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नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi -Drug Addiction

नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

मादक द्रव्य और नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

आज के समय में  मादक पदार्थों का सेवन एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। युवाओ का एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है। कोकीन (चरस, हशीश), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, हशीश, भांग जैसे नशीले पदार्थो का सेवन करके लोग अपना जीवन खराब कर रहे है।

ये पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देते है जिसमे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है, पर जैसे ही नशा खत्म होता है व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे इन पदार्थो की लत लग जाती है।

स्कूल, कॉलेजो में ड्रग्स, नशीली गोलियां चोरी छिपे बेचीं जा रही है जो युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है। इन मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद जल्द ही इसकी लत लग जाती है। उसके बाद लोग चाहकर भी इसे छोड़ नही पाते हैं।

बच्चे अपनी पॉकेट मनी को खर्च करके इसे लेने लग जाते हैं। जल्द ही यह सेवन करने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। आज देश के कई राज्यों में इन मादक पदार्थों/ ड्रग्स को चोरी छिपे बेचा जा रहा है।

पंजाब जैसे राज्यों में नशीले पदार्थो के सेवन ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरो में रेव पार्टिस में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं। आमतौर पर पैसे वाले लोग इसका जादा शिकार होते है।

Table of Content

नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

प्रमुख नशीले पदार्थ common drugs and narcotics.

कुछ प्रमुख नशीले पदार्थ –

  • कोकीन (चरस), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, भांग
  • डॉक्टर द्वारा लिखी गयी- नींद की गोलियां, तनाव, चिंता, अवसाद कम करने  वाली गोलियां
  • कफ सीरप जैसे कोरेक्स का सेवन
  • तम्बाकू वाले पदार्थ जैसे- बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, जर्दा, पान मसाला
  • वाष्पशील विलायक जैसे- नेल पॉलिश रिमूवर (Nail Polish Remover), पेट्रोल,   पेंट (Paint)

मादक पदार्थ लेने के कारण   REASONS OF DRUG ABUSE

इसके पीछे निम्न कारण है-

  • आनन्द पाने के लिए युवा और अधेड़ दोनों वर्गों के लोग इसका सेवन करते हैं। इसके सेवन से कुछ समय के लिए शरीर में ताकत रहती है, मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लोगो को इसका प्रयोग उपयोगी लगने लगता है।
  • आजकल की महंगी जीवनशैली में माता-पिता दोनों ही पैसा कमाने के लिए नौकरियां करने लगे है। वो बच्चो का ख्याल नही रख पाते है। जादातर माता-पिता सुबह घर से निकलते है और रात में घर वापिस आते है। वो बच्चो को जेब खर्च के लिए अधिक से अधिक पैसा देते है जिससे वो ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है। कई बार बच्चे अपने अकेलापन को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते हैं। उन्हें सही तरह का मार्गदर्शन नही मिलने के कारण वो भटक जाते हैं।
  • अपने दोस्तों के प्रभाव में आकर बच्चे सबसे पहले ड्रग्स लेना शुरू करते हैं। वो इसे शौक-शौक में लेते है पर जल्द ही इसकी लत लग जाती है। कई बच्चे इसको फैशन समझने लगे हैं। अमीर बच्चो में ये समस्या कुछ जादा ही है। ये नशीले पदार्थ बहुत महंगे होते है, पर अमीर घर के बच्चे इसे आसानी से खरीद लेते है।
  • कुछ लोग अपने दुःख दर्दों, जीवन की समस्याओं से पलायन करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है।
  • कुछ लोग बोरियत, अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए इसका सेवन करते है।

मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव EFFECTS OF DRUG ABUSE

मादक पदार्थो के सेवन का निम्न दुष्परिणाम निकलता है-

  •  नशीले पदार्थो की लत लग जाने के बाद कुछ भी अच्छा नही लगता है। बार-बार नशीला पदार्थ लेने की तलब लगती है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नही सोच पाता है। जब वो पदार्थ नही लेता है तो उसे बड़ी बेचैनी लगती है। बदन दर्द होता है। चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, गुस्सा, हाथ पैरो में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उलटी मितली आना, जैसे लक्षण दिखने लग जाते हैं।
  • इन नशीले पदार्थों का मस्तिष्क, यकृत, ह्रदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव होता है। हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है। वो अपने रुचिकर कार्यों से भी विमुख हो जाता है।
  • नशे के प्रभाव में व्यक्ति दूसरे लोगो के साथ बुरा व्यवहार करता है। महिलाओं से छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा , आत्महत्या, मोटरवाहन दुर्घटना, हत्या, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल शोषण, घरेलू हिंसा जैसे अपराध नशीले पदार्थो के सेवन के बाद हो जाते है।
  • मादक पदार्थों के सेवन के लिए व्यक्ति अपने सारे पैसे खर्च कर देता है। दूसरे लोगो के पैसे चोरी करने लग जाता है। कई बार वो अपनी जमीन, मकान, कार, घर का सामान, गहने और दूसरी सम्पदा भी नशा करने के लिए बेच देता है। व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि बद से बदतर होती चली जाती है।

मादक पदार्थो की लत से कैसे बचे? HOW TO OVERCOME DRUGS ADDICTION?

