Hindi Essays for Class 9 Students: Top 10 Hindi Nibandhs

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List of popular essays for Class 9 Students in Hindi Language!

वन महोत्सव पर निबन्ध | Essay on Forest Festival in Hindi

अच्छा पड़ोसी पर निबन्ध | Essay on Good Neighbour in Hindi

हरित क्रांति पर निबन्ध | Essay on Green Revolution in Hindi

महँगाई पर निबन्ध | Essay on Inflation in Hindi

पदयात्रा पर निबन्ध | Essay on Walking Journey in Hindi

दहेज प्रथा पर निबन्ध | Essay on Dowry System in Hindi

आतंकवाद: एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या पर निबन्ध | Essay on Terrorism : An International Problem in Hindi

ADVERTISEMENTS:

जनसंख्या: समस्या और समाधान पर निबन्ध | Essay on Population : Problem and Solution in Hindi

स्वाध्याय का आनँद पर निबन्ध | Essay on Pleasure of Self Reading in Hindi

पालतू पशु पर निबन्ध | Essay on Domestic Animals in Hindi

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 1

हम लोग अपने जीवन में कई प्रकार से उत्सव मनाते हैं । पारिवारिक सामाजिक धार्मिक एवं राष्ट्रीय उत्सवों में लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं । परंतु वन महोत्सव इस सबसे बढ़कर ऐसा उत्सव है जो हमारे जीवन को सच्चा सुख प्रदान करता है ।

यह महोत्सव हमें प्रकृति से जोड़ता है । यह हमें याद दिलाता है कि हे मानव, वनों के बिना तेरा कल्याण नहीं है । वन समस्त प्राणी जगत् के उत्तम साथी हैं । वृक्षों का समूह जो कि वन कहलाता है हमारे जीवन के आधार हैं । वृक्षों के बदौलत ही हमारी धरती हरी-भरी है । वन, उपवन, बाग-बगीचे पृथ्वी पर जीवन और सौंदर्य के साकार रूप हैं ।

इनकी रक्षा के लिए प्रयत्न करना आवश्यक है । नए-नए वृक्षों को लगाकर वनों को घना करना वन क्षेत्र बढ़ाना वन महोत्सव का एक अंग है । जब हम वनस्पतियों के अस्तित्व के बारे में सोचते हैं तो असल में हम अपने अस्तित्व के लिए ही सोचते हैं ।

वृक्ष हमें फल-फूल छाया लकड़ी आदि देते हैं । ये हमें प्राणवायु और जीवनदायी शक्ति देकर हमें उपकृत करते हैं । हमारे देश में वनों के पेड़ों की बेहिसाब कटाई हुई है । वन अपनी प्राकृतिक शोभा खोते जा रहे हैं । यहाँ के कटे पेड़ चीख-चीखकर अपनी दर्दभरी दास्तान बता रहे हैं ।

वन्य पशु-पक्षी भी आहत हैं क्योंकि उनका प्राकृतिक आवास विकास की भेंट चढ़ चुका है । वनों को काटकर कृषि भूमि की तलाश की जाती है । झूम खेती इसी का एक वीभत्स रूप है । इतना ही नहीं जहाँ कभी घने वन थे वहाँ आज अट्टालिकाएँ हैं, कल-कारखाने हैं ।

यदि ऐसा ही होता रहा तो एक दिन स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी । धरती पर गरमी बढ़ेगी ऊँचे पहाड़ों के बरफ पिघलेंगे बाढ़ और सूखे की जटिल स्थितियों से हमें निरंतर जूझना पड़ेगा । वनों के अभाव में हमें अधिक प्रदूषित वायु में साँस लेना पड़ेगा ।

वर्षा का कारण भी ये वन-वृक्ष ही हैं । ये रेगिस्तानों का विस्तार रोकते हैं । वन महोत्सव एक युक्ति है प्राकृतिक सतुलन को बनाए रखने की । इसीलिए पर्यावरण प्रेमियों ने वृक्षारोपण को एक उत्सव का एक महोत्सव का नाम दिया ।

सामूहिक रूप से पेड़-पौधे लगाना वन महोत्सव का हिस्सा है । इस महोत्सव में आम लोगों की भागीदारी आवश्यक है । इस कार्य में उन लोगों का सहयोग भी अपेक्षित है जो वन क्षेत्र के आस-पास रहते हैं । ये लोग ही वनों की रक्षा मे सबसे अधिक सहयोग दे सकते हैं ।

हमारे देश में वन महोत्सव मनाया जाने लगा क्योंकि हमें पेड़-पौधों के महत्त्व का पता चल गया वन महोत्सव के माध्यम से वृक्षारोपण का नेक संदेश आम नागरिकों नक आसानी से पहुँचाया जा सकता है । वृक्ष लगाने की प्रक्रिया वन महान्मत्र क रूप में आरंभ की जा सकती है ।

हमारी आज की आवश्यकताएँ ही कुछ ऐसी है कि वन-वृक्षों की कटाई के बिना काम नहीं चल सकता । साथ-साथ हमारा यह कर्त्तव्य बनता है कि एक कटे पेड़ के स्थान पर दो पेड़ लगाए जाएँ, उनकी उचित देखभाल भी की जाए । अधिकांश रोपित पौधे जल के अभाव में सूख जाते हैं अथवा उन्हें पशु चर जाते हैं ।

ऐसे में पेड़ लगाने का लाभ भी समाप्त हो जाता है । इस पूरे घटनाक्रम को समझते हुए हमें वृक्षों के संरक्षण एव संवर्धन का दायित्व निभाना होगा । यदि हम अपना भविष्य सँवारना चाहते हैं और यदि भविष्य में भी आनंद-उत्सव मनाने की कामना करते हैं तो आज से ही वृक्षारोपण की प्रक्रिया आरंभ करनी होगी ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 2

