जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) - 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

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पृथ्वी पर सभी के जीवन के अस्तित्व के लिए पानी आवश्यक है। हम खाना के बिना तो कुछ दिनों तक जिंदा रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना तीन दिन से अधिक जिंदा नहीं रह सकते है। यदि हम जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) को प्राथमिकता नहीं देंगे तो हमारे बच्चे और आने वाली पीढ़ी पानी की कमी से पीड़ित रहेगी। यहां जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध दिए गए हैं। हिंदी में पत्र लेखन सीखें ।

100 शब्दों का जल संरक्षण पर निबंध (100 words Water conservation Essay in Hindi)

200 शब्दों का जल संरक्षण पर निबंध (200 words save water essay in hindi), 500 शब्दों का जल संरक्षण पर निबंध (500 words save water essay in hindi).

जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) - 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

हम जानते हैं कि पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है, जिससे अंतरिक्ष से पृथ्वी एक नीले ग्रह के रूप में दिखाई देती है। हालांकि पृथ्वी पर पानी प्रचुर मात्रा में है, लेकिन इसका अधिकांश भाग समुद्र में मौजूद है, जो खारा है। इससे हमें ताजे पानी के लिए महासागरों के अलावा अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। हम मनुष्य अपने अस्तित्व के लिए मुख्य रूप से कुओं के भूजल पर निर्भर हैं, लेकिन जैसे-जैसे जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, हमारे पास ताजे पानी की कमी होती जा रही है। इस लेख में जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जिसकी सहायता से छात्र जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Save Water in hindi) लिख सकेंगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • गणतंत्र दिवस पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध

हम सभी यह कहावत जानते हैं कि जल अनमोल है। जल इतना कीमती है कि पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल में से केवल 1% ही पीने योग्य है। एक औसत इंसान को प्रतिदिन लगभग 250- 400 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए प्रतिदिन 2-3 लीटर ताजे पानी की आवश्यकता होती है। आम तौर पर यह कहा जाता है कि एक इंसान बिना पानी के तीन दिन तक जीव‍ित रह सकता है। हालांकि यह किसी किसी के लिए दो दिन से एक सप्‍ताह का हो सकता है। लेकिन आम तौर पर कहा जाता है कि इंसान हवा यानी ऑक्सीजन के बिना तीन मिनट, पानी के बिना 3 दिन और खाने के बिना तीन हफ्ते तक जिंदा रह सकता है।

एक सदी पहले, मनुष्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त जल था, लेकिन जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, मांग काफी बढ़ गई, जिससे 25% लोगों के पास ताजे पानी तक पहुंच नहीं रह गई। यदि जल प्रदूषण के साथ-साथ जल के उपयोग की ये प्रवृत्तियाँ जारी रहीं, तो जल्द ही हमारे पास मीठे पानी के भंडार ख़त्म हो सकते हैं, जिससे हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो सकती है।

अन्य लेख पढ़ें-

  • हिंदी दिवस पर कविता
  • दशहरा पर निबंध

जब हमें प्यास लगती है तो हम पानी पीते हैं। हमारी दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए हमारे आसपास पर्याप्त पानी हो सकता है। यह जानना दिलचस्प है कि दुनिया की 25% आबादी को पीने का अच्छा पानी उपलब्ध नहीं है और कमजोर अर्थव्यवस्था वाले 6% लोग पानी की कमी के कारण मर जाते हैं। हम जानते हैं कि पृथ्वी मुख्यतः पानी से घिरी हुई है, लेकिन फिर भी, मानव उपयोग के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। इसकी वजह यह है कि ये पानी पीने लायक नहीं है। मनुष्य की मांग को पूरा करने के लिए पृथ्वी पर केवल 3% पानी उपलब्ध है।

  • जलवायु परिवर्तन पर हिंदी में निबंध
  • पर्यावरण दिवस पर निबंध
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध

जल की कमी के कारण

जल की कमी कई कारणों से होती है।

उनमें से एक है हमारे घरों और उद्योगों में पानी का व्यापक उपयोग।

दूसरा, कारखानों द्वारा जल निकायों में डाले गए अनुपचारित पानी के कारण होने वाला जल प्रदूषण हो सकता है। कृषि प्रौद्योगिकियों में बदलाव और उर्वरकों के व्यापक उपयोग ने जल निकायों में प्रवेश कर उन्हें प्रदूषित कर दिया है और उन्हें नियमित उपयोग के लिए अनुपयुक्त बना दिया है।

ग्लोबल वार्मिंग जैसी स्थितियों ने विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु परिस्थितियों को बदल दिया है, जिसके परिणामस्वरूप अनियमित वर्षा होती है, जिससे पानी की अनियमित उपलब्धता होती है।

यदि हम जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) के लिए जरूरी कदम नहीं उठाएंगे तो पानी की कमी से मानवता खत्म हो सकती है।

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जल पृथ्वी पर मानव जीवन के हर पहलू के लिए महत्वपूर्ण है। अत: जल का महत्व वायु के समान ही माना जा सकता है। इस परिभाषा में मनुष्य, जानवर और पौधे समान रूप से शामिल हैं।

जल का उपयोग

हर किसी का जीवन स्वच्छ, पीने योग्य पानी पर निर्भर है। परिणामस्वरूप, जल संरक्षण का जीवन बचाने पर निबंध मानव अस्तित्व में पानी द्वारा निभाई जाने वाली कुछ अमूर्त लेकिन महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डालता है।

पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी से भी अधिक महत्वपूर्ण वायु है। पानी का उपयोग जलयोजन से कहीं आगे तक फैला हुआ है। इसका अर्थ है बर्तन धोना, कपड़े धोना, सफ़ाई करना आदि। पानी सिर्फ मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक नहीं है। यह पौधों और पेड़ों के निरंतर अस्तित्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। कृषि और अन्य औद्योगिक क्षेत्र भी इस मूल्यवान धातु पर निर्भर हैं।

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

भूजल संसाधनों की कमी और अपर्याप्त वर्षा के स्तर के कारण दुनिया के कई क्षेत्र अब पानी की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं।

भूजल का अत्यधिक दोहन और प्रदूषण विश्व में विकराल समस्या बन चुकी हैं। इन कारणों से सूखे की स्थिति अपरिहार्य है और कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी पहले से ही एक वास्तविकता है।

जनसंख्या की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग किया गया है, और शहरीकरण और औद्योगीकरण ने स्थिति को और खराब कर दिया है।

वर्तमान में, पृथ्वी पर पानी की गंभीर कमी ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित सबसे गंभीर मुद्दा है। अनुचित पाइपलाइन से बर्बाद होने वाला पानी इस समस्या में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

वर्तमान जल संकट को कम करने के लिए लोगों को जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) करना तत्काल आवश्यक है। चूंकि स्वच्छ जल की आपूर्ति मानव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है, इसलिए उनका मूल्यह्रास लोगों के लिए भारी विनाशकारी घटनाओं का कारण बन सकता है।

यह स्पष्ट है कि भविष्य में हमें पानी की कमी का सामना करना होगा। इसके अलावा, जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) के लिए एक तत्काल कार्य योजना की आवश्यकता है ताकि इस महत्वपूर्ण संसाधन को वर्तमान और भविष्य दोनों उपयोगों के लिए संरक्षित किया जा सके।

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जल संरक्षण के लिए की गई पहल

जलभराव को रोकने और नाली के रिसाव की मरम्मत करके, पंजाब सरकार ने जल आपूर्ति को बचाने में मदद की।

छोटे-छोटे तालाब बनाने के सरकार के प्रयास से राजस्थान के लोगों को काफी लाभ हुआ है।

वर्षा के जल को बाद में उपयोग करने तथा संग्रहीत करने के लिए तेलंगाना के ग्रामीण इलाकों में टैंक बनाए गए हैं।

मेरी कहानी | इन सभी से प्रेरणा लेकर मैंने पंचायत सदस्यों की मदद से अपने इलाके में एक अभियान चलाया है। अभियान का उद्देश्य इलाके के विभिन्न घरों का दौरा करना और लोगों को उनके घरों में जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) की सलाह देना है। यह उनकी जल उपलब्धता और उपयोग पैटर्न को समझने से संभव हुआ। इसके माध्यम से, हम उन्हें उन विभिन्न बिंदुओं से अवगत कराने में सक्षम हुए है कि कैसे पानी की बर्बादी होती है तथा किस तरह पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। अभियान ने परिवारों को अपने पानी के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद की।

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जल के बिना हम विश्व की कल्पना नहीं कर सकते। यह शर्म की बात है कि लोगों ने इस ईश्वरीय उपहार को नजरअंदाज कर दिया है। यदि आप लोगों को जीवित रखना चाहते हैं, तो आपको जल संरक्षण (Jal Sanrakshan) करना होगा। पृथ्वी पर जल सभी के जीवन के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। यदि हम जल संरक्षण को प्राथमिकता नहीं देंगे तो हमारे बच्चे और आने वाली पीढ़ी को इसकी कमी का सामना करना होगा।

इन्हें भी देखें :

सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर

यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट

यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड

आरबीएसई 10वीं का सिलेबस

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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Water Conservation Essay in Hindi: जल संरक्षण पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में 

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  • Updated on  
  • फरवरी 14, 2024

जल संरक्षण पर निबंध

Water Conservation Essay in Hindi: जल संरक्षण के महत्व को समझने से छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद मिलती है। वे जल संसाधनों की सीमित प्रकृति और जल की गुणवत्ता और उपलब्धता पर मानवीय गतिविधियों के प्रभाव के बारे में सीखते हैं। छात्रों को जल संरक्षण के बारे में पढ़ाने से उन्हें शुरू से ही स्थायी आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे पानी का कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग करना सीखते हैं, जो पानी की बर्बादी को कम करने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में योगदान देता है। जल संरक्षण पर निबंध के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

जल संरक्षण पर 100 शब्दों में निबंध, जल संरक्षण पर 200 शब्दों में निबंध, वर्तमान में पानी की कमी – एक गंभीर मुद्दा, water conservation essay in hindi पर 10 लाइन्स .

Water Conservation Essay in Hindi 100 शब्दों में नीचे दिया गया है:

पानी जीवित हर चीज़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम इसका उपयोग घर में खाना पकाने, नहाने, पीने और सफाई जैसे कई कामों के लिए करते हैं। चूँकि हम बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं, इसलिए इसे बचाना वास्तव में महत्वपूर्ण है। हवा की तरह ही पानी भी जीवन के लिए जरूरी है। लेकिन बहुत अधिक पानी का उपयोग करना, पानी को गंदा करना और पर्याप्त पानी न होना जैसी समस्याएं भी हैं। इसीलिए हम हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाते हैं। यह लोगों को यह सिखाने का दिन है कि पानी इतना महत्वपूर्ण क्यों है और हम इसे कैसे बचा सकते हैं। हम कम समय में शॉवर लेना, नल खुला न छोड़ना, अपने पानी को साफ रखना और बारिश के पानी को इकट्ठा करना जैसे काम करके पानी बचा सकते हैं।

Water Conservation Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

पानी पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। 2022 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 2 अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। इससे उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक हो जाती है। जलवायु परिवर्तन बार-बार बाढ़ और सूखे का कारण बनकर हालात को बदतर बना रहा है, इसलिए हमें वास्तव में पानी बचाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना महत्वपूर्ण है। हम खेती, कारखानों और घरों के लिए बहुत सारा पानी उपयोग करते हैं। पानी बचाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि चारों ओर घूमने के लिए बहुत कुछ है और इसके लिए झगड़ों से बचा जा सकता है। पानी बचाने से प्रकृति को संतुलित रहने में भी मदद मिलती है क्योंकि हर चीज़ को जीने के लिए पानी की ज़रूरत होती है। कम पानी का उपयोग करने का मतलब इसे हम तक पहुंचाने के लिए कम ऊर्जा का उपयोग करना भी है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं, जैसे वर्षा जल एकत्र करना, पानी बचाने वाले उपकरणों का उपयोग करना और पानी बर्बाद न करना। यदि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, तो हमें आज से ही पानी बचाना शुरू करना होगा।

जल संरक्षण पर 500 शब्दों में निबंध

water conservation essay in hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

जल संरक्षण आज की दुनिया में पर्यावरण प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हमारा ग्रह पानी की कमी और प्रदूषण से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसलिए व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण को प्राथमिकता देना अनिवार्य हो गया है। घरों से लेकर औद्योगिक संचालन तक, वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पानी का सतत उपयोग आवश्यक है। इस निबंध में, हम जल संरक्षण के महत्व, इसकी विभिन्न रणनीतियों और जीवन के इस महत्वपूर्ण तत्व को संरक्षित करने में हमारी जिम्मेदारी को जानेंगे। 

दुनिया भर में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, जब हर किसी के लिए पर्याप्त ताज़ा पानी उपलब्ध नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब पानी की मांग उपलब्ध मात्रा से अधिक होती है। यह अलग-अलग तरीकों से दिखाई देता है, जैसे पीने के लिए साफ पानी न होना, खेती या कारखानों के लिए पर्याप्त पानी न होना और नदियों और झीलों का सूखना।

पानी की कमी होने के कई कारण हैं:

  • जलवायु परिवर्तन: मौसम अजीब होता जा रहा है, जो इस बात से खिलवाड़ करता है कि कितना पानी है।
  • बढ़ती जनसंख्या: जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती है, भोजन के लिए अधिक अवसर होते हैं और अधिक लोगों को पानी की आवश्यकता होती है।
  • ग्लोबल वार्मिंग: यह चीजों को गर्म बना रहा है और पानी को बिगाड़ रहा है।
  • खराब जल प्रबंधन: कभी-कभी, लोग पानी का बुद्धिमानी से उपयोग नहीं करते हैं या बाद के लिए पर्याप्त बचत नहीं करते हैं।
  • जल प्रदूषण: गंदा पानी पीने या अन्य चीजों के लिए उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है।
  • बहुत अधिक मांग: हम अपने हर काम में अधिक पानी का उपयोग कर रहे हैं।
  • बाढ़: बहुत अधिक पानी भी एक समस्या हो सकता है, खासकर अगर यह फसलों या इमारतों को बहा ले जाए।
  • सूखा: पर्याप्त बारिश नहीं होने का मतलब पौधों, जानवरों और लोगों के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।
  • खराब कृषि तकनीकें: कभी-कभी, किसान बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं या इसका सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं।
  • पानी की बर्बादी: कभी-कभी, हम अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पानी का उपयोग कर लेते हैं।

ये सभी चीजें मिलकर हर किसी के लिए पर्याप्त पानी प्राप्त करना वास्तव में कठिन बना सकती हैं, इसलिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि पानी का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो।

पानी की कमी से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना बेहद महत्वपूर्ण है। यहां तक कि आपके द्वारा किए जाने वाले छोटे-छोटे काम भी मदद कर सकते हैं, जैसे जब आप नल का उपयोग नहीं कर रहे हों तो उसे बंद कर देना।  यहां कुछ अन्य तरीके दिए गए हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं:

  • ड्रिप सिंचाई: यह तकनीक पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे बर्बादी कम होती है।
  • मृदा प्रबंधन: अच्छी मृदा पद्धतियाँ पानी को बनाए रखने और इसे पौधों के उपयोग के लिए उपलब्ध रखने में मदद करती हैं।
  • सूखा-सहिष्णु फसलें: कम पानी में जीवित रहने वाली फसलें लगाने से कृषि में पानी बचाने में मदद मिलती है।
  • मल्चिंग: मिट्टी में गीली घास की एक परत डालने से नमी बनाए रखने और वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिलती है।
  • पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग: बगीचों में पानी देने या शौचालय में फ्लश करने जैसी चीजों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने से ताजे पानी को बचाने में मदद मिलती है।
  • वर्षा जल संचयन: छतों से वर्षा जल एकत्र करना और बाद में उपयोग के लिए इसे संग्रहीत करना पानी बचाने का एक शानदार तरीका है।
  • अलवणीकरण: समुद्री जल को मीठे पानी में बदलने से तटीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
  • जागरूकता फैलाना: पानी बचाना क्यों महत्वपूर्ण है, इस बारे में दूसरों से बात करना अधिक लोगों को अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
  • जल सफाई अभियानों का समर्थन करना: प्रदूषित जल स्रोतों को साफ करने के अभियानों में दान देना या उनमें भाग लेना यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारे पास उपयोग करने के लिए साफ पानी है।
  • उचित जल प्रबंधन: कृषि से लेकर उद्योग और घरों तक जीवन के सभी पहलुओं में पानी का बुद्धिमानी और कुशलता से उपयोग करने से इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण में मदद मिलती है।

ये कदम उठाकर और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करके, हम सभी पानी के संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में भूमिका निभा सकते हैं।

जल संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हमारे ग्रह और इसके निवासियों की भलाई के लिए एक आवश्यकता है। अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलावों को लागू करके और बड़ी पहलों का समर्थन करके, हम सामूहिक रूप से अपने जल संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। चाहे वह घर पर पानी बचाने की आदतें अपनाना हो, कृषि और उद्योग में टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना हो, या बेहतर जल प्रबंधन नीतियों की वकालत करना हो, पानी की कमी के खिलाफ लड़ाई में हर प्रयास मायने रखता है। आइए हम अपने लिए, भावी पीढ़ियों के लिए और अपने ग्रह के स्वास्थ्य के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को सुरक्षित रखने का प्रयास करें। साथ मिलकर, हम सभी के लिए एक टिकाऊ और जल-सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है।
  • जल संरक्षण से जल की कमी को कम करने में मदद मिलती है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर वैश्विक समस्या है।
  • घर पर जल-बचत अभियान को लागू करना, जैसे जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करना, पानी की बर्बादी को काफी कम कर सकता है।
  • कृषि, उद्योग और घर सभी जिम्मेदार जल उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से जल संरक्षण में भूमिका निभाते हैं।
  • वर्षा जल संचयन, बाद में उपयोग के लिए वर्षा जल को एकत्रित और संग्रहीत करके जल संरक्षण का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है।
  • कृषि में ड्रिप सिंचाई तकनीक सीधे पौधों की जड़ों तक पानी पहुंचाकर पानी की बर्बादी को कम करती है।
  • जल संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता अभियान व्यक्तियों को जल-बचत की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  • बागवानी या सफाई जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए पानी का पुन: उपयोग करने से पानी की खपत कम हो सकती है।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचे को लागू करने से पानी के उपयोग को कम करने और दक्षता को अधिकतम करने में मदद मिल सकती है।
  • इस बहुमूल्य संसाधन की सुरक्षा के लिए प्रभावी जल संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने में सरकारों, समुदायों और व्यवसायों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।

जल संरक्षण से तात्पर्य अपशिष्ट को कम करने और वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पानी का बुद्धिमानीपूर्वक और कुशलता से उपयोग करने के अभ्यास से है।

जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पानी की कमी को कम करने, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने और सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह जल उपचार और वितरण से जुड़ी ऊर्जा खपत को भी कम करता है।

आप लीकेज को ठीक करके, छोटे शॉवर लेकर, उपयोग में न होने पर नल बंद करके, जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करके, बाहरी उपयोग के लिए वर्षा जल एकत्र करके, और पौधों को पानी देने या शौचालयों को फ्लश करने जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए गंदे पानी का पुन: उपयोग करके घर पर पानी का संरक्षण कर सकते हैं।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में जल संरक्षण पर निबंध (water conservation essay in hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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जल संरक्षण पर निबंध | Water Conservation Essay in Hindi

जल, मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल तोहफा है। बिना जल के हम एक दिन भी नहीं काट सकते। आप में से कई

Editorial Team

December 17, 2021

Water-Conservation-In-Hindi

जल, मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल तोहफा है। बिना जल के हम एक दिन भी नहीं काट सकते। आप में से कई लोगों ने पानी की समस्या को झेला होगा। वे लोग इस बात को बेहतर समझेंगे की जल कितना आवश्यक है और हमारे लिए इसे बचाये रखना भी कितना ज़रूरी है। आज का हमारा लेख जल संरक्षण पर निबंध इसी विषय पर है – जल संरक्षण और साथ ही जल संरक्षण का महत्व, जल संरक्षण की विधियाँ और जल संरक्षण के उपाय करना बहुत ही जरुरी है। जल संरक्षण पर स्लोगन और जल संरक्षण पर कविता, इन सब की जानकारी भी आपको यहाँ मिलेगी।

Table of Contents

भविष्य में जल की कमी को देखते हुए इसे सुलझाने के लिये जल संरक्षण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। भारत ही नहीं अपितु दुनिया के दूसरे देशों में जल की भारी कमी देखी जा सकती है जिनमें से कई देश तो ऐसे है जहां के आम लोगों को पीने के पानी के लिये काफी मशक्क्त एवं लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

वहीं दूसरी ओर, जहां पर जल के पर्याप्त स्त्रोत उपलब्ध है वे अपने दैनिक जरुरतों से ज्यादा पानी बर्बाद कर रहें है। इसलिए हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझना चाहिये एवं जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।

तो दोस्तों, अगर आप जल संरक्षण पर निबंध या जल संरक्षण के महत्व या जल संरक्षण के तरीको के बारे में जानना चाहते है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। हमने जल संरक्षण पर भाषण और जल संरक्षण पर स्लोगन और कविता भी इस लेख में दिए है। आप चाहे तो इस जल संरक्षण पर निबंध PDF में भी बना सकते है। अगर आप जल संरक्षण के बारे में और अधिक जानना चाहते है और इससे कुछ सीखना चाहते है, तो हमारे इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़िए।

Water Conservation In Hindi

जल संरक्षण का अर्थ

(Jal Sanrakshan Kise Kahate Hai)

आप सभी ये तो जानते ही होंगे की पानी की मात्रा अब धीरे-धीरे कम होते जा रही है, और हमे पानी को बचाने की ज़रूरत है।

जल के इस्तेमाल को काम करने, उसे प्रदूषित होने से बचाने और कृषि और निर्माण के कार्यो के लिए उसे पुनः चक्रित करने की प्रक्रिया को जल संरक्षण कहते है।

इस प्रक्रिया में हम जल को जमा करते है और उसे रीसायकल करके पुनः इस्तेमाल करते है। इससे हम जल के उपयोग को 40% तक कम कर सकते है। जल संरक्षण निबंध 3000 शब्द प्राप्त करने के लिए पूरा लेख जरूर पढ़े।

जल संरक्षण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Save Water in Hindi)

जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्द.

water conservation short essay in hindi

 (Jal Sanrakshan Par Nibandh / Water Conservation Essay In Hindi)

माना जाता है कि आज से 3.7 अरबो साल पहले, पृथ्वी ठंडी हुयी थी, जिससे महासागरों का निर्माण हुआ था। यहीं से जल का सिलसिला शुरू हुआ था और तब से ले कर अब तक, जल कई जीवित प्राणियों के जीवन का आधार बना हुआ है।

पृथ्वी का 70% भाग पानी से घिरा हुआ है, पर इसका सिर्फ 3% भाग ही हमारे इस्तेमाल करने लायक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, हमे पानी को बहुत ही सोच समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए, और इसे बर्बाद होने से रोकना चाहिए।

पानी हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बिना हमारा काम बिलकुल ही नहीं चल सकेगा। पुरे दिन में हम न जाने कितनी बार पानी का इस्तेमाल करते है, कितने ही भिन्न भिन्न कामो के लिए। प्यास बुझाने से लेकर अनाज उगाने तक, हर काम में पानी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हमारी इतने सालो की लापरवाही की वजह से आज हमारा सबसे मूल्यवान संसाधन खत्म होने की कगार पर है। पृथ्वी पर पानी का स्तर दिन-ब-दिन घटते जा रहा है, और इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे ही द्वारा किया गया पानी का दुरुपयोग।

