• निबंध ( Hindi Essay)

essay for safety in hindi

Essay on Safety in Hindi | हिंदी में सुरक्षा पर निबंध

Essay on Safety in Hindi

Essay on safety in Hindi: यदि हम खुद की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं तो कई तरह की परेशानियों से खुद को बचा सकते हैं। यानी खुद की Safety बहुत जरूरी है।

खुद की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है इसी बात को समझाने के उद्देश्य से परीक्षाओं में Safety Essay in hindi अक्सर पूछा जाता है।

इसीलिए Students की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर Essay on road safety in hindi और Industrial Safety rules in hindi दिया जा रहा है, जिसमे हम Road safety rules, Indrustrial safety rules आदि के बारे में जानेंगे।

Table of Contents

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 300 words

आवागमन के लिए दुनिया के अधिकतर व्यक्ति सबसे ज्यादा रोड का ही उपयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत आवश्यक हो जाता है कि यातायात का यह तरीका बहुत ही सुरक्षित हो।

रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं यदि उन नियमों का सही ढंग से पालन हो तो सड़क हादसों की संख्या बहुत कम हो सकती है। लेकिन यदि वर्तमान के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चिंताजनक है भारत में रोड एक्सीडेंट की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

यातायात के नियम

रोड यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए यातायात से संबंधित कई नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। रोड यात्रा से संबंधित यातायात के नियम निम्नलिखित हैं:-

  • हमेशा रोड के बाएं साइड ही चलना चाहिए।
  • नशे की हालत में कभी भी गाड़ी नहीं चलाना चाहिए।
  • बाइक चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए।
  • अपने वाहन के टायरों को समय-समय पर जांचते रहना चाहिए।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों में तेज गति से वाहन नहीं चलाना चाहिए।
  • सड़क पार करने के लिए हमेशा जेबरा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए।
  • रोड में वाहन चलाते समय अपने वाहन और दूसरे वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखना चाहिए।
  • वाहन चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल का ध्यान रखना चाहिए।
  • दोपहिया वाहनों में दो व्यक्ति से ज्यादा नहीं बैठना चाहिए।

बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अर्थदंड ₹500 था, जो अब बढ़ाकर ₹5000 कर दिया गया है। वहीं बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर अर्थदंड के तौर पर ₹1000 लिया जाता है।

यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए इस तरह के नियमों में बदलाव निश्चित रूप से सराहनीय है आगे भी हम इसी तरह के कई बदलावों की अपेक्षा करते रहेंगे।

Essay on safety in Hindi (हिंदी में सुरक्षा पर निबंध) – 500 words

W.H.O के अनुसार भारत मे प्रतिवर्ष रोड दुर्घटना से 10 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु हो जाती है। हर दिन करीब 1317 लोगो के साथ रोड दुघर्टना होती है, जिनमे से 413 लोगो की मौत हो जाती है।

इनमे से कई ऐसे लोग भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिनकी कोई गलती नही होती है। वो सभी नियमों का पालन कर रहे होते हैं, लेकिन किसी और कि गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।

Traffic नियम के महत्व (Importance of traffic rules)

Traffic नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। ट्रैफिक रूल इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चलता रहे। यदि कोई भी इन नियमों को तोड़ता है तो इससे सड़क सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।

Traffic light सबसे महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इन्ही के जरिए लोगो को पता चलता है कि कब गति को धीरे करना है, कब रुकना है और कब चलना है।

यदि कोई Traffic light के बारे में नही जानता तो वह न समझी में इन signals को तोड़ देगा जिससे कि बाकी व्यक्तियों को असुविधा हो सकती है।

सड़क दुर्घटना होने के मुख्य कारण

आज देश मे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में इनके पीछे प्रमुख कारणों के बारे में जानना आवश्यक है। भारत मे सड़क दुर्घटना के कारण निम्नलिखित है:-

  • हमारे देश मे रोड की हालत काफी खराब रहती है। जिसकी वजह से कई दुर्घटनाएं होती है।
  • लोगो को ट्रैफिक संबंधी नियमों का सही ज्ञान नही होता है , जिस वजह से दुर्घटनाएँ होती है।
  • कई लोग बिना हेलमेट के और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं जो भी सड़क दुर्घटना में मृत्यु का एक बड़ा कारण बनता है।
  • गलत दिशा से ओवरटेक करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बिना इंडिकेटर दिए मुड़ जाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • कभी-कभी पैदल यात्री अचानक एक दिशा में मुड़ जाते है , जिसकी वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
  • शराब पीकर वाहन चलाने से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए क्या करें

सड़क दुर्घटना रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-

  • नशे की हालत में गाड़ी चलाने से हमेशा बचना चाहिए।
  • गाड़ी चलाने से पहले हमेशा वाहन के ब्रेक और टायर चेक कर लेना चाहिए।
  • कार चलाते वक्त हमेशा सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
  • हेलमेट पहन कर ही बाइक चलाना चाहिए।
  • जरूरत पड़ने पर हमेशा इंडिकेटर को प्रयोग करना चाहिए।
  • कभी भी दूसरे वाहन को उल्टी दिशा से ओवरटेक नहीं करना चाहिए
  • सिग्नल्स का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी सिग्नल तोड़ने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
  • कहीं जाने से पहले कोशिश करें कि आप वक्त से थोड़ा पहले घर से निकले ताकि आपको ज्यादा गति से वाहन ना चलाना पड़े।

अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण ही होती है। यदि इन गलतियों में कमी लाया जाए तो रोज होने वाले सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

यदि आप सावधान है और सुरक्षा संबंधी उपाय करते है तो सड़क दुर्घटना में अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए हमेशा यात्रा करने से पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित जरूर कर लें।

Industrial Safety Essay in Hindi (औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) – 500 words

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी अपनी आजीविका लिए फैक्ट्रियों में काम करती है। ऐसे में यह बहुत ही बहुत आवश्यक हो जाता है कि उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हालांकि औद्योगिक सुरक्षा के लिए आजकल कई विशेष कानून बन चुके हैं जिसमें किसी भी कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी और मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

आजकल हर कंपनी की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वह काम करने वालों को सुरक्षा संबंधी सभी जरूरी चीजें मुहैया करवाए। यदि कंपनी में सुरक्षा के संबंध में लापरवाही बढ़ती है तो कोई भी कर्मचारी इसके खिलाफ कानूनी सहायता ले सकता है।

Industrial safety rules in hindi ( औद्योगिक सुरक्षा के नियम)

औद्योगिक सुरक्षा के नियम निम्नलिखित है:-

  • काम करने के दौरान किसी भी तरह गड़बड़ दिखाई देने पर तुरंत सुपरवाइसर को बताएं।
  • कोई भी मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छे से जाँच लें।
  • किसी भी मशीन को चलाने से पहले या कोई रासायनिक काम करने से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों को जरूर पहन लें।
  • काम के दौरान अपने साथी से मजाक न करें क्योंकि एक छोटी सी भूल बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।
  • यदि आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जिसमे आग लगने की संभावना बनी रहती है तो अपने पास उतना ही समान रखें जितना जरूरी है। काम खत्म होने के
  • बाद सभी चीजों को उनके उचित स्थान पर जरूर रख दें।
  • काम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नट-बोल्ट ढीला तो नही है। सभी मशीनों को जांचे। साथ ही यदि ऊपर क्रेन लगी तो इस बात को सुनिश्चित
  • कर लें कि उसकी पकड़ मजबूत है।
  • किसी भी सामान को गिरने न दें। इसके लिए नेट लगाया जा सकता है।
  • काम के दौरान आसपास की सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास तेल गिरा होने पर उसे साफ करते रहना चाहिए।
  • कभी भी जल्दबाजी में काम न करें। हर काम को सोच समझ कर ही करें।
  • काम के दौरान पूरी सजकता बनाकर रखें।
  • काम करने की जगह पर फर्श चिकना नही होना चाहिए।
  • हर फैक्ट्री में आपातकालीन दरवाजा जरूर होना चाहिए। साथ ही आपातकालीन दरवाजे के आसपास की जगह बिलकुल खाली हो ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में लोग आसानी से निकल सकें।
  • किसी भी मोटर या मशीन में यदि चैन लगी हो तो उसके ऊपर चैन कवर होना जरूरी है।
  • हर फैक्ट्री में सेफ्टी अलार्म जरूर होना चाहिए। साथ ही उचित मात्रा में अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

कोई भी क्षेत्र में व्यक्ति तभी पूरी ऊर्जा से काम कर सकता है जब वह अपनी सुरक्षा को लेकर सुनिश्चित हो। हमने पिछले कुछ सालों में कई बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं को होते हुए देखा है।

इन्ही में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। कई लोग कंपनियो में काम करने के दौरान चोटिल हो जाते हैं तो वही काफी लोगो की जान भी चली जाती है।

इसकी वजह है सुरक्षा मानकों का पालन करने में लापरवाही बरतना। कई कंपनियां सुरक्षा के लिए तय मानकों पर खरी नही उतरती है।

हालांकि आज देश मे इस दिशा में बहुत तेजी से काम हो रहा है। समय समय पर हर कंपनी की जाँच होती है, जिसमें इन सब बातों का जायजा लिया जाता है।

वहीं आज कर्मचारियों को भी यह अधिकार है कि यदि कोई कंपनी कामगारों की सुरक्षा में लापरवाही बरतती है तो उसके खिलाफ कानूनी मदद ले सकता है।

हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। फिर चाहे हम सड़क में चल रहे हों या किसी जगह काम कर रहे हों। छोटी छोटी लापरवाहियां कभी कभी जिंदगी भर का दर्द दे जाती है।

Detailed information of Essay on Safety in Hindi

आज के समय मे खुद की सुरक्षा करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। आज लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हैं कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी छोटी-छोटी चीजों के ऊपर भी ध्यान देने का वक़्त नही मिलता।

ऐसा करके हम कही न कहीं अपने ही जीवन में खतरे को दावत दे रहे हैं। हमारा जीवन सुचारु रुप से चलता रहे और किसी भी तरह की परेशानियों से हम दूर रहे इसके लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि हम खुद की सुरक्षा पर ध्यान दें।

क्योंकि कभी-कभी छोटी सी भी लापरवाही हमें बड़ा नुकसान दे सकती है। इसलिए खुद की सुरक्षा के प्रति सजग रहना नितांत आवश्यक है।

किस तरह की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए?

सुरक्षा कई तरह की होती है। हमें इन सभी के प्रति सजग रहना चाहिए। हम अपने जीवन में जिन जिन क्षेत्रों पर क्रियाशील रहते हैं उन सभी क्षेत्रों से जुड़े हुए सुरक्षा मापदंडों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

साथ ही जीवन मे कई चीज़े एक साथ चलती है , और वो सभी आपस मे जुड़ी होती है। इसलिए यदि किसी एक चीज़ में भी कोई समस्या उत्पन्न होती है तो दूसरा क्षेत्र खुद ही प्रभावित हो जाता है।

उदाहरण स्वरूप हमारा स्वास्थ्य और हमारी आर्थिक स्थिति कही न कही एक दूसरे से जुड़ी हुई है। जैसे कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हम ज्यादा मेहनत कर पायेंगे।

अपने ऑफिस या बिज़नेस में ज्यादा उत्साह और स्फूर्ति के साथ काम कर पाएंगे। जिसका परिणाम यह होगा कि हमारी आर्थिक तरक्की होगी।

मेहनत जितनी ज्यादा होगी हमारा बिजनेस उतना आगे बढ़ेगा। वही यदि आप ऑफिस में काम कर रहे है तो आपके बॉस निश्चितरूप से आपके मेहनती स्वभाव से प्रभावित होंगे।

वहीं यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो आप अपने काम में पूरी ऊर्जा नहीं लगा पाएंगे जिससे कहीं ना कहीं आप की आर्थिक प्रगति भी प्रभावित होगी।

वही इसका दूसरा पहलू भी आप देखते हैं यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तो आप कम काम करके भी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पर आर्थिक स्थिति खराब है तो आपको ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिसका विपरीत प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

यह कहने का तात्पर्य बस इतना है कि हमारे जीवन में जो भी क्रियाकलाप चलते हैं वह सभी आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनमें से यदि एक पर भी कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है तो दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। इसीलिए हर क्षेत्र की सुरक्षा का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है

किन किन क्षेत्रों में हमें सुरक्षा का ध्यान देना चाहिये?

हमारी जिंदगी सुचारू रूप से चलते रहे और जीवन में खुशी बरकरार रहे इसके लिए हमें पहले से ही आने वाले संभावित खतरों के प्रति सजग रहना चाहिए और उनसे बचने के लिए सुरक्षा संबंधी उपाय करते रहना चाहिए। वह सभी क्षेत्र जिनसे जुड़ी सुरक्षा में विशेष ध्यान रखना चाहिए निम्नलिखित है:

  • अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा
  • काम करने के दौरान सुरक्षा
  • यात्रा के दौरान सुरक्षा
  • छोटे बच्चों की सुरक्षा
  • आर्थिक स्थिति की सुरक्षा

पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा

स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा..

हम सब चाहते हैं कि स्वस्थ रहें, हमें किसी तरह की बीमारी ना हो, हमें कभी हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़े, लेकिन ये ख्वाइश होने के बावजूद भी हम अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत लापरवाही बरतते हैं।

हम हर चीजो के ऊपर ध्यान देने के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं लेकिन स्वास्थ्य एक ऐसी चीज है जिस पर हम जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

हम सब यह जानते हैं कि योग हमारे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना अहम योगदान दे सकता है।

साथ ही हम सब लोग यह भी जानते हैं कि नशीली और मादक पदार्थों का सेवन हमारे शरीर पर कितना बुरा प्रभाव डालता है, लेकिन फिर भी ना तो योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं और हम में से कुछ लोग नशीली पदार्थों का सेवन भी करते हैं।

हमने अपनी दिनचर्या में ऐसी आदतों को बहुत ज्यादा शामिल कर लिया है जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं

लेकिन यदि आपको अपने जीवन का आनंद लेना है, जीवन के हर एक आयाम का सुख लेना चाहते हैं और वृद्धावस्था में भी स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको बचपन से ही अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।

हमें अपने दिनचर्या में ऐसी आदतों को शामिल करना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। कुछ ऐसी ही स्वास्थ्य संबंधी आदतें हैं जो हर एक इंसान को अपने जीवन में शामिल कर लेना चाहिए।

समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच

युवावस्था से ही हमें यह आदत डाल लेनी चाहिए कि महीने में कम से कम एक बार अपनी सेहत की पूरी जांच जरूर करवाएं। इन जांच में ब्लड टेस्ट ब्लड प्रेशर टेस्ट आदि शामिल होना चाहिए।

समय-समय पर सेहत की जांच करवाने से सेहत से संबंधित किसी भी खतरे के बारे में हमें वक्त से पहले ही पता चल जाता है और हम सही समय पर इलाज शुरू कर देते हैं।

खतरनाक जगहों से खुद को बचा कर रखें

अपनी सेहत का बचाव करने के लिए यह भी जरूरी है कि कभी खुद को ऐसी परिस्थिति में ना डालें जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो।

जैसे आप एक बहुत अच्छे तैराक हैं पर यदि आप एक ऐसी जगह पर तैर रहे हैं जहां पहले ही यह चेतावनी लिखी हुई है कि वहां तैरना जानलेवा साबित हो सकता है।

लेकिन उसके बावजूद भी आप उस चेतावनी को नजरअंदाज करके वहां तैर रहे हैं, इससे आपकी जान भी जा सकती है।

इसलिए जब भी घर से बाहर रहे तो सतर्क रहें अपने आसपास होने वाली हर एक घटना के प्रति सजग रहें और जरूरी संकेतों और चेतावनी पर विशेष ध्यान रखें।

अपने हाथों को धोएं

अधिकतर लोग खाना बनाते वक्त और खाते वक़्त एक बहुत बड़ी लापरवाही करते हैं। हम खाना बनाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं। साथ ही खाना खाने के पहले भी हाथ नहीं धोते हैं।

यदि आपकी दिनचर्या में भी ऐसी ही कुछ आदतें शामिल है तो आप सतर्क हो जाइए, क्योंकि आप एक बहुत बड़ी समस्या को दावत दे रहे हैं।

आपके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के अंदर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। हाथ धुलना हमारे लिए कितना जरूरी है यह हम सब कोरोनावायरस के कारण अब जान चुके हैं। इसलिए खाना बनाने और खाना खाने से पहले हाथ साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए।

खाने में संयम रखें

हमेशा ऐसा भोजन करने से बचना चाहिए जो बहुत ज्यादा तेल मसाले वाला हो। कभी-कभी ऐसा भोजन किया जा सकता है, पर यदि ऐसा ही भोजन आप नियमित तौर पर करते हैं तो यह बात निश्चित है कि एक दिन आपको इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिलेंगे इसलिए हमेशा सादा भोजन ही करें।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने

डॉक्टरों का मत है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए क्योंकि पानी की मदद से ही हमारे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

सोने और जागने का समय निश्चित हो

हमारे पूर्वज कहते थे कि जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठता है वह अपने जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की करता है। बहुत समय पहले कही गई यह बात आज भी पूरी तरह सत्य है।

यदि हम अपने सोने और जागने के वक्त को तय कर लेते हैं तो हमारे सभी काम सही तरह से चलने हैं। हमें दिन का वक्त मिलता है जिसमें हम बाकी कामों को आराम से कर सकते हैं, साथ ही सेहत भी अच्छी रहती है।

यात्रा करने के दौरान सुरक्षा

अधिकतर लोग कभी ना कभी यात्रा जरूर करते हैं। कुछ लोग काम के सिलसिले में यात्रा करते रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग शौकिया तौर पर घूमने के उद्देश्य से यात्रा करते हैं। लेकिन यहां पर भी हम अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल जाते हैं।

नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं। यदि आप इनका पालन करते हैं तो अपनी यात्रा के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

पैसे की सुरक्षा का ध्यान रखें

जब हम किसी दूसरे जगह घूमने जाते हैं तो सबसे अधिक दिक्कत होती है पैसे को सुरक्षित रखने की। सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि हम कैश कम से कम लेकर के चलें।

हमेशा ऐसे इलाकों में एटीएम का उपयोग करना चाहिए जहां पर लोग मौजूद हों। रात के वक्त कभी भी पैसे निकालने नहीं जाना चाहिए। कैश की जगह आप अधिक से अधिक क्रेडिट कार्ड या ट्रैवलर चेक का उपयोग कर सकते हैं।

घूमने की जगह

कभी भी ऐसी जगह पर घूमने के लिए ना जाए जो बहुत ही ज्यादा सुनसान है। खासकर रात के वक्त ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए। आमतौर पर यह माना जाता है कि जिस जगह महिलाएं और बच्चे घूमते हैं वह जगह सुरक्षित होती है। रात के वक्त किसी सड़क में भी नहीं घूमना चाहिए।

अपने दस्तावेजों की सुरक्षा

यदि आप विदेश में हैं और वहां आपके जरूरी डॉक्यूमेंट चोरी हो गए तो फिर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमेशा उनको एक सुरक्षित जगह पर रखें जहां किसी की पहुँच न हो।

जानकारों की तरह पेश आए

जब भी आप किसी जगह घूमने के लिए जाएं इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आपकी वेशभूषा देख कर के यह न समझ पाए कि आप इस जगह से बिल्कुल अनजान है।

यदि आपको नहीं पता कि आप किधर जा रहे हैं फिर भी आत्मविश्वास से भरे रहें। आपके कपड़े कुछ इस तरह के होने चाहिए कि वहां के लोकल लोगों के बीच घुल-मिल जाए। यदि आपने अपने साथ मैप लिया है तो उसे देखते हुए सतर्कता बरतें। क्योंकि कोई भी यदि आप पर नजर रख रहा होगा तो वह आसानी से समझ जाएगा कि आप घूमने आए हैं और मौका मिलते ही चोरी करने की कोशिश कर सकता है।

काम करने के दौरान सुरक्षा.