अच्छा पड़ोसी होने का अर्थ है वह पड़ोस के लोगों के साथ मधुर व्यवहार करे । जिनके पड़ोसी अच्छे होते हैं उनका जीवन अपेक्षाकृत सरल एवं आनंदित हो जाता है ।

अच्छे पड़ोसी अपने अन्य पड़ोसियों से मिल-जुलकर रहते हैं हर स्थिति में उनकी मदद के लिए उपस्थित रहते हैं । जिनके पड़ोसी अच्छे हैं वे सचमुच बड़े भाग्यवान् होते हैं । मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । वह समाज में घुल-मिल कर एवं एक-दूसरे से सामंजस्य बिठाकर रहता है ।

वह आस-पड़ोस के लोगों पर भरोसा करके ही अपने विभिन्न कार्यो को संपादित कर सकता है । पड़ोस के बच्चे आपस में खेलते हैं वे पड़ोसियों क घर आते-जाते हैं वे आपसी व्यवहार में अच्छी या बुरी बातें सीखते हैं । यदि पड़ोस के कुछ बच्चे संस्कारों से युक्त न हों तो वे अन्य बच्चों का भी बुरे संस्कारों से युक्त कर सकते हैं ।

यह ध्यान देने योग्य तथ्य हें कि चाहे पड़ोसी कैसा भी क्यों न हो उसके साथ कुछ न कुछ संबंध बनाए रखना अनिवार्य हो जाता है । इसलिए आवश्यक है कि हमारे पड़ोसी अच्छे हों । इससे हमें कई प्रकार की सहूलियतें प्राप्त हो जाती हैं ।

एक अच्छा पड़ोसी कई प्रकार के मानवीय गुणों से युक्त होता है । वह अपने सभी पड़ोसियों से मित्रतापूर्ण सबध बनाए रखता है । वह पड़ोस के लोगों की विभिन्न प्रकार से सहायता करता है । यदि कोई पड़ोसी मुसीबत में होता है तो वह यथासंभव उसकी मदद करता है । उसे पड़ोसियों की उन्नति से जलन नहीं होती अपितु वह इनकी तरक्की से खुश होता है । वह पड़ोस में होने वाली विभिन्न सामूहिक गतिविधियों में तत्परतापूर्वक भाग लेता है ।

वह पड़ोस में फैली गंदगी और अव्यवस्था को दूर करने का प्रयास करता है । एक अच्छा पड़ोसी आत्मिक गुणों द्वारा अपने पड़ोस के लोगों की चारित्रिक उन्नति के प्रति सचेष्ट रहता है । वह अपने झगड़ालू पड़ोसियों से भी मित्रवत् व्यवहार करता है तथा उसके अंदर किसी भी प्रकार के बदले की भावना नहीं होती ।

अपने अच्छे पड़ोसी का सभी आदर करते हैं । वे कभी भी उन्हें नुकसान पहुँचाने की चेष्टा नहीं करते हैं । कहा भी गया है कि अच्छे व्यक्तियों की मदद करने के लिए सभी तैयार रहते हैं क्योंकि इस संसार में जैसे को तैसा प्राप्त होता है ।

एक अच्छा पड़ोसी अपने कार्यों से जिन-जिन व्यक्तियों को प्रभावित करता है वे सभी आपातकालीन स्थितियों में उसके काम आते हैं । परतु अच्छा पड़ोसी होने का यह अर्थ नहीं है कि लोग उसके भलेपन का गलत लाभ उठाएँ । यदि हमारे पड़ोस में कुछ गलत हो रहा हो तो हमें उसका विरोध करना चाहिए ।

यदि कोई पड़ोसी अपने पड़ोस के लोगों को अपने कार्यों से परेशान कर रहा है तो हमें ऐसे पड़ोसी के साथ सावधानीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए । अच्छे पड़ोसी अपने पड़ोस में चल रही नकारात्मक गतिविधियों पर भी पूरी नजर रखते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 3

हरित क्रांति हमारे देश की एक महान घटना है । यह सभी प्रकार के फसलों के अधिकाधिक उत्पादन की कारीगरी हैं । यह हमारे देश के किसानों के अटूट श्रम का प्रतिफल है ।

यह वह रक्तहीन क्रांति है जिसने हमारे देश की काया पलट दी है । यह कृषि के क्षेत्र में विज्ञान की सशक्त पहुँच का प्रमाण है । कभी अकाल तो कभी बाढ़, कभी चक्रवात तो कभी मानसून की कुदृष्टि । इस दुश्चक्र में हमारे किसान तबाह हो जाते थे । अगर प्रकृति ने साथ दे भी दिया तो हानिकारक कीटों ने धावा बोल दिया ।

ऊपर से सड़कें इतनी खराब कि खाद्यान्नों को बाजार तक पहुँचाना कठिन ! क्या करे किसान, कैसे वह अन्नदाता कहलाने का फर्ज पूरा करे ! कैसे वह साहूकारों का कर्ज उतारे, कैसे वह अपना पेट भरे ! कुछ दशकों पूर्व तक हमारे किसानों की यही दशा थी । हमारे किसान श्रम तो बहुत करते थे परंतु इसका प्रतिफल उन्हें नहीं मिलता था ।

समय ने करवट ली । कृषि के क्षेत्र में नए प्रयोग और अनुसंधान हुए । मिट्टी की जाँच कर उसके मुताबिक फसलें लगाने का कार्यक्रम शुरू हुआ । ऐसे सकर बीजों को अपनाया गया जो विषम परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन दे सकते थे ।