हमारी रोज की दिनचर्या में हम कितना पानी बर्बाद करते है। हम खेती करने के लिए हर ज़रूरी चीज़ो का इस्तेमाल करते है, जैसे कीटनाशक, रासायनिक उर्वरक आदि। पर हम ये भूल जाते है कि इन चीज़ो के प्रयोग से जल प्रदूषित हो रहा है।

अब वक़्त आ गया है कि हम अपनी गलतियों को सुधारे और अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचे। अगर हमने आज कुछ सख्त कदम नहीं उठाये, अपनी आदतों को नहीं बदला, तब आगे चल कर हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

इसलिए, अब हम सभी को आगे आकर जल का संरक्षण करना पड़ेगा और ये तभी होगा जब हम जल के महत्व को समझेंगे और इससे जुड़ी कई और महत्वपूर्ण बातों को भी जानेंगे।

तो अगर आप जल संरक्षण के महत्व के बारे में या इसे संरक्षित करने के तरीको के बारे में भी जानना चाहते है, तो हमारे अगले निबंध को भी ज़रूर पढ़े और इससे शिक्षा लेकर जल को बचाये, क्योंकि “जल ही जीवन है।

जल संरक्षण पर निबंध हिंदी में (300 शब्द)

मानव जीवन की तीन मूलभूत अवश्यकताओं में जल सबसे प्रमुख है। जल ही जीवन है और धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और उसके बचाव करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना जल के जीवन बिलकुल भी संभव नहीं है। पूरे ब्रह्माण्ड में केवल धरती ही एक मात्रा ऐसा गृह है जहां जल और जीवन मौजूद है।

मनुष्य जीवन में पानी की आवश्यकता को देखते हुए है भविष्य में जल को बचाने के लिये हम सब को मिलकर जल संरक्षण करना होगा। अगर भविष्य में जल की कमी को अभी से गम्भीरता से नहीं लिया गया, तो आगे चलकर जल की पूरी दुनिया में भारी कमी की समस्या हो सकती है।

भारत में राजस्थान ऐसा राज्य है जहां पर यह सुना जाता है कि वहां की अधिकतर लड़कियाँ स्कूल नहीं जा पाती, क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिये काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जिससे उनका पूरा दिन खराब हो जाता है तथा इसलिये उन्हें किसी अन्य काम के लिये समय ही नहीं मिलता।

भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी लगभग 60% अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है। सूखा, कम उपज की कीमतें, बिचौलियों द्वारा शोषण और ऋण का भुगतान करने में असमर्थता इत्यादि कारणों से कई भारतीय किसानों द्वारा आत्महत्या की जाती है।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन को समाप्त कर चुकें है, हालांकि जिनमें से 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए है।

जल संरक्षण का महत्व और आवश्यकता 

( Jal Sanrakshan Ka Mahatva aur Avashyakta )

ये तो हम सब मानते है की जल हमारे सबसे बहुमूल्य संसाधनों में एक है। आश्चर्य की बात तो ये है कि इतना बहुमूल्य होने के बावजूद हम लोग पानी के नल को खुला छोड देने से नहीं डरते, इसे बर्बाद करने से नहीं डरते।

हम अपनी हर छोटी बड़ी चीज़ो को बचाते है पर इतनी बड़ी और सीमित चीज़ को बचाने का ख्याल हमारे मन में क्यों नहीं आता? जल को संरक्षित करना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है।

अभी हम इसके महत्व को नहीं समझ रहे है पर बाद में जब ये ख़तम हो जायेगा, तब हम समझ कर भी कुछ कर नहीं सकेंगे। तो सबसे पहले आपको जल संरक्षण के महत्व या जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जानना होगा।

सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि जल के बिना हम जी नहीं सकेंगे। वो कहते है ना- “जल ही जीवन है”। हमारे Ecosystem को बचाने के लिए हमे जल को प्रदूषित होने से बचाना पड़ेगा।

Jal Sanrakshan Par Nibandh

कितने ही जलीय जानवरों के लिए प्रदूषित जल में रहना हानिकारक साबित हो रहा है। कितने ही जानवर इस वजह से विलुप्त होते जा रहे है। तो इन जानवरो को बचाने के लिए हमे जल को बचाने और उसे साफ़ रखने की ज़रूरत है।

जल साफ़ रहेगा तो प्रकृति भी सुरक्षित रहेगी। जल के संरक्षण से energy की भी बचत होती।

अगर हम अभी प्राकृतिक तरीके से जल के खपत को कम कर देंगे और जलाशयों को साफ़ रखेंगे, तो हमे भविष्य में पैसे खर्च कर के जल पीने और बचाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

तो अब आप समझ गए होंगे कि जल संरक्षित करना क्यों आवश्यक है और जल संरक्षण का महत्व क्या है।

भारत में जल संरक्षण की विधियाँ / तरीके

( Water Conservation Methods/Techniques In India )

जल हमारे जीवन का एक बहुमूल्य हिस्सा है, जो हमारे जीवन जीने में हमारी मदद करता है। लेकिन कुछ वर्षो से, जल की सीमा कम होती जा रही है और अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर जल की मात्रा बिलकुल ही शुन्य हो जाएगी।

इससे पहले की ऐसा कुछ हो, हमे इससे बचने के उपाय ढूंढ़ने होंगे और इसे संरक्षित करना होगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को जल के लिए तड़पना ना पड़े।

भारत में, जल संरक्षण के कई आधुनिक और नवीन तरीको का इस्तेमाल किया जाता है। इन तरीको के इस्तेमाल से पानी की बचत भी की जाती है और साथ ही नमकीन पानी को पीने वाले मीठे जल में भी परिवर्तित किया जाता है।

आइये हम आपको जल संरक्षण की आधुनिक विधियों से रुबरु कराते है, जिससे हम जल को संरक्षित कर सकते है।

यह जल संचयन का सबसे आसान, प्रभावशाली और बहुत ही किफायती तरीका है, जो विशेष कर बड़े-बड़े मकानो के छतों पर किया जाता है। यह तरीका अपनाने से उस क्षेत्र के भूजल स्तर में भी वृद्धि होती है।

इस प्रणाली का इस्तेमाल बारिश के पानी को इकठ्ठा करने के लिए किया जाता है। इस प्रणाली में वर्षा के पानी को छत की टंकी में जमा किया जाता और इसे Artificial Recharge System में मोड़ दिया जाता है, जहाँ से इसे बाद में इस्तेमाल किया जा सके।

इस प्रणाली के उपयोग से पानी की खपत को 40% कम किया जा सकता है और साथ ही, सड़क पर पानी और मिटटी के बहाव को रोका जा सकता है।

यह टंकी, महंगे संचयन तरीको के विकल्प में, एक सस्ता और किफायती तरीका है, जो कि सिर्फ प्लास्टिक और चिनाई से बनता है। यह उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों में बहुत प्रभावी साबित हुआ है, जहाँ अधिक पानी संग्रहित करने की ज़रूरत पड़ती है।

वर्षा का जल इन टंकियों में जमा होता है, जिससे खेतो में पानी जमने की परेशानी से बचा जा सकता है और इस पानी को बाद में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये प्रणाली किसानो और मजदूरों द्वारा आराम से अपनायी जा सकती है।

तो दोस्तों, इन तकनीकों को अपना कर हम जल को संरक्षित करने में मदद कर सकते है। आप भी अपने घरो के छतों पर Rooftop Rainwater Harvesting तकनीक का इस्तेमाल कर सकते है।

जल संरक्षण के उपाय। 

(Jal Sanrakshan Ke Upay)

हम सभी जानते है कि ” जल ही जीवन है” और ‘जल है तो कल है”।

पर पता नहीं क्यों, ये जानते हुए भी हम इसे सुरक्षित रखने के लिए कुछ करते नहीं है। अपनी ज़रूरत के अनुसार बस इसका हद से ज़्यादा उपयोग करते ही जाते है।

हम ये क्यों नहीं सोचते कि अगर पानी ख़त्म हो गया तब हम क्या करेंगे? तब अपनी प्यास कैसे बुझाएंगे? तब अनाज कैसे उगाएंगे? ये तो सोचने वाली बात है ना?

चलिए अभी तक नहीं सोचा है तो अब सोच लीजिये। वो कहते है ना “जब आँख खुले तब सवेरा”, तो बस उसी तरह अब जब आप पानी के महत्व को समझ गए है, तो इसे बचाया कैसे जाये इस बारे में सोचिये।

तो सबसे पहले हम अपने घर से शुरुवात करते है। जैसे हर नए काम की शुरुआत घर से ही होती है, वैसे ही पानी की बचत भी सबसे पहले हमे घर में ही करनी पड़ेगी। इसके लिए रोज के पानी के खपत को हमे कम करना पड़ेगा, जब ज़रूरत ना हो तो नल बंद है, ये ध्यान में रखना पड़ेगा, तालाबों पर जा कर अपने घरेलु कामो की वजह से जो हम उसे दूषित करते है, उसे बंद करना होगा।

घर के बाद अब हम बाहर निकलते है। आज, बढ़ती आबादी के साथ कचरे के ढेर भी बढ़ते जा रहे है, और ये सारे कचरे घुम फिर के जल निकायों में ही जमा होते है। हमे यहाँ ये करना होगा कि हम अपने कचरे जल स्रोतों में नहीं फेकें। जो भी कचरे है उसे सही तरह से निपटाने की ज़रूरत है।

सिचाईं के तरीकों में हमे बदलाव लाना होगा। हमे सिचाईं के आधुनिक तरीको को अपनाने की ज़रूरत है। इससे 50% पानी की बचत होगी। साथ ही खेती में इस्तेमाल किये जाने वाले कीटनाशकों का प्रयोग कम करना होगा। तभी कुल मिला कर हम जल में हो रहे प्रदूषण को कम कर सकेंगे।

हम जितना कम जल प्रदूषित करेंगे, उतना ही जल हमारे लिए संरक्षित होता जायेगा। ये कुछ उपाय है जो आप अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में करके जल का संरक्षण कर सकेंगे। हर इंसान अगर अपने हिस्से का काम करने लगे तो बहुत बदलाव आ सकेगा।

जल संरक्षण स्लोगन हिंदी में। 

( Water Conservation In Hindi Slogan )

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जल संरक्षण पर भाषण

( Jal Sanrakshan Hindi Speech )

माननीय प्रिंसिपल, आदरणीय शिक्षक और मेरे सभी प्रिय मित्रो – मैं आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूँ।

आज हम सब यहाँ जमा हुए है, तो अगर यहाँ मौजूद मेरे अध्यापको की अनुमति हो, तो मैं आप सभी के सामने कुछ कहना चाहता हूँ। मैं जिस विषय पर बात करने जा रहा हूँ, यह बहुत ही चिंतन करने वाली बात है।

हम सभी जानते है कि हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार जल है। जल के बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो सकता। हम सारे दिन में कितनी ही बार, कितने ही कामो के लिए पानी का इस्तेमाल करते है। पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि अगर ये पानी हमे न मिले, तो क्या होगा? अगर किसी दिन अचानक पानी का सप्लाई बंद हो जाये, तो हमारा काम कैसे चलेगा?

ये एक बहुत ही सोचने वाली बात है, वो अलग बात है कि हम हर छोटी छोटी बात के बारे में तो सोचते है, पर इस गंभीर बात को नज़रअंदाज़ कर देते है। लेकिन जल हमारे जीवन का आधार है और इसके बिना हम जीवित ही नहीं रह सकते।

जो चीज़ हमारे लिए इतनी मूल्यवान है, उसकी रक्षा करने की ज़िम्मेदारी भी तो हमारी ही बनती है न? ये हमारा कर्त्तव्य है की हम पानी को बर्बाद होने से रोके, उसका सदुपयोग करे। कल की समस्या को रोकने के लिए हमे आज से मेहनत करनी पड़ेगी।

इसी बात पर मैं आप सभी से ये गुज़ारिश करता हूँ कि आप सभी अपने अपने हिस्से का काम करें और जितना हो सके पानी बचाएँ, ताकि इसका भुगतान हमे ही आगे चल के न करना पड़े।

आप सभी ने मेरी बातों को धैर्यतापूर्वक सुना इसके लिए शुक्रिया।आप सभी का दिन मंगलमय हो।

जल संरक्षण पर कविता

 (Poem On Water Conservation)

जल ही जीवन है, इसे ना यु बर्बाद करो।

इतनी सी ये बात है, इसे समझने की तो कोशिश करो।

आज जो ख़तम हो गया पानी,

तो कल क्या करोगे?

आज जी भर पी लोगे पानी,

तो क्या कल से प्यासे रह पाओगे?

अब जो नहीं समझोगे जल की कीमत।

तो कल बहुत पछताओगे।

शायद तुम्हे न हो तकलीफ जल की,

तुम्हारी पीढ़िया ज़रूर भुगतेगी कल की।

अब भी वक़्त है संभल जाओ,

खुद को तैयार करो और आजाओ,

मिल कर बचत करे जल की।

तो दोस्तों, उम्मीद है आपको आज का ये लेख पसंद आया होगा और आप इससे कुछ न कुछ शिक्षा ज़रूर लेंगे और अपने जीवन में इसका इस्तेमाल करेंगे। अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो इसे अपने मित्रो के साथ Share करें और अपने विचार या कोई सवाल हमें Comment में लिख के बताएं।

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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Save Water in Hindi

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पानी की कमी एक सार्वभौमिक समस्या है। तो यह हमारे ग्रह के सभी जिम्मेदार नागरिकों द्वारा संयुक्त रूप से निपटने के लिए है। हमें न केवल अपने लिए बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जल संरक्षण की जरूरत है।

जल संरक्षण जीवन संरक्षण के बराबर है!

Save Water Essay in Hindi (200 Words)

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मानवता के लिए प्रकृति का सबसे कीमती उपहार पानी है। पानी को ‘जीवन’ भी कहा जा सकता है क्योंकि इस धरती पर जीवन की कल्पना पानी के बिना कभी नहीं की जा सकती है।

पृथ्वी को “नीला ग्रह” कहा जाता है। क्योंकि यह ब्रह्मांड का एकमात्र ज्ञात ग्रह है जहां पर्याप्त मात्रा में प्रयोग करने योग्य पानी मौजूद है। पृथ्वी के सतह के स्तर का लगभग 71 प्रतिशत पानी है। इस पृथ्वी का अधिकांश पानी समुद्रों और महासागरों में पाया जाता है। नमक की अत्यधिक उपस्थिति के कारण उन पानी का उपयोग नहीं किया जा सकता है। पृथ्वी पर पीने योग्य पानी का प्रतिशत बहुत कम है।

इस पृथ्वी के कुछ हिस्सों में, लोगों को शुद्ध पीने योग्य पानी इकट्ठा करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन इस धरती के अन्य हिस्सों में, लोग पानी के मूल्य को नहीं समझते हैं। इस ग्रह पर पानी की बर्बादी एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। पानी की एक बड़ी मात्रा मनुष्य द्वारा नियमित रूप से बर्बाद की जाती है।

हमें इस खतरे से बचने के लिए पानी की बर्बादी को रोकने की जरूरत है। पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।

इस धरती पर भगवान की ओर से हमारे लिए सबसे कीमती उपहार है – पानी। हमारे पास पृथ्वी पर पानी की प्रचुरता है, लेकिन पृथ्वी पर पीने के पानी का प्रतिशत बहुत कम है। उन पानी का केवल 0.3% उपयोग करने योग्य है।

इस प्रकार पृथ्वी पर पानी को बचाने की आवश्यकता है। ऑक्सीजन के अलावा, पृथ्वी पर प्रयोग करने योग्य पानी की मौजूदगी से जीवन का अस्तित्व होता है। इसलिए पानी को ‘जीवन’ के रूप में भी जाना जाता है। पृथ्वी पर, हमें समुद्रों, महासागरों, नदियों, झीलों, तालाबों आदि में हर जगह पानी मिलता है, लेकिन हमें शुद्ध या रोगाणु मुक्त पानी की आवश्यकता होती है।

हमें अपने दैनिक कार्यों में सुबह से रात तक पानी की आवश्यकता होती है। हम पीने के लिए पानी का उपयोग करते हैं, स्नान करते हैं, अपने कपड़े साफ करते हैं, खाद्य पदार्थ, बागवानी, फसल, और कई अन्य गतिविधियाँ करते हैं। इसके अलावा, हम जल का उपयोग जल-विद्युत उत्पन्न करने के लिए करते हैं। पानी का उपयोग विभिन्न उद्योगों में भी किया जाता है। इस प्रकार यह बहुत स्पष्ट है कि हम पानी का उपयोग किए बिना एक दिन की भी कल्पना नहीं कर सकते। तो इस नीले ग्रह पर हमारे अस्तित्व के लिए पानी की बचत की आवश्यकता है।

लेकिन दुर्भाग्य से लोग इसे नजरअंदाज करते हुए नजर आते हैं। हमारे देश के कुछ हिस्सों में पीने का पानी मिलना अभी भी एक चुनौती भरा काम है। लेकिन कुछ अन्य हिस्सों में जहां पानी उपलब्ध है, लोग पानी बर्बाद करते नजर आते हैं। निकट भविष्य में, वे इस चुनौती का भी सामना करेंगे।

हमें ध्यान रखना चाहिए, ‘पानी बचाओ जीवन बचाओ’ और इसे बर्बाद न करने का प्रयास करना चाहिए।

पानी को कई तरह से बचाया जा सकता है। पानी के संरक्षण के 100 तरीके हैं। जल संरक्षण का सबसे सरल तरीका वर्षा जल संचयन है। हम वर्षा जल को संरक्षित कर सकते हैं और उन पानी का उपयोग हमारी दैनिक गतिविधियों में किया जा सकता है। शुद्धिकरण के बाद पीने के लिए भी वर्षा जल का उपयोग किया जा सकता है। हमें पता होना चाहिए कि अपने दैनिक जीवन में पानी की बचत कैसे करें ताकि निकट भविष्य में हमें पानी की कमी का सामना न करना पड़े।

यह भी पढ़ें – पर्यावरण बचाओ पर नारे

हमारे ग्रह का 97% भाग खारे पानी में समाया हुआ है जिसे हम पीने के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं। बायाँ 3% पानी प्रयोग करने योग्य है लेकिन 2% भी ग्लेशियरों और बर्फ से अवरुद्ध है। इसलिए, हमारे पास केवल 1% बचा है।

तो, अब, कुछ ऐसा महसूस करें जो बताता है कि जल संरक्षण हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है। हम केवल पानी के एक छोटे प्रतिशत पर निर्भर हैं, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे प्रदूषित और दुरुपयोग न करें। हममें से प्रत्येक को यह जानना चाहिए कि जल को कैसे बचाया और संरक्षित किया जाए ।।

यह भी पढ़ें – शिक्षा का महत्त्व

आइए जानते हैं जल संरक्षण के कुछ तरीके। (Jal Sanrakshan in Hindi/Water Conservation Methods in Hindi/How to save water in Hindi)

जल संरक्षण करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है:-

  • पानी को प्रदूषण से बचाकर हम बहुत सारे पानी को बचा सकते हैं।
  • यदि कृषि-जलवायु परिस्थितियों में किसानों द्वारा फसलें उगाई जाती हैं, तो अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होगी।
  • भूतापीय पानी का उपयोग करके।
  • हम विशेष रूप से भारत जैसे देश में, पारंपरिक जल संसाधनों को नवीनीकृत करके पानी का संरक्षण कर सकते हैं।
  • उद्योगों में उपयोग होने वाले पानी की बचत करके
  • भूजल के तर्कसंगत उपयोग पर विचार करें। यह पानी बचाने में मददगार हो सकता है।
  • कृषि क्षेत्र में आधुनिक सिंचाई विधियों का उपयोग पानी बचाने में भी मदद कर सकता है।
  • बाढ़ प्रबंधन की मदद से पानी को बचाया भी जा सकता है।
  • नगरपालिका एजेंसियों का मार्गदर्शन करके भी पानी बचाया जा सकता है।
  • वर्षा जल के संग्रहण के माध्यम से भी जल संरक्षण किया जा सकता है। फिल्ट्रेशन सिस्टम स्थापित करने के बाद, इस पानी को आसानी से बागवानी, लॉन सिंचाई या शौचालय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आप छोटे पैमाने पर खेती के लिए वर्षा जल संचयन के माध्यम से संग्रहीत पानी का उपयोग भी कर सकते हैं।
  • अपने दाँत ब्रश करते समय नल बंद करें। इससे बहुत सारा पानी संरक्षित किया जा सकता है। इसके अलावा, अपने बच्चों को भी ऐसा करने के लिए शिक्षित करें। इस अभ्यास का पालन करके, आप हर महीने कम से कम 400 लीटर से अधिक पानी बचा सकते हैं।
  • सिंक या शौचालय में एक छोटे से रिसाव से अतिरिक्त पानी का उपयोग हो सकता है। इस तरह के छोटे लीक से सावधान रहें क्योंकि इससे पानी के संरक्षण में मदद मिल सकती है।
  • आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सिर्फ थोड़े समय के स्नान से आप बहुत सारे पानी के संरक्षण में मदद कर सकते हैं। अगली बार, थोड़े समय के लिए स्नान करने का वादा करें।
  • आपको पानी का उपयोग करने के बजाय फर्श की सफाई करने के लिए झाड़ू या लत्ता का उपयोग करना याद रखना चाहिए।
  • अपनी दैनिक जरूरतों के लिए ऊर्जा-कुशल उपकरण जैसे कि बाथटब, सिंक सिस्टम आदि खरीदना बहुत सारा पानी बचा सकता है।

पानी मानवता के लिए प्रकृति का एक अनमोल उपहार है। पानी प्रकृति में उन सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है जो इस धरती पर जीवन का समर्थन करता है। हमें खाना पकाने, कपड़े धोने, स्नान करने, खेती करने और अन्य चीजों के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

हाल के कुछ वर्षों में, पानी के उपयोग के लापरवाह तरीके से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी हो गई है। यहीं पर जल संरक्षण की जरूरत आती है। जल के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। इसलिए, पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पानी का संरक्षण काफी महत्वपूर्ण है।

पृथ्वी की सतह का लगभग तीन-चौथाई भाग पानी से ढका हुआ है। हालाँकि, इस जल का लगभग 97% भाग खारे पानी का है। और यह मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है जो महासागरों के रूप में मौजूद है। पृथ्वी पर कुल पानी का केवल 3% पानी पीने के लिए उपयुक्त है।

उपलब्ध पेयजल का 70% उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि यह ग्लेशियरों और बर्फ की चादरों के रूप में मौजूद है। प्राप्य पेयजल का केवल 1% स्वच्छ पेयजल के रूप में उपलब्ध है और मानव उपभोग के लिए उपयुक्त है।

यह अनुमान है कि दुनिया में एक अरब से अधिक लोग अपने अस्तित्व के लिए इस 1% स्वच्छ पेयजल पर निर्भर हैं। यहाँ से यह स्पष्ट होता है कि हमें पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि अन्य लोगों को पानी की कमी का सामना न करना पड़े।

कुछ साल पहले दुकानों में लोगों को शुद्ध पानी की बोतलें बेचते हुए देखना काफी चौंकाने वाला था। हालाँकि आज, पानी के संकट में वृद्धि के साथ, यह दृष्टि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में काफी आम हो गई है। अनुमान है कि बोतलबंद पानी की कीमत 4 लाख करोड़ – 6 लाख करोड़ रुपये है जो हर साल दुनिया भर के लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए हालिया अध्ययनों के अनुसार, अगर हम विवेकपूर्ण तरीके से पानी नहीं बचाते हैं, तो 2025 तक दुनिया भर में 30 करोड़ से अधिक लोग पानी की कमी के संकट की चपेट में आ जाएंगे।

हाल के निष्कर्षों के अनुसार, यह पता चला है कि लगभग 25% शहरी आबादी को पीने के पानी तक पहुंच नहीं है। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि 40 लाख से अधिक लोग पानी से संबंधित बीमारियों के कारण मर रहे हैं। विकासशील देश अस्वच्छ और गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से बेहद ग्रस्त हैं। भारत में भी विभिन्न जल जनित रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या काफी अधिक है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह बताया गया है कि राजस्थान में लड़कियों को पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। यह उनका पूरा दिन खाता है और उन्हें स्कूल जाने के लिए समय नहीं मिलता है। यह पता चला है कि किसानों की आत्महत्या के कुछ मामले सूखे या पानी की कमी के कारण हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पानी की कमी भारत और अन्य विकासशील देशों में कुछ सामाजिक समस्याओं का कारण है।

जल संरक्षण के लिए बस हमें अपनी दैनिक गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने होंगे।

  • हर उपयोग के बाद पानी के नल को बंद करना और सब्जियों और फलों को पानी से धोने की बजाय पानी से भरे बर्तन में धोना शामिल है।
  • नहाने और धोने के लिए मग और बाल्टी का उपयोग करने से 450 लीटर पानी बचाया जा सकता है। इसी तरह, पूरी तरह से भरी डिशवॉशर और वॉशिंग मशीन का उपयोग करने से प्रति माह लगभग 2 से 2.4 किलोलीटर पानी की बचत होगी।
  • लोगों को अपने बगीचों और लॉन में पानी की जरूरत होने पर ही पानी देना चाहिए। दोपहर के समय पौधों को पानी देने से बचें, खासकर 11 बजे से 4 बजे के बीच, क्योंकि अधिकांश पानी वाष्पित हो जाता है।
  • पृथ्वी के जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, हमें त्योहार के दौरान पानी की भारी बर्बादी को रोकने के लिए सूखी होली खेलने को बढ़ावा देना होगा।
  • पानी को बचाने के लिए रिसाव को रोकने के लिए रिसाव वाले जोड़ों और नल को सही से ठीक किया जाना चाहिए। इससे हर दिन लगभग 60 लीटर पानी बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण स्तर पर सरकार या नागरिक प्रबंधन अधिकारियों द्वारा वर्षा जल संचयन शुरू किया जाना चाहिए। वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बड़े या छोटे तालाब खोदे जा सकते हैं। बचाए गए पानी का उपयोग स्नान, कपड़े धोने, शौचालय, विभिन्न वस्तुओं को धोने, पौधों को पानी देने आदि के लिए किया जा सकता है।

अपने कुल पानी के उपयोग का अनुमान लगाने के लिए, यहां जाएं .

