खराब स्वास्थ्य किसी व्यक्ति को कई शारीरिक, सामाजिक और मानसिक बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है।
- 8) अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना दैनिक दिनचर्या की प्राथमिकता में होना चाहिए।
- 9) धूम्रपान और शराब जैसी बुरी लतें हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
- 10) स्वास्थ्य एक ऐसी चीज़ है जिसे हम पैसे से नहीं खरीद सकते; हमें इस पर लगातार काम करना होगा.
स्वास्थ्य पर निबंध 200 शब्द (Essay On Health 200 words in Hindi)
आम धारणा के विपरीत, स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होना और किसी भी बीमारी से रहित होना नहीं है, बल्कि इसका मतलब किसी व्यक्ति का समग्र कल्याण भी है। इसमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना, स्वस्थ अंतर-व्यक्तिगत संबंध रखना, अच्छा संज्ञानात्मक कौशल रखना और आध्यात्मिक रूप से जागृत होना शामिल है।
स्वस्थ रहना कोई अवस्था नहीं है; यह जीवन का एक तरीका है। यह एक प्रक्रिया है. अपने शारीरिक स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने के लिए आपको प्रतिदिन उचित आहार लेने की आवश्यकता है। आप सप्ताह में दो दिन पौष्टिक आहार नहीं ले सकते और बाकी समय जंक फूड खाकर स्वस्थ बने रह सकते हैं। इसी तरह, आप एक ही दिन में 24 घंटे सो नहीं सकते और अगले तीन दिनों तक जाग नहीं सकते। अच्छे आकार में रहने और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरपूर भरपूर आहार लेने के अलावा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद और दैनिक व्यायाम भी करना चाहिए।
अपने आप को ऐसे लोगों से घेरना भी आवश्यक है जो सकारात्मकता लाते हैं और आपको नीचे खींचने के बजाय आपमें सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय रहने और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा, अपने अंदर झांकना भी जरूरी है। अपनी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए प्रतिदिन कुछ समय अकेले बैठने के लिए निकालें। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्वास्थ्य पर निबंध 250 शब्द (Essay On Health 250 words in Hindi)
स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है जो हमारे पास हो सकती है। यह निर्धारित करता है कि हम दुनिया के साथ कैसे बातचीत करते हैं और अपने जीवन का आनंद कैसे लेते हैं। संतुलित आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना और नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ जीवन शैली जीने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने का प्रयास करें।
शारीरिक मौत
स्वस्थ जीवनशैली जीने में ताजे फल और सब्जियां, कम वसा वाले मांस या मछली, जटिल कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा का संतुलित आहार खाना शामिल है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि हमें वे सभी महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज मिल रहे हैं जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए व्यायाम भी आवश्यक है। बाहर निकलना और पैदल चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना, तैराकी या कोई खेल खेलना जैसी गतिविधियों का आनंद लेना हमारे शरीर को सक्रिय रखने और हमारे दिमाग को सक्रिय रखने का एक शानदार तरीका है।
मानसिक स्वास्थ्य
आजकल मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक महत्वपूर्ण है। भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण की अच्छी समझ होना आवश्यक है। अपनी भावनाओं और आप अंदर से कैसा महसूस कर रहे हैं, इस पर ध्यान देने के लिए समय निकालना आपके मानसिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। योग और ध्यान जैसी गतिविधियों में भाग लेना जो आपको आराम देने में मदद करती हैं, हमारे मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त करने में मदद करने के बेहतरीन तरीके हैं।
स्वस्थ रहने के लिए जीवन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना एक स्वस्थ और संपूर्ण जीवन शैली बनाने के लिए आवश्यक घटक हैं। हमारी शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई का ख्याल रखने से शांतिपूर्ण और पूर्ण जीवन सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
स्वास्थ्य पर निबंध 300 शब्द (Essay On Health 300 words in Hindi)
“स्वास्थ्य सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप क्या खा रहे हैं। यह इस बारे में भी है कि आप क्या सोच रहे हैं और क्या कह रहे हैं।” आमतौर पर, एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद तब कहा जाता है जब वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है। हालाँकि, स्वास्थ्य का इसमें और भी बहुत कुछ है। स्वास्थ्य की आधुनिक परिभाषा में कई अन्य पहलू भी शामिल हैं जिन्हें स्वस्थ जीवन का आनंद लेने के लिए बरकरार रखा जाना चाहिए।
स्वास्थ्य की परिभाषा कैसे विकसित हुई?