ऊसर भूमि में ऐसे बीज बोए गए जो किसानों के हित में थे । कृषि कार्य जो पहले केवल हल-बैलों से होता था अब ट्रैक्टरों से भी होने लगा । फसल बोने, रोपाई करने, फसल तैयार करने तथा उनसे अखाद्य अलग करने के लिए तरह-तरह की मशीनों का प्रयोग होने लगा ।

पंपसैटों और ट्‌यूब वेलों से फसलों की सिंचाई होने लगी । सिंचाई कार्य को विस्तार देने के लिए बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण किया गया । बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं ने तो किसानों की दशा और दिशा ही बदल दी । अब वे केवल वर्षा जल पर तथा तालाबों में संग्रहीत जल पर ही निर्भर नहीं थे ।

हरित क्रांति को संभव बनाने में आधुनिक यातायात व्यवस्था और ग्रामीण सड़कों का भी बड़ा योगदान है । पक्की सड़कों ने गाँवों को निकटवर्ती शहरों से जोड़ दिया । किसानों को रासायनिक उर्वरक, उपचारित अच्छे बीज, कृषि उपकरण आदि खरीदने में सहूलियत हो गई ।

वे अपनी उपजों को खराब होने से पूर्व ही बाजार तक पहुँचाने लगे । उचित मूल्य पर खद्यान्नों, कपास, गन्ना आदि की सरकारी खरीद शुरू होने से भी उनका उत्साह बढ़ा । बैंकों के दरवाजे भी किसानों के लिए खोल दिए गए । किसान साहूकारों के ऋणजाल से किसी हद तक मुक्त होकर लाभकारी कृषि की ओर उम्मुख हुए ।

सरकार की मदद से पातालतोड़ कुओं का निर्माण किया गया । परंतु इन सब कार्यो में कृषि वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा योगदान था जिन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से किसानों को खेती-बारी के बारे में सही-सही जानकारी उपलब्ध कराई ।

कृषि वैज्ञानिकों ने अपने शोध कार्यो से किसानों के लिए हरित क्रांति के द्वार खोल दिए । यह हरित क्रांति का ही प्रभाव है कि आज हमारे देश में खाद्यान्नों की पर्याप्त उपलब्धता है । हालाँकि हरित क्रांति सत्तर के दशक से ही आरंभ हो गई थी परंतु अस्सी के दशक में पहुँचकर ही हम आत्म-निर्भर हो सके ।

हरित क्रांति का प्रभाव धान गेहूँ, ज्वार, मक्का जैसे मुख्य अनाजों तक ही सीमित नहीं रहा अपितु दलहनों और तिलहनों के उत्पादन में भी खासी वृद्धि हुई । पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने हरित क्रांति को उसके अंजाम तक पहुँचाने में सर्वाधिक योगदान दिया ।

अब हमारे देश में दूसरी हरित क्रांति का दौर चल रहा है । इक्कीसवीं सदी के मध्य तक हमें कृषि उत्पादन लगभग दुगना करना होगा क्योंकि हमारी जनसंख्या का आकार निरंतर बढ़ रहा है । हमारे किसानों में पूरा उत्साह है, वे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 4

कीमतों में तीव्र गति से वृद्धि को महँगाई के नाम से जाना जाता है । महँगाई की स्थिति में प्रचलित मुद्रा का मूल्य घट जाता है । लोगों को किसी वस्तु को खरीदने के बदले में अधिक मूल्य चुकाना पड़ता है ।

यह स्थिति कुछ लोगों के लिए सुखद परंतु अधिकांश लोगों के लिए दुखद होती है । महँगाई दुनिया के लोगों की आम समस्या है । हमारे देश में तो महँगाई तेज गति से बड़ी है । उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में निरंतर इजाफा होता रहा है ।

मुद्रास्फीति की दर जितनी अधिक होती है, महँगाई उसी अनुपात में बढ़ती जाती है । वस्तुओं के महँगा होने से कम कमाई वाले नागरिकों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है । महँगाई की सबसे अधिक मार गरीबों और मजदूरों पर पड़ती है । कीमतों में वृद्धि के कई कारण होते हैं ।

जब बाजार में किसी उपभोक्ता वस्तु का अभाव होता है तो वह वस्तु महँगी हो जाती है । यह माँग का प्रसिद्ध नियम है कि जब वस्तुएँ महँगी होती हैं तो माँग कम हो जाती है । परंतु माँग का यह नियम अत्यावश्यक वस्तुओं पर लागू नहीं होता है ।

अनाज, फल, सब्जियाँ, रसोई, गैस, पैट्रोल, डीजल, बिजली आदि अनेक वस्तुएँ ऐसी हैं जिन्हें लोगों को बड़ी हुई कीमतों पर भी खरीदना पड़ता है । यही कारण है कि महँगाई उन व्यक्तियों के लिए अधिक कष्टकारक होती है, जिनकी आमदनी कम होती है । जब महँगाई के अनुसार आमदनी में वृद्धि नहीं होती है, तब स्थिति और भी जटिल हो जाती है ।

मूल्य-वृद्धि का एक अन्य प्रमुख कारण कालाबाजारी भी है । कुछ लोग वस्तुओं का सग्रह कर बाजार में कृत्रिम अभाव की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं । हालाकिं बाजारीकरण और सभी प्रकार के एकाधिकार को समाप्त करने के प्रयत्नों के चलते अब काले मन वालों की उतनी नहीं चलती पर कभी-कभी तो उनकी बन ही आती है ।

महँगाई बढ़ाने में पैट्रोलियम पदार्थो की निरंतर बढ़ती कीमतों का भी बड़ा योगदान है । अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और इसका सीधा असर इससे जुड़े उद्योग, धंधों, यातायात एवं परिवहन व्यवस्था पर पड़ता है ।