24 घंटे में हम लोगों का अधिकतर वक्त काम करने में व्यतीत होता है ऐसे में यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि आप काम करने के दौरान खुद को सुरक्षित करके रखें।

फैक्ट्री में काम करने के दौरान सुरक्षा

यदि आप किसी फैक्ट्री में काम कर रहे हैं तो सुरक्षा मापदंडों का विशेष ध्यान रखें। जैसे किसी मशीन को चलाते वक्त हेलमेट पहन कर रखे।। वेल्डिंग करते वक्त आंखों में चश्मा पहन कर रखें। यदि आप केमिकल से संबंधित कोई काम कर रहे हैं तो हाथों में ग्लब्स पहन कर ही काम करें।

ऑफिस में काम करने के दौरान सुरक्षा.

यदि आप किसी ऑफिस में काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में अपने शरीर को आराम देते रहें। एक ही स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने के कारण शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है।

इसलिए थोड़ा उठे और शरीर को स्ट्रेच करें, वॉशरूम जाकर अपनी आंखों को धुले और पानी पियें। यानी हर एक से डेढ़ घंटे के बाद अपने शरीर को 15 मिनट का आराम दे सकते हैं।

छुट्टियों का सही उपयोग करें.

आजकल हर संस्था में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से हर संस्था में काम करने वाले लोग शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक थकान का भी अनुभव करते हैं।

एक लंबे वक्त तक मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरने के बाद व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या जन्म ले लेती है। इसलिए हर किसी को समय-समय पर अपने काम से अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

हर कर्मचारी को 365 दिनों में कुछ दिनों की छुट्टी लेने का अधिकार है पर हम लोग छुट्टी नहीं लेते हैं,जो कि गलत है।

आजकल अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है इसलिए समय-समय पर जरूरी अवकाश जरूर लेते रहना चाहिए।

छोटे बच्चों की सुरक्षा.

छोटे बच्चे भी हमारे ही जीवन का हिस्सा है। यदि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो उसकी वजह से भी हमारा जीवन प्रभावित होता है। इसलिए छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परवरिश पर ध्यान दे.

छोटे बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। उनका शारीरिक और मानसिक विकास किसी भी तरह से अवरुद्ध ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वह हमारे देश और समाज के भविष्य हैं और एक स्वस्थ बच्चा ही आगे चलकर के एक स्वस्थ नागरिक बन सकेगा।

सेहत पर ध्यान

छोटे बच्चों को किसी भी तरह की समस्या होती है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि आजकल कई तरह की बीमारियां फैल चुकी है जिनसे छोटे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं।

शिक्षा पर ध्यान

बच्चों का सही उम्र में एडमिशन स्कूल में करवा दें घर में हमेशा ऐसा माहौल रखे जिससे बच्चे सीखने के प्रति ज्यादा प्रेरित हो सकें। पढ़ाई के साथ-साथ उनके अंदर कुछ रचना रचनात्मक काम करने की आदत भी डालें जिससे कि वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का भी विकास कर सकें।

आर्थिक स्थिति की सुरक्षा.

आज के वक़्त महगाई जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखते हुए अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आर्थिक सुरक्षा का मतलब है की आपके पास पैसे कमाने के पर्याप्त साधन मौजूद हो और उनसे इतना पैसा आता हो कि आपकी सभी जरूरतें पूरी हो रही हों। साथ ही आप के बैंक खाते पूरी तरह से सुरक्षित हो।

बैंक से जुड़ी चीज़े चेक करते रहे।

कई लोगों की एक अच्छी आदत होती है, वह अपने बैंक स्टेटमेंट और अकाउंट से जुड़ी गतिविधियों को बीच-बीच में चेक करते रहते हैं।

आपको समय समय पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना चाहिए। यदि कोई आपके खाते से गलत तरीके से पैसे निकाल रहा है तो आपको उसकी जानकारी लग जाएगी और आप अपने खाते की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय कर पाएंगे।

आजकल कई तरह के फ्रॉड फैल चुके हैं जिनके जरिए किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं और संबंधित व्यक्ति को पता भी नहीं चलता।

पासवर्ड सुरक्षित रखें

आजकल हम बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां अपने मोबाइल के जरिए ही करते हैं। पैसे ट्रांसफर करने का काम भी मोबाइल एप के जरिए करते हैं।

लेकिन यहां पर हम से एक बड़ी चूक हो जाती है। इन एप्स का पासवर्ड बहुत ही आसान रख देते हैं। आपके प्रति यदि कोई गलत भावना रखता है तो बड़ी आसानी से वह पासवर्ड पता करके आपके बैंक से पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें साथ ही हर चीज के लिए पासवर्ड अलग अलग रखें।

ईमेल के प्रति सतर्क रहें

आजकल धोखेबाजी की घटनाएँ मेल के जरिए होती हैं। हमें कई ऐसे ईमेल मिलते हैं जिन पर एक क्लिक करते ही बैंक की सारी जानकारी किसी हैकर के पास चली जाती है।

जिसके बाद वह हमारे बैंक अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऐसे ईमेल के प्रति सतर्क रहें साथ ही ऐसे मेल को अपने इनबॉक्स में ना रखें और इन्हें डिलीट करते रहे।

सारी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर ना करें

जब से सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ है तब से हमें एक बहुत बुरी लत लग गई है। हम अपने जीवन की हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर देते हैं, और इन्हीं सब जानकारियों का फायदा हैकर्स के द्वारा उठाया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सोशल मीडिया में वही सब शेयर करें जो जरूरी हो और जिनसे आप की सुरक्षा को कोई खतरा ना हो।

इंसान जैसे-जैसे तरक्की करता जा रहा है वैसे ही रिश्तो की उम्र भी छोटी होती जा रही है। चाहे वह रिश्ता पति पत्नी का हो या पिता-पुत्र का आजकल हर तरफ रिश्तो में तनाव देखने को मिलता है।

एक सर्वे में यह बात बताई गई थी कि हम अपनी जिंदगी में कितने खुश रहेंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे रिश्ते कितने मजबूत हैं।

यदि हम रिश्तो के मामले में कमजोर हैं तो फिर दुनिया की सारी चीजें मिल करके भी हमें वह खुशी नहीं दे सकती जो हमें चाहिए।

इसलिए अपने रिश्ते को सुरक्षित बनाएं, फिर वह रिश्ता भले ही किसी के साथ हो। आपको जब भी वक्त मिले अपने दोस्तों से फोन पर बात करें और उनके बारे में जान जानकारी लें।

पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही संवेदनशील होता है। एक छोटी सी बात भी रिश्ते में बहुत बड़ी खटास डाल सकती है। इसलिए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। काम की व्यस्तता के बीच दोनों लोगों को कुछ वक्त एक दूसरे के लिए जरुर निकालना चाहिए।

यदि आप एकल परिवार में रहते हैं तो हमेशा अपने दादा-दादी, नाना-नानी,चाचा-चाची से मिलने का वक्त निकाले। यदि संभव हो तो दिन में एक बार एक साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।

जीवन की निश्चित समय सीमा है। इस पूरे समय को जीवन में नई ऊंचाइयां हासिल करने में लगाना चाहिए। लेकिन आप यह तभी कर पायेंगे जब इन सब छोटी मोटी बातों में आपका ध्यान न हो।

कहने का मतलब यह है कि जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए जितनी भी जरूरी चीज़े करनी पड़ती है, उन सब को अपनी आदत में शामिल कर लीजिए। उन्हें बार बार याद करने की जरूरत न पड़े, बल्कि आदतन हों।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध | essay on national safety day in hindi (100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच).

Essay On National Safety Day in Hindi

National Safety Day Essay in Hindi : जीवन अनमोल है, सुरक्षा के प्रति सचेत रहें!” हम सभी ने अपने कार्यस्थलों या सार्वजनिक स्थानों पर बिलबोर्ड और संकेतों के रूप में लगाए गए ऐसे सुरक्षा नारे अवश्य देखे होंगे। इसी तरह, सड़क सुरक्षा, कार्यस्थल सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण सहित सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल 4 मार्च को पूरे भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ( National Safety Day ) मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष के लिए अलग-अलग थीम और उद्देश्यों के आधार पर किया जाता है। यह एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव है, जहां सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं।  ऐसे में यदि आप एक छात्र हैं और नेशनल सेफ्टी डे के ऊपर एक बेहतरीन निबंध लिखना चाहते हैं परंतु इसकी शुरुआत कैसे करेंगे उसके बारे में नहीं जानते हैं,

तो आज के आर्टिकल में  National Safety Day Essay  से जुड़ी जानकारी जैसे- National Safety Day Essay 100 Words  ‘National Safety Day Essay 300 words | National Safety Day Essay 500 words | National Safety Day Essay 1000 Words  के बारे में पूरी जानकारी आसान भाषा में उपलब्ध करवाएंगे आर्टिकल को ध्यान से पढ़िएगा आईए जानते हैं:-

National Safety Day Nibandh- Overview

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 100 शब्दों में | national safety day essay 100 words.

National Safety Day Nibandh in Hindi भारत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना का जश्न मनाने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाता है। यह परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है जो राष्ट्रीय स्तर पर चलता है और दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देता है। इन उपायों में सड़क सुरक्षा उपाय, मानव स्वास्थ्य सुरक्षा और कार्यस्थल पर सुरक्षा शामिल हैं।

इस दिन का उद्देश्य सुरक्षित रूप से काम करने के लिए कर्मचारियों और नागरिकों  को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना हैं।  इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से दुर्घटनाओं से बचने के लिए उन सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डालना है जिनका पालन करना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 300 शब्दों में | National Safety Day Essay 300 words

4 मार्च के ही दिन भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी , इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वायत्त निकाय है जो सार्वजनिक सेवा के लिए एक गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करती है। इस संगठन की स्थापना 1966 ई. में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत की गई थी, जिसमें आठ हजार सदस्य शामिल थे। इसके बाद वर्ष 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। और इसके तुरंत बाद इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की जगह राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है? National Safety Day 2024

यह दिवस पहली बार 4 मार्च 1966 को मनाया गया था। इस दिन देश की जनता को जागृत करने के उद्देश्य से 8 हजार सदस्य शामिल हुए थे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा मनाया जाता है। वे विभिन्न कार्यक्रमों और विभिन्न प्रचार सामग्रियों के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हैं। इसके अलावा, ये कार्यक्रम विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और अन्य औद्योगिक पत्रिकाओं के माध्यम से लोगों तक उपलब्ध कराए जाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन किया जाता है इस दौरान, राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशों के पोस्टर, नारे, निबंध प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरस्कार वितरण, बैनर प्रदर्शनी, विभिन्न नाटक गीत और खेल प्रतियोगिता, कई कार्यशालाएँ और के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, सुरक्षा के मुद्दे पर कई औद्योगिक श्रमिकों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझ सकें। इस प्रशिक्षण में, उन्हें विभिन्न मशीनों, रासायनिक और विद्युत जोखिमों और विभिन्न सुरक्षा उपकरणों जैसे अग्निशामक यंत्र, प्राथमिक चिकित्सा आदि से निपटने का ज्ञान दिया जाता है। इस प्रकार, इन कार्यक्रमों का समग्र उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 500 शब्दों में | National Safety Day Essay (500 Words)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा एक प्राथमिकता है। यह दुर्घटनाओं को रोकने और कार्यस्थलों और हमारे दैनिक जीवन में सुरक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिन है। यह दिन सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन करने और दुर्घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने के महत्व पर प्रकाश डालता है। सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देकर, हम अपने और अपने आस-पास के लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं।

प्राथमिकता के रूप में सुरक्षा को कैसे बढ़ावा दें

सुरक्षा को प्राथमिकता के रूप में बढ़ावा देना जागरूकता से शुरू होता है। हमें अपने दैनिक जीवन और कार्य वातावरण में संभावित खतरों के प्रति सचेत रहना चाहिए। इसका मतलब है संभावित जोखिमों की पहचान करना और दुर्घटनाओं को होने से रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना। कार्यस्थल में, कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करके सुरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं। इस प्रशिक्षण में सुरक्षा उपायों और प्रक्रियाओं, आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाओं और उपकरण और मशीनरी के उचित उपयोग को शामिल किया जाना चाहिए। नियोक्ताओं को संभावित खतरों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित सुरक्षा ऑडिट भी करना चाहिए कि सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा है। व्यक्तिगत रूप से, हम सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन करके सुरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सर्वश्रेष्ठ नारे ( Slogan On National Safety Day )

  • सुरक्षित और स्वस्थ कार्यस्थल के लिए मिलकर काम करें।
  • जब तक आप सुरक्षा को अपना पहला लक्ष्य रखेंगे, सफलता हमेशा आपके साथ रहेगी।
  • जीवन सुरक्षा सर्वोपरि है; सुरक्षा के बिना, सब कुछ निरर्थक है।
  • जीवन सुरक्षा कोई नारा नहीं है, बल्कि यह जीने का एक तरीका है।
  • आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ आपकी है, सुरक्षा तोड़ने वाला व्यक्ति समय से पहले ही जीवन छोड़ देगा।
  • आपकी सुरक्षा केवल आपके और आपके ही हाथ में है।
  • आत्म-सुरक्षा एक बहुत ही सस्ती और प्रभावी सुरक्षा नीति है।
  • सुनिश्चित करें कि आपके घर में आपके प्रियजन सुरक्षित हैं, और जब गाड़ी चलाने की बात आती है, तो कार में सीट बेल्ट का उपयोग करें।
  • सुरक्षा एक ऐसा इंजन है जिसे शुरू करने की कुंजी केवल आपके पास है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में | National Safety Day Essay 1000 Words

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है national safety day date.

कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य आम जनता को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में शिक्षित करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी राष्ट्रीय निकाय है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण पर स्वैच्छिक दिनचर्या लाना है। 4 मार्च, 1965 को श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा स्थापित, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत के बाद से इस परिषद की कार्रवाई सफल रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास ( National Safety Day History )

आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वालों को पता होना चाहिए कि इस दिन की शुरुआत भारत में भारत की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के बाद हुई थी जिसका आयोजन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया गया था। कारण, परिषद को राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय सुरक्षा परिषदों की आवश्यकता महसूस हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 4 मार्च 1972 को परिषद के स्थापना दिवस पर मनाया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 अपने 53वें वर्ष  पूरा करेगा

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व ( National Safety Day Significance )

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अभियान के रूप में विकसित हो गया हैं।  जो पूरे देश में उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, नियामक एजेंसियों और विभागों में मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का मुख्य लक्ष्य और दृष्टिकोण एक ही रहा है: समाज की रक्षा और सेवा करना, साथ ही लोगों के बीच  जागरूकता फैलाना है ताकि अनचाहे दुर्घटनाओं से आम नागरिक अपने आप को बचा सके यह अभियान 4 मार्च को एक दिवसीय कार्यक्रम के  शुरू होता है इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन किया जाता है जिसका कालखंड 4 मार्च से लेकर 10 मार्च तक आता हैं। 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस थीम 2024 ( National Safety Day Theme )

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम “एक सतत भविष्य के लिए सुरक्षा” है। इस विषय द्वारा स्थिरता और सुरक्षा के बीच संबंधों के महत्व पर जोर दिया गया है, जो एक समग्र रणनीति की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है जो दीर्घायु प्राप्त करने के लिए हमारे जीवन के हर पहलू में सुरक्षा को शामिल करता है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 का उद्देश्य

  • सुरक्षा  से जुड़े नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाएँ।
  • कार्यस्थलों, उद्योगों और समुदायों सहित सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के मानक नियमों को लागू करना।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन सुरक्षा सुरक्षा संबंधित उपाय  बनाना ताकि अनचाहे दुर्घटना गतिविधियों को रोका जा सके।
  • सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लोगों और समुदायों प्रोत्साहित करना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का प्रमुख उद्देश्य  हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस समयरेखा 

  • 1950 (बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट): 1950 का “बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट” राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को “पब्लिक ट्रस्ट” के रूप में पंजीकृत करता है। 
  • 1966 (राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना): राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना भारत सरकार द्वारा एक स्व-वित्तपोषित, गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की गई थी। 
  • 1971 (पहल): राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अपनी स्थापना के एक दशक बाद राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत की।
  • 2021 (अपनाया गया सोसायटी पंजीकरण अधिनियम): राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर, कई संगठन और नेता सुरक्षा के महत्व पर जोर देने के लिए ट्विटर का उपयोग करते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनायें 

  •   सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करके स्वयं और अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रूप से काम करने का वचन देने में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में शामिल हों। प्रतिज्ञा करके, आप राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस में  सम्मिलित होकर सुरक्षा संबंधित नियमों के बारे में जानकारी हासिल  करना हैं।
  • अपना अनुभव ऑनलाइन साझा करके, आप दूसरों को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। किसी भी श्रमिक को खतरनाक वातावरण में काम करने और जीविकोपार्जन के बीच चयन नहीं करना चाहिए। सुरक्षा हमेशा पहले आनी चाहिए. लोगों को सुरक्षित रूप से काम करने की व्यक्तिगत शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित करें। हैशटैग #National Safety Day का प्रयोग करें। 

राष्ट्रीय सुरक्षा पर निबंध PDF | National Safety Day Essay PDF 

नेशनल सेफ्टी डे निबंध PDF के रूप में प्राप्त करना चाहते हैं तो आर्टिकल में उसकी पीडीएफ हम उपलब्ध करवा रहे हैं जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।

सुरक्षा पर निबंध हिंदी में | Essay On Safety in Hindi

सुरक्षा पर निबंध कैसे लिखेंगे उसके बारे में हमने आर्टिकल में आपको विस्तार पूर्वक जानकारी आसान भाषा में उपलब्ध करवाया है आप उसका अनुसरण कर सुरक्षा के ऊपर निबंध लिख सकते हैं जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि हमारे जीवन में सुरक्षा का विशेष महत्व है इसके द्वारा आपका जीवन बच सकता है इसलिए हमें हमेशा सुरक्षा नियमों का अनुसरण करना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण हिंदी में 100 शब्दों में | Speech on National Safety Day in Hindi

भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा एक पहल है।

सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम बदलती है।

इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।.यह व्यक्तियों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।.इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद इस दिन सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए संगठनों को मान्यता देती है।राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।

सुरक्षा दिवस पर भाषण हिंदी में | Safety Day Speech in Hindi

आज हम राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। सुरक्षा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है और यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे गंभीरता से लें। सुरक्षा उपाय केवल नियमों और विनियमों का पालन करने का मामला नहीं है, बल्कि जीवन के तरीके के रूप में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने का भी मामला है।हम अक्सर सुरक्षा को हल्के में लेते हैं, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है। अपनी और अपने आस-पास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में हम सभी को भूमिका निभानी है। इसका मतलब है सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना, सुरक्षा गियर पहनना और सुरक्षा खतरों की रिपोर्ट करना। हमें अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, चाहे वह घर पर हो, काम पर हो या यात्रा के दौरान हो।

यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने के बारे में नहीं है बल्कि सुरक्षा संस्कृति बनाने के बारे में भी है। हमें सुरक्षा की एक ऐसी संस्कृति बनानी चाहिए जहां सुरक्षा केवल अनुपालन का मामला न हो बल्कि जीवन जीने का एक तरीका हो। इसका मतलब है सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना, सुरक्षा ऑडिट करना और कर्मचारियों को सुरक्षा उपायों पर प्रशिक्षण देना।इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर, आइए हम सुरक्षा को अपने जीवन में प्राथमिकता बनाने का संकल्प लें। आइए हम अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लें। ऐसा करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम एक सुरक्षित दुनिया में रहें।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर कोट्स | National Safety Day Quotes

ऊँची-ऊँची और गगन चुम्बी इमारतें जरूर बनवायें, उससे पहले काम करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करवायें. Happy National Safety Day 2024
जब भी आप दो पहिया बाहन को चलायें, अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट जरूर लगायें. हैप्पी नेशनल सेफ्टी डे 
मैं उन वीर जवानों को गले लगकर आया हूँ, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए पूरा जीवन लगाया है. Happy National Safety Day
सर्तकता की कमी और लापरवाही के कारण भारत में सड़क दुर्घटना बहुत ही ज्यादा होती है. इसलिए वाहन चलाते वक़्त फोन पर बात न करें. वाहन हमेशा औसत गति में चलायें.
कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को उचित और जरूरी प्रशिक्षण मिलना चाहिए ताकि वे अपने स्वास्थ्य और खुद की सुरक्षा सुनिश्चित कर पायें. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्टेटस | National Safety Day Whatsapp Status

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अवसर हममें से प्रत्येक को याद दिलाता है कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें अपनी सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएँ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का जश्न अधूरा है अगर हम खुद से यह प्रतिबद्धता नहीं बनाते कि हम सड़कों पर सुरक्षित रहेंगे।
सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आइए हम सुरक्षा की दिशा में काम करने का वादा करके इस अवसर को और अधिक सार्थक बनाएं।
जल्दबाजी करने और खुद को खोने, फिर धीरे चलने और थोड़ा देर करने का कोई मतलब नहीं है। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएँ।
सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है जिसे अक्सर सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
हमारी सुरक्षा हमारे अपने हाथों में है और सुरक्षित रहने के लिए हमें वह सब कुछ करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
अगर हमें अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है तो हम अपने प्रियजनों की सुरक्षा की चिंता कैसे कर सकते हैं। आपको राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर, हमें सुरक्षा को हमेशा सबसे महत्वपूर्ण चीज़ के रूप में रखना चाहिए क्योंकि सुरक्षा के बाद ही सब कुछ आता है। सभी को इस दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अवसर न केवल सुरक्षा का जश्न मनाता है बल्कि हमें सुरक्षित रहने और बाकी सभी को सुरक्षित रखने की याद भी दिलाता है। आने वाला दिन सुरक्षित हो.
सुरक्षा हमेशा एक चिंता का विषय है और इसे ऐसे ही रहना चाहिए क्योंकि तभी हम सुरक्षित रहने और सभी को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हो सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएँ।
आइए हम राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर को अपने आस-पास के सभी लोगों के साथ मनाएं और उन्हें याद दिलाएं कि वे कभी भी सुरक्षा से समझौता न करें या उसे अनदेखा न करें। आपका दिन सुरक्षित रहे!

उम्मीद करता हूं कि हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल आपको पसंद आएगा आर्टिकल संबंधित अगर आपका कोई भी सुझाव या प्रश्न है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर पूछ सकते हैं उसका उत्तर हम आपको जरूर देंगे तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में 

FAQ’s: National Safety Day 2024

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है, जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) स्थापना की गई थी।

Q.4 मार्च राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों है?

Ans. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की स्थापना के उपलक्ष्य में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (एनएसडी) मनाया जाता है।

Q. भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत किसने की?

Ans.भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा 1971 से अपने स्थापना दिवस (4 मार्च)  देश में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया इसका शुभारंभ किया था।

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का विषय क्या है?

Ans राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 का विषय “टिकाऊ भविष्य के लिए सुरक्षा” है।

Q पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया गया था?

पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 1972 में मनाया गया था, जो 1966 में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर केंद्रित भारत के अग्रणी गैर-लाभकारी संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के लगभग पांच साल बाद मनाया गया था।

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अपनी सुरक्षा अपना दायित्व पर निबंध। essay on your safety your responsibility in hindi ..

वर्त्तमान समय में सुरक्षित रहना हर वर्ग एवं जाति के लिए एक चुनौती सा बन गया है, यदि हमारे साथ कोई भी ऐसी घटना हो जाती है जिसका संबंध हमारी सुरक्षा से होता है तो इसके लिए हम कभी समाज को- तो कभी सरकार को ज़िम्मेवार ठहराते हैं, और ये सिलसिला यूँ ही चलता रहता है, अब प्रश्न यह उठता है की हमारी स्वयं की सुरक्षा का दायित्व किसका है? समाज, सरकार या स्वयं हमारा, इसकी विवेचना करने की आवश्यकता है।

यदि हम आदि काल की बात करे जब मनुष्य पृथ्वी पे आया तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती उसकी स्वयं की सुरक्षा थी हिंसक पशुओंसे, इस परिस्थिति का सामना उसे स्वयं को ही करना पड़ा क्यूंकि उस समय न तो सरकार थी और नहीं ही समाज परन्तु जैसे-जैसे मानव सभ्यता विकसित हुई समाज का प्रादुर्भाव हुआ जहाँ लोग एक दूसरे की अवश्यकताओं की पूर्ति हेतु साथ-साथ रहने लगे और तब उनकी सुरक्षा की पूर्णतया जिम्मेवारी समाज पे आ गयी। वर्त्तमान में परिस्थितियां कुछ ख़ास परिवर्तित नहीं हुई हैं, पहले लोगो को अपनी सुरक्षा जंगली जीव-जंतुओं से करना पड़ता था परन्तु अब समाज में रहने वाला मनुष्य ही पशु प्रवृत्ति का हो गया है अब मनुष्य को मनुष्य से सुरक्षित रहने की आवश्यकता पड़ रही है क्यों? यह कथन विचारणीय है।

वर्त्तमान में बढ़ती जनसँख्या एवं बेरोजगारी ने लोगो के अंदर संवेदनाओ को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है, आज लोग बहुत से ऐसे अमानवीय कार्य में लिप्त है जिसके कारण न केवल उनकी अपितु उस समाज में रह रहे और लोगो की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है।

स्वयं की सुरक्षा करना मनुष्य के लिए हमेशा से कठिन कार्य रहा है चाहे हम आज की बात करे या बीते कल की, परन्तु आज के मनुष्य ने इस कठिन कार्य को आसान बना दिया है, वर्तमान समय में महिलाओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है लोक सभा से लेकर राज्य सभा हर जगहं इसके लिए बहस होती है लेकिन दूसरी तरफ आजकल के माता-पिता अपने बच्चो को खास कर बेटियों को ऐसे बहुत से स्वरक्षण तकनीकियों का प्रशिक्षण करवा रहे हैं जिससे वो अपनी रक्षा स्वयं कर सके क्यूंकि यदि कभी भी वे किसी मुसीबत में फस जाएँ तो अपनी रक्षा स्वयं कर सके।

कुछ ऐसी भी आदतें है जिनको सुधार के भी हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकते हैं, अक्सर हमे मार्ग में बोर्ड पे जगह-जगह यह सन्देश लिखा मिलता है कि जल्दी से देर भली, सावधानी हटी दुर्घटना घटी आदि इनका मूल सिर्फ इतना होता है की अपनी सुरक्षा आपके अपने हाथ होती है, अमुमन ये देखा गया है की जितनी भी सड़क दुर्घटनाये होती हैं, उसके लिए ज्यादातर चालक ही जिम्मेवार होता है, या तो उसने यातायात के नियमो का पालन नहीं किया या फिर वाहन चलाते वक़्त सावधानी नहीं बरती, ऐसा कर के वो ना केवल अपना ही अपितु दूसरों का जीवन भी मुश्किल में डाल देता है।

एक पुरानी कहावत है कि” तुम्हारी स्वतंत्रता वही समाप्त हो जाती है जहाँ से मेरी नाक शुरू होती है”, अभिप्राय किसी भी मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी कृत्य तब तक सही है जब तक वह दूसरों की स्वतंत्रता अथवा सुरक्षा में बाधक न हो। 

एक उदहारण के माध्यम से मैं अपनी सुरक्षा अपना दायित्व को समझाने का प्रयास कर रही हूँ, हर वर्ष डेंगू जो एक मच्छर के काटने से उत्पन्न होने वाला रोग है हज़ारो लोगो कि जान ले लेता है इस महामारी की रोक थाम के लिए हम एक हद तक ही सरकार को दोषी ठहरा सकते हैं परन्तु कहीं न कहीं हम स्वयं भी इस बीमारी के महामारी बनने में उत्तरदायी हैं, यह तो हम सब को पता है की ये बीमारी कैसे फैलती है और इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है, घर को साफ़ सुथरा रखके, सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग कर के, घर में पानीके जमाव को रोक के काफी हद तक अपनी ही नहीं अपितु इस बीमारी से औरों की भी सुरक्षा कर सकते हैं।

अंततः मैं यही कहना चाहूंगी कि यदि हर नागरिक यह बात मानले कि उसकी स्वयं की सुरक्षा उसकी स्वयं की जिम्मेवारी है तो ऐसा कर के ना केवल वह स्वयं को बहुत सी दुर्घटनाओं से बचा सकता है अपितु सरकार एवं समाज के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल सकता है, जिसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य मानव समाज की सुरक्षा है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध, 2023 थीम और महत्व | National Safety Day Essay in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 2023 पर निबंध (National Safety Day Essay in Hindi, Safety Day Theme 2023, National Security Day 2023, Essay on National Safety Day and Week 2023 in Hindi)

National Safety Day 2023: आज इस लेख के जरिए हम आपको भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह पर निबंध (National Safety Day 2023 Essay In Hindi) के बारे में बताने वाले हैं।

भारत में हर साल 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए केवल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ही नहीं अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च से ही होती है और यह सप्ताह 10 मार्च तक चलता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह हर साल एक नई थीम अर्थात विषय के साथ मनाया जाता है।

इस साल भी 4 मार्च 2023 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा और 4 मार्च 2023 से लेकर 10 मार्च 2023 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के खास मौके पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर निबंध लेखन (Essay On National Safety Day / Week In Hindi) प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
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विषय–सूची

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 का संक्षिप्त विवरण (Essay on National Safety Day in Hindi)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (national safety day essay in hindi) –, प्रस्तावना–.

प्रत्येक वर्ष 4 मार्च का दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 4 मार्च 1972 का दिन वह विशेष दिन था जब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की पहल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Safety Council) ने की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना 4 मार्च साल 1966 में मुंबई में सोसायटी अधिनियम एक्ट के तहत की गई थी।

यही कारण है कि 4 मार्च के दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना होने के कारण साल 1972 से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

जब भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई तो उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी थे। जिन्होंने सुरक्षा मामले में जागरूकता की गंभीरता को समझते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का आह्वान किया ताकि भारतीय उद्योगों और उद्योगपतियों को औद्योगिक सुरक्षा के मामले में जागरूक किया जा सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत होने के बाद लगातार भारत में होने वाली औद्योगिक और अन्य दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली है। सुरक्षा मामलों में यह सतर्कता और उपलब्धि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह की ही देन है।

National-Safety-day-Essay-in-hindi

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने के उद्देश्य –

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य भारतीय लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वयं की सुरक्षा दोनों के प्रति जागरूक करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के खास मौके पर पूरे सप्ताह भर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन सुरक्षा कार्यक्रमों के जरिए न केवल देश की राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा इत्यादि मुद्दों पर भी चर्चा होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस केवल लोगों को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक ही नहीं करता बल्कि परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका के लिए भी प्रेरित करता है। इस पूरे सप्ताह और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के विशेष मौके पर सुरक्षा के उपायों पर गहन शोध और चर्चाएं होती हैं।

आपकी और हमारी सुरक्षा केवल सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह निर्वहन करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस पर्यावरण तथा परिवेश की सुरक्षा के लिए भी समर्पित होता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के मुद्दों में पर्यावरण की स्वच्छता, प्रदूषण की रोकथाम, औद्योगिक सुरक्षा, गरीबी एवं बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा तथा नारी सुरक्षा सशक्तिकरण और स्वावलंबन जैसे विषय शामिल होते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के कार्यक्रम –

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां 4 मार्च को शुरू होती हैं और 10 मार्च तक चलती हैं।

सप्ताह के 7 दिनों में अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा के ऊपर भी विचार-विमर्श किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस भारत की सीमा सुरक्षा के लिए भी बेहद विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह नेशनल सिक्योरिटी से भी संबंधित है। इन खास मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों में भारत की सीमा सुरक्षा पर कुर्बान वीर जवानों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद भी किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीम (National Safety Day Theme 2023)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह भारत में हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है।

इस दिवस को थीम के साथ मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य है अलग-अलग विषयों पर एक-एक करके प्रकाश डालना और उनसे जुड़ी हुई समस्याओं का निपटारा करना।

इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 के लिए एक नई थीम “Our Aim – Zero Harm” अर्थात् “हमारा लक्ष्य – शून्य नुकसान” निर्धारित की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह का महत्व –

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक बेहद खास दिन है। इसके कार्यक्रम लगातार राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्रीय नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने में और उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

जब से राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह बनाने की शुरुआत हुई है भारत में औद्योगिक दुर्घटनाओं में बेहद कमी आई है और लगातार औद्योगिक सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ती जा रही है।

सुरक्षा दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य ही है लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।

भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद –

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी संगठन है जिसका काम राष्ट्रीय सुरक्षा और उसकी रणनीति के मामले में लोगों को सुझाव देना और जागरूक करना है।

इसकी स्थापना 4 मार्च 1966 को भारतीय श्रम मंत्रालय द्वारा की गई थी।

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना केवल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का काम नहीं है बल्कि यह हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।

हमें एक साथ मिलकर देशभर के लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा और उनके स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।

हमें परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका निभानी चाहिए और हमेशा एक दूसरे की सुरक्षा में मदद करनी चाहिए।

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औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध Industrial Safety Essay in Hindi Language

Industrial Safety Essay in Hindi Language – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध :  परिभाषा – औद्योगिक सुरक्षा का क्या अर्थ है? 

औद्योगिक सुरक्षा का अर्थ किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान में कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों का संभावित खतरों  से सुरक्षा का प्रतिक्षण तथा उपकरण उपलब्ध करवाना हैं.

आज हम बच्चों के लिए औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं.

Industrial Safety Essay in Hindi औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध

औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध Industrial Safety Essay in Hindi Language

औद्योगिक सुरक्षा क्या है (What is industrial security)

विज्ञान व तकनीकी की प्रगति के चलते आज हर काम मशीनों के द्वारा संभव हो पाया हैं. बड़ी तादाद में लोगों को औद्योगिक संस्थानों में रोजगार मिल रहा हैं.

इसके साथ ही साथ इन उद्योगों में काम का खतरा भी काफी अधिक हैं. उद्यम के अन्य क्षेत्रों की तुलना औद्योगिक संस्थानों को गम्भीर एवं जानलेवा जोखिमों की श्रेणी में रखा जाता हैं.

यहाँ पर कार्य करने वाले व्यक्ति को काम के साथ साथ अपनी सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं. प्रत्येक औद्योगिक संस्थान प्रबन्धन द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण तथा सुरक्षा के उपकरण भी प्रदान कराए जाते हैं.

इस तरह की व्यवस्था से मशीनी कामकाज से सुरक्षा को बढ़ावा तो मिलता ही है. साथ ही व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा का ध्यान स्वयं ही रखना पड़ता हैं.

औद्योगिक सुरक्षा की आवश्यकता (Industrial security requirement)

एक अच्छे औद्योगिक सुरक्षा प्रबन्धक अथवा मैनेजर को अपने संस्थान में सुरक्षा सम्बन्धी सभी उपायों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. साथ ही साथ उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि उनके कर्मचारी जिन मशीनों पर कार्य कर रहे है वे उनमें दक्ष है अथवा नही.

काम करते वक्त किसी से बातचीत न करना, काम पर ध्यान देना, उद्योग में ज्वलनशील पदार्थ न हो, प्राथमिक उपचार का उचित प्रबंध हो, कर्मचारियों के स्वास्थ्य से सम्बन्धित उनके पास सम्पूर्ण डिटेल्स होनी चाहिए, जिससे किसी बड़ी समस्या अथवा नुक्सान से बसा जा सके.

औद्योगिक सुरक्षा की आवश्यकता और महत्व

इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजर उद्योग धंधों में सुरक्षा प्रबन्धन से जुड़े कार्य की देख रेख करते हैं. जैसे जैसे उद्योगों का विस्तार हो रहा है उन पर कड़े नियम भी बनाए गये हैं.

वास्तविक सुरक्षा से जुड़े विषय जैसे दुर्घटना अथवा चोट व नुकसान को कम करने की तमाम तकनीकों का मैनेजर को अच्छी तरह ज्ञान होना चाहिए.

खतरे एवं सम्पति के बीच दूरी बनाकर रखना काफी मुश्किल है मगर यह असम्भव तो नहीं हैं. यदि औद्योगिक सुरक्षा से जुड़े मानदंडों, कानूनों तथा नियमों का सही ध्यान रखा जाए.

आज के दिनों में इन संस्थानों में होने वाली घटनाओं में निरंतर इजाफा हो रहा हैं. जिसके चलते सेफ्टी मैनेजर की नियुक्ति आवश्यक मानी जाती हैं.