नशीले पदार्थो के सेवन के लिए निम्न उपाय अपनायें –

  • अपने मन में नशे की लत को छोड़ने की ठान लीजिये। मन में प्रबल इक्षा होना जरूरी है।
  • पुनर्वास केंद्र/ नशा मुक्तिकेंद्र (Rehabilitation Centre) में भर्ती होना अच्छा विकल्प है। वहां पर और भी लोग आते है। सबका इलाज एक साथ डॉक्टरों की देख रेख में किया जाता है। समूह चिकित्सा (Group Therapy) में मरीज का इलाज किया जाता है।
  • मनोवैज्ञानिक पद्धति से रोगी का इलाज किया जाता है।
  • ध्यान और योग के द्वारा भी मादक पदार्थो की लत को छोड़ा जा सकता है।
  • हर समय अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और हितैषियों के साथ रहे। जब आप उनके सामने हर समय रहेंगे तो आपको नशा करने का मौका ही नही मिलेगा।
  • नशे से ग्रस्त रोगियों को रोज डायरी लिखनी चाहिये। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है। जीवन की हर एक बात लिखनी चाहिये। नशा करने के बाद के दुषपरिणामो को लिखने से व्यक्ति को आभास होता है की किस तरह उसकी जिन्दगी नशे से खराब हो रही है।

निष्कर्ष CONCLUSION

नशीले पदार्थो का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनन्द देता है पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते है। यह व्यक्ति को धीरे धीरे निगल जाता है और उसके जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है। ऐसे लोग आये दिन लोगो से झगड़ा करने लगते है, ऑफिस या कार्यस्थल पर साथी कर्मचारियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार शुरू कर देते है।

काम करते हुए दुर्घटना ग्रस्त हो जाना, सस्पेंड होना, बार बार नौकरी बदलना, नौकरी छोड़ना, चिड़चिड़ा और गुस्सैल स्वभाव दिखाने से व्यक्ति का सब कुछ खत्म हो जाता है। व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है। अतः हमे नशीले पदार्थो का सेवन बिलकुल नही करना चाहिये। जो लोग इस समस्या से ग्रस्त है उनको दृढ़ निश्चय करके इसे छोड़ देना चाहिये। याद रखे नशा एक जहर है।

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नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi

नमस्कार आज के निबंध , नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi में आपका स्वागत हैं. आज का निबंध भारत में नशे की समस्या पर आसान भाषा में निबंध दिया गया हैं.

युवाओं में नशाखोरी की समस्या और समाज पर इसके प्रभाव पर स्टूडेंट्स के लिए निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको यह पसंद आएगा.

नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi

नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi

पिछले कुछ वर्षो से भारत में नशे के लिए ड्रग्स (Drugs) और मादक दवाओं (Narcotic drugs) का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. एवं इसने एक विकराल समस्या का रूप ले लिया है. एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 70 लाख लोग नशे की लत के शिकार है.

जिनमे लगभग 10 लाख लोग हेरोइन के नशे की चपेट में है. गैर आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार यह संख्या 50 लाख तक भी हो सकती है.

स्कूली छात्रों के मध्य किये गये एक सर्वे में पाया गया कि भारत में नौवी क्लाश तक पहुचने वाले छात्रों में 50 प्रतिशत छात्र ऐसे है. जिन्होंने एक बार किसी न किसी नशे का सेवन किया है.

राजस्थान में भी नशे की गम्भीर समस्या है राजस्थान में मुख्य रूप से डोडा पोस्त (Doda Post) ,अफीम (Opium) व अफीम से बने नशीले पदार्थो का सेवन किया जाता है.

राजस्थान परम्परिक रूप से अफीम उत्पादक है. यहाँ कोटा बारां, झालावाड़, चितोड़गढ़ उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों में अफीम की खेती की जाती है.

नारकोटिक्स सेंट्रल ब्यूरो (Narcotics central bureau) द्वारा इन क्षेत्रों में अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किये जाते है. सरकार की अफीम कृषि निति के अनुसार जितनी भी अफीम की खेती का उत्पादन होता है उसे दवाइयों में उपयोग करने के लिए सरकारी एजेंसियों को सौपा जाता है.

परन्तु सरकारी स्तर पर चार चौकसी की व्यवस्था नही होने के चलते इस निति का पूर्ण क्रियान्वयन नही हो पाता है. तथा किसान अफीम का एक बहुत बड़ा हिस्सा चोरी छिपे ड्रग माफिया को दे दिया जाता है. क्युकि अफीम का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य अधिक होने के कारण इससे किसानों को अधिक आर्थिक लाभ होता है.

यह अफीम देश ही नही दुनिया के कई हिस्सों में स्मगल की जाती है. इस अफीम का एक हिस्सा पश्चिमी राजस्थान में पहुच जाता है. जहाँ विवाह, मृत्यु व अन्य सामाजिक अवसरों पर अफीम का उपयोग करने की पुरानी परम्परा है.

वर्तमान समय में यह परम्परा कुरीति का रूप ले चुकी है. पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिले विशेषकर बाड़मेर, बीकानेर व जैसलमेर में अफीम Opium  का काफी प्रचलन है.