सरकारें विकास के नाम पर भी महँगाई को प्रश्रय देती हैं । हर बजट में नए-नए कर लगाकर सरकार अपने बढ़ते व्यय को पूरा करना चाहती है । जिस वस्तुओं की करों में वृद्धि की जाती है वे महँगी हो जाती हैं । हालाँकि दूरसंचार सेवाएँ एवं कंप्यूटर सस्ते हो रहे हैं परंतु अनाज पैट्रोलियम पदार्थ फल सब्जियाँ एवं आम उपभोक्ता वस्तुएँ निरंतर महँगी होती जा रही हैं ।

खासकर त्योहारों के अवसर पर तो कीमतों में अचानक उछाल आ जाता है । ऐसे में निर्धन वर्ग महँगाई के बोझ तले पिसकर रह जाता है । इस अर्थप्रधान युग में हर कोई कम समय में अधिक से अधिक धन बटोर लेना चाहता है । भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी मुनाफाखोरी इतनी बढ़ गई है कि मध्य वर्ग और निम्न वर्ग के लिए अपनी मूलभूत जिम्मेदारियाँ निभाना भी एक कठिन कार्य हो गया है ।

जिन वस्तुओं की लागत दस रुपए होती है उसे बाजार में चालीस-पचास रुपए में बेचा जाता है । दूसरी ओर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता है । कृषि कार्य में लागत दिनों-दिन बढ़ रही है; खाद बीज कृषि उपकरण आदि महँगे हो रहे हैं ।

व्यापारी वर्ग तो अपनी वस्तु का दाम बढ़ाकर अपनी कभी पूरी कर लेता है परंतु असंगठित क्षेत्र के श्रमिक रिकशाचालक किसान और गरीब महँगाई के चक्र से सदा भयभीत रहते हैं । महँगाई पर लगाम लगाने के लिए कई स्तरों पर प्रयास आवश्यक हैं । सरकार को ऐसी आर्थिक नीति अपनानी चाहिए जिससे मुद्रास्फीति अधिक न हो ।

कृत्रिम अभाव उत्पन्न करके लाभ कमाने वालों पर नियंत्रण आवश्यक है । सबसे बढ़कर गरीबी को समाप्त करने की आवश्यकता है ताकि लोग महँगाई के दुष्प्रभावों को झेल सकें । आर्थिक असमानता घटाकर तथा बाजार प्रणाली को मजबूत बनाकर हम महँगाई पर लगाम लगा सकते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 5

आधुनिक युग में यात्रा करने के कई साधन हैं । बस कार मोटरसाइकिल, साइकिल, स्कूटर, आटो रिकशा, रेलगाड़ी, हवाई जहाज, जलयान आदि यात्रा करने के आधुनिक साधन हैं । ये सभी तेज गति से चलने वाली सवारियाँ हैं जो हमारी यात्रा को सुगम बनाती हैं ।

जिस समय यात्रा की आधुनिक सुविधाएँ नहीं थीं; लोग घोड़ा, ऊँट, हाथी, खच्चर, गदहा आदि जानवरों की पीठ पर बैठकर यात्रा करते थे । कुछ लोग टमटम, ताँगा, बैलगाड़ी आदि से यात्रा करते थे । बहुत से लोग पैदल ही यात्रा करते थे ।

पैदल चलकर जो यात्रा की जाती है, उसे पदयात्रा कहते हैं । पदयात्रा आज भी की जाती है । हालाकि पदयात्रा में समय अधिक लगता है परंतु यह कई रूपों में लाभदायक भी है । स्वतंत्रता आदोलन के समय गाँधी जी ने कई पदयात्राएं कीं जिनमें से दांडी यात्रा सर्वाधिक प्रसिद्ध है ।

नेहरू जी गाँवों की हालत देखने तथा ग्रामीणों में सामाजिक एवं राष्ट्रीय चेतना फैलाने पदयात्राएं किया करते थे । बिनोवा भावे का भूदान आंदोलन पदयात्रा के माध्यम से ही होता था । वे एक गाँव से दूसरे गाँव पैदल चलते थे । इस प्रकार की पदयात्रा सामाजिक जागृति फैलाने का कार्य करती है ।

नेतागण पदयात्रा के माध्यम से जनता से सीधा संपर्क साधते हैं । उनके साथ अनुयायी भी बड़ी संख्या में चला करते हैं । पदयात्रा का अपना अलग आनंद है । इससे निकट की परिस्थितियों का गहनता से अवलोकन करने का अवसर मिलता है ।

खेतों, पगडंडियों, नदी-नालों, बाग-बगीचों, सरोवरों वनों आदि से होकर पैदल गुजरना प्रकृति का साक्षात्कार करते हुए चलने जैसा है । इससे शरीर का भी पूरा व्यायाम होता है । तेज चाल से मीलों चलना अपने आप में ही संपूर्ण व्यायाम है । फेफड़ों में अधिक वायु आती है पसीने के रूप में शरीर के विकार बाहर निकल आते हैं ।

आज भी गाँवों के लोग खूब पैदल चलते है । गाँव से खेतों तक हाट-बाजार तक वे अधिकतर पैदल ही जाना पसंद करते हैं । गड़ेरिए भेड़ों को लेकर दूर मैदानों तक निकल पड़ते हैं । ग्वाले गाय, भैंसों को चराने, नहलाने निकल पड़ते हैं । खेतिहर मजदूर फसलों के बंडलों को सिर पर उठाए पैदल खलिहानों तक आते हैं । किसान सुबह-शाम खेतों का चक्कर लगा आते हैं ।

पर जैसे-जैसे आरामतलबी बड़ी है पदयात्रा भी कम होती चली जा रही है । घर से निकले तो कार या मोटरसाइकिल पर बैठ गए । कार्यालय से निकले तो वाहन पर फिर से सवार हो गए । तभी तो जरा सा पैदल चलने में ही वे हाँफने लगते हैं ।

वस्तुत: पदयात्रा अब लाचारी बन गई है र साधन विहीन लोगों को ही अब पदयात्रा में दिलचस्पी रह गई है । महानगरों में तो पदयात्रा करना वैसे भी एक समस्या है क्योंकि एक तो लोगों के पास समय का अभाव है दूसरे सड़कें इतनी व्यस्त हैं कि यहाँ पदयात्रियों के लिए अधिक गुँजाइश नहीं । तेज-रफ्तार जिंदगी में पदयात्रा का महत्त्व कहाँ !