औद्योगिक सुरक्षा का अर्थ इंडस्ट्री के फिल्ड में जान माल के खतरे से रक्षा करना अथवा निर्धारित सुरक्षा उपायों की पालना करना जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो. हाल ही में सरकार द्वारा भी औद्योगिक नियमों में काफी बदलाव लाए हैं.

अधिक कार्यवधि तथा स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक श्रेणी के कार्यों में महिलाओं तथा बाल श्रमिकों का उपयोग गैर कानूनी कर दिया हैं. साथ ही प्रत्येक संस्थान के लिए यह निर्धारित किया गया है कि वहां सुरक्षा से जुड़े तमाम पुख्ता इन्तजार हो.

इन संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को व्यक्तिगत स्तर पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. उनकी स्वयं की सुरक्षा उन्ही के हाथ में होती हैं.

यहाँ हर पल शरीर के साथ नुक्सान होने किसी अंग विशेष पर चोट लगने का खतरा हमेशा छाया रहता हैं. अतः बिना लापरवाही के अपने कार्य कर ध्यान दिया जाना चाहिए.

उद्योगों में सुरक्षा का अर्थ व्यक्ति के काम की परिस्थतियों, वातावरण का उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को भी सम्मिलित किया हैं.

मूल रूप से कांच की फैक्ट्री, कम रोशनी में काम करने अथवा स्वच्छ वायु के अभाव व धुंए के चलते भी कामगार मजदूर का स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं.

यदि किसी औद्योगिक संस्थान में कार्य करने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है अथवा उसके साथ किसी तरह की घटना घटित होती हैं.

तो संस्थान के मैनेजर तथा भुगतभोगी के परिवार पर बुरा असर पड़ता हैं. कम्पनी अच्छे स्तर का क्रमिक खो देगी वही वह इन्सान अपने जीवन से हाथ धो बैठेगा. औद्योगिक सुरक्षा की आवश्यकता हर समय है तथा इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए.

मूल रूप से औद्योगिक संस्थानों में दुर्घटना होने का अधिकतर कारण मशीने ही होती हैं. कई बार तकनीकी खराबी के चलते है वह सुचारू रूप से कार्य नहीं करती हैं.

माल के नुक्सान को बचाने के लिए क्रमिक अपनी जिन्दगी को दाव पर लगा देते हैं. कुछ स्थितियों में विद्युत् का करंट लगने से भी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती हैं.

इसलिए प्रत्येक संस्थान को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि विद्युत् कनेक्शन तथा उनकी वायरिंग ठीक तरीके से की गई हो, खासकर बारिश के मौसम में इस कनेक्शन को समय समय पर जांचा जाना चाहिए.

रासायनिक एवं औद्योगिक दुर्घटनाएं (Chemical and industrial accidents)

विज्ञान व प्रोद्योगिकी के विकास के साथ साथ विभिन्न प्रकार के रसायनों का प्रयोग भी तेजी से बढ़ा हैं. फसलों की सुरक्षा हेतु रासायनिक खाद, पेयजल की शुद्धता तथा घरों के लिए विभिन्न प्रकार के रंगों व फसल उत्पादन वृद्धि हेतु कीटनाशकों का निर्माण किया जाता हैं.

लेकिन दुविधा यह है कि विकास की इस अंधी दौड़ में सामान्य से लगने वाले ये रसायन मनुष्य व पर्यावरण के लिए संकट खड़ा कर रहे हैं.

कुछ खतरनाक रसायनों का प्रयोग हमारे दैनिक जीवन में इतना अधिक बढ़ गया है कि जरा सी असावधानी से हम भयंकर दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं.

कुछ खतरनाक रसायन हमारे घरों में पायें जाते है जैसे हेयर स्प्रे, डीयो दीरैत, नेल पोलिस, नेल व हेयर रिमूवर, टायलेट क्लीनर आदि.

कुछ अत्यंत ज्वलनशील रसायनों की आसान उपलब्धता से कुछ असंतुष्ट व भटके लोग जनविनाशक आयुध बहुत आसानी से बना कर मानवता का खून बहा रहे हैं. इनके अनुचित भंडारण, उपयोग व परिवहन से बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं.

रसायनों का असुरक्षित ढंग व स्वार्थपूर्ण उपयोग व उनका रिसाव पूरे समुदाय के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

भारत में वर्ष 1984 में भोपाल शहर में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक बनाने वाले कारखाने से जहरीली गैस के रिसाव से कुछ ही घंटों में लगभग तीन हजार लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे थे. जो बचे थे वे आज भी उसके दुष्परिणामों को भुगत रहे हैं.

सुरक्षा के उपाय (Safety measures)

ऐसे उद्योगों की स्थापना बस्तियों से दूर की जाए. निकट रहने वाले समुदाय के लोगों को बनने वाले रसायन तथा उनके आकस्मिक रिसाव से उन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की स्वयं प्रशासन को जानकारी दे.

किसी भी विकट परिस्थति में किये जाने वाले सभी सुरक्षा उपायों से लोगों को शिक्षित किया जाना चाहिए. उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्टों का बेहतर नियोजन होना चाहिए ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो. उद्योगों का बीमा व सुरक्षा कानून सख्ती से लागू होने चाहिए.

  • राष्ट्रीय सुरक्षा और विज्ञान पर निबंध
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध
  • ओजोन परत की सुरक्षा पर निबंध
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उम्मीद करता हूँ दोस्तों  Industrial Safety Essay in Hindi Language – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध  आपकों अच्छा लगा होगा.

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध

February 1, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Fire Safety in Hindi Language for students of all Classes in 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध मिलेगा।

Essay on Fire Safety in Hindi

Short Essay on Fire Safety in Hindi Language – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध (300 words)

अग्नि बहुत ही विनाशकारी होती है जो कि कभी भी हमारी थोड़ी सी लापरवाही के कारण लग जाती है। आग लगने के लिए ताप, ऑक्सीजन और ज्वलनशील पदार्थ की आवश्यकता होती है । हमें अपनी और दुसरों की सुरक्षा के लिए आग से बचने के उपाय पता होने चाहिए ताकि लोगों की जान को बचाया जा सके और जान माल की हानि होने से रोक सके।

अग्नि से सुरक्षा के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

1. घरों में, दुकानों में और ऑफिस में फायर अलार्म लगाए जाने चाहिए ताकि थोड़ी सी भी आग लगने पर उसके बजने से लोगों को सुचित किया जा सके और उन्हें सुरक्षित किया जा सके।

2. आग लगने पर सबसे पहले अग्निश्मक को सुचित करे और लोगों को भी आग से बचने के उपाय बताने चाहिए।

3. आग लगने पर पानी से आग को बुझाए लेकिन पैट्रोल, डीजल आदि के कारण लगी आग को रेत डालकर बुझाना चाहिए।

4. कपड़ो में आग लगने पर भागने की बजाय लेट कर इधर उधर पलटना चाहिए और कंबल आदि लपेटकर आग बुझानी चाहिए।

5. आग लगे हुए स्थान पर सबसे पहले ज्वलनशील पदार्थ को आग से दुर करना चाहिए अन्यथा आग फैल जाएगी।

6. ऑक्सीजन जो कि आग लगने में सहायक होती है अगर हम उसकी सप्लाई रोक दे तो भी आग को रोका जा सकता है।

7. आग लगने पर धुएँ से बचने के लिए अपने मुँह और नाक को गीले कपड़े से ढक लें।

8. आग लगने पर तुरंत लोगों तो कम शब्दों में चेतावनी दें।

9. अगर आप आग में फँस गए है तो सिर झुका कर बैठे।

10. आग में फँसने पर कंबल ओढ़ कर आग से बाहर आ जाए।

Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध ( 500 words )

अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने के लिए एक आसान तरीका बन गई है| इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा ऐसी सावधानियों से जुड़ी होती है| जो आग की संभावना को रोकने या कम करने के लिए ली जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप क्षति, चोट और मृत्यु हो सकती है। अग्नि सुरक्षा सुरक्षा की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है।

आग से लड़ने और आग की रोकथाम के क्षेत्र में अग्नि सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है| अग्नि सुरक्षा का उद्देश्य इंसान को बचाने के लिए बचा जाना है। सुरक्षा के कई अलग-अलग रूप हैं अग्निशामकों के लिए भी सुरक्षा कार्यक्रम हैं| सुरक्षा कार्यक्रम के मुख्य लक्ष्यों में हानि या उपकरणों के नुकसान को रोकने, मानव पीड़ितों, हताहतों की संख्या, चोटों, और खतरनाक वायुमंडल और ट्रांसमैटेटिव रोगों के लिए जोखिम को रोकने से मिलकर बनता है।

प्रत्येक व्यक्ति द्वारा सुरक्षा का सम्मान किया जाना चाहिए जो एक साथ काम करता है या फिर कुछ गलत हो सकता है अग्निशमन के कई स्वास्थ्य कारण हैं उदाहरण के लिए, उन्हें नौकरी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में सूचित रहना चाहिए। एड्स के संपर्क से बचने के लिए उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए अन्य विचार भी ठीक से सफाई और भंडारण उपकरणों और उपकरणों से मिलकर। अग्निशामकों को भी शारीरिक फिटनेस के साथ भी रहना होगा इन सभी चीजें एक अच्छी सुरक्षा रिकॉर्ड बनाए रखने में सहायता करती हैं। विभिन्न प्रकार की सुरक्षा उपकरण, फायर स्टेशन में सुरक्षा, व्यक्तिगत सुरक्षा, उपकरण और उपकरण सुरक्षा, प्रशिक्षण में सुरक्षा, और आपातकालीन दृश्य सुरक्षा|

उपकरण की सवारी फायर फाइटर के लिए सबसे आम खतरा है। अग्निशामक कपड़े पहनने के लिए नहीं हैं, जबकि तंत्र गति में है। गति में जबकि अग्निशामकों को भी सीट बेल्ट को बांधा होना चाहिए। यदि सायरन 90 डेसिबल से अधिक है, तो अग्निशामकों को कान की सुरक्षा भी होनी चाहिए। यह सब फायर फाइटर और उसकी कंपनी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है अग्निशामकों को उपकरण पर और बंद होने पर हमेशा हेन्ड्रिल का उपयोग करना चाहिए। इससे इंजन या सीढ़ी से फिसल या गिरने की संभावना कम हो जाती है। फायर स्टेशन में सुरक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण है| फायर स्टेशन में खतरों केवल अग्निशामकों के लिए खतरनाक नहीं हैं, लेकिन आगंतुकों को भी अग्निशामक लगातार यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि फायरहाउस सुरक्षित है|

निजी सुरक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है| अनुचित उठाने वाली तकनीक जैसी चीजें दुनिया भर में अग्निशमन दुनिया भर में कई चोटों के कारण हुई हैं।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Fire Safety in Hindi – आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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सोचदुनिया

सड़क सुरक्षा पर निबंध

Essay on Road Safety in Hindi

सड़क सुरक्षा पर निबंध : Essay on Road Safety in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘सड़क सुरक्षा पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप सड़क सुरक्षा पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

सड़क सुरक्षा पर निबंध : Essay on Road Safety in Hindi

प्रस्तावना :-

वर्तमान समय में सड़क दुर्घटना काफी अधिक बढ़ गई है। सड़कों पर हादसे होना आम बात हो गई है। आज सड़कों पर इतनी अधिक भीड़ हो गई है, जिससे कईं समस्याएँ पैदा हो जाती है।

सड़क हादसों को रोकने या कम करने का एकमात्र उपाय सड़क सुरक्षा है। सड़क सुरक्षा को अपनाकर हम इन दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम कर सकते है।

सड़क दुर्घटना के कारण :-

सड़क पर दुर्घटना होने के कईं कारण हो सकते है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • यातायात नियमों का पालन न करना।
  • सीमा से अधिक गाड़ी चलाना।
  • शराब पीकर गाड़ी चलाना।
  • सड़क पर वाहन चलाते हुए लापरवाही करना।
  • अपरिपक्व चालक द्वारा वाहन चलाना।
  • यातायात नियमों की ठीक से जानकारी न होना।
  • सड़के ख़राब होना।
  • सड़कों पर अधिक भीड़भाड़ होना।
  • दूसरी गाड़ी को ओवरटेक करने से भी दुर्घटना हो सकती है।

सड़क सुरक्षा की आवश्यकता एवं महत्व :-

आज सड़क दुर्घटना के कारण कईं लोग रोजाना अपनी जान खो देते है और न जाने कितने लोग अपने परिवार के सदस्य खो देते है। इसलिए सड़क सुरक्षा सभी के लिए आवश्यक होती जा रही है और जिस प्रकार देश की जनसंख्या बढ़ती चली जा रही है, उससे हमें और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

वर्तमान समय में सड़क सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। इससे कईं प्रकार के बड़े हादसे टल सकते है और सड़के चलने के लिए और अधिक सुरक्षित हो सकती है।

सड़क सुरक्षा के उपाय :-

सड़क सुरक्षा के सभी उपाय निम्नलिखित है:-

  • वाहन चलाते समय सीट बेल्ट व हेलमेट का प्रयोग करें।
  • यातायात नियमों का पालन करें।
  • वाहनों को हमेशा धीमी गति में ही चलाएं।
  • शराब पीकर वाहन न चलाएं।
  • गलत तरफ वाहन न चलाएं।
  • सड़क पर चलते समय हमेशा जेब्रा-क्रॉसिंग का ही प्रयोग करें।
  • सड़क पर सावधानी बरतें।
  • सड़क पर चलते हुए कभी भी हेडफ़ोन का प्रयोग न करें।

हमें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। आज काफी जरुरी है कि सभी लोग सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहे, ताकि सड़कों पर होने वाले हादसों को रोका जा सके।

सरकार को इन समस्याओं को कम करने के लिए सड़क के नियमों को और भी अधिक सख्त करने की आवश्यकता है, ताकि लोग इनका पालन करें।

यदि सभी लोग इनका सही तरह से पालन करेंगे, तो कईं हादसे टल सकते है और परिवार बिखरने से बच सकते है। इसलिए, आज से ही सड़क के नियमों का पालन करें और दूसरों को भी करने के लिए कहें।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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Hello dost hame aapka lekh bahut Acha laga hai

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essay for safety in hindi

आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध- Essay on Fire Safety in Hindi

In this article, we are providing information about Fire Safety in Hindi- आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध- Essay on Fire Safety in Hindi Language

अग्नि सुरक्षा अक्समात लगने वाली आग से सुरक्षा के उपायों की जानकारी देती हैं और उससे होने वाले खतरों को कम करती हैं। आग बहुत ही विनाश्कारी होती है जो कि ताप, ऑक्सीजन और ज्वलनशील पदार्थ के एक साथ होने पर हमारी लापरवाही ये लग जाती है और सब कुछ तहस नहस कर देती है जिस वजह से आज के समय में अग्नि सुरक्षा का बहुत महत्व है।

अग्नि से सुरक्षा के लिए बहुत से तरीके अपनाकर हम जान माल की होने वाली हानि से बच सकते हैं। आग लगने की सूचना कम से कम शब्दों में दी जानी चाहिए क्योंकि यदि आप ज्यादा बोलेंगे तो लोग अच्छे से नहीं समझ पाऐंगे। सभी स्थानों पर फायर अलार्म लगे होने चाहिए जो कि आग लगते ही बजने लगे और उससे सभी लोक चौकन्ना हो जाए। आग लगने पर ज्वलनशील पदार्थ को तुरंत आग से दुर करना चाहिए अन्यथा आग फैल सकती है और हानि ज्यादा हो सकती है। आग को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करके भी रोका जा सकता है। आग लगते ही आग को पानी से बुझाना चाहिए लेकिन उससे पहले अग्निश्मक को सूचित कर देना चाहिए। पैट्रोल और डीजल से लगी आग को रेत से बुझाया जा सकता है।

आग यदि कपड़ो में लग जाए तो भागे नहीं क्योंकि उससे आग बढ़ जाएगी। इसलिए ऐसी स्थिति में जमीन पर लेटकर उलट पुलट करें। आग लगने पर कंबल ओढ़ कर बाहर आए। अग्नि सुरक्षा हमें सुरक्षा के विभिन्न उपाय बताता है इसलिए इसकी जानकारी हर बच्चे को उनके माता पिता और शिक्षकों के द्वारा दी जानी चाहिए। हम सबको भी आग के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए बल्कि खुद भी सावधान रहना चाहिए और दुसरों को भी सचेत करना चाहिए। ऐसा करने से हम अपने साथ साथ दुसरे बहुत सारे लोगों की भी जान बचा सकते हैं और साथ ही होने वाले दुसरे नुकसानों से भी बचा जा सकता है।

सड़क सुरक्षा पर निबंध- Road Safety Essay in Hindi

यातायात के नियम पर निबंध- Essay on Traffic Rules in Hindi

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1 thought on “आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध- Essay on Fire Safety in Hindi”

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very informative and helpful article.

