अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध 2023 International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध Short International Yoga Day Essay in Hindi Language  सभी पाठकों को विश्व / अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023  की हार्दिक बधाई देते हैं.

हम सभी जानते है, कि प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड योगा डे 21 जून  को  मनाया जाता हैं. भारत की संस्कृति से जुड़ी इस जीवन पद्धति को विश्व ने सहर्ष स्वीकारा हैं.

योग दिवस 2023 निबंध में  हम स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में निबंध, भाषण स्पीच, अनुच्छेद, आर्टिकल पैराग्राफ नोट रिपोर्ट राइटिंग को सरल शब्दों में यहाँ प्रस्तुत करते हैं.

उम्मीद करते है आपकों योग डे एस्से 2023 इन हिंदी का यह लेख पसंद आएगा.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध 2023 International Yoga Day Essay in Hindi

भारत में सदियों से योग परम्परा चली आ रही हैं जिसका स्वास्थ्य लाभ भारत के उन लोगों ने सदैव लिया जिन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण से योग को अपनी जीवन चर्या का अभिन्न अंग बनाया.

हमारी संस्कृति  वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा में यकीन रखती हैं. समूचे विश्व को हमने अपना परिवार माना है. हमारे पुरखों की देन चाहे वो आयुर्वैदिक चिकित्सा रही हो या योग हमने संसार को इससे परिचित करावाया है ताकि वे भी इससे लाभान्वित हो सके.

इतने वर्षों तक पश्चिमी दुनिया और यूरोपीय देश योग से अपरिचित थे. इसकी बड़ी वजह  इसके प्रचार  प्रसार में कमी  तथा कई सारे भारतीयों का भी योग के बारे में नकारात्मक दृष्टिकोण का होना था.  मगर पहली  बार 21 जून 2015  को माननीय  प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस को वैश्विक उत्सव के रूप में मनाने की पहल की.

भारत के आयुष मंत्रालय माननीय प्रधानमन्त्री व विदेशों में रह रहे लाखों प्रवासी भारतीयों की ये मेहनत का ही परिणाम था  हम यूनाईटेडनेशन समेत समूचे विश्व को योग के लाभों जीवन में इसके  महत्व को समझा  सके.

इसी के परिणाम स्वरूप आज 21 जून के दिन न केवल  राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि  अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर भारत की जड़ों से जुड़े योग को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं.

ये  दिन प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने का दिन हैं. हम अपनी  पुरातन संस्कृति का सम्मान करेगे  तो  निश्चय  ही विश्व भी हमें सम्मान की नजरों से देखेगा.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस International Yoga Day 2023

हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि लोग एक दूसरे से जुड़े अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने. योग की जीवन शैली को अपनाकर स्वस्थ व तन्दुरस्त रहे.

अच्छे स्वास्थ्य के बिना विश्व का विकास सम्भव नहीं हैं. इस  दिवस  मनाने के पीछे मूल ध्येय यही हैं.  विश्व भर  में मनाए जाने वाले इस उत्सव  से भारत का  सम्मान बढ़ा हैं साथ  ही अपेक्षाएं  भी हम  न केवल लोगों को प्रशिक्षित व जागरूक करें बल्कि भविष्य में भी लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी हमारी परम्पराओं से उन्हें लाभ दे.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भाषण निबंध अनुच्छेद International Yoga Day essay speech in hindi

आज विश्व जिस कोरोना महामारी के कारण  संकट के दौर से गुजर रहा हैं,  ऐसे में रोग किस तरह स्वास्थ्य सुधार की  दिशा  में मदद कर सकता हैं.

भविष्य में इस तरह के किसी वायरस से लड़ने में योग की क्या  भूमिका रहेगी इस वर्ष  के आयोजन में  हमें मिलकर विचार करना होगा.

साथ ही आयुर्वेद जैसी स्वास्थ्य वर्धक चिकित्सा प्रणाली को इस मानवीय संकट के समय विश्व की मदद के लिए कैसे काम कर सकती हैं इस बारे में भारत के जानकार विद्वानों को काम करने की आवश्यकता हैं.

भारत सरकार की ओर से 27 सितम्बर 2014 को योग दिवस वैश्विक स्तर पर मनाने एवं मान्यता  दिलाने बाबत संयुक्त  राष्ट्र संघ में प्रस्ताव रखा गया था.

जिसे  यूएनओ द्वारा 11 दिसम्बर 2014 को ही  स्वीकृत कर  दिया गया था.  इसके  बाद से विश्व भर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा.

पश्चिमी देशों  के लहजे में इसे  योगा दिवस  कहा जाता हैं जबकि हम भारतीय इसे योग दिवस  कहते  हैं. इस  दिन सभी देशों में लोग सामूहिक रूप से योग कार्यक्रमों में भाग लेते है तथा इस पर विचार गोष्ठियों एवं जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं.

योग के फायदे व जीवन में महत्व Essay On Importance & Benefits of Yoga in Hindi

लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व ज्ञात हुई योग विद्या भारत में सदियों से फल फूल रही हैं. आध्यात्म के साथ  योग का  गहरा  रिश्ता रहा हैं. आज योग को लेकर समस्त सीमाओं का खंडन किया जा चूका हैं.

प्रत्येक मानव  इस  स्वास्थ्य  औषधि के लाभ को  लेने हेतु अग्रसर हैं. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  इस दिशा में बड़ी पहल हैं. मानव जीवन  के लिए यह कितना महत्वपूर्ण  है  इसका  भान कराने के लिए इस दिवस पर सभाओं, प्रतियोगिताओं एवं नाटकों  के जरिये जन जागरुकता कार्यक्रम चलाने की  अब जरूरत हैं.

योग दिवस पर भारत में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. इसे  जन आन्दोलन  बनाने के लिए देश के बड़े पदाधिकारी प्रधानमंत्री मंत्री अन्य राजनेता,फिल्म एवं खेल जगत से जडी हस्तियाँ योग करते है

व अपने अपने तरीके से जनता के लिए संदेश जारी करते हैं.  हमें जानना  चाहिए कि योग  क्यों जरूरी  है तथा इसके स्वास्थ्य लाभ क्या क्या हैं  इसे जानते हैं .

  • योग एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसके समक्ष स्वास्थ्य लाभ देने वाले कोई शारीरिक व्यायाम नहीं हैं.
  • यह व्यक्ति को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक रूप से सशक्त करता है.
  • योग करने के लिए कोई विशिष्ट कोर्स ट्रेनिंग या यंत्रों की आवश्यकता नहीं होती हैं, थोड़े से मार्गदर्शन से इसे किया जा सकता हैं.
  • नित्य योग करने से न केवल बड़ी बड़ी बीमारियों का ईलाज सम्भव है बल्कि ये होने वाले रोगों से भी बचाता हैं.
  • उठते ही व्यायाम करने से दिनभर आलस्य, बेचेनी, तनाव से मुक्ति सम्भव हैं.
  • मानसिक शान्ति, सहजता तथा अच्छे बौद्धिक संतुलन तथा स्मृति विकास में योग कारगर हैं.
  • बच्चें बूढ़े महिलाएं सभी वर्गों के लिए योग स्वीकार्य एवं स्वास्थ्यवर्धक हैं.
  • पढाई या काम में मन लगाने तथा सकारात्मक विचारों को योग जन्म देता हैं.

International Yoga Day 2023: 21 जून को क्यों मनाया जाता है विश्व योग दिवस का इतिहास

World Yoga Day : भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 21 जून के दिन विश्व भर में वर्ल्ड योगा डे मनाया जाता हैं.

भारतीय दर्शन का अंग योग को विश्व भर में प्रचारित प्रसारित करने तथा लोगों को इसके लाभों से अवगत कराने की खातिर नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 की uno की महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा था.मोदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 21 जून को प्रतिवर्ष योग दिवस मनाया जाता हैं.

21 जून के दिन ही योग दिवस मनाने के पीछे कारण यह हैं कि हमारे ज्योतिष विज्ञान में इस दिन के साथ एक और घटना जुड़ी हैं दरअसल 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लम्बा दिन होता हैं इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता हैं.

इस दिन के बाद से ही सूर्य दक्षिणायन हो जाता हैं. इस कारण यह दिन आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने का सबसे बड़ा अवसर माना जाता हैं. इसी तर्क को आधार मानते हुए हर साल 21 जून को ही विश्व योग दिवस मनाया जाता हैं.

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध Essay on International Yoga Day in Hindi

इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in Hindi) स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है। इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है, इसका इतिहास, महत्व इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल की गई हैं।

Table of Content

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in Hindi)

भारत की संस्कृति द्वारा दुनिया को दिया गया एक अनमोल उपहार योग है। प्राचीन समय से शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक स्थिति को बेहतर करने के लिए योगाभ्यास किया जा रहा है। 

योग एक ऐसी कला है, जो विश्व भर में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागृत करता है। लोगों में शांति और सद्भाव कायम करने के लिए योग एक बेहतरीन अभ्यास है। हमारे पूर्वजों द्वारा यह दिया गया सबसे अनमोल उपहार है।

यदि जीवन में सफलता प्राप्त कर ली जाए, लेकिन अच्छा स्वास्थ्य न प्राप्त हो सके, तो प्राप्त की गई सफलता का कोई मूल्य नहीं रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस लोगों को स्वस्थ रहने का एक सरल और प्राचीन मार्ग बताता है। 

भारत से उपजी यह पद्धति हजारों साल पुरानी है। योग केवल मनुष्य को व्यायाम करने के लिए ही लाभकारी नहीं है, बल्कि यह मानसिक चेतना तथा आध्यात्मिकता को भी बढ़ावा देता है।

पढ़ें: शुरुवात के लिए बेस्ट योगासन

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है? What is International Yoga Day in Hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस यह हर साल 21 जून के दिन मनाया जाता है, जो पूरे साल में सबसे लंबा दिन होता है। पूरी दुनिया में पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 के दिन मनाया गया, जिसकी शुरुआत भारत से हुई थी। 

आज दुनिया में करोड़ों लोग योग का महत्व समझते हुए उसे अपने जीवन में ढालने की कोशिश कर रहे हैं। यह तो सत्य है कि जीवन में कुछ प्राप्त हो या ना लेकिन अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति अवश्य होनी चाहिए। 

स्वास्थ्य यह प्रत्येक मनुष्य का पहला ध्येय होना चाहिए। योग का महत्व हर किसी को समझना चाहिए और उसे अपने जीवन में एक सामान्य कार्य के रूप में अपनाना चाहिए।

भारत ने दुनिया को जो योग का अनमोल उपहार दिया है, वह आधुनिक युग में करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहा है। योग में इतनी शक्ति है कि यह भयानक से भयानक रोगों को भी जड़ से खत्म कर सकता है। 

आज के युग में लोग अपने कार्य शैली में इतने व्यस्त हो गए हैं, कि उन्हें जीवन में अपने स्वास्थ्य के लिए अलग समय निकालने का अवसर ही नहीं मिलता। यदि एक बार स्वास्थ्य खराब हो जाता है तो उसे ठीक करने में कई दिनों अथवा हफ्तों का समय लग जाता है। 

इससे बेहतर है कि कड़वी दवाइयों का सेवन करने से अच्छा योग करके स्वास्थ्य को तंदुरुस्त रखा जाए। योग दिवस की शुरुआत यह भारत की प्राचीन संस्कृति को जीवंत रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यह किसी धर्म विशेष के लोगों के लिए नहीं बल्कि पूरे मानव समाज के लिए है, जो बिना किसी रुकावट के इसे अपने जीवन में अपना सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है? – इतिहास Why is International Yoga Day celebrated? – History in Hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत भारत से 2015 में हुई थी। 27 सितंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। 

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दुनिया को यह बताया था, कि योग यह भारत की सबसे प्राचीन परंपरा का हिस्सा है जो एकता और स्वास्थ्य का प्रतीक है। योग यह मनुष्य को प्रकृति के साथ जोड़ने का कार्य करती है। 

आने वाले भविष्य में प्राकृतिक अथवा जलवायु परिवर्तन के समय भी योग लोगों के बदलती जीवन शैली में चेतना स्वरूप बनकर बीमारियों से निपटने में सहायता कर सकती है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान ही लोगों को योग का महत्व समझाते हुए 21 जून के दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की मंजूरी संयुक्त राष्ट्र सभा से मांगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सभा में 177 देशों द्वारा समर्थन दिया गया। योग से संबंधित इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर ही पूरे बहुमत के साथ मंजूरी दे दी गई। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को पूरे दुनिया में मनाया गया जो भारत की सबसे बड़ी जीत है। बहरहाल इस प्रस्ताव को बड़े पैमाने पर भारत के कई अध्यात्मिक और योग गुरुओं द्वारा समर्थन प्राप्त हुआ। 

योग और समाज सेवा के एक सबसे बड़े चेहरे गुरु श्री श्री रविशंकर जी तथा उनके अन्य योग गुरु द्वारा 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के लिए प्रेरित किया गया। 

क्योंकि 21 जून पूरे साल का सबसे लंबा दिन होता है, इसीलिए मानव की आयु भी ऐसी ही लंबी और स्वस्थ रहे इसीलिए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को पारित करने के पश्चात 21 जून 2015 को सभी देशों में योग दिवस मनाया गया। यदि योग के उद्भव की बात करें तो माना जाता है कि इसकी शुरुआत स्वयं भगवान शिव द्वारा की गई थी। 

भगवान शिव को आदियोगी भी इसीलिए कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार महर्षि पतंजलि द्वारा धरती पर योग का प्रारंभ हुआ था। महर्षि पतंजलि सनातन संस्कृति के सबसे बड़े ऋषि थे, जिन्होंने योग के संबंध में कुल 8 सिद्धांत बताए थे। 

इसके अलावा हिंदुओं के सबसे पवित्र ग्रंथ भगवत गीता में भी योग के तीन प्रकार बताए गए हैं, जिनमें कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का समावेश होता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व Importance of International Yoga Day in Hindi

आजकल के भागदौड़ भरी जीवनशैली में किसी को इतना समय नहीं मिल पाता कि वे स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए कोई अन्य क्रियाकलाप करें। ऐसी स्थिति में लोगों का झुकाव योग की तरफ हुआ है। 

काम के बोझ से लोग अपना तनाव और थकान दूर करने के लिए योग का सहारा लेते हैं। योग में इतनी शक्ति है, कि वह बिना किसी दवाई को ग्रहण किए बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है। स्वस्थ रहने के लिए साधारण और पोषक तत्वों से परिपूर्ण खानपान के अलावा योगा करना भी बहुत आवश्यक है।

जब से दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप फैला है, तभी से लोग स्वास्थ्य के लिए बहुत सजग हो गए हैं। महामारी के दौरान लोगों के पास दो ही विकल्प बचते हैं, या तो वे अपने स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए योग का सहारा ले या फिर कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से अपनी जान गवा बैठे। 

इस दौरान करोड़ों लोगों ने अपने जीवन में योग को स्थान दिया है। एक स्वस्थ जनसंख्या ही विकासशील राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। खराब स्वास्थ्य यह किसी भी देश की सबसे नाजुक समस्या होती है, जिसका निदान करना बहुत जरूरी है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व को एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरणा देता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। 

यदि बिना पक्षपात किए देखा जाए तो जब लोगों को कोई बीमारी होती है, तो वे जल्दी ठीक होने के लिए एलोपैथ का सहारा लेते हैं जिसकी दवाइयां शरीर में जाते ही बीमारियां तो ठीक कर देती है लेकिन शरीर कमजोर पड़ जाता है।

लेकिन योग में ऐसा कुछ भी नहीं होता है, क्योंकि योग यह भौतिक रूप से किया जाने वाला अभ्यास है, जिससे केवल सकारात्मक प्रभाव ही देखा जाता है। योग यह बड़े से बड़े रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।

21 जून का दिन इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इस समय सूर्य ग्रीष्म संक्रांति के दौरान दक्षिणायन  की तरह प्रवेश करता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यह शरीर का आत्मा से मिलन है। तमाम शारीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक तनाव को दूर करने की शक्ति केवल योग में है। 

यदि देखा जाए तो आधुनिक युग के युवा पीढ़ी अपना स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए जिम जाते हैं। लेकिन योग की बराबरी कोई भी अन्य अभ्यास नहीं कर सकता। योग की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी सीख सकता है।

सभी को अपने जीवन में योग का अभ्यास जरूर करना चाहिए। खास तौर पर युवाओं को योग जरूर करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन भारत सहित कई देशों में बहुत बड़े स्तर पर योगा किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह सनातन धर्म की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। आदि योगी जो भगवान शिव का दूसरा नाम है, उन्होंने ग्रीष्म संक्रांति के समय ही योग की शुरुआत की थी। 

ऐसा कहा जाता है कि आदि योगी ने सबसे पहले सप्तर्षियों को योग की शिक्षा दी थी, जिसके बाद संस्कृति के प्रवाह के साथ ही योग आज तक जीवंत है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब है? When is International Yoga Day in Hindi

भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। हालांकि योग यह भारत के सबसे प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, लेकिन इसे पहली बार 2015 में दुनिया द्वारा अपनाया गया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 थीम International Yoga Day 2022 Theme in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यह पूरी दुनिया के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है। योग दिवस एक सार्वजनिक दिन होता है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र के ऑफिशियल वेबसाइट पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संदर्भ में हर वर्ष अलग-अलग थीम निर्धारित किए जाते हैं। 2021 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए ‘मानव तंदुरुस्ती और कल्याण के लिए योग’  थीम रखा गया था।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे मनाया जाता है? How Is International Yoga Day Celebrated in Hindi?

योग को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलवाने के लिए भारत ने बहुत कड़ी तपस्या की है। जब पहली बार 2015 में भारत में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, तब पूरे देश में लोगों के चेहरे पर जो खुशी थी वह वाकई में देखने लायक थी। 

पहले योग दिवस को यादगार बनाने के लिए देश की सरकार ने योग गुरु बाबा रामदेव के साथ कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किए थे।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रचार पूरे देश में हो सके, इसके लिए कई सारी तैयारियां की जाती है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को पारित करने के साथ ही भारत ने पहली बार विश्व रिकॉर्ड बनाया। 

जब पहली बार योग की शुरुआत भारत में हुई थी, तब करोड़ों लोगों ने इसमें प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लिया था। अंतरराष्ट्रीय योग के संदर्भ में भारत ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया।

योग दिवस के दिन दिल्ली के राजपथ पर हर वर्ष भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्र के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं। दिल्ली में हर साल बहुत बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा योग किया जाता है।

पहली बार राजपथ के समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही लगभग 36000 लोगों ने इस समारोह में हिस्सा लिया।

हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के समारोह में हजारों लोगों द्वारा योग किया जाता है। इन कार्यक्रम में कई योग गुरुओं को अतिथि स्वरूप बुलाया जाता है, जो लोगों को योग करने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। भारत के गौरव भारतीय सेनाओं द्वारा भी एक साथ मिलकर कैंपों में योगा किया जाता है।

इस दिन सामाजिक स्थलों पर बड़े पैमाने में लोगों द्वारा योग किया जाता है, जिसे  दर्शकों द्वारा सीधे टीवी पर लाइव प्रसारित किया जाता है। देश के तमाम शैक्षणिक संस्थानों में योग दिवस के दिन नाट्य स्पर्धा, चित्रकला , निबंध लेखन, संगीत , नृत्य , भाषण, खेलकूद इत्यादि की स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। 

स्कूल और कॉलेजों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन बच्चों को योग का महत्व बताते हुए अपने जीवन शैली में प्रतिदिन योग को अपनाने के लिए प्रेरणा दी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यह भारत द्वारा दुनिया को दिया गया आज तक का सबसे बड़ा सौगात है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने हिन्दी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

1 thought on “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध International Yoga Day Essay in Hindi”

बहुत अच्छे से सारगर्भित तरीके से स्पष्ट रूप से योग के हर पहलु को बताया गया है…

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध | International Yoga Day Essay in Hindi

International Yoga Day Essay in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन योग दिवस के उपर निबंध लिखने के लिए कह दिया जाता है जिसके मद्देनजर हम इस लेख में आपके लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध लेकर आए हैं। उल्लेखिनय है कि योग मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम का एक प्राचीन रूप है। इसकी उत्पत्ति सिंधु सभ्यता के दौरान उत्तरी-भारत में हुई थी। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है, जिसका अर्थ है मिलन। यह प्राचीन काल में ऋषियों द्वारा अभ्यास किया गया था और वैदिक साहित्य में इसका उल्लेख किया गया है। योग को राज, भक्ति, ज्ञान, कर्म, मंत्र और हठ योग में विभाजित किया गया है। योग के आसन और मुद्राएं शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से लाभ पहुंचाती हैं। ध्यान और सांस लेने के व्यायाम नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने में सहायता करते हैं। सूर्य नमस्कार ’या सूर्य नमस्कार पूर्ण योग का एक रूप है जो शरीर के संपूर्ण विकास और विकास में मदद करता है। पतंजलि को आधुनिक योग के जनक के रूप में जाना जाता है। इस लेख में हमने कक्षा 1,2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और निबंध प्रतियोगिताओं के लिए आसान और सरल शब्दों में हिंदी में विस्तृत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध प्रदान किया है। इसके साथ ही कई पॉइन्ट में इस लेख को विभाजित किया है जो आपको 300 शब्दों से लकर 800 शब्दों तक में मिलेगा। इस लेख में यूज किए गए पॉइन्ट वह है  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | International Yoga Day Short Essay in Hindi (300 शब्द)अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | International Yoga Day Essay in Hindi (500 शब्द),अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | Antarrashtriya Yog Divas par Nibandh Hindi mein (700 शब्द) , अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF,अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य।इस लेख को पूरा पढ़े और बहतरीन लेख का लाभ लें।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | International Yoga Day Short Essay in Hindi (300 शब्द)

योग की प्राचीन स्वस्थ जीवन कला को हर साल 21 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया और  सम्मानित किया जाता है। योग शब्द संस्कृत भाषा से बना है जिसका अर्थ है मिलन। योग का उद्देश्य शरीर और मन का मिलन कर उसमें सद्भाव लाना 21 जून कि तिथि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर चुनी गई थी, जिन्होंने 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण दिन के रूप में रखा था, जिसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक महत्व के दिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि योग किसी भी बीमारी के लिए सबसे अच्छी दवा है और लगातार अभ्यास से पूरे शरीर को ठीक करने की शक्ति रखता है। इस दिन को बढ़ावा देने के लिए, स्कूल और कॉलेज में कई तरह के आयोजन होते है जैसे कि निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद, भाषण और प्रश्नोत्तरी जैसी गतिविधियों का आयोजन करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न योग शिविर विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं जहां भारत के प्रधान मंत्री कुछ उल्लेखनीय व्यक्तित्वों के साथ सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

योग आंतरिक जागरूकता लाता है। यह मन और शरीर की शक्ति को विकसित करने में भी मदद करता है। जब आप भावुक होते हैं, तो अपनी भावनाओं पर हावी होना आसान हो जाता है। हमारा मूड यह निर्धारित करता है कि हम लोगों के साथ कैसे बातचीत करते हैं, हम कितना पैसा खर्च करते हैं, हम चुनौतियों से कैसे निपटते हैं और हम अपना समय कैसे व्यतीत करते हैं। योग इन भावनाओं और हमारे मूड को नियंत्रित करने में सहयोग करता है। योग का सबसे ज्यादा प्रभाव शारिरीक फिटनेस पर होता है। यह हमारे लचीलेपन को बढ़ाता है, मुद्रा में सुधार करता है, मांसपेशियों की ताकत और टोन बनाता है, रक्त प्रवाह बढ़ाता है, उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, वजन घटाने में मदद करता है, संतुलन में सुधार करता है, पीठ दर्द कम करता है और हमारे शरीर में संतुलित चयापचय बनाए रखता है और हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने में पूरा योगदान देता है। योग करके आप अपने शरीर को अधिक लचीला बना सकते हैं। लचीला होने पर किसी व्यक्ति का शरीर कम दर्द का अनुभव करेगा। योग आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट योगाभ्यास करने से व्यक्ति के शरीर में थकान नहीं होती है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | Essay on International Yoga Day (500 शब्द)