पदयात्रा का धार्मिक दृष्टि से भी काफी महत्त्व है । श्रद्धालु आज भी अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी की यात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा आदि विभिन्न यात्राएँ प्राय: पैदल चलकर ही पूर्ण करते हैं । विभिन्न शुभ अवसरों पर गंगा स्नान श्रावण मास में गंगा आदि पवित्र नदियों से जल भरकर भगवान शिव को अर्पित करना जैसे उद्देश्यों के लिए भक्तगण पदयात्रा करते हैं ।

इन पदयात्राओं की थकान नहीं अखरती क्योंकि उद्देश्य शुभ होता है । आधुनिक युग में पदयात्रा को फिर से प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है । यह आरामतलब जिंदगी से उपजी परेशानियों एवं बीमारियों से दूर रखता है । ईश्वर ने हमें दो पैर इसीलिए दिए हैं कि हम उनका अच्छा उपयोग कर सकें ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 6

कोई प्रथा या रिवाज उसी समय तक उपयोगी है जबकि उससे कोई सामाजिक उद्देश्य पूरा होता हो । जब किसी प्रथा से जनसमूह आहत होता हो, नागरिकों को दु:ख उठाना पड़ता हो तो वह त्याज्य है ।

दहेज प्रथा भी अगज समाज पर एक बोझ बन गई है इसलिए इस बोझ को उतारकर फेंक देना ही श्रेयस्कर है । दहेज प्रथा अपने आरंभिक काल में कतिपय शुभ उद्देश्यों को ध्यान में रखकर प्रचलित की गई थी । परिवार वाले विवाह के पश्चात् अपनी कन्या को कुछ जीवनोपयोगी वस्तुएँ देकर विदा करते थे ।

इसका उद्देश्य कन्या के वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाना था । परंतु कन्या को कुछ वस्तुएँ भेंट कर विदा करना कोई बाध्यता नहीं थी कन्या पक्ष वाले स्वैच्छिक रूप से जो चाहते देते थे । उस समय इसे ही दहेज का नाम दिया गया । बाद में दहेज प्रथा का स्वरूप बदल गया ।

दहेज के माध्यम से वर खरीदे जाने लगे । प्रत्येक वर बिकाऊ हो गया । कन्या पक्ष वालों के लिए दहेज देना एक बाध्यता हो गई । लड़कों का जितना ऊँचा कुल जितनी ऊँची शिक्षा, जितना अच्छा व्यवसाय या पेशा, जितनी ऊँची नौकरी या पद, उसी अनुपात में दहेज की रकम निर्धारित की जाने लगी ।

कन्या चाहे कितने ही ऊँचे कुल की हो, कितनी ही शिक्षित, गुणवान्, चरित्रवान् क्यों न हों, मोटी रकम दहेज के रूप में दिए बिना उसका विवाह संभव नहीं । दहेज प्रथा निरंतर विकराल रूप धारण कर कन्या के माता-पिता के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है ।

दहेज के रूप में उन्हें न केवल लाखों रुपए देने पड़ते हैं, अपितु कार, मोटरसाइकिल, कलर टी.वी., फ्रिज, फर्नीचर, गहने आदि कीमती वस्तुएँ भी देनी पड़ती हैं । ऊपर से शादी में होने वाला सारा खर्च भी कन्या पक्ष वालों को ही वहन करना पड़ता है । ऐसे में उनकी कमर टूट जाती है । इतने से भी वर-पक्ष संतुष्ट नहीं होता विवाह के बाद वधू को ससुराल वालों के ताने सुनने पड़ते हैं ।

वधू को मारा-पीटा जाता है कभी-कभी दहेज के लोभी उसे जला भी डालते हैं । यदि किसी प्रकार वधू अपनी जान बचाने में सफल हो जाती है तो उसे भागकर अपने माता-पिता के घर शरण लेनी पड़ती है । उसकी स्थिति धोबी के उस कुले जैसी हो जाती है, जो न घर का न घाट का होता है ।

यद्यपि दहेज प्रथा के विरुद्ध कानून हैं परंतु व्यवहार में इसे लागू कर पाना अत्यंत कठिन है । कानून तभी अपना काम कर पाता है जब कोई उसके पास शिकायत लेकर जाता है । जबकि दहेज संबंधी अधिकांश लेनदेन गुपचुप और आपसी सहमति से होते हैं ।

कन्या पक्ष वाले भी अपनी पुत्री के भविष्य की चिंता में तुरंत कोई कठोर कदम नहीं उठाना चाहते हैं । जब पानी सिर से ऊपर आ जाता है तभी वे कानून से गुहार लगाते हैं । इसलिए यदि इस गलत प्रथा से सचमुच पीछा छुड़ाना है तो समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा ।

कुछ दहेज विरोधी दोहरी नीति अपनाते हैं । जब उन्हें अपनी कन्या का विवाह करना होता है तो वे दहेज विरोधी बन जाते हैं । परतु जब उन्हें अपने पुत्र का विवाह कराना होता है तो वे दहेज के पक्षधर बन जाते हैं । हमें अपनी इस दुरंगी सोच को बदलना होगा ।