पानी बचाना जीवन बचाने के बराबर है! तो आइए हम अपनी पृथ्वी को रहने के लिए सुरक्षित और सुंदर जगह बनाने की प्रतिज्ञा करें।

उम्मीद है कि आप इन विषयों पर जानकारी से प्रभावित हुए होंगे और इन पर अमल करेंगे. (Essay on Save Water in Hindi / Jal Sanrakshan in Hindi / Water Conservation Methods in Hindi / How to save water in Hindi / जल संरक्षण पर निबंध)

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  • Tags: Essay on Save Water in Hindi , jal hi jeevan hai essay , jal sanrakshan , Save Water Essay , जल संरक्षण पर निबंध

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

In this article, we are providing Save Water Essay in Hindi. जल संरक्षण पर निबंध, Importance of water, Jal Sanrakshan par Nibandh, पानी बचाओ Paragraph / Speech, Essay on Save Water in Hindi in 150, 200, 300, 500, 1000 words For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 Students.

Save Water Essay

Essay on Save Water in Hindi ( 200 words )

जल भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार है और यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसकी जरूरत हमें विभिन्न क्रियकलापों के लिए होती है लेकिन मनुष्य इसे अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जिससे जल निरंतर कम होता जा रहा है। जल का सही तरीके से प्रयोग करना ही जल सरंक्षण है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा पानी है लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही स्वच्छ जल उपलब्ध है और यदि हम इसी तरह से जल को बर्बाद करके रहेंगे तो आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा जिसके अभाव में धरती पर जीवन खत्म हो जाऐगा।

जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसे हम सबको समधना चाहिए और हमें जल का प्रयोग सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। हम वर्षा के जल को भी सरंक्षित कर सकते हैं और उसका प्रयोग कपड़े आदि धोने में कर सकते हैं। हमें नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जल को दुषित होने से भी रोकना होगा। कारखानों को नदियों से दुर लगाना चाहिए। हम सबको मिलकर जल सरंक्षण को अपनाना होगा ताकि आने वाले समय में भी हमें पानी मिल सके और पृथ्वी पर वनस्पति और सभी जीव अच्छे से जीवन यापन कर सकें।

Read Also – 10 Lines on Save Water in Hindi

Save water Essay in Hindi 300 words

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता । जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इस की एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत जरूरी है । धरती पर वैसे तो जल का 70% प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सके उतना 1% प्रतिशत जल है । अत: में हमें जल को सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए ।

हमें जल क्यों बचाना चाहिए

आपने यह स्लोगन तो सुना ही होगा कि “जल है तो कल है” यदि जल ही खत्म हो गया तो हमारा कल भी खत्म हो जाएगा। धरती पर अगर इंसानों को जिंदा रहना है, तो जल अवश्य बचाना होगा । पानी के लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारे ग्रहों पर research किया, मगर सभी ग्रहों में से सिर्फ पृथ्वी में ही पानी है । भारत, अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ पानी के लिए लंबी दूरी (लगभग 4 किमी। से 5कि.मी.) तय करनी पड़ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश है जहां पर पानी की कमी है, Example=दुबई । दुबई एक ऐसा देश है, जहां पर पानी प्रति लीटर 100 रुपए में बिकता है । ऐसी ही स्थिति आने वाले कुछ ही समय में भारत की भी हो सकती है ।

जल को कैसे बचाना है-

1. पानी का दुरुपयोग कम करना पड़ेगा, जितने पानी की जरूरत है, उतना ही पानी यूज करना है । बर्तन धोते समय या फिर ब्रश करते समय पानी का जितना हो सके उतना कम उपयोग करना है ।

2. गाड़ी, हौंडा या फिर कोई भी दूसरे साधन को पाइप लाइन के द्वारा धोते समय पानी का उपयोग कम करना है । इसके लिए पाइप की जगह बाल्टी का यूज कर सकते हैं ।

3. जहां पर भी आपको नल खुला हुआ दिखे, तुरंत ही उस समय नल को बंद कर दीजिए । या फिर आपको कोई भी व्यक्ति पानी का दुरुपयोग करता दिखे, तो उसे पानी का महत्व समझाइए‌‌।

4. वॉशिंग मशीन में रोज-रोज कपड़े धोने से अच्छा है, तीन-चार दिन के बाद कपड़े इकट्ठे होने पर वॉशिंग मशीन में साफ करें ।

5. नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें, क्योंकि इससे पानी की काफी बचत होगी ।

Jal Sanrakshan Par Nibandh ( 400 words )

जल प्रकृति द्वारा मानव को दिया गया एक अनमोल तोफहा है, जिसका मूल्य लगाना बहुत कठिन है| जल के बिना जीवन का कोई महत्त्व नहीं, न ही कोई अस्तित्व है, फिर चाहे वो जीवन पशुओ का हो या मनुष्यों का । किन्तु आधुनिक युग में आदमी की लापरवाही ने धरती पर जल की कमी जैसी समस्या को उत्पन्न कर दिया है, जिसके भयंकर परिणामस्वरूप आज कई इलाके सूखाग्रस्त है एवं पीने योग्य पानी के लिए तरस रहे है ।

पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है, किन्तु पीने योग्य पानी की मात्र बहुत कम है । मनुष्य अपनी नियमित गतिविधियों के चलते नहाने, धोने, भोजन बनाने आदि में इतना जल बर्बाद करता है, जिसका कोई हिसाब नहीं है ।

जल सरंक्षण का अर्थ ( Meaning of Jal Sanrakshan ):

जल सरंक्षण का साधारण अर्थ है, किसी भी भांति जल को बचाना । आप खुद ही सोचे कि धरा पर केवल ३% जल पीने लायक है, इससे ज्यादा चिंताजनक बात और क्या हो सकती है । विशेषज्ञों के अनुसार यदि जल सरंक्षण के उपाय नहीं किये गए एवं इसी प्रकार जल की बर्बादी चलती रही तो अगला विश्व युद्ध जो होगा वो जल के ऊपर एकाधिकार करने के लिए होगा, जिसमे मनुष्य का विनाश निश्चित है ।

जल सरंक्षण के उपाय:

पानी को बचाने के लिए सर्वप्रथम तो सभी लोगो के भीतर जागरूकता एवं जल की बढती कमी के प्रति चिंता का उत्पन्न होता अति आवश्यक है । मनुष्य ने अपनी भूलो के कारण प्रकृति को काफी नुकसान पहुचाया है, इसलिए यदि वह आने वाली पीढियों के अस्तित्व को बचाना चाहता है, तो उसे निम्न उपाय करने चहिये:-

• रोजमर्रा के कार्य जैसे कपडे धोना, बर्तन धोंना, खाना बनाना आदि में कम से कम जल की खपत करे । • शौच के लिए बरसात के पानी या खारे पानी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । • पौधों को पानी देने के लिए पाइप के अलावा फुहारे वाली बाल्टी का इस्तेमाल करे । • पानी की रिसाव एवं टपकने की समस्या का भी शीघ्र समाधान हो एवं बरसात के पानी को इकठा करने के उपाय किये जाये ।

जल सरंक्षण हम सबका कर्तव्य है, ये केवल सरकार या एक संस्था का दायित्व नहीं । क्योकि:-

“ये जल है, अमृत है, ये जल ही जीवन है, इसकी बूंदों का मूल्य चुकाना कठिन है” ।

# Water Conservation Essay # Essay on Save Water in Hindi Language # Save Water in Hindi Essay

Essay on Global Warming in Hindi

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जल संरक्षण पर निबंध

Essay on Water conservation in Hindi: जल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जल के बिना यह प्रकृति, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे सब अधूरे है। जल को बचाना हमारा कर्तव्य है।

water conservation short essay in hindi

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay in Hindi)

हम यहां पर जल संरक्षण पर निबंध हिंदी में (Essay on Water conservation in Hindi) शेयर कर रहे है। इस निबंध में आपको जल संरक्षण से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त होगी।

यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। यहाँ पर हम 100, 150, 250, 400, 500, 600 और 800 शब्दों में जल संरक्षण पर निबंध (jal sanrakshan par nibandh) शेयर कर रहे है।

जल संरक्षण पर निबंध 100 शब्दों में

जल सभी के लिए बहुत ही जरूरी होता है, जल के बिना हम सभी का जीवन संभव नहीं है क्योंकि जल ही जीवन है। हमें जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि उसको बचाना चाहिए। ऐसा करके हम जल संरक्षण में मदद कर सकते हैं।

ऐसा करने के लिए हमें नीचे दिए गए इस एप्स को फॉलो करना होगा, जो निम्न है:

  • अपने घर की पानी टंकी को खुला ना छोड़े।
  • यदि टंकी कहीं से लिंक हो रही है तो उसे बनवा लें या टंकी को बदल दें।
  • व्यर्थ रूप से पानी की बर्बादी को पूरी तरह से रोकना चाहिए जैसे यदि कोई काम एक बाल्टी से हो रहा है तो उसकी अधिक बाल्टी पानी लेने से बचें।
  • कपड़े धोते समय पानी की टंकी को खुला न छोड़ें। जरूरत के हिसाब से ही पानी उपयोग करें।

जल संरक्षण पर निबंध 150 शब्दों में

पृथ्वी पर जीवन बनाएं रखने के लिए मनुष्यों, प्राणियों और पेड़ों के लिए हवा और पानी एक महत्वपूर्ण आधार है। पीने से लेकर कपड़े धोने तक, खाना पकाने से लेकर कई काम करने तक, पानी बहुत जरूरी है। लेकिन आज दुनिया में बहुत से ऐसे देश हैं जो गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं।

जल संकट की इस गंभीर समस्या को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए और हमें जल सरंक्षण के महत्व को समझना चाहिए। हमें जितनी जल्दी हो सके पानी बचाना चाहिए।

हमें जल संरक्षण के लिए भी कुछ पर्याप्त उपाय करने चाहिए। सभी जल रिसावों को ठीक करना चाहिए। हमें किसी भी हालत में जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए।

पानी बचाने के महत्व को बच्चों के दिमाग में सिखाया और पैदा किया जाना चाहिए ताकि वे बड़े होकर समझदारी से और लगातार जल संरक्षण के लिए प्रयास करें।

यदि हर कोई इतना कीमती पानी दैनिक आधार पर बर्बाद कर देगा तो आखिरकार, एक दिन ग्रह पर सभी के लिए जल संसाधनों की कमी पैदा हो जाएगी। पानी के बिना सब कुछ व्यर्थ है और इसलिए हमें स्थानीय पहल से पानी बचाना शुरू करना चाहिए।

jal sanrakshan par nibandh

जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्दों में

पृथ्वी के सभी जीवों के लिए जल एक अमृत समान है। जल एक प्राकृतिक अमूल्य संपत्ति है। बिना जल के जीवन असंभव है। जल का व्यर्थ उपयोग हमारे जीवन को संकट में डाल सकता है क्योंकि पृथ्वी पर का सिर्फ 1% पानी ही हमारे लिए उपयोगी है।

बढ़ती जन संख्या और औद्योगिकरण के कारण दुनिया के सभी देशों पर जल संकट की विपदा आ पड़ी है। वर्तमान समय में हमारे आने वाले भविष्य के लिए जल संरक्षण करना बेहद आवश्यक हो गया है।

पानी का व्यर्थ उपयोग ना करना और पानी हो दूषित होने से बचाना, उसे जल संरक्षण कहते है। पानी हमारे जीवन के हर क्षेत्र में जरुरी है। दैनिक कार्य से लेकर, कृषि, कारखाने तक हर जगह पर पानी की आवश्यकता पड़ती है।

लेकिन आज पेड़ों की हो रही अंधाधुन कटाई की वजह और ग्लोबल वार्मिंग के कारण से वर्षा चक्र का संतुलन बिगड़ गया है। जिसके कारण दुनिया के कई देशों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

इसलिए हमें आज लोगों के प्रति जल संरक्षण के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए। जल संरक्षण के उपाय के लिए हमें सबसे पहले वर्षा के जल का संग्रह करना होगा, इसलिए देश में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू करने होंगे।

दैनिक कार्यों में पानी का उपयोग कम करना होगा। विज्ञान की मदद लेकर सागर के खारे पानी को मीठे पानी में बदलकर उसका उपयोग करना होगा। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे।

हमें जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। जल का मूल्य समझकर उनका व्यर्थ उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि जल से ही जीवन है।

  • जल पर निबंध
  • वर्षा जल संचयन पर निबंध

जल संरक्षण पर निबंध 400 शब्दों में

जल संरक्षण का मतलब होता है कि पीने योग्य पानी का संरक्षण करना ही नहीं बल्कि जल संरक्षण का अर्थ होता है कि वर्षा के जल का भी संरक्षण करना, जल की समस्या के बढ़ने का कारण जलवायु का परिवर्तन होना भी है, जलवायु परिवर्तन होने के कारण से जल की समस्या उत्पन्न हो जाती है, विश्व के लगभग सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए अनेकों कार्य किये है।

ऐसे में भारत सरकार भी जल संरक्षण के लिए अनेकों स्थानों पर तालाब, पोखरी तथा नहरों आदि का निर्माण करा रही है, जिससे कि जल संरक्षण में काफी मात्रा में मदद मिल सके।

इस प्रकार हमारे जीवन के लिए भोजन हवा की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार जल की व्यवस्था होती है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है तथा सभी जीव जंतु जल के बिना नहीं रह सकते हैं।

जल हमारे जीवन की लगभग सभी कार्य में काम आता है जैसे कि भोजन बनाने में, स्नान करने में, कपड़ों को धोने में, सबसे बड़ा उपयोग जल को पीने में ऐसे में आप तो समझ ही गए होंगे कि जल हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में आपको जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।

आप को जितना हो सके, उतना जल को बचाना चाहिए। हम आपको बता दें कि धरती पर जल तो बहुत मात्रा में उपस्थित है। परंतु पीने योग्य जल केवल 1 प्रतिशत जल है बाकी के अन्य जल खारे हैं या तो पहाड़ियों पर बर्फ के रूप में जमे हुए हैं।

ऐसे में यदि हम जल संरक्षण ना करें तो यह हमारे आने वाले भविष्य मैं बहुत बड़ी संकट पैदा कर सकता है। हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि हम जल का दुरुपयोग ना करें।

हमें जल संरक्षण के बारे में सोचना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप जल संरक्षण किस किस प्रकार से कर सकते हैं।

जल संरक्षण के निम्नलिखित उपाय है, जिन्हें फॉलो करके आप जल संरक्षण कर सकते हैं।

  • नहाते समय सावर का उपयोग ना करके आपको बाल्टी का उपयोग करना चाहिए, जिससे कि कम पानी खर्च होगा, शावर से नहाते वक्त ज्यादा पानी खर्चा होता है।
  • बर्तन धोते वक्त ज्यादातर लोग नलको खुला छोड़ देते हैं और बर्तन को साफ करते हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए तथा उन्हें बर्तन धुलते समय तब का प्रयोग करना चाहिए।
  • शौचालय को साफ करने के लिए बहुत लोग जरा पानी खर्च करते हैं, वैसा ना करके अपने शौचालय को पोखरे, नहर आदि के जल से भी साफ कर सकते हैं।
  • सिंचाई करते समय आप ट्यूबेल का उपयोग ना करके नारों के जल से सिंचाई कर सकते हैं। गंदे पानी से सिंचाई करके आप जल संरक्षण कर सकते हैं। यदि आपके आसपास नहर या फिर कोई पोखरा नहीं है तो आप ट्यूबेल से ही अपने खेत की सिंचाई करें परंतु सीमित मात्रा में करें, ज्यादा जल व्यर्थ ना करें।

जल संरक्षण पर निबंध 500 शब्दों में

जल जीवित प्राणियों के लिए पहली आवश्यकता है, चाहे मनुष्य हो या जानवर, पक्षी हों या पेड़-पौधे। जीने के लिए भूख और प्यास दो बुनियादी और आवश्यक स्रोत हैं। भोजन के बिना कोई भी व्यक्ति तीन महीने तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी के बिना एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकता।

पृथ्वी की सतह का 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है और हमारे शरीर में 75% पानी है। लेकिन पृथ्वी की सतह पर का केवल 1% पानी ही पीने लायक है। थॉमस फ़ुलर कहते हैं, “जब तक कुआँ सूख नहीं जाता तब तक हमें पानी की कीमत का पता नहीं चलता।”

एक सर्वेक्षण के अनुसार, आने वाले 30 से 40 वर्षों में पीने और दैनिक जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी नहीं बचेगा। पानी ही बारिश लाने के काम आता है क्योंकि सूर्य की गर्मी के कारण ही बादल बनते है जो पृथ्वी पर बारिश बनकर बरसते है।

पानी की कमी अपने साथ सूखे जैसी कई खतरनाक आपदाएँ लेकर आती है। इसलिए जल संरक्षण के विषय में हमें जागरूकता लाने की जरूरत है। पानी बचाना अब वैश्विक मुद्दा बन गया है। हमारे छोटे छोटे प्रयास जल संरक्षण के मुद्दे पर बड़े परिणाम ला सकता है।

पानी को लेकर हर एक व्यक्ति में जागरूकता जरूरी है। लोगों से पानी बचाने के लिए आग्रह करने के लिए हर देश में सरकारों को कुछ सख्त जल-बचत पहल प्रोत्साहन लागू करना चाहिए।

जल का रख-रखाव बहुत जरूरी है। लोगों को वर्षा जल संचयन, छत जल संचयन और पानी का पुन: उपयोग के बारे में माहितगार करना चाहिए।

दैनिक दिनचर्या में कपड़े धोने, नहाने और अन्य उपयोगों के लिए पानी हो सके, उतना कम उपयोग करें। पानी के मीटर लगाने से भी हम पानी का काफी बचाव कर सकते हैं।

जिन गांवों में पानी की भारी कमी है, वहां छोटे-छोटे तालाब बनाने चाहिए, ताकि बरसने वाले पानी को बचाया जा सके। लोगों को वर्षा जल का पुनर्चक्रण करने की तकनीक के बारे में सीखना चाहिए।

किसानों के लिए कोई ऐसी तकनीक या आविष्कार होना चाहिए, जिससे वे पानी बचा सकें और फसलों को बढ़ने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत न पड़े। सरकार को सीवेज व्यवस्था में सुधार करना होगा। पेड़-पौधे बादलों और बारिश को आकर्षित करते हैं, इसलिए जितना हो सके इन्हें उगाएं।

जल संरक्षण में जागरूकता लाने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण आधार है। युवा वर्ग कार्यक्रमों के माध्यम से, नाटक के माध्यम से और नारों के माध्यम से जागरूकता ला सकते हैं।

इंटरनेट और सोशल मीडिया जागरूकता का स्रोत हो सकते हैं। अफ्रीका, राजस्थान जैसे क्षेत्रों में सूखे और भुखमरी के वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करने से इसमें मदद मिल सकती है।

पानी एक ऐसी चीज़ है, जिसे आप पैसों से नहीं खरीद सकते। अगर हम इसी तरह पानी को बर्बाद करते रहेंगे, तोतीसरा विश्व युद्ध का कारण निःसंदेहजल ही होगा। पानी की वजह से बहुत से लोग मर रहे हैं।

हमारी सोच से ज्यादा हमारी लापरवाही और नासमझी का परिणाम बुरा होगा। जल जीवन का अमृत है। यह कोई अज्ञानता का विषय नहीं है इसके लिए हम सभी को पुनर्विचार करना होगा।

  • जल ही जीवन है पर निबंध
  • जल का महत्त्व पर निबंध
  • जल प्रदूषण पर निबंध

जल संरक्षण पर निबंध 600 शब्दों में

जल संरक्षण क्या है.

जल संरक्षण एक ऐसा उपाय है, जिसके माध्यम से आने वाले समय के लिए जल को संरक्षित किया जा सकता है। जल संरक्षण का सबसे मुख्य उपाय यह है कि हमें जल का उपयोग एक सीमित मात्रा में करना चाहिए।

आज के समय में जल का उपयोग इतनी ज्यादा मात्रा में किया जा रहा है कि ना चाहते हुए भी जल का अभाव हो रहा है। भारत में बहुत से ऐसे इलाके हैं, जहां पर पानी की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं अर्थात ऐसे क्षेत्रों में लोगों को पीने तक के लिए भी सीमित मात्रा में पानी मिल रहा है।

ऐसे में यदि जल संरक्षण किया जाए तो आने वाले समय के लिए जल को स्टोर करके रखा जा सकता है और जल संरक्षण के कारण हमारे वायुमंडल को भी बहुत से लाभ मिलते हैं।

वायुमंडलीय क्षेत्रों में जल की एक अहम भूमिका है। यदि जल समाप्त हो जाएगा या प्रदूषित हो जाएगा तो इस धरती पर असंभव हो जाएगा। इन्हीं कारणों की वजह से हर देश की सरकार अपने अपने देश में जल संरक्षण पर कई आंदोलन चला रहे हैं।

जल संरक्षण क्यों जरूरी है?

हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में जल की समस्याएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं। क्योंकि पृथ्वी पर जल्द तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है और पीने योग्य जल का अभाव हो रहा है।

जल संरक्षण सबसे ज्यादा जरूरी इसीलिए है ताकि पीने योग्य जल और वायुमंडल को सुरक्षित रखा जा सके।

जल संरक्षण कैसे करें?