यह भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का विचार लेकर आए थे। इसके माध्यम से वह भारत में उत्पन्न जीवन के इस समग्र दृष्टिकोण को पूरी दुनिया के साथ साझा करना चाहते थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था।माना जाता है कि योग की जड़ें भारतीय पौराणिक युग में हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव ने ही इस कला को जन्म दिया था। आदि योगी के रूप में भी जाना जाता है, शिव को दुनिया भर के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा के रूप में जाना जाता है, आमतौर पर यह माना जाता है कि यह उत्तरी भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5,000 साल पहले इस शानदार कला की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि ऋग्वेद में योग शब्द का उल्लेख पहली बार किया गया था। वहीं पहली बार योगा की व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पंतजलि द्वारा की गई कही जाती है।

भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया, ने भी सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई कोई यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को इस अवसर को मनाने का प्रस्ताव क्यों रखा गया, इसके कुछ कारण हैं। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इसे ग्रीष्म अयनांत कहा जाता है। यह दक्षिणाय के लिए एक संक्रमण का प्रतीक है, जिसे एक ऐसी अवधि माना जाता है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार यह योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि मानी जाती है।इसके अलावा, किंवदंती है कि इस संक्रमण काल ​​के दौरान भगवान शिव ने योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके आध्यात्मिक गुरुओं को प्रबुद्ध किया था। इन सभी बिंदुओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विचार किया गया था और 21 जून को अंततः मान्यता दी गई थी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में।

योग सबसे अधिक लाभकारी गतिविधियों में से एक है जिसे एक व्यक्ति अपनी जीवन शैली में जोड़ सकता है। यह स्वस्थ शरीर और मन के लिए एक उत्कृष्ट गतिविधि है। यह चिंता, भय और घबराहट जैसी कई जीवन बाधाओं में भी मदद करता है। जब रोजाना पर्याप्त मात्रा में व्यायाम किया जाए, तो व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को हमेशा दुरुस्त रख सकता है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम ‘मानवता के लिए योग’ थी। हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की अलग थीम होती है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल योग संस्थानों और समाज के कई समुदायों में वर्ष की थीम का अनुसरण करके मनाया जाता है।

गौरतलब है कि योगा दिवस मनाने के लिए नरेंद्र मोदी और यूएनजीए ने 21 जून को चिह्नित किया वहीं इस दिन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास भी अपनाएं गए और यह कुछ ही समय में दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया। भारत में पहला योग दिवस जो कि 2015 में मनाया गया था वह बड़े पैमाने पर मनाया गया। इसमें दुनिया भर की कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की थी. तब से यह देश के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में समान उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध | Antarrashtriya Yoga Divas Par Nibandh Hindi Mein (700 शब्द)

वर्ष 2014 में, भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा पसंद किया गया था और 21 जून 2015 को पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिह्नित किया गया था। श्री मोदी द्वारा रखे गए प्रस्ताव और बाद में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिए गए निर्णय की दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग चिकित्सकों द्वारा सराहना और समर्थन किया गया। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ की तरह था लेकिन अब नहीं है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद इस कला को वह कद मिला है जिसकी यह वास्तव में हकदार थी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास

योग के लिए एक दिन होने का विचार भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र सिंह मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को “मन की बात” में अपने एक भाषण में प्रस्तावित किया गया था। बाद में उन्होंने इस विचार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बनाने का निर्णय लिया गया। योग के लाभों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए योग दिवस घोषित किया जाता है।

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कारण 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है

भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया, ने भी सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई कोई यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को इस अवसर को मनाने के लिए प्रस्तावित किए जाने के कुछ कारण हैं।21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इसे ग्रीष्म अयनांत कहा जाता है। यह दक्षिणाय के लिए एक संक्रमण का प्रतीक है, जिसे एक ऐसी अवधि माना जाता है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार यह योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि मानी जाती है।इसके अलावा, किंवदंती है कि यह इस संक्रमण काल ​​के दौरान था कि भगवान शिव ने आध्यात्मिक गुरुओं को उनके साथ योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके प्रबुद्ध किया।इन सभी बिंदुओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विचार किया गया और अंततः 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई।

योग को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका

योग की उत्पत्ति भारत में हुई। भारत में लगभग 5000 वर्षों से योग का अभ्यास किया जा रहा है; भारत में हर व्यक्ति योग के बारे में बहुत पहले से जानता है, लोग इसके फायदे जानते हैं, और यह दुनिया में लोकप्रिय होने से पहले किया गया है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग को महत्वपूर्ण बनाने का विचार दिया।उन्होंने अपने भाषण में कहा, “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर की एकता; विचार और क्रिया; संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सद्भाव; स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप से, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज के बारे में है। हमारी जीवन शैली को बदलने और चेतना पैदा करने से भलाई में मदद मिल सकती है। आइए हम एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करें। “इसके साथ, संयुक्त राष्ट्र विधानसभा ने इसे स्वीकार किया प्रस्ताव और हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला किया। साथ ही, स्कूलों में कई अभ्यास आयोजित किए जा रहे हैं जैसे अंग्रेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में छात्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध लिखना।

यह आश्चर्यजनक है कि मन, शरीर और आत्मा को ठीक करने का यह पुराना तरीका अभी भी कैसे काम करता है। दुनिया भर के योग चिकित्सक लोगों को अपने नियमित जीवन में योग को शामिल करने की सलाह देते हैं। किसी विशेष दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने के पीछे का कारण यह भी है कि इसे हमारे जीवन में शामिल करने के महत्व पर जोर दिया जाए।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर 21 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य फिटनेस, मन, शरीर और आत्मा की शारीरिक स्वास्थ्य फिटनेस प्रदान करना है। यह हमारे शरीर का कायाकल्प भी करता है और हमें शांत रखता है। इस दिन माता-पिता के साथ स्कूल में कई गतिविधियां होती हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF

इस पॉइन्ट के जरिए हम आपको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF में उपलब्ध करा रहे है जो आप आगे भविष्य में कभी भी इस्तमाल कर सकते है और जब मन होने पर पढ़ सकते है और लोगों को पढ़ा सकते है। आगे भविष्य में इस लेख को पढ़ने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध in PDF को आप डाउनलोड़ कर सकते हैं।

PDF डाउनलोड़ :

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अवधारणा हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।
  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।
  • पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस नई दिल्ली के राजपथ में धूमधाम से मनाया गया।
  • इस कार्यक्रम में 36,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया और हमारे प्रधान मंत्री ने लगभग 35 मिनट के सत्र में 21 योग आसनों का प्रदर्शन किया।
  • लगातार वर्षों में, योग दिवस के लिए राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम क्रमशः चंडीगढ़ और लखनऊ में आयोजित किए गए।
  • योग के लाभों को स्वीकार करने के लिए विश्व स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • योग शरीर और दिमाग को संतुलित करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।
  • योग में विभिन्न आसन और श्वास तकनीक शामिल हैं जो शरीर और मांसपेशियों को शांत और आराम करने में मदद करते हैं।
  • योग का अभ्यास युवा, वयस्क और बुजुर्ग समान रूप से करते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने दुनिया भर में योग के बारे में जागरूकता फैलाई है और शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से आवश्यक अभ्यास के रूप में योग की भावना को पुनर्जीवित किया है।

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FAQ’s : Essay On International Yoga Day 2023

Q.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है .

Ans. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।

Q.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है ?

Ans. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग के महत्व और लोगों के स्वास्थ्य पर इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए की गई एक पहल थी।

Q.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव किसने रखा था?

Ans. भारत में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महासभा के 69वें सत्र में रखा गया था।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर निबंध | International Yoga Day Essay in hindi

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023: प्राचीन संस्कृति की देन योग एक ऐसी कला है जो हमारे स्वस्थ जीवन को बनाए रखने के लिए अत्यंत जरूरी है।

योगा के उपयोग से हम अपने शरीर में होने वाले कई सारी बीमारियों पर नियंत्रण बनाए रखने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।

हर वर्ष 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और योग दिवस के दिन लोग बड़े उत्साह से योग कार्यक्रम में भाग भी लेते हैं।

योग कला का महत्व आज से नहीं बल्कि पुराने समय से ही है हमारे पूर्वज भी योग कला के द्वारा है एक स्वस्थ जीवन जिया करते थे। योग शब्द का हिंदी अर्थ ‘मिलन’ होता है। योग के महत्व को समझाने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने योग को बढ़ावा देने के लिए पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा।

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून के ही दिन क्यों मनाया जाता है?

योग दिवस पर निबंध | International-Yoga-Day-Essay-in-hindi

विषय–सूची

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (International Yoga Day Essay in hindi)

प्रस्तावना –.

योग शब्द एक संस्कृत शब्द है पौराणिक काल से ही योग कला हमारी भारतीय संस्कृत से जुड़ी हुई है पूर्वजों के द्वारा बताया जाता है कि भगवान शिव के द्वारा योग कला का जन्म हुआ है योग एक ऐसी प्रकार की ऊर्जा है जो योग करने वाले व्यक्ति को  पूरी उम्र बीमारियों से बचाकर रखता है।

योग करने से हमारी आत्मा, शरीर और मन का मिलन होता है हमारा शरीर स्वस्थ होने के साथ-साथ आलस्य विहींन रहता है और हमारा ह्रदय, दिमाग भी स्वस्थ रहता है। यह हमारे स्वस्थ जीवन लिए बहुत ही फायदेमंद होता है योग कला भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी प्रचलित हो चुका है।

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योग दिवस की शुरुआत –

योग कला का महत्व समझाने व योग कला को बढ़ावा देने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पहली पहल की थी। नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में योग कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग कला पर जोर देते हुए भाषण दिया था। और योग को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने का प्रस्ताव रखा।

इस प्रस्ताव के बाद कई देशों ने चीन, कनाडा, और अमेरिका ने काफी विचार करके  193 देश के सदस्यों ने सकारात्मक रूप से इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी। और फिर 2015 में 21 जून को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को बड़े उत्साह और धूमधाम से दिल्ली के राजपथ पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें नरेंद्र मोदी सहित अन्य कई राजनेताओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर योगा करके इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते भारतीय संस्कृति को भी देश विदेश में फैलाया।

योग करने का महत्व –

हमारे स्वस्थ जीवन के लिए योग अत्यंत आवश्यक है योग कला के द्वारा ही हमारे शरीर और आत्मा का मिलन होता हैं और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार योग प्राणायाम द्वारा हमारे जीवन में होता है योग के द्वारा हम अपने सभी तनाव और चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं ।

रोजाना सिर्फ 15 से 20 मिनट तक के योग से हमारे शरीर को काफी लाभ होता है। रोजाना योग करने से हृदय संबंधित समस्या कभी भी नहीं होती है और हमारा माइंड हमेशा फ्रेश रहता है हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।

अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने का एकमात्र उपाय योग कला है इस बात को समझाने और योग कला महत्व को बढ़ावा देते हुए विश्व के लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत किया है देते हुए सचेत किया है । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपने भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है। हमारे देश में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में यह दिन बड़े धूमधाम से पूरे विश्व में मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए 21 जून ही क्यों चुना गया?

कई बिंदुओं का विश्लेषण करने के बाद प्रधानमंत्री ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया। दरअसल, सबसे बड़ा दिन 21 जून को ही उत्तरी गोलार्ध में होता है और साथ ही यह एक संक्रमण प्रतीक भी दक्षिणायन का है। यह एक ऐसा समय या अवधि होता है जिसमें प्रार्थनाओं का आध्यात्मिक समर्थन करता है।

इसके अलावा भी यह माना जाता है कि भगवान शिव के द्वारा संक्रमण काल में ऋषि यों के साथ ज्ञान बांट कर उसे प्रबुद्ध किया। इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया।

योग करने के फायदे-

मन और शरीर को नियंत्रण रखने के लिए योग एक अद्भुत व्यायाम है योगासन करने से मनुष्य के मन में एक मानसिक शांति प्रदान होने के साथ-साथ मनुष्य के सभी तनाव दूर होकर सकारात्मक भाव प्रवाहित होने लगता है।

योग करने से मनुष्य रोग ग्रसित नहीं होता उसका मन हमेशा शांत रहता है और वह व्यक्ति एकाग्र रहता है। और साथ ही सकारात्मक भाव से उस व्यक्ति का मनो विकास भी बढ़ता है। यह हमारे शरीर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और हर बीमारी से दूर करता है।

योग करने से हमारे शरीर में आलस का भाव नहीं रह जाता और साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ जीवन के प्रति हमारा उत्साह और भी बढ़ता है। आज की बढ़ती बीमारियों से बचने के लिए योग हमारे लिए बहुत ही लाभदायक और महत्वपूर्ण है।

योग की उत्पत्ति-

दोस्तों योग दिवस के बारे में आप सभी जान ही गए हैं कि योग हमारे लिए कितना जरूरी है आइए अब हम आपको बताएंगे कि योग की उत्पत्ति कैसे हुई?

कई विद्वानों ने कई सारे योग की उत्पत्ति को लेकर अपनी-अपनी मत दिए हैं ऐसा माना जाता है कि योग की उत्पत्ति प्राचीन काल से ही  है। योग का उल्लेख ऋग्वेद मे भी किया गया है और 5000 वर्ष पहले योग कला सिंधु सरस्वती सभ्यता मे थी। भगवान शिव को ही योग गुरुओं की प्रेरणा माना जाता है।

निष्कर्ष –

दोस्तों आज हमने आपको “योग दिवस पर निबंध” (International Yoga Day Essay in hindi) की संपूर्ण जानकारी दी है उम्मीद करते हैं यह जानकारी आपको पसंद आया होगा इस निबंध से जुड़ी कोई भी सवाल आपको पूछना हो तो आप कमेंट के जरिए पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे धन्यवाद!

  • विज्ञान एक वरदान या अभिशाप
  • विश्व पर्यावरण दिवस कब है?
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
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योग दिवस पर निबंध

Essay on International Yoga Day in Hindi:  हर व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन होता है, जिसे हमेशा संजोकर रखना बहुत जरूरी है। स्वस्थ शरीर से ही व्यक्ति को हर कार्य करने में मन लगता है। योगा एक ऐसी कला है, जिससे व्यक्ति अपने आपको स्वस्थ रख सकता है। यहां तक कि योगा से व्यक्ति कई प्रकार के शारीरिक बीमारियों से उभर सकता है।

योग कला हमारे प्राचीन संस्कृति की देन है, हमारे पूर्वज योगा किया करते थे। यही कारण है कि वे स्वस्थ रहा करते थे। भारत के प्रधानमंत्री ने योगा के महत्व को समझा और पूरे विश्व को इसका लाभ लेने का सुझाव दिया। उन्ही के प्रयासों से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया, जिसके कारण आज प्रत्येक 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल 21 जून को देश दुनिया के लोग बहुत ही उत्साह के साथ योगा कार्यक्रम में भाग लेते हैं और इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।

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हम यहां पर योग दिवस पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे है। इस निबंध में योग दिवस के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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योग दिवस पर निबंध | Essay on International Yoga day in Hindi

योग दिवस पर निबंध 250 शब्द (yoga day essay in hindi).

योग भारत की एक प्राचीन संस्कृति है। योग मन, शरीर और आत्मा का मिलन करवाता है। मन की शांति के लिए योग ही केवल एक जरिया है। योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। शरीर और मन के लिए योग के फायदे अनगिनत है। दुनिया को हमारी प्राचीन कला और उनके फायदों के बारे में अवगत करवाने के लिए भारत के नेतृत्व में पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने वहां बैठे हर देश के प्रतिनिधि को योग का महत्त्व और बताया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा। उनके इस प्रस्ताव पर अमेरिका, कनाडा, चीन सहित लगभग 193 देशों के सदस्यों ने सकारात्मक महोर लगा दी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून को ही पसंद किया गया। क्योंकि यह दिन साल का सबसे लम्बा दिन है और ज्योतिष विज्ञान के अनुसार आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने का यह उचित समय है।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस राजपथ दिल्ली में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व की कई मशहूर हस्तियों और 35,985 लोगों के साथ मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत सहित पुरे विश्व में हर साल एक नए थीम पर बड़े धामधूम से मनाया जाता है। विभिन्न जगहों पर योग शिविर, सेमिनार और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है। लोगों को जीवन में योग का महत्व समझाया जाता है।

योग शरीर और मन को स्वस्थ रखता है। शरीर में आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर देता है। योग के कारण रोग शरीर में घुस नहीं सकते। हमें योग के महत्व को समझते हुए हमारे जीवन में हर दिन योग दिन बनाना चाहिए।

essay on yoga day in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 800 शब्द (Yoga Diwas Par Nibandh)

योग एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है मिलन, संयोग। केवल योग से मन, शरीर और आत्मा का मिलन होता है। योग की जड़े भारतीय संस्कृति के साथ पौराणिक काल से जुड़ी है। माना जाता है कि योग कला को जन्म देने वाले भगवान शिव थे। योग एक प्रकार की ऊर्जा है, जो साधक को पूरी उम्र बीमारियों से बचाती है।

योग के अभ्यास से दिमाग और हृदय स्वस्थ रहता है। मन प्रफुल्लित और तंदरुस्त रहता है। शरीर के लिए योग काफी फायदेमंद होता है। आज योग कला भारत में भी नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचलित हो चुकी है। आज भारत बना योग का विश्वगुरु बन चूका है।

योग का महत्व

जैसे जीने के लिए हवा जरुरी है, वैसे ही योग हमारे जीवन में काफी जरुरी है। योग आत्मा और शरीर का मिलन करवाता है। योग एवम प्राणायाम  हमारे जीवन पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। योग जीने की एक कला है। आज के इस आधुनिक दौर में लोग काफी तनाव और डिप्रेशन में रहते है।

तनाव को मूल से दूर करने के लिए योग ही एकमात्र इलाज़ है। अगर दिन भर में सिर्फ 15 मिनट भी योग के लिए दिए जाएं तो इससे शरीर और मन को अनगिनत लाभ पहुंचते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत

प्राचीन भारतीय कला को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलवाने के लिए और विश्व को योग का महत्त्व समझाने के लिए श्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम पहल की। उन्होंने साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान योग पर काफी जोर दिया और योग की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए योग को अंतरराष्ट्रीय का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा।

काफी विचार करने के बाद आखिर में अमेरिका, कनाडा, चीन सहित 193 देशों के सदस्यों ने श्री नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव को सकारात्मक रूप में मंजूरी दे दी। 21 जून 2015 का दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया।

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया। क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है। उसे उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म संक्रांति कहते है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। यह अवधि आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए सही मानी जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत में ही नही बल्कि पुरे विश्व में बड़े उत्साह के साथ धामधूम से मनाया जाता है। यह दिन हर साल एक नए थीम पर मनाया जाता है। विभिन्न जगहों पर कई बड़े और छोटे योग शिविर, सेमिनार और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है। जिसमें लोगों को योग का महत्व और योग से रोग का इलाज कैसे होता है, उसके बारे में बताया जाता है।

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत और विश्व में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। राजपथ दिल्ली में एक बड़ी जगह पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की कई मशहूर हस्तियों और 35,985 लोगों के साथ 35 मिनिट के लिए 21 योग आसन किये। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया के करीब 190 देशों ने मनाया था।

दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस चंडीगढ़ में और तीसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस लखनऊ में आयोजित किया गया। विश्व में हर साल इस दिन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने लगी है और ज्यादा से ज्यादा लोग योग के साथ जुड़ते गए है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सभी वर्ष के थीम

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 – Yoga for Harmony and Peace
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 – Connect the Youth
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017 – Yoga for Health
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 – Yoga for Peace
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 – Climate Action
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 – Yoga For Health – Yoga From Home
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 – Be with Yoga be at home

योग करने के फायदे

योग एक अद्भुत प्रकार का व्यायाम है, जो शरीर और मन दोनों को नियंत्रण में रखता है। योग का एक अलग ही विज्ञान है। योग से तनाव कम होता है और शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। योग से सकारात्मकता का भाव प्रवाहित होता हैं, जिस से शरीर रोग का घर नहीं बन सकता। मन शांत और एकाग्र रहता है। योग से मनुष्य में मनोबल बढ़ता हैं और सकारात्मक भाव के कारण मनुष्य का मनोविकास होता है।

योग से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और  शरीर में सकारात्मक उर्जा बढ़ती हैं। जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता है। हमारा शरीर लचीला बनता हैं। हमें थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता।

योग भारतीय संस्कृति की पहचान है। हमारे ऋषि मुनि की तरफ से मिला यह अनमोल खजाना है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की वजह से आज भारत को विश्व में एक नई पहचान मिली है। यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है।

इस कला को दुनिया के मंच पर लाने के लिए और इस आधुनिक युग के लोगों को प्राचीन कला योग के प्रति जागरूक बनाने के लिए हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जो अथाग प्रयास किये है, मैं उसके लिए उनका तहे दिल से शुक्रिया करता हूं। हमें भी योग के महत्व को समझते हुए उन्हें योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना ही चाहिए।

विश्व योग दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में (International Yoga Day Essay in Hindi)

योग शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। योग करने से व्यक्ति के तनाव दूर हो जाते हैं। योग शरीर को बीमारियों से मुक्त रखता है। यहां तक कि योग कई प्रकार के बीमारियों का इलाज भी करता है।

प्राचीन भारतीय संस्कृति में योगा एक प्रमुख कला है, जिसकी मदद से हमारे पूर्वज स्वस्थ जीवन जिया करते थे। आज वर्तमान में हर व्यक्ति को योगा का महत्व समझना चाहिए ताकि वह अपने स्वस्थ शरीर के लिए योगा को अपने दिनचर्या में अपनाएं।

कैसे शुरू हुआ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आया। उन्होंने हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए अनोखे कला को जीवंत रखने के लिए सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस मनाने का सुझाव दिया, जिस पर संयुक्त राष्ट्र सभा के अन्य सदस्यों ने विचार-विमर्श किया और फिर उस दिन से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।

इस तरह सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। इस शुभ अवसर को श्रेष्ठ बनाने के लिए भारत में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हिस्सा लिया। साथ ही कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और फिर दिल्ली के राजपथ पर उत्साह के साथ योगा करके इस दिन को मनाया गया।

न केवल भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में योगा शिविर आयोजित किए गए, जिसमें विभिन्न देशों के लोगों ने बहुत ही उत्साह के साथ योगा किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को योगा दिवस के रूप में मनाने का सुझाव देकर न केवल विश्व के देशों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की सलाह दी बल्कि भारतीय संस्कृति को भी देश विदेश में फैलाया। योगा प्राचीन भारतीय कला से जुड़ा हुआ है और यह भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है कि यह कला आज देश दुनिया का हर व्यक्ति अपना रहा है। आज इस कला के कारण ही व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रख पाने में सक्षम हैं।

क्यों 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना इसके पीछे भी तथ्य है। 21 जून का सुझाव प्रधानमंत्री ने कई बिंदुओं को विश्लेषण करने के बाद दिया।

दरअसल 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है, इसके साथ ही यह दक्षिणायन का एक संक्रमण प्रतीक भी है, जिससे माना जाता है कि यह एक ऐसी अवधि होती है, जिसमें आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करता है।

इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि संक्रमण काल के दौरान भगवान शिव ने ऋषियों के साथ योग कला के ज्ञान की साझा करके उन्हें प्रबुद्ध किया था। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया, जो संयुक्त राष्ट्र सभा से पारित होने के बाद पूरे विश्व में 21 जून को योग दिवस मनाया जाने लगा।

योग की उत्पत्ति कैसे हुई?