दहेज का लेन-देन एक सामाजिक समस्या है । अत: दहेज के विरुद्ध कानूनी सुरक्षा से बेहतर है सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए । इस प्रथा की समाप्ति से हमारे समाज का एक बड़ा कलंक मिट सकेगा ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 7

विश्व की वर्ममान समस्याओं में से आतंकवाद एक प्रमुख समस्या है । यह एक ऐसी मानव निर्मित समस्या है जिसका स्वरूप नितांत वीभत्स है । पूरी दुनिया के लाखों व्यक्ति इसकी भेंट चढ़ चुके हैं ।

बच्चे युवा वृद्ध आदि में कोई अंतर न समझने वाले आतंकवादी किसी को भी अपना निशाना बना लेते हैं । आतंकवाद का पुराना स्वरूप कुछ अलग था । पहले राजा और नवाब विजित क्षेत्र में लूटपाट मचाते थे गाँवों-कस्वों में आग लगा देते थे । स्त्रियों के साथ सामूहिक रूप से दुर्व्यवहार भी किया जाता था ।

चूंकि उस समय जिसकी लाठी उसकी भैंस वाला कानून था इसलिए आतंकवादियों का कोई कुछ न बिगाड़ पाता था । लोगों की धन-संपत्ति लूटना विधर्मियों के पूजा स्थलों को नुकसान पहुँचाना तथा बर्बरतापूर्ण कार्रवाइयों के माध्यम से अपना दबदबा स्थापित करना मध्ययुगीन आतंकवाद के प्रमुख उद्देश्य थे ।

परंतु इस तरह की घटनाएँ विश्वव्यापी नहीं थीं सुशासित क्षेत्रों एवं राष्ट्रों में आतंक मचाने का साहस कोई भी नहीं कर पाता था । आज दुनिया में आतंकवाद की जड़ें काफी गहरी हैं । विकसित व समृद्ध मुल्कों से लेकर तीसरी दुनिया के देशों में भी इसका प्रभाव समान रूप से है । भारत तो कई दशकों से आतंकवाद का दश झेल रहा है ।

भारत का जम्मू एवं कश्मीर प्रांत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को झेलते-झेलते अपना प्राकृतिक सौंदर्य अपनी मजहबी एकता वाली संस्कृति काफी हद तक खो चुका है । हालांकि अब फिर से वहाँ की स्थिति सामान्य होती जा रही है परंतु इस प्रति को अपना पुराना गौरव प्राप्त करने में अभी लंबा समय लगेगा ।

भारत का पंजाब प्रात भी कभी मजहबी जुनून का शिकार था परतु वहाँ के नागरिकों ने साहस दिखाते हुए आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया । हमारे देश के उत्तर-पूर्वी राज्य अभी भी आतंकवादियों के निशाने पर हैं ।

मुंबई बम विस्फोट, भारतीय संसद पर हमला दिल्ली, बनारस तथा अन्य स्थानों में समय-समय पर होने वाली आतंकवादी घटनाएँ इस बात की पुष्टि ऊरती हैं कि हमारा देश आतंकवादियों का गढ़ बनता जा रहा है । आतंकवाद का प्रभाव क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं है ।

अमेरिका ब्रिटेन अफगानिस्तान, इराक, सऊदी अरब, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, इजरायल आदि देश भी आतंकवाद की लपेट में हैं । आतंकवाद अब उन राष्ट्रों को भी तबाह करने पर तुला हुआ है जो राष्ट्र पहले आतंकवादियों को शह और प्रशिक्षण देते आए थे । पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश आदि राष्ट्रों के आतंकवादी अब अपने राष्ट्र को ही भस्मासुर की तरह जला रहे हैं ।

दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में आतंक मचाने के कारण भले ही अलग-अलग रहे हों इनका परिणाम सदैव एक-सा होता है । आतंकवाद के शिकार प्राय: निर्दोष व्यक्ति ही होते हैं । आधुनिक युग में आतंकवादियों के पास बड़े घातक हथियार हैं ।

वे शक्तिशाली विस्फोटक सामग्रियों से लैस हैं । उनके पास राकेट ए.के. 47 गन, आर.डी.एक्स, रिमोट कंट्रोल एवं बारूदी सुरंगें हैं । उनके पास आत्मघाती दस्ते भी हैं जो अपनी जान गँवाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं । कार, स्कूटर, बस आदि में बम रखकर जनसमूह को मौत की नींद सुला देना उनका प्रिय खेल है ।

धर्म भाषा और क्षेत्र के नाम पर अगड़े-पिछड़े के नाम पर तो कभी बड़ी शक्तियों के विरोध के नाम पर फै।लाया जाने वाला आतंक आज की दुनिया की एक विकट समस्या है । हमें आतंकवाद की इस अंतर्राष्ट्रीय समस्या से मिल-जुल कर निपटना होगा ।

विभिन्न राष्ट्रों को आपस में मिलकर एक ठोस रणनीति बनानी होगी । दुनिया के लोगों में चेतना फैलाने की भी आवश्यकता है । आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए दुनिया से गरीबी असमानता बेकारी अशिक्षा जैसी समस्याओं को पूरी तरह खत्म करना होगा । कुछ राष्ट्र अपने यहाँ के आतंकवाद को गंभीर तथा अन्य राष्ट्रों के आतंकवाद को परिस्थितिजन्य मानते हैं । हमें ऐसे दोहरे मापदंडों से बचना होगा ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 8

बढ़ती हुई जनसंख्या भारत की एक बड़ी समस्या है जिस तीव्र गति से हमारी आबादी बढ़ रही है, उससे प्राकृतिक संसाधनों पर भार बढ़ रहा है । विशाल आबादी के लिए पेय जल, खाद्यान्न, आवास, वस्त्र जैसी सुविधाएँ जुटाना एक कठिन कार्य है ।