जल संरक्षण बहुत ही आसानी से किया जा सकता है, इसके लिए सभी को कुछ नियमों का पालन करना होगा। आइए जानते हैं:

जल प्रदूषण को रोके

हमें जल प्रदूषण को रोककर बड़े ही आसानी से जल का संरक्षण कर सकते हैं। आज के समय में जल प्रदूषण देश के लिए बहुत ही बड़ी विपदा बन गई है और धीरे-धीरे करके हमारे पृथ्वी का सारा जल प्रदूषित हो रहा है।

आज के समय में बहुत सी बड़ी-बड़ी ऐसी कंपनियां स्थापित हो गई है, जिनके निकलने वाले कूड़ा कचरा से नदियों तालाबों इत्यादि का जल प्रदूषित होता जा रहा है।

यदि ऐसी कंपनियों को कुछ नियमों के अंतर्गत बाधित कर दिया जाए कि वे अपने कंपनी से निकलने वाले पूरा कचरा को मिट्टी के अंदर गड्ढे में दबाएंगे तो इससे जल को संरक्षित किया जा सकता है।

आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करें

अक्सर कई बार ऐसा लिखा जाता है कि लोगों को जल की जरूरत थोड़ी सी होगी परंतु वे आवश्यकता से अधिक जल बहाते रहते हैं। यदि जल संरक्षण करना है तो हमें पहले आवश्यकता से अधिक जल का उपयोग नहीं करना है।

इतना ही नहीं हमें इस के उपलक्ष में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक भी करना है कि वह ज्यादा जल न बहाएं। अक्सर ऐसा ग्रामीण इलाकों में और बड़े-बड़े लोगों के घरों में होता है। ग्रामीण इलाकों में लगभग सभी के घरों में हैंडपंप और ट्यूबेल होते हैं अतः लोग जल को यूं ही खुला छोड़ देते हैं।

ऐसे में जल का बहाव काफी तेजी से होने लगता है और जल आवश्यकता ना होने पर भी इधर उधर बहता ही रहता है। हमें सदैव आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करना चाहिए।

आवश्यकता के अनुसार यदि जल का उपयोग किया जाए तो हमारा देश और पूरा विश्व जल संरक्षण के इस असीम योगदान में अपना हाथ बटा पाएगा।

जल को संरक्षित करने के उपाय सोचें

जहां कहीं भी हम जल बहाव को देखें सबसे पहले उसे रोकने का प्रयास करें और फिर ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसके प्रति जागरूक करें और उन्हें बताएं कि कैसे हमारे विश्व में जल की कभी हो रही है और जल प्रदूषण भी फैल रहा है।

लोगों को इस विषय में जरूर बताएं कि यदि वे जल का सही उपयोग करेंगे और सीमित मात्रा में उपयोग करेंगे तो आने वाले समय में उनके ही वंशजों को लाभ होगा अन्यथा आप के ही वंशज को नुकसान पहुंचेगा। हमें खुद के साथ-साथ लोगों को भी इतना इच्छुक कर देना है, वह भी जल संरक्षण के प्रति अपने योगदान दे सके।

जल संरक्षण पर निबंध 800 शब्दों में

धरती पर जीवन जीने के लिए 3 चीज़ों का होना बेहद आवश्यक है हवा, पानी और भोजन। किसी एक का ना होना हमारे अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

इन में से जल हमारे लिए अमूल्य है। किसी ने खूब कहा है कि ‘जल है तो जीवन है’। जल एक प्राकृतिक संपत्ति है’। बिना जल के हमारे अस्तित्व के बारे में कल्पना करना भी हम नही सोच सकते।

वैसे तो पृथ्वी पर 70% भाग पानी हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 1% पानी ही हमारे लिए उपयोगी है। इसलिए जल का सही मात्रा में उपयोग करना बेहद आवश्यक है। जल संरक्षण करना भी एक कला है।

पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना और पानी का बचाव करना उसे जल संरक्षण कहते है। जल संरक्षण के लिए हम अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते है, जिससे हम जल को स्वच्छ और प्रदूषण विहीन संग्रह कर सके।

हमें हमारे दैनिक काम के लिए सुबह से रात तक पानी की जरुरत रहती है। इन में से ज्यादातर पानी हम बिना उपयोग किये व्यर्थ करते है। लेकिन जल संरक्षण का प्रयोग करके हम निश्चित पानी का बचाव कर सकते है।

जल संरक्षण का महत्त्व

पानी की हर एक बूँद-बूँद से हमारा अस्तित्व है। पृथ्वी के सभी छोटे, बड़े जीवों और पेड़ पौधों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है। बिना पानी के जीवन शक्य नहीं।

दैनिक कार्य से लेकर कॄषि तक के सभी कामों में पानी का वपराश मुख्य होता है। फसलों के उत्पादन और बिजली उत्पन्न करने की क्रिया में भी पानी मुख्य घटक है। इसलिए पानी को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है।

जल की कमी का सीधा असर कुदरत के संतुलन पर पड़ता है। बिगड़ा हुआ कुदरत का संतुलन पृथ्वी के हर जीव को संकट की ओर ले जाता है।

जल संरक्षण की आवश्यकता

जैसा कि हम जानते है कि पृथ्वी पर ज्यादातर पानी समुद्र के रूप में है और समुद्र के पानी में खारांश है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी का उपयोग भी बढ़ता चला जा रहा है।

शुद्ध जल बहुत सीमित मात्रा में है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्षा ऋतु का चक्र भी असमतल हो गया है। एक सर्वे के अनुसार दुनिया में भारत जल संकट से गुजरने वाला 13 वां देश है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 2 लाख लोग पीने का पानी नहीं मिलने पर कारण अपनी जान गवा रहे है। इस से हमें पता चलता है कि भावी पीढ़ी बिना जल के कारण संकट से गुजरने वाली है। इसलिए हमें वर्तमान समय में जल संरक्षण करने की आवश्यकता आन पड़ी है।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए सबसे पहले शुरुआत खुद से करनी पड़ेगी। हमें हमारी दैनिक गतिविधियों के लिए कम से कम पानी का उपयोग करना पड़ेगा। क्योंकि हमारे द्वारा किया गया एक छोटा सा प्रयास भी बड़ा परिणाम दे सकता है।

  • हमें वर्षा के जल का संग्रह करना होगा क्योंकि वर्षा का जल शुद्ध होता है। इसके लिए हमें देश के छोटे छोटे क्षेत्रों में तालाब और जलाशय बनवाने होंगे, जहाँ वर्षा के पानी का जल संरक्षण किया जा सके।
  • साथ-साथ हमें भूगर्भ जल का भी रक्षण करना होगा क्योंकि वृक्षों की कटाई होने से भूमि प्रदूषण को भी बढ़ावा मिल रहा है और जिसके चलते भूगर्भ जल दूषित हो रहा है।
  • विज्ञान की मदद लेकर सागर के खारे पानी को मीठे पानी में शुद्धिकरण करना चाहिए। इस पानी का उपयोग घरेलु कार्य, कृषि के लिए और कारखानों में भी कर सकते हो।
  • स्नान करते समय और बर्तन साफ करते समय नल को बहता हुआ नहीं छोड़ना चाहिए।
  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाला गन्दा पानी शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिले यह ध्यान रखना बेहद जरुरी है।
  • देश में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू करने चाहिए।
  • अगर सार्वजनिक नल और किसी भी पाईपों में से जल लीक हो रहा है तो तुरंत उनकी मरम्मत करवानी चाहिए।
  • पानी के फालतु उपयोग पर रोक लगाने के लिए सभी छोटे और बड़े घरो में पानी के मीटर लगवाने चाहिए और पानी का व्यर्थ उपयोग करने वालों के लिए दंडात्मक अपराध बनाने चाहिए।
  • बच्चों और महिलाओं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए छोटे छोटे अभियान चलाने चाहिए।
  • खेतो में सिंचाई के लिए टपक सिंचाई (ड्रिप इरीगेशन) पद्धति का उपयोग करना चाहिए।
  • पेड़ों का सीधा नाता पानी से है क्योंकि पेड़ों के कारण ही वर्षा होती है। इसलिए हो सके तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
  • यदि मुमकिन हो तो वर्षा जल संरक्षण के लिए घर के छत पर एक या दो टंकी बनवानी चाहिए। इस पानी का उपयोग दैनिक कार्यों में करना चाहिए।

जल हमारे जीवन का एक आधार स्तंभ है। अगर हमें अपना भविष्य सुनहरा बनाना है तो जल संरक्षण अपनाना पड़ेगा और लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि ‘जल है तो कल है’।

जल संरक्षण पर निबंध pdf

यहां पर जल संरक्षण पर निबंध pdf के रूप में उपलब्ध कर रहे हैं, जिन्हें आप डाउनलोड करके अपने प्रोजेक्ट आदि में काम में ले सकते हैं।

हमने यहां पर जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water conservation in Hindi ) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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जल संरक्षण की चुनौती पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

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जल संरक्षण की चुनौती पर निबंध | Essay on The Challenge of Water Conservation in Hindi!

आज पूरे भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है । देश की कई छोटी-छोटी नदियां सुख गयी हैं या सूखने की कगार पर हैं । बड़ी-बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह धीमा होता जा रहा है ।

कुएं सूखते जा रहे हैं । 1960 में हमारे देश में 10 लाख कुएं थे, लेकिन आज इनकी संख्या 2 करोड़ 60 लाख से 3 करोड़ के बीच है । हमारे देश के 55 से 60 फीसदी लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति भूजल द्वारा होती है, लेकिन अब भूजल की उपलब्धता को लेकर भारी कमी महसूस की जा रही है । पूरे देश में भूजल का स्तर प्रत्येक साल औसतन एक मीटर नीचे सरकता जा रहा है । नीचे सरकता भूजल का स्तर देश के लिए गंभीर चुनौती है ।

ADVERTISEMENTS:

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आजादी के बाद कृषि उत्पादन बढ़ाने में भूजल की महत्वपूर्ण भूमिका थी । इससे हमारे अनाज उत्पादन की क्षमता 50 सालों में लगातार बढ़ती गयी, लेकिन आज अनाज उत्पादन की क्षमता में लगातार कमी आती जा रही । इसकी मुख्य वजह है कि बिना सोचे-समझे भूजल का अंधाधुंध दोहन ।

कई जगहों पर भूजल का इस कदर दोहन किया गया कि वहां आर्सेनिक और नमक तक निकल आया है पंजाब के कई इलाकों में भूजल और कूएं पूरी तरह सूख चुके हैं । 50 फीसदी परंपरागत कुएं और कई लाख टयूबवेल सुख चुके हैं । गुजरात में प्रत्येक वर्ष भूजल का स्तर 5 से 10 मीटर नीचे खिसक रहा है । तमिलनाडु में यह औसत 6 मीटर है ।

यह समस्या आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार में भी है । सरकार इन समस्याओं का समाधान नदियों को जोड़कर निकालना चाहती है । इस परियोजना के तहत गंगा और ब्रह्मपुत्र के अलावा उत्तर भारत की 14 और अन्य नदियों के बहाव को जोड़कर पानी को दक्षिण भारत तक पहुंचाया जायेगा, क्योंकि दक्षिण भारत की कई नदियां सूखती जा रही है ।

इस परियोजना को अंजाम तक ले जाने के लिए 100 अरब डॉलर से लेकर 200 अरब डॉलर तक की आवश्यकता होगी । परियोजना के तहत लगभग 350 डैम, वाटर रिजर्व और बैराज बनाने होंगे । 12000 से लेकर 13000 किलोमीटर लंबी नहरें होंगी जिसमें प्रति सेकंड 15 क्यूबिक मीटर की गति से पानी का प्रवाह हो सकेगा ।

हमनें लाखों साल से जमा भूजल की विरासत का अंधाधुंध दोहन कर कितने ही जगहों पर इसे पूरी तरह से सूखा दिया । हमें यह भी याद रखना चाहिए कि जिन जगहों पर नदी के पानी को रोककर डैम, वैराज और वाटर रिजर्व बनाया जाता है वहां से आगे नदी का प्रवाह सिकुड़ने लगता है ।

भारत का एक-तिहाई हिस्सा गंगा का बेसिन है । इसे दुनिया का सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इस नदी के ऊपर डैम बनने से यह क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है । गंगा की लगभग 50 सहायक नदियों में पानी का प्रवाह कम हो गया है । भारत की तीन प्रमुख नदियां-गंगा, ब्रह्मपुत्र और यमुना लगातार सिकुड़ती जा रही है । दिल्ली में यमुना के पानी में 80 फीसदी हिस्सा दूसरे शहरों की गंदगी होती है । चंबल, बेतवा, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी जैसी अन्य नदियों में भी लगातार पानी कम होता जा रहा है ।

इससे निपटने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना की चर्चा हो रही है लेकिन पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा करने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि हर नदी में लाखों तरह के जीव-जन्तु रहते हैं । हर नदी का अपना एक अलग महत्व और चरित्र होता है ।

अगर हम उसे आपस में जोड़ देंगे तो लाजमी है कि उन नदियों में जीवन व्यतीत कर रहे जीव-जंतु के जीवन पर विपरीत असर पड़ेगा । हम हिमालयी क्षेत्रों के पानी को दक्षिण भारत में पहुंचा देंगे तो क्या इससे पानी की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा?

जब इस पानी को दक्षिण भारत ले जाया जायेगा तो कितने ही जंगल डूब जायेंगे । नदी जोड़ योजना की सबसे पहले बात 1972 में हुई थी, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण इसे टाल दिया गया था । जानकारों का मानना है कि आर्थिक दृष्टि से यह योजना जायज है पर इस योजना में बहुत सोच-समझकर कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे कुदरत के चक्र को क्षति पहुंच सकती है । अगर हम अपने पूर्वजों के विरासत की ओर लौटें तो हम पानी की किल्लत को आसानी से पूरा कर सकते हैं ।

महाभारत में सरोवर की चर्चा है । उस जमाने में भी पानी को संचय करने की व्यवस्था थी । हमारे गांवों में तालाब-पोखर आज भी हैं । दिल्ली जैसे शहर में सैकड़ों तालाब थे । उसमें पानी जमा होता था और वहां से धीरे-धीरे रिस-रिस कर भूजल के स्सर को बनाए रखता था । हमने विकास की अंधी दौड़ में पोखरों को नष्ट कर मकान बना दिये, खेत बना दिये और उद्योग लगा दिये ।

दूसरी ओर भूजल का लगातार दोहन करते रहे । नतीजा आज हमारे सामने हैं । हम अपने पूर्वजों की जीवन शैली का अनुकरण जरूर करते हैं, लेकिन उनकी सोच को लेकर हम अनभिज्ञ है । हम सुबह- सुबह नहाकर सूर्य को जल जरूर चढ़ाते हैं, लेकिन इसके पीछे जो सोच है उसे समझने की कोशिश नहीं करते ।

विडंबना यह है कि आज हम हवा और पानी को लेकर संवेदनशील नहीं है । हमारी हवा और पानी प्रदूषित हो चुका है । हमें यह सोचना चाहिए कि हम कैसी प्रगति की ओर बढते जा रहे हैं? हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब हम नदियों को आपस में जोड़ेंगे तो एक नदी का जहरीला पानी दूसरी नदी में जाएगा । ऐसा भी हो सकता है कि कोई नदी सुख जाये ।

बेहतर हो कि इन्हीं पैसों को खर्च कर परंपरागत स्रोतों को फिर से जिंदा किया जाये । जल संरक्षण में पेड़ भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है । पेड़ों के कारण जमीन में नमी बरकरार रहती है । क्या यह सही नहीं होगा कि नदियों को आपस में जोड़ने के अलावा दूसरे विकल्प तलाशे जायें? जरूरत तो सिर्फ इच्छाशक्ति की है ।

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Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध

December 14, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph, Short Essay on Water in Hindi Language, Pani ka Mahatva Essay in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200, 300, 400 & 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में जल का महत्व पर निबंध मिलेगा।

Essay on Water in Hindi Language

5 Lines on Water in Hindi 

1. जल मनुष्य, पशु पक्षी और पेड़ पौधो की जरूरत है इसी की वजह से है हरियाली है और देश भी इतना खुबसूरत है।

2. जल से ही आज है और जल से ही है कल कभी भी मत छोड़ो तुम बेमतलब का बहता नल।

3. जल को दुषित मत करो इसके अभाव में होने वाले दुष्परिणामों से डरो।

4. जल को कहते है नीर और पानी इसे बर्बाद करके मत करो नादानी।

5. अगर आज जल को नहीं बचाओगे, कभी जल भी नहीं पाओगे तो बिना जल के जीवन कहाँ से लाओगे।

Short Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध (200 words)

जल प्रकृति का इंसान को दिया हुआ सबसे अनमोल उपहार है। हम इसका प्रयोग अपनी दिनचर्या में करते हैं। हमारी पृथ्वी चारों तरफ से पानी से घिरी हुई है। लेकिन धरती पर स्वच्छ पानी सिर्फ 3 प्रतिशत है जिसमें से अधिकांश पहाड़ो पर बर्फ के रूप में जमा हुआ है। हमें जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है। हम रोज कपड़े धोने, बर्तन धोने, नहाने, खाना बनाने और अन्य बहुत सारे क्रियाकलापों में पानी का प्रयोग करते हैं। पानी हाईड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है और यह मनुष्य से लेकर पशु पक्षी और पौधों के लिए भी बहुत जरूरी हैं।

जल के बिना तो हम भोजन प्राप्त भी नहीं कर सकते क्योंकि अगर बारिश नहीं होगी तो फसलें भी नहीं होगी। पानी की वजह से ही किसी भी ग्रह पर जीवन संभव है। लेकिन बहुत सो लोग पानी के महत्व को नहीं समझते हैं। वह इसका इस्तमाल बिना सोचे समझे करते हैं और पानी को बर्बाद करते हैं। हमारे पास पहले ही स्वच्छ जल का अभाव है और जो है हम उसे भी दुषित करते जा रहे हैं। हमें चाहिए कि हम बहुपयोगी जल को गंदा न करे और उसे सरंक्षित भी करे।

Essay on Water in Hindi Language – जल का महत्व पर निबंध ( 300 words )

जल जीवित रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जल के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पृथ्वी भी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन संभव है क्योंकि यहाँ पर पानी की व्यवस्था है। हम प्रतिदिन विभिन्न क्रियकलापों जैसे नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने आदि के लिए पानी का उपयोग करते है। पानी मनुष्य के साथ साथ पशु और पौधों के लिए भी जरूरी है। पानी से ही पौधों का विकास होता है। हमारी पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग जल है लेकिन उसमें से ताजा और पीने लायक पानी केवल 0.98 प्रतिशत है।

यदि हम पानी को इसी प्रकार बर्बाद करते रहे तो एक समय ऐसा आऐगा कि हमें पीने के लिए भी पानी नहीं मिलेगा। वर्तमान में भी बहुत से शहर ऐसे है जहाँ पर पानी का अभाव है। पानी के बिना पेड़ और वनस्पति भी नहीं होंगे इसलिए हमें पानी को बचाने की आवश्यकता है। हमें पानी को बर्बाद होने से भी बचाना है और साथ ही प्रदुषण मुक्त भी बनाना होगा। हमें पानी का सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए और चलते हुए नलों को बंद करना चाहिए। हमें वर्षा के पानी को भी संचय करना चाहिए और पानी को स्वच्छ करने का कर्तव्य करना चाहिए। नदियों में पूजा पाठ के नाम पर राख आदि को नहीं बहाना चाहिए। उद्योगों को नदियों से दूर लगाना चाहिए।

यदि हम पानी को इसी तरह बरबाद करते रहेंगे तो आने वाले समय में पानी के अभाव में ही तीसरा विश्व युद्ध होगा और बिना पानी के धरती पर भी जीवन समाप्त हो जाऐगा। पानी को बचाना कोई पारिवारिक या सामाजिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक मुद्दा है और पूरे विश्व को मिलकर ही पानी को बचाना होगा। बच्चों को पानी की अहमियत को समझना चाहिए और पानी को बर्बाद करने की बजाय बचाना चाहिए।

Essay on Water in Hindi Language – जल का महत्व पर निबंध (400 words)

यह सच है कि दुनिया में जमीन की तुलना में अधिक पानी है। लेकिन इनमें से अधिकांश समुद्र के पानी के रूप में है, जो मानव उपभोग के लिए अयोग्य है, क्योंकि मनुष्य को जीवित रहने के लिए मीठे पानी की आवश्यकता होती है। यह प्यारा भक्षक प्रकृति द्वारा वर्षा, नदी और जमीन या अच्छी तरह से पानी के रूप में प्रदान किया जाता है। भारत एक ऐसा देश है जिसमें बड़ी मीठी जल संसाधन है। बढ़ती आबादी और उचित मेटर मैन-एजमेंट की कमी के कारण, यह पानी बहुत दुर्लभ हो गया है। इसलिए देश में लगभग कहीं भी पेयजल की तीव्र कमी है। यह पानी की आपूर्ति में लगातार कटौती, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। यह वास्तव में हमारे घर में पिछले रविवार को हुआ था।

पानी की बर्बादी के बारे में कोई सोचा नहीं है, जो अक्सर दोषपूर्ण पानी के नल, या हमारे घरों में पानी के लापरवाह संचालन के कारण होता है, हमारे दिमाग को उत्तेजित करता है हम अपने पहाड़ क्षेत्रों में पेड़ों को कम करने या औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट जल से निकलने वाली हमारी नदियों के प्रदूषण से पानी की आपूर्ति से जुड़े नहीं हैं। अगर केवल हम इन कारकों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं, तो हम पानी की आपूर्ति में कटौती से बचने में सक्षम होंगे।

Essay on Uses of Water in Hindi Language ( 500 words )

जल हमारा जीवन है क्योंकि इसके बिना मनुष्य, वनस्पति और पशुओं का कोई भी अस्तित्व नहीं है। पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ पर पानी पाया जाता है और उसी वजह से यहाँ पर जीवन संभव है। बिना पानी के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। हमारी पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है जिसमें से स्वच्छ जल केवल 0.97 प्रतिशत ही है। पानी सो ही जीवन का आधार है।

जल का प्रयोग-

हम प्रतिदिन विभिन्न क्रियकलापों के लिए पानी का प्रयोग करते हैं।

1. पीने के लिए स्वच्छ जल- हर व्यक्ति प्रतिदिन 2 लीटर पानी पीता है जिससे उसकी प्यास बुझती है और शरीर को भी सही तरह से कार्य करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। 2. स्वच्छता के लिए जल- हम प्रतिदिन स्नान करने, अपने शरीर की सफाई करने और घरों की सफाई करने के लिए पानी का प्रयोग करते है। 3. कपड़े धोने के लिए- हमें अपने कपड़ो को स्वच्छ और साफ सुथरा रखने के लिए पानी का ही प्रयोग करना पड़ता है। 4. वनस्पति के लिए-  वनस्पति को उगने के लिए और पेड़ पौधों के विकास के लिए भी पानी की ही आवश्यकता होती है। 5. मनोरंजन के लिए- पानी का प्रयोग मनोरंजन के लिए भी किया जाता है। ज्यादातर लोग छुट्टियों में नौका विहार, रिवर राफ्टिंग आदि गतिविधियों में भाग लेते है। 6. नलिकाओं के लिए- गलियों और नालियों मों से कूड़ा करकट बहाने के लिए भी पानी का ही प्रयोग किया जाता है। 7. बिजली के लिए- बड़ी बड़ी नदियों पर बाँध बनाकर पानी का प्रयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है। 8. भोजन के लिए- भोजन को बनाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है और पानी से बहुत से स्वादिष्ट पेय पदार्थ भी बनाए जाते है। 9. सौंदर्य के लिए-  पानी सही मात्रा में पीने से सौंदर्य को भी बढ़ाया जा सकता है। इसे झुरियाँ खत्म होती है और मोटापा भी कम होता है। 10. आग बुझाने के लिए- जब कभी भी कहीं पर भी आग लगती है तो उस पर पानी डालकर ही काबू पाया जाता है। 11. जमीन के लिए- जल जलक्रीय करता है जिसमें यह भाप बनकर उड़ जाता है और बादल बनकर बरसता है। वह वर्षा जमीन की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखती है। 12. मछली पालन- मछलियाँ बिना जल के जीवित नहीं रह सकती है इसलिए उनके पालन के लिए पानी की आवश्यकता होती है और मछली पालन बहुत से लोगों का रोजगार है। 13. उद्योग-  उद्योगों में भी विभिन्न तरह के क्रियकलापों के लिए जल की आवश्यकता होती 14. यातायात-  जहाजों के द्वारा यातायात और सामान भेजने के लिए पानी का ही उपयोग किया जाता है।