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Nibandh

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस २०२१ - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य - राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम - उपसंहार।

लोगों के बीच में सुरक्षा जागरुकता को बढ़ाने के लिए हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह अभियान मनाया जाता है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी सहायता सेवा के साथ उनको लाभ पहुँचाने के द्वारा उनके आर्थिक नुकसान और विभिन्न मानव समस्या सहित जीवन को सुरक्षित करने के लिये वार्षिक आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। निजी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम के प्रदर्शन के द्वारा औद्योगिक दुर्घटना से कैसे सावधान रहे इस बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे उत्साह के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे सप्ताह चलता है जिस दौरान सुरक्षा जरुरतों के तहत लोगों के लिये विभिन्न प्रकार की खास गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। वर्ष २०२१ में, राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 4 मार्च गुरुवार से लेकर 10 मार्च बुधवार के दिन तक मनाया जायेगा।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है जो लोक सेवा के लिए गैर लाभांस और गैर सरकारी संस्था है जो कुछ सदस्यों के साथ मुंबई में सोसाइटी एक्ट के तहत 4 मार्च 1966 में स्थापित हुआ था। इस अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने का उद्घोष किया था जहाँ आठ हजार सदस्य शामिल हुए थे।

विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिये पूरे देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को कार्यस्थलों पर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। सुरक्षा को बढ़ावा देना केवल परिषद की ही जिम्मेदारी नही बल्कि उसमें प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्धारा प्रारंभ किया गया यह अभियान सफल बनाने के लिए आधारित क्रियाकलाप, कानूनी माँग के साथ स्व-अनुपालन और पेशेवर एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच बढ़ावा देना जरुरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के प्रति व्यक्तियो को जागरूक करने के लिए सरकार द्धारा कई प्रकार के आयोजन किए जाते है जैसे संगठन के कर्मचारियों द्धारा सुरक्षा के कार्यक्रम दिखाना, अभियान से सम्बंधित फिल्म दिखाना, अभियान से सम्बंधित व्यक्तियों को पुरस्कार वितरित करना, अभियान से पोस्टर लगाना, नारा वितरण करना, चर्चा करना, सेमिनार करना आदि विभिन्न सार्वजनिक समारोह जैसे निम्न राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप पूरे सप्ताह के लिये संपन्न होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह का लक्ष्य है विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलन सहित सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करना तथा अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों में मुख्य सुरक्षा भूमिका निभाने के लिये बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी को पाने के लिये यह दिवस मनाया जाता है। अपने कर्मचारियों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के द्वारा कंपनी के मालिकों के द्वारा सहभागी दृष्टीकोण के उपयोग को ये बड़े स्तर पर अभियान मनाने के द्वारा प्रेरित करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2020 का थीम “आधुनिक तकनीक की मदद से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कि गुणवत्ता को बढ़ाना” (Enhance safety and health performance by use of advanced technology) था। हालाँकि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2021 की थीम अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे एक सप्ताह का सुरक्षा अभियान है जो हर साल 4 मार्च से 10 मार्च तक मनाया जाता है। स्वास्थ्य संगठनों और औद्योगिक सदस्यों सहित सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में एक साथ संसक्ति के द्वारा इसे मनाया जाता है। निम्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिये परिषद के द्वारा एसएचई नारों और संदेशों के साथ सभी केन्द्रीय डिज़ाइन विज्ञापन संबंधी सामानों और उपयोगी छपाई जैसे बैज, स्टीकर, बैनर, निर्देश कार्ड, आदि के साथ वो अच्छे से उपलब्ध कराते हैं। कार्यस्थल पर लोगों के बीच एसएचई क्रियाकलापों को विकसित और मजबूत करने का लक्ष्य प्राप्त करना है। अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभाने के लिये विभिन्न विषयों के ऊपर औद्योगिक कर्मचारियों के लिये सुरक्षा गतिविधियों पर आधारित शिक्षण कार्यक्रम रखे जाते हैं।

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महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध (Women Safety Essay in Hindi)

महिलाओं की सुरक्षा

हम सभी जानते है की हमारा देश हिंदुस्तान पूरे विश्व में अपनी अलग रीती रिवाज़ तथा संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। भारत में प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है की यहाँ महिलाओं को समाज में विशिष्ट आदर एवं सम्मान दिया जाता है। भारत वह देश है जहाँ महिलाओं की सुरक्षा और इज्ज़त का खास ख्याल रखा जाता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करे तो महिलाएं हर कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला काम कर रही है चाहे वो राजनीति, बैंक, विद्यालय, खेल, पुलिस, रक्षा क्षेत्र, खुद का कारोबार हो या आसमान में उड़ने की अभिलाषा हो।

भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Women Safety in Hindi, Bharat me Mahilaon ki Suraksha par Nibandh Hindi mein)

महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

भारतीय समाज में महिला को देवी के सामान पूजा जाता है। पर महिलाओं के प्रति नकारात्मक पहलू को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ की जा रही है। उन्हें परेशान किया जा रहा है। राह चलते फब्तियां कसी जा रही है। सड़के, सार्वजनिक स्थल, रेल, बस आदि असामाजिक तत्वों के अड्डे बन गए है।

महिला सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है ? –

स्कूल तथा कॉलेज जाने वाली छात्रायें भय के साये में जी रही है। जब भी वे घर से बाहर निकलती है तो सिर से लेकर पैर तक ढकने वाले कपडे पहनने को मजबूर है। इससे भी अजीब बात तो यह है की कई जगहों पर ऐसा भी देखा गया है माँ-बाप पैसे के लालच में अपनी ही बेटी को वैश्यावृति के नरक में धकेल देते है। राह चलती लड़की पर तेज़ाब फेंकना और शारीरिक संबंध की इच्छा को पूरा करने के लिए किसी का भी अपहरण करना आम बात हो गई है। आंकड़ो के अनुसार भारत में हर 20 मिनट में एक औरत से बलात्कार होता है।

महिलाओं की सुरक्षा के उपाय

महिला सुरक्षा के लिए सरकार को नियम और कानून को सख्त बनाना चाहिए। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा का प्रावधान होना चाहिए। हमें अश्लील और अनैतिक जानकारियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

महिलाओं की संख्या देश की कुल जनसंख्या की आधी है। इसका मतलब वे देश के विकास में भी आधी भागीदार है। उसके बावजूद 21वीं सदी में हिंदुस्तान में ऐसी घटनाओं का होना हमारी संस्कृति को केवल शर्मसार ही करता है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Women Safety in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द)

महिलायों की सुरक्षा अपने आप में ही बहुत विस्तृत विषय है। पिछले कुछ सालों में महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचारों को देखकर हम यह तो बिलकुल नहीं कह सकते की हमारे देश में महिला पूर्ण तरीके से सुरक्षित है। महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस करती है खास तौर पर अगर उन्हें अकेले बाहर जाना हो तो। यह वाकई हमारे लिए शर्मनाक है की हमारे देश में महिलाओं को भय में जीना पड़ रहा है। हर परिवार के लिए उनकी महिला सदस्यों की सुरक्षा चिंता का मुद्दा बन चुका है। अगर महिला सुरक्षा में कुछ सुधार करने हो तो नीचे कुछ तथ्य दिए है जिन्हें ध्यान में रखते हुए हम समाज में बड़ा बदलाव ला सकते है:-

महिला सुरक्षा से जुड़े कुछ सुझाव

  • सबसे पहले हर महिला को आत्म-रक्षा करने की तकनीक सिखानी होगी तथा उनके मनोबल को भी ऊँचा करने की जरुरत है। इससे महिलाओं को विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में किसी तरह की परेशानी महसूस नही होगी।
  • अक्सर ऐसा देखा गया कि महिलाएं स्थिति की गंभीरता को किसी भी पुरुष की बजाए जल्दी भांप लेती है। अगर उन्हें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका लगती है तो उन्हें जल्द ही कोई ठोस कदम उठा लेना चाहिए।
  • महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की वे किसी भी अनजान पुरुष के साथ अकेले में कही न जाये। ऐसे हालात से उन्हें अपने आप को दूर ही रखना चाहिए।
  • महिलाओं को कभी भी अपने आप को पुरुषों से कम नही समझना चाहिए फिर चाहे वह मानसिक क्षमता की बात हो या फिर शारीरिक बल की बात हो।
  • महिलाओं को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वे इंटरनेट या किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा किसी भी तरह के अनजान व्यक्ति से बातचीत करते वक्त सावधान रहे और उन्हें अपना किसी भी तरह का निजी विवरण न दे।
  • महिलाओं को घर से बाहर जाते वक़्त हमेशा अपने साथ मिर्च स्प्रे करने का यंत्र रखना चाहिए। हालाँकि ऐसा जरुरी भी नहीं की इसी पर पूरी तरह निर्भर रहें वे किसी और विकल्प का भी इस्तेमाल कर सकती है।
  • अपने आप को विपरीत परिस्थिति में गिरता देख महिलाएं अपने फ़ोन से इमरजेंसी नंबर या किसी परिजन को व्हाट्सएप्प भी कर सकती है।
  • किसी भी अनजान शहर के होटल या अन्य जगह रुकना हो तो वहाँ के स्टाफ के लोगो तथा बाकी चीज़ो की सुरक्षा को पहले ही सुनिश्चित कर ले।

महिला सुरक्षा एक सामाजिक मसला है, इसे जल्द से जल्द सुलझाने की जरुरत है। महिलाएं देश की लगभग आधी जनसँख्या है जो शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक रूप से पीड़ित है। यह देश के विकास तथा तरक़्क़ी में बाधा बन रहा है।

निबंध 3 (400 शब्द)

पिछले कुछ वर्षो में महिला सुरक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इसके पीछे कारण है लगातार होते अपराधों में इजाफ़ा। मध्यकालीन युग से लेकर 21वीं सदी तक महिलाओं की प्रतिष्ठा में लगातार गिरावट देखी गयी है। महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार है। वे देश की आधी जनसँख्या का प्रतिनिध्त्वि करती है तथा विकास में भी आधी भागीदार है।

इस तर्क को तो कतई नहीं नकारा जा सकता की आज के आधुनिक युग में महिला पुरुषों के साथ ही नहीं बल्कि उनसे दो कदम आगे निकल चुकी है। वे राष्ट्रपति के दफ्तर से लेकर ज़िला स्तर की योजनाओं का आधार बन चुकी है। महिलाओं के बिना दिनचर्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को भी पुरुषों के समान, स्वतंत्र, गौरवमयी जीवन जीने का हक़ है। महिलाओं को लगातार यौन हिंसा, दहेज़ हत्या और मारपीट का शिखर होना पड़ता है। तेज़ाब फेंकना, जबरदस्ती वैश्यावृति करवाना आम बात हो गयी है। ये सब एक सभ्य समाज के लिए बेहद शर्मनाक है।

शिक्षा और आर्थिक विकास

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं एवं पुरुषों में ज़मीन आसमान का फर्क है जबकि शहरी क्षेत्र में ऐसा नहीं है। इसका कारण है गांव में महिलाओं की कम साक्षरता दर। अगर हम केरल और मिजोरम का उदाहरण ले तो ये अपवाद की श्रेणी में आते है। इन दोनों राज्यों में महिला साक्षरता दर पुरुषों के बराबर है। महिला साक्षरता दर में कमी का मुख्य कारण है पर्याप्त विद्यालयों की कमी, शौचालयों की कमी, महिला अध्यापकों की कमी, लिंग भेदभाव आदि। आंकड़ो के अनुसार 2015 में महिला साक्षरता दर 60.6% थी जबकि पुरुष साक्षरता दर 81.3% थी।

भारत में महिला अपराध

भारत में महिला अपराध की फेहरिस्त देखी जाये तो यह बहुत लंबी है। इसमें तेज़ाब फेंकना, जबरदस्ती वैश्यावृति, यौन हिंसा, दहेज़ हत्या, अपहरण, ऑनर किलिंग, बलात्कार, भ्रूण हत्या, मानसिक उत्पीड़न आदि शामिल है।

महिला सुरक्षा से जुड़े कानून

भारत में महिला सुरक्षा से जुड़े कानून की लिस्ट बहुत लंबी है इसमें चाइल्ड मैरिज एक्ट 1929, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954, हिन्दू मैरिज एक्ट 1955, हिंदू विडो रीमैरिज एक्ट 1856, इंडियन पीनल कोड 1860, मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1861, फॉरेन मैरिज एक्ट 1969, इंडियन डाइवोर्स एक्ट 1969, क्रिस्चियन मैरिज एक्ट 1872, मैरिड वीमेन प्रॉपर्टी एक्ट 1874, मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन एक्ट 1986, नेशनल कमीशन फॉर वुमन एक्ट 1990, सेक्सुअल हर्रास्मेंट ऑफ़ वुमन एट वर्किंग प्लेस एक्ट 2013 आदि।

इसके अलावा 7 मई 2015 को लोक सभा ने और 22 दिसम्बर 2015 को राज्य सभा ने जुवेनाइल जस्टिस बिल में भी बदलाव किया है। इसके अन्तर्गत यदि कोई 16 से 18 साल का किशोर जघन्य अपराध में लिप्त पाया जाता है तो उसे भी कठोर सज़ा का प्रावधान है (खास तौर पर निर्भया जैसे केस में किशोर अपराधी के छूट जाने के बाद)।

कड़े कानूनों के बनाने के बावजूद भी महिला अपराध में कमी के बजाये दिन प्रतिदिन लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। समाज में महिलाओं की सुरक्षा गिरती जा रही है। महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है। महिलाओं के लिए गंदे होते माहौल को बदलने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं अपितु हर आम आदमी की है ताकि हर महिला गर्व से अपने जीवन को जी सके।

Essay on Women Safety in India in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध हिंदी में | National Safety Day Essay in Hindi PDF

Raashtreey Suraksha Divas

National Safety Day Essay in Hindi:- हर साल भारत में 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य हमारे सुरक्षा बलों के प्रति आभार व्यक्त करना है, जिसमें सेना, अर्ध-सैन्य, कमांडो, पुलिस अधिकारी, गार्ड और भारत के सुरक्षा बल शामिल हैं और जो हमारे देश की शांति और सुरक्षा बनाए रखते हैं।4 मार्च वह दिन है जब 1966 में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।

भारत सरकार के तहत श्रम मंत्रालय ने यह निर्णय लिया और 1972 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद जैसी शीर्ष एजेंसी देखती है देश की राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और रणनीतिक सुरक्षा चिंताओं में जो भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 19 नवंबर, 1998 को स्थापित किए गए थे।

हम आपको बता दें कि भारत के पास तीसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है। वहीं जब साल 2013 में उत्तराखंड बाढ़ आई थी तब उस त्रासदी के दौरान भारत में दुनिया के सबसे बड़े नागरिक बचाव अभियानों चलाया गया था जो।इस लेख में हम आपके सामने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध पेश करेंगे, जिसको कई बिंदूओं के आधार पर तैयार किया गया है जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध,National Safety Day Essay in Hindi ,नेशनल सेफ्टी डे पर निबंध,सुरक्षा दिवस पर 200 शब्द निबंध ,सुरक्षा दिवस पर 200 शब्द निबंध,National Safety Essay,राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध PDF, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन ,राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 20 लाइन 

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर निबंध

National Safety Day Essay in Hindi 

नेशनल सेफ्टी डे पर निबंध | national safety day essay.

Raashtreey Suraksha Divas:-राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल और उपायों के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। जिनका कार्यस्थल दुर्घटनाओं से बचने के लिए पालन करने की आवश्यकता होती है। इस दिन का अंतिम उद्देश्य सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करके कर्मचारियों और आम जनता को सुरक्षित रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी निकाय है, जिसे स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास के किसी भी राष्ट्रीय स्तर के स्वैच्छिक संकेत को उत्पन्न करने, विकसित करने और बनाए रखने में सहायता के लिए स्थापित किया गया है। परिषद की ये कार्रवाइयाँ 1972 में इस दिवस की शुरुआत के बाद से ही सफल रही हैं वह भी इसकी स्थापना के एक दशक से भी कम समय में ये सफलता मिली है।मिली जानकारी के अनुसार इस दिन की शुरुआत श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित भारत में पहले औद्योगिक सुरक्षा सम्मेलन के बाद की गई थी,

जिसने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सुरक्षा परिषदों की आवश्यकता महसूस की थी। उन्होंने प्रस्तावित किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद क्या है। वहीं सुरक्षा उपायों को अपनाने के तरीके के रूप में छुट्टी की शुरुआत करने के लिए चलाई गई।राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्थापना दिवस पर मनाया गया था। इस दिन की स्थापना श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा 4 मार्च सन 1965 को सुरक्षा, स्वास्थ्य पर एक स्वैच्छिक दिनचर्या को विकसित करने और व्यवहार में लाने के लिए की गई थी। वहीं साल 2023 राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का 52वां आयोजन है।

सुरक्षा दिवस पर 200 शब्द निबंध | Sureksha Diwas Per Nibandh

भारत के अधिकांश लोग सबसे बुनियादी सुरक्षा और सुरक्षा सावधानियों के बारे में भी अनजान रहते हैं जो उन्हें संभावित खतरे से बचा सकते हैं। इन विषयों के बारे में लोगों को उजागर करना, प्रचार करना, उनसे बात करना और शिक्षित करना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का प्राथमिक उद्देश्य है।इसके साथ ही ये सुनिश्चित किया जाता है कि आम जनता सुरक्षा के मूल्य को समझे। जीवन के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा सिद्धांतों और महत्व की वकालत करने के लिए भी इस दिन को मनाया जाता है।

दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा सावधानियों को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षित कार्य प्रक्रियाओं को लागू करना, इसके साथ ही सुरक्षा और सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के साथ ही Raashtreey Suraksha Divas राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की स्थापना की याद दिलाता है। यह दिन उन सभी सुरक्षाकर्मियों को भी श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

National Safety Essay 

NSC या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद 4 मार्च 1966 को स्थापित की गई एक गैर-लाभकारी सरकारी संगठन है। भारत सरकार ने सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण (SHE) आंदोलन की स्थिरता को विकसित करने और सुनिश्चित करने के लिए स्वायत्त निकाय की स्थापना राष्ट्रीय स्तर पर की थी। इस दिन पूरे देश में विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और सेमिनार का आयोजन किया जाता है, इसके साथ ही संगठन SHE आंदोलन को  भी बढ़ावा देता है।जबकि यह दिन देश के सुरक्षा बलों के सम्मान में भी मनाया जाता है,

राष्ट्रीय सुरक्षा का उद्देश्य विभिन्न सुरक्षा चिंताओं पर जागरूकता बढ़ाना और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना और व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य की विशेषता को एकीकृत करना है। वहीं इस दिन को मनाने के पीछे के उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं

  • काम और सामान्य जीवन शैली में सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना
  • देश के विभिन्न हिस्सों में एसएचई (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) आंदोलन फैलाना
  • कार्यस्थलों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करना
  • कर्मचारियों द्वारा भागीदारी की उच्च दर सुनिश्चित करना
  • विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख खिलाड़ियों की भागीदारी हासिल करने के लिए

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध PDF | Raashtreey Suraksha Divas Par Nibandh Pdf

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस विभिन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण आंदोलनों सहित सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।यह विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा भूमिकाओं में प्रमुख सार्वजनिक भागीदारी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।अभियान उत्सव बड़े पैमाने पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय गतिविधियों में अपने कर्मचारियों को बढ़ावा देकर कंपनी के मालिकों द्वारा एक सहभागी दृष्टिकोण के उपयोग को बढ़ावा देता है।यह अभियान कार्यस्थल के कर्मचारियों के बीच आवश्यकता-आधारित गतिविधियों, कानूनी आवश्यकताओं के स्व-अनुपालन और पेशेवर SHE (सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण) गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है।

यह दिन अन्य कर्मचारियों सहित नियोक्ताओं और कर्मचारियों को उनकी कानूनी जिम्मेदारियों की याद दिलाकर कार्यस्थल सुरक्षा को बढ़ावा देता है।कार्यस्थलों में लोगों के बीच SHE (Safety Health Environment ) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लक्ष्य को प्राप्त करना है।एक सुरक्षा दृष्टिकोण का आयोजन करके यह हमें एक निवारक संस्कृति और वैज्ञानिक मानसिकता पैदा करके समाज की सेवा करने में सक्षम बनाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों महत्वपूर्ण है? | National Safety Day

कार्यबल के उचित कल्याण को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस महत्वपूर्ण है। सुरक्षा के प्रति एक सक्रिय रवैया विकसित करना और कार्यस्थल के खतरों की पहचान करने और दुर्घटनाओं को कम करने और हानिकारक स्थितियों और पदार्थों के संपर्क में आने के लिए प्रक्रियाओं का निर्माण करना प्रत्येक कर्मचारी की कार्यस्थल संतुष्टि की कुंजी है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रभाव और विकास को उजागर करने में मदद करना राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भारत में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित प्रमुख गैर-लाभकारी, स्व-वित्तपोषित और त्रिपक्षीय शीर्ष निकाय की स्थापना इस दिन की स्थापना से पांच साल पहले सन 1966 में हुई थी। ।सुरक्षित रूप से काम करने की प्रतिबद्धता भविष्य के भारतीय कार्यबल के लिए एक अच्छी मिसाल है। सुरक्षा को हर चीज से ऊपर प्राथमिकता दी जानी चाहिए और किसी भी कर्मचारी को सुरक्षित रूप से काम नहीं करने और अपनी आजीविका के साधन के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन | Raashtreey Suraksha Divas Par 10 Line