योग की उत्पत्ति को लेकर कई विद्वानों के कई मत है हालांकि योग की उत्पत्ति भारत से ही हुई थी। योग प्राचीन काल से ही है। माना जाता है सभी योग गुरुओं के प्रेरणा भगवान शिव ही हैं, इन्हें आदी योगी के रूप में माना जाता है।

योग की उत्पत्ति को लेकर यही माना जाता है कि योग 5000 साल पहले सिंधु सरस्वती सभ्यता में थी। ऋग्वेद में भी योग का उल्लेख किया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से आज के युवा योग के महत्व को जान चुके हैं। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल विश्व के युवाओं का ध्यान स्वास्थ्य पर केंद्रित किया बल्कि युवाओं को एक स्वस्थ भविष्य भी दिया।

उन्होंने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिन्हित करने के साथ ही इसे सफल बनाने के लिए कई प्रयास भी किए। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया भर के लोगों ने बड़े पैमाने पर इसे मनाया। देश दुनिया के सभी भाग में जोश और उत्साह के साथ लोगों ने योगा किया। हर व्यक्ति को स्वस्थ जीवन के लिए योगा अवश्य करना चाहिए।

हमने यहां पर  “योग दिवस पर निबंध (Essay on International Yoga day in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

world yoga day essay in hindi

By विकास सिंह

international yoga day essay in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी थे जिन्होंने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। योग का अभ्यास एक तेज दिमाग, एक अच्छा दिल और एक सुकून भरी आत्मा के साथ एक बेहतर इंसान के रूप में विकसित होने का एक तरीका है।

विषय-सूचि

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, international yoga day essay in hindi, (200 शब्द)

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव सितंबर 2014 में भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखा गया था। यह दुनिया भर के विभिन्न योग चिकित्सकों और आध्यात्मिक नेताओं द्वारा समर्थित था। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया भर में धूम-धाम से मनाया गया लेकिन राजपथ, दिल्ली में यह स्थल एक तरह का था। इस दिन को मनाने के लिए हजारों लोग इस स्थान पर एकत्रित हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न हिस्सों के कई नामचीन लोगों ने भी इस आयोजन का हिस्सा बने और यहां योग आसनों का अभ्यास किया।

योग क्रेज जारी रहा और दूसरे और तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भी लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। चंडीगढ़ में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लखनऊ में एक समान रूप से बड़ा आयोजन किया गया। प्रत्येक वर्ष भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ दुनिया भर में कई आयोजन किए जाते हैं।

कई योग आसन हैं जो विभिन्न स्तरों पर काम करते हैं जो हमें एक शानदार जीवन जीने में मदद करते हैं। हमें इन सभी को आज़माना चाहिए और उन लोगों को चुनना चाहिए जो वास्तव में हमारे लिए हैं। स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने के लिए चुने हुए लोगों को नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। योग को एक दिन समर्पित करने के पीछे का पूरा विचार यह है कि दुनिया को उन अजूबों को पहचानने में मदद मिले जो वह नियमित रूप से कर सकते हैं।

international yoga day essay in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, international yoga day essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

योग मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूप हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को विभिन्न तरीकों से लाभान्वित करते हैं। इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य क्या है? (importance of international yoga day)

योग की कला को मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस पहल के माध्यम से, भारतीय प्रधानमंत्री अपने पूर्वजों द्वारा हमें दिए गए इस अनूठे उपहार को लाइमलाइट में लाना चाहते थे।

उन्होंने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव रखा। अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन के दौरान उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस दिन को 21 जून को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।

संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने श्री मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार किया और जल्द ही इसे एक सकारात्मक संकेत दिया। 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन भारत में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। भारतीय प्रधानमंत्री, श्री मोदी और कई अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ आम जनता राजपथ पर उत्साह के साथ दिन मनाने के लिए एकत्र हुए।

इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे योग शिविर भी आयोजित किए गए। इस आत्मीय कला का अभ्यास करने के लिए लोग बड़ी संख्या में इन शिविरों का हिस्सा बने। सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह के शिविर आयोजित किए गए और लोगों ने उत्साह से इनमें भाग लिया। तब से, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।

निष्कर्ष:

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून को मनाया जाता है, यह योग की प्राचीन भारतीय कला का एक प्रतीक है। हमारे दैनिक जीवन में योग को शामिल करने से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। यह हमारे अन्यथा तनावपूर्ण जीवन को एक बड़ी राहत प्रदान करता है।

international yoga day pic

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, essay on international yoga day in hindi, (400 शब्द)

यह भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी हैं, जो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के विचार के साथ आए थे। इस तरह से वह जीवित रहने के इस समग्र दृष्टिकोण को साझा करना चाहता था जो पूरे व्यापक विश्व के साथ भारत में उत्पन्न हुआ था। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को प्रस्ताव पसंद आया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था।

योग का इतिहास: :

माना जाता है कि भारतीय पौराणिक काल में योग को इसकी जड़ें मिलीं। कहा जाता है कि यह भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया था। आदि योगी के रूप में भी जाना जाता है, शिव को दुनिया भर के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है।

अधिक सामान्यतः, यह माना जाता है कि यह उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5,000 साल पहले इस शानदार कला की शुरुआत की थी। यह ऋग्वेद है जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने पहली बार इस शब्द का उल्लेख किया था। हालांकि, योग की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पंतजलि द्वारा की गई है।

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया था, ने सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई एक यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को मनाने के लिए कुछ कारण प्रस्तावित किए गए थे।

21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और इसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है। यह दक्षिणायन के लिए एक संक्रमण का प्रतीक है जो माना जाता है कि यह एक अवधि है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करता है। इस प्रकार योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए यह एक अच्छा समय माना जाता है।

इसके अलावा, किंवदंती है कि यह इस संक्रमण काल ​​के दौरान था कि भगवान शिव ने उनके साथ योग की कला के बारे में ज्ञान साझा करके आध्यात्मिक गुरुओं को प्रबुद्ध किया था।

इन सभी बिंदुओं पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विचार किया गया और 21 जून को अंतत: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई।

अच्छी बात यह है कि श्री मोदी और यूएनजीए ने 21 जून को न केवल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिन्हित किया, बल्कि इस दिन को सफल बनाने के लिए भी प्रयास किए। भारत में पहले योग दिवस को बड़े पैमाने पर मनाया जाता था। दुनिया भर की कई उल्लेखनीय हस्तियों ने इसमें भाग लिया। तब से यह देश में और दुनिया के अन्य हिस्सों में समान उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, essay on international yoga day in hindi (500 शब्द)

पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन को मनाने के लिए भारत में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों को भाग लेते देखना एक शानदार दृश्य था। भीड़ के बीच अपार खुशी और उत्साह था। उत्साह समय के साथ फीका नहीं रहा। यह केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी विकसित हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016:

2015 में पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद, 2016 में आयोजित दूसरे कार्यक्रम में भी लोगों को भारी उत्साह के साथ इकट्ठा होते देखा गया। दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का मुख्य कार्यक्रम चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया गया था।

प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने भीड़ को खुश करने के लिए कार्यक्रम में भाग लिया। योग आसन करने के लिए हजारों लोगों के साथ, श्री मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान योग आसनों का अभ्यास भी किया। उन्होंने इस अवसर पर देश के युवाओं को अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाने के माध्यम से एक शानदार जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रेरणादायक भाषण भी दिया।

इसी तरह, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे कार्यक्रम आयोजित किए गए। भारतीय सेना की टुकड़ियों, भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक ने भी विभिन्न भागों में मनाए जाने वाले योग दिवस के कार्यक्रमों में भाग लिया। हमारे पड़ोसी देशों और दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ दिन मनाया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017:

तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में और भी अधिक उत्साह के साथ मनाया गया। अधिक से अधिक लोगों को योग के महत्व को समझने और इसे अपने जीवन में शामिल करने के साथ, योग शिविर और उसी में भागीदारी की संख्या वर्ष तक बढ़ रही है।

प्रत्येक वर्ष की तरह, तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भी भारत में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस बार नवाबों के शहर लखनऊ को उसी के लिए चुना गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दिन मनाने के लिए लखनऊ के लिए उड़ान भरी।

शहर में दिन की शुरुआत में बारिश की बौछारें देखी गईं, लेकिन यह योग दिवस के कार्यक्रम में भाग लेने से लोगों के उत्साह को कम नहीं कर पायी थी। इस विशेष दिवस को मनाने के लिए लखनऊ के रमाभाई अंबेडकर सभा स्टाल में लगभग 51,000 लोग जमा हुए। लोग इस घटना का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित और रोमांचित थे और समर्पण के साथ योग आसनों का प्रदर्शन किया।

भारतीय राष्ट्रपति कई लोगों के साथ दिल्ली के सेंट्रल पार्क में दिन मनाने के लिए एकत्रित हुए। इसके अलावा, इस दिवस को मनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018:

पूरे विश्व में चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए कई आयोजन किए जा रहे हैं। भारत में, उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा नदी के तट पर आयोजित होने वाले सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन के लिए दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की उम्मीद है।

निष्कर्ष

यह आश्चर्यजनक है कि कैसे चिकित्सा, मस्तिष्क और आत्मा का यह पुराना तरीका अभी भी काम करता है। दुनिया भर के योग चिकित्सक लोगों को अपने नियमित जीवन में योग को विकसित करने की वकालत करते हैं। किसी विशेष दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने के पीछे का कारण यह भी है कि हम इसे अपने जीवन में महत्व दें।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध, world yoga day essay in hindi (600 शब्द)

वर्ष 2014 में, भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा पसंद किया गया और 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस चिह्नित किया गया।

श्री मोदी द्वारा रखे गए प्रस्ताव और बाद में यू.एन. द्वारा लिए गए निर्णय को दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं और योग चिकित्सकों द्वारा सराहना और समर्थन किया गया। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ की तरह था, लेकिन अब नहीं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनी मान्यता के बाद, इस कला ने वह कद प्राप्त किया है जो वास्तव में इसके योग्य है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास (history of international yoga day)

हालांकि पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता था, लेकिन यह विशेष रूप से भारत के लिए एक विशेष दिन था। ऐसा इसलिए है क्योंकि योग की उत्पत्ति भारत में प्राचीन काल में हुई थी और इस स्तर पर मान्यता प्राप्त होना हमारे लिए गर्व की बात थी। इस प्रकार देश में बड़े पैमाने पर इस दिन को मनाया गया।

इस दिन के सम्मान में राजपथ, दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में श्री मोदी और 84 देशों के उल्लेखनीय लोगों ने भाग लिया। इसके अलावा, इस पहले योग दिवस समारोह के लिए आम जनता बड़ी संख्या में एकत्रित हुई। इस सामूहिक योग सत्र के दौरान 21 योग आसन किए गए।

प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने लोगों को इन आसनों को करने के लिए निर्देशित किया और लोगों ने उत्साह से उनका पालन किया। इस घटना ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। सबसे बड़े योग वर्ग के लिए रिकॉर्ड बनाए गए थे जिनमें 35,985 प्रतिभागी शामिल थे और सबसे बड़ी संख्या में भाग लेने वाले राष्ट्र थे। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय ने आयोजन की व्यवस्था की थी। आयुष मंत्री श्रीपाद येसो नाइक को उसी के लिए पुरस्कार मिला।

देश में विभिन्न स्थानों पर कई योग शिविरों का आयोजन किया गया। लोग विभिन्न योग आसनों का अभ्यास करने के लिए पार्कों, सामुदायिक हॉल और अन्य स्थानों पर इकट्ठा हुए। इन योग सत्रों को सफल बनाने के लिए लोगों को नेतृत्व करने के लिए योग प्रशिक्षकों ने स्वेच्छा से सहयोग किया। आम जनता द्वारा दिखाया गया उत्साह अपार था। सिर्फ महानगरों में रहने वाले लोग ही नहीं, छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोग भी योग सत्रों में भाग लेते और भाग लेते थे। यह एक महान दृश्य था। 21 जून 2015 को संयोगवश एक रविवार को गिरने के कारण इतनी बड़ी भागीदारी हासिल की जा सकती थी।

उसी दिन एनसीसी कैडेटों ने “एकल वर्दीधारी युवा संगठन द्वारा एक साथ सबसे बड़े योग प्रदर्शन” के लिए लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में प्रवेश किया।

तो, सब में यह एक महान शुरुआत थी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाग लेने के लिए लोग न केवल बड़ी संख्या में बाहर आए बल्कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित हुए। योग प्रशिक्षण केंद्रों में विभिन्न योग सत्रों के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने योग दिवस के बाद नामांकन किया।

भारत में लोग पहले से ही योग के महत्व के बारे में जानते थे लेकिन योग दिवस की शुरुआत ने इसे और अधिक बल दिया। इसने उन्हें विरासत को रोकने और एक स्वस्थ जीवन शैली की ओर मुड़ने के लिए प्रेरित किया। दूसरी ओर, दुनिया भर के कई लोगों के लिए यह एक नई अवधारणा थी। वे महसूस करते थे कि इस तरह की महान कला को पेश किया गया है। इसलिए, इसने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी कई नए योग केंद्रों की स्थापना की।

यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि मन और शरीर को फिट रखने की हमारी प्राचीन कला को दुनिया भर में स्वीकार और सराहना मिली है। भारत कई ऐसे खजानों का देश है और हमें खुशी है कि दुनिया के साथ उनमें से एक को साझा किया है।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Essay on yoga day in hindi अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध.

Today we are going to share an essay on International Yoga day in Hindi. Read Essay on Yoga Day in Hindi अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Here is Essay on Yoga Day in Hindi अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध.

Essay on Yoga Day in Hindi

Essay on Yoga Day in Hindi 400 Words

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को पुरे विश्व में मनाया जाता है। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है और योग इंसान को लंबी उम्र भी देता है। आमतौर पर योग दिवस लोगों को योग के फायदे के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। नरेन्द्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में योग के लाभ और इसकी महत्व को विश्व भर के लोगों को समझाया था, उसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने इस प्रस्ताव को पसंद कर स्वीकार किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में इसे मान्यता दी गई। मान्यता मिलने के बाद 21 जून 2015 को दिल्ली के राजपथ में एक बड़ा आयोजन किया गया था। प्रधानमंत्री जी ने राजपथ पर लगभग 36000 लोगों के साथ योग किया। यह योग दिवस दुनिया भर में लाखों लोगों दवारा मनाया गया ।

इस आयोजन ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का पहला रिकॉर्ड सबसे बड़ी योग कक्षा के लिए बना, जिसमें लगभग 35,985 प्रतिभागियों ने भाग लिया था और दूसरा रिकॉर्ड चौरासी (84) देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का भी रिकॉर्ड अपने नाम किया। योग करने की परम्परा भारत में पौराणिक काल से चली आ रही है। यह शरीर और मस्तिष्क के ऊपर नियंत्रण रखने के साथ ही तनाव और चिन्ता को कम करने में मदद करता है। योग शरीर में एक दवा की तरह काम करता है, जो हमारे शरीर के अंगों के कार्य करने के ढंग को नियंत्रित करके हमारे शरीर के विभिन्न बीमारियों को धीरे-धीरे ठीक करता है।

हमेशा स्वस्थ रहने के लिए योग करना बेहद जरूरी होता है। योग करने से शरीर का इम्युनिटी सिस्टम बुस्ट होता है। इम्युनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर के सभी तरह की बिमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। इसलिए योग करना हम सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। हम सभी को अपने बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए।

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 2023 – International Yoga Day Essay in Hindi – Vishwa Yoga Diwas Par Nibandh

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 2018

इंटरनेशनल योग डे 2023 : योग करने की परम्परा भारत में पौराणिक काल से चली आ रही है| योग एक प्रकार की ऐसी ऊर्जा है जिसको अपनाने से आप पूरी उम्र सेहतमंद और बीमारियों से बचे रहते है| योग करने से हमारा शरीर तंदरुस्त रहता है| योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है| इस दिन का बहुत महत्व है क्युकी इस दिन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सभी देशो में अलग अलग जगह योग किया जाता है| इस दिन को भारतीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा प्रारम्भ किया गया जिसमे उन्होंने बहुत से देशो में जाकर वह के लोगो को इस दिन की अहमियत बताई और इसे अपनाने को भी कहा| आज के इस पोस्ट में हम आपको योग दिवस पर निबंध yog diwas par nibandh, antarrashtriya yoga diwas par nibandh, vishwa yoga diwas par nibandh, 21 जून योग दिवस, योग दिवस पर निबंध इन हिंदी, word doc short essay on International yoga day in Hindi व हिंदी एस्से ओन इंटरनेशनल योग डे आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है|

योग दिवस पर निबंध हिंदी में

योग दिवस कब मनाया जाता है:  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत समेत पूरे विश्व भर में 21 जून 2023 को मनाया जाएगा| इस दिन गुरुवार का दिन है|  आइये देखें अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध लिखें| संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित 2023 समारोह के लिए International yoga day 2023 theme को ‘शांति के लिए योग’ रखा गया है यानी की ‘Yoga for Peace.’   International yoga day Hindi essay, International Yoga Day Speech , International yoga day essay in english, योग दिवस पर कविता , अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष, International yoga day Speech in Hindi, योग दिवस पर लेख , World yoga day Nibandh यानी की विश्व योग दिवस पर निबंध हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

योग शरीर और मस्तिष्क को एक साथ सन्तुलित करके प्रकृति से जुड़ने का सबसे सुरक्षित माध्यम है। यह व्यायाम का एक प्रकार है, जिसमें शरीर के संतुलन और आहार, सांस की क्रिया के साथ ही शारीरिक आकृति को भी नियंत्रित करना आवश्यक है।यह शरीर और मस्तिष्क को ध्यान से जोड़ता है और जिसके माध्यम से शरीर को आराम मिलता है। यह शरीर और मस्तिष्क के ऊपर नियंत्रण रखने के साथ ही तनाव और चिन्ता को कम करके शरीर और मस्तिष्क के अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करने में मदद करता है। योग किसी के भी द्वारा विशेषरुप से किशोरों और वयस्कों द्वारा जीवन के लिए आवश्यक सक्रियता के लिए दैनिक आधार पर व्यायाम के रुप में किया जा सकता है। यह जीवन के कठिन समय, स्कूल, मित्र, परिवार और पड़ोसियों के दबाव को कम करने में मदद करता है। योग के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरों के द्वारा दी जाने वाली समस्याओं और तनावों को गायब कर सकता है। यह शरीर, मस्तिष्क और प्रकृति के बीच में आसानी से संपर्क स्थापित कराता है।

विश्व योग दिवस पर निबंध

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Vishwa Yoga Diwas Par Nibandh

योग की उत्पत्ति प्राचीन समय में, योगियों द्वारा भारत में हुई थी। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द से हुई है, जिसके दो अर्थ हैं – एक अर्थ है; जोड़ना और दूसरा अर्थ है – अनुशासन। योग का अभ्यास हमें शरीर और मस्तिष्क के जुड़ाव द्वारा शरीर और मस्तिष्क के अनुशासन को सिखाता है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है, जो शरीर और मस्तिष्क के संतुलन के साथ ही प्रकृति के करीब आने के लिए ध्यान के माध्यम से किया जाता है। यह पहले समय में, हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों द्वारा किया जाता था। यह व्यायाम का ही एक अद्भुत प्रकार है, जो शरीर और मन को नियंत्रित करके जीवन को बेहतर बनाता है। योग हमेशा स्वस्थ जीवन जीने का एक विज्ञान है। यह एक दवा की तरह है, जो हमारे शरीर के अंगों के कार्यों करने के ढ़ंग को नियमित करके विभिन्न बीमारियों को धीरे-धीरे ठीक करता है। वास्तव में, योग वह क्रिया है, जो शरीर के अंगों की गतिविधियों और सांसों को नियंत्रित करता है। यह शरीर और मन, दोनों को प्रकृति से जोड़कर आन्तरिक और बाहरी ताकत को बढ़ावा देता है। यह केवल शारीरिक क्रिया नहीं है, क्योंकि यह एक मनुष्य को मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक विचारों पर नियंत्रण करने के योग्य बनाता है। इसका अभ्यास लोगों के द्वारा किसी भी आयु में किया जा सकता है, जैसे- बचपन, किशोरावस्था, वयस्क या वृद्धावस्था। इसके लिए नियंत्रित सांस के साथ सुरक्षित, धीमें और नियंत्रित शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है। योग और इसके लाभों के बारे में दुनियाभर के लोगों को जागरुक करने के लिए वार्षिक रुप से एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर (अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस) कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

Yoga Diwas Par Nibandh in Hindi

सितंबर 2023 में भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। इसका समर्थन विभिन्न योग चिकित्सकों और दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं द्वारा किया गया। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2023 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया भर में उत्साह के साथ मनाया गया था लेकिन दिल्ली में राजपथ एक अलग ही तरह की जगह है जहाँ इसका अभ्यास किया जा सकता है। इस दिन का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग इकट्ठे हुए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के विभिन्न हिस्सों की कई मशहूर हस्तियों के साथ इस आयोजन का एक हिस्सा बने और यहां योग आसनों का अभ्यास किया। योग का बुखार इसी तरह जारी रहा और दूसरे और तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भी लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ में एक बड़ा आयोजन आयोजित किया गया। तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लखनऊ में भी इसी तरह से एक बड़ा आयोजन किया गया था। भारत के विभिन्न हिस्सों में और साथ ही दुनिया भर में हर साल इस दिन के लिए कई मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई योग आसन हैं जो विभिन्न स्तरों पर काम करते हैं ताकि हमें एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सके। हमें इन सभी के अभ्यास की कोशिश करनी चाहिए और उन योग आसनों की पालना करनी चाहिए जिन्हें करना हमारे लिए फायदेमंद है। एक स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने के लिए चुने हुए योग आसनों का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। योग को एक दिन समर्पित करने के पीछे पूरा विचार यह है कि दुनिया को यह समझने में मदद मिल सके कि इसका नियमित रूप से अभ्यास कर कितना फायदा मिल सकता है।

Short essay on yoga day in Hindi – 200 words

योग सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शरीर और मस्तिष्क के संबंधों में सन्तुलन बनाने में मदद करता है। यह व्यायाम का प्रकार है जो, नियिमित अभ्यास के माध्यम से शारीरिक और मानसिक अनुशासन सीखने में मदद करता है। इसकी बहुत समय पहले भारत में उत्पत्ति हुई थी। पहले समय में, बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म से जुड़े लोग योग और ध्यान का प्रयोग करते थे। योग के बहुत से प्रकार है; जैसे- राज योग, जन योग, भक्ति योग, कर्म योग, हस्त योग। आमतौर पर, हस्त योग के अन्तर्गत बहुत से आसनों का भारत में अभ्यास किया जाता है। योग से होने वाले लाभों और फायदों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए, हरेक साल विश्व स्तर पर एक आयोजन किया जाता है, उसे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कहा जाता है। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस की घोषणा (संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा में) 21 जून को, भारत की पहल और सुझाव के बाद की गयी। योग में प्राणायाम और कपाल-भाति योग क्रियाएं शामिल हैं, जो सबसे ज्यादा प्रभावी सांस की क्रियाएं हैं। इनका नियमित अभ्यास करने से लोगों को सांस संबंधी समस्याओं और उच्च व निम्न रक्तदाब जैसी बीमारियों में आराम मिलता है। योग वो इलाज है, यदि इसका प्रतिदिन नियमित रुप से अभ्यास किया जाए, तो यह बीमारियों से धीरे-धीरे झुटकारा पाने में मदद करता है। यह हमारे आन्तरिक शरीर में कुछ सकारात्मक बदलाव लाता है और शरीर के अंगों की प्रक्रिया को नियमित करता है। विशेष प्रकार के योग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किए जाते हैं, इसलिए केवल आवश्यक और सुझाये गए योग का ही अभ्यास करना चाहिए।