हम अपनी दैनिक दिनचर्या में बहुत से कार्यों के लिए पानी पर निर्भर है और पानी के बिना हमारा जीवन असंभव है। हम सबको पानी का सही तरीके से सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जल है तो कल है। हमें जल का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए और इसे बर्बाद होने से बचाना चाहिए।

हम आशा करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध ) पसंद आएगा।

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जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

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जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी, पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व का कारण, ग्रह का 70% से अधिक हिस्सा है। जल वह जादुई तरल है, जो जानवरों, पौधों, पेड़ों, जीवाणुओं और विषाणुओं को जीवन प्रदान करता है। जल ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी जीवन का समर्थन कर सकती है और अन्य ग्रह नहीं कर सकते।

मानव शरीर का 60% तक पानी से बना है। जबकि ग्रह पर पानी की बहुतायत है, मनुष्य और जानवरों द्वारा हर चीज का सेवन नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पृथ्वी पर केवल 3% पानी ही मीठा पानी है, जो पोर्टेबल और उपभोग करने के लिए सुरक्षित है।

जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi)

  • जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है
  • पृथ्वी की सतह का 70% हिस्सा पानी से बना है जिसमें से केवल 3% मीठा पानी मानव उपभोग के लिए है
  • पानी ग्रह पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है
  • मनुष्य पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि, उद्योगों और कारखानों में करता है
  • मानव शरीर का 60% से अधिक भाग पानी से बना है
  • जानवर पीने और नहाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • पौधे, पेड़ और अन्य विभिन्न जीव अपनी वृद्धि और अस्तित्व के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • यह भविष्यवाणी की जाती है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा यदि मनुष्य ने इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना नहीं सीखा
  • मनुष्य को जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना सीखना होगा क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है
  • सभी देशों की सरकारों को मिलकर नीतियां और कानून बनाने चाहिए जो लोगों को अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद करने से रोकें

जल पर निबंध 100 शब्द (Essay on Water 100 words in Hindi)

पानी पृथ्वी पर हर जीवन रूप की मूलभूत आवश्यकता है। यह पानी ही है जो हमें इस ग्रह पर आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण यौगिक है। जल का उपयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने और साफ-सफाई के लिए पानी की जरूरत होती है। जल के बिना, ग्रह पर जीवन असंभव होगा। जल पृथ्वी पर नदियों, महासागरों, समुद्रों, तालाबों, झीलों, नदियों और हिमनदों के रूप में पाया जाता है। जल की संरचना पूरी पृथ्वी पर एक समान रहती है।

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जल पर निबंध 150 शब्द (Essay on Water 150 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी सभी जीवित रूपों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरल है। यह न केवल हमारी जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है बल्कि हमारे ग्रह के कामकाज के लिए भी आवश्यक है। पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में उपलब्ध है- ठोस, द्रव और गैसीय। सॉलिड-स्टेट में ग्लेशियर, स्नो कैप, आइस शीट और पोलर आइस रिजर्व शामिल हैं। तरल अवस्था में नदियाँ, समुद्र, झीलें, तालाब, नदियाँ, महासागर और गीज़र शामिल हैं। 

गैसीय अवस्था में वायुमंडल में पाए जाने वाले जलवाष्प शामिल हैं। जल चाहे किसी भी अवस्था में क्यों न हो, जल का संघटन सदैव एक समान रहता है। यह एक शक्तिशाली यौगिक है जो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन का पोषण करता है। पौधों को प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्यों को परिसंचरण, पाचन, श्वसन और उत्सर्जन जैसी कई अलग-अलग जीवन प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है, पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। चूँकि यह इतना महत्वपूर्ण यौगिक है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे संरक्षित करें ताकि यह जल्द समाप्त न हो।

जल पर निबंध 200 शब्द (Essay on Water 200 words in Hindi)

पानी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे अपने अस्तित्व के लिए बल्कि हमारे ग्रह के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। सभी फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है, यानी लगभग 3-4 लीटर पानी प्रतिदिन। मानव शरीर को पानी की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अपर्याप्त पानी की खपत के कारण गुर्दे की पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। पानी में चंगा करने की क्षमता है और जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमारा ग्रह ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां जीवन की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पानी और जीवन के लिए अन्य सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मंगल, बुध और शुक्र जैसे ग्रह निर्जन हैं। पानी न होने के कारण वे एक उजाड़ रेगिस्तान के समान हैं। जल जीवन के लिए आवश्यक है, और यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करता है।

जल पर निबंध 250 शब्द (Essay on Water 250 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी एक अनमोल संसाधन है। पानी की कमी मध्य पूर्व और यहां तक ​​कि भारत के कुछ हिस्सों में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। पीने के पानी की किल्लत है। जल प्रदूषण ने पृथ्वी की सतह पर सुलभ पीने के पानी की मात्रा को कम कर दिया है, साथ ही पानी की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचाया है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी प्रभावित करता है।

जल की प्रासंगिकता को वर्तमान जल संकट के संदर्भ में देखा जा सकता है। सूखा उन दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में से एक है जो किसी स्थान पर हो सकती है। क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित होगी। दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश लोगों, जानवरों और यहां तक ​​कि किसानों और निर्माताओं के लिए भी चिंता का विषय है। जल को वरदान माना जाता है, लेकिन यह अभिशाप भी हो सकता है।

इसलिए जल के महत्व को समझना जरूरी है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, जनसंख्या और वनों की कटाई के साथ, ताजा पानी प्रदूषित हो रहा है, और हमारे लिए उपलब्ध मात्रा कम हो रही है। अधिक जनसंख्या के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है। पानी कई रूपों में दुनिया के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। पानी प्रकृति की सुंदरता को भी बिखेरता है।

जल पर निबंध 300 शब्द (Essay on Water 300 words in Hindi)

जल जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है और इसके बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव को अपने शरीर के समुचित कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है बल्कि हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी स्वयं 70% जल से बनी है, तथापि, सारा जल उपभोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें इसके महत्व को समझने और इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है। जैसा कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी को देख सकते हैं, इसलिए समय आ गया है कि हम पानी का संरक्षण करना शुरू कर दें।

पानी के कई उपयोग हैं और यह कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भारत का मुख्य व्यवसाय है। सिंचाई और मवेशियों को पालने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, किसान पानी का अधिक उपयोग करते हैं और काफी हद तक इस पर निर्भर रहते हैं।

दूसरी ओर, उद्योगों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे कुछ वस्तुओं को संसाधित करने, ठंडा करने और निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग करते हैं। इन सबके अतिरिक्त जल का उपयोग घरेलू कार्यों जैसे पीने, कपड़े धोने, साफ-सफाई, बागवानी आदि में भी किया जाता है। इस प्रकार हमें जीवन के कुछ मूलभूत कार्यों को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

पौधों और जानवरों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी जीवन का एक अनिवार्य घटक है जो किसी को जीवित रहने और ठीक से काम करने में मदद करता है। हालाँकि, लोग पानी की कमी से अनभिज्ञ हैं और इस प्रकार इसके परिणामों के बारे में सोचे बिना इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करते रहते हैं।

इसलिए सरकार के साथ एकजुट होने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए उपचारात्मक उपाय करने और बहुत देर होने से पहले इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए एक घंटे की आवश्यकता है। पानी बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और जिनमें से एक वर्षा जल संचयन है- पानी बचाने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने का एक शानदार तरीका।

जल पर निबंध 500 शब्द (Essay on Water 500 words in Hindi)

जल (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर जीवित प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है चाहे वह पौधे हों या जानवर। जिस प्रकार पृथ्वी पर जीवन के समुचित विकास और विकास के लिए हवा, सूर्य का प्रकाश और भोजन, पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे सफाई, कपड़े धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी मुख्य रूप से अपने पांच गुणों के लिए जाना जाता है। यहाँ इन संपत्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

  • सामंजस्य और आसंजन

संसंजन, जिसे अन्य जल अणुओं के लिए जल के आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जल के मुख्य गुणों में से एक है। यह पानी की ध्रुवता है जिसके कारण यह पानी के अन्य अणुओं की ओर आकर्षित होता है। पानी में मौजूद हाइड्रोजन बांड पानी के अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं।

आसंजन मूल रूप से विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच पानी का आकर्षण है। यह पदार्थ किसी भी अणु के साथ बंध जाता है जिसके साथ यह हाइड्रोजन बांड बना सकता है।

  • बर्फ का कम घनत्व

पानी के हाइड्रोजन बंध ठंडे होने पर बर्फ में बदल जाते हैं। हाइड्रोजन बांड स्थिर होते हैं और अपने क्रिस्टल जैसे आकार को बनाए रखते हैं। पानी का ठोस रूप जो बर्फ है तुलनात्मक रूप से कम घना होता है क्योंकि इसके हाइड्रोजन बांड बाहर की ओर होते हैं।

  • पानी की उच्च ध्रुवीयता

पानी में उच्च स्तर की ध्रुवीयता होती है। यह एक ध्रुवीय अणु के रूप में जाना जाता है। यह अन्य ध्रुवीय अणुओं और आयनों की ओर आकर्षित होता है। यह हाइड्रोजन बंध बना सकता है और इस प्रकार एक शक्तिशाली विलायक है।

  • जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा

पानी अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तापमान को मध्यम कर सकता है। जब गर्म होने की बात आती है तो इसमें काफी समय लगता है। गर्मी लागू नहीं होने पर यह लंबे समय तक अपना तापमान बनाए रखता है।

  • पानी की वाष्पीकरण की उच्च ऊष्मा

यह पानी का एक और गुण है जो इसे तापमान को सामान्य करने की क्षमता प्रदान करता है। जैसे ही पानी एक सतह से वाष्पित होता है, यह उसी पर शीतलन प्रभाव छोड़ता है।

पानी की बर्बादी से बचें

हमारे दैनिक जीवन में जिन गतिविधियों में हम शामिल होते हैं उनमें से अधिकांश के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें इसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा आने वाले वर्षों में हमारा ग्रह ताजे पानी से रहित हो जाएगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पानी को संरक्षित किया जा सकता है:

  • पानी की बर्बादी रोकने के लिए टपकते नलों को तुरंत ठीक करें।
  • नहाते समय शावर के प्रयोग से बचें।
  • अपने दांतों को ब्रश करते समय अपना नल बंद रखें। जरूरत पड़ने पर ही इसे चालू करें।
  • आधे कपड़े धोने के बजाय पूरे कपड़े धोएं। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि बिजली की भी काफी बचत होगी।
  • बर्तन धोते समय पानी को बहता हुआ न छोड़ें।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रयोग करें।
  • गटर की सफाई के लिए पानी की नली का उपयोग करने से बचें। आप इसके बजाय झाडू या अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • खाना बनाते और खाते समय सही आकार के बर्तनों और अन्य बर्तनों का उपयोग करें। अपनी आवश्यकता से बड़े का उपयोग करने से बचें।
  • स्प्रिंकलर के बजाय अपने पौधों को हाथ से पानी देने की कोशिश करें।
  • तालों को ढक दें ताकि वाष्पीकरण के कारण पानी की कमी से बचा जा सके।

हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उन गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास और प्रचार करना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए जल संरक्षण और इसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करती हैं।

जल पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पृथ्वी की सतह का कितना भाग जल से बना है .

पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग पानी से बना है जिसमें से केवल 3% पीने योग्य मीठा पानी है

क्या पानी बनाया जा सकता है?

अभी तक, यह संभव नहीं है, लेकिन उचित रासायनिक उपचार के बाद पानी को रिसाइकल और पुन: उपयोग किया जा सकता है

जल के स्रोत क्या हैं?

नदियाँ, झीलें, ग्लेशियर और भूजल तालिका पृथ्वी पर पानी के कुछ स्रोत हैं

विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय कौन सा है?

प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय है। साथ ही, नील नदी दुनिया में ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है।

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जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

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Table of Contents

Hindi Essay and Paragraph Writing – Water Conservation (जल संरक्षण ) for classes 1 to 12

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जल संरक्षण  पर निबंध – इस लेख में हम जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है, जल संरक्षण के क्या लाभ हैं, जल को बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए के बारे में जानेंगे। पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है लेकिन इसका अधिकांश भाग समुद्र में मौजूद है, जो खारा है। इससे हमें ताजे पानी के लिए महासागरों के अलावा अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।  जल की प्रत्येक बूँद हमारे लिए कीमती है। इसे बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में जल संरक्षण पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में जल संरक्षण  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Water Conservation in Hindi

  • जल संरक्षण का अर्थ है – जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं कृषि आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) करना।
  • हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। 
  • पृथ्वी के के सभी जीवित प्राणियों के लिए पानी बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे बचाना और संरक्षित करना अनिवार्य है। 
  • सूखा, कॉन्टेमिनेशन तथा प्रदूषण के कारण हर साल पीने योग्य पानी की कमी होती जा रही है।
  • भारत में कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है।
  • अगर आज हमने जल का संरक्षण नहीं किया तो आने वाली भावी पीढ़ियां स्वच्छ पानी के लिए तरस जायेंगी।
  • बरसात के पानी को जमा करके उसका उपयोग करने से स्वच्छ जल बचाने में मदद मिल सकती है।
  • प्रत्येक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन करके जल संरक्षण कर सकते है, जैसे अनावश्यक पानी का इस्तेमाल कम करके।
  • इसके अलावा, टूटे-फूटे नलों से बहते अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोक कर पीने योग्य पानी बचाया जा सकता है।
  • पानी को दूषित होने से बचाने के लिए कारखानों से निकलने वाले हानिकारक तत्वों को नदियों में मिलने से रोक कर किया जा सकता है।

Short Essay on Water Conservation in Hindi जल संरक्षण  पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

जल संरक्षण पर निबंध – जल जीवन का आधार है। जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमारे धरती पर जल की सीमित उपलब्धता को देखते हुए जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो जाता है।

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए जल को बचाना और उसका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे पानी की माँग भी बढ़ रही है। पीने के लिए, नहाने के लिए,  खाना बनाने के लिए, साफ-सफाई के लिए तथा अन्य कामों के लिए पानी मनुष्य की सबसे प्राथमिक और प्रमुख आवश्यकता बन गई है। इसलिए, जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है। जैसे अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोक कर तथा वर्षा जल को जमा करके और उसके उपयोग के माध्यम से।   Top  

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए पानी बेहद जरूरी है, इसलिए पानी को बचाना और इसे संरक्षित करना अनिवार्य है। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। पीने, नहाने, खाना पकाने, सफाई और अन्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी की आवश्यकता मनुष्य के लिए सर्वोपरि आवश्यकता बन गई है। नतीजतन, जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है। हम घर पर पानी की खपत के बारे में जागरूक होकर पानी की कमी को रोक सकते हैं और इस मूल्यवान संसाधन का संरक्षण कर सकते हैं। इसमें कम देर तक नहाना, ब्रश या शेव करते समय नल बंद रखना और अनावश्यक पानी का उपयोग कम करना शामिल है। इसके अलावा, वर्षा जल को इकट्ठा करना और इस जल को पौधों को पानी देने या स्वच्छता जैसी गतिविधियों के लिए में शामिल करके जल संरक्षण प्रयासों में और योगदान दे सकते है।    Top  

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

जल है तो कल है। यह कथन अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि पानी के बिना पृथ्वी पर किसी का भी जीवित रहना असंभव है। पानी व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसके बिना कई गतिविधियाँ पूरी नहीं की जा सकतीं। यह सब बाते जानते हुए भी व्यक्ति इसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। और यह भी जल धीरे-धीरे घटता जा रहा है या दूषित होता जा रहा है। भारत के कई राज्यों में स्वच्छ जल की कमी है। लोगों को कई मील दूर जाकर अपने लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है। कई स्थानों पर प्रकृति के इस अमूल्य उपहार को खरीद कर प्रयोग किया जाता है। यह सब देखते हुए प्रकृति की इस धरोहर को बचाने और धरती पर जीवन कायम रखने के लिए कई देश जल संरक्षण पर काम भी कर रहे हैं। जीवन जीने के लिए जल और वह भी स्वच्छ जल बहुत ही आवश्यक है। इसलिए हमें जल का दुरुपयोग करने से बचना चाहिये। हमें जितनी आवश्यकता हो उतना ही पानी लेना चाहिए और पानी की एक-एक बूँद को बचाकर जल संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए।    Top  

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीव के जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना जल के जीवन जीना संभव नहीं है। पूरे ब्रह्मांड में एक अपवाद के रूप में पृथ्वी पर जीवन चक्र को जारी रखने में पानी बहुत मदद करता है क्योंकि यह मनुष्यों द्वारा अपनी दैनिक दिनचर्या में उपयोग किया जाने वाला बहुमूल्य संसाधन है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण को प्राथमिकता देना और भावी पीढ़ियों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की गारंटी देना अनिवार्य है। हमारी पृथ्वी का तीन-चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है। फिर भी इतना जल होते हुए भी उनमें से केवल कुछ ही प्रतिशत प्रयोग करने लायक होता है। इस तीन-चौथाई जल का 97 प्रतिशत जल खारा होता है जो मनुष्यों द्वारा प्रयोग करने लायक नहीं है। सिर्फ 3 प्रतिशत जल उपयोग में लाने लायक है। इस 3 प्रतिशत में से 2 प्रतिशत जल तो धरती पर बर्फ और ग्लेशियर के रूप में है और बाकी का बचा हुआ एक प्रतिशत जल ही पीने लायक है। यह भी जल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है या प्रदूषित होता जा रहा है। हमें यह भी मालूम है कि देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो सूखे से ग्रस्त हैं अर्थात जहाँ बारिश कम होती है या होती ही नहीं अथवा जहाँ नदियों का अभाव है और ऐसे स्थानों पर लोग पानी के लिए तरसते हैं। लोगों को कई मील दूर जाकर अपने लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है तथा कई स्थानों पर लोग इसकी कमी के कारण या दूषित जल के प्रयोग के कारण ही मर जाते हैं। जल के बिना तो पेड़ पौधे, पशु-पक्षी सभी प्रभावित होते है। इसलिए, इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रत्येक व्यक्ति को पानी की कीमत को समझना चाहिए और इसे बचाने का हर संभव कोशिश करना चाहिए और साथ में जल का संरक्षण करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता भी फैलाना चाहिए ताकि लोग पानी की एक-एक बूँद को बचाना सीख जाए।   Top  

Jal sanrakshan par Nibandh Hindi Essay 

 जल संरक्षण (water conservation)  par nibandh hindi mein.

जल संरक्षण पर निबंध   – जल मनुष्य की सबसे प्राथमिक और प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है। हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। 

जल एक अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है, अर्थात इसको पुनः किसी भी तरह से बनाया नहीं जा सकता अब आपको यह पता ही चल गया होगा की हमारे पास केवल 1.6% ही जल है और दिन प्रतिदिन साल दर साल यह मात्रा कम ही हो रही है। 

मानव जल का बेहद ही लापरवाह तरीके से प्रयोग करता है वह यह तो जानता है कि पृथ्वी पर पीने योग्य पानी बेहद ही सीमित मात्रा में है लेकिन इसके बावजूद प्रयोग करने से ज्यादा इस पानी को बिना वजह बहा देता है और तो और बरसात के पानी को भी ऐसे ही बहने देता है। 

क्या आपको पता है कि अगर हम बरसात के पानी और प्रयोग करने वाले पानी का संरक्षण करें तो हम जल की इस सीमित मात्रा में वृद्धि कर सकते हैं तथा अपने आगे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं। 

इस जल संरक्षण के निबंध में हम आज की सबसे जटिल समस्याओं में से एक जल संरक्षण के विषय पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को साँझा करेंगे। 

जल संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। अतः आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारियाँ आपके लिए सहायक सिद्ध होगी। 

वर्तमान में भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, इस बात की गवाही निम्नलिखित आंकड़े देते हैं; 

  • दुनिया भर में लगभग 900 मिलियन से 1.1 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित पेयजल नहीं है, और 2.4 बिलियन लोगों के पास बुनियादी स्वच्छता तक पहुंच भी नहीं है।  
  • तेजी से बढ़ती जनसंख्या की तुलना में पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है।  
  • पिछले 70 वर्षों में जहां दुनिया की आबादी तीन गुना हो गई है, वहीं पानी की खपत छह गुना बढ़ गई है।  
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2025 तक दुनिया के 8 अरब लोगों में से 5 अरब लोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहेंगे। 
  • सुरक्षित पेयजल तक पहुंच न होना सभी वैश्विक मौतों में से 80% के लिए जिम्मेदार था।  
  • हेपेटाइटिस ए, पेचिश और गंभीर दस्त सहित जलजनित संक्रमणों से हर साल लगभग 5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है।

इनमें से कई लोग अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी पाने के लिए संघर्ष करेंगे।

जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी है, कृषि में प्रगति हुई है, आधुनिकीकरण विकसित हुआ है और आजीविका में सुधार हुआ है, इसके फलस्वरूप पानी की खपत भी बढ़ रही है।  

इसके अलावा अकाल, दुरुपयोग और प्रदूषण ने आपूर्ति कम कर दी है। झीलों, नदियों और आर्द्रभूमियों से अक्सर पानी निकाला जाता है, जिससे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय क्षति होती है।  

2003 की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, “दुनिया भर में, मेगासिटीज और कृषि की मांग के कारण भूजल की निकासी हो रही है, जबकि उर्वरक अपवाह और प्रदूषण पानी की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं।”

इन आंकड़ों को देखने के बाद अब चलिए जल संरक्षण की परिभाषा, आवश्यकता, प्रमुख विधियां और वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इस दिशा में चलाई जा रही प्रमुख योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।   Top  

जल संरक्षण की परिभाषा (Definition of water conservation)

जल की क्षति को बचाने की प्रक्रियाओं को जल संरक्षण कहते हैं। 

दूसरे शब्दों में – “जल संरक्षण का अर्थ है पानी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना, पानी की बर्बादी को कम करने के लिए पानी के उपयोग को बनाए रखना, निगरानी करना और प्रबंधित करना। जल संरक्षण में ताजे पानी के प्राकृतिक संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने, जलमंडल की सुरक्षा करने और वर्तमान और संभावित मानव मांग को पूरा करने से जुड़ी सभी नीतियां, रणनीतियां और पहल शामिल हैं।”

जल संरक्षण की आवश्यकता

एक वयस्क मनुष्य में पानी की मात्रा 60% होती है।  जैसा कि पृथ्वी पर शेष सभी जीवन के लिए है, पानी हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। जल पृथ्वी पर जीवन के लिए वनस्पति, जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। 

भोजन उत्पादन से लेकर स्वच्छता और अवकाश तक, मनुष्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी पर निर्भर हैं। 

दुनिया की प्रत्येक प्रजाति पानी पर बहुत अधिक निर्भर करती है, और जब यह संसाधन प्रभावित या कम हो जाता है, तो मानव और पशु जीवन दोनों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