पश्चिमी राजस्थान अफीम का अंतर्राष्ट्रीय हब बन चूका है. पाकिस्तान व अफगानिस्तान को यहाँ से अफीम की सप्लाई किये जाने का कारोबार भी बड़े स्तर पर फ़ैल चूका है.

नशे के दुष्प्रभाव (Side effects of intoxication/Drug Abuse In Hindi)

नशे का सेवन करने वाले व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होते है बल्कि इससे उसका पूरा परिवार तथा समाज प्रभावित होता है. ड्रग्स की लत न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से अपंग बना देती है बल्कि उसकी मानसिक क्षमताओं को भी बुरी तरह प्रभावित करती है.

परिवार के मुखिया या परिवार के किसी सदस्य को ड्रग्स की लत जाने से पूरा परिवार तबाह हो जाता है. तथा इसका असर समाज और देश पर भी पड़ता है.

नशे का गुलाम व्यक्ति तब तक जीता है, अपने आप पर, अपने परिवार तथा देश पर एक बोझ की तरह जीता है. नशे की लत लग जाने पर नशा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति चोरी चकारी करता है तथा जरूरत पड़ने पर बड़े अपराधों को भी अंजाम दे देता है.

ड्रग्स माफिया नशे के आदि व्यक्तियों को कैरियर के रूप में काम में लेते है. तथा उनके माध्यम से ड्रग्स की तस्करी करवाते है वे खुद कभी भी कानून की पकड़ में नही आते है जबकि ड्रग्स का आदि व्यक्ति केवल नशे की पूर्ति के लिए सभी अनैतिक कार्य करने के लिए विवश होता है और इसका परिणाम स्वयं व उसका पूरा परिवार भुगतता है

नशे के उपयोग में लाई गई सूइया hiv का कारण बनती है जो अन्तः एड्स का रूप धारण कर लेती है. नशे के प्रभाव में व्यक्ति पागल व सुसुप्तावस्था में आ जाता है व नशे की उतेजना में अपराध तक कर बैठता है. नशे के सेवन से अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है.

भारत में मादक ड्रग्स का उपयोग बढ़ने के कारण (Due to the increase in the use of narcotic drugs in India In Hindi)

एक आंकलन के अनुसार भारत की आधे से ज्यादा संपदा केवल 50 लोगों के हाथो में है. अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा गरीब के लिए अपने परिवार को चलाना ही एक चुनौती है.

गरीब लोगों के पास अपने परिवार को मूलभूत सुविधाएं दे पाना मुश्किल हो गया है. गरीब व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को दो समय का भोजन दे पाता है. अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाना तो बहुत दूर की बात है.

ऐसी स्थति में गरीब व्यक्ति तनाव व अवसाद में रहता है जिसके चलते कई बार अपने आपकों तनाव से मुक्त करने के लिए ड्रग्स का सहारा लेता है और धीरे धीरे इसका आदि हो जाता है.

भारत में अधिकाँश युवा ऊँची शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी बेरोजगार है. वे शारीरिक श्रम कर या छोटा मोटा व्यवसाय कर पर्याप्त आय अर्जित नही कर पाते है. क्युकि बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किसी छोटे व्यवसायी के लिए कोई जगह नही छोडी है.

ऐसी स्थति में युवावर्ग ड्रग्स माफिया का चंगुल में आ जाता है. तथा थोड़े से लाभ के लिए ड्रग्स कैरियर के रूप में काम करने को तैयार हो जाता है और अंतत नशे की लत का शिकार हो जाता है.

यधपि ड्रग्स की रोकथाम के लिए कठोर कानून एन डी पी एस अधिनियम बनाया गया है परन्तु इसकी पूरी तरह से पालना नही हो रही है. सरकार ने ड्रग्स की रोकथाम के लिए अनेकों एजेंसियों जैसे नारकोटिक्स, कंट्रोल ब्यूरो, केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, कस्टम आयुक्तालय, केन्द्रीय आबकारी आयुक्तालय, राज्य आबकारी विभाग आदि बनाए गये है.

परन्तु इन एजेंसियों एवं विभागों के मध्य सामजस्य का अभाव है. व ड्रग्स व नशे पर पूरी तरह से रोकथाम लगाने में विफल रहे है.

वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधिया बढ़ने के साथ साथ ट्रांसपोर्ट के साधन जैसे ट्रक, बस, ट्रेन हवाई जहाज आदि बढ़ गये हीन सारे ट्रांसपोर्ट माध्यमो पर निगरानी नही हो पाती है. ड्रग्स माफिया इसका फायदा उठाते है और आसानी से ड्रग्स की स्मगलिंग करते है. इससे भी नशे में बढ़ोतरी हुई है.

नशे की समस्या का निवारण (Redressal problem Drug Abuse solution In Hindi)

ड्रग्स की समस्या के निवारण के लिए कठोर अफीम निति और इसका पूरा पालन सुनिनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है. अफीम की खेती चारदीवारी या पूरी तरह सरकार की निगरानी में की जानी चाहिए.

किसानों को अफीम का उचित मूल्य दिया जावें, जिससे वे आर्थिक लाभ के लिए अफीम को ड्रग्स माफिया को नही बेचे. किसानों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें नशे के दुष्प्रभाव को बताकर प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अफीम को सरकारी एजेंसियों को ही सौपे .