योग डे एस्से – 250 words

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International Yoga Day Essay in Hindi

यह भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का विचार दिया था। इस प्रकार से वे पूरे भारत के साथ इस दृष्टिकोण को संपूर्ण रूप से साझा करना चाहते थे जो पूरे विश्व के लिए उत्पन्न हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने इस प्रस्ताव को पसंद किया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह वर्ष 2023 में पहली बार मनाया गया था। माना जाता है कि भारतीय पौराणिक युग से योग की जड़े जुडी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया। शिव, जिन्हें आदि योगी के रूप में भी माना जाता है, को दुनिया के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है। सामान्यत तौर पर यह माना जाता है कि यह उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5000 साल पहले इस शानदार कला की शुरूआत की थी। ऋग्वेद में पहली बार इस अवधि का उल्लेख किया है। हालांकि योग की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पन्तजलि द्वारा की गई है। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया, ने सुझाव दिया कि यह 21 जून को मनाया जाना चाहिए। उनके द्वारा सुझाई गई इस तारीख का कारण सामान्य नहीं था। इस अवसर को मनाने के लिए प्रस्तावित कुछ कारण हैं। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और इसे ग्रीष्मकालीन अस्थिरता कहा जाता है। यह दक्षिणाइया का एक संक्रमण प्रतीक है जिसे माना जाता है कि यह एक ऐसी अवधि होती है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि माना जाता है।

योग दिवस निबंध मराठी

सुरक्षित, सोपी आणि स्वस्थ मार्ग योग नाही. ह्यासाठी केवळ शरीर कृती आणि श्वास घेणे योग्य पद्धतींचे नियमित अभ्यास करण्याची आवश्यकता आहे. हे शरीर चे तीन मुख्य घटक; शरीर, मन आणि आत्मा यांच्यातील संपर्काचे नियमितकरण करणे हे शरीराचे सर्व अंगांचे कार्यकलाप नियमित करते आणि काही खराब परिस्थिती आणि अस्वास्थ्यकर जीवनशैलीमुळे शरीर आणि मनसंक्रमण करण्यापासून त्रास होतो. हे आरोग्य, ज्ञान आणि अंतराळ शांतता राखण्यासाठी मदत करते. चांगले आरोग्य देण्याने हे भौतिक गरजेनुसार पूर्ण करते, ज्ञानाने माध्यमाने ते मानसिक गरजा पूर्ण करते आणि आंतरिक शांती द्वारे या आध्यात्मिक गरजेची पूर्ती होते, तर अशा प्रकारे आपण सर्वांच्या सहवासात टिकू शकतो मदत करते दिवसाचे योगाचे नियमित अभ्यास आम्हाला अगाऊ शारीरिक आणि मानसिक घटकांपासून त्रासदायक दूर ठेवून बाह्य आणि आंतरिक आराम मिळतो. योगाचे विविध आसन मानसिक आणि शारीरिक मजबूतीबरोबरच चांगलेपणाची भावना निर्माण होते. हे मानव मनशक्तीला गतिमान करते, बौद्धिक पातळी सुधारते आणि भावनांना स्थिर ठेवून उच्च पातळीच्या एकाग्रता मध्ये मदत करते. चांगलं होण्याची भावना जागृत करते, सामाजिक सुधारणांना प्रोत्साहन देते. एकाग्रता च्या पातळीत सुधारित मन मध्ये मदत करते आणि मंथन अंतर्गत शांतता प्रदान करते योग वापरलेला दर्शन आहे, जो नियमित अभ्यासांद्वारे स्व-अनुशासन आणि आत्म जागरुकता विकसित करतो.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

योग प्राचीन समय से मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया बहुत ही महत्वपूर्ण और अनमोल उपहार है, जो जीवन भर मनुष्य को प्रकृति के साथ जोड़कर रखता है। यह शरीर और मस्तिष्क के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए, इन दोनों को संयुक्त करने का सबसे अच्छा अभ्यास है। यह एक व्यक्ति को सभी आयामों पर, जैसे- शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर नियंत्रण के द्वारा उच्च स्तर की संवेदनशीलता प्रदान करता है। स्कूल और कॉलेज में विद्यार्थियों की बहतरी के साथ ही पढ़ाई पर उनकी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए योग के दैनिक अभ्यास को बढ़ावा दिया जाता है। यह लोगों द्वारा किया जाने वाला व्यवस्थित प्रयास है, जो पूरे शरीर में उपस्थित सभी अलग-अलग प्राकृतिक तत्वों के अस्तित्व पर नियंत्रण करके व्यक्तित्व में सुधार लाने के लिए किया जाता है। योग के सभी आसनों से लाभ प्राप्त करने के लिए सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता है। योग का अभ्यास आन्तरिक ऊर्जा को नियंत्रित करने के द्वारा शरीर और मस्तिष्क में आत्म-विकास के माध्यम से आत्मिक प्रगति को लाना है। योग के दौरान श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन लेना और छोड़ना सबसे मुख्य वस्तु है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करना हमें बहुत सी बीमारियों से बचाने के साथ ही भयानक बीमारियों; जैसे- कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज़), उच्च व निम्न रक्त दाब, हृदय रोग, किडनी का खराब होना, लीवर का खराब होना, गले की समस्याओं और अन्य बहुत सी मानसिक बीमारियों से भी बचाव करता है। आजकल, लोगों के जीवन को बेहतर करने के लिएफिर से योग का अभ्यास करने की आवश्यकता है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास शरीर को आन्तरिक और बाहरी ताकत प्रदान करता है। यह शरीर के प्रतिरोधी प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है, इस प्रकार यह विभिन्न और अलग-अलग बीमारियों से बचाव करता है। यदि योग को नियमित रुप से किया जाए तो यह दवाईयों का दूसरा विकल्प हो सकता है। यह प्रतिदिन खाई जाने वाली भारी दवाईयों के दुष्प्रभावों को भी कम करता है। प्राणायाम और कपाल-भाति जैसे योगों को करने का सबसे अच्छा समय सुबह का समय है, क्योंकि यह शरीर और मन पर नियंत्रण करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करता है।

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योग दिवस पर निबंध 2023 | अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस | Yoga Essay in Hindi | Yoga Diwas Essay Hindi | PDF Download

b l kumawat

June 20, 2023

Yoga Diwas Essay

Yoga Day , Yoga Diwas

दोस्तो किसी ने बिल्कुल सही कहा है, जो व्यक्ति नियमित योग करता है, वह हमेशा स्वस्थ और रोगमुक्त रहता है । जैसा की आप सभी जानते है कि Yoga हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। योग न केवल स्वस्थ शरीर के लिए बल्कि एक स्वस्थ मन के लिए भी बहुत आवश्यक है । तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको योग दिवस पर निबंध (Yoga Diwas Essay Hindi) प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे आपको निबंध का हिंदी PDF प्रारूप तो मिलेगा ही लेकिन इसके साथ ही अगर आप Class 4 से लेकर 10 Class तक के स्टूडेंट है तो आप इसे आसानी से उपयोग में भी ले पाएंगे ।

यह निबंध आपको अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 (International yoga Day) पर भाषण देने अथवा अन्य किसी भी कंपीटिशन में हिस्सा लेने के लिए बेहद उपयोगी रहेगा। आपकी सहायता के लिए हमने Yoga Essay in Hindi PDF प्रारूप में भी योग से जुड़ी जानकारियां अपलोड की है जिसे आप आसानी से समझ पाएंगे। इसके साथ ही हमने  योग पर निबंध 150 और 200 शब्दों के प्रारूप में भी लिखा है , जिसे आप स्कूल या कॉलेज प्रोजेक्ट्स में भी उपयोग में ले सकते है। तो आज का आर्टिकल आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है तो इसलिए आप इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े.

“जिसने योग को अपनाया उसने रोग को हमेशा के लिए  दूर भगाया।”

Yoga Essay in Hindi

तो आज के इस लेख में हम आपके लिए योग पर हिंदी में निबंध (Essay in Hindi on yoga) लिखेंगे। योग पर लिखा हुआ यह निबंध school के विद्यार्थियों के साथ collage students के लिए भी बहुत उपयोगी है । Yoga Essay in Hindi को आप अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए भी उपयोग में ले सकते है। इसके साथ ही Yoga Diwas Essay Hindi PDF प्रारूप भी हम आपको उपलब्ध करवा रहे है। जिसे सही और सटीक तरह से समझना आपके लिए बहुत आसान हो जाएगा। योग के अर्थ से लेकर योग की क्रियाएं और प्रमुख योगासन जैसे विषयों को भी हम आज के इस लेख के माध्यम से आपको विस्तारपूर्ण बताएंगे

योग दिवस से सम्बंधित लेख

Yoga Diwas 2023 बारे में तो सभी बात करते है लेकिन क्या आप ये जानते है कि आखिर किसने शुरआत की थी Yoga Diwas की? और कितने सालों से चली आ रही है ये योग की परंपरा? योग की कितनी क्रियाएं है? और कौनसे प्रमुख योगासन है? जैसे कई तरह के सवाल आपके दिमाग में भी जरूर उठ रहे होंगे तो आज का हमारा ये आर्टिकल Yoga Par Nibandh आपके लिए ही है । तो चलिए शुरू करते है …..

योग दिवस पर निबंध 2023 | Yoga Par Nibandh Hindi

Yoga वह क्रिया है जिसमें शरीर के विभिन्न भागों को एक साथ लाकर शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को सन्तुलित करने का कार्य किया जाता है। Yoga हमारी हेल्थ को स्वस्थ रखने के साथ साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखने में बहुत बड़ी मदद करता है । गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति अगर योग नियमित करे तो उसकी बीमारी का अंत भी जल्द ही हो सकता है। परंतु इसको करने के नियम भी आपको सही और सटीक आने चाहिए।

अगर योग के नियम का सही ज्ञान अगर हमे नहीं है तो उसका उल्टा असर हमारे शरीर पर दिखने लगेगा। ऐसा नही हो कभी इसके लिए आपको सही गुरू मिलना बेहद जरूरी है। yoga करने से मनुष्य का शरीर लचीला हो जाता है और वह अपने शरीर को जैसे चाहे मोड़ सकता है। इसके साथ ही योग को नियमित करने से कईं बीमारियाँ जैसे:- ह्रदय रोग, रक्तचाप की समस्या, आदि का निवारण किया जा सकता है।

हर इंसान के जीवन में योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है . इससे न केवल शरीर की बीमारियों से बल्कि मानसिक परेशानियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। योग  मन, मस्तिष्क और आत्मा को एक साथ लाने में सक्षम होता है। योग का सामान्य भाव जुड़ना है या ये भी कहा जा सकता है कि दो तत्वों का मिलन ही योग कहलाता है। अगर आपको लगता है कि शरीर को मोड़ना योग है, तो आपको बता दें कि यह सिर्फ शरीर को अतरंग तरीके से मोड़ने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह तो अपने मन शरीर और श्वास की देखभाल के लिए भी किया जाता है। जब इसे सही तरीके से करने की प्रक्रिया हमे आ जाए, तो समझो कि हम योग की कला में निपुण हो गए है। 

world yoga day essay in hindi

योग का महत्व | Yoga Ka Mahatva

माना जाता है कि उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता ने 5000 साल पहले इस अनूठी कला की शुरूआत की थी। और पहली बार ऋग्वेद में इस अवधि का उल्लेख किया है। हालांकि आपको बता दे कि योग की पहली सही और सटीक प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पन्तजलि (Patanjali) द्वारा की गई है । यही वजह है कि महर्षि पतंजलि औपचारिक योग दर्शन के जनक माने जाते हैं। वही हिन्दू धर्म में साधु, संन्यासियों द्वारा योग की कला को शुरू से ही अपनाया जा रहा है। बस आम लोगो में इस कला का विस्तार अभी हाल ही में हुआ  है । लेकिन फिर भी देशभर के अधिकांश लोग योग के महत्व को समझते हैं।

यही कारण है कि बड़े पैमाने पर लोगो द्वारा योग को अपनाया जा रहा है। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके लिए योग दिवस पर निबंध (Essay in Hindi on yoga) प्रस्तुत करेंगे जिसमे योग के प्रकारों के साथ साथ विभिन्न प्रकार के आसनों का भी विस्तारपूर्ण विवरण करेंगे । इसके साथ ही आपके लिए Yoga Par Nibandh 150 एवं 200 शब्दों में भी प्रस्तुत किया जा रहा है जिसे 3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 के स्टूडेंट्स भी आसानी से समझ पाएंगे ।

Yoga Day Essay in 150 Words | योग पर निबंध 150 शब्दों में

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको योग पर निबंध 150 शब्दों में (Yoga Diwas Essay 150 words) प्रस्तुत कर रहे हैं। जो आपके लिए अतिउपयोगी हैं। मन-शरीर को संतुलित करके प्रकृति से जुड़ने के लिए योग सबसे अनूठी क्रिया है। Yoga तनाव और चिंता को कम करता है। योग करने से कईं बीमारियाँ जैसे:- ह्रदय रोग, रक्तचाप की समस्या, आदि का निवारण किया जा सकता है। योग करने से कभी भी मोटापा नहीं आता है और आपका शरीर जल्दी से थकता भी नहीं है। और सबसे बड़ी बात की जहा इंसान आज की रोजमर्रा जिंदगी में परेशान है वहा यही yoga इन छोटी और बड़ी परेशानियों से छुटकारा दिला सकता है। 

वैसे तनाव का होना इन दिनों एक आम बात है इससे मन और शरीर दोनो पर बुरा प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण लोगों को सिरदर्द,पेट दर्द,पीठ दर्द, अनिंद्रा, क्रोध, तेजी से ह्रदय का धड़कना जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन सभी प्रकार की समस्याओं के लिए योग एक प्रभावी क्रिया है क्योंकि इंसान को तनाव कम करने के साथ ही शरीर की कई बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। योग बहुत सुरक्षित क्रिया है जिसे बच्चों और बूढों द्वारा भी अभ्यास के साथ किया जा सकता है। इसमें कोई किसी तरह की मशीन का प्रयोग नहीं किया जाता बल्कि Yoga केवल शरीर की हरकतें हैं। योग न केवल मन को आराम देता है बल्कि शरीर को भी लचीलापन देता है।

योग पर निबंध 200 शब्दों में | Yoga Diwas Nibandi 200 Words

अब हम यहां आपको योग पर निबंध 200 शब्दों में (Yoga Diwas Essay 200 words) शब्दों में प्रस्तुत करने जा रहे हैं जिसे आप अपने स्कूल या कॉलेज में प्रोजेक्ट के लिए या कंपटीशन के लिए भी उपयोग में ले सकते है। 

Yoga एक ऐसी परंपरा है जो हजारों वर्ष से चली आ रही है ,पुराने लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिए और लंबे समय तक जीने के लिए और गहन चिंतन के लिए योग की आवश्यकता पड़ती थी। इतना ही नहीं योग इन लोगों की एक तरह से आदत भी बन चुकी थी। हालांकि अब अधिकांश लोग अपने बिज़ी स्कैड्यूल के बाद भी योग के लिए समय निकाल ही लेते हैं यही कारण है कि आज Yoga हर जगह इतना लोकप्रिय होता जा रहा है।

क्योंकि लोगो का मानना है कि योग करने से शरीर, मन और आत्मा का संतुलन प्राप्त होता है। सुबह सुबह ध्यान करने से मनुष्य का मन और शरीर में सामंजस्य बना रहता है । योग व्यायाम का एक हिस्सा है जो कि शरीर और मन को नियंत्रित करके जीवन जीने की कला सिखाता है। इसके साथ ही लोगों को स्वस्थ जीवन और लंबे जीवन जीने में सहायता प्रदान करता है।

योग पर निबंध कक्षा 4,5,6,7,8,9,10 | Yoga Diwas Essay Class 4th to 12th

योग पर निबंध कक्षा 4,5,6 से लेकर 12 तक विद्यार्थियों को अक्सर प्रतियोगिता के लिए दिया जाता है।जब उन्हें प्रतियोगिता में निबंध (Yoga Diwas Essay in Hindi) देखने के लिए कहा जाता है तब आपके सामने एक सामान्य सी समस्या आती है कि वह ये सारी इनफॉरमेशन को वह कहां से निकालें। तो विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए हम लोगो ने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको International Yoga Diwas Essay in Hindi PDF उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसमें योग से जुड़ी हुई सारे विषय जैसे योग की क्रियाएं,उपयोगिता और योग के प्रमुख योगासन का विस्तारपूर्ण विवरण दिया है। आप इसे डाउनलोड करके अपने स्कूल या कॉलेज में कंपटीशन फाइट करने के साथ साथ प्रोजेक्ट्स भी बना पाएंगे। और हमे पूरा विश्वास है कि यह Yoga Day Essay Class 4,5,6,7,8,9,10,11,12th के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगा ।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

अब इस आर्टिकल के माध्यम से हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर (International Yoga day Essay in Hindi) निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं जिसमें हम योग की क्रियाएं प्रमुख योगासन योग की उपयोगिता से संबंधित सारी जानकारी आपको विस्तार पूर्ण देंगे ।

प्रस्तावना 

जैसा की आप सभी जानते हैं की पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) पूरे विश्व में 21 जून 2015 को धूमधाम से मनाया गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस दिन लाखों-करोड़ों लोगों ने विश्व भर में सामूहिक रूप से योग किया जो कि एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड था। हमारे देश के माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ही इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की पहल की थी।

आपको बता दे कि मोदी जी ने सितंबर 2014 में राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव रखा था। और इस सुझाव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि योग दिवस(yoga diwas) को 21 जून को मनाया जाना चाहिए ,क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है ।

संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए  प्रस्ताव पर गौर किया गया और काफी विचार के बाद इसे मंजूरी दी गई । जिसके चलते पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) 21 जून 2015 को मनाया गया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ( international yoga day)पर सारे देशों के लोग सामूहिक रूप से योग करते नजर आते है । इसी के साथ सभी जगह योग शिविर का भी आयोजन किया जाता है । लाखो की संख्या में लोग इस दिन इन योग शिविरों में पार्टिसिपेट करते है। और बड़े ही उत्साह के साथ योग पर विचार विमर्श भी करते है। इस प्रकार देश में बड़े पैमाने पर इसे मनाया जाता है । योग इंसान के मन, शरीर और आत्मा को एकाग्र करने के योग्य बनाता है । योग से न केवल हम फिजिकली स्वस्थ रहते है बल्कि योग हमे mentally भी स्ट्रॉन्ग करता है । इस अनोखे आनंद को पाने के लिए हो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) मनाया जाता है।

Yoga Diwas in Hindi | योग का अर्थ

योग, संस्कृत के यज् धातु से बना है, जिसका अर्थ है, संचालित करना, सम्बद्ध करना, सम्मिलित करना अथवा जोड़ना। यानी कीशरीर एवं आत्मा का मिलन ही योग कहलाता है। योग शरीर और आत्मा जोड़े रखने की एक प्रक्रिया है। योग प्राचीन समय में भारतीय समाज में ही फैला हुआ था परंतु आधुनिक समय में यह समूचे विश्व में पहुंच चुका है और आज हर देश में योग के संबंध में शैक्षणिक, कार्य किए जा रहे हैं साथ हर देश में योग प्रशिक्षण अपने चरम सीमा पर है।

योग की उपयोगिता 

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हमारे जीवन में योग अत्यन्त उपयोगी है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य में शारीरिक विकासके साथ-साथ मानसिक विकास में बहुत बढ़ोतरी हुई है और इसके साथ ही दवाइयां जो कि केमिकल से बनी होती है ,ऐसी स्थिति में योग एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है जो मनुष्य को न केवल निरोगी बनाता है बल्कि किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। इस आधुनिक युग में मनुष्य को अपने शरीर को छोड़कर हर चीज के लिए समय है ऐसी स्थिति में यदि कोई भी मनुष्य सुबह के कुछ घंटे ही जब योग के माध्यम से अपने शरीर को देता है तो ना केवल वह शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं उनकी कार्यशैली में भी व्यापकता आती है।

इसी के साथ योग से मनुष्य न केवल स्वस्थ रहता है बल्कि तनावमुक्त जीवन भी जीता है। इसलिए हमारे जीवन में मानसिक , शारीरिक, और बौद्धिक आज के लिए योग अति आवश्यक है।मानव शरीर के कई ऐसे हैं जो निरंतर कार्य करते हैं जिसमें हमारा रहे हैं जो निरंतर कार्य करता है ऐसी स्थिति में योगी एक ऐसा उपाय है जो हृदय को स्वस्थ तथा गतिशील कार्य करने के लिए मजबूत बनाता है। तो एक तरह से देखा जाए हमारे दैनिक जीवन yoga  कितना उपयोगी है ।

योग क्रियाएं

पूर्ण शुद्धि के लिए योग में 6 क्रियाएं निम्न लिखित है। 

1. नेति – नासिका मार्ग और नासिका को शुद्ध करें

योग में नेति क्रिया

2.कपालभाति – मस्तिष्क को शुद्ध करने के लिए मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय करना।

3. त्राटक – अपने दृश्य तंत्र को शुद्ध करें

4. नौली – महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों की सफाई

5. धौति – आंतों की शुद्धि

6. वस्ति – योगिक एनीमा से मलाशय को साफ करें

प्रमुख योगासन

योग के प्रमुख आसन इस प्रकार है जो अधिकांश लोगो द्वारा किए जाते है ।

  • अर्धमत्स्येन्द्रासन
  • बद्धपद्मासन
  • अंजलिमुद्रा
  • अर्धचन्द्रासन
  • बद्धगोमुखासन
  • गर्भासन प्रमुख है। 

योग विश्व को भारत की सौगात है। मनुष्य के शरीर को स्थिरता और सुखद अनुभव योग के माध्यम से दिया जा सकता है ।योग मानव शरीर को स्वस्थ रखने का अनूठा तरीका है  योग शारीरिक अवस्था के साथ-साथ मानसिक अवस्था को भी स्वस्थ एवं तंदुरुस्त बनाता है।

आज की आवश्यकता को देखते हुए योग शिक्षा की बेहद आवश्यकता है। क्योंकि कहा जाता है” पहला सुख निरोगी काया”. इसलिए यदि मनुष्य का शरीर स्वस्थ है तो वह दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। आज विश्व में बढ़ प्रदूषण प्रदूषण और मानसिक विकारों के निदान के लिए योग एकमात्र ही उपाय हैं।

योग पर निबंध 10 लाइन | Yoga Diwas Essay 10 Lines

1. आसन करने के लिए शांत स्वच्छ एवं खुले स्थान का चयन करना चाहिए।

2. योगा करते समय हल्के तथा ढीले वस्त्र पहने चाहिए

3. योग एक अभ्यास है जिसे धीरे-धीरे बढ़ाया जाना चाहिए और निरंतरता ही इसकी सही परिभाषा है परिभाषा।

4. योग मनुष्य के शरीर और मानसिक रूप से मजबूत तथा स्वस्थ बनाता है।

5. योग करते समय थोड़ी  देर के लिए विश्राम भी आवश्यक है जो योगासन करते समय आपके मन को  शांत करता है।

6. योग प्रसन्नता से एवं एकाग्रता से किया जाना चाहिए योग करते समय बातचीत नहीं करना चाहिए।

7. योग करने के लिए उत्तम समय प्रातः काल या सायकाल है परंतु योग करते समय पेट खाली रहना चाहिए।

8. योग एक साधना है जिसे पूर्ण एकाग्रता तथा स्थिरता से किया जाना चाहिए।

9. योग एक प्रक्रिया है जिसे पहले सरल आसन से प्रारंभ करना चाहिए और अभ्यास के आधार पर ही इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए.