कुछ लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि ताज़ा पानी कितना कीमती और सीमित है और इसके संरक्षण से कितनी मदद मिल सकती है।  

यदि हम संरक्षण प्रयासों को अपनाते हैं तो हमारे शहर में उपयोग के लिए पर्याप्त पानी होगा।

जल संरक्षण की आवश्यकता को हम निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं:

  • सूखा और पानी की कमी कम हो गई है, बढ़ते खर्च और नागरिक अशांति कम हो गई है, हमारा पर्यावरण सुरक्षित है, और मनोरंजक गतिविधियों के लिए पानी उपलब्ध है।
  • जल संरक्षण से ऊर्जा की बचत होती है। जल निस्पंदन, हीटिंग और पंपिंग के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए पानी की खपत कम करने से आपका कार्बन उत्सर्जन भी कम हो जाता है।
  • कम पानी का उपयोग करते हुए, हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा कर सकते हैं और मछली, बगुले, ऊदबिलाव और अन्य प्रजातियों के लिए आर्द्रभूमि आवास बनाए रख सकते हैं।  शुष्क मौसम के दौरान यह अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है।
  • जल संरक्षण से आप पैसे बचा सकते हैं। यदि आपके पास पानी का मीटर है, तो आप जितना कम पानी का उपयोग करेंगे, आपकी जल कंपनी आपसे उतना ही कम शुल्क लेगी।
  • जल संरक्षण न केवल घरेलू ऊर्जा बिल बचाता है बल्कि पड़ोसी तालाबों, नालों और जलमार्गों में जल प्रदूषण की संभावना भी कम करता है।
  • जल प्रबंधन जल प्रसंस्करण और वितरण के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम करता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम होता है। 
  • जब सार्वजनिक सीवेज प्रणालियाँ चरमरा जाती हैं तो अनुपचारित अपशिष्ट जल भी नदियों और जलाशयों में रिस सकता है।
  • जल संरक्षण मिट्टी की नमी को कम करके और रिसाव से संबंधित विषाक्तता को कम करके हमारे सीवर टैंक के जीवनकाल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

जल संरक्षण के उद्देश्य (Aim of water conservation)

जल संरक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं; 

  • यह सुनिश्चित करके भावी पीढ़ियों के लिए पानी को संरक्षित करना कि किसी पारिस्थितिकी तंत्र से मीठे पानी का निष्कासन उसकी प्राकृतिक प्रतिस्थापन दर से अधिक न हो।
  • ऊर्जा संरक्षण और उपयोग, क्योंकि जल पंपिंग, प्रसार और अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग सभी के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 
  • जल प्रबंधन में दुनिया भर के विभिन्न देशों में कुल बिजली उपयोग का 15% से अधिक शामिल है।
  • पर्यावास संरक्षण, जिसमें मानव जल के उपयोग को कम करना, न केवल स्थानीय प्रजातियों और प्रवासी जलपक्षियों के लिए मीठे पानी के आवासों के संरक्षण में सहायता करता है, बल्कि पानी की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।

जल संरक्षण की विधियां

लोगों के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाना एक महत्वपूर्ण तरीका है। 

जल संरक्षण के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

1) घर पर जल संरक्षण की विधियां

घर पर ही आप निम्नलिखित तरीके से जल को संरक्षित कर सकते हैं। 

  • जब वॉशर में कपड़े बहुत सारे हों तो ही उनको धोएं।
  • पानी की बचत करने वाले शॉवरहेड्स, शॉवर टाइमर और कम से कम नल का इस्तेमाल करें।
  • कम या दोहरे फ्लश का उपयोग करें।
  • अपने टूथब्रश का उपयोग करते समय पानी बंद कर दें, अपने रेजर को सिंक में धो लें।
  • हाथ से बर्तन धोते समय बर्तन साफ करते समय पानी को बहने न दें।
  • जहां भी संभव हो, पानी का पुनर्चक्रण करें और  इसका उपयोग कम करें।
  • पेड़ों और पौधों पर गीली घास के एक टुकड़े का प्रयोग करें। 
  • स्प्रिंकलर सावधानी से लगाएं।
  • हाइड्रोलॉजिकल मीटर का प्रयोग करें.
  • कुशल जल प्रणाली का प्रयोग करें।
  • अपनी कार की सफाई करते समय पानी को बिना वजह न बहने दे। 
  • ड्राइववे और फुटपाथ धोने के लिए झाड़ू का उपयोग करें, न कि पानी की नली का।
  • वाष्पीकरण को कम करने के लिए स्विमिंग पूल को ढकें।
  • खरपतवारों को न बढने दे। 

2) खेत में जल संरक्षण

किसान लोग खेत में जल संरक्षण निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं। 

(i) वर्षा जल संचयन: किसान अतिरिक्त वर्षा को बाद में उपयोग के लिए बचा सकते हैं। भूजल को भारी गिरावट से बचाने के लिए, किसान पूरे उत्पादन के दौरान पानी की पर्याप्तता बनाए रखते हुए प्रभावी ढंग से भूजल स्तर की भरपाई कर सकते हैं।  

इस तकनीक का उपयोग देश के उन क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की मदद के लिए किया जाता है जो सूखे के प्रति संवेदनशील हैं और जहां प्रचुर वर्षा होती है।

ii) जैविक खेती: कम उर्वरकों के उपयोग के विपरीत, जैविक खेती से उपज बढ़ती है। अधिक लोगों द्वारा जैविक कृषि पद्धतियों को अपनाने और कम पेट्रोकेमिकल उर्वरक का उपयोग करने के परिणामस्वरूप यूट्रोफिकेशन-संबंधी प्रक्रियाएं भी कम हो रही हैं। 

इसके अतिरिक्त, जलीय पर्यावरण की सुरक्षा से कृषि विस्तार की स्थिरता में सुधार होता है। 

(iii) कवर फसलें: कवर फसलें, जो जमीन की रक्षा के लिए बोई गई हैं जो अन्यथा उजागर हो जाती हैं, मिट्टी की गुणवत्ता और कार्बनिक यौगिकों को बढ़ाती हैं और कटाव और तनाव को कम करती हैं।  

यह पानी को बनाए रखने की मिट्टी की क्षमता को बढ़ाता है और मिट्टी में पानी के प्रवेश की प्रक्रिया को सरल बनाता है।

(iv) टपक सिंचाई विधि: सामान्य सिंचाई पद्धतियाँ टपक सिंचाई सुविधाओं की तुलना में अधिक अपव्यय का कारण बनती हैं जब वे सीधे पौधे के आधार पर पानी वितरित करती हैं।  

दिन के अधिक आरामदायक अंतराल (सुबह और शाम) के दौरान जब पानी का वाष्पीकरण कम होता है, तब सिंचाई करने से भी पानी की हानि को कम किया जा सकता है।

(v) खेत का समतलीकरण: ज्यादातर किसान जिन क्षेत्रों या बगीचों में आप खेती कर रहे हैं वे समतल नहीं होते हैं, कोई भी पानी जो मिट्टी में नहीं समाता वह जल्दी ही बह जाता है और अपशिष्ट जल के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसलिए फसल बोने से पहले जमीन को ठीक से समतल करने के लिए लेजर और अन्य उपकरणों का उपयोग करें, खेत का समतलीकरण करने से अतिप्रवाह की समस्या को कम करता है या शायद खत्म भी कर देता है, अपशिष्ट बर्बादी को कम करता है और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।   Top  

जल संरक्षण नहीं करने के परिणाम

  • मीठे पानी की कमी क्षेत्रीय के अलावा एक वैश्विक मुद्दा भी है। विश्व के कुछ क्षेत्रों में वर्षा दर में गिरावट के लिए ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव जिम्मेदार हो सकते हैं।  
  • खतरनाक अपशिष्टों, रासायनिक रिसाव, अनुपचारित अपशिष्टों के निर्वहन, अपर्याप्त सिंचाई सुविधाओं, निपटान और रिसाव आदि जैसे कारणों से प्रदूषण के प्रकाश में, स्वस्थ मीठे पानी के संसाधन गंभीर रूप से सीमित हैं और हर साल कम हो रहे हैं।  
  • इन सबके परिणामस्वरूप ग्रहीय पर्यावरण नष्ट हो रहा है।  दुनिया भर में कई जगहों पर साल के लगभग हर दिन बारिश होती है। 
  • इसके बावजूद, विभिन्न कारकों, जैसे निपटान, संरक्षण, वाष्पीकरण, स्वच्छता आदि के कारण गंभीर चुनौतियाँ अभी भी हैं। 
  • विभिन्न प्रक्रियाओं से होने वाली भारी जल हानि में वर्षा की मात्रा एक स्वीकृत कारक है। 
  • अधिकांश व्यक्ति अभी भी पानी का उपयोग गैर-जिम्मेदाराना ढंग से करते हैं और जल संरक्षण की आवश्यकता से अनभिज्ञ हैं। यह एक भयानक सच्चाई है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।  
  • घरों और व्यवसायों को पानी उपलब्ध कराने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का खर्च तेजी से अस्थिर होता जा रहा है।  दुनिया में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां अत्यधिक शुष्कता है और पानी की कमी वांछनीय से कम है। 
  • परिणामस्वरूप, क्षेत्र शुष्क भूभाग या टीले बन जाते हैं क्योंकि उथले भूजल तालिकाओं को पर्याप्त रूप से पुनः नहीं भरा जाता है। 
  • यदि बेहतर सिंचाई विधियों का उपयोग नहीं किया जाता है, तो संभावित वाष्पीकरण-उत्सर्जन, वास्तव में, प्रकृति द्वारा उत्पादित वर्षा से अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • इस प्रकार इसके कारण मिट्टी शुष्क हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप शुष्क भूभाग बन जाता है। यदि स्वच्छ जल के संरक्षण के लिए प्रभावी हस्तक्षेपों को कुशलतापूर्वक व्यवहार में लाया जाए तो ही पर्यावरण और इसके निवासी जीवित रहने में सक्षम होंगे।
  • जल पुनर्चक्रण खाद्य आपूर्ति का समर्थन करने के लिए आवश्यक जलमार्गों को संरक्षित करने में योगदान देगा।  उचित मात्रा में वर्षा न होने से फसलें विकसित नहीं हो पातीं। 
  • इस प्रकार, यदि भूजल कम हो जाता है, तो भोजन की लागत बढ़ जाएगी और कई और लोगों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ेगा। घर और कार्यस्थल पर जल संरक्षण खाद्य फसलों को बढ़ाने के महत्वपूर्ण कर्तव्य के लिए और अधिक मुक्त कर देगा। 
  • पानी की कमी के कारण वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है। मीठे पानी की कमी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण, दुनिया के आधे से अधिक सबसे बड़े दलदल या तो सूख गए हैं या तबाह हो गए हैं। 
  • दलदलों में कई अलग-अलग प्रकार के जीवित जीव देखे जा सकते हैं। वे आम तौर पर समुद्री और पक्षी प्रजनक के रूप में काम करते हैं, इसलिए उनके विलुप्त होने से कई जानवरों और पोषक चक्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
  • जब वाणिज्यिक, कृषि और घरेलू उद्देश्यों के लिए ताजा पानी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होता है, तो इससे एक सफल अर्थव्यवस्था को संचालित करना कठिन हो जाता है।  
  • मीठे पानी की आपूर्ति की कमी से उन वस्तुओं के निर्माण में बाधा आ सकती है जिनमें ऑटोमोबाइल, ब्रेड और कपड़ा सहित बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

जल संरक्षण हेतु भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं

संविधान के अनुसार जल राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है इसीलिए प्रत्येक राज्य अपने अधिकार क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के नियम और योजनाएं लागू कर सकती हैं लेकिन केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाओं में राज्यों को वित्तीय सहायता प्रधान करती है इसके अलावा केंद्र सरकार भी कुछ योजनाएं शुरू की है जो प्रत्येक राज्य में लागू होता है। 

जल संरक्षण हेतु भारत सरकार निम्नलिखित योजनाएं चला रही है। 

जल जीवन मिशन

जल जीवन मिशन के अंतर्गत भारत सरकार प्रत्येक राज्य के साथ हिस्सेदारी करके 2024 तक भारत के प्रत्येक घर में नल और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहती है। 

भारत सरकार ने इस योजना की शुरूआत 1 अक्टूबर 2021 को की थी, इसका उद्देश भारत के समस्त शहरों में जल की सार्वभौमिक उपस्थिति सुनिश्चित करना है। 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी इसका उद्देश्य कृषि कार्य में जल का बुद्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करना है। बाद में 2016 में इसके तहत बड़ी तथा माध्यम 90 सिंचाई परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया। 

सही फसल अभियान

सही फसल अभियान की शुरुआत शुष्क क्षेत्रों में ऐसी फसलो के उपयोग हेतु हुई थी जिसमें बहुत ही कम जल का उपयोग होता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि ये फसलें आर्थिक रूप से लाभकारी तथा पर्यावरण के अनुकूल हो। 

अमृत सरोवर अभियान की शुरुआत 22 अप्रैल 2022 को आजादी के 75 में वर्ष पर आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में की गई थी इसका उद्देश्य देश के समस्त जलाशयों और जलकुंड का कायाकल्प करना है जिससे भविष्य के लिए जल का संरक्षण किया जा सके। 

कैच द रैन योजना

कैच द रैन योजना की शुरुआत 22 मार्च 2021 में हुई थी इसका उद्देश्य वर्षा जल का संरक्षण करना वनों का सघनीकरण, देश के सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना करना और वर्षा जल का संचयन करना है। 

अटल भूजल योजना

अटल भूजल योजना के तहत देश में चिन्हित सभी 7 क्षेत्र जहां जल की अत्यंत कमी थी और भूजल का प्रबंधन करना अति आवश्यक था, ऐसे सभी क्षेत्रों में भूजल का प्रबंध करने के लिए सामुदायिक सहयोग पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत जल स्रोतों का विकास और प्रबंधन किया जा रहा है। 

नमामि गंगे योजना

इस योजना उद्देश्य गंगा तथा उसकी सहायक नदियों को साफ तथा स्वच्छ रखना है। इससे जल का प्रदूषण कम होगा और जल की उपयोगिता बढ़ेगी।    Top  

जल हमारी प्राकृतिक आवश्यकता है तथा जल का कोई अन्य विकल्प नहीं है और यह बेहद ही सीमित मात्रा में उपस्थित है इसलिए इसका जितना ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी संरक्षण किया जाएगा आगे आने वाली पीढ़ी उतनी ही ज्यादा सुखी और सुरक्षित रहेगी। 

ग्रामीण क्षेत्रों में जल का बिना वजह ही खेतों में दुरुपयोग किया जाता है जबकि शहरी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के उद्योगों घरेलू कामो में जल का बेहद ही ज्यादा मात्रा में दुरुपयोग किया जाता है। 

जल को संरक्षित करना बेहद ही आसान है आपको बस अतिरिक्त जल के बहाव को रोकना है, बुद्धिमत्ता पूर्वक जल का इस्तेमाल करना है, स्थिर जल को साफ रखना है तथा वर्षा के पानी का संचयन करना है।   Top  

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जल संरक्षण पर निबंध – Essay on water conservation in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध (Water conservation essay in Hindi): जब हमें पानी के महत्व का पता चलेगा, तब हम पानी का संरक्षण कर सकते हैं. दिन ब दिन जल का उपयोग बढ़ रहा है. बहुत सारे जगह में जल का उपयोग जरूरत से ज्यादा किया जाता है. जिससे जल नष्ट होता है. और यह नष्ट होते हुए जल को संरक्षण में बदलना जरूरी है. जिससे आने वाली पीढ़ी को फायदा पहुंचेगा. तो चलिए जल संरक्षण पर निबंध (Essay on water conservation in Hindi) की ओर बढ़ते हैं.  

मानव प्रकृति से विभिन्न उत्पाद दान के रूप में लाभ किया है. हवा, मिट्टी, जंगल, जानवर, खनिज आदि मनुष्य को अपने दैनिक जीवन में मदद करते हैं. ये सब संपत्ति हैं. इसी तरह जल विभिन्न कार्यों में मदद करता है. इसके बिना जीवन को आगे बढ़ाना असंभव है. इसलिए जल का दूसरा नाम ‘ जीवन ‘ है. जल मनुष्य के लिए एक अनमोल धन है.

यह अमूल्य प्राकृतिक संसाधन बहुत काम में निवेशित होता है. सुबह बिस्तर से उठने से लेकर रात को बिस्तर पर जाने तक पानी की जरूरत होती है. भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े और बर्तन साफ करने में जल आवश्यक है. अच्छे पेयजल की कमी से स्वास्थ्य खराब हो सकता है. कृषि के लिए सिंचाई की जरूरत है. यह कारखानों और नावों के लिए आवश्यक है. बिजली पैदा करने के लिए जल जरूरी है. आवास, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है. व्यापारी जहाजों और नौसेना के जहाजों के लिए पानी महत्वपूर्ण है.

jal sanrakshan par nibandh

हम पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते. आवश्यकता या मजबूर होने पर एक व्यक्ति भोजन के बिना कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है; लेकिन वह पानी के बिना एक हफ्ते भी नहीं रह सकता.

सबसे पहले, पृथ्वी पर जीवन पानी द्वारा प्रेषित किया गया था. धीरे-धीरे विभिन्न पौधे और जानवर सृष्टि हुए. मानव ने पहले जल स्रोतों के पास अपना घर बनाया था. दुनिया के सबसे पुराने शहर सिंधु नदी, नील नदी, टाइग्रिस, यूफ्रेट्स और होयांग हो तट में थे.

जल का अवस्थिति

ये तो सब जानते है की, पृथ्वी की सतह का लगभग तीन-चौथाई भाग पानी से ढका है. यदि दुनिया का सारा पानी भारत के ऊपर रखा दिया जाता, तो जल स्तर की ऊंचाई 425 किलोमीटर होता. यह एवरेस्ट की ऊंचाई का लगभग 50 गुना है. यह सब पानी हमारे काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा पा रहा है. पुरे विश्व में जितना पानी है उनमें से सागरों और महासागरों में लगभग 97 प्रतिशत पानी होता है. कुछ पर्वत चोटियों और अंटार्कटिका जैसे ठंडे स्थानों में, लगभग 2 प्रतिशत पानी बर्फ के रूप में है. लगभग सौ प्रतिशत पानी नदियों और झीलों में, वायुमंडल में कणों के रूप में और भूमिगत जलाशयों में होता है.

भूजल संसाधनों को कुओं, नलकूपों और कुओं की मदद से लाया जाता है और विभिन्न गतिविधियों में निवेश किया जाता है. जब कम बारिश होती है, तो भूजल विशेष रूप से हमारे लिए सहायक होता है. जिन क्षेत्रों में नदियाँ या झीलें नहीं हैं, वहाँ पर भूजल पर निर्भर रहना पड़ता है. कम दृश्यता और शुष्क क्षेत्रों में, लोग भूजल का उपयोग करते हैं. भूजल का बेहतर उपयोग करने के लिए भारत में केंद्रीय भूजल बोर्ड की स्थापना की गई है.

देश में विभिन्न योजनाएं

भारत कृषि प्रधान देश है. कृषि सिंचाई पर निर्भर करती है. इसके लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई है. इनमें बड़े पैमाने पर सिंचाई योजनाएँ, मध्यम पैमाने की सिंचाई योजनाएँ और लघु-सिंचाई योजनाएँ शामिल हैं. सिंचाई नहरों, कुओं और तालाबों द्वारा की जाती है. नदी जल के समुचित निवेश को सुनिश्चित करने के लिए भारत में कुछ बहुमुखी नदी घाटी योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं. बाढ़ नियंत्रण, बिजली उत्पादन, मत्स्य पालन, जल आपूर्ति, सिंचाई और नौका विहारआसान हो रहे हैं.

हमारे देश की वक्रा-नांगल योजना, हीराकुंड बांध योजना, तुंगभद्रा योजना, नागार्जुन सागर योजना, राजस्थान नहर योजना, कोशी योजना, दामोदर उपाध्याय योजना और अन्य प्रमुख बहुआयामी योजनाएं लोगों को लाभ पहुंचा रही हैं.

जल चक्र            

समुद्री जल से नमक बनाया जाता है. नमक को अलग करना और इसे पीने के पानी में बदलना महंगा है. समुद्र का पानी वाष्पित आकार में आकाश में जाकर बादल सृष्टि करता है. बादल बारिश हो कर धरती पर बरसते हैं. वर्षा का पानी मिट्टी में प्रवेश करता है और भूमिगत रूप से संग्रहीत हो कर रहता है. कुछ पानी नदियों में बह जाता है और वापस समुद्र में चला जाता है. मानव उपयोग के बाद कुछ पानी वाष्पित हो जाता है. इस तरह जल का चक्र चलता है.

गर्मियों में देश के कुछ हिस्सों में जल का अभाव दिखाई देता है. पीने के पानी की भारी कमी होती है. कुछ जगहों पर लोग दूषित पानी पीने को मजबूर होते हैं. नतीजतन, वे बीमार हो जाते हैं. इसलिए जल संसाधनों के संरक्षण के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए. जल प्रदूषण नियंत्रण कानून के तहत हमारे देश की नदी के पानी की गुणवत्ता की रक्षा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. गंगा का पानी कई कारणों से प्रदूषित है. भारत सरकार इस नदी को जल प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कदम उठा रही है. सब कुछ अकेले कानून से नहीं हो सकता. इसके लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है. जल संसाधन दिवस के उत्सव के माध्यम से पानी के संरक्षण और नियंत्रण के लिए व्यापक प्रचार वांछनीय है. इंसानों और जानवरों के शवों को नदी में बहा देने से पानी दूषित होता है. इन सबका विरोध करना हमारा कर्तव्य है. अगर हम पानी का ध्यान रखेंगे तो पानी हमारी देखभाल करेगा. भविष्य में उपयोग के लिए घर की छत पर या अन्य जगहों पर बारिश के मौसम में के पानी का भंडारण करके किया जा सकता है. भूजल स्तर गिर रहा है. चिंता है कि इस जल संकट से भविष्य में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. इसलिए पानी बर्बाद न करने में ही समझदारी है.

जल मानव जीवन को बचाता है और सामाजिक और आर्थिक जीवन को समृद्ध करता है. जल पथ पर शिपिंग होता है. मूल्यवान मोती समुद्र से एकत्र किए जाते हैं और मछलियों पकड़ा जाता है. इसे पानी से बिजली पैदा करके मानव दैनिक गतिविधियों में निवेश किया जा रहा है. आधुनिक मनुष्यों के लिए बिजली के बिना चलना मुश्किल है. यदि मेरु क्षेत्र की चोटियों पर बर्फ और ऊंचे पहाड़ों की चोटी पर बर्फ को पिघलाया जा सकता है और मानव सेवाओं के लिए उपयोग किया जाता है, तो दुनिया की पानी की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी.

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तो ये था जल संरक्षण पर निबंध (Essay on water conservation in Hindi) . आशा है कि आप इस लेख को अच्छी तरह से समझ गए होंगे. अगर आपको जल संरक्षण के बारे में और कुछ पता है, तो कमेंट करके जरूर बताएं. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.