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का उद्देश्य आम जनता के बीच विभिन्न सुरक्षा उपायों और स्वच्छ उपायों के बारे में प्रचार करना और जागरूकता पैदा करना है, जिन्हें लोगों को अपनी जीवन शैली में शामिल करने की आवश्यकता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस व्यापारिक घरानों और कॉरपोरेट्स को पूरे देश में औद्योगिक स्तर पर मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और इसके उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी है।
  • भारत सरकार के अधीन श्रम मंत्रालय द्वारा 4 मार्च 1966 को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के बाद वर्ष 1972 में पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया
  • कार्य पर्यावरण सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, घरेलू सुरक्षा और यात्रा सुरक्षा भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की कुछ प्रमुख चिंताएँ हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है।
  • यह दिन केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश में विभिन्न स्तरों पर सुरक्षा के महत्व का प्रचार करने के लिए प्रदर्शनियों, प्रशिक्षण, पुरस्कार समारोह, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 20 लाइन | Raashtreey Suraksha Divas 20 Line

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना 4 मार्च 1966 को हुई थी।
  • इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने की थी और इस तरह लोगों ने इस अभियान का समर्थन करना शुरू कर दिया।
  • इसी दिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को जागरूक करना शुरू किया था।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर सरकार मनुष्य को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करती है।
  • इस अभियान से संबंधित लोगों को जानकारी दी जाती है; इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों को सम्मानित भी किया जाता है।
  • ृलोगों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अभियान से संबंधित पोस्टर लगाए जाते हैं।
  • सोशल मीडिया और टीवी चैनलों के माध्यम से सुरक्षा अभियान के विभिन्न नारे तैयार और प्रसारित किए जाते हैं।
  • कई जगहों पर लोगों से इसकी चर्चा भी की जाती है, सुरक्षा से जुड़े सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं.
  • यह दिवस नियोक्ताओं, कर्मचारियों और अन्य लोगों को कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में उनकी जिम्मेदारी याद दिलाने के लिए मनाया जाता है।
  • सुरक्षा एजेंसियों के साथ सरकारी संगठन भी इस दिन लोगों को सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
  • भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च, 1966 को हुई थी; इसलिए इस दिन को हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत में सभी सरकारी और निजी संस्थानों में इस दिन को मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर, पूरे देश में विभिन्न समूहों द्वारा कई प्रकार के सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  •  सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के संबंध में निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता, सुरक्षा पुरस्कार वितरण, सेमिनार, बैनर प्रदर्शनियां, खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

Raashtreey Suraksha Divas

  • इसके साथ ही औद्योगिक श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के माध्यम से लोगों में सावधानी बरतने और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की प्रवृत्ति विकसित करने का प्रयास किया जाता है।
  • इस दिन औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा, महिला सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, मिलावटी खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाता है।
  • इस दौरान लोगों को बचाव के कई तरीकों से भी अवगत कराया जाता है ताकि वे विपरीत परिस्थितियों में अपना बचाव कर सकें।
  • इस दिन आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है, इसलिए सभी को सुरक्षा संबंधी मामलों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए।
  •  इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है।

FAQ’s National Safety Day Essay in Hindi 2023

Q. भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है.

Ans. सुरक्षित रूप से काम करने के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता पैदा करने के लिए भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पूरे वर्ष सुरक्षित रूप से काम करने के लिए कर्मचारियों और आम जनता की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना है।

Q. पहला राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया गया था?

Ans. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के लगभग आधे दशक बाद मनाया गया था, जो 1966 में भारत में सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण से संबंधित प्रमुख, गैर-लाभकारी निकाय है।

Q. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद क्या है?

 Ans. भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो देश में श्रम की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाता है।

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Speech on National Safety Day in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर ऐसे लिखें 100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच

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  • Updated on  
  • फरवरी 21, 2024

Speech on National Safety Day in Hindi

हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत कार्यस्थल और इसके आसपास के समुदायों में सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा यह सुरक्षा की एक ऐसी संस्कृति बनाने के महत्व को भी दर्शाता है जो व्यक्तियों और संगठनों की समान रूप से रक्षा करती है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर छात्रों और शिक्षकों की तरफ से स्पीच भी दी जाती है, लेकिन कहीं भी स्पीच देने से पहले हमें इसे अच्छे से तैयारी करना जरूरी है। स्पीच का समय आयोजन से तय होता है, इसलिए इस ब्लाॅग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi लिखने और तैयार करने के बारे में जानेंगे।

This Blog Includes:

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के बारे में , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 100 शब्दों में स्पीच, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 200 शब्दों में स्पीच, प्रस्तावना , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार कब मनाया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच कैसे दें , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 10 लाइन्स  , राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्लोगन.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भारत में हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, साथ ही इस दिन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के 1966 में हुई स्थापना के रूप में भी मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत काम करती है और इसका उद्देश्य वर्तमान सुरक्षा मुद्दों और चिंताओं को संबोधित करना है।

यह भी पढ़ें – Safety Speech Topics in Hindi : जानिए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2024 की थीम एवं महत्व 

100 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-

  • 1966 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का यह दिन हर साल 1 मार्च को हुए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की याद दिलाता है।
  • 4 मार्च, 1966 को भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) ने एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 1972 में की गई थी।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी।
  • 2021 में कई नेताओं और संगठनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्वीकृत सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के माध्यम से सुरक्षा का संदेश फैलाने के लिए Twitter का सहारा लिया।

यह भी पढ़ें – Essay On Zakir Hussain in Hindi : ज़ाकिर हुसैन पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध 

1972 से हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दिन को देश में सुरक्षा जागरूकता और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशालाओं, सेमिनारों, प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करता है साथ ही यह दिन औद्योगिक और कार्यस्थल सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, निर्माण सुरक्षा, कार्यालय सुरक्षा आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी समर्पित है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य है-

  • विभिन्न सुरक्षा मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • संगठनों और व्यक्तियों को सुरक्षित प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा को जीवन का एक तरीका बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए अपनाए जा सकने वाले विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
  • सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए उद्योगों और संगठनों को सुरक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • दुर्घटनाओं और चोटों को रोकने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य सुरक्षा गियर के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
  • सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • देश में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

यह भी पढ़ें – Holi Speech in Hindi : इन आसान शब्दों में दें रंगों के त्योहार ‘होली’ पर भाषण

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर 500 शब्दों में स्पीच

500 शब्दों में Speech on National Safety Day in Hindi यहाँ दिया गया है-

हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का दिन जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससीआई) लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और उन्हें अपने दैनिक जीवन में पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए काम करता है। इस दिन कई ऑर्गेनाइजेशन, इंडस्ट्रीज और एजुकेशनल इंस्टीटूट्स सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रदर्शन, मॉक ड्रिल्स और क्षेत्र के विशेषज्ञों के लेक्चर्स शामिल हैं। सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए जाते हैं साथ ही स्कूल और कॉलेजों में छात्रों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता और डिबेट जैसी अन्य कई गतिविधियों का आयोजन कराया जाता हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल 4 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1972 में हुई थी जो औद्योगिक सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) का स्थापना दिवस भी है। जिसका मुख्य उद्देश्य घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना पहली बार 4 मार्च 1972 में की गई थी और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 2000 में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में की गई थी। 

भारत में हर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने व कार्यस्थल और दैनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए समर्पित है। यह दिन देश भर के संगठनों और संस्थानों द्वारा मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

दुर्घटनाओं के कारण गंभीर चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्तियों, संगठनों और पूरे देश को वित्तीय नुकसान भी हो सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस व्यक्तियों और संगठनों को अपनी सुरक्षाओं पर विचार करने और उनमें सुधार के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस सुरक्षा खतरों और जोखिमों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाता है। इसमें व्यक्तियों को दुर्घटनाओं के कारणों और उन्हें रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में शिक्षित किया जाता है। इसमें व्यक्तियों को आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया करने के तरीके के बारे में ट्रेनिंग देना और ऐसा करने के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान करना भी शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस उन व्यक्तियों और संगठनों के प्रयासों को पहचानने का भी एक अवसर है जिन्होंने अपने कार्यस्थलों और समुदायों में सुरक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें वो व्यक्ति शामिल है जिन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठाए हो या ऐसे संगठन जिन्होंने सुरक्षा कार्यक्रम लागू किए और उससे दुर्घटनाओं में कमी आई हो। 

कार्यस्थल में सुरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर भी जोर देता है। इसमें सुरक्षित ड्राइविंग आदतों, घरेलू उपकरणों, औजारों का सुरक्षित उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देना शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमारे दैनिक जीवन में सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह व्यक्तियों और संगठनों को सुरक्षा पर विचार करने और उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाने का अवसर प्रदान करता है। 

यह भी पढ़ें – Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi : हिंदी के महान साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध  

Speech on National Safety Day in Hindi कैसे तैयार करें के बारे में यहां जानेंगे-

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर सही से स्पीच तैयार करने और समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। 
  • स्पीच को ज्यादा बड़ा न रखें।
  • स्पीच देने से पहले उसे अच्छे से तैयार कर लें। 
  • स्पीच की शुरुआत हिंदी के कविताओं और कोट्स से भी कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर स्पीच लिखते समय आपको शब्दों का सही चयन करना होगा।
  • अपनी स्पीच में भारत के सुरक्षा बालों के बारे में भी बोलना होगा। 
  • स्पीच देने से पहले एक-दो बार उसे बोलने का प्रयास करें।
  • स्पीच को तैयार करते समय गलतियों से बचें।
  • स्पीच में टाॅपिक से न भटकें।

यह भी पढ़ें – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है, साथ ही जानें इसका महत्व, थीम और इतिहास

Speech on National Safety Day in Hindi पर दस लाइन्स यहाँ दी गई हैं-

  • भारत में हर साल 4 मार्च को Rashtriya suraksha diwas मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा एक पहल है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 में हुई थी। 
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पहली बार 1972 में मनाया गया। 
  • सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम बदलती है।
  • इस दिन का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • यह दिन लोगों को अपनी और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।
  • Rashtriya suraksha diwas जीवन के सभी पहलुओं में सुरक्षा संस्कृति को अपनाने को बढ़ावा देता है।
  • इस दिन में सुरक्षा प्रशिक्षण, सेमिनार और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का अंतिम लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना है।

यह भी पढ़ें – परीक्षा में ऐसे लिखें विश्व जल दिवस पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

Speech on National Safety Day in Hindi से जुड़े स्लोगन्स यहाँ दिए गए हैं-

  • जागरूक रहें, ध्यान रखें, सुरक्षित रहें।
  • सुरक्षा कोई विकल्प नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है।
  • आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है, सतर्क रहें।
  • एक सुरक्षित कार्यस्थल एक खुशहाल कार्यस्थल है।
  • सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, जीवित रहें।

4 मार्च को। 

बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Speech on National Safety Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।

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भारत में अग्नि सुरक्षा

शहरी क्षेत्रों में हर साल आग लगने की घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ, भारत में अग्नि सुरक्षा एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। लगातार हो रही आग लगने की बड़ी घटनाएं, भारत की निर्माण श्रृंखला के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है।

शहरों में हर साल आग लगने की कई घटनाएं होती है, जिनमें कई लोगों की मौत हो जाती है और कई लोग घायल हो जाते हैं। लेकिन इतना ही नहीं, आग लगने की इन घटनाओं से बड़ी मात्रा में संपत्ति जलकर नष्ट हो जाती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

भारतीय राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की नवीनतम विज्ञप्ति के अनुसार, 2019 में वाणिज्यिक भवनों में आग लगने से 330 लोगों की मौत हुई थी, जबकि व्यक्तिगत आवास या आवासीय भवनों में आग की घटनाओं में 6,329 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।

आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को देश में जैविक, रासायनिक जैसे अन्य कई खतरों के साथ-साथ अग्नि संबंधित दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान के बारे में भी बुनियादी तथ्यों की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। भारत में बढ़ते शहरीकरण के साथ अग्नि सुरक्षा एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है। इससे संबंधित प्रश्न यूपीएससी 2023 मुख्य परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। 

इस लेख में हम, आग से होने वाली दुर्घटनाओं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले उपायों और आग लगने के कारणों के बारे में चर्चा करेंगे। इसी के साथ, भारत में अग्नि सुरक्षा के लिए मौजूदा नियमों और विनियमों के साथ नेशनल बिल्डिंग कोड़ (National Building Code) बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत में अग्नि सुरक्षा से संबंधित तथ्य

  • आग लगने की घटनाओं में भारत तीसरे स्थान पर है। ये घटनाएं विशेष रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में होती हैं।
  • एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक देश के दो सबसे शहरीकृत राज्य महाराष्ट्र और गुजरात में देश की आग दुर्घटना में होने वाली मौतों का लगभग 30% हिस्सा हैं।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार 2015 में कुल 17,700 लोग आग लगने की घटनाओं के कारण मारे गए, यानी हर दिन 48 लोग।
  • इन मरने वालों में 62% महिलाएं थीं।
  • इंडिया रिस्क सर्वे 2018 के अनुसार, लगातार आग लगने की घटनाओं से व्यापार की निरंतरता और संचालन पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
  • पिछली घटनाओं के अध्ययन करने पर पता चलता है कि आग लगने की अधिकांश दुर्घटनाएं तीन प्रमुख कारणों से होती हैं –
  • बिजली का शार्ट सर्किट या गैस सिलेंडर/स्टोव फटना
  • मानव की लापरवाही
  • गलत तरीके से बनाई गई आदतें 

आप अपनी IAS परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले UPSC Prelims Syllabus in Hindi को गहराई से समझ लें और उसके अनुसार अपनी तैयारी की योजना बनाएं।

नोट- UPSC 2023 परीक्षा नजदीक आ रही है , इसलिए आप अपनी तैयारी को बढ़ाने के लिए BYJU’s के The Hindu Newspaper के दैनिक वीडियो विश्लेषण का उपयोग करें।

भारत में अग्नि सुरक्षा से संबंधित प्रावधान

संवैधानिक प्रावधान : अग्निशमन सेवा एक राज्य का विषय है और अनुच्छेद 243 (डब्ल्यू) के तहत भारत के संविधान की बारहवीं अनुसूची के अनुसार यह नगरपालिका के अंतर्गत काम करता है।

भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 (अग्नि और जीवन सुरक्षा) : भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता में संरचनाओं के निर्माण, रखरखाव और अग्नि सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश शामिल हैं।

भारत का राष्ट्रीय भवन कोड (NBC) भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यह एक ‘अनुशंसित दस्तावेज’ है।

राज्यों को राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता की सिफारिशों को उनके स्थानीय भवन उपनियमों में शामिल करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं जो भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता की सिफारिशों को अनिवार्य बनाते हैं।

सभी राज्य सरकारों को भारत के नवीनतम राष्ट्रीय भवन कोड 2016 भाग –IV ‘अग्नि और जीवन सुरक्षा’ को शामिल करने और लागू करने के लिए सलाह जारी की जाती है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा अग्नि सुरक्षा के लिए मोटे तौर पर इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है –

  • आग की रोकथाम : इमारतों के डिजाइन और निर्माण के कारण होने वाली आग की घटनाओं के रोकथाम के पहलुओं पर काम करता है और विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री और उनकी अग्नि रेटिंग निर्धारित करता है।
  • जीवन सुरक्षा : आग और इसी तरह की आपात स्थितियों में जीवन सुरक्षा प्रावधानों को शामिल करता है। इसके अलावा निर्माण और अधिवास सुविधाओं में आग, धुएं ऐसी ही अन्य चीजों से होने वाले जीवन के लिए खतरे को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जाता हैं।
  • अग्नि सुरक्षा : वर्गीकरण और भवनों के प्रकार के आधार पर अग्नि सुरक्षा के लिए सही प्रकार के उपकरणों और प्रतिष्ठानों का चयन करने के लिए महत्वपूर्ण घटकों और दिशानिर्देशों को शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सार्वजनिक भवनों जैसे, अस्पताल आदि जगहों पर अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यकताओं को निर्धारित किया है। प्राधिकरण ने इसमें नेशनल विल्डिंग कोड के सभी तत्वों को शामिल किया है। इसमें आग की घटनाओं के दौरान निकले के लिए समर्पित आपात सीढ़ियां, संरक्षित निकास तंत्र,  न्यूनतम खुला सुरक्षा स्थान, और निकासी ड्रील के लिए विशेष डिजाइन आदि शामिल हैं।

तेल क्षेत्र सुरक्षा संस्थान (OISD) : भारत में तेल और गैस उद्योग में अग्नि सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाला तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय (OISD) अग्नि शमन के लिए स्व-नियामक उपायों की एक श्रृंखला के कार्यान्वयन का समन्वय करता है।

मॉडल बिल्डिंग बायलॉज, 2016 : मॉडल बिल्डिंग बायलॉज, 2016 को शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है। यह भवन निर्माण के लिए नियामक तंत्र और इंजीनियरिंग मापदंडों को बताता है। भारत में किसी भी निर्माण परियोजना को शुरू करने से पहले इसका ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि आग से संबंधित सभी निकासी के लिए बिंदु-विशिष्ट जिम्मेदारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) के पास है।

भारत में अग्नि सुरक्षा प्रणाली की चिंताएं

भारत के कुछ राज्यों में अग्निशमन में आवश्यक आवश्यकताओं और अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण के लिए एकीकृत अग्निशमन सेवाओं की कमी है।

सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन और मानकीकरण और विनियमन की कमी आग लगने संबंधी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि वाणिज्यिक भवनों और मल्टीप्लेक्सों में बड़े पैमाने पर नकली छतों का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण कोड के खिलाफ किया जाता है।

भारत में करियर को आगे बढ़ाने के लिए फायरमैन के लिए उचित संगठनात्मक संरचना, प्रशिक्षण और अवसर का अभाव है।

अपर्याप्त आधुनिक उपकरण और उनका स्केलिंग, प्राधिकरण और मानकीकरण।

अपर्याप्त धन के कारण हमारे देश में अग्निशमन के लिए तकनीकी प्रगति नहीं हो सकी है। इसके कारण शहर, LIDAR-आधारित (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) तकनीकों में निवेश करने में विफल रहे हैं, जिनका उपयोग हवाई झटके और अग्नि निकास की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए किया जा सकता है।

हमारे देश में अग्नि सुरक्षा ऑडिट के प्रावधान स्पष्ट नहीं है, इससे अग्नि सुरक्षा ऑडिट के दायरे, उद्देश्य, कार्यप्रणाली और आवधिकता के संदर्भ में ठीक-ठीक जानकारी नहीं मिल पाती है।