भूमि के टुकड़े छोटे-छोटे होते जा रहे हैं लोगों के पास प्राकृतिक संपत्ति नाममात्र ही रह गई है । एक अरब से कहीं अधिक जनसंख्या वाला देश भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है । दूसरी ओर आकार की दृष्टि से पूरी दुनिया में हमारा स्थान सातवाँ है ।

प्रश्न है कि यदि इसी गति से हमारे लोगों की संख्या बढ़ती रही तो विकास के सभी मानवीय प्रयास विफल हो जाएँगे । आज तो हम वैज्ञानिक कृषि के बलबूते बड़ी हुई आबादी का पेट भर पाने में सक्षम हैं लेकिन कल क्या होगा ! आखिर कृषि उपज की एक सीमा है क्योंकि भूमि सीमित है ।

पृथ्वी पर उपयोगी जल की मात्रा बहुत कम है । कोयला, पैट्रोलियम, लौह अयस्क, ताँबा आदि खनिजों के भंडार भी सीमित हैं । बढ़ती हुई आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वन काटे जा रहे हैं । वन विनाश पर्यावरण संकट का प्रमुख कारण है ।

जितने लोग होंगे खपत उतनी ही बढ़ेगी । उतने ही कल-कारखानों की जरूरत होगी क्योंकि सबके लिए कुछ न कुछ रोजगार की व्यवस्था करनी ही है । कल-कारखानों से ही हमारी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है । दूसरी ओर ये कारखाने जल-प्रदूषण और वायु प्रदूषण फैलाते हैं । जिस स्थान पर जनसख्या का दबाव अधिक होता है वहाँ गंदगी और प्रदूषण भी अधिक होता है ।

वहाँ ध्वनि प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जाती है । हमारे देश की प्रमुख समस्याएँ जनसंख्या वृद्धि से संबंधित हैं । अशिक्षा बेकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव विकास की धीमी गति, निर्धनता भीड़-भाड़, कानून और व्यवस्था की समस्या मूलभूत, सुविधाओं का अभाव, कुपोषण जैसी कितनी ही समस्याओं का सीधा संबंध जनसंख्या की तीव्र वृद्धि से है ।

आज यदि भारत की जनसंख्या पचास करोड़ के आस-पास होती तो हम विकसित देशों की पंक्ति में खड़े होते । जनसंख्या वृद्धि एक समस्या है तो उसका समाधान भी है । सबसे पहले तो हमें शिक्षा के प्रसार पर ध्यान केंद्रित करना होगा ।

लोगों को साक्षर बनाना ही हमारा उद्देश्य नहीं होना चाहिए बल्कि सभी लोगों को शिक्षित बनाना होगा । शिक्षित नागरिक ही देश की बढ़ती हुई आबादी के बारे में चिंता कर सकते हैं । ऐसे लोग ही अपने परिवार को छोटा रखने का सकल्प पूरा कर सकते हैं । दूसरी ओर सामाजिक सुरक्षा की दिशा में भी काम करने की जरूरत है ।

स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर बाल मृत्यु दर रोककर तथा स्त्रियों की शिक्षा पर खास ध्यान देकर इस समस्या का मुकाबला किया जा सकता है । हमें लोगों को गर्भ निरोधक उपायों को अपनाने के बारे में जागरूक करना होगा । छोटे परिवार वालों को प्रोत्साहित कर उनकी संतानों के भविष्य को किसी हद तक सुरक्षित बनाकर हम जनसंख्या वृद्धि का समाधान ढूँढ सकते हैं ।

पंचायतों में ग्राम सभाओं में सरकारी नौकरियों में विधानसभाओं तथा ससद में एक संतान वालों के प्रवेश को सुविधाजनक बनाकर हम जनसंख्या पर लगाम लगा सकते हैं । कई अन्य उपाय भी कारगर हो सकते हैं । लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की उम्र से पहले नहीं कराया जाना चाहिए । लड़की का विवाह भी 21 वर्ष या उससे अधिक उम्र में होना चाहिए ।

छोटे परिवार की खूबियों को भी लोगों तक पहुँचाने की आवश्यकता है । ‘लड़का-लड़की एक समान’ के सिद्धांत को भी प्रचारित किया जाना चाहिए । हमें एक सुस्पष्ट जनसंख्या नीति बनाकर उस पर ईमानदारी से अमल करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 9

हमारे अनेक कार्य ऐसे हैं जिनसे हमें असीम सुख की प्राप्ति होती है । जिन लोगों को पुस्तकों से प्रेम है उन्हें आनंदित होने के लिए अन्य किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं होती । स्वाध्याय के आनंद का अपना अलग महत्त्व है ।

स्वाध्याय का अर्थ है स्वयं पढ़ना-लिखना । बच्चे स्वाध्याय के माध्यम से अपने ज्ञान में भारी वृद्धि कर सकते हैं । विद्यालय में जो पढ़ाया जाता है उसे यदि स्वाध्याय के माध्यम से दोहराया जाए तो विषय-वस्तु पर स्थाई पकड़ बन जाती है ।

जब हम स्वाध्याय के द्वारा किसी विषय को ग्रहण करते हैं तो उस समय हमारा मस्तिष्क उस विषय के विभिन्न पहलुओं को सरलता से आत्मसात् कर लेता है । स्वाध्याय के लिए उपयोगी पुस्तकों के चयन का खास महत्त्व है ।

कई पुस्तकों में अनावश्यक बातें लिखी होती हैं जिसका अध्ययन हमारे लिए फिजूल है । अश्लील पुस्तकें भड़काऊ पुस्तकें घृणा फैलाने वाली पाठ्‌य सामग्री तथा सस्ती लोकप्रियता अर्जित करने वाली पुस्तकों के पाठन से हमें कोई लाभ नहीं होता ।