प्रारंभ में, स्वास्थ्य का अर्थ केवल शरीर की अच्छी तरह से कार्य करने की क्षमता से था। यह केवल शारीरिक बीमारी या बीमारी के कारण बाधित हुआ था। 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वास्थ्य शब्द को किसी व्यक्ति के समग्र शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण से जोड़ा, न कि केवल बीमारी की अनुपस्थिति से। हालाँकि इस परिभाषा को कुछ लोगों ने स्वीकार किया, लेकिन बड़े पैमाने पर इसकी आलोचना की गई। ऐसा कहा गया था कि स्वास्थ्य की यह परिभाषा अत्यंत व्यापक थी और इसलिए अस्पष्ट लगती थी। काफी समय तक इसे अव्यावहारिक मानकर खारिज कर दिया गया था। 1980 का दशक स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लेकर आया। इसमें स्वास्थ्य को जीवन जीने के लिए एक संसाधन बताया गया, न कि केवल एक राज्य।
आज, एक व्यक्ति स्वस्थ माना जाता है यदि वह अच्छे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है।
स्वास्थ्य बनाए रखने का महत्व
अच्छा स्वास्थ्य जीवन में विभिन्न अन्य कार्यों को पूरा करने का आधार बनता है। यहां बताया गया है कि यह कैसे मदद करता है:
पारिवारिक जीवन: जो व्यक्ति शारीरिक रूप से अयोग्य है वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकता है। इसी तरह, मानसिक तनाव का अनुभव करने वाला और अपनी भावनाओं को संभालने में असमर्थ व्यक्ति अच्छे पारिवारिक संबंधों का निर्माण और प्रचार नहीं कर सकता है।
कार्य: यह कहने की जरूरत नहीं है कि शारीरिक रूप से अयोग्य व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर सकता है। कुशलतापूर्वक कार्य करने के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही आवश्यक है। काम पर पहचान पाने के लिए व्यक्ति को अच्छे सामाजिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का भी आनंद लेना चाहिए।
पढ़ाई: खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पढ़ाई में बाधक है। अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अलावा अच्छा संज्ञानात्मक स्वास्थ्य बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
अपनी सेहत का बेहद ख्याल रखना जरूरी है। जब आप स्वस्थ होंगे तभी आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं की अच्छी देखभाल कर पाएंगे।
स्वास्थ्य पर निबंध 500 शब्द (Essay On Health 500 words in Hindi)
पहले स्वास्थ्य को शरीर के अच्छे से कार्य करने की क्षमता कहा जाता था। हालाँकि, जैसे-जैसे समय विकसित हुआ, स्वास्थ्य की परिभाषा भी विकसित हुई। इस बात पर इतना ज़ोर नहीं दिया जा सकता कि स्वास्थ्य ही प्राथमिक चीज़ है जिसके बाद बाकी सब चीज़ें आती हैं। जब आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखते हैं, तो बाकी सब कुछ ठीक हो जाता है।
इसी तरह, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना कई कारकों पर निर्भर करता है। इसमें आपके द्वारा सांस ली जाने वाली हवा से लेकर उन लोगों के प्रकार तक शामिल हैं जिनके साथ आप अपना समय बिताना चाहते हैं। स्वास्थ्य में बहुत सारे घटक होते हैं जिनका समान महत्व होता है। यदि इनमें से एक की भी कमी हो तो व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ नहीं हो सकता।
अच्छे स्वास्थ्य के घटक
सबसे पहले, हमारा शारीरिक स्वास्थ्य है। इसका मतलब है शारीरिक रूप से फिट रहना और किसी भी प्रकार की बीमारी या बीमारी का न होना। जब आपका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होगा, तो आपकी आयु लंबी होगी। संतुलित आहार लेकर कोई भी व्यक्ति अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है। आवश्यक पोषक तत्वों को न चूकें; उनमें से प्रत्येक को उचित मात्रा में लें।