भारत में फायर सेफ्टी की शिक्षा देने वाले प्रशिक्षण संस्थानों की बहुत कमी है। इसका भी असर देशी की फायर सेफ्टी या अग्निशमन क्षमता पर पड़ता है।

भारत में फायर सेफ्टी को लेकर ढांचागत सुविधाओं की बेहद कमी है, उदाहरण के लिए- फायर स्टेशन और फायर सुरक्षा कर्मियों के आवास, भोजन और स्वास्थ्य आदि सुविधाओं के अभाव के कारण युवा इस क्षैत्र को करियर के रुप में नहीं चुनते हैं।

भारत में आवासीय और कमर्शियल भवनो की फायर सेफ्टी या उनकी आग की चपेट में आने के आशंकाओं का मुल्यांकन नहिं किया जाता है।

अग्नि सुरक्षा नियमों (आग लगने के बाद बचाव के लिए क्या करना चाहिए, और क्या नहीं) के बारे में सार्वजनिक जागरूकता की कमी और नियमित नकली अभ्यास (मॉक ड्रील) और निकासी अभ्यास (एग्जिट ड्रील) भी आयोजित नहीं की जाती हैं।

समान अग्नि सुरक्षा कानून का अभाव, उदाहरण के लिए हाल ही में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल जैसे कुछ राज्य एनबीसी का अनुपालन नहीं करते पाए गए हैं।  

नोट: आप BYJU’S के साथ जुड़ कर खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रख सकते हैं , यहां हम प्रमुख जानकारियों को आसान तरीके से समझाते हैं।

अग्नि सुरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय

मरीजों को संभालने या देखभाल करने वाली किसी भी संस्था के लिए सुरक्षा सुविधाओं के साथ राज्य सरकारों द्वारा अनिवार्य अनुपालन की आवश्यकता है।

आधिकारिक एजेंसियों से जुड़े हितों के टकराव को खत्म करने के लिए तीसरे पक्ष के ऑडिट के माध्यम से सुविधाओं का प्रमाणन अनिवार्य किया जा सकता है।

अग्नि सुरक्षा उपकरणों का आधुनिकीकरण: अग्निशमन विभागों को बढ़ाने और आधुनिक बनाने में वित्तीय सहायता और सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए।

स्थानीय पार्षदों/निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी से मोहल्लों/कॉलोनियों/स्कूलों में 6 महीनों में एक बार अग्निशमन कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को आग से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

महत्वपूर्ण अग्निशमन सेवा विभागों (जैसे ऊंची इमारतों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में मल्टीप्लेक्स) का समय-समय पर फायर सेफ्टी ऑडिट (fire safety audit) करना और दोषी प्रतिष्ठानों के खिलाफ उचित कार्रवाई करना चाहिए।

सभी सार्वजनिक भवनों के लिए भारी अग्नि देयता बीमा अनिवार्य करना चाहिए। इससे संबंधित भवनों में रहने वाले लोगों और आगंतुकों को सुरक्षा मिल सकेगी।

आगे का रास्ता

एक अनुमान के मुताबिक साल 2050 तक, दुनिया की करीब 70% आबादी शहरों में रहेगी। इसलिए भारत समते दुनिया के तमाम देशों को भविष्य की अग्नि सुरक्षा जरुरतों को ध्यान में रखते हुए शहरों के निर्माण और विस्तार करना चाहिए। सभी देशों को अग्नि सुरक्षा के महत्व को समझ कर अभी से इसके लिए आवश्यक उपाय करने चाहिए। साथ ही अग्नि कानूनों का सख्त कार्यान्वयन के साथ-साथ दुनिया को ऐसे समग्र विकास की आवश्यकता है जो रोजगार, सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक अभाव, पर्यावरणीय गिरावट, अपशिष्ट प्रबंधन आदि से निपटने में सक्षम हो।

नोट: यूपीएससी और अन्य आगामी प्रतियोगी परीक्षां के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए BYJU’S के साथ जुड़े रहें। यहां हम विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त तैयारी सामग्री हिंदी में उपलब्ध कराते हैं।

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essay for safety in hindi

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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Safety pledge / oath in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023, safety pledge / oath  in english, hindi and marathi for 52 national safety day 2023.

Safety Pledge for National Safety Day : The Safety Pledge not only helps us to remind our responsibility about safety in the workplace, but also gives us the opportunity to see smiles on the beautiful faces of our family. On the occasion of National Safety Day to promote zero harm culture and demonstrate individual responsibility for commitment to safety at work, from management to employees and workers gathered in the workplace and take oath on the safety commitment for the individual, employees, society and the nation.

  National Safety Day is celebrated on 4 th March each year, which is also the foundation day of the National Safety Council (NSC) of India to raise awareness of the importance of industrial safety.

Through the safety pledge , the individual promises to never compromise his own safety or that of his colleagues in doing the job. Deaths in the workplace are unacceptable and therefore safety is everyone's responsibility. The COVID-19 pandemic has shown how crucial it is for every employee to commit to safe work. It is very important to constantly identify hazards and reduce the risks to an acceptable level, thereby reducing the likelihood of an incident occurring at work. The tradition or system of taking the oath of safety in the workplace is very important in reminding safety practices and safety awareness. Take the pledge below to show your commitment to safety, from the workplace to anywhere.

Here you will find Safety Oath published by National Safety Council (NSC) which can be taken together by senior management and workers during celebration of National Safety Day 4 th March to renew their commitment for safety in the work place.

Safety Pledge in English - National Safety Day 2023

“On this day, I solemnly affirm that I will rededicate myself to the cause of safety, health and protection of environment and will do my best to observe rules, regulations and procedures and develop attitudes and habits conductive for achieving these objectives.

I full realise that accidents and diseases are a drain on the national economy and may lead to disablements, deaths, harm to health and damage to property, social suffering and general degradation of environment.

I will do everything possible for the prevention of accidents and occupational diseases and protection of environment in the interest of self, family, community, organization and the nation at large.”

Safety Pledge in Hindi published by NSC India

As the Safety Pledge is a medium to remind our commitment to safety and should be taken by all groups of people, from senior management to employees and workers, it should therefore be written in language understandable to all.

Without understanding the meaning of the Safety Oath, people cannot demonstrate their safety commitment in workplace. Hindi is the national language of India and therefore the safety pledge must be in Hindi.

Here is the safety oath in Hindi .

Safety oath in marathi - published by nsc india.

In Maharashtra, most of the workers speak in the Marathi language and therefore while celebrating the National Safety Day, as a reminder of their commitment to safety; the safety pledge should be taken in Marathi by all groups of people, from management to employees and workers. Workers are the group of people who actually perform the physical work at their workplace and therefore need to understand the meaning of the safety pledge. With a better understanding of the Safety Oath , this will help people demonstrate their commitment to safety in the workplace.

Here is the Safety Oath in Marathi .

How to take safety oath.

essay for safety in hindi

While taking the  safety oath  during celebrating  National Safety Day , all people, from senior management to employees and workers should assemble at one place, stand near or around the NSC flag or safety flag, raise right hand exactly 90 degrees to your body in front, keep the palm of your right hand facing the ground, place your left hand on your chest or keep in parallel to thigh towards the ground and repeat the reading of the safety pledge word by the safety officer.

How safety oath benefit to organization

Here are a few ways that safety pledge can benefit a company:

Improves Safety Culture to Reduce accidents - Committing to safety to the individual, colleagues, society, and the nation means you demonstrate a positive safety culture to reduce incidences and achieve safety goal of zero accident. When businesses are seen as committed to health, safety and the environment, many consumers will ignore the cost of your service or product based on whether they believe they are purchasing the safe, environmentally friendly and the best product.

Increased Employee Engagement - When employees work for a company with a strong commitment to safety, they are more likely to work safely and be safe from accidents. They will often promote and endorse the brand they work for because they truly believe in what their business has to offer.

Helps to strengthen individual safety accountability - A safety oath reinforces the 'tone from the top'. When lower-level employees engage in safety with their bosses and managers, employees at all levels are more likely to embrace and commit to making a positive safety culture change. A commitment to safety made with everyone in the workplace has a far greater impact than a safety sign, slogans posted on the wall.

Why taking Safety Pledge or Safety Oath in workplace is important?

Safety pledge help employees to remind their safety commitment in workplace to achieve the objective of zero harm. Employees and workers who make the  safety pledge  in their workplace are promise to never compromise their individual safety  or the  safety  of their co-workers to get the job done. Through safety pledge, they promises about actively look for hazards, promptly report them, and take appropriate action to warn others. It help to become individual as good  safety  role model for others and their family even when off the job.

On the occasion of National Safety Day 2023 on March 4 , the commitment to safety through safety pledge must be made by all people, from the top management to employees and workers together, to show their commitment to safety on the workplace. The safety oath should be word in the local language so that everyone understands its meaning and thus contributes to keeping individual promises to develop a positive safety culture and achieve the goal of zero harm. Safety Pledge in English , Safety Oath in Hindi and Safety Pledge in Marathi are published by the National Safety Council of India .

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essay for safety in hindi

दा इंडियन वायर

अग्नि सुरक्षा पर निबंध

essay for safety in hindi

By विकास सिंह

essay on fire safety in hindi

अग्नि सुरक्षा पर निबंध (Essay on fire safety in hindi)

अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने का सबसे सरल तरीका बन गया है। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा उन सावधानियों से संबंधित है जिन्हें आग की संभावना को रोकने या कम करने के लिए लिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप क्षति, चोट और मृत्यु हो सकती है। अग्नि सुरक्षा भवन सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। न केवल अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, बल्कि यह जहाजों, और हवाई जहाज की सुरक्षा का भी सबसे महत्वपूर्ण घटक है। अग्नि सुरक्षा लोगों को सुरक्षित रखती है। अगर फायर सेफ्टी नहीं आई होती तो लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता।

यदि अग्नि सुरक्षा हमें आग से नहीं बचाती है, तो यह कम से कम आग लगने की संभावना को कम कर देगा। फायर सेफ्टी एक बड़ी मदद है, हर किसी को फायर सेफ्टी करनी चाहिए। अग्नि सुरक्षा आग को शुरू होने से रोक सकती है। दरअसल, अग्नि सुरक्षा के कई प्रकार हैं। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा का उपयोग करने के लिए बहुत सारे मतभेद हैं। अग्नि सुरक्षा लोगों को चोट, मृत्यु और दुर्घटनाग्रस्त होने से सुरक्षित रखती है।

दरअसल, अग्नि सुरक्षा प्रत्येक इमारत, जहाज और हवाई जहाज के लिए पूर्ण जीवन सुरक्षा समाधान बनाती है। अग्नि सुरक्षा लंबे समय से जीवन और संपत्ति की रक्षा कर रही है।

यह अभी भी जीवन की रक्षा का सबसे आसान तरीका है। यदि भवन में अग्नि सुरक्षा नहीं है, तो यह आग से क्षति पहुचेगी। एक छोटी सी आग को पूरी तरह से आग में बदलने के लिए आग में सिर्फ तीन मिनट से भी कम समय लगेगा, इसलिए लोगों को अपने घरों में आग से बचाव करना चाहिए। जब बिल्डिंग में अग्नि सुरक्षा उपकरण होते हैं तो आग से होने वाली क्षति काफी हद तक कम हो जाती है।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi

साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi

इस लेख में हम साइबर सुरक्षा पर निबंध (Essay on Cyber Security in Hindi) के बारे में बताएँगे। इसमें हम आपको साइबर सुरक्षा क्या है, इसके प्रकार, इसकी ज़रूरत, साइबर अटैक और भारत की साइबर सुरक्षा कैसी है इसके बारे में भी बात करेंगें।

Table of Content

दोस्तों, हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे ही है और आज हर कोई अपने सभी काम इंटरनेट की मदद से करते है। हमारी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है, हमारे डाटा को कोई चोरी न करे इसी के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) की जरूरत पड़ती है। आज के समय में पूरी दुनिया में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे है इसी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। 

डाटा को चोरी होने से बचाने के लिए सभी देशों द्वारा कड़ी साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। इसके अलावा इंटरनेट के माध्यम से हैकिंग हमारे बैंक अकाउंट और अन्य कई प्रकार के डाटा को चुरा लिया जाता है। जो हमारे लिए एक चिंता का विषय है। 

साइबर सुरक्षा क्या है? What is Cyber Security in Hindi?

आज हम एक आधुनिक दौर में रह रहे है, और यहाँ हमसे जुड़ी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। जिसको कोई भी हैक करके चुरा सकता है।

इस समस्या से बचने के लिए इंटरनेट से जुड़े सभी प्रकार के कार्यों के लिए एक प्रकार की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। जिसे साइबर सुरक्षा कहा जाता है, जो हमारे डिवाइस के जरूरी डाटा, डिवाइस के हार्डवेयर और साफ्टवेयर के डाटा को साइबर अपराध से बचाने का कार्य करती है। 

इन गतिविधियों से हमारे डाटा और हमारे फाइलों को चोरी होने से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। जिससे साइबर अपराध को रोका जा सके।

दोस्तों,  साइबर अपराध या डाटा चोरी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के अंतर्गत कई प्रकार के स्तर पर कार्य किये जाते है। इनमें डाटा सुरक्षा (Data Security), मोबाइल सुरक्षा (Mobile Security), जानकारी सुरक्षा (Information Security), नेटवर्क सुरक्षा (Network Security), अप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security), यूज़र सुरक्षा (User Security), आपातकालीन सुरक्षा (Emergency Security) इसके साथ ही क्लाउड सुरक्षा (Cloud Security) की व्यवस्था भी की गई है। जिससे इस बदलती दुनिया में हमें किसी भी प्रकार के साइबर अपराध के खतरे से कोई दिक्कत न हो।

साइबर सुरक्षा और भारत India and Cyber Security

आज भारत भी दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। इंटरनेट के उपयोग में भारत आज तीसरे स्थान पर है। इस बात से आप समझ सकते है कि भारत आज कितना आगे बढ़ चुका है।

आज हर चीज इंटरनेट के माध्यम से होती है इससे कई प्रकार के खतरे भी बढ़ जाते है जिससे निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए है। लेकिन फिर भी कई मामलों में भारत अभी भी पीछे है। इस बात का पता आप बीते पिछले कुछ वर्षों से लगा सकते है।

बीते हुए पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की घटनाएँ सामने आई है जैसे – रेलवे से डाटा चोरी, Zomato  के लगभग 17 मिलियन डाटा चोरी, कई प्रकार मशीनों में मालवेयर अटैक आदि।  

साइबर सुरक्षा भारत के लिए समस्या का विषय है जिस पर भारत सरकार कई प्रकार के कदम उठायें है लेकिन इस दिशा में भारत को और भी कई अन्य कदम उठाने की जरुरत है। जिससे किसी भी प्रकार की साइबर अपराध न हो पायें।

साइबर सुरक्षा की जरूरत क्यों? Importance of Cyber Security

आज के समय में दुनिया भर में इंटरनेट का उपयोग पूरी तरह से किया जा रहा है। समय के साथ इंटरनेट चलाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लोग अपने सारे कार्य इंटरनेट के मदद से ही करते है चाहे वो निजी कार्य हो या सरकारी कार्य। ऐसे में इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के हैकिंग से किसी का भी डाटा चुराया जा सकता है।

डाटा चोरी के अलावा कई प्रकार के साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की ज़रूरत पड़ती है। जिससे इंटरनेट यूजर के डिवाइस के साथ उसकी सभी प्रकार के जानकारी को सुरक्षित रखा जा सके।   

आज इंटरनेट की दुनिया में हर रोज हैकिंग, फ्रॉड, डाटा चोरी जैसी समस्या लगातार आ रही है, ऐसे में साइबर सुरक्षा के द्वारा ही इन सारी समस्याओं से बचने के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच तैयार किया जाता है, जो इंटरनेट पर होने वाले साइबर अटैक को रोकता है।

साइबर अटैक क्या होता है? Information about Cyber Attack in Hindi

साइबर अटैक एक प्रकार का वर्चुअल अटैक होता है। जिस प्रकार किसी देश के किसी विशेष क्षेत्र को पाने के लिए कई देश लड़ाई लड़ते है उसी प्रकार डिजिटल दुनिया में भी किसी फाइल को हैक करने या किसी नेटवर्क को अपने कब्जे में लाने के लिए साइबर अटैक (Cyber Attack) किये जाते है।

दोस्तों साइबर आक्रमण करने के कई उद्देश्य होते है इनमें किसी व्यक्ति,संस्थाओं या देशों के महत्वपूर्ण जानकारी चुराने के लिए किये जाते है। इसे साइबर आतंकवाद का हिस्सा भी माना जाता है क्योंकि इसमें दो पक्षों के बीच आपस में साइबर अटैक किये जाते है। इसे साइबर युद्ध भी कहा जाता है।  

साइबर अटैक के प्रकार? Types of Cyber Attack in Hindi

बदलते समय के साथ हम अपनी सुरक्षा में भी बदलाव कर रहे है। क्योंकि समय के साथ तकनीकी में भी बड़े बदलाव हर किसी के लिए चुनौती भी है। जैसे जैसे तकनीकी में बदलाव हो रहे है साइबर अटैक के प्रकृति भी बदल रहे है। तो आइये जानते है साइबर आक्रमण कितने प्रकार होते है:

  • मालवेयर (Malware) –   किसी भी डिवाइस के डाटा को अपने कंट्रोल में लाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी नेटवर्क को हैक करने के लिए स्रोत में लिंक और ईमेल अटैच होते है। जिस पर क्लिक करने पर सॉफ्टवेयर रन हो जाता है और यूज़र के डिवाइस का कंट्रोल हैकर के हाथों में चला जाता है। इसमें अंतर्गत Spyware, वायरस, वार्म, रैंसमवेयर आदि आते है।
  • फिशिंग –   ये एक प्रकार की डिजिटल धोखाधड़ी करने की प्रक्रिया है। जिसमे किसी प्रतिष्ठित संस्था के नाम से किसी यूज़र को ईमेल की जाती है, उसकी निजी जानकारी मांग ली जाती है जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के साथ अन्य जानकारी। 
  • Man-in-the-middle attack (MitM) –  इस अटैक से अटैककर किसी भी दो पक्षों के बीच हुए बातचीत की जानकारी को हासिल कर लेते है। इससे तरह हमलों से बचने के लिए इंटरनेट की https वाली वेबसाइट का इस्तेमाल करे, इसके अलावा किसी भी App  को Google PlayStore से ही daownlod किया जाए।
  • Smishing – ये एक प्रकार से फिशिंग टैक के जैसे ही है, जिसमे मैसेज SMS के माध्यम से किया जाता है। इसमें आपके पास लॉटरी जितने का मैसेज आता है। लॉटरी के लालच में बहुत से अपनी सारी जानकरी अनजाने में इन्हें दे देते है।
  • SQL Injection and Cross-Site Scripting (XSS) – किसी वेबसाइट की संवेदनशील जानकारी के डाटा को चुराने के लिए हैकर SQL इंजेक्शन का इस्तेमाल करके वेबसाइट के डाटाबेस तक पहुँच जाते है। और इससे जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर लेता है।
  •  Zero Day – हम सभी जानते है कि हर किसी सॉफ्टवेयर में कुछ न कुछ कमी होती है, उसी का फायदा उठाकर हैकर्स उसमे छेड़ छाड़ कर दिया जाता है। जिससे वो उसका एक्सिस पा सके। 