10. सामान्य तौर पर योग करने के बाद आधे घंटे तक ना तो स्नान करना चाहिए ना कुछ खाना चाहिए।

Yoga Diwas Essay Hindi PDF

Yoga Par Nibandh से जुड़ी और भी कई जानकारियां आप नीचे दिए गए Yoga Diwas Essay PDF को डाउनलोड करके प्राप्त कर सकते है ।

FAQ’s Yoga Diwas Essay Hindi | योग दिवस पर निबंध

Q. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है.

Ans. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) हर साल 21 जून को मनाया जाता है।

Q. योग का क्या अर्थ है,?

Ans. योग, संस्कृत के यज् धातु से बना है, जिसका अर्थ है, संचालित करना, सम्बद्ध करना, सम्मिलित करना अथवा जोड़ना। यानी की शरीर एवं आत्मा का मिलन ही योग कहलाता है।

Q. औपचारिक योग दर्शन के जनक कौन हैं?

Ans. महर्षि पतंजलि औपचारिक योग दर्शन के जनक माने जाते हैं।

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योग दिवस पर निबंध – International Yoga Day In Hindi Essay

International yoga day in hindi essay, योग दिवस पर निबंध.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है, जो की पूरे विश्व में भारत के प्राचीनतम कला साधना योग के बारे में पूरे विश्व को अवगत कराना होता है, तो चलिए इस योग दिवस के शुभ अवसर पर International Yoga Day के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबन्ध Yoga Day Essay in Hindi बताने जा रहे है.

जिसे आप इस योग दिवस के अवसर पर लोगो के बीच शेयर कर सकते है, तो चलिए इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस निबन्ध, International Yoga Day Essay in Hindi, Yoga Diwas Nibandh, विश्व योग दिवस निबन्ध को जानते है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हिन्दी निबन्ध

International yoga day essay in hindi.

तो योग के इसी महत्ता को देखते हुए भारत के नेतृत्व में पूरे विश्व में 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है.

Table of Contents :-

21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुआ

International yoga day in hindi.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 21 June 2015 को पहली बार पूरे विश्व स्तर पर मनाया गया, जिसका श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिसकी पहल 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र (United Nation Organization) में अपने भाषण से किया था और कहा था –

“योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, यह हमारे दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है, यह हम मनुष्यों का प्रकृति के बीच एक सामंजस्य है विचारो को संयम प्रदान करने वाला है, स्वास्थ्य और सहायता के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है,

जिसके बाद भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के इस पहल के बाद 21 June को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Diwas) मनाने का फैसला लिया गया, जो की United Nation Organization के 193 सदस्यों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी.

संयुक्त राष्ट्र के घोषणा करने के बाद, श्री श्री रविशंकर ने Narendra Modi के प्रयासों की सराहना करते है कहा : –

“किसी भी दर्शन, धर्म या संस्कृति के लिए राज्य के संरक्षण के बिना जीवित रहना बहुत मुश्किल है। योग लगभग एक अनाथ की तरह अब तक अस्तित्व में था। अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता योग के लाभ को विश्वभर में फैलाएगी।” — Shri Shri Ravishankar .

योग क्या है

Yoga in hindi.

आजकल हमारे शरीर को जब भी कोई रोग लगता है उसका कही न कही हमारे खुद के तनाव जरुर होता है यानि हम तनाव में होते है तो हमारी रोज की जीवन प्रभावित होने लगता है. और कही न कही हमारे शरीर के स्वास्थ्य जरुर प्रभावित होता है, या सीधे तौर हम कह सकते है की हमारे तनाव की वजह से इन बीमारियों का आगमन होता है.

योग का सबसे मुख्य पक्ष यही है की हमारे द्वारा लिए जाने वाले साँस और गति पर तालमेल स्थापित करना है, यदि हम योग के द्वारा अपने सांस लेने की गति में तालमेल बैठाते है तो जिससे हमारा शरीर और मन शांति की अवस्था में चला जाता है.

योग पर 35 नारे हिन्दी स्लोगन

जब हम तनाव की स्थिति में होते है तो हमारा Nervous System काफी हद तक सक्रीय हो जाता है जिसके चलते हमे जल्द ही थकान का असर होने लगता है हमारा शरीर उस वर्तमान स्थिति को झेलने में असक्षम हो जाता है जिसके चलते हम मानसिक तनाव का शिकार हो जाते है.

इसलिए हमे इस तनाव के चक्र को तोड़ने के लिए अपने सांस लेने की प्रक्रिया पर नियंत्रण करे तो काफी हद तक हम अपने आप से तनाव को कम कर सकते है.

योग कैसे करे

Yoga kaise kare.

अगर हमारे पास कम समय हो तो रोज मुश्किल से 15 – 20 मिनट योग करना ही प्रयाप्त है योग के सबसे अच्छा समय सुबह को ही माना जाता है क्यू की प्रातकाल में air एकदम शुद्ध रहता है और वातावरण एकदम शांत रहता है तो हमारा मन योग करते समय इधर उधर नही भटकता है.

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अगर हम कई लोग एकसाथ मिलकर एक साथ कर रहे है तो इसका आनंद कुछ और ही होता है अब तो योग के हर जगह Yoga Class भी खुल गये है जहा कई लोग एकसाथ मिलकर एक साथ योग करते है.

योग करने के फायदे

Benefits of doing yoga | yoga karne ke fayde.

योग एक ऐसी प्रकिया है जिसमे हम अपने शरीर, मन और आत्मा तीनो को एक साथ स्थिर एक जगह ध्यान केन्द्रित करने पर करते है योग के माध्यम से हम अपने साँसों लेने की प्रक्रिया पर पूरा नियंत्रण रख पाते है.

तो आईए जानते है की हमे योग से किन किन चीजो का फायदा मिलता है –

1: – योग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम अपने मन पर नियंत्रित रख पाते है योग का प्रयोग हमेसा से कही न कही शारीरिक, मानसिक और आध्यत्मिक रूप में किया जाता ही है और आज के वैज्ञानिक और डॉक्टर भी इसे इंसानों के लिए वरदान के रूप में मान चुके है.

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2:- यदि हम व्यायाम करते है तो हमारे शरीर के किसी विशेस अंग पर ही प्रभाव होता है लेकिन योग के द्वारा हम अपनी साँसों पर नियंत्रण रख कर पूरी शरीर को एक ऐसी प्रक्रिया से गुजराते है की हमारे शरीर के प्रत्येक अंग का व्यायाम हो जाता है और और अंदर बाहर सभी शरीर के अंग सुचारू रूप से काम करने लगते है.

योग पर 20 अनमोल विचार

3:- नियमित योग करने से हमारा शरीर किसी भी रोग से लड़ने के लिए सक्षम हो जाता है और हम योग के द्वारा एक हेल्थी और लम्बी आयु का निरोगी जीवन बिता सकते है.

4:- तरह तरह योग आसन द्वारा हमारे शरीर की सभी मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है जिससे की हमारा कमजोर शरीर भी मजबूत और सुडौल बन जाता है.

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5:- नियमित योग करने से हमारा शरीर का अच्छा व्यायाम होता है जिससे की हमारी मानसिक तनाव भी बहुत कम हो जाती है और हम थकान से भी दूर हो जाते है,

जिसके कारण हमे समय से अच्छी भूख और अच्छी नीद भी आती है जिसके चलते हमारा पाचन तंत्र भी सही रहता है, और हम रोगों से कोसो दूर रह पाते है.

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6:- योग के द्वारा हम सांस लेने की प्रकिया पर पूरा नियंत्रित रख पाते है जिसके चलते हमारे शरीर के फेफड़ो का उचित ढंग से व्यायाम होता है तो हमे सांस लेने और फेफड़े की गंभीर बीमारियों से बच पाते है.

और सही स्वास प्रक्रिया के चलते हमारे पूरे शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और हम हस्टपुष्ट जीवन जी पाते है.

7:- योग में ध्यान का विशेस स्थान होता है जिसके चलते हमारा ध्यान हम खुद से एक जगह पर केन्द्रित रख पाते है जिसके चलते यदि हम कोई भी काम करे तो हमारा सारा ध्यान उस काम में 100% लगा रहेगा और फिर उस काम को हम काफी सफल तरीके से कर सकते है.

8:- योग करने से हमारे शरीर की तमाम विकृतिया दूर हो जाती है जैसे की तेज तेज सांस लेना, सांस लेने से जुडी तमाम बिमारिया, Sugar Level, ब्लडप्रेशर जैसी भयंकर बीमारियों पर भी हम नियंत्रण रख पाते है.

9:- योग के द्वारा हमे लगातार सीट पर बैठकर काम करने से हमारे शरीर, कमर और पैरो में आने वाली खिचाव से भी मुक्ति मिलता है एक लम्बे योगासन के द्वारा हम काफी हद तक इस तरह से आने वाली हमारे शरीर पर परेशानियों से खुद को दूर कर पाते है.

10:- योग के द्वारा हमारे शरीर ही रोगों से लड़ने की क्षमता बड़ती है जिसके चलते हमे तमाम तरह के दवाईयों से भी मुक्ति मिलती है और हम स्वस्थ्य जीवन बिता पातें है.

तो आईये हम सब इस योग दिवस पर प्रण ले की हम सभी योग जरुर करेगे और अपने जीवन को स्वस्थ और सफल बनायेंगे.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर :- Yoga Day FAQ

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब है ?

Ans :- 21 जून को

Q : पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया था ?

Ans :- 2015 में

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत किसने की ?

Ans :- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे मनाते हैं ?

Ans :- योगा करके अपने शरीर को तंदुरुस्त रखते हैं.

Q : योग का लक्ष्य क्या है ?

Ans :- योग के लक्ष्य के जरिये सबको स्वस्थ्य बनाना है.

Q : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य क्या है ?

Ans :- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिये विश्व के सभी लोगो को अच्छे स्वास्थ्य प्रदान कराना है.

निष्कर्ष :-

तो योग दिवस के इस निबंध में हमने योग दिवस पर निबंध के बारे जाना और साथ में यह भी जाना की ये योग क्या है, योग करने के फायदे क्या है, योग कैसे करे, 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुआ। तो ऐसे में यदि International Yoga Day Essay in Hindi के बारे में कुछ पूछना चाहते है तो हमे कमेंट करके पूछ सकते है

इनके बारे में भी पढ़े :-

  • विश्व जनसँख्या दिवस निबन्ध भाषण
  • योगा टीचर कैसे बने
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world yoga day essay in hindi

योग के महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Yoga in Hindi

Essay on Importance of Yoga in Hindi

योग एक ऐसी क्रिया है, जो न सिर्फ मनुष्य को शरीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रखने में उसकी मद्द करती है, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में भी मद्द करती है।

योग कर कोई भी व्यक्ति पूर्ण रुप से निरोगी रह सकता है एवं सफल, स्वस्थ और शांतिपूर्ण तरीके से अपने जीवन का निर्वहन कर सकता है। नियमित योग करने के कई फायदे हैं।इसलिए अब विश्व भर में योग को खास महत्व दिया रहा है।

वहीं योग को प्राथमिकता देने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अब हर साल 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है। इसके अलावा योग के फायदों के बारे में बच्चों को समझाने के लिए और योग करने को लेकर प्रेरित करने एवं उनके लेखन कौशल में विकास करने के मकसद से स्कूलों में विद्यार्थियों को योग के महत्व के विषय पर कई बार निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस पोस्ट इस विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

Essay on Importance of Yoga in Hindi

योग का जीवन में महत्व – Importance of Yoga in Our Life

किसी भी व्यक्ति को सुखी एवं स्वस्थ रखने में योग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक रुप से फिट रहता है। युवा हो या फिर बुजुर्ग सभी के जीवन में योग सामान रुप से लाभकारी है।

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर दिन भर में 15 मिनट भी योग के लिए दिए जाएं तो इससे अनगिनत लाभ पहुंचते हैं।

इसके साथ ही यह जीवन की कठिन परिस्थियों में मनुष्य के तनाव और चिंता को कम कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और मनुष्य के अंदर आत्मविश्वास की भावना पैदा करता है। योग मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क, मन, आत्मा एवं प्रकृति के बीच एक अच्छा संतुलन स्थापित करता है।

योग के प्रमुख कारण – Causes of Yoga

  • मनुष्य को निरोगी रखना
  • व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक रुप से विकास करना।
  • सकारात्मकता की भावना विकसित करना।
  • आत्म चिंतन में मद्द करना।

योग के अलग-अलग प्रकार – Types of Yoga

  • योग अलग-अलग तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ योग के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –
  • राज योग – इसके तहत पदमासन, सूर्य नमस्कार जैसे आसन शामिल हैं, जिन्हें करने से शऱीर में फुर्ती रहती है।
  • भक्ति योग – भक्ति योग मुख्य रुप से व्यक्ति के तनाव को कम करने और डिप्रेशन को भगाने में सहायक होता है।
  • कर्म योग – कर्म योग करने से मुख्यत: मोटापे जैसी बीमारी नहीं होती है, इसमें मनुष्य की मांसपेशियां और दिमाग दोनों काम करते हैं।
  • हठ योग – आमतौर पर पूरे दुनिया में हठ योग सबसे ज्यादा किया जाता है, इसमें कई तरह के प्रसिद्ध आसन जैसे – भजुंगासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, कपालभांति, अनुलोग, विलोग, सूर्य नमस्कार जैसे कई व्यायाम शामिल होते हैं।
  • ज्ञान योग – मुख्य रुप से मन की शांति के लिए किए जाने वाले योग इसमें शामिल हैं।

योग के आसन – Yoga ke Aasan

योग में कई तरह के आसन शामिल होते हैं, जिनमें सबका अपना अलग-अलग महत्व होता है। व्यक्ति के शरीर के प्रत्येक अंग को स्वस्थ रखने के लिए और सही आकार देने के लिए इन आसनों को किया जाता है।

वहीं योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक कुल 84 आसन होते हैं, जिनमें से मयूरासन¸ पद्मासन¸ धनुरासन¸ पर्वतासन¸ भुजंगासन¸ शलभासन¸ कोणासन¸ सर्वांगासन¸ गोमुखासन¸ सिंहासन¸ बज्रासन¸ गरूड़ासन, मत्स्यासन¸ पश्चिमोत्तानासन¸ हलासन¸ चतुष्कोणासन¸ स्वस्तिकासन¸ त्रिकोणामन¸ श्वासन¸ शीर्षासन¸ ताड़ासन¸ आदि सबसे ज्यादा किए जाने वाले आसन हैं।

नियमित रुप से योग करने से मिलने वाले लाभ – Benefits of Yoga

योग करने से मनुष्य को शारीरिक, मानसिक, एवं आध्यात्मिक रुप से कई तरह से लाभ पहुंचता है, जिनमें से कुछ लाभों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –

  • योग, मनुष्य को स्वस्थ रहने में मद्द करता है।
  • मनुष्य के मानिसक विकास करने में सहायक होता है।
  • योग से बुद्धि और तेज बढता है।
  • योग से चिंता, तनाव आदि दूर होता है।
  • योग करने से जीवन के प्रति सकरात्मकता आती है, और मनुष्य के अंदर की सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
  • योग से मनुष्य के अंदर चुस्ती-स्फूर्ति आती है।
  • योग मनुष्य के शरीर को लचीला बनाता है, साथ ही मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
  • योग करने से मनुष्य कई रोगों से दूर रहता है।
  • योग से मनुष्य के मन को शांति मिलती है।
  • योग मनुष्य का ध्यान केन्द्रित करने में सहायता करता है।
  • योग मोटापा दूर करने में मद्द करता है।
  • योग करने से सौंदर्य बढ़ता है।
  • योग से मनुष्य के अंदर आत्मविश्वास की भावना बढ़ती है और कुछ कर दिखाने का जज्बा पैदा होता है।
  • योग से रक्त के प्रवाह को ठीक करता है।
  • योग से मांसपेशियों का खिंचाव होता है, जिससे मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार आता है।
  • योग पाचन तंत्र को सुधारने में मद्द करता है।
  • शरीर, मन, मस्तिष्क और आत्मा को संतुलित करने में मद्द करता है।
  • योग कई रोगों का इलाज करता है।
  • योग मनुष्य के आलस को दूर भगाने में सहायता करता है।
  • योग करने से ऊर्जा में वृद्धि होती है।
  • योग से सहनशक्ति में बढ़ोतरी होती है।
  • योग से आंतरिक शांति मिलती है।

अंतराष्ट्रीय योग दिवस – International Day of Yoga

योग का हर किसी के जीवन में बेहद महत्व हैं, वहीं इसके अनगिनत लाभों के चलते इसकी लोकप्रियता आज विश्व स्तर पर है। लाखों लोगों को योग के माध्यम से अपने रोगों को दूर करने में सहायता मिली है। वहीं एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में 2 अरब से भी ज्यादा लोग रोजाना योगाभ्यास करते हैं।

इसलिए योग के महत्व के प्रति जागरूक करने और नियमित रुप से लोगों को योग के प्रति प्रोत्सिाहित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्दारा साल 2015 में 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गई थी।

विश्व योग दिवस के मौके पर जगह-जगह योग कैंप का आयोजन करवाया जाता है और योग के सही तरीकों एवं इसके महत्व के बारे में लोगों को अवगत करवाया जाता है।

योग करने का सही तरीका एवं नियम – Rules Of Yoga

योग करने के कुछ नियम होते हैं, जिन पर जरूर ध्यान देना चाहिए, अन्यथा आप इसका फायदा नहीं उठा सकेंगे –

  • योग को सुबह सुर्योदय के बाद करना एवं सूर्यस्त से पहले करना चाहिए।
  • कभी खाना खाने के बाद योग नहीं करना चाहिए,खाली पेट योग करना चाहिए। योग करने से करीब 2-3 घंटे पहले से कुछ नहीं खाना चाहिए।
  • योग करने के करीब आधा घंटे बाद ही कुछ खाना चाहिए।
  • योग को हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लेकर करना चाहिए।
  • योग करने से पहले इसे सीखना बेहद आवश्यक है, अर्थात योग, गुरु की निगरानी में ही किया जाना चाहिए।
  • योग करते समय सही तरह से श्वास छोड़ना अथवा लेना आना चाहिए।
  • अगर योग करने की शुरुआत कर रहे हैं, तो कठिन आसनों एवं व्यायाम से शुरुआत न करें, इसके साथ ही धीमे-धीमे योग करने की क्षमता बढ़ाएं, शुरुआती दिनों में अपने शरीर के अंगों के साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।
  • कॉटन व आरामदायक कपड़े पहनकर योग करना चाहिए।
  • योग अभ्यास, किसी दरी अथवा चटाई पर बैठकर किए जाने चाहिए।
  • योग का लाभ मिलना धीरे-धीरे शुरु होता है, इसलिए धैर्य के साथ योगाभ्यास को किया जाना चाहिए, जल्दी परिणाम की इच्छा नहीं करना चाहिए।

मनुष्य को हर तरह से सुखी रखने में योग अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग करने के अनगिनत फायदे हैं। योग, मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखता है एवं मन को पवित्र रखता है।

योग, एक अद्भुत क्रिया है, जिसके द्धारा मनुष्य अपने मन और मस्तिष्क को नियंत्रण में रख सकता है। वहीं आज जिस तरह का मनुष्य की जीवनशैली हो गई, उसमें योग के माध्यम से ही संतुलन बनाया जा सकता है।

  • Yoga Quotes
  • Career in Yoga
  • Yoga History Information

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योग पर निबंध 100, 150 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Essay On Yoga in Hindi)

world yoga day essay in hindi

Essay On Yoga in Hindi – योग इन दिनों एक प्रसिद्ध शब्द है, इसे एक आध्यात्मिक अनुशासन कहा जाता है जो एक सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है जिसका उद्देश्य शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। इसे स्वस्थ जीवन प्राप्त करने के लिए विज्ञान और कला भी कहा जाता है। योग शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत शब्द युज से मानी जाती है। युज का अर्थ है जुड़ना या जुए का अर्थ है जोड़ना।

योग सुरक्षित है और बच्चों और वृद्धों द्वारा भी इसका अभ्यास किया जाता है। कठोर उपकरण का कोई उपयोग नहीं है, लेकिन विस्तार के लिए केवल शरीर की हरकतें हैं। योग न केवल मन को आराम देता है बल्कि शरीर को भी लचीलापन देता है।

छात्रों को उनके पाठ्यक्रम में योग के लाभों के बारे में भी बताया जाता है। क्या आपको कभी योग पर निबंध लिखने का काम मिला है? आप इसे कैसे लिखने जा रहे हैं? खैर, पहली बात जो आपके दिमाग में आएगी वह है योग निबंध में शामिल करने के लिए योग के फायदे। यह अन्य विषयों पर एक निबंध लिखने जैसा है – आपको एक सटीक शीर्षक, एक व्यापक परिचय, निबंध का मुख्य भाग और एक आकर्षक निष्कर्ष लिखना होगा।

क्या आप योग निबंध लिखने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहते हैं? यहां आपके मार्गदर्शन के लिए साझा की गई जानकारी है।

बच्चों के लिए योग पर 10 लाइन निबंध (10 Lines Essay On Yoga For kids in Hindi)

  • योग की उत्पत्ति भारत में हिंदू शास्त्रों से हुई है और दुनिया भर में इसका अभ्यास किया जाता है।
  • लोग समझ गए हैं कि कैसे योग व्यायाम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
  • योग को केवल व्यायाम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन का मंत्र मानना ​​चाहिए।
  • योग के अभ्यास से व्यक्ति शांति और अच्छा स्वास्थ्य पा सकता है।
  • योग केवल शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन और आत्मा के लिए भी एक व्यायाम है।
  • योग का अभ्यास करके व्यक्ति तनाव और शारीरिक बीमारियों सहित कई चुनौतियों से निपट सकता है।
  • योग मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद करता है, वजन कम करता है और त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
  • योग धैर्य और एकाग्रता विकसित करने में मदद करता है, याददाश्त तेज करता है और हमारे जीवन में शांति लाता है।
  • 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • यदि कोई प्रतिदिन योग का अभ्यास करता है, तो वह एक संतुलित जीवन जीने की राह पर है।

योग पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग एक ऐसी प्रथा है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है और इसकी जड़ें भारत में हैं। अतीत में, लोगों को लंबे, स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित रूप से योग और ध्यान करने की आदत थी। हालाँकि, इतनी भीड़ और व्यस्त सेटिंग में, योग कम लोकप्रिय होता जा रहा था। योग अभ्यास करने के लिए बेहद सुरक्षित है और सभी उम्र, यहां तक ​​कि बच्चे भी इसका आनंद ले सकते हैं। जब हम शांत मन के साथ गहन चिंतन में संलग्न होते हैं तो हम अपने भीतर से जुड़ा हुआ और जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। योग के अभ्यास से शरीर, मन और आत्मा का संतुलन प्राप्त होता है।