दूसरा, आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए। यह केवल दस मिनट के लिए हो सकता है लेकिन इसे कभी न चूकें। यह आपके शरीर को शारीरिक फिटनेस बनाए रखने में मदद करेगा। इसके अलावा हर वक्त जंक फूड का सेवन न करें। धूम्रपान या शराब न पियें क्योंकि इसके गंभीर हानिकारक परिणाम होते हैं। अंत में, अपने फोन का उपयोग करने के बजाय नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेने का प्रयास करें।
आगे, हम अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य किसी व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण से है। किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य उनकी भावनाओं और परिस्थितियों से निपटने के तरीके को प्रभावित करता है। हमें सकारात्मक रहकर और ध्यान लगाकर अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहिए।
इसके बाद, किसी व्यक्ति के समग्र कल्याण के लिए सामाजिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। एक व्यक्ति अपने सामाजिक स्वास्थ्य को तब बनाए रख सकता है जब वह दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करता है। इसके अलावा, जब कोई व्यक्ति हमसे मिलनसार होता है और सामाजिक समारोहों में भाग लेता है, तो उसका सामाजिक स्वास्थ्य निश्चित रूप से अच्छा होगा। इसी प्रकार, हमारा संज्ञानात्मक स्वास्थ्य मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने से संबंधित है। इसे अच्छी तरह से करने के लिए, व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ भोजन करना चाहिए और दिमाग को तेज करने के लिए शतरंज, पहेलियाँ और अन्य दिमागी खेल खेलना चाहिए।
केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही सब कुछ नहीं है
यह कलंक है जो मानसिक स्वास्थ्य को घेरे हुए है। लोग मानसिक बीमारियों को गंभीरता से नहीं लेते। पूरी तरह से फिट रहने के लिए व्यक्ति को मानसिक रूप से भी फिट रहना चाहिए। जब लोग मानसिक बीमारियों को पूरी तरह से नकार देते हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उदाहरण के लिए, आप कभी भी कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को इससे उबरने के लिए नहीं कहते हैं और अवसाद से जूझ रहे किसी व्यक्ति की तुलना में यह सब उनके दिमाग में होता है। इसी प्रकार, हमें मानसिक स्वास्थ्य को भी शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही मानना चाहिए।
माता-पिता हमेशा अपने बच्चों की शारीरिक जरूरतों का ख्याल रखते हैं। वे उन्हें पौष्टिक भोजन खिलाते हैं और हमेशा उनके घावों पर तुरंत पट्टी बाँधते हैं। हालाँकि, वे अपने बच्चे के बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने में विफल रहते हैं। ज़्यादातर इसलिए, क्योंकि वे इसे उतना महत्व नहीं देते। इसका कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। यहां तक कि वयस्कों के बीच भी, आप कभी नहीं जान पाते कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से किस दौर से गुजर रहा है।
इस प्रकार, हमें मानसिक बीमारियों के लक्षणों को पहचानने में सक्षम होने की आवश्यकता है। एक हंसता हुआ व्यक्ति एक खुश व्यक्ति के बराबर नहीं होता। हमें मानसिक बीमारियों को वर्जित नहीं मानना चाहिए और लोगों के जीवन को बचाने के लिए इस पर ध्यान देना चाहिए।
स्वास्थ्य पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q.1 स्वस्थ आहार के क्या लाभ हैं.
उत्तर. एक स्वस्थ आहार आपके समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, स्वस्थ वजन बनाए रखने, पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने, शरीर और दिमाग को दीर्घकालिक लाभ सहित आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करने में मदद कर सकता है।
Q.2 क्या सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है?