साइबर अटैक का कारण? Reasons Behind Cyber Attack

दोस्तों अगर हम साइबर अटैक होने के कारणों के बारे बताया जाए, तो ऐसा करने के पीछे कई कारण हो सकते है जैसे लोगों के पर्सनल जानकारी के लिए, क्रेडिट कार्ड डाटा के लिए, डेबिट कार्ड डाटा, संवेदनशील जानकारी, किसी व्यापार की जानकारी आदि। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है जिनके लिए साइबर अटैक किये जाते है। इनमे जासूसी, राजनैतिक कार्यों के लिए या रहस्यों का पता लगाने के लिए भी साइबर अटैक किये जाते है।

भारत में साइबर सुरक्षा कानून Cyber Security Laws in India

हम सभी जानते है कि साइबर अपराध एक गैर कानूनी काम है और इसमें कुछ आपराधिक गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती है। इनमें डाटा चोरी, धोखाधड़ी, जालसाज़ी, के साथ अन्य कई कार्य भारतीय दंड सहिंता में अंतर्गत आते है। इन गैर कानूनी कार्यों को रोकने के लिए भारत में भी साइबर सुरक्षा ज़रूरत है।

साइबर अपराधों को संज्ञान में लेते हुए भारत में “सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” पारित किया गया। जिसके अंतर्गत साइबर हमलों को निपटाने के प्रबंध किये गये है।

“सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” में कई धाराएँ बनायीं गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से जुड़ी हुई है जैसे 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 आदि।

भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

भारत सरकार द्वारा देश में होने वाले साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाये गए है जो इस प्रकार है-

  •   “ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 ” पारित किया गया, जिससे साइबर अपराध कम हो सके।
  •   इसके अंतर्गत ये धाराएँ 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 बने गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित है।
  • साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नोडल एजेंसी बनाया है, इसके साथ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन को भी नोडल एजेंसी बनी गई है।
  • भारत सरकार द्वारा 2013 में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति जारी की गई, इसके तहत राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (National Critical Information Infrastructure protection center-NCIIPC) का भी गठन किया गया है।
  • इसके अलावा भारत सरकार द्वारा कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)’ की स्थापना की गई, जो साइबर सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
  • भारत सरकार ने Indian Cyber Crime Co-ordination Centre-I4C की स्थापना की है।

साइबर सुरक्षा के बीच में आने वाली मुश्किलें Obstacles During Cyber Security

साइबर सुरक्षा हर किसी के लिए एक गंभीर मुद्दा है। आज छोटी से छोटी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। इस पर सारा डाटा सुरक्षित रहे, साइबर सुरक्षा के लिए ये एक बड़ी चुनौती है।

इन चुनौतियों में रैंसमवेयर, मालवेयर, फिशिंग मामले इसके अलावा कई और भी है। दोस्तों अगर विश्व के स्तर पर देखा जाए तो भारत में साइबर हमलों के मामलें 11 वें स्थान पर है। 

निष्कर्ष Conclusion

दोस्तों आप सभी ने साइबर सुरक्षा और साइबर अटैक के बारे पढ़ा इससे आप समझ सकते है कि हर समय साइबर अपराध का ख़तरा बना रहता है।

आप सभी को इंटरनेट का उपयोग करते समय छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपका डाटा चोरी होने से बच सके। आशा करते हैं साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi आपको अच्छा लगा होगा। लेख कैसा लगा कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताएं।

4 thoughts on “साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi”

I am actually not much aware about Cyber System before your essay. But your essay imbibe so much motivation as well as inspiration to gain much about this function.So Iam thankful to you .

Waaahhh bete

Isse mahatvpoorn jankari ek hi lekh me ek jagah prat hui.parantu yah 10 th std. Ke bachcho ke liye prapat hai.parantu or adhik graduation level ke IQ hetu pr adhik ja kare ka samavesh kare.to padhne se or adhik gyan prapti hogi.

I want to learn about cyber security or ethical hacker.. can you please teach me about this

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Many Patients Don’t Survive End-Stage Poverty

In the upper right-hand corner, two hands reach out for each other across a net; in the middle, a caduceus, one wing of which has fallen off; at the bottom, two faceless people sitting on the ground.

By Lindsay Ryan

Dr. Ryan is an associate physician at the University of California, San Francisco, department of medicine.

He has an easy smile, blue eyes and a life-threatening bone infection in one arm. Grateful for treatment, he jokes with the medical intern each morning. A friend, a fellow doctor, is supervising the man’s care. We both work as internists at a public hospital in the medical safety net , a loose term for institutions that disproportionately serve patients on Medicaid or without insurance. You could describe the safety net in another way, too, as a place that holds up a mirror to our nation.

What is reflected can be difficult to face. It’s this: After learning that antibiotics aren’t eradicating his infection and amputation is the only chance for cure, the man withdraws, says barely a word to the intern. When she asks what he’s thinking, his reply is so tentative that she has to prompt him to repeat himself. Now with a clear voice, he tells her that if his arm must be amputated, he doesn’t want to live. She doesn’t understand what it’s like to survive on the streets, he continues. With a disability, he’ll be a target — robbed, assaulted. He’d rather die, unless, he says later, someone can find him a permanent apartment. In that case, he’ll proceed with the amputation.

The psychiatrists evaluate him. He’s not suicidal. His reasoning is logical. The social workers search for rooms, but in San Francisco far more people need long-term rehousing than the available units can accommodate. That the medical care the patient is receiving exceeds the cost of a year’s rent makes no practical difference. Eventually, the palliative care doctors see him. He transitions to hospice and dies.

A death certificate would say he died of sepsis from a bone infection, but my friend and I have a term for the illness that killed him: end-stage poverty. We needed to coin a phrase because so many of our patients die of the same thing.

Safety-net hospitals and clinics care for a population heavily skewed toward the poor, recent immigrants and people of color. The budgets of these places are forever tight . And anyone who works in them could tell you that illness in our patients isn’t just a biological phenomenon. It’s the manifestation of social inequality in people’s bodies.

Neglecting this fact can make otherwise meticulous care fail. That’s why, on one busy night, a medical student on my team is scouring websites and LinkedIn. She’s not shirking her duties. In fact, she’s one of the best students I’ve ever taught.

This week she’s caring for a retired low-wage worker with strokes and likely early dementia who was found sleeping in the street. He abandoned his rent-controlled apartment when electrolyte and kidney problems triggered a period of severe confusion that has since been resolved. Now, with little savings, he has nowhere to go. A respite center can receive patients like him when it has vacancies. The alternative is a shelter bed. He’s nearly 90 years old.

Medical textbooks usually don’t discuss fixing your patient’s housing. They seldom include making sure your patient has enough food and some way to get to a clinic. But textbooks miss what my med students don’t: that people die for lack of these basics.

People struggle to keep wounds clean. Their medications get stolen. They sicken from poor diet, undervaccination and repeated psychological trauma. Forced to focus on short-term survival and often lacking cellphones, they miss appointments for everything from Pap smears to chemotherapy. They fall ill in myriad ways — and fall through the cracks in just as many.

Early in his hospitalization, our retired patient mentions a daughter, from whom he’s been estranged for years. He doesn’t know any contact details, just her name. It’s a long shot, but we wonder if she can take him in.

The med student has one mission: find her.

I love reading about medical advances. I’m blown away that with a brain implant, a person who’s paralyzed can move a robotic arm and that surgeons recently transplanted a genetically modified pig kidney into a man on dialysis. This is the best of American innovation and cause for celebration. But breakthroughs like these won’t fix the fact that despite spending the highest percentage of its G.D.P. on health care among O.E.C.D. nations, the United States has a life expectancy years lower than comparable nations—the U.K. and Canada— and a rate of preventable death far higher .

The solution to that problem is messy, incremental, protean and inglorious. It requires massive investment in housing, addiction treatment, free and low-barrier health care and social services. It calls for just as much innovation in the social realm as in the biomedical, for acknowledgment that inequities — based on race, class, primary language and other categories — mediate how disease becomes embodied. If health care is interpreted in the truest sense of caring for people’s health, it must be a practice that extends well beyond the boundaries of hospitals and clinics.

Meanwhile, on the ground, we make do. Though the social workers are excellent and try valiantly, there are too few of them , both in my hospital and throughout a country that devalues and underfunds their profession. And so the medical student spends hours helping the family of a newly arrived Filipino immigrant navigate the health insurance system. Without her efforts, he wouldn’t get treatment for acute hepatitis C. Another patient, who is in her 20s, can’t afford rent after losing her job because of repeated hospitalizations for pancreatitis — but she can’t get the pancreatic operation she needs without a home in which to recuperate. I phone an eviction defense lawyer friend; the young woman eventually gets surgery.

Sorting out housing and insurance isn’t the best use of my skill set or that of the medical students and residents, but our efforts can be rewarding. The internet turned up the work email of the daughter of the retired man. Her house was a little cramped with his grandchildren, she said, but she would make room. The medical student came in beaming.

In these cases we succeeded; in many others we don’t. Safety-net hospitals can feel like the rapids foreshadowing a waterfall, the final common destination to which people facing inequities are swept by forces beyond their control. We try our hardest to fish them out, but sometimes we can’t do much more than toss them a life jacket or maybe a barrel and hope for the best.

I used to teach residents about the principles of internal medicine — sodium disturbances, delirium management, antibiotics. I still do, but these days I also teach about other topics — tapping community resources, thinking creatively about barriers and troubleshooting how our patients can continue to get better after leaving the supports of the hospital.

When we debrief, residents tell me how much they struggle with the moral dissonance of working in a system in which the best medicine they can provide often falls short. They’re right about how much it hurts, so I don’t know exactly what to say to them. Perhaps I never will.

Lindsay Ryan is an associate physician at the University of California, San Francisco, department of medicine.

Source photographs by Bettmann and Fred W. McDarrah via Getty Images.

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Opinion The homeless right-to-camp issue comes to the Supreme Court

essay for safety in hindi

The phrase “often in error but never in doubt” could have been coined for the U.S. Court of Appeals for the 9th Circuit . The appellate court most frequently reversed by the Supreme Court in recent years should brace itself for another reprimand during Monday’s oral arguments before that court.

The town of Grants Pass, Ore. , and many other cities in the nine Western states within the 9th Circuit’s jurisdiction are seeking relief from one of its decisions. The consequences of it include ( Grants Pass said in asking the Supreme Court to hear the case) “the reemergence of medieval diseases” such as typhus and tuberculosis.

In 2020, a court in nearby Medford struck down a Grants Pass ordinance imposing fines, as well as a possible 30-day sentence for repeat offenders, on homeless people camping on public property, when there are sufficient shelter beds available in the city. The court said this violated the Constitution’s Eighth Amendment prohibition of cruel and unusual punishments, and excessive fines. In 2022, a three-judge panel of the 9th Circuit affirmed this decision, having ruled similarly in a previous case, requiring sufficient “ secular shelter space .” (Otherwise, the First Amendment guarantee against “establishment of religion” would be violated. Really.) Grants Pass’s only shelter has a religious affiliation.

The full 9th Circuit refused to reconsider this. Dissenting from this refusal, one judge (joined by 14 others) said that the majority had created a constitutional right “to camp or to sleep on sidewalks and in parks, playgrounds, and other public places in defiance of traditional health, safety, and welfare laws.”

Enforcement of camping ordinances is impermissible if even one homeless person is without a bed. This paralyzes cities’ attempts to cope with the disease, disorder and crime associated with homeless encampments. And many homeless people — sometimes a majority — reject shelters, fearing violence and inhibitions on drug use.

Progressives say the 9th Circuit’s decision regarding “our unhoused neighbors” simply prevents criminalizing the “underlying status” of being homeless. This, they say, results from racism, low wages and insufficient affordable housing. Disregard the verbal tic about racism. Rhetoric about “ living wages ” and “affordable” this or that ignores a fact: Most of those who are homeless are unemployable casualties of mental illness (schizophrenias, depression, bipolar disorder, etc.) and drug abuse.

Furthermore, the court-concocted constitutional right to unrestricted camping misconstrues the Eighth Amendment, which concerns modes of punishment (e.g., burning at the stake, branding, flogging), not activities that might be punished. The 9th Circuit thinks the Eighth Amendment prohibits punishing conduct (e.g., drug abuse) that is supposedly involuntary because it is unavoidable: It is inseparable from a status (homelessness).

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But by erasing the distinction between an activity and a status, such reasoning erases individual agency, a foundational concept of law. And it potentially places sweeping limits on what conduct can be criminalized. The 9th Circuit transforms the Eighth Amendment from a restriction on kinds of punishment into a doctrine that radically dilutes the idea of criminal responsibility.

An amicus brief from the Pacific Research Institute notes that, in all eras, vagrants have experienced pressures from circumstances. (As have most criminals.) So, is any punishment disproportional for behavior an individual cannot control? What about a “compulsive” desire for child pornography? Beware, the PRI brief says, of “simplistic dichotomies between voluntary and involuntary conduct or avoidable and unavoidable choices.”

The 9th Circuit has, in effect, created a subsidy for being homeless, which often is the outcome of multiple choices. And if homeless people lack, as some of their advocates seem to say, volition in controlling their behavior, they lack the capacity to care for themselves, and could be involuntarily committed to institutions.

Homelessness involves political choices that courts are ill-suited to make. And it is a subject concerning which public health institutions can further ruin the reputations they damaged during the pandemic.

The meddlesome Centers for Disease Control and Prevention, which recommends social distancing in homeless shelters, warns that clearing encampments of the homeless will “break connections with service providers” and should not occur unless “ individual housing units ” are provided. The CDC is the 9th Circuit of public health institutions. But, then, the 9th Circuit seems to fancy itself a public health policymaker, sweepingly removing choices from local governments.

Since 2007, the Supreme Court has reversed 80 percent of the rulings it has considered from the 9th Circuit. In the term that began in October 2020, the court reversed 94 percent; in the October 2021 term, 100 percent. Grants Pass should have an agreeable Monday in court.

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    Here you will get Paragraph and Short Industrial Safety Essay in Hindi Language for students of all Classes in 200 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध मिलेगा।

  6. अपनी सुरक्षा अपना दायित्व पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

    Essay on Your safety your responsibility in hindi . वर्त्तमान समय में सुरक्षित रहना हर वर्ग एवं जाति के लिए एक चुनौती सा बन गया है, यदि हमारे साथ कोई भी ऐसी घटना हो ...

  7. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in

    राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध Essay on National Safety Week / Day in Hindi. 4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना की गई। एक सप्ताह तक यह दिवस जिस जगह मनाया जाता है। वहाँ ...

  8. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध, 2023 थीम और महत्व

    राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 2023 पर निबंध (National Safety Day Essay in Hindi, Safety Day Theme 2023, National Security Day 2023, Essay on National Safety Day and Week 2023 in Hindi) National Safety Day 2023: आज इस लेख के जरिए हम आपको भारतीय ...

  9. Industrial Safety Essay in Hindi Language

    May 22, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. Industrial Safety Essay in Hindi Language - औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध : परिभाषा - औद्योगिक सुरक्षा का क्या अर्थ है? औद्योगिक सुरक्षा का अर्थ ...

  10. Essay on Fire Safety in Hindi

    Fire Safety Essay in Hindi Language - आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध: Paragraph, Short Essay on Fire Safety in Hindi Language for students of all Classes in 300, 500 words.

  11. सड़क सुरक्षा पर निबंध : Essay on Road Safety in Hindi

    सड़क सुरक्षा पर निबंध : Essay on Road Safety in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें 'सड़क सुरक्षा पर निबंध' से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

  12. आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध- Essay on Fire Safety in Hindi

    आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध- Essay on Fire Safety in Hindi. अग्नि सुरक्षा अक्समात लगने वाली आग से सुरक्षा के उपायों की जानकारी देती हैं और उससे होने वाले खतरों को कम ...

  13. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  14. सड़क सुरक्षा पर निबंध

    Short Essay on Road Safety in Hindi सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में. सड़क सुरक्षा पर निबंध - मनुष्य को अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों, जैसे ...

  15. महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध (Women Safety Essay in Hindi)

    महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध (Women Safety Essay in Hindi) हम सभी जानते है की हमारा देश हिंदुस्तान पूरे विश्व में अपनी अलग रीती रिवाज़ तथा संस्कृति के ...

  16. सड़क सुरक्षा पर निबंध

    सड़क सुरक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Essay on Road Safety in Hindi) रूपरेखा- प्रस्तावना, यातायात के प्रमुख साधन, सड़क के नियम एवं संकेत- (क) नियम, (ख) संकेत, उपसंहार। साथ ही ...

  17. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध 2023

    National Safety Day Essay in Hindi:-हर साल भारत में 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के सम्मान में मनाया जाता है। इस ...

  18. Speech on National Safety Day in Hindi

    Speech on National Safety Day in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर ऐसे लिखें 100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच। अधिक जानने के लिए क्लिक करें। ... यह भी पढ़ें - Essay On Zakir Hussain in ...

  19. भारत में अग्नि सुरक्षा / Fire Safety in India in Hindi

    भारत में आवासीय और कमर्शियल भवनो की फायर सेफ्टी या उनकी आग की चपेट में आने के आशंकाओं का मुल्यांकन नहिं किया जाता है।. अग्नि सुरक्षा ...

  20. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi) सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi) बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध - (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)

  21. Safety Pledge / Oath in English, Hindi and Marathi for 52 National

    Safety Pledge in Hindi published by NSC India. As the Safety Pledge is a medium to remind our commitment to safety and should be taken by all groups of people, from senior management to employees and workers, it should therefore be written in language understandable to all.. Without understanding the meaning of the Safety Oath, people cannot demonstrate their safety commitment in workplace.

  22. Essay on fire safety in hindi: अग्नि सुरक्षा पर निबंध

    अग्नि सुरक्षा पर निबंध (Essay on fire safety in hindi) अग्नि सुरक्षा हमें आग से बचाने का सबसे सरल तरीका बन गया है। इसके अलावा, अग्नि सुरक्षा उन सावधानियों से संबंधित है ...

  23. साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi

    साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi. January 4, 2023 by बिजय कुमार. इस लेख में हम साइबर सुरक्षा पर निबंध (Essay on Cyber Security in Hindi) के बारे में बताएँगे। इसमें ...

  24. Opinion

    Many Patients Don't Survive End-Stage Poverty. April 11, 2024. Miki Lowe. Share full article. 680. By Lindsay Ryan. Dr. Ryan is an associate physician at the University of California, San ...

  25. The homeless right-to-camp issue comes to the Supreme Court

    A much-reversed federal appeals court appears likely to run into trouble again over its upholding of a town's law intended to aid public health and safety.