कुल मिलाकर एक ऐसी व्यवस्था कायम करने की आवश्यकता है जहाँ एक ग्राम भी अफीम ड्रग्स तस्करों के हाथ नही पहुचे.

ड्रग्स की प्रभावी रोकथाम के लिए समाज में ख़ुफ़िया तन्त्र विकसित करने की आवश्यकता है. जो ड्रग्स की जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सम्बन्धित एजेंसी को दे.

सुचना देने वाले व्यक्तियों को पर्याप्त पुरस्कार एवं सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए ऐसा करके उनका विश्वास जितने की आवश्यकता है.

ड्रग्स की रोकथाम में लगी हुई विभिन्न एजेंसियों के मध्य सामजस्य के लिए एक केन्द्रीय एजेंसी बनाई जानी चाहिए जो सभी एजेंसियों के मध्य सामजस्य के साथ साथ इसकी गतिविधियों पर नियन्त्रण रखे. इन एजेंसियों को सभी साधन उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. और समय समय पर आवश्यक प्रक्षिक्षण दिया जाना चाहिए.

विभिन्न सरकारी एजेंसियों को उनके कार्यो के प्रति उतरदायी ठहराया जाना चाहिए एवं यदि उनके द्वारा कर्तव्य पालन में चुक की जाती है. तो उचित उदाहरणत्मक कार्यवाही की जानी चाहिय.

ड्रग्स की रोकथाम के लिए भी न्याय व्यवस्था को सुद्रढ़ किये जाने की आवश्यकता है. एन. डी. पी. एस. अधिनियम के प्रावधान अपने आप में पर्याप्त है. परन्तु इसकी पालना सुन्शिचित करवाने के लिए अनुसन्धान एजेंसियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.

जिससे अनुसन्धान में रही तकनीक त्रुटी के आधार पर दोषी बचने में सफल नही हो पाए. अभियोजन को पूरी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष रखकर सजगता से पैरवी करनी चाहिए. और न्यायालय को छोटी छोटी तकनीकी त्रुटियों के आधार पर अभियुक्तगण को बरी नही किया जाना चाहिए.

ऐसी न्याय व्यवस्था कायम की जानी चाहिए जिसका समाज में यह संदेश जावे कि ड्रग्स का कारोबार करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के शिकंजे से नही बचेगा और उसे अवश्य ही सजा मिलेगी.

निति निर्माताओं को देश की अर्थ निति, कृषि निति और शिक्षा निति पर भी नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है.

अर्थ निति ऐसी होनी चाहिए जिससे गरीब अमीर का अंतर कम हो सके. कर चोरी पर पूरी तरह से रोकथाम लगे. काले धन का संचय नही हो और पब्लिक मनी का उपयोग राष्ट्रहित में किया जावे.

शिक्षा निति में आवश्यक बदलाव कर यह सुनश्चित किया जाना चाहिए कि उसका उद्देश्य केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करना न होकर रोजगार हासिल करना हो.

ग्राम स्वराज्य की तर्ज पर युवाओं को व किसानों को गाँव में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जावे जिससे उनमे शहरों की पलायन की प्रवृति रुक सके.

ऐसा करने से गरीब किसान व युवावर्ग को नशे से दूर रखा जा सकता है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न स्थानों पर, कम से कम एक जिला स्तर पर नशामुक्ति केंद्र स्थापित करना चाहिए.

जहाँ विशेज्ञयों द्वारा नशे की लत से शिकार व्यक्तियों को परामर्श उपलब्ध करवाकर नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जावे और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जावे.

इन केन्द्रों पर आधुनिक तकनीक व सुविधाए होनी चाहिए. गरीब लोगों के लिए वे सुविधाएं मुफ्त होनी चाहिए. इन सुविधाओं का पर्याप्त प्रसार प्रसार होना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों को नशे के बारे में जानकारी मिल सके.

नशा छोड़ देने वाले व्यक्ति लो निगरानी के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे पुन; नशे की दलदल में नही फसे. ऐसे व्यक्तियों को पुनः समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए एवं उन्हें उत्पादक गतिविधियों में शामिल किया जाना चाहिए जिससे फिर से वे नशे का रुख नही करे.

आवश्यकता होने पर ऐसे व्यक्तियों को नये रोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए. उनके परिवारों को प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे पुरानी बातो को भुलाते हुए खुले दिल से नशा छोड़ने वाले व्यक्ति का स्वागत करे और उसे आत्मीय व्यवहार प्रदान करे.

केवल कानून से ड्रग्स की समस्या से निजात नही पाई जा सकती है. इसके लिए जनचेतना और पुरे समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है. समाज को ड्रग्स के दुष्प्रभावो के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

और ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए, जहाँ न केवल आम आदमी नशे से दूर रहे बल्कि नशीले पदार्थो की तस्करी की सप्लाई की कोई भी जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सरकारी एजेंसियों को दे जिससे नशे के कारोबारियों को तुरंत सजा मिल सके.