उत्तर. आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है। नियमित शारीरिक गतिविधि कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
Q.3 मैं अपने बीमार होने के जोखिम को कैसे कम कर सकता हूँ?
उत्तर. बीमार होने के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करना है, जिसमें अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोना शामिल है; बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें; और अच्छा महसूस न होने पर घर पर ही रहें।
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Essay on Yoga in Hindi: जानिए परीक्षाओं में आने वाले योग पर निबंध
- Updated on
- दिसम्बर 9, 2023
योग के नियमित अभ्यास से बेहतर एकाग्रता और फोकस से में ध्यान दिया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता जो किसी कार्य में मन लगाना चाहते हैं। योग एक ऐसा व्यायाम है जो फुर्तीलेपन, शक्ति और संतुलन में सुधार करता है। विद्यार्थियों को कई बार इससे अवगत करने के लिए योग पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। Essay On Yoga In Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
This Blog Includes:
योग पर निबंध सैंपल 1, योग पर निबंध सैंपल 2, योग का अर्थ , योग का महत्व, योग पर 10 लाइन्स .
योग, प्राचीन भारत से उत्पन्न हुआ था। महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है। योग सौम्य मुद्राओं और सचेतन श्वास के संयोजन से शरीर कल्याण को पूर्ण रूप बढ़ावा देता है। यह अभ्यास न केवल शारीरिक फुर्तीली और शक्ति को बढ़ाता है बल्कि मानसिक विश्राम और तनाव में कमी को भी बढ़ावा देता है। ध्यान के माध्यम से, योग एक शांत दिमाग विकसित करता है, मन की एकाग्रता में सुधार करता है और चिंता को कम करता है। उम्र की परवाह किए बिना कोई भी व्यक्ति आसन में सुधार और संतुलित, स्वस्थ जीवन के लिए योग अपना सकता हैं। योग के लाभ को समझकर इसे विश्व स्तर पर महत्व दिया जाता है तथा प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। नियमित अभ्यास को शामिल करके, व्यक्ति बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य, बेहतर मानसिक लचीलेपन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार सकते हैं।
Essay On Yoga In Hindi सैंपल 2 नीचे दिया गया है-
योग, भारत में शुरू हुई एक प्राचीन पद्धति है जो हमारे शरीर और दिमाग दोनों को स्वस्थ रखने का एक गहरा तरीका प्रदान करता है। योग में गतिविधियों और मुद्राओं के माध्यम से यह व्यक्तियों को लचीलापन और ताकत विकसित करने में सहायता मिलती है। योग में अपनाई गई अनोखी साँस लेने की तकनीकें न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाती हैं, बल्कि लोगों में शांति की भावना भी पैदा करती हैं, जो तनाव के लिए एक शक्तिशाली औषधि के रूप में काम करती हैं।
ध्यान, योग का एक प्रमुख हिस्सा है। ध्यान स्पष्ट सोच और आंतरिक शांति की सुविधा प्रदान करता है, जो हमारे व्यस्त जीवन के बीच अमूल्य साबित होता है। योग के असंख्य लाभ हैं – यह हमारे शरीर को अत्यधिक लचीला बनाने में सहायता करता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और स्वस्थ जोड़ों को बढ़ावा देता है। आम ग़लतफ़हमियों के विपरीत, योग केवल वयस्कों तक ही सीमित नहीं है; यह बच्चों और बुजुर्गों सहित सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए उपयुक्त अभ्यास है। यह एक ऐसा व्यायाम से जो किसी भी उम्र के व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है।
नियमित रूप से योग करने से आप अच्छी फिटनेस और मानसिक संतुलन को पा सकते हैं। योग को अपने जीवन में शामिल करके, हम शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, मानसिक लचीलापन विकसित कर सकते हैं और आत्म-खोज के परिवर्तनकारी मार्ग पर चल सकते हैं। संक्षेप में, योग एक अभ्यास है जो इसे अपनाने वाले सभी लोगों के जीवन को समृद्ध बनाता है।