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वर्षा जल संरक्षण पर निबंध

water conservation short essay in hindi

By विकास सिंह

water conservation short essay in hindi

वर्षा जल संचयन सतही जल अपवाह को रोकने के लिए प्राकृतिक जलाशयों या कृत्रिम जलाशयों में वर्षा जल का संग्रहण और भंडारण शामिल है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (100 शब्द)

वर्षा जल संचयन एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग भविष्य के उपयोग के उद्देश्य (जैसे खेती, आदि) के लिए विभिन्न संसाधनों में विभिन्न साधनों का उपयोग करके वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए किया जाता है। वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या कृत्रिम टैंकों में एकत्र किया जा सकता है।

सतह के अतिप्रवाह से खो जाने से पहले संग्रह की एक अन्य विधि उपसतह एक्वीफर्स में सतह के पानी की घुसपैठ है। छत की कटाई भी वर्षा जल को इकट्ठा करने की एक विधि है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए इसका बड़ा महत्व है। वे नियमित पानी की आपूर्ति की कमी में भी एकत्रित वर्षा जल का उपयोग करके मौसमी फसल कटाई जारी रख सकते हैं। जब भी बारिश होती है, बारिश का पानी मानव निर्मित तालाबों या टैंकों में एकत्रित हो जाता है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (150 शब्द)

वर्षा जल संचयन मानव निर्मित संसाधनों या तालाब, झील आदि किसी भी प्राकृतिक संसाधन में वर्षा जल का संग्रहण उसी स्थान पर होता है जहाँ वह छतों या जमीन से गिरता है। वर्षा जल संचयन की दो मुख्य तकनीकें भविष्य में उपयोग और जमीन में पुनर्भरण के लिए भंडारण हैं। इसका उपयोग फसल की कटाई, बागवानी, शौचालय इत्यादि के लिए किया जा सकता है, व्यक्तिगत या शहर-स्तर पर वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह विशेष रूप से संस्थानों को पानी की आपूर्ति के बिल को कम करने में मदद करता है।
  • जमीन पर रिचार्ज किया गया पानी, फ्लोराइड, नाइट्रेट और इसकी लवणता को कमजोर करके भूजल की गुणवत्ता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
  • इसमें लगभग तटस्थ पीएच और शून्य कठोरता शामिल है जो इसे घरों, उद्योगों, संस्थानों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में उपयोग करने में अधिक सक्षम बनाता है।
  • यह सार्वजनिक जल आपूर्ति स्रोतों के तनाव को कम कर सकता है।
  • जमीन पर वर्षा जल का पुनर्भरण तटीय क्षेत्रों में समुद्र के पानी के विसर्जन को रोकता है।
  • यह शहरी बाढ़ को नियंत्रित करने में मदद करता है अगर लोग छतों से वर्षा जल संचयन करते हैं।
  • यह नगरपालिका के लोगों की पानी की मांग को कम कर देता है और इस तरह से शहर में पानी के वितरण में भी ऊर्जा की खपत कम हो जाती है।

वर्षा जल संचयन पर निबंध (200 शब्द)

वर्षा जल संचयन का अर्थ है वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या मानव निर्मित टैंकों में एकत्रित करना। यह भविष्य में विभिन्न उद्देश्यों के लिए वर्षा जल को इकट्ठा करने और संग्रहीत करने की तकनीक है। वर्षा जल संचयन का सबसे आम और आसान तरीका छत की कटाई है।

इस तकनीक का उपयोग करके हम बरसात के मौसम में बहुत से स्वच्छ वर्षा जल एकत्र कर सकते हैं। इसे घरेलू प्रयोजनों जैसे बागवानी, पशुधन और सिंचाई आदि के लिए लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है, वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • यह जल आपूर्ति भार और नगरपालिका के बिजली के बिलों को कम करने में मदद करता है, ग्रामीण इलाकों में मुफ्त
  • पानी की आपूर्ति, फसल उत्पादन में सुधार करता है और इस तरह खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में घरों या व्यक्तियों की असुरक्षा को कम करने में मदद करती है।
  • यह जल क्षेत्रों की कमी में आसान और कम लागत वाली जल आपूर्ति प्रदान करता है जिससे खाद्य सुरक्षा और आय सृजन में मदद मिलती है।
  • तमिलनाडु भारत के राज्यों में से एक है और अब यह पहला भारतीय राज्य है जहाँ वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया है।
  • तमिलनाडु राज्य सरकार ने चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर लगभग 50,000 वर्षा जल संचयन संरचनाओं को स्थापित करने के लिए 30 मई 2014 को घोषित किया है। अब तक, तमिलनाडु के लगभग 4,000 मंदिरों में बारिश के पानी के टैंक हैं जो मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठानों में सेवा करते हैं और भूजल को रिचार्ज करने में मदद करते हैं।

वर्षा जल संग्रहण पर निबंध (250 शब्द)

बारिश के पानी की हर बूंद धरती पर लोगों के लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह है। ताजा वर्षा जल मोती की तरह जमीन पर गिरता है, इसलिए सभी को विशेष रूप से विकासशील क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक जल संसाधनों की कमी के कारण वर्षा जल के महत्व को समझना चाहिए।

हमें छतों के माध्यम से और सड़कों पर चलने वाले पानी को बर्बाद किए बिना बारिश का पानी इकट्ठा करने की कोशिश करनी चाहिए। हमें सभी क्षेत्रों में आसान पानी की आपूर्ति करने के लिए नई और प्रभावी तकनीकों का उपयोग करके अपनी पुरानी पारंपरिक कटाई प्रथाओं को लाना चाहिए। केवल हैंडपंप, कुओं और भूजल स्तर के अन्य संसाधनों के कारण सैकड़ों हजारों लोगों की पीने योग्य पानी की जरूरत पूरी नहीं हो सकती।

पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए कई वर्षों तक वर्षा जल संचयन सबसे टिकाऊ और प्रभावी तरीका है। वर्षा जल संचयन बहुत कम लागत पद्धति के साथ-साथ बहुत सारे लाभ देने में सक्षम हैं। यह घरेलू कार्यों, क्षेत्र सिंचाई, पशुधन, कृषि और पशुपालन जैसे विभिन्न उद्देश्यों में मदद करता है।

यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भूजल स्तर को फिर से जीवंत करने में मदद करता है। वर्षा जल संचयन विधियों को खाइयों, एनीकट, खोदा कुओं, समोच्च, आदि की वर्षा जल संचयन विधियों द्वारा बदला जा सकता है, जबकि अन्य वर्षा जल संचयन विधियाँ जैसे भूमिगत जल टैंक, तालाब आदि, कम से कम चार से छह महीने के लिए भूजल के उपयोग को कम करने में मदद करते हैं।

यह भारत और अन्य देशों के पहाड़ी क्षेत्रों और रेगिस्तानी क्षेत्रों में बहुत प्रभावी है। बड़े और स्वच्छ जल निकाय बनाकर बरसात के मौसम में अधिक और स्वच्छ वर्षा जल एकत्र किया जा सकता है।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (300 शब्द)

अब-दिनों में, लोगों को उनकी हर जरूरत के लिए पानी की आपूर्ति के लिए पानी की आपूर्ति की सरकारी प्रणाली पर निर्भर किया गया है। शहरों में जल प्रबंधन और वितरण के वर्तमान परिदृश्य को सरकार द्वारा केंद्रीकृत किया गया है जिसने जल प्रबंधन में सामुदायिक जिम्मेदारी का एक बड़ा अंतर लाया है। यह धीरे-धीरे लेकिन नियमित रूप से पुराने पारंपरिक जल संचयन प्रणाली को समाप्त कर चुका है।

भविष्य के उपयोग के उद्देश्य के लिए वर्षा के मौसम में वर्षा जल संग्रहण के लिए वर्षा जल संग्रहण फिर से एक नई लेकिन पुरानी और प्रभावी तकनीक है। पानी की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए भारत के विभिन्न स्थानों में इसका अक्सर उपयोग किया जा रहा है।

वर्षा जल संचयन प्राकृतिक तरीके से भूजल पुनर्भरण का अच्छा स्रोत है। हालांकि, तेजी से हो रहे शहरीकरण और बड़े स्तर पर शहरों के विकास के साथ-साथ बारिश के पानी की मात्रा में कमी के कारण भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन कम होता जा रहा है।

वर्षा जल संचयन भूजल के उपयोग को कम करने के साथ-साथ भविष्य में अपने स्तर को हमेशा बनाए रखने का तरीका है। भारत और अन्य देशों के सूखे क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी की मांग को पूरा करने के लिए इसका अधिक महत्व है। वर्षा जल की कटाई करने के तथ्य को साबित करने वाले निम्न बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:

  • यह भूजल की गिरावट को रोकने और भूजल तालिका में सुधार करने में महान भूमिका निभाता है।
  • यह एक्वीफर्स में पानी की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
  • यह मानसून के दौरान अधिक पानी के संरक्षण और सतही जल अपवाह को रोकना है।
  • यह मृदा अपरदन को कम करने में मदद करता है।
  • यह लोगों में जल संरक्षण की पुरानी परंपरा को लाना है।
  • सतह अपवाह कटाई और छत के ऊपर वर्षा जल संचयन जैसे निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करके वर्षा जल को बेहतर तरीके से काटा जा सकता है। दो
  • नों बहुत प्रभावी तरीके भूजल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं और आसान और लागत प्रभावी तरीके से पानी की आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

वर्षा जल संरक्षण पर निबंध (400 शब्द)

वर्षा जल संचयन प्राकृतिक संसाधनों या कृत्रिम रूप से डिज़ाइन किए गए संसाधनों में वर्षा जल का संग्रहण और भंडारण है, ताकि जल अपवाह को रोका जा सके और भविष्य में पानी की कमी को पूरा किया जा सके। जल संचयन की मात्रा वर्षा की आवृत्ति, वर्षा की मात्रा, वर्षा जल एकत्र करने के तरीके और जल को एकत्रित करने के संसाधनों के आकार जैसे कारकों से प्रभावित होती है।

वनों की कटाई और पारिस्थितिक असंतुलन जैसे विभिन्न कारणों से भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का स्तर लगातार बढ़ने से विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की मांग बढ़ जाती है। यह भूजल के अति प्रयोग और इस प्रकार निम्न स्तर पर जा रहा है।

भविष्य में पानी की कमी के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा दिया गया है और कुछ प्रभावी समाधानों का पालन नहीं करने पर जीवन के लिए खतरा हो सकता है। जल संचयन बहुत मददगार है और भूजल स्तर को रिचार्ज करने जैसी विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है, पानी की आपूर्ति में बिजली के बिल को कम करता है और आवश्यकतानुसार कभी भी पानी की आपूर्ति प्रदान करता है।

यह अनुमान है कि जल स्तर में 1 मीटर वृद्धि से लगभग 0.4 किलोवाट बिजली की बचत होती है।

वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है:

सभी क्षेत्रों में लोगों द्वारा वर्षा जल संचयन बहुत आवश्यक है। भविष्य में पानी की कमी के डर को कम करना अच्छा है। निम्नलिखित बिंदु इस तथ्य को साबित करते हैं कि वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है:

  • सतही जल विभिन्न प्रयोजनों के लिए पानी की मांग को पूरा नहीं कर सकता है।
  • हर कोई अपनी हर जरूरत के लिए भूजल पर निर्भर है।
  • वनों की कटाई, तेजी से शहरीकरण, उप-मिट्टी के लिए वर्षा जल घुसपैठ, आदि कारणों से भूजल के स्तर में लगातार कमी हो रही है।
  • वर्षा जल संरक्षण प्राकृतिक जल संसाधनों में पानी के स्तर को बनाए रखता है।
  • यह सड़कों पर पानी भरने की संभावना को कम करता है, मिट्टी के कटाव के जोखिम को कम करता है और पानी की गुणवत्ता में सुधार करता है।

वर्षा जल संचयन की मुख्य तकनीकें निम्नलिखित हैं:

  • भविष्य में उपयोग के लिए सतह पर वर्षा जल एकत्र करना।
  • भूजल का पुनर्भरण।
  • हालांकि, भूजल रिचार्जिंग तकनीक फसल कटाई की एक नई अवधारणा है। यह खोदा कुओं, गड्ढों, खाइयों, हैंडपंपों, रिचार्ज कुओं, रिचार्ज शाफ्टों का उपयोग करके किया जा सकता है, बोरवेलों के साथ पार्श्व शाफ्टों को रिचार्ज करना, फैलाने की तकनीक (धारा, नाला, आदि के लिए पानी के प्रसार का मतलब है)।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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जल का महत्व पर निबंध (Importance of Water Essay in Hindi)

हमारे शरीर का संघटन सत्तर प्रतिशत जल से बना है। केवल हमारा शरीर ही नहीं, अपितु हमारी पृथ्वी भी दो-तिहाई जल से आच्छादित है। जल, वायु और भोजन हमारे जीवन रुपी इंजन के इंधन है। एक के भी न रहने पर जीवन संकट में पड़ सकता है। “जल ही जीवन है” यूं ही नहीं कहा जाता है।

जल के महत्व पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Water in Hindi, Jal ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द) – पानी का महत्व.

जल से ही जीवन का आरम्भ हुआ। जल ही जीवन का आधार है। मानव शरीर का 70% भाग जल से निर्मित है। पीने के अलावा, कई उद्देश्यों के लिए दैनिक जीवन में जलका उपयोग किया जाता है। दुनिया में सभीजीवों लिएजल की आवश्यकता होती है।

जल का उपयोग

दुनिया के हर जीव को जीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। छोटे कीड़े से लेकर ब्लू व्हेल तक, पृथ्वी पर हर जीवन पानी की उपस्थिति के कारण मौजूद है। पौधे को बढ़ने और ताजा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। छोटी मछली से लेकर व्हेलमछली तक को पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उसी से उनका अस्तित्व रहता है।

जल की शुद्धता और गुणवत्ता

वर्तमान समय में जल की गुणवत्ता को लेकर लोग सजग हो रहे है।  लोग सरकार द्वारा प्रमाणित कंपनियों से ही पैक्ड वाटर खरीदते है।कई कंपनियां जल में मैग्नीशियम, मिनरल्स, आदि उपयोगी तत्वों को मिलाने का दावा करती है।सरकार के साथ ही साथ हमें भी जल की शुद्धता को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है।

जल का संरक्षण

हमें जल को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। अगर आवश्यकता न हो तो जल का प्रयोग न करे।  हम कई बार स्नान करने के लिए  जल का अतिरिक्त उपयोग करते है , कई बार हम नल का टैप खुला छोड़ देते है। अगर हम ऐसे ही जल का दुरुप्रयोग करते रहेंगे , तो एक दिन हम अपने अस्तित्व को ही खतरे में डाल देंगे।

जल से ही समस्त संसार का जीवन है।हमें अपने स्वार्थ के लिए जल का प्रयोग न करके , भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए। हमें पानी बचाने के लिए संरक्षण कार्यक्रम करने की आवश्यकता है।

निबंध 2 (300 शब्द) – जल का संघटन

पानी सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है जो पौधों और जानवरों के लिए आवश्यक हैं। हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का नेतृत्व नहीं कर सकते। पानी हमारे शरीर के आधे से अधिक वजन को बनाता है। पानी के बिना, दुनिया के सभी जीव मर सकते हैं। पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन के उद्देश्यों जैसे स्नान, खाना पकाने, सफाई और कपड़े धोने आदि के लिए भी आवश्यक है।

जल का संघटन

जल हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिल कर बनता है। इसका रासायनिक सूत्र H 2 O होता है। जल की तीन अवस्थाएं होती है- ठोस, द्रव और गैस। पृथ्वी के लगभग 70 प्रतिशत भाग पर जल विद्यमान है। परंतु इसका 97 प्रतिशत हिस्सा खारा है, जिसे किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। यह महासागरों, सागरों के रुप में वितरित है।

जल एक रासायनिक पदार्थ होता है। यह रंगहीन, गंधहीन होता है। इसका अपना कोई रंग नहीं होता, जिसमें घोला जाय, उसी का रंग ले लेता है।

जल का क्वथनांक (Boiling point) 100 0 C होता है। जल का पृष्ठ तनाव (Surface Tension) उच्च होता है, क्योंकि उनके अणुओं के बीच होने वाली अंतःक्रिया कमजोर होती है।

जल की प्रकृति ध्रुवीय होती है, इस कारण इसमें ऊंचा आसंजक गुण होता है।

जल बहुत अच्छा विलायक (Solvent) होता है, जो पदार्थ अच्छी तरह से पानी में घुल जाते हैं, उनको हाइड्रोफिलिक की संज्ञा दी जाती है। जैसे नमक, चीनी, अम्ल, क्षार आदि। कुछ पदार्थ पानी में घुलनशील नहीं होते, जैसे तेल और वसा।

हम पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। पीने और घरेलू उद्देश्यों के अलावा, पानी हमारी दुनिया के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी अच्छाई और आने वाले भविष्य के लिए जल का संरक्षण महत्वपूर्ण है। हमें पानी बचाने के लिए पहल करने की जरूरत है चाहे कमी हो या न हो।

निबंध 3 (500 शब्द) – जल ही जीवन है

पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन रूपों के कामकाज के लिए पानी बुनियादी आवश्यकता है। यह कहना सुरक्षित है कि जीवन का समर्थन करने के लिए पानी पृथ्वी का एकमात्र ग्रह है। यह सार्वभौमिक जीवन तत्व इस ग्रह पर हमारे पास मौजूद प्रमुख संसाधनों में से एक है। पानी के बिना जीवन चलाना असंभव है। आखिरकार, यह पृथ्वी का लगभग 70% हिस्सा बनाता है।

Essay on Importance of Water in Hindi

‘जल ही जीवन है’

यदि हम अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करते हैं, तो पानी हमारे अस्तित्व की नींव है। मानव शरीर को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हम पूरे एक सप्ताह तक बिना किसी भोजन के जीवित रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना, हम 3 दिनों तक भी जीवित नहीं रह सकते हैं। इसके अलावा, हमारे शरीर में ही 70% पानी शामिल है। बदले में यह हमारे शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करता है।

इस प्रकार, पर्याप्त पानी की कमी या दूषित पानी की खपत मनुष्यों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए, पानी की मात्रा और गुणवत्ता जो हम उपभोग करते हैं वह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, हमारी दैनिक गतिविधियाँ पानी के बिना अधूरी हैं। चाहे हम सुबह उठकर ब्रश करने ,नहाने या अपने भोजन को पकाने की बात करें, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पानी का यह घरेलू उपयोग हमें इस पारदर्शी रसायन पर बहुत निर्भर करता है।

इसके अलावा, बड़े पैमाने पर, उद्योग बहुत सारे पानी का उपभोग करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया के लगभग हर चरण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह हमारे द्वारा प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले सामानों के उत्पादन के लिए भी आवश्यक है।

यदि हम मानव उपयोग से परे देखते हैं, तो हम महसूस करेंगे कि पानी हर जीवित प्राणी के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह जलीय जंतुओं का घर है। एक छोटे कीड़े से एक विशाल व्हेल तक, प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

इसलिए, हम देखते हैं कि न केवल इंसानों को बल्कि पौधों और जानवरों को भी पानी की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा, जलीय जानवरों का घर उनसे छीन लिया जाएगा। इसका मतलब है कि हमें देखने के लिए कोई मछलियां और व्हेल नहीं होंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात, अगर हम अभी पानी का संरक्षण नहीं करेंगे तो जीवों के सभी रूप विलुप्त हो जाएंगे।

हालांकि, इसकी विशाल बहुतायत के बावजूद, पानी बहुत सीमित है। यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है। इसके अलावा, हमें इस तथ्य को महसूस करने की जरुरत है कि पानी की बहुतायत है, लेकिन यह सभी उपभोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है। हम दैनिक आधार पर पानी से बहुत कुछ कार्य करते हैं। संक्षेप में, पानी के अनावश्यक उपयोग को एक बार में रोक दिया जाना चाहिए। हर एक व्यक्ति को पानी के संरक्षण और संतुलन को बहाल करने के लिए काम करना चाहिए। यदि नहीं, तो हम सभी जानते हैं कि परिणाम क्या हो सकते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Water (जल का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सात दिनो तक

उत्तर- कंगारू

उत्तर- मात्र 3% पानी ही पीने योग्य है।

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जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)

जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)

आज   हम जल संरक्षण पर निबंध (Essay On Water Conservation In Hindi) लिखेंगे। जल संरक्षण पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

जल संरक्षण पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Water Conservation In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

रोज़ाना प्रदूषण और मनुष्य की नादानी और निरंतर दुरूपयोग के कारण, पृथ्वी पर स्वच्छ जल की गिरावट देखी जा रही है। जिस प्रकार मनुष्य जल का महत्व समझकर भी जल का दुरूपयोग कर रहे है, वह दिन दूर नहीं कि बिना साफ़ पानी के समस्त जीव जंतु ख़त्म हो जाएंगे।

पृथ्वी पर ज़्यादातर पानी खारा और बर्फीला है, जो उपयोग के लायक नहीं है। सिर्फ कुछ ही प्रतिशत पानी का मनुष्य उपयोग कर सकता है। यह हम सब जानते है कि जल जीवन है। जल ना केवल लोगो की प्यास बुझाता है, बल्कि कई प्रकार के रोज़ाना कार्यो जैसे नहाने, कपड़े और बर्तन धोने, घर की साफ़ सफाई इत्यादि सभी कार्यो में काम आता है।

जल को बचाना मनुष्य जाति का अहम कर्त्तव्य है। आज कई राज्यों में भूमिगत जल का स्तर बिलकुल नीचे आ गया है। नगरों में बड़ी इमारतों में रहने के बावजूद लोगो को पानी की समस्या हो रही है। देश के कई गाँव, कस्बो और जिलों में रहने वाले लोगो को दूर जाकर, पानी भरना पड़ता है।

जल का सतीक उपयोग मनुष्य को जल की होने वाली किल्लत से बचा सकता है। लोग नदियों और कई जलाशयों के पानी को प्रदूषित कर रहे है। नदियों के पानी में नहाने और कपड़े धोने से लेकर कई कार्य दैनिक तौर पर लोग कर रहे है। इससे नदियों का जल बुरी तरीके से प्रदूषित हो रहा है। आज इतना भयंकर समय आ गया है कि कुछ लोग प्रदूषित पानी पीने के लिए मज़बूर है।

जल संरक्षण का अर्थ क्या है ?