नशे की रोकथाम के उपाय (Drug prevention measures In Hindi)

विधिक सेवा संस्थाओ का यह सामाजिक एवं विधिक दायित्व है कि वे ड्रग्स की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए. विधिक सेवा संस्थाओं को सरकारी एजेंसियों विशेज्ञयों के साथ मिलकर ड्रग्स की रोकथाम के लिए ठोस योजना निति बनानी चाहिए.

जिसके तहत आम जन को ड्रग्स की रोकथाम के लिए बने हुए कानूनों तथा समाज पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जावे. विधिक सेवा संस्थाओं के पैनल अधिवक्ता व पैरालीगल वोलेंटीयर्स सरकारी विभागों के साथ मिलकर इस दिशा में प्रभावी कार्य कर सकते है. 

विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा स्कुल कोलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते है. निबंध, पोस्टर, पेंटिंग, वाद विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित कर विद्यार्थियों को जागरूक किया जावे.

विद्यार्थी विधिक सेवा व शान्ति दूत के रूप में कार्य करते हुए नशा मुक्ति का संदेश पूरे समाज में पहुचाना चाहिए. विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों का दौरा कर नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों को आवश्यक परामर्श दिया जावें.

यदि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा अपने कर्तव्य की पालना नही की जाती है तो विधिक सेवा संस्थाए सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में जनहित याचिकाएं दायर की जा सकती है.

नशे की रोकथाम के लिए हम सभी को पुरे मनोयोग से सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है एकल प्रयासों इस पर पार पाना संभव नही है.

सभी सरकारी एजेंसियों व विधिक सेवा संस्थाओं को मिलकर इस बुराई की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए. तभी नशा मुक्ति भारत का सपना साकार हो सकेगा.

नशा मुक्ति De Addiction Meaning Drug Abuse In Hindi

एक व्यक्ति द्वारा ऐसी मादक दवाएं / नशीली दवाएं अथवा नशीली सामग्री का उपयोग करना जिससे शारीरिक/मानसिक/ मनोवैज्ञानिक क्षमताएं प्रभावित होती हो, नशाखोरी / दुर्व्यसन कहलाता हैं.

लोग प्रायः अपने आधुनिक जीवन में तनाव से मुक्ति पाने के लिए गम या हर्ष का प्रदर्शन करने के लिए, अपनी समर्द्धता या स्फूर्ति अनुभव कराने के लिए नशा करते हैं.

सरकारी आकडे के अनुसार देश में 7.3 करोड़ लोग नशे का सेवन करते है तथा 70 प्रतिशत इसके अभ्यस्त हो चुके हैं. नशाखोरी के उदहारण- भांग, गांजा, चरस, शराब/ एल्कोहल, अफीम, हेरोइन, एलएसडी, मार्फीन, कोकीन आदि.

नशाखोरी के प्रकार

उद्दीपक दवाएं अपर्स/पेप पिल्स/स्पीड.

  • मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है तथा अस्थायी स्फूर्ति आने से व्यक्ति में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार हो जाता हैं. जैसे एमफोटेमाईन दवा, कोकेन (कोका के पौधे से प्राप्त क्षारतत्व- एल्केलायड) क्रैक (कोकीन क ही एक ओर रूप) अधिकतर खिलाड़ियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा उपयोग
  • कोकीन के अधिक उपयोग से मनोवैज्ञानिक समस्याएं यथा- चिंता, तनाव, भय, अनिद्रा आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा शरीर का वजन कम हो जाता हैं.

अवसादक दवाएं / डाउनर्स

  • मस्तिष्क एवं मांसपेशियों की क्रियाशीलता को कम करती हैं जैसे शराब/ एल्कोहल, मैड्रेक्स, वेलियम, लिब्रियम आदि.
  • गोलियां अधिक उपयोग करने से आलस्य, चिड़चिड़ापन, मानसिक निष्क्रियता आदि हैं.
  • प्रायः अवसादक गोलियों में बार्बीटुरेट रसायन होते हैं. जो नीद की गोलियों में भी पाए जाते हैं.
  • इन दवाओं के अधिक सेवन से या बिना चिकित्सकीय निरिक्षण के इनका उपयोग बंद करने पर खतरे की स्थिति पैदा होती हैं.

विभ्रांति कारक दवाएं/ चेतना प्रसार दवाईयां

  • मानसिक संवेदन को तीव्र करने वाली हमारी चेतना का ढंग/ सुनने/ देखने/ अनुभव का ढंग बदलने वाली दवाईयां
  • इन दवाओं के सेवन से समय, स्थान, पहचान का बोध धीरे धीरे समाप्त हो जाता हैं. व्यक्ति को इसकी कम मात्रा में लगता है जैसे वह अधिक उंचाई पर हैं.

स्वापक दवाएं / अफीमी दवाएं

  • पोस्त के पौधे से बनने वाली दवाइयां जैसे अफीम हेरोइन, मार्फीन, मीथेडीन, पैथीडीन आदि.
  • अफीम पोस्त पौधे से तैयार होती हैं. अफीम का वैज्ञानिक नाम Lachryma Papaveris या पैपेवर सेमेइफेरम हैं. अफीम में
  • 12 प्रतिशत मार्फीन होती हैं. मार्फीन से ही हेरोइन को तैयार किया जाता हैं.
  • हेरोइन महंगी होने के कारण उसके अपरिष्कृत रूप में ब्राउन शुगर एवं स्मैक प्रयुक्त होते हैं.
  • गाँवों में अफीम का उपयोग कब्ज पैदा करने हेतु, सर्दी जुकाम से निजात हेतु, युद्ध के समय मल मूत्र रोकने हेतु एवं यौन शक्ति बढ़ाने हेतु किया जाता था. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत व्यापक रूप से इसका उपयोग होता हैं.
  • राजस्थान में चित्तौड़गढ़ अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक जिला हैं.