योग पर निबंध सैंपल 3
Essay On Yoga In Hindi सैंपल 3 नीचे दिया गया है:
योग कला और विज्ञान की तरह है जो हमें स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। यह एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रथा है जो हमारे दिमाग और शरीर को एक साथ संतुलित तरीके से काम करने पर केंद्रित करती है। यह सिर्फ व्यायाम नहीं है, बल्कि यह हमारे पूरे जीवन को अनुशासन में रखता है।
योग बीमारियों से बचाव और हमें स्वस्थ रखने के लिए भी अच्छा और आसान विकल्प है। यह उन समस्याओं को हल करने में मदद करता है जो हमारे जीने के तरीके से आती हैं। यह दर्शाता है कि योग शारीरिक आसन नहीं है, यह हमारे दिमाग और शरीर को तालमेल में रखने का एक तरीका है।
“योग” शब्द का अर्थ है “जोड़ना”। केवल शारीरिक व्यायाम करने से परे, योग व्यक्तिगत स्व या चेतना को अनंत आत्मा से जोड़ने कार्य करता है। यह दो चीज़ों को एक साथ लाने जैसा है। योग में अभ्यास और प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से मन की प्रकृति की खोज करना भी शामिल है। यह एक प्राचीन कला है जिसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा में सामंजस्य स्थापित करना और उनका विकास करना है।
योग यह देखने का एक तरीका है कि हमारा दिमाग कैसे काम करता है। इसमें योगिक साहित्य में वर्णित विभिन्न अभ्यास और तकनीकें शामिल हैं, और इन सभी चीजों को एक साथ ‘योग’ कहा जाता है। सरल शब्दों में, योग खुद को किसी बड़ी चीज़ से जोड़ने, अपने दिमाग को बेहतर ढंग से समझने और हमारे समग्र कल्याण को विकसित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करने में सहायता करता है।
योग बच्चों के लिए एक अच्छे दोस्त की तरह है, जो उनके शरीर, दिमाग और भावनाओं के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देता है। यह शारीरिक शक्ति, सहनशक्ति और ऊर्जा का निर्माण करने में मदद करता है, साथ ही बढ़ती एकाग्रता, शांति और संतुष्टि जैसे मानसिक लाभ भी लाता है। इससे अंदर और बाहर संतुलन बनता है। योग रोजमर्रा की जिंदगी के तनाव से निपटने का एक साधन बन गया है।
योग को शरीर के लिए एक स्थिरता प्रदान करने वाले और कभी-कभी व्यस्त मन के लिए एक शांत प्रभावक के रूप में भी कार्य करता है। यह जोड़ों और अंगों जैसी अंदरूनी चीजों की भी देखभाल करता है, हर चीज को अच्छी तरह से रखता है। चिकित्सा अध्ययन कहते हैं कि सभी शारीरिक गतिविधियों में से, योग सबसे अलग है क्योंकि यह पूरे शरीर को अच्छी कसरत देता है, जिससे बीमार होने की संभावना कम हो जाती है। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से किसी के भी जीवन पर सकारात्मक, स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
Essay On Yoga In Hindi पर लाभ नीचे दिए गए हैं-
- योग समग्र स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए एक जादुई औषधि की तरह है, जो शरीर की मुद्राओं (आसन) और सांस पर ध्यान केंद्रित करता है।
- ध्यान और साँस लेने के व्यायाम (प्राणायाम) का अभ्यास करके, आप अपने जीवन से तनाव को दूर कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन शैली का आनंद ले सकते हैं। यह उन पुरानी बीमारियों के लिए एक शानदार उपाय है जिनसे नियमित दवाओं से निपटना कठिन होता है।
- यदि आप पीठ दर्द या गठिया से जूझ रहे हैं, तो प्रमुख मांसपेशियों को लक्षित करने वाले विशिष्ट आसन अविश्वसनीय रूप से सहायक हो सकते हैं। फेफड़ों की क्षमता के लिए, प्राणायाम से बढ़कर कुछ नहीं, जो सर्वोत्तम साँस लेने का व्यायाम है।
- सांस के साथ जुड़े आसन का क्रम न केवल आपके शरीर के हर हिस्से को लाभ पहुंचाता है बल्कि ताकत, फुर्तीलेपन और संतुलन को भी बढ़ाता है।