योग पर 150 शब्दों का निबंध (150 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग आध्यात्मिक व्यायाम का एक प्राचीन रूप है जो हमारे शरीर और दिमाग को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इसकी उत्पत्ति 500 ​​ईसा पूर्व की है जब इसे ऋग्वेद में लिखा गया था। यह हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ है। ऐसा माना जाता है कि योग का अभ्यास प्राचीन भारतीय पुजारियों द्वारा अत्यधिक अनुशासन के रूप में किया जाता था। वे कई दिनों तक बिना भोजन या पानी के गहरे ध्यान में बैठे रहे। आधुनिक समय के योग में कुछ आसन या पोज़ होते हैं जिनका अभ्यास आसानी से किया जा सकता है। कुछ जटिल आसन भी होते हैं, जिनके लिए काफी अभ्यास और लचीलेपन की जरूरत होती है। योग एक ऐसी चीज है जिसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं, चाहे वह युवा हो या बूढ़ा। कुछ लोग योग को एक कला के रूप में भी वर्णित करते हैं। यह विशेषज्ञ योग चिकित्सकों के पास विशेष कौशल के कारण कहा जाता है। यह सलाह दी जाती है कि आप चटाई पर बैठकर योग का अभ्यास करें।

योग पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग शरीर और मन को जोड़ता है या जोड़ता है, हमें शरीर और मन के अनुशासन के बारे में सिखाता है। सुबह-सुबह ध्यान शरीर और मन को सामंजस्य में रखने और प्रकृति के संपर्क में रहने के लिए एक आध्यात्मिक अभ्यास है। यह व्यायाम का एक अद्भुत रूप है जो शरीर और मन को नियंत्रित करके जीवन को बेहतर बनाता है। योग एक ऐसा विज्ञान है जो लोगों को लंबा, स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।

यह एक ऐसी दवा के समान है जो शारीरिक अंगों की सामान्य कार्यप्रणाली को बहाल करके अन्य बीमारियों को धीरे-धीरे ठीक करती है। असंख्य शारीरिक और भावनात्मक बीमारियों से बचकर, सुबह नियमित योग अभ्यास बाहरी और आंतरिक दोनों तरह की राहत प्रदान करता है। आसन, या आसन, शारीरिक और मानसिक शक्ति के साथ-साथ कल्याण की भावना के निर्माण में मदद करते हैं। क्योंकि यह भावनाओं और भावनाओं को नियंत्रित करता है, यह लोगों को अधिक स्पष्ट रूप से सोचने, उनकी बुद्धि बढ़ाने और ध्यान के उच्च स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। कुछ कठिन मुद्राओं में बहुत लचीलेपन और अभ्यास की आवश्यकता होती है। योग व्यायाम का एक रूप है जिसे युवा या वृद्ध कोई भी कर सकता है। योग को एक कला रूप के रूप में भी संदर्भित किया गया है। ऐसा अनुभवी योग साधकों की अद्वितीय क्षमताओं के प्रकाश में कहा गया है। यह सुझाव दिया जाता है कि योग को जमीन पर चटाई पर बैठकर किया जाना चाहिए।

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योग पर 250 शब्दों का निबंध (250 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग किसी के भौतिक अस्तित्व और आध्यात्मिक विवेक के बीच सामंजस्य का अंतिम कार्य है। मन और शरीर के बीच सही तालमेल को योग के रूप में जाना जाता है। व्यायाम के एक भौतिक रूप से अधिक, इसे एक आध्यात्मिक क्रिया के रूप में माना जाता है जो आपको स्वयं के बारे में जागरूक करता है। जब हमारा दिमाग शांत होता है तो हम जो गहरा आत्मनिरीक्षण करते हैं, वह हमें अपने भीतर से जुड़ा हुआ महसूस कराता है। प्रारंभिक सिंधु घाटी सभ्यताओं के दौरान प्राचीन भारत में योग ने आकार लिया। मूल रूप से योग का अभ्यास करने वाले हिंदू पुजारियों द्वारा इसे विस्तार से प्रलेखित किए जाने के बाद यह लोकप्रिय हो गया। भारत में योग को व्यायाम के रूप के बजाय जीवन के एक तरीके के रूप में अपनाया गया है।

लोग आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और ध्यान संबंधी लाभों के लिए योग का अभ्यास करते हैं। विभिन्न मुद्राओं या आसनों का संयोजन योग का सार है। पारंपरिक योग में 84 आसन हैं, लेकिन अनुमान 400 से 1000 तक कहीं भी जा सकता है अगर हमारे पास योग को दस्तावेज करने वाले सभी शास्त्रों तक पहुंच हो। चरम ध्यान के कार्य के रूप में जो शुरू हुआ वह अब विश्राम के साधन के रूप में लोकप्रिय हो गया है।

पश्चिमी देशों ने अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के लिए योग को आसानी से अपना लिया है। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में हजारों योग विद्यालय हैं जो योग की कला सिखाते हैं। जबकि योग का अभ्यास घर पर कोई भी कर सकता है, जटिल आसनों के लिए कुछ अभ्यास की आवश्यकता होती है। योग में गहरी जड़ें जमा चुकी अध्यात्मवाद इसलिए है क्योंकि जब हमारे मन और शरीर पूर्ण सामंजस्य में होते हैं, तो हमें दिव्य शांति की अनुभूति होती है जिसे संस्कृत में ‘मोक्ष’ कहा जा सकता है। योग का उद्देश्य हमारे शरीर में किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर हमें खुद से जोड़ना है। यह सलाह दी जाती है कि हमें योग करते समय जमीन पर बैठना चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा जमीन पर स्थानांतरित हो जाती है।

योग पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay On Yoga in Hindi)

जीवन भर प्रकृति से जुड़ने के लिए योग प्राचीन काल से प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल उपहार है। यह दोनों के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करने के लिए मन और शरीर को एकजुट करने का अभ्यास है। यह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से शरीर पर नियंत्रण पाकर व्यक्ति को उच्च स्तर की चेतना प्राप्त करने में भी मदद करता है। छात्रों की बेहतरी के लिए और अध्ययन के प्रति उनकी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में प्रतिदिन अभ्यास करने के लिए योग को बढ़ावा दिया गया। शरीर में सभी विभिन्न प्राकृतिक तत्वों पर नियंत्रण प्राप्त करके पूर्णता प्राप्त करने के लिए लोगों द्वारा किया गया एक व्यवस्थित प्रयास।

योग के सभी आसनों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता होती है। आंतरिक ऊर्जा को नियंत्रित करके आत्म-विकास के लिए शरीर और मन में आध्यात्मिक प्रगति लाने के लिए योगाभ्यास किया जाता है। योग के दौरान ऑक्सीजन को अंदर लेना और छोड़ना मुख्य है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास नियमित रूप से विभिन्न रोगों से बचाव के साथ-साथ कैंसर, मधुमेह, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी विकार, यकृत विकार, स्त्री रोग संबंधी समस्याओं और विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं सहित घातक बीमारियों का इलाज करता है।

आजकल लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए फिर से योगाभ्यास करना जरूरी है। दैनिक योगाभ्यास से शरीर को आंतरिक और बाहरी शक्ति प्राप्त होती है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, इस प्रकार विभिन्न बीमारियों से बचाता है और उनका इलाज करता है। यदि लगातार अभ्यास किया जाए तो योग चिकित्सा की एक वैकल्पिक प्रणाली के रूप में कार्य करता है। यह रोजाना ली जाने वाली कई भारी दवाओं के दुष्प्रभाव को भी कम करता है। योग जैसे प्राणायाम और कपाल भारती के अभ्यास के लिए सुबह का समय अच्छा होता है, क्योंकि यह शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करता है।

योग पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग आपके शेष जीवन के लिए आकार में रहने के लिए एक जोखिम-मुक्त, सरल और स्वस्थ तरीका है। सभी आवश्यक है कि उचित श्वास और गति के पैटर्न के साथ लगातार अभ्यास किया जाए। योग हमारे शरीर के तीन भागों: शरीर, मन और आत्मा के बीच एक सुसंगत कड़ी स्थापित करता है। नकारात्मक परिवेश और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण शरीर और मन को अशांत होने से रोकते हुए, शरीर के सभी अंगों के कार्यों को विनियमित किया जाता है। यह कल्याण, ज्ञान और आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है। हमारी शारीरिक ज़रूरतें अच्छे स्वास्थ्य से पूरी होती हैं, हमारी मनोवैज्ञानिक ज़रूरतें ज्ञान से पूरी होती हैं, और हमारी आध्यात्मिक ज़रूरतें आंतरिक शांति से पूरी होती हैं, जो सभी के बीच सद्भाव बनाए रखने में योगदान देती हैं। जब हम अच्छा महसूस करते हैं तो हम एक सहायक स्वभाव विकसित करते हैं, जो हमारे सामाजिक कल्याण में सुधार करता है।

योग की उत्पत्ति

अनिवार्य रूप से, भारतीय उपमहाद्वीप वह स्थान है जहाँ योग पहली बार प्रकट हुआ था। योगियों द्वारा आदिकाल से ही इसका अभ्यास किया जाता रहा है। शब्द “योग” एक संस्कृत शब्द से लिया गया है जिसका अनिवार्य अर्थ “एकता और अनुशासन” है। यह एक बार जैनियों, बौद्धों और हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा अभ्यास किया गया था। इसने धीरे-धीरे पश्चिमी देशों में अपना रास्ता बना लिया। तब से, दुनिया भर के लोगों ने अपने मन को शांत करने और शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए योग का अभ्यास किया है। इसके अलावा, योग की बढ़ती लोकप्रियता के परिणामस्वरूप भारत ने एक योग महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठा विकसित की। योग के फायदों के बारे में अधिक लोग जागरूक हो रहे हैं।

योग के चार प्रमुख अभ्यास

हठ योग योग का एक उपसमुच्चय है जो जीवन शक्ति या ऊर्जा को चैनल और संरक्षित करने के लिए भौतिक तरीकों का उपयोग करने पर केंद्रित है। योग की शैली जो सबसे अधिक बार की जाती है वह हठ है। यह एक धीमी गति वाला योग है जिसमें सांस लेने के व्यायाम और स्ट्रेचिंग शामिल हैं।

कुंडलिनी योग

कुंडलिनी योग आध्यात्मिक जागरण को प्रोत्साहित करता है। कुंडलिनी योग के विभिन्न फायदे हैं जो अनुसंधान द्वारा सत्यापित किए गए हैं। शोध बताते हैं कि यह संज्ञानात्मक कार्य, आत्म-धारणा और आत्म-प्रशंसा को बढ़ाते हुए चिंता और तनाव को कम कर सकता है। योग की इस शैली में सांस लेने के व्यायाम पर जोर दिया जाता है जो जल्दी और बार-बार किए जाते हैं। एक खास तरीके से लगातार सांस लेते हुए एक खास मुद्रा बनाए रखनी चाहिए।

अष्टांग योग

अष्टांग योग शारीरिक सहनशक्ति के निर्माण और मांसपेशियों को मजबूत बनाने पर केंद्रित है। आपका शरीर अष्टांग अभ्यास से नवीनीकृत हो जाता है और अधिक विनियमित, टोंड, लचीला और मजबूत हो जाता है। पहली शृंखला के कई मुद्राएं विकृतियों से मिलती-जुलती हैं और इसके लिए एक मजबूत भुजा और कोर की मांसपेशियों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक शिष्य इसके छह संभावित अनुक्रमों में से एक का प्रदर्शन कर सकता है।

बिक्रम चौधरी द्वारा विकसित और बीसी घोष की शिक्षाओं के आधार पर, बिक्रम योग गर्म योग की एक शैली है जिसका उपयोग व्यायाम के रूप में किया जाता है। इसने पहली बार 1970 के दशक की शुरुआत में लोकप्रियता हासिल की। बिक्रम योग, जिसे अक्सर हॉट योगा के रूप में जाना जाता है, का अभ्यास ऐसे स्थान पर किया जाता है जिसका तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। आसनों के परिणामस्वरूप आपका शरीर अधिक लचीला हो जाता है, जिससे आपको पसीना भी आता है, जिससे आपको फैट बर्न करने में मदद मिलती है।

यदि हम इसे गंभीर रूप से देखें तो योग के विभिन्न लाभ हैं। यदि आप इसे बार-बार उपयोग करते हैं तो आपको राहत मिलेगी क्योंकि यह बीमारियों को आपके शरीर और मन दोनों को प्रभावित करने से रोकता है। इसके अतिरिक्त, योग हमें अधिक स्पष्ट रूप से सोचने और हमारी बुद्धि विकसित करने में सक्षम बनाता है। योग हमें सिखाता है कि हम अपनी भावनाओं को कैसे नियंत्रित करें और साथ ही अपने ध्यान के स्तर को कैसे बढ़ाएं। यह हमारे सामाजिक कल्याण में सुधार करता है और हमें पहले से कहीं अधिक प्रकृति के करीब लाता है। यदि आप इसे लगातार करते हैं तो योग आपको आत्म-नियंत्रण और आत्म-जागरूकता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। एक बार जब आप इसे नियमित रूप से करना शुरू कर देंगे तो आप अधिक नियंत्रण में महसूस करेंगे और एक स्वस्थ, समस्या-मुक्त जीवन जीने में सक्षम होंगे।

योग पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

योग कहाँ से आया.

योग की उत्पत्ति प्राचीन भारत में सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हुई थी।

योग कितना पुराना है?

योग को 5000 वर्ष पुराना बताया जाता है।

योग शब्द की उत्पत्ति क्या है?

योग संस्कृत शब्द ‘युज’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘जुए के लिए।’ जुए का अर्थ है एकजुट होना ताकि योग को मन और शरीर के मिलन के रूप में माना जा सके।

कितने योग आसन हैं?

84. प्राचीन भारतीय शास्त्रों में कुल 84 आसन हैं जो हमें विभिन्न मुद्राओं के बारे में बताते हैं।

  • निबंध ( Hindi Essay)

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Essay on Yoga in Hindi | Importance and Benefits of Yoga | योग पर निबंध हिंदी में

Essay on Yoga in Hindi

हम सब जानते हैं कि योग का महत्व हमारे जीवन मे बहुत ज्यादा है। यदि हम रोजाना योग करेंगे तो शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। Essay on yoga in hindi में आज हम जानेंगे कि Yog से जुड़ी तमाम बातें।

इस निबंध का उपयोग 3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 कक्षा के विद्यार्थी परीक्षा में भी कर सकते हैं। योग पर निबंध को बहुत ही आसान भाषा मे लिखा गया है।

तन मन और आत्मा के बीच संतुलन बैठाने का काम योग करता है। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से योग करता है तो उसके जीवन में इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

योग करने से ना सिर्फ हमारा शरीर लचीला बनता है साथ ही हमारा मन और मस्तिष्क स्वस्थ होता है। योग के ऐसे ही कुछ अच्छे प्रभावों की वजह से भारतीय संस्कृति हमेशा ही योग को अपने जीवनचर्या का एक हिस्सा मानती आई है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही लोग योग की उपयोगिता के बारे में जागरूक थे।

Table of Contents

Importance of Yoga in Hindi (योग का महत्व हिंदी में )

हमारी बदलती हुई जीवनशैली के बीच योग का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। अनियमित खानपान, प्रदूषण भरे माहौल में रहने से एवं सोने-जागने का एक निश्चित वक्त न होना, इन सब कारणों की वजह से कहीं ना कहीं हमारा स्वास्थ्य बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

जिसका असर हमारी कार्यक्षमता में स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है। जब हमारा शरीर और मन स्वस्थ नहीं होता तो हम पूरी ऊर्जा के साथ काम नहीं कर पाते। ऐसे में योग सबसे बड़ी औषधि का काम करता है।

योग ना सिर्फ हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है बल्कि मन और मस्तिष्क दोनों को मजबूती प्रदान करता है। योग के कारण हमारे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।

जिसकी सहायता से हम हर बुराई से लड़ने के काबिल बनते हैं। योग करने से हमारा मन शांत होता है जिसका सीधा सा अर्थ है कि हम Blood Pressure जैसी चुनौतियों से अच्छी तरीके से निपट सकते हैं क्योंकि विचलित मन की वजह से ही ऐसी समस्याओं का जन्म होता है।

आज का परिवेश बहुत ज्यादा तनाव भरा हो गया है, ऐसे में योग आपके जीवन से तनाव कम करने का सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। हम सबको अपने जीवन मे योग अपनाना चाहिये और जीवन को सुखमय बनाने की कोशिश करना चाहिए।

Essay on yoga in hindi (योग पर निबंध हिंदी में) – (500 शब्द)

पहले भारत सिर्फ में ही योग के महत्व को लोग जानते थे लेकिन भारत के प्रयासों के कारण आज पूरी दुनियाँ योग को ना सिर्फ स्वीकार कर चुकी है बल्कि अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाने की कोशिश कर रही है।

21 जून 2015 को विश्व का पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। यह योग के प्रति लोगों की बढ़ती ललक को दर्शाता है।

हमें कई ऐसी कहानियां सुनने को मिल जाती हैं जो यह बताती हैं कि योग के माध्यम से कई लोगों ने बहुत बड़ी-बड़ी असाध्य बीमारियों से भी छुटकारा पाया है।

योग करने के नियम (Yoga Rules in Hindi)

योग करने से कुछ नियमों को जानना जरूरी है। ऐसे ही कुछ नियम निम्नलिखित है:-

  • योग करते समय हमेशा आरामदायक सूती कपड़े पहनना चाहिए।
  • योग करने से पहले स्नान किया जा सकता है लेकिन योग करने के तुरंत बाद स्नान कभी भी ना करें।
  • हमेशा खाली पेट ही योग करना चाहिए इसलिए योग करने से करीब 2 घंटे पहले से कुछ भी खाना ना खाएं।
  • हमेशा अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही योग करना चाहिए।
  • योगासन करने के बाद ही हमेशा प्राणायाम करना चाहिए।
  • योगासन करने का सबसे उत्तम समय सूर्योदय व सूर्यास्त होता है।
  • योग अभ्यास नियमित रूप से करें तो यह बेहतर है।
  • यदि आपको कमर दर्द की दिक्कत है तो पीछे मुड़ने वाले योगासन नहीं करना चाहिए।
  • यदि आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं या शरीर में किसी भी तरह की दिक्कत है तो पहले डॉक्टर की परामर्श लेना चाहिए उसके बाद ही योग करना चाहिए।
  • योग और व्यायाम करने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

अच्छे योगाभ्यास के लिए जरूरी सावधानियां (Important precautions for good yoga practice)

योगासन लाभकारी है पर कुछ विशेष परिस्थितियों में नुकसान भी कर सकता है। इसलिए योग से जुड़ी ये जरूरी सावधानियां जरूरी करनी चाहिए।

  • गर्भावस्था के दौरान योग करते समय सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि कुछ ऐसे योग हैं जो इस अवस्था में आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसलिए हमेशा किसी योग गुरु के देखरेख में योग करना चाहिए।
  • बचपन से ही बच्चों में योग करने की आदत जरूर डालना चाहिए लेकिन यदि बच्चे की उम्र 10 वर्ष से कम है तो उसे बहुत मुश्किल योगाभ्यास ना कराएं।
  • योगाभ्यास के साथ-साथ अपने जीवन में खान-पान के प्रति संयम बरतें धूम्रपान और मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें क्योंकि यह सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • योगाभ्यास के साथ-साथ शरीर के पोषण का भी भरपूर ध्यान रखें हमेशा ऐसा खाना खाएं जिस में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद हो। अन्यथा शरीर में कमजोरी भी आ सकती है।
  • योगाभ्यास अच्छे जीवन के लिए जरूरी है। लेकिन इसके साथ में नींद भी उतनी ही ज्यादा जरूरी है, क्योंकि नींद भी एक तरह का योग है इसलिए नींद को महत्व देना चाहिए।

योग शुरू करने के लिए जरूरी सुझाव (Important tips to start yoga)

यदि किसी व्यक्ति ने अपने जीवन में कभी योग नहीं किया और वह अब योग शुरू करना चाहता है तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए जैसे कि:-

  • योगाभ्यास करते वक्त अपने शरीर पर अनावश्यक दबाव ना डालें। सहजता के साथ जितना योग आपका शरीर कर सकता है सिर्फ उतना ही करें क्योंकि शुरुआती दिनों में आपके शरीर में लचीलेपन की कमी होगी लेकिन जैसे-जैसे योग करते जाएंगे वैसे ही आपका शरीर अधिक लचीला होता जाएगा।
  • शुरुआत में सिर्फ वही आसान करने की कोशिश करें जिनमें आप सहज महसूस करते हैं। योगासन में सांस लेने और छोड़ने का बहुत ज्यादा महत्व होता है इसलिए शुरू से ही इस पर ध्यान जरूर दें।
  • कभी भी जल्दी-जल्दी योगासन नहीं करें हमेशा आराम से योगासन करें और दो योगासनों के बीच कुछ मिनट का अंतराल जरूर रखें।
  • योगासन की समाप्ति हमेशा शवासन के साथ ही करें।

International Yoga Day ( विश्व योग दिवस)

पूरे विश्व मे योग का प्रसार हो सकें और लोग योग को अपने जीवन मे उतार सकें इसके लिए प्रतिवर्ष 21 जून के दिन विश्व योग दिवस मनाया जाता है।

विश्व योग दिवस मनाने की शुरुआत 21 जून 2015 से हुई थी। यह पहला विश्व योग दिवस था। 21 जून का दिन भारत और एशियाई देशों में साल का सबसे का सबसे बड़ा दिन होता है।

21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाना चाहिए, इसका प्रस्ताव हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संध के समक्ष रखा था, जिससे सभी देशों ने सहमति जताई और इस तरह विश्व योग दिवस की शुरुआत हुई।

भारत योग का जनक है और एक बार फिर भारत से ही दुनियाँ में योग का प्रसार हो रहा है लेकिन योग को अपनाने में हम भारतीय आज भी पीछे हैं। हमें भी योग को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिये।

Essay on yoga in hindi (योग पर निबंध हिंदी में) – (1500 शब्द)

योग एक ऐसा शब्द है जिसके आने को अर्थ है। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने भगवत गीता में योग का, जिक्र तीन बार किया है और हर बार योग का एक अलग अर्थ निकलता है।

महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है । उन्होंने योग को कुछ अलग ही तरह से परिभाषित किया है, लेकिन जब इन सब बातों की गहराई पर जाते हैं तो हमें पता चलता है कि योग का सिर्फ एक ही मकसद है और वह है खुद को जानना और आजाद करना।

योग हमें आजाद होने का मार्ग दिखाता है। श्रीमद भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने भी योग के इसी रूप का जिक्र किया है जिसमें वह अर्जुन को कहते हैं कि उन्हें खुद को स्वतंत्र करने के लिए पहले स्वयं को जानना चाहिए।

What is yoga ( योग की परिभाषा)

‘योग’ जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। योग का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है इसी बात को समझाने के लिए कई महान विभूतियों ने योग को अपने अपने शब्दों में वर्णित किया है।

हम आज योग का जो स्वरूप देखते है वह कुल योग का एक छोटा सा हिस्सा है। लेकिन फिर भी यह महत्वपूर्ण है। आज हमारी सोच सिर्फ शरीर तक ही सीमित रह गई है इसलिए हम योग के ऐसे स्वरूप को जल्दी समझ पाते हैं, जो शरीर से संबंधित फायदे पहुचाने वाला होता है।

लेकिन यदि सम्पूर्ण योग को एक साथ देखा जाए तो यह बहुत व्यापक है। योग सिर्फ शरीर तक सीमित सीमित नहीं है बल्कि योग तो हमें बताता है कि किस तरह से हम इस जीवन मरण के चक्र से बाहर निकल सकते हैं और मुक्त हो सकते हैं।

भगवान श्री कृष्ण ने भगवत गीता में योग के अनेक रूपों का वर्णन किया है। यदि कोई भी व्यक्ति उनमें से किसी भी रूप को अपने जीवन में उतार लेता है तो वह इस जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो सकता है।

जिन ग्रंथों में योग के बारे में विस्तृत वर्णन मिलता है उनमें लिखा है कि योग के माध्यम से हम अपनी चेतना को ब्रह्मांड ही चेतना के साथ जोड़ सकते हैं।