अन्य नशीले पदार्थ

  • भांग के पौधे से ही भांग गांजा चरस आदि प्राप्त होते हैं जिन्हें खाकर, पीकर, धुम्रपान के रूप में सेवन किया जा सकता हैं.
  • केनबिस सैटिवा के जंगली/ कृषिजात नर / नारी सभ प्रकार के पौधों की पत्तियों से भांग प्राप्त होती हैं.
  • कृषिजात नारी पौधों के फूलदार, फलदार शाखाओं को क्रमश सुखाकर व दबाकर गांजा तैयार करते हैं जो इन्ही पौधों से जो रालदार स्राव निकलता है उससे चरस/ सल्फा प्राप्त करते हैं.
  • चरस गांजे के पेड़ से ही निकला एक प्रकार का गोंद हैं जो मोम की तरह हरें पीले रंग का द्रव्य हैं.

मादक द्रव्यों के दुष्परिणाम

  • मादक पदार्थों से व्यक्ति के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ता हैं.
  • स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव- मानसिक अक्षमता, संवेगात्मक असंतुलन, अत्यधिक निद्रा
  • विभिन्न दुर्घटनाएं
  • अवैध व्यापार, तस्करी को बढ़ावा, अपराधीकरण, भ्रष्टाचार, अनैतिक आचरण, पारिवारिक पतन
  • आर्थिक संकट

नशाखोरी के तथ्य

  • विश्व में 1968 में अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की स्थापना हुई. यह स्वतंत्र व अर्द्धन्यायिक संस्था है जिसका मुख्यालय वियना आस्ट्रिया हैं.
  • केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) की स्थापना नवम्बर 1950
  • विश्व में मादक द्रव्यों के विरोध में अंतर्राष्ट्रीय दिवस- २६ जून

  • नशा निषेध दिवस पर निबंध
  • नशा मुक्ति पर निबंध
  • नशाखोरी का युवा समाज व देश पर प्रभाव

उम्मीद करता हूँ दोस्तों नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi का यह निबंध आपको पसंद आएगा.

यदि आपको नशाखोरी के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

3 thoughts on “नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi”

Very nice sir thanku….

Very inspired essay for peoples To abuse drugs

धन्यवाद हर्ष जी

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Essay on Drug Addiction in Hindi Language- मादक पदार्थों की लत निबंध

In this article, we are providing information about Drugs addiction in Hindi. Essay on Drug Addiction in Hindi Language- नशे की बढ़ती प्रवृत्ति,  मादक पदार्थों की लत निबंध Drug Abuse in India Essay.

आज़ादी के लगभग 30 वर्षों तक हमारे देश में नशाखोरी को समृद्धि का प्रतीक नहीं माना जाता था और पीने वाले लोग  चोरी-छिपे या बड़े लोगों की निगाह से बचकर नशे का सेवन करते थे। आज तो इसका प्रचलन स्टेटस सिंबल बन गया है। शादी-विवाहों में ही नहीं घर की छोटी-छोटी बैठकों, जन्म-दिवस जैसी खुशी की घड़ियों में यदि शराब न परोसी गई तो सारे आयोजन  का मजा ही किरकिरा माना जाता है। नशा चाहे शराब का हो अथवा भांग, गांजा या चरस का, उसके समर्थकों की कमी  नहीं रही। फिर भी बुरी लत तो बुरी होती है। वह हमारे मन मस्तिष्क, स्वास्थ्य तथा आर्थिक स्थिति को चौपट करके रख देती है। दीवानगी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि घर-बार बर्बाद हो जाते हैं।

गांधीजी वे शराबियों की दशा से भली-भाँति अवगत थे तथा इस देश की गरीबी भी उनसे छिपी नहीं थी जिसकी वजह से उन्होंने नशा उन्मूलन को कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल किया था। आज राजनेताओं में भी शराब की लत बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है। सरेआम कानून की धज्जियाँ उड़ाई जाती है। सत्ता पाने के लोभ में स्वयं नशे के विरोधी बनकर अंदर से शराब और मांस परोसकर सत्ता के नंबरदार बनना चाहते हैं। कानून के संरक्षकों की नाक के नीचे स्मैक, अफीम तथा कोकीन जैसे निषिद्ध मादक द्रव्य तथा युवकों को चौपट करनेवाली दवाइयों की बिक्री होती है। सरकार खुली शराब बेचने के लाइसेंस दे रही है। शराब की दुकानें बढ़ा रही है और खुद लाभ के लोभ में शराब की दुकानें खोल रही है। विदेशों में मदिरापान, पानी पीने के समान माना जाता है। भारत के यूवा पश्चिम की इस बुराई का अंधानुसरण करने लगा है। किंतु सरकारी ढील, बेरोजगारी और प्रशासनिक तंत्र का शिथिल और लापरवाह होना नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के लिए जिम्मेदार है।