- दैनिक योग मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, फुर्तीलेपन बढ़ाता है और जोड़ों की समस्याओं से बचाता है।
- यह ऊर्जा बढ़ाने, आरामदायक नींद को बढ़ावा देने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए वन-स्टॉप समाधान की तरह है।
- योग की असली सुंदरता शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के कल्याण पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव में निहित है। विभिन्न फिटनेस स्तरों के अनुरूप चुनने के लिए आसनों की एक विस्तृत विविधता मौजूद है।
- योग में दवाओं की कोई ज़रूरत नहीं – योग बिना किसी हानिकारक दुष्प्रभाव के प्राकृतिक उपचारक की तरह काम करता है। बस अपने शरीर के लिए सही आसन चुनें, उनका सही ढंग से अभ्यास करें और शांतिपूर्ण मन और स्वस्थ शरीर के असीम लाभों का आनंद लें।
योग स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक सुरक्षित और अद्भुत तरीका है, और सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी कर सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र कितनी है या आपका आकार कैसा है। योग शारीरिक समन्वय को बेहतर बनाने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आप सीधे खड़े हों और बैठें। यह आपके परिसंचरण, पाचन और तंत्रिका तंत्र के लिए शक्ति बढ़ाने का कार्य करता है, जिससे आप युवा और ऊर्जा से भरपूर महसूस करते हैं।
योग के बारे में अच्छी बात यह है कि यह मन और शरीर दोनों पर एक साथ कार्य करता है, जिससे यह शरीर के समग्र कल्याण का एक आदर्श उदाहरण बन जाता है। यह अब बहुत चलन में है, प्रसिद्ध लोग, नेता और नियमित लोग सभी इसमें शामिल हो रहे हैं। यह आपके दिमाग को साफ़ करता है, आपके शरीर को स्वस्थ रखता है, और आपकी भावनाओं और विचारों को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है। यह खुद को बदलने और फिट रहने का एक लोकप्रिय और आसान तरीका है जिसे नियमित रूप से किया जाए तो यह आपको जीवनभर स्वस्थ रखने का कार्य कर सकता है।
Essay On Yoga In Hindi जानने के बाद योग पर 10 लाइन्स भी जानिए, जो नीचे दी गई हैं-
- योग की उत्पत्ति भारत में हिंदू धर्मग्रंथों से हुई और दुनिया भर में इसका अभ्यास किया जाता है।
- लोग समझ गए हैं कि योग किस प्रकार व्यायाम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
- योग को केवल व्यायाम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन का मंत्र माना जाना चाहिए।
- योगाभ्यास से शांति और अच्छा स्वास्थ्य पाया जा सकता है।
- योग सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन और आत्मा के लिए भी एक व्यायाम है।
- योग का अभ्यास करके व्यक्ति तनाव और शारीरिक बीमारियों सहित कई चुनौतियों से निपट सकता है।
- योग मांसपेशियों को लचीला बनाने, वजन कम करने और त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार करने में मदद करता है।
- योग धैर्य और एकाग्रता विकसित करने, याददाश्त तेज करने और हमारे जीवन में शांति लाने में मदद करता है।
- 21 जून को हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यदि कोई प्रतिदिन योग का अभ्यास करता है, तो वह एक संतुलित जीवन जीने की राह पर है।
योग अपने परिणामों के कारण जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। यह लोगों को उनके शारीरिक और मानसिक कल्याण में मदद कर सकता है।
योग की उत्पत्ति का पता 500 साल पहले लगाया जा सकता है और इसका सबसे पहले उल्लेख वेदों में से एक यानी ऋग्वेद में किया गया था।
योग पर एक लघु निबंध में इसके महत्व, उत्पत्ति और लाभ जैसे विभिन्न बिंदु शामिल होंगे और इसमें कुछ प्रकार के योग भी शामिल हो सकते हैं।
आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Essay On Yoga In Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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