जब हमारी चेतना ब्रह्मांड ही चेतना से जुड़ जाती है तो हम, ब्रह्मांड और इस पूरी सृष्टि के साथ एकरूपता महसूस करते हैं एकरूपता महसूस करने की यही प्रवृत्ति ही योग है।

History Of Yoga in Hindi ( योग का इतिहास)

हमारे देश में योग का अस्तित्व तब से है जब धर्मों का निर्माण भी नहीं हुआ था। जब कोई सभ्यता नहीं थी उसके पहले भी योग था। योग के पहले ज्ञाता भगवान शिव थे। भगवान शिव से ही यह ज्ञान सप्त ऋषि को मिला। भगवान शिव को इसी वजह से आदियोगी भी कहा जाता है।

फिर इन सप्तऋषियों ने योग का प्रचार प्रसार पूरी दुनिया में किया। लेकिन योग की सबसे ज्यादा अभिव्यक्ति भारत में हुई क्योंकि भारत में ही योग का जन्म हुआ था।

महाभारत, रामायण जैसे कई महाकाव्यों में भी योग के बारे में वर्णन मिलता है। यदि बात करें वर्तमान सभ्यताओं की दो सिंधु घाटी सभ्यता में कई ऐसे अवशेष मिले हैं जो यह बताते हैं कि वहां के लोग योग करते थे।

हिंदू, बौद्ध और जैन परंपराओं में तो योग इनके जीवन का हिस्सा है,लेकिन योग के सभी सूत्रों को लिखकर एक जगह समाहित करने का श्रेय महर्षि पतंजलि को जाता है। इसी वजह से इन्हें योग का जनक भी कहा जाता है।

महर्षि पतंजलि ने अपने ग्रंथ में योग के अनेक रूपों का वर्णन किया है। इन्हीं के लिखित ग्रंथों को पढ़कर और उनसे योग की शिक्षा लेकर अनेक ऋषि और योगाचार्य ने योग का प्रचार प्रसार फिर आगे किया।

Types of yoga in Hindi  ( योग के प्रकार)

योग का विस्तृत वर्णन मुख्य रूप से 2 ग्रंथो में किया गया है। महर्षि पतंजलि द्वारा रचित ग्रंथ में योग का बहुत विस्तार से वर्णन किया गया है। इसके अलावा श्रीमद्भागवत गीता में भी श्री कृष्ण ने योग के कई रूप बताए हैं।

महर्षि पतंजलि द्वारा योग के निम्नलिखित रुप है:-

अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यह पांचों नियम यम के अंतर्गत आते हैं। ऋषि पतंजलि के अनुसार योग की शुरुआत यम से होती है। यम हमें बताता है कि हमें दुनिया को किस नजर से देखना चाहिए और दुनिया के साथ किस तरह से व्यवहार करना चाहिए।

संतोष,स्वाध्याय,तप,ईश्वर प्रणिधान और शौच यह पांच नियम कहलाते हैं। ये पांच नियम हमारे लिए बनाए गए हैं

एक स्थिति में लंबे वक्त तक बैठे रहने की प्रक्रिया ही आसन कहलाती है योग में आसन का बहुत अधिक महत्व है कई अलग-अलग तरह के आसनों का वर्णन योग में मिलता है।

प्राणायाम का मतलब होता है अपनी सांसो को लयबद्ध करना ऋषि पतंजलि ने अपने ग्रंथ में बताया है कि हमें हमारे सांस लेने, रोकने और छोड़ने की प्रक्रिया के बीच एक तारतम्य होनी चाहिए।

अपने मन को संकुचित करना एवं बाहरी चीजों से दूर करना ही प्रत्याहार कहलाता है। सुनना, सूंघना, देखना और महसूस करना इन्हीं 4 तरीकों से कोई भी जानकारी हमारे मन मे जाती है। लेकिन प्रत्याहार का अभ्यास करने से इन बाहरी प्रभावों का हमारे मन पर असर नहीं पड़ेगा और हमारा मन स्थिर रहेगा।

अपनी परेशानियों से हमेशा के लिए मुक्ति पाने और खुद को स्वतंत्र करने का पहला चरण धारणा कहलाता है। धारणा का अभ्यास करते समय हमें अपने मन को किसी एक बिंदु पर केंद्रित करना पड़ता है। यदि हमारा मन भटकता भी है तो भी हमें खींच कर वापस लाना है और उस बिंदु पर ध्यान देना होता है।

हम जिस वस्तु पर अपना चित्त टिकाने की कोशिश करें और उसी वस्तु पर हमारा चित्त टिक जाए। चित्त के स्थिर रहने की यही प्रक्रिया ही ध्यान कहलाती है।

चित्त को स्थिर करने के लिए कई तरह के प्राणायाम और ध्यान की प्रक्रिया बताई गई हैं। लेकिन चित्त की स्थिरता इस बात पर निर्भर करती है कि हमने ऊपर के चरणों मे दक्षता हासिल की है या नहीं।

ध्यान के बाद जो आखिरी चरण होता है वह समाधि कहलाता है। समाधि के वक्त योगी की चेतना उस चीज से एकसार हो जाती है जिसके ऊपर उसने अपना ध्यान केंद्रित किया है।

महर्षि पतंजलि ने योग के 8 रूपों का वर्णन किया है लेकिन इनके अलावा भी भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद् भागवत गीता में योग के तीन अलग रूपों का वर्णन किया है।

श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार योग के प्रकार निम्नलिखित है:-

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को बार-बार इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि उन्हें कर्मयोगी बनना चाहिए।

यहां पर कर्मयोग से तात्पर्य है किसी कर्म के प्रति आसक्ति की भावना रखना। हम जब कोई काम करते हैं तो उसके परिणाम का विचार पहले ही अपने मन में कर लेते हैं और उसके परिणाम से अपने दुख-सुख को जोड़ लेते हैं।

लेकिन भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि एक कर्मयोगी कभी भी परिणाम की चिंता नहीं करता वह बस कर्म करता है और फल भगवान के ऊपर छोड़ देता है।

क्योंकि फल हमारे हाथ में नहीं होता हमारे हाथ में सिर्फ कर्म करना ही है। एक सच्चा कर्मयोगी सुख और दुख दोनों ही स्थिति में समान भाव रखता है। एक कर्मयोगी यश-अपयश से प्रभावित नहीं होता है उसके लिए दोनों ही स्थिति एक जैसी होती हैं।

भगवान श्री कृष्ण ने योग के जरिए मुक्ति पाने का जो दूसरा मार्ग बताया है वह भक्ति योग है। भक्ति योग का मतलब होता है किसी की भक्ति में इस तरह डूब जाना कि हमारी भावनाएं सुख-दुख, यश-अपयश किसी भी भावना से प्रभावित ना हो।

ना तो हमें स्वर्ग की लालसा होना न हमें नर्क जाने का डर हो ना तो हमें पैसों का मोह हो न हमें भोग विलास की वस्तुओं की लालसा।

यदि कोई व्यक्ति इस तरह किसी की भक्ति करता है तो उसकी चेतना बहुत ही परिष्कृत हो जाती है और वह व्यक्ति मोक्ष के द्वार पर पहुंच जाता है।

ज्ञान के माध्यम से ईश्वर के अस्तित्व स्वरूप को समझना तथा वास्तविक सत्य जानने के लिए ज्ञान की सहायता लेना ही ज्ञान योग कहलाता है। एक ज्ञानयोगी ईश्वर तक पहुंचने के लिए ज्ञान को अपना साधन बनाता है।

ज्ञान योगी अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए कई पुस्तकों का अध्ययन करता है ग्रंथों को पढ़ता है,इन्हीं सब माध्यमों के जरिए वह जानने की कोशिश करता है कि आखिर ईश्वर कौन है, इस दुनिया का सत्य क्या है, और वह कौन है और उसकी मुक्ति कैसे हो सकती है

योग के लाभ (Benefits of Yoga)

योग के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित है:-

  • भावनाओं में नियंत्रण

महर्षि पतंजलि द्वारा योग के जिन 8 चरणों का वर्णन किया है यदि उनमे से शुरुआती दो नियमों का पालन भी किया जाए तो हम अपनी भावनाओं में नियंत्रण ला सकते हैं। भावनाओं में नियंत्रण आने से मन मे व्यर्थ के विचार नही आयेंगे और हम अपने काम के लिए ज्यादा सजग और केंद्रित रहेंगे। क्योंकि भावनाएं कही न कही हमको अपने लक्ष्य से भटका देती है।

  • मजबूत दिमाग

प्राणायाम करने से हमारे दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, जिससे कि दिमाग ज्यादा बेहतर काम करता है। हम सांसों के ऊपर कभी ध्यान देते ही नही है। हमारी सांसें जितनी कम गहरी होंगी उतना कम ऑक्सीजन शरीर मे पहुँचेगा। जबकि गहरी सांस लेने से ज्यादा ऑक्सीजन पहुँचेगा।

  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का विकास

ध्यान के माध्यम से हम अपना ध्यान किसी एक काम पर ज्यादा देर लगाने का अभ्यास कर सकते हैं। यदि हम ऐसा करने में सफल हो जाते हैं हमें इसके कई फायदे मिलेंगे। खासकर विद्यार्थियों को इस बात की बहुत ज्यादा समस्या रहती है कि उनका पढ़ाई में मन नही लगता है।

  • व्यवस्थित जीवन

योग एक क्रियाकलाप नही है बल्कि एक जीवनशैली है। जब हम योग करते हैं और खुद को खुद से जोड़ते हैं तो पाते हैं कि अब हम पहले से ज्यादा व्यवस्थित हो गए हैं। पहले ज्यादा हमारे कोई काम पूरे नही होते थे वहीं अब उन्ही कामों को तय समय मे कर पाते हैं।

  • शारीरिक रोगों से मुक्ति

योग और व्यायाम यदि दोनों हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाये तो हम कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों का शिकार होने से बच सकते हैं। योग और व्यायाम शरीर और मन, मष्तिस्क की चुस्ती फुर्ती देता है।

सभी योग का आखिरी लक्ष्य हमारी चेतना और ब्रम्हांडीय चेतना के बीच एक रूपता स्थित करना है। आचार्य पतंजलि के योग सूत्र और श्री कृष्ण के द्वारा बताए गए योग सूत्रों के नियम जरूर अलग है लेकिन दोनों की मंजिल एक ही बताया गया है।

अपने जीवन के सर्वोच्चम आयाम से परिचित होना चाहते हैं तो योग को जीवन का एक अहम हिस्सा बनाए।

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योग के महत्व पर निबंध (Importance of Yoga Essay in Hindi)

योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने के लिए एक मजबूत विधि के रूप में भी माना जाता है जो मन और शरीर को आराम देने में मदद करता है। दुनियाभर में योग का अभ्यास किया जा रहा है। विश्व के लगभग 2 अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योग का अभ्यास करते हैं।

योग के महत्व पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Yoga in Hindi, Yog ke Mahatva par Nibandh Hindi mein)

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निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)

योग का शब्द का उद्भव संस्कृत के ‘ युज ‘ धातु से हुआ है।  जिसका अर्थ है , शारीरिक और मानसिक शक्तियों का संयोग।योगएक अभ्यास है जो मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्यको बनाए रखता है। योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है।

शारीरिक स्वास्थ्य में योग की भूमिका

लचीलापन – लोग आजकल कई प्रकार के दर्द से पीड़ित हैं। वे पैर की उंगलियों को छूने या नीचे की ओर झुकने के दौरान कठिनाइयों का सामना करते हैं। योग का नियमित अभ्यास सभी प्रकार के दर्द से राहत प्रदान करता है।

रक्त प्रवाह बढ़ाएं – योग आपके हृदय को स्वस्थ बनाने में मदद करता है और यह आपके शरीर और नसों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। यह आपके शरीर को ऑक्सीजन युक्त रखने में मदद करता है।

मानसिक  स्वास्थ्य में योग की भूमिका

आंतरिक शांति – योग आंतरिक शांति प्राप्त करने और तनाव के खिलाफ लड़ाई में मदद करता है। योग एक व्यक्ति में शांति के स्तर को बढ़ाता है और उसके आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाने तथा उसे खुश रहने में मदद करता है।

ध्यान केंद्रित करने की शक्ति – योग आपके शरीर को शांत करने और आराम करने में मदद करता है जिसका मतलब तनाव का कम होना है और आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकते है। यही कारण है कि बच्चों और किशोरों को योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि यह उनकी पढ़ाई में बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

योग के नियम कापालन और प्रतिदिनअभ्यास करके हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते है।कहा गया है की स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वाश होता है।

निबंध – 2 (400 शब्द): योग के फायदे

शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में योग मदद करता है। शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योग आसन शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है।

योग के फायदे

  • मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार
  • शरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता है
  • बेहतर पाचन तंत्र प्रदान करता है
  • आंतरिक अंग मजबूत करता है
  • अस्थमा का इलाज करता है
  • मधुमेह का इलाज करता है
  • दिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है
  • त्वचा के चमकने में मदद करता है
  • शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है
  • एकाग्रता में सुधार
  • मन और विचार नियंत्रण में मदद करता है
  • चिंता, तनाव और अवसाद पर काबू पाने के लिए मन शांत रखता है
  • तनाव कम करने में मदद करता है
  • रक्त परिसंचरण और मांसपेशियों के विश्राम में मदद करता है
  • चोट से संरक्षण करता है

ये सब योग के लाभ हैं। योग स्वास्थ्य और आत्म-चिकित्सा के प्रति आपके प्राकृतिक प्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित करता है।

योग सत्र में मुख्य रूप से व्यायाम, ध्यान और योग आसन शामिल होते हैं जो विभिन्न मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। दवाओं, जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, से बचने का यह एक अच्छा विकल्प है।

योग अभ्यास करने के मुख्य लाभों में से एक यह है कि यह तनाव कम करने में मदद करता है। तनाव का होना इन दिनों एक आम बात है जिससे शरीर और मन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण लोगों को सोते समय दर्द, गर्दन का दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, तेजी से दिल का धड़कना, हथेलियों में पसीने आना, असंतोष, क्रोध, अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। समय गुज़रने के साथ इन प्रकार की समस्याओं का इलाज करने में योग वास्तव में प्रभावी है। यह एक व्यक्ति को ध्यान और साँस लेने के व्यायाम से तनाव कम करने में मदद करता है और एक व्यक्ति के मानसिक कल्याण में सुधार करता है। नियमित अभ्यास मानसिक स्पष्टता और शांति बनाता है जिससे मन को आराम मिलता है।

योग एक बहुत ही उपयोगी अभ्यास है जिसे करना बहुत आसान है और यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जो आज के जीवन शैली में सामान्य हैं, से भी छुटकारा पाने में मदद करता है।

Essay on Importance of Yoga in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द): योग की उत्पत्ति

योग की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द, ‘यूज’ (YUJ) से हुई है। इसका मतलब है जुड़ना, कनेक्ट या एकजुट होना। यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का संघ है। योग 5000 साल पुराना भारतीय दर्शनशास्त्र है। इसका सबसे पहले प्राचीन पवित्र पाठ – ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था (वेद आध्यात्मिक जानकारी, गीत और ब्राह्मणों द्वारा इस्तेमाल होने वाले अनुष्ठानों, वैदिक पुजारियों के ग्रंथों का एक संग्रह थे)।

हजारों सालों से भारतीय समाज में योग का अभ्यास किया जा रहा है। योग करने वाला व्यक्ति अलग-अलग क्रियाएँ करता है जिसे आसन कहते हैं। योग उन लोगों को लाभ देता है जो इसका नियमित रूप से अभ्यास करते हैं।

योग में किए गए व्यायाम को ‘आसन’ कहा जाता है जो शरीर और मन की स्थिरता लाने में सक्षम हैं। योग आसन हमारे शरीर के अधिक वजन को कम करने और फिट रखने का सबसे सरल तरीका है।

योग की उत्पत्ति

योग का जन्म प्राचीन भारत में हजारों साल पहले हुआ था। सबसे पहले धर्म या विश्वास प्रणाली के जन्म से भी पहले। यह माना जाता है कि शिव पहले योगी या आदियोगी और पहले गुरु हैं। हजारों साल पहले हिमालय में कंटिसारोकर झील के तट पर आदियोगी ने अपने ज्ञान को महान सात ऋषियों के साथ साझा किया था क्योंकि इतने ज्ञान को एक व्यक्ति में रखना मुश्किल था। ऋषियों ने इस शक्तिशाली योग विज्ञान को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैलाया जिसमें एशिया, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। भारत को अपनी पूरी अभिव्यक्ति में योग प्रणाली को प्राप्त करने का आशीष मिला हुआ है।

सिंधु-सरस्वती सभ्यता के जीवाश्म अवशेष प्राचीन भारत में योग की मौजूदगी का प्रमाण हैं। इस उपस्थिति का लोक परंपराओं में उल्लेख है। यह सिंधु घाटी सभ्यता, बौद्ध और जैन परंपराओं में शामिल है। अध्ययनों के अनुसार एक गुरु के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन के तहत योग का अभ्यास किया जा रहा था और इसके आध्यात्मिक मूल्य को बहुत महत्व दिया गया था। सूर्य को वैदिक काल के दौरान सर्वोच्च महत्व दिया गया था और इसी तरह सूर्यनमस्कार का बाद में आविष्कार किया गया था।

महर्षि पतंजलि को आधुनिक योग के पिता के रूप में जाना जाता है। हालाँकि उन्होंने योग का आविष्कार नहीं किया क्योंकि यह पहले से ही विभिन्न रूपों में था। उन्होंने इसे प्रणाली में आत्मसात कर दिया। उन्होंने देखा कि किसी को भी अर्थपूर्ण तरीके से समझने के लिए यह काफी जटिल हो रहा है। इसलिए उन्होंने आत्मसात किया और सभी पहलुओं को एक निश्चित प्रारूप में शामिल किया जिसे योग सूत्र कहते हैं।

आसन या योग पदों के अभ्यास में सांस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सांस हमारे कार्यों के आधार पर एक महत्वपूर्ण बल है और ऑक्सीजन परिवर्तन हमारे शरीर की आवश्यकता है। अगर हम व्यायाम करते हैं तो हमें अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है इसलिए हम साँस तेजी से लेते है और अगर हम आराम करते हैं तो हम साँस आराम से लेते हैं। योग में धीमी गति से आसन करते समय पूरा ध्यान सांस पर एकीकृत करना होता है। योग अभ्यास आराम से साँस लेने और साँस छोड़ने को बढ़ावा देता है।

योग को आसान तक सीमित होने की वजह से आंशिक रूप से ही समझा जाता है, लेकिन लोगों को शरीर, मन और सांस को एकजुट करने में योग के लाभों का एहसास नहीं है। किसी भी आयु वर्ग और किसी भी शरीर के आकार के व्यक्ति द्वारा योग का चयन और इसका अभ्यास किया जा सकता है। यह किसी के लिए भी शुरू करना संभव है। आकार और फिटनेस स्तर से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि योग में विभिन्न लोगों के अनुसार प्रत्येक आसन के लिए संशोधन मौजूद हैं।

निबंध – 4 (600 शब्द): योग के प्रकार व उनके महत्व

योग आसन हमेशा योग संस्कृति में एक महत्वपूर्ण चर्चा रही है। विदेशों में स्थित कुछ योग स्कूलों में योग मुद्राओं को खड़े रहने, बैठेने, पीठ के बल लेटने और पेट के बल लेटने के रूप में वर्गीकृत किया गया है लेकिन योग के वास्तविक और पारंपरिक वर्गीकरण में कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग और क्रिया योग सहित चार मुख्य योग शामिल हैं।

योग के प्रकार व उनके महत्व

यहां योग के चार मुख्य मार्गों और उनके महत्व को समझने के लिए संक्षेप में देखें:

  • कर्म योग- यह पश्चिमी संस्कृति में ‘कार्य के अनुशासन’ के रूप में भी जाना जाता है। यह योग के चार महत्वपूर्ण भागों में से एक है। यह निस्वार्थ गतिविधियों और कर्तव्यों के साथ संलग्न हुए बिना तथा फ़ल की चिंता किए बिना कोई काम करना सिखाता है। यह मुख्य पाठ है जो कर्म योगी को सिखाया जाता है। यह उन लोगों के लिए है जो आध्यात्मिक पथ की खोज करते हैं और परमेश्वर के साथ मिलना चाहते हैं। इसका अपने नियमित जीवन में ईमानदार तरीके से नतीजे की चिंता किए बिना अपने कर्तव्य का संचालन करके भी अभ्यास किया जा सकता है। यह आध्यात्मिक विकास का मार्ग है। असल में कर्म जो हम करते हैं वह क्रिया है और उसका नतीज़ा इसकी प्रतिक्रिया है। व्यक्ति का जीवन अपने कर्म चक्र द्वारा शासित होता है। अगर उस व्यक्ति के अच्छे विचार, अच्छे कार्य और अच्छी सोच है तो वह सुखी जीवन जिएगा वहीँ वह व्यक्ति अगर बुरे विचार, बुरे काम और बुरी सोच रखता है तो वह दुखी और कठिन जीवन जिएगा आज की दुनिया में ऐसे निस्वार्थ जीवन जीना बहुत मुश्किल है क्योंकि मानव कर्म करने से पहले फ़ल की चिंता करने लगता है। यही कारण हैं कि हम उच्च तनाव, मानसिक बीमारी और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कर्म योग सभी भौतिकवादी रास्तों से छुटकारा पाता है और एक खुश और सफल जीवन का नेतृत्व करता है।
  • ज्ञान योग- इसे ‘विज़डम योग’ के रूप में भी जाना जाता है। यह सभी के बीच एक बहुत ही कठिन और जटिल रास्ता है। यह किसी व्यक्ति को गहरी अंतरात्मा के मन से ध्यान और आत्म-प्रश्न सत्र आयोजित करने के द्वारा विभिन्न मानसिक तकनीकों का अभ्यास करके आंतरिक आत्म में विलय करना सिखाता है। यह किसी व्यक्ति को स्थायी जागरूक और अस्थायी भौतिकवादी दुनिया के बीच अंतर करना सिखाता है। यह पथ 6 मौलिक गुणों – शांति, नियंत्रण, बलिदान, सहिष्णुता, विश्वास और ध्यान केंद्रित करके मन और भावनाओं को स्थिर करना सिखाता है। लक्ष्य को प्राप्त करने और सर्वोत्तम तरीके से इसे करने के लिए एक सक्षम गुरु के मार्गदर्शन में ज्ञान योग का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।
  • भक्ति योग- इसे ‘आध्यात्मिक या भक्ति योग’ के रूप में भी जाना जाता है। यह दिव्य प्रेम के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि यह प्रेम और भक्ति के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान का सबसे बड़ा मार्ग है। इस योग के रास्ते में एक व्यक्ति भगवान को सर्वोच्च अभिव्यक्ति और प्यार के अवतार के रूप में देखता है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं – भगवान का नाम जपना, उसकी स्तुति या भजन गाना और पूजा और अनुष्ठान में संलग्न होना। यह सबसे आसान और सबसे लोकप्रिय है। भक्ति योग मन और हृदय की शुद्धि से जुड़ा है और कई मानसिक और शारीरिक योग प्रथाओं द्वारा इसे प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी साहस देता है। यह मूल रूप से दयालुता का एहसास कराती है और परमात्मा को दिव्य प्रेम से शुद्ध करने पर केंद्रित है।
  • क्रिया योग- यह शारीरिक प्रथा है जिसमें कई शरीर मुद्राएं ऊर्जा और सांस नियंत्रण या प्राणायाम की ध्यान तकनीकों के माध्यम से की जाती हैं। इसमें शरीर, मन और आत्मा का विकास होता है। क्रिया योग का अभ्यास करके पूरे मानव प्रणाली को कम समय में सक्रिय किया जाता है। सभी आंतरिक अंग जैसे कि यकृत, अग्न्याशय आदि सक्रिय हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हार्मोन और एंजाइमों को सक्रीय अवस्था में लाया जाता है। रक्त ऑक्सीजन की उच्च मात्रा को अवशोषित करता है और जल्द डी-कार्बोनाइज हो जाता है जो आम तौर पर बीमारियों की संख्या घटाता है। सिर में अधिक परिसंचरण के माध्यम से मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय किया जाता है जिससे मस्तिष्क की कामकाजी क्षमता बढ़ जाती है और स्मृति तेज हो जाती है और व्यक्ति जल्दी थका हुआ महसूस नहीं करता।

योग गुरु या शिक्षक चार मौलिक मार्गों के समुचित संयोजन को पढ़ा सकते हैं क्योंकि ये प्रत्येक साधक के लिए आवश्यक है। प्राचीन कहावतों की माने तो उपरोक्त योग मार्ग प्राप्त करने के लिए गुरु के निर्देशों के तहत काम करना जरूरी है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 पर अधिक जानकारी

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Yoga (योग के महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- भारत

उत्तर- पतंजलि योगपीठ भारत में।

उत्तर- भगवान शिव एवं दत्तात्रेय को योग का जनक माना जाता है।

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Essay on Yoga in Hindi: जानिए परीक्षाओं में आने वाले योग पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 9, 2023

Essay on Yoga in Hindi

योग के नियमित अभ्यास से बेहतर एकाग्रता और फोकस से में ध्यान दिया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता जो किसी कार्य में मन लगाना चाहते हैं। योग एक ऐसा व्यायाम है जो फुर्तीलेपन, शक्ति और संतुलन में सुधार करता है। विद्यार्थियों को कई बार इससे अवगत करने के लिए योग पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। Essay On Yoga In Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

योग पर निबंध सैंपल 1, योग पर निबंध सैंपल 2, योग का अर्थ , योग का महत्व, योग पर 10 लाइन्स .