नशाखोरों को, चाहे वह कोई भी नशा करते हों उनको महिमामंडित करने के बजाय, उनका सामाजिक तिरस्कार किया जाना चाहिए। नशे की गैर-कानूनी बिक्री रोकने तथा बेचनेवालों को पकड़वाने के लिए जन जागरण लाया जाए। जगह-जगह नशाखोरी के खिलाफ प्रदर्शन तथा नशे की दुकानों के आगे प्रदर्शन किए जाएँ, तभी नशाखोरी की प्रवत्ति कम की जा सकती है और यदि व्यापक प्रयास किए जाएँ तो नशाखोरी का उन्मूलन भी किया जा सकता है। उन्मूलन के लिए जनता को अपनी जिम्मेदारी स्वयं निभानी होगी। नशाखोरी की बढ़ती हुई प्रवृत्ति को रोकने के लिए सामने आना होगा। इसी में देश व समाज का हित है।

#Drug Addiction Essay in Hindi

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Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध

November 13, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मादक पदार्थों की लत पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Drug Addiction in Hindi Language for students of all Classes in 200, 250 and 500 words.

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Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध (100 Words)

हमारे युवाओं में नशीले पदार्थों की लत बहुत आम हो रही है शायद युवाओं को यह जीवन बहुत भारी लगता है। इससे बचने के बाद, वे ड्रग्स लेते हैं कभी-कभी माता-पिता स्वयं इसका कारण बन जाते हैं वे या तो बहुत सख्त हैं या उनके बच्चों में भाग लेने के लिए कोई समय नहीं है। युवाओं को उपेक्षित महसूस होता है शिक्षा की हमारी असाधारण व्यवस्था भी बड़ी वजहों में से एक है। जब युवाओं को 15-20 साल की शिक्षा के बाद कोई रोजगार पाने में असफल होते हैं, तो वे निराश हो जाते हैं और दवाओं में ले जाते हैं। नशीली दवाओं की लत एक बड़ी सामाजिक समस्या बन गई है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए कोई शॉर्ट-कट इलाज नहीं है हम अक्सर शिकायत करते हैं कि हमारे युवा गलत हो रहे हैं लेकिन, हम अपनी समस्याओं को समझने के लिए शायद ही कुछ भी करते हैं हमारी युवाओं को ड्रग्स से दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका उनकी ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक तरीके से करना है। एक रोजगार आधारित शिक्षा प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।

Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध (250 Words)

मादक पदार्थों की लत वर्तमान समय की गंभीर समस्याओं में से एक है। हेरोइन, हैशिश और भूरे रंग की शक्कर जैसे नशीले पदार्थों को आमतौर पर दवाएं कहा जाता है और युवा पुरुषों और महिलाओं या तो इन दवाओं को मौखिक रूप से लेते हैं या अपने धुएं में श्वास डालते हैं।

समाजशास्त्री का कहना है कि नशीली दवाओं की लत एक लत है जो पश्चिमी देशों के भारत और अन्य प्राच्य देशों में आ गई है। भारतीय पश्चिम की ओर अग्रसर हैं और नशा-नशेड़ी बन रहे हैं। आधुनिक समाज में कई परिवार-समस्याएं हैं प्यार और स्नेह शक्तियों की कमी युवाओं को ड्रग्स के आदी हो जाने के लिए कभी-कभी आदी मित्रों के दबाव में युवाओं को एक आदी बनने की आदत होती है।

मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि ड्रग्स नशे की लत को दुनिया के तनावों और समस्याओं से बचने में मदद करते हैं। लेकिन वे नर्वस सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचाते हैं और नशेड़ी के मानसिक मेक-अप को तोड़ते हैं। यह मौत का कारण बनता है यहां तक कि अगर नशे की लत ड्रग्स लेने से अचानक वह मर सकता है इसलिए वापसी धीरे-धीरे किया जाना चाहिए।

नशीली दवाओं के प्यार और दया से व्यवहार किया जाना चाहिए। बेईमान व्यापारियों और नशीली दवाओं के तस्करों को नियंत्रित करने के लिए समाज को मजबूत कदम उठाने चाहिए। दुनिया भर में नशीली दवाओं के नियंत्रण के नियम हैं, फिर भी नशे की लत धीरे-धीरे बढ़ रही है। विभिन्न देशों के युवाओं के बीच एक दवा विरोधी चेतना की क्या आवश्यकता है|

Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध (500 Words) 

नशीली दवाओं की लत हमारे समाज में एक नई घटना नहीं है। इतिहास यह है कि आदमी हमेशा कैनबिस, हशिश, मारिजुआना जैसी दवाओं के उपयोग को जानता है। कई राजा और कलाकारों सहित महान पुरुष दवाओं को एक आदत के रूप में लेने के लिए जानते हैं एक आम आदमी ने भी एक धार्मिक समारोह के एक हिस्से के रूप में या सामाजिक परंपरा के रूप में दवाओं को भी लिया है हालांकि, इस आदत ने हाल ही में जब तक सिंथेटिक दवाओं का विकास नहीं किया था और दैनिक जीवन में बढ़ती हुई कठिनाइयों के साथ उनके डेरिवेटिव के परिणामस्वरूप दवाओं और नशीली दवाओं की एक अनियंत्रित लहर हुई है। यह आदत समाज के केवल विशेष वर्गों तक ही सीमित नहीं है। आज, लगभग हर युग, पेशे और समाज के लोग ब्राउन शुगर, कोकेन, स्मैक इत्यादि जैसे विभिन्न नामों से समाज में जाने वाली इन दवाओं के प्रभाव में आते हैं।