कई अलग अलग तरीको से जल को संग्रह करना और जल को प्रदूषित ना होने देना इसी को जल संरक्षण कहते है। जल संरक्षण एक कोशिश है लोगो को पानी की अहमियत का एहसास कराने की। लोगो का बेवजह पानी का गलत उपयोग करना सरासर गलत है। इस प्रकार के जल संरक्षण करने की आदत मनुष्य को भविष्य में होने वाले जल संकट से बचा सकती है।

लोगो का दैनिक कार्यो में जल का अनावश्यक उपयोग

लोगो को समझना होगा कि वह जल का दुरूपयोग नही करना चाहिए और सही उपयोग करने से सभी को जल प्राप्त होगा यह समजना चाहिए। यह सिर्फ एक के कोशिश करने से नहीं होगा। अगर हम सतर्क होकर सही कदम उठाएंगे तो जल जैसे प्राकृतिक संसाधन को बचा सकते है।

हमे अपने दैनिक कार्यो के लिए जितना आवशयक हो उतने ही जल का इस्तेमाल करना चाहिए। शावर से स्नान ना करके लोग बाल्टी में पानी भरकर नहा सकते है, इससे पानी की बचत होती है। मनुष्य को अत्यधिक जल के उपयोग करने की आदत में परिवर्तन लाना ज़रूरी है। पानी को आज के इस युग में व्यर्थ गवाना मूर्खता है।

वर्षा के जल को संग्रह करना आवश्यक

हम वर्षा के पानी को एक जगह संग्रह कर सकते है। यह एक बढ़िया विकल्प है, जिसकी वजह से हम कई प्रकार की गतिविधियों में पानी का उपयोग कर सकते है। इस प्रकार के प्रक्रिया को अंग्रेजी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कहते है।

वर्षा के जल को इकट्ठा करने के लिए हम छोटे छोटे जलाशयों का निर्माण कर सकते है। वर्षा के जल को व्यर्थ बहने देने से अच्छा है कि हम इसका संग्रह करके इसका इस्तेमाल करे।हमे जलाशयों, तालाबों और नदियों को साफ़ रखना चाहिए।

बहुत सारे लोग अनावश्यक वस्तुएं पानी में फेंकते है और उन्हें जानबूझकर गन्दा करते है। लोगो में इसके प्रति जागरूकता फैलाना ज़रूरी है। तालाब और नदी इत्यादि सभी जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाना होगा और स्वच्छ रखना होगा। नदियों का जल साफ़ रखना अत्यंत ज़रूरी है।

अगर वर्षा का जल हम संग्रह नहीं कर रहे है, तो वह जल सीधे नालो और समुद्र में मिल जाता है। प्रत्येक वर्ष पानी के लिए जो संकट बनता है, वर्षा के जल का संग्रह करने से उसमे कमी आ सकती है।

लोगो को नहरें, तालाब बनाना चाहिए। जैसे ही वर्षा आये वह पानी को ऐसे जलशयों में इकट्ठा कर ले और कई कार्य जैसे कृषि इत्यादि भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। उद्योग क्षेत्रों को भी वर्षा जल का संग्रह अवश्य करना चाहिए।

लगातार वृक्षों को काटना   बना वर्षा की कमी की वजह

लगातार बारिश की कमी के कारण पृथ्वी पर जल स्तर नीचे चला जा रहा है। मनुष्य ने औद्योगीकरण और उन्नति की चाह में वनो को अँधाधुंध काटना आरम्भ कर दिया है। वनो की इस प्रकार कटाई ने प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण दे डाला है। अगर वृक्ष नहीं होंगे, तो वर्षा नहीं होगी। वर्षा नहीं होगी तो पृथ्वी पर हाहाकार मच जाएगा। हमे जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण करने की ज़रूरत है।

अधिक जल उपयोग से धरती पर जल संकट

लोग अत्यधिक जल का उपयोग गृहकार्य में करते है। कोई भी शुरुआत करने के लिए हमे प्रण लेना होगा, कि जल संरक्षण करने की हम हर रोज़ कोशिश करेंगे। गर्मियों के वक़्त सबसे ज़्यादा जल के लिए लोगो में तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। धरती पर जल संकट ने दस्तक दे दी है। आने वाले वक़्त में अगर लोग ऐसे ही जल की बर्बादी करेंगे, तो हमारे बाद आने वाले पीढ़ी के लिए स्वच्छ पानी नहीं बचेगा।

सूखे की समस्या

जल स्तर कम होता जा रहा है और हर वर्ष गर्मियों के मौसम में सूखे की समस्या बनी हुयी है। नदियाँ और तालाब कई जगहों पर सूख रहे है और लोगो की हालत दयनीय हो गयी है।  वह बूंद बूंद पानी के लिए तरसते है।

कई ग्रामीण स्थानों में रहने वाले लोग मीलो चलकर पानी भरने जाते है। नगरों के लोग पीने का पानी खरीदकर पीते है। इसी से हम अंदाज़ा लगा सकते है कि जल संरक्षण करना कितना महत्वपूर्ण हो गया है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण जल की समस्या

अत्यधिक जनसँख्या वृद्धि ने देश में कई समस्याओं को न्योता दिया है। उसमे से एक जल संरक्षण ना कर पाना भी एक समस्या है। जितने अधिक लोग होंगे जल का उपयोग उतना अधिक होगा और निश्चित रूप से जल संकट बना रहेगा।

आज देश पहले की तुलना में सतर्क हुआ है और जल संरक्षण करने के कई कदम सरकार उठा रही है। अब सभी तालाबों और नदियों को बचाया जा रहा है। फिर अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।

जल संरक्षण करने के ज़रूरी तरीके

भूमिगत जल संरक्षण के विषय में आवश्यक कदम उठाने होंगे। सभी छोटे और बड़े घरो में बिजली की तरह पानी के मीटर लगाने होंगे। तब पानी खर्च करने से पहले लोग दस बार सोचेंगे। अगर ज़्यादा पानी का उपयोग वह करेंगे तब जल विभाग को उन्हें ज़्यादा पैसे देने होंगे।

खेतो में सिंचाई के लिए टपक सिंचाई प्रक्रिया यानी ड्रिप इरीगेशन का उपयोग करना चाहिए। इससे जल व्यर्थ नहीं होता है। घर पर विभिन्न तरह के कार्यो को करने के लिए ज़्यादा पानी ना बहाये। लोगो को सोच समझकर घर पर पानी का उपयोग करते रहना चाहिए।

हमे ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने होंगे और हरियाली लानी होगी। आजकल कई विशेष तकनीकों का उपयोग करके समंदर के पानी को भी पीने लायक बनाया जा सकता है। समुद्र को भी साफ़ रखना हमारी जिम्मेदारी है। त्योहारों पर अत्यधिक मूर्तियों को विषर्जित करने की वजह से नदियों का पानी प्रभावित हो रहा है।

लोगो को यह समझाना बेहद ज़रूरी है कि जल का उपयोग संभाल कर करे। वरना एक समय ऐसा आएगा कि पृथ्वी पर पीने के लिए शुद्ध जल प्राप्त नहीं होगा।

क्यों महत्वपूर्ण है जल संरक्षण

औद्योगीकरण और शहरीकरण की वजह से नदियों और जलाशयों का उपयोग अधिक हो रहा है। अभी दुनिया में जल स्रोत प्रदूषित होते जा रहा है। ऐसे स्थिति में जल संरक्षण एक बेहतरीन तरीका है, जिसके कि हम आने वाले कठिन जल संकट को रोक सके।

अगर पानी में गिरावट आएगी तो पर्यावरण पर असर पड़ेगा। सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि पेड़, पौधे और जीव जंतु सभी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है।

धरती पर जल स्रोत दिन प्रतिदिन सीमित होता जा रहा है। इससे हमे सचेत होने की प्रेरणा मिलती है कि जल संरक्षण की तरफ हम अपने कदम आगे बढ़ाए। जल संरक्षण करना आज के तारीख में महत्वपूर्ण है।

भूगर्भ जल का संरक्षण

भूगर्भ जल की रक्षा करना मनुष्य का दायित्व है। भूगर्भ जल यानी धरती के अंदर पाया जाने वाला जल जिसे लोग कुएं और हैंड पंप की मदद से लेते है। जल का अतिरिक्त उपयोग इन्ही माध्यमों से हो रहा है।

लोग सोच समझकर इसका उपयोग नहीं कर रहे है। इस जल की रक्षा अगर नहीं की गयी तो लोगो के घरो पर जल प्राप्त होना बंद हो जाएगा। अधिक भूमि प्रदूषण भी भूगर्भ के जल को प्रदूषित कर रहा है। इसकी वजह से लोग बीमार भी पड़ रहे है। लोगो को भूमि प्रदूषण के विषय में सचेत कराना ज़रूरी है। अन्यथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते है।

जल संरक्षण करने के लिए दैनिक कामो में जल का सठिक इस्तेमाल

लोगो को प्रत्येक दिन सोच समझकर जल का उपयोग करना चाहिए। नल को ज़रूरत से ज़्यादा ना खोले और उपयोग के बाद इसे कसकर बंद करे। अगर नल या पाईपो में से जल लीक हो रहा है, तो तुरंत इसकी मरम्मत करवाए।

एक जगह पानी रखे और बर्तन धोने में उसका उपयोग करे। बर्तन धोने के लिए लगातार नल खोलकर ना रखे। अगर लोग अपने बगीचों में पानी दे रहे है, तो जितनी ज़रूरत हो उतना पानी दे। अनावश्यक पानी के पाईपो को खुला ना रखे, इससे पानी बर्बाद होता है।

मनुष्य के जीवन का आधार जल है। इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते है। कई वजहों से पेयजल की कमी से हर साल लोग परेशानी में आ जाते है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान भी हमे करना है।

समस्या भी हमारे जल के दुरूपयोग के कारण उत्पन्न हुयी है। पृथ्वी पर हम सब जीवित रहे, इसके लिए जल संरक्षण करना बेहद अनिवार्य है। अब लोग पहले की तुलना में सचेत हुए है लेकिन और अधिक सख्त कदम उठाने होंगे। अगर हम सभी कदम सही से उठाते है, तो निश्चित तौर पर जल की समस्या से मुक्ति पा सकते है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • जल ही जीवन है पर निबंध (Jal Hi Jeevan Hai Essay In Hindi)
  • जल प्रदूषण पर निबंध (Water Pollution Essay In Hindi)
  • पानी बचाओ पर निबंध (Save Water Essay In Hindi)
  • 10 Lines On Save Water In Hindi Language

तो यह था जल संरक्षण पर निबंध , आशा करता हूं कि जल संरक्षण पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Water Conservation) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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आज इस आर्टिकल में हम “जल सरंक्षण पर निबन्ध। 10 Lines Paragraph And Essay on Water Conservation in Hindi। Jal Sanrakshan Par Nibandh in 500 Words” लिखने जा रहे है।

जल हमारे भविष्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। जल के बिना जीवन संभव नही हैं।अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि जल ही जीवन है। जल का उपयोग हम पानी पीने, खाना बनाने एवं रोजमर्रा का काम पूरा करने के लिए करते है।

Essay On Water Conservation In Hindi

पृथ्वी पर जल का होना बहुत जरूरी है बिना जल के पृथ्वी की संरचना होना भी बहुत मुश्किल था। पृथ्वी पर यूं तो  71%  जल है लेकिन पीने योग्य एवं सिंचित योग्य जल सीमित है। पृथ्वी पर पीने योग्य एवं सिंचित योग्य जल केवल 3% है जो हमें नदियों, झरनों, तालाबों एवं भूजल के स्रोतों से प्राप्त होता है।  

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सौर मंडल में कुल नौ ग्रहों में से केवल एक ही ग्रह है जिसमें पानी की उपलब्धता है और वह ग्रह हमारा पृथ्वी है। जल की उपलब्धता के कारण ही हमारा जीवन है जिससे पेड़ पौधे, जीव जंतु, मनुष्य आदि सब संचालित होते हैं। 

जल की महत्वता का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि जल के ना होने या कमी होने से समाज में लड़ाई दंगे होते रहते हैं। प्रत्येक चुनावों में जल को सामाजिक मुद्दों में शामिल किया जाता है, कई देशों में जल बंटवारे के लिए बहस होती रहती है। इससे जल संरक्षण का महत्व बढ़ जाता है।

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जल संरक्षण का अर्थ

जल संरक्षण से मतलब यह है कि हमें जल को किस प्रकार से बचाना चाहिए क्योंकि हमारी पृथ्वी पर पीने योग्य एवं फसल योग्य जल की उपलब्धता बहुत ही सीमित है। जल को संरक्षण करने के लिए हमें अपने बाग बगीचे में फव्वारा पद्धति का उपयोग करना चाहिए। 

जल के रिसाव को रोकने के लिए पाइपलाइन एवं नलों को ठीक से जोड़ना चाहिए। हमें कपड़े धोने के लिए बाल्टी का इस्तेमाल करना चाहिए ना कि सीधे खुले नल का, जिससे पानी की बचत होती है । 

जल सरंक्षण के उपाय

जल को संरक्षण करने के लिए हमें हमारे छत पर से बरसात के मौसम में पाइप के रास्ते जमीन पर पक्का खड्डा बनवा कर उसको काम में लेना चाहिए क्योंकि वर्षा का जल बहुत ही उपयोगी होता है, वर्षा का जल पीने योग्य वन मीठा होता है।

कई इलाकों में जहां खारे पानी की समस्या रहती है, वहां पर बरसात का पानी पीने में उपयोग लेना चाहिए। इस तरह के प्रबंधन होने से  बरसात के पानी, जो व्यर्थ ही रास्तों गलियों  इत्यादि में बह जाता है उसका प्रबंधन  किया जा सकता है एवं उपयोग में लिया जा सकता है। 

जल संरक्षण के लाभ

जल का संरक्षण होने से भूमि का जल स्तर बढ़ जाता है। वर्षा से उपलब्ध जल का उपयोग हम पीने का पानी एवं कपड़े धोने के लिए एवं फसलों में देने के लिए कर सकते हैं। वर्षा जल  फसलों में किसी वरदान से कम नहीं है एवं इससे फसल अच्छी होती है। 

कपड़े धोने के लिए मशीन का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे पानी का कम खर्च हो। होली का त्योहार मनाने के लिए सूखा रंग लगाना चाहिए जोकि पानी के लिए भी एवं शरीर के लिए भी सुरक्षित होगा। हमें बगीचे एवं फसल में पानी देने का समय सायं काल या प्रातः काल में सिंचित करना चाहिए क्योंकि दोपहर के समय में वाष्पीकरण होता है जिससे ना तो पौधों को सही तरह से पानी मिलता है एवं पानी का भी नुकसान होता है।

पृथ्वी पर उपयोगी जल को बचाने के लिए हमें नदियों को स्वच्छ रखना बहुत ही आवश्यक है। कई फैक्ट्रिया उत्पादन के बाद बच रहे रसायनिक तत्व जो कि हानिकारक होते हैं को नदियों में मिला देती हैं इससे नदियां प्रदूषित होती है एवं इस प्रदूषण से पीने का पानी भी खराब हो जाता है। खराब पानी पीने से बीमारी का खतरा हो जाता है। इससे जल में रहने वाले मछलियां और जीव जंतु का नुकसान होता है इसलिए नदियों का पानी हमें हमेशा स्वस्थ रखना चाहिए। गंदा पानी पीने से कई बीमारियां हो जाती हैं।

स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सरकार ने गंगा नदी को पवित्र करने के लिए अभियान चलाया है जो कि एक बहुत ही सराहनीय कदम है। ऐसे ही प्रयास हमें भी अपने घर एवं आसपास होने वाले जलभराव को रोकना चाहिए एवं व्यर्थ बह रहे पानी को रोकना चाहिए।

Conclusion Essay On Water Conservation In Hindi

अतः दोस्तों, प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके एवं सभी को जल उपलब्ध हो सके, इसके लिए जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा एवं जल संरक्षण को बढ़ावा देना होगा। जिससे की हमें खुशहाल एवं स्वस्थ जीवनशैली की ओर अग्रसर हो सके।तो आशा करते है आपको यह “जल संरक्षण पर निबंध (Essay On Water Conservation In Hindi)” पसन्द आया होगा।

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About Kavish Jain

में अपने शौक व लोगो की हेल्प करने के लिए Part Time ब्लॉग लिखने का काम करता हूँ और साथ मे अपनी पढ़ाई में Bed Student हूँ।मेरा नाम कविश जैन है और में सवाई माधोपुर (राजस्थान) के छोटे से कस्बे CKB में रहता हूँ।

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मित्रों Water Conservation  पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत है. यदि वर्तमान परिवेश में देखा जाये तो Water Conservation Essay in Hindi , निबंध लेखन का एक महत्वपूर्ण विषय है. आप Water Conservation पर हिंदी निबंध पढ़ें एवं अपने ज्ञान का वर्धन करें. हमें उम्मीद है कि Water Conservation निबंध आपको अवश्य पसंद आएगा.   

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जल पृथ्वी पर जीवन और अन्य प्राणियों को जीवन देता है। पृथ्वी पर जीवन को जारी रखना बहुत जरूरी है। जल के बिना किसी भी ग्रह पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां आज जल और जीवन मौजूद है। इसलिए हमें अपने जीवन में पानी के महत्व को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए और हर संभव तरीके से पानी बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। पृथ्वी लगभग 71% पानी से घिरी हुई है, हालाँकि पीने के लिए बहुत कम पानी है, जल संतुलन का प्राकृतिक चक्र अपने आप बारिश और वाष्पीकरण की तरह चलता है, हालाँकि, पृथ्वी पर समस्या पानी की रक्षा करना है और यह पीने योग्य है, जो कि है बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है। लोगों के अच्छे अभ्यास से ही जल संरक्षण संभव है।

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हमें पानी क्यों बचाना चाहिए?

हमें बचाने के लिए पानी का जवाब देने के लिए, पहले आपको पानी के महत्व को जानना होगा, इसलिए पानी हमारे जीवन में मूल्यवान है। ऑक्सीजन, पानी और भोजन के बिना जीवन संभव नहीं है। लोकिन तीनों में सबसे महत्वपूर्ण जल है। अब प्रश्न यह उठता है कि शुद्ध जल का प्रतिशत पृथ्वी पर मौजूद है। आंकड़ों के अनुसार, यह अनुमान है कि पृथ्वी पर 1% से भी कम पानी पीने योग्य है। अगर हम पीने के पानी और दुनिया की आबादी का पूरा अनुपात देखें तो दुनिया में एक अरब से ज्यादा लोग रोजाना 1 गैलन पानी जीते हैं। यह भी आकलन किया गया है कि 2025 तक 3 अरब से अधिक लोग पानी की कमी का सामना कर रहे होंगे।

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जल संरक्षण की आवश्यकता

हमें पता होना चाहिए कि हमारी पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों बताया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पृथ्वी का 70 प्रतिशत से अधिक बाहरी भाग पानी से ढका हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी की इतनी मात्रा हमारे लिए कितनी उपयोगी है? पृथ्वी में पानी की प्रचुरता है, लेकिन दुख की बात है कि केवल एक लघु प्रतिशत (लगभग 0.3%) ही मनुष्यों के लिए उपयुक्त है। अन्य 99.7% महासागरों, हिमशैलियों, मिट्टी में है, और पर्यावरण में कब्जा कर लिया है। फिर भी, 0.3 प्रतिशत के लिए पर्याप्त है जो पहुंच से बाहर है।

हमें वर्षा ऋतु में पौधरोपण करना चाहिए ताकि उन्हें प्राकृतिक जल प्राप्त हो सके। जल संरक्षण प्रणाली शुरू की जानी चाहिए। यह देखा गया है कि हर साल बाढ़ के कारण बहुत सारा पानी बर्बाद हो जाता है। बाढ़ के लिए ठोस प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सरकार को बांध बनाना चाहिए। बांध से पानी की बचत होगी और बाढ़ से भी बचा जा सकेगा।

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हमारे उद्योग अपने प्रयोग करने योग्य पानी को जहरीले पदार्थों से युक्त धाराओं या अन्य जल निकायों में बहा देते हैं। यह पानी को खराब करता है और इसे मानव उपभोग के लिए बेकार बना देता है। यह वास्तव में बड़ा नुकसान है। इसके अलावा, हमारे पास बारिश के पानी को बचाने और आगे उपयोग करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। बारिश के पानी का उपयोग हमारे खेतों में पानी भरने के लिए किया जा सकता है।

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अंत में, जल विश्व पर जीवन का आधार है। पृथ्वी पर बहुत सारा पानी होने के बावजूद हम उसे उपयुक्त बनाए बिना उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए, जितनी भी मात्रा में पानी उपलब्ध हो, उसका सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए ताकि हमें पानी की कमी की स्थिति का सामना न करना पड़े।

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  3. जल संरक्षण पर हिंदी में निबंध लिखिए

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  6. ଜଳ ସଂରକ୍ଷଣ //water conservation essay in odia // water conservation essay debate in odia

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  1. जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

    जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi. स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर ...

  2. जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

    जल संरक्षण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Save Water in Hindi, Jal Sanrakshan par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (300 शब्द) - जल का संरक्षण. परिचय

  3. जल संरक्षण पर निबंध 10 lines (Water Conservation Essay in Hindi) 100

    जल संरक्षण पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Conservation of Water Essay 10 Lines in Hindi) 1) जल पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव की मूलभूत आवश्यकता है।. 2) पृथ्वी पर जीवन के ...

  4. जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

    जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) - विश्व में बढ़ती जनसंख्या तथा प्रदूषण के कारण होने वाली जल की कमी एक बेहद ही गंभीर समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए ...

  5. जल संरक्षण पर निबंध

    Short Essay on Water Conservation in Hindi जल संरक्षण पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में. जल संरक्षण पर निबंध - जल जीवन का आधार है। जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ...

  6. जल संरक्षण पर निबंध- Essay on Water Conservation in Hindi

    What is water conservation in Hindi. जल संरक्षण का सीधा सा मतलब है कि हमें पानी का उपयोग समझदारी से करना चाहिए और पानी की कमी में योगदान नहीं करना चाहिए। जल ...

  7. Water Conservation Essay in Hindi: जल ...

    जल संरक्षण पर 200 शब्दों में निबंध. Water Conservation Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है: पानी पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सभी के ...

  8. जल संरक्षण पर निबंध

    जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्द. (Jal Sanrakshan Par Nibandh / Water Conservation Essay In Hindi) माना जाता है कि आज से 3.7 अरबो साल पहले, पृथ्वी ठंडी हुयी थी, जिससे महासागरों का ...

  9. जल संरक्षण पर निबंध Essay on Save Water in Hindi

    जल संरक्षण पर निबंध Essay on Water Conservation in Hindi (450 Words) हमारे ग्रह का 97% भाग खारे पानी में समाया हुआ है जिसे हम पीने के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं ...

  10. Save Water Essay in Hindi

    Save water Essay in Hindi 300 words. धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता ...

  11. जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay in Hindi)

    Essay on Water conservation in Hindi: जल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। जल के बिना यह प्रकृति, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे सब अधूरे है। जल को ...

  12. जल संरक्षण पर निबंध

    जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है ...

  13. पानी/जल का महत्व पर निबंध, संरक्षण के तरीके: importance of water essay

    पानी का महत्व पर निबंध, importance of water short essay in hindi (200 शब्द) पृथ्वी पर पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह पृथ्वी की सतह के साथ-साथ इसके नीचे भी मौजूद है। पृथ्वी की ...

  14. जल संरक्षण की चुनौती पर निबंध

    जल संरक्षण की चुनौती पर निबंध | Essay on The Challenge of Water Conservation in Hindi! आज पूरे भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है । देश की कई छोटी-छोटी नदियां ...

  15. Short Essay on Water in Hindi Language

    Here you will get Paragraph, Short Essay on Water in Hindi Language, Pani ka Mahatva Essay in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200, 300, 400 & 500 words. ... ( Jal Sanrakshan ) Water Conservation Essay in Hindi - जल संरक्षण पर निबंध ...

  16. जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300

    जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi) जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है. पृथ्वी की सतह का 70% ...

  17. जल संरक्षण पर निबंध

    Hindi Essay and Paragraph Writing - Water Conservation (जल संरक्षण ) for classes 1 to 12 जल संरक्षण पर निबंध - इस लेख में हम जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है, जल संरक्षण के क्या लाभ हैं, जल को बचाने के ...

  18. जल संरक्षण पर निबंध

    जल संरक्षण पर निबंध (Water conservation essay in Hindi): गर्मियों में देश के कुछ हिस्सों में जल का अभाव दिखाई देता है. पीने के पानी की भारी कमी होती है.

  19. Rain water conservation essay in hindi, methods, benefits: वर्षा जल

    Rain water conservation essay in hindi, methods, benefits, article, information: वर्षा जल संरक्षण पर निबंध, उपाय ...

  20. जल का महत्व पर निबंध (Importance of Water Essay in Hindi)

    जल का महत्व पर निबंध (Importance of Water Essay in Hindi) By मीनू पाण्डेय / June 15, 2023. हमारे शरीर का संघटन सत्तर प्रतिशत जल से बना है। केवल हमारा शरीर ही नहीं ...

  21. जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi)

    जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay In Hindi) प्रस्तावना. रोज़ाना प्रदूषण और मनुष्य की नादानी और निरंतर दुरूपयोग के कारण, पृथ्वी पर स्वच्छ जल की गिरावट देखी जा रही ...

  22. जल संरक्षण पर निबंध

    Conclusion Essay On Water Conservation In Hindi. अतः दोस्तों, प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके एवं सभी को जल उपलब्ध हो सके, इसके लिए जल संरक्षण के महत्व ...

  23. Water Conservation Par Nibandh In Hindi

    मित्रों Water Conservation पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत है. यदि वर्तमान परिवेश में देखा जाये तो Water Conservation Essay in Hindi, निबंध लेखन का एक महत्वपूर्ण विषय है.