हमें स्वाध्याय के लिए केवल ऐसी पुस्तकों का चुनाव करना चाहिए जो हमारे जीवन के लिए प्रेरणादायक हों । महापुरुषों की जीवनियाँ महान साहित्यकारों की रचनाएँ ज्ञान-विज्ञान से संबद्ध रचनाएँ हमें सचमुच किसी आनंदलोक में पहुँचा सकती हैं ।

शिक्षाप्रद कहानियों उपन्यासों कविताओं लेखों नाटकों आदि का पाठन हमारे मन को आंदोलित कर सकता है । अच्छा साहित्य पढ़कर हम अपने जीवन को अधिक उपयोगी बना सकते हैं । स्वाध्याय के लिए समय के चुनाव का कोई प्रतिबंध नहीं है परंतु इस कार्य हेतु स्थान के चयन का खास महत्त्व है ।

स्वाध्याय के लिए कोलाहल से दूर एक शांत वातावरण चाहिए । भीड़-भाड़ और अशांत वातावरण में स्वाध्याय का पूरा आनद नहीं उठाया जा सकता । घर के एक कोने में, शांत छत पर, किसी नदी के तट पर स्वाध्याय करने से हमारे चित्त पर इसका अच्छा असर पड़ता है । स्वाध्याय करने वाला व्यक्ति अपने आप को कभी अकेला और असहाय महसूस नहीं करता है ।

इससे हमारे चित्त की अज्ञानता दूर होती है तथा मन में प्रेम का प्रकाश फैलता है । यह हमारे विवेक को जागृत करता है । हमारा अनुभव दिनों-दिन बढ़ता जाता है । ज्ञान और अनुभव ऐसी वस्तुएँ हैं जिन्हें हमसे कोई नहीं छीन सकता । यह भटके हुए मनुष्यों का पथ-प्रदर्शन करता है ।

स्वाध्याय हमें सभ्य एवं संस्कारयुक्त बनाता है । स्वाध्याय के आनद का वर्णन किसी लेख आदि के माध्यम से नहीं किया जा सकता यह स्वयं अनुभव करने की वस्तु है । स्वाध्याय केवल पढ़ना ही नहीं है परतु पड़े हुए को समझना एवं उसके अनुसार कार्य करना भी है ।

जो अध्ययन हमारा मार्गदर्शन नहीं कर सकता हमें असत् से सत् की ओर नहीं ले जा सकता वह किसी काम का नहीं है । स्वाध्याय के लिए जिस उमंग और उत्साह की आवश्यकता होती है । वह प्राय: कम ही देखने को मिलता है । इसलिए स्वाध्याय का आनंद कुछ विरले ही उठा पाते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 9 Students (Essay) # 10

जिन पशुओं को हम लोग पालते हैं उन्हें पालतू पशु कहा जाता है । पशुओं को पालने के कई प्रकार के लाभ हैं । गाय, भैंस, बैल, बकरी, ऊँट, घोड़ा, कुत्ता आदि प्रमुख पालतू पशु हैं । इन्हें विभिन्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है ।

समझा जाता है कि कुत्ता मनुष्य का सबसे पहला साथी बना होगा । वह आदि मानव को खतरनाक जंगली पशुओं से सावधान करता होगा । बदले में वह अपने मालिक के फेंके गए मास एवं हड्डियों के टुकड़ों को प्राप्त करता होगा ।

आजकल कुत्ता पालना एक सम्मान का प्रतीक बन गया है । वह अपने स्वामी के घर की रखवाली करता है । पुलिस वाले अच्छी नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षित कर अपराधियों का पता लगाते हैं । कुछ पशुओं को हम लोग दूध और मांस के लिए पालते हैं ।

गाय भैंस और बकरी हमें मीठा दूध देती है । बकरा, सूअर, मुरगा आदि मांस के लिए पाले जाते हैं । मुरगी अंडे देती है । बैल, भैंसा जैसे पशु हल में जोते जाते हैं । ये गाड़ी खींचने के काम में भी आते हैं । गदहे की पीठ पर धोबी कपड़े ढोता है । गदहे और खच्चर की पीठ पर अन्य वस्तुएँ भी लादी जाती हैं ।

घोड़ा आधुनिक युग में भी काफी लोकप्रिय है । यह ताँगा खींचता है । घुड़सवार सैनिक आज भी देखे जाते हैं । घोड़े पर सवारी भी की जाती है । ऊँट रेगिस्तान की एकमात्र भरोसेमंद सवारी है । भेड़ पालन का भी अपना महत्व है । इससे ऊन प्राप्त होता है, जिससे ऊनी कपड़े बनाए जाते हैं ।

कुछ पालतु पशुओं का मल-मूत्र भी हमार लिए उपयोगी होता है । गाय बैल भैंस आदि का गोबर सर्वोत्तम खाद माना जाता है । बायोगैस संयंत्रों में गोबर का ही उपयोग किया जाता है । कुछ लोग गोबर के उपले बनाकर इसे जलावन के रूप में प्रयोग करत हैं । ग्रामीण क्षेत्रों के घर-आँगन गोबर से लीपे-पोते जाते है । कुछ लोग गौ-मूत्र को औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं ।

अनेक पालतू पशुओं की खाल से चमड़े की विभिन्न वस्तुएँ तैयार की जाती हैं । चमड़ा उद्योग पूर्णतया पालतू पशुओं पर निर्भर है । इस प्रकार पालतू पशु हमारे लिए अत्यंत उपयोगी हैं । इनकी भली-भांति देखभाल की जानी चाहिए । इन्हें अच्छा भोजन तथा स्वास्थ्यप्रद आवास उपलब्ध कराकर इनकी सेवाओं का अधिक लाभ उठाया जा सकता है ।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

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Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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