योग, प्राचीन भारत से उत्पन्न हुआ था। महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है। योग सौम्य मुद्राओं और सचेतन श्वास के संयोजन से शरीर कल्याण को पूर्ण रूप बढ़ावा देता है। यह अभ्यास न केवल शारीरिक फुर्तीली और शक्ति को बढ़ाता है बल्कि मानसिक विश्राम और तनाव में कमी को भी बढ़ावा देता है। ध्यान के माध्यम से, योग एक शांत दिमाग विकसित करता है, मन की एकाग्रता में सुधार करता है और चिंता को कम करता है। उम्र की परवाह किए बिना कोई भी व्यक्ति आसन में सुधार और संतुलित, स्वस्थ जीवन के लिए योग अपना सकता हैं। योग के लाभ को समझकर इसे विश्व स्तर पर महत्व दिया जाता है तथा प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। नियमित अभ्यास को शामिल करके, व्यक्ति बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य, बेहतर मानसिक लचीलेपन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार सकते हैं।

Essay On Yoga In Hindi सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

योग, भारत में शुरू हुई एक प्राचीन पद्धति है जो हमारे शरीर और दिमाग दोनों को स्वस्थ रखने का एक गहरा तरीका प्रदान करता है। योग में गतिविधियों और मुद्राओं के माध्यम से यह व्यक्तियों को लचीलापन और ताकत विकसित करने में सहायता मिलती है। योग में अपनाई गई अनोखी साँस लेने की तकनीकें न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाती हैं, बल्कि लोगों में शांति की भावना भी पैदा करती हैं, जो तनाव के लिए एक शक्तिशाली औषधि के रूप में काम करती हैं।

ध्यान, योग का एक प्रमुख हिस्सा है। ध्यान स्पष्ट सोच और आंतरिक शांति की सुविधा प्रदान करता है, जो हमारे व्यस्त जीवन के बीच अमूल्य साबित होता है। योग के असंख्य लाभ हैं – यह हमारे शरीर को अत्यधिक लचीला बनाने में सहायता करता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और स्वस्थ जोड़ों को बढ़ावा देता है। आम ग़लतफ़हमियों के विपरीत, योग केवल वयस्कों तक ही सीमित नहीं है; यह बच्चों और बुजुर्गों सहित सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए उपयुक्त अभ्यास है। यह एक ऐसा व्यायाम से जो किसी भी उम्र के व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है। 

नियमित रूप से योग करने से आप अच्छी फिटनेस और मानसिक संतुलन को पा सकते हैं। योग को अपने जीवन में शामिल करके, हम शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, मानसिक लचीलापन विकसित कर सकते हैं और आत्म-खोज के परिवर्तनकारी मार्ग पर चल सकते हैं। संक्षेप में, योग एक अभ्यास है जो इसे अपनाने वाले सभी लोगों के जीवन को समृद्ध बनाता है।

योग पर निबंध सैंपल 3

Essay On Yoga In Hindi सैंपल 3 नीचे दिया गया है:

योग कला और विज्ञान की तरह है जो हमें स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। यह एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रथा है जो हमारे दिमाग और शरीर को एक साथ संतुलित तरीके से काम करने पर केंद्रित करती है। यह सिर्फ व्यायाम नहीं है, बल्कि यह हमारे पूरे जीवन को अनुशासन में रखता है।

योग बीमारियों से बचाव और हमें स्वस्थ रखने के लिए भी अच्छा और आसान विकल्प है। यह उन समस्याओं को हल करने में मदद करता है जो हमारे जीने के तरीके से आती हैं। यह दर्शाता है कि योग शारीरिक आसन नहीं है, यह हमारे दिमाग और शरीर को तालमेल में रखने का एक तरीका है।

“योग” शब्द का अर्थ है “जोड़ना”।  केवल शारीरिक व्यायाम करने से परे, योग व्यक्तिगत स्व या चेतना को अनंत आत्मा से जोड़ने कार्य करता है। यह दो चीज़ों को एक साथ लाने जैसा है। योग में अभ्यास और प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से मन की प्रकृति की खोज करना भी शामिल है। यह एक प्राचीन कला है जिसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा में सामंजस्य स्थापित करना और उनका विकास करना है।

योग यह देखने का एक तरीका है कि हमारा दिमाग कैसे काम करता है। इसमें योगिक साहित्य में वर्णित विभिन्न अभ्यास और तकनीकें शामिल हैं, और इन सभी चीजों को एक साथ ‘योग’ कहा जाता है। सरल शब्दों में, योग खुद को किसी बड़ी चीज़ से जोड़ने, अपने दिमाग को बेहतर ढंग से समझने और हमारे समग्र कल्याण को विकसित करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करने में सहायता करता है।

योग बच्चों के लिए एक अच्छे दोस्त की तरह है, जो उनके शरीर, दिमाग और भावनाओं के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देता है। यह शारीरिक शक्ति, सहनशक्ति और ऊर्जा का निर्माण करने में मदद करता है, साथ ही बढ़ती एकाग्रता, शांति और संतुष्टि जैसे मानसिक लाभ भी लाता है। इससे अंदर और बाहर संतुलन बनता है। योग रोजमर्रा की जिंदगी के तनाव से निपटने का एक साधन बन गया है।

योग को शरीर के लिए एक स्थिरता प्रदान करने वाले और कभी-कभी व्यस्त मन के लिए एक शांत प्रभावक के रूप में भी कार्य करता है। यह जोड़ों और अंगों जैसी अंदरूनी चीजों की भी देखभाल करता है, हर चीज को अच्छी तरह से रखता है। चिकित्सा अध्ययन कहते हैं कि सभी शारीरिक गतिविधियों में से, योग सबसे अलग है क्योंकि यह पूरे शरीर को अच्छी कसरत देता है, जिससे बीमार होने की संभावना कम हो जाती है।  नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से किसी के भी जीवन पर सकारात्मक, स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।

Essay On Yoga In Hindi पर लाभ नीचे दिए गए हैं-

  • योग समग्र स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए एक जादुई औषधि की तरह है, जो शरीर की मुद्राओं (आसन) और सांस पर ध्यान केंद्रित करता है। 
  • ध्यान और साँस लेने के व्यायाम (प्राणायाम) का अभ्यास करके, आप अपने जीवन से तनाव को दूर कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन शैली का आनंद ले सकते हैं। यह उन पुरानी बीमारियों के लिए एक शानदार उपाय है जिनसे नियमित दवाओं से निपटना कठिन होता है। 
  • यदि आप पीठ दर्द या गठिया से जूझ रहे हैं, तो प्रमुख मांसपेशियों को लक्षित करने वाले विशिष्ट आसन अविश्वसनीय रूप से सहायक हो सकते हैं। फेफड़ों की क्षमता के लिए, प्राणायाम से बढ़कर कुछ नहीं, जो सर्वोत्तम साँस लेने का व्यायाम है।
  • सांस के साथ जुड़े आसन का क्रम न केवल आपके शरीर के हर हिस्से को लाभ पहुंचाता है बल्कि ताकत, फुर्तीलेपन और संतुलन को भी बढ़ाता है। 
  • दैनिक योग मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, फुर्तीलेपन बढ़ाता है और जोड़ों की समस्याओं से बचाता है। 
  • यह ऊर्जा बढ़ाने, आरामदायक नींद को बढ़ावा देने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए वन-स्टॉप समाधान की तरह है। 
  • योग की असली सुंदरता शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के कल्याण पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव में निहित है। विभिन्न फिटनेस स्तरों के अनुरूप चुनने के लिए आसनों की एक विस्तृत विविधता मौजूद है। 
  • योग में दवाओं की कोई ज़रूरत नहीं – योग बिना किसी हानिकारक दुष्प्रभाव के प्राकृतिक उपचारक की तरह काम करता है। बस अपने शरीर के लिए सही आसन चुनें, उनका सही ढंग से अभ्यास करें और शांतिपूर्ण मन और स्वस्थ शरीर के असीम लाभों का आनंद लें।

योग स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक सुरक्षित और अद्भुत तरीका है, और सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी कर सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी उम्र कितनी है या आपका आकार कैसा है। योग शारीरिक समन्वय को बेहतर बनाने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आप सीधे खड़े हों और बैठें।  यह आपके परिसंचरण, पाचन और तंत्रिका तंत्र के लिए शक्ति बढ़ाने का कार्य करता है, जिससे आप युवा और ऊर्जा से भरपूर महसूस करते हैं।

योग के बारे में अच्छी बात यह है कि यह मन और शरीर दोनों पर एक साथ कार्य करता है, जिससे यह शरीर के समग्र कल्याण का एक आदर्श उदाहरण बन जाता है। यह अब बहुत चलन में है, प्रसिद्ध लोग, नेता और नियमित लोग सभी इसमें शामिल हो रहे हैं। यह आपके दिमाग को साफ़ करता है, आपके शरीर को स्वस्थ रखता है, और आपकी भावनाओं और विचारों को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है।  यह खुद को बदलने और फिट रहने का एक लोकप्रिय और आसान तरीका है जिसे नियमित रूप से किया जाए तो यह आपको जीवनभर स्वस्थ रखने का कार्य कर सकता है।

Essay On Yoga In Hindi जानने के बाद योग पर 10 लाइन्स भी जानिए, जो नीचे दी गई हैं-

  • योग की उत्पत्ति भारत में हिंदू धर्मग्रंथों से हुई और दुनिया भर में इसका अभ्यास किया जाता है।
  • लोग समझ गए हैं कि योग किस प्रकार व्यायाम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
  • योग को केवल व्यायाम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।  इसे स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन का मंत्र माना जाना चाहिए।
  • योगाभ्यास से शांति और अच्छा स्वास्थ्य पाया जा सकता है।
  • योग सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन और आत्मा के लिए भी एक व्यायाम है।
  • योग का अभ्यास करके व्यक्ति तनाव और शारीरिक बीमारियों सहित कई चुनौतियों से निपट सकता है।
  • योग मांसपेशियों को लचीला बनाने, वजन कम करने और त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार करने में मदद करता है।
  • योग धैर्य और एकाग्रता विकसित करने, याददाश्त तेज करने और हमारे जीवन में शांति लाने में मदद करता है।
  • 21 जून को हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • यदि कोई प्रतिदिन योग का अभ्यास करता है, तो वह एक संतुलित जीवन जीने की राह पर है।

योग अपने परिणामों के कारण जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। यह लोगों को उनके शारीरिक और मानसिक कल्याण में मदद कर सकता है।

योग की उत्पत्ति का पता 500 साल पहले लगाया जा सकता है और इसका सबसे पहले उल्लेख वेदों में से एक यानी ऋग्वेद में किया गया था।

योग पर एक लघु निबंध में इसके महत्व, उत्पत्ति और लाभ जैसे विभिन्न बिंदु शामिल होंगे और इसमें कुछ प्रकार के योग भी शामिल हो सकते हैं।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Essay On Yoga In Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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An Introduction to Yoga

Yoga is the ancient way to attain physical, mental, and spiritual practice. Primarily originating in India, the word 'yoga' is derived from Sanskrit, meaning to unite. This unity signifies the ultimate union of the body with consciousness and thus attaining definitive peace.

Recognizing the universal appeal of Yoga, on December 11 2014, the United Nations proclaimed June 21 to be marked as the International Day of Yoga.

It was first started by our present Prime Minister, Shri Narendra Modi. He celebrated Yoga Day for the first time on June 21 in 2015, after which Yoga Day started being celebrated all over the world on June 15, and it turned into International Yoga Day. Since then, Yoga Day has been celebrated every year by the Ministry of Ayurveda, Yoga, Naturopathy, Unani, Siddha, Sowa-Rigpa and Homoeopathy (AYUSH) in India.

As per the calendar, this date is the longest day of the year in the Northern Hemisphere and the shortest in the Southern Hemisphere. Also, from the Yoga's perspective, this summer solstice marks the transition to Dakshinayana. Dakshinayana is the six-month tenure for the sun to travel to the south on the celestial sphere in between the Summer and the Winter solstice.

In today's times, this is practised in various forms across different parts of the world and is growing more and more popular. The main aim of celebrating International Day of Yoga is to raise awareness of the multitude of benefits of Yoga. However, Yoga is much more than just a mere physical activity.

As per one of the famous Yoga practitioners, late B. K. S. Iyengar, Yoga is the best way to cultivate and maintain a balanced attitude in daily life while bequeathing the best of performance skills in every action being made.

History of International Yoga Day

Yoga is a centuries-old practice that originated somewhere around 5,000 years ago in India. This was looked up as a process and technique to interconnect the mind, body and soul together and take a step closer to enlightenment. As this practice gained popularity in the West, this started to be termed an exercise and relaxation method. This was also associated with the claims to alleviate any existing physical injuries and chronic pains.

The idea to mark June 21 as International Yoga Day was first proposed by India's Prime Minister Narendra Modi on September 27, 2014. It was during his UN General Assembly speech where the resolution was introduced by India's Ambassador, Asoke Kumar Mukerji, to June 21 as International Yoga Day.

On June 21, 2015, i.e., when this day was first celebrated, more than 36,000 people from all over India joined Prime Minister Modi to perform 21 yoga postures, also called asanas, for 35 minutes at Rajpath, New Delhi. Shri Narendra Modi was further joined by other high-profile political and famous leaders across the globe.  

What is Yoga?

Yoga is a process in which man tries to bring his mind, body and soul together. Yoga is a Sanskrit word meaning to meet or be united. Yoga originates from Indian culture. People have been practising Yoga since about 5000 years ago. Yoga does not have physical fitness primarily; in Yoga, people try to control their body and mind through mental focus and breathing methods.

If men teach Yoga, then they are called yogis, and if women teach, they are called yoginis. Yoga Sutra is a 2000-year-old book. This is the only book in which written evidence of Yoga has been found. This book is the oldest book about Yoga. Yogic philosophy is described in this book. A lot of methods have been conveyed about how someone can control their mind, their emotion, and merge into spirituality.

Yoga is divided into six branches, namely Hatha Yoga, Raja yoga, Karma yoga, Bhakti yoga, Jnana yoga, Tantra yoga. There are also seven chakras of yoga styles namely Sahasram chakra, Ajna chakra, Vishuddha chakra, Anahata chakra, Manipura chakra, Svadhishthana chakra, Muladhara chakra.

There are total 13 types of Yoga: Kundalini Yoga, Vinyasa Yoga, Hatha Yoga, Ashtanga Yoga, Yin Yoga, Iyengar Yoga, Bikram Yoga, Power Yoga, Sivananda Yoga, Restorative Yoga, Prenatal Yoga, Aerial Yoga, Acro Yoga.

Benefits of Yoga

Yoga is the only process in which you can exercise without any equipment. Not only that but in Yoga, you can drive away your diseases without any medicine.

With Yoga, you can increase the flexibility of your body. If there is flexibility in one's body, then the pain is much less in that body. Doing Yoga can relieve your pain.

If a person does Yoga for 20 to 30 minutes daily, then his body does not get tired throughout the day.

Yoga is very beneficial for children. Yoga is also helpful in calming the mind, and it is also helpful in showing the right attitude. Doing Yoga produces positive thoughts, and it also takes the mind to do the right thing

Muscles get strong by doing Yoga. By going to the gym, doing weight exercises also strengthen muscles, but when you do Yoga, your muscles become strong, and at the same time, it becomes flexible also, so there is no arthritis and back pain.

Doing Yoga keeps the mind calm. By doing this, anxiety does not come. Diseases like mental stress and hypertension remain away from the body.

Doing Yoga improves human posture.

Yoga helps bones remain strong, and there is no joint pain. Blood flow remains good by doing Yoga. It also improves the heart rate of the body and also boosts immunity. Not only this, but Yoga also helps in controlling blood pressure and controls blood sugar levels.

Weight loss is also very quick and easy due to Yoga. Yoga makes the person happy all the time. It enhances peace of mind which leads to good sleep.

Role of India to promote Yoga

Yoga originated in India. Yoga has been practised in India for about 5000 years; every person in India knows about Yoga very much in advance, people know its benefits, and it has been done before it became popular in the world. In his speech given in the UN, the current Prime Minister of India, Shri Narendra Modi, gave the idea of making International Yoga important.

He said in his speech," Yoga is an invaluable gift of India's ancient tradition. It embodies unity of mind and body; thought and action; restraint and fulfilment; harmony between man and nature; a holistic approach to health and well-being. It is not about exercise but discovering the sense of oneness with yourself, the world and nature. Changing our lifestyle and creating consciousness can help in well-being. Let us work towards adopting an International Yoga Day."

With this, the UN Assembly accepted this proposal and decided to celebrate International Yoga Day on June 21 every year. Also, there are several exercises being organized in the schools like writing International Yoga Day Essays for students in English and other vernacular languages.

Significance of Yoga

Shiva, also known as Adiyogi, is considered the originator and creator of Yoga. This was further brought to the masses by the Saptarishis. As per the Indian mythological story, Shiva sat in a meditating position for years. Then, seven people were impressed by his level of determination, so they decided to learn from him, and they sat still for more than 84 years.

After this, Lord Shiva noticed these 7 beings on the summer solstice day and transmitted the science of meditation to the Saptarishis (7 rishis).

International Yoga Day 2021: List of suggested Activities in India

To reach out to the people and induct them into the delightful world of Yoga, some of the activities suggested this year were:

Internal guidelines issuance within the offices with the background of the observation of the then International Day of Yoga. This can also be mentioned or displayed on the respective websites for awareness.

With social media platforms, cover the latest updates and details about International Yoga Day.

Preach the staff with Common Yoga Protocol and organize the online training programmes for these protocols

Ensure maximum participation for the Common Yoga Protocol in a COVID-19 compliant manner.

Circulate the relevant materials to all employees and associates to further share the awareness.

Organize related activities like online lectures sessions and workshops for Yoga experts.

Circulation of Yoga costumes, mats, and other related goodies to motivate all for Yoga practising and adoption.

Publish Yoga and specific articles across organizations with official e-newsletters, bulletins, magazines, and other publishings.

International Yoga Day Objectives

The main objective to adopt International Yoga Day is as mentioned below.

Promote enhanced mental and physical health advantages amongst the people.

Aware the public of Yoga's holistic advantages.

Promote awareness among people about Yoga's natural and amazing results.

Assist people to connect with nature while practising Yoga daily.

Reduction in the rate of fatal diseases across nations.

Unification of communities while devoting quality time for health from monotonous work routines.

Growth enhancement and development together to bring peace.

Encouraging people to eliminate negativity and embrace yoga asanas.

Triumph over bad mental and physical health.

Promote healthy living habits amongst the masses.

International Yoga Day is celebrated every June 21. It was introduced by our honourable Prime Minister, Shri Narendra Modi. It aims to provide mental health fitness, physical health fitness of mind, body and soul. It also rejuvenates our body and keeps us calm. On this day there are many activities that take place in school along with parents.

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FAQs on International Yoga Day Essay

1. What is Yoga?

Yoga is a process in which man tries to bring his mind, body and soul together. Yoga is a Sanskrit word meaning to meet or be united. Yoga originates from Indian culture.

2. When was the first time International Yoga Day was celebrated?

It was first started by our present Prime Minister, Shri Narendra Modi, who celebrated Yoga Day for the first time on June 21 in 2015, after which Yoga Day started being celebrated all over the world on June 15.

3. How Yoga is beneficial for children?

Yoga is very beneficial for children. Yoga helps calm the mind, and it is also helpful in showing the right attitude. Doing Yoga produces positive thoughts, and it also takes the mind to do the right things. That is why doing Yoga can improve the concentration of children in studies. It helps in focusing on the right path. Yoga improves mood swings and reduces stress levels. It also helps improve memory and helps them focus on what they are doing, along with improved sleep levels.

4. How can Yoga benefit our Body Physically?

With Yoga, the bones remain stronger than others, and there would be no joint pain. Yoga enables good blood flow to all the organs and improves heart functioning. Not only this, but Yoga also helps control blood pressure and blood sugar level along with boosting immunity. Yoga also helps weight loss quickly and strengthen muscles. Strengthening muscles is also done with the weight exercises at the gym, but with Yoga, the muscles become flexible at the same time with no further arthritis and back pain.

5. What is the best time to Practice Yoga?

Mornings are the best time to practice Yoga. When you start your day with Yoga, you will experience that you are staying more energetic and focused throughout the day. The prime reason is the fresh air in the morning. It helps you get mentally and physically prepared for the challenges awaiting the rest of the day. Also, after you awake, the muscles stay stiff in the morning. So, practising Yoga in the morning time would stretch your stiff muscles while adding flexibility.

6. What is the frequency of Yoga practice?

Depending on your availability and schedule, you can either join any yoga classes nearby or online, weekly or daily. Yoga practice daily for 15 minutes also would be very beneficial. The best thing about Yoga is that one can take up yoga classes as frequent as one needs. If anyone does not have time to attend classes, online yoga sessions are readily available for them. Just to ensure that while practising yoga at home, you have an appropriate atmosphere to breathe.

7. Which Yoga Style should one follow?

To start with beginners, one needs to be well- aware that there are various forms of Yoga to practice like meditative, fast-paced, slow-paced and restorative forms. These are some of the forms commonly used, and there are other forms as well. Each yoga style is different from others and so as to benefits. Choosing the right yoga style is dependent on factors like age, fitness goals, activity level, current activity level, temperament, time, and more. The beginners might need a lot more time to experiment with different yoga styles to decide the one meeting their needs.

8. How can I download reading material from Vedantu?

Accessing material from Vedantu is extremely easy and student-friendly. Students have to simply visit the website of  Vedantu and create an account. Once you have created the account you can simply explore the subjects and chapters that you are looking for. Click on the download button available on the website on Vedantu to download the reading material in PDF format. You can also access all the resources by downloading the Vedantu app from the play store.

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