एक समय था जब कुंठा, खारिज और भावनात्मक गड़बड़ी का मुख्य कारण था, जिसके कारण एक व्यक्ति ने ड्रग्स ले लिया। लेकिन अब हम जिज्ञासा, सहकर्मी समूह के दबाव, साहस की भावना और कारणों की लंबी सूची तक आसानी से पहुंच सकते हैं जिसके कारण आज की पीढ़ी दवाओं के आदी बन गई है। ड्रग लेने की इस घटना से सबसे दुर्भाग्यपूर्ण गिरावट यह है कि एक व्यक्ति आसानी से इसके लिए आदत हो जाता है। सभी की आवश्यकता सिर्फ एक पफ है एक बार जब कोई व्यक्ति व्यसनी हो जाता है, तो वह नियमित रूप से ड्रग्स की नियमित आपूर्ति प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह के अपराध करता है। वह धोखा दे सकता है, चोरी कर सकता है, झूठ बोल सकता है और कभी-कभी हत्या भी कर सकता है, ताकि वह ड्रग्स खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा दे। अगर वह दवाओं की अगली खुराक प्राप्त करने में सक्षम न हो, तो आल नशे की गहन वापसी के लक्षण ग्रस्त हैं।

उसकी नाक पानी शुरू हो जाती है, वह पेट और शरीर के ऐंठन से मिलता है, उसके शरीर में दर्द होता है, उसकी आँखें ‘जलती हुई सनसनी होती है, वह सिर दर्द को विभाजित करता है और बेहद बीमार हो जाता है। इस लत का इलाज करने का एकमात्र तरीका योग्य चिकित्सा सहायता, एक मजबूत इच्छाशक्ति और एक बहुत ही सहायक परिवार है। नशे की लत की बीमारी हमारे समाज में तेजी से फैल रही है। इसलिए, समय की जरुरत है कि युवाओं के विकास की ठीक से निगरानी करें और उनकी आदतों पर सतर्क नजर रखें। इसके अलावा, एक परिवार को बच्चों को सभी प्यार और ध्यान, समर्थन, विश्वास और प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को मानव शरीर पर दवाओं के हानिकारक प्रभावों के बारे में बता देना चाहिए। और यदि संभव हो तो उन्हें नशीली दवाओं की नस्लों को अस्पतालों को देखने के लिए ले जायें, ताकि वे किसी भी समय नशीली दवाओं के साथ प्रयोग करने की आवश्यकता महसूस न करें।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Drug Addiction in Hindi – मादक पदार्थों की लत पर निबंध )  को पसंद करेंगे।

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दवाई का दुरूपयोग पर निबंध

drugs addiction essay hindi

By विकास सिंह

essay on drug abuse in hindi

नशीली दवाओं के दुरुपयोग का मतलब एक समय में दवाओं का अत्यधिक सेवन होता है। नशीली दवाओं के बार-बार उपयोग से नशे की लत विकसित होती है जिसमें हानिकारक परिणाम होते हैं। यह एक ऐसी समस्या है जो मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली को सीधे प्रभावित करती है जिससे इसे गंभीर नुकसान पहुंचता है।

नशीली दवाओं का दुरुपयोग, जुनूनी और दवाओं के अत्यधिक उपयोग के लिए एक शब्द है, जो इन दिनों एक आम समस्या है। दवाओं का नियमित उपयोग स्वयं हानिकारक है। यह लत की ओर जाता है और व्यवहार में परिवर्तन का कारण बनता है। नशीली दवाओं का दुरुपयोग विशेष रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है और अन्य स्वास्थ्य मुद्दों जैसे कि गुर्दे की विफलता और हृदय की समस्या को भी जन्म दे सकता है।

दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (200 शब्द)

नशीली दवाओं का दुरुपयोग दवाओं का बार-बार और अत्यधिक उपयोग है। यह एक व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिससे मस्तिष्क को एक बड़ी क्षति होती है। नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक व्यक्ति की आत्म-नियंत्रण करने की शक्ति को बाधित करता है और ड्रग्स लेने के आग्रह का विरोध करने की उनकी क्षमता में हस्तक्षेप करता है।

ड्रग्स को शुरू में पसंद से बाहर ले जाया जाता है, हालांकि, जितना जल्दी आपको एहसास होता है, उनका विरोध करना कठिन हो जाता है। इस समस्या से उबरना मुश्किल है और यहां तक ​​कि जो लोग इसे फिर से विकसित करने का एक उच्च जोखिम खड़ा करते हैं।

निम्न के कारण होने वाले तनाव पर अंकुश लगाने के लिए लोग आमतौर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं:

  • पारिवारिक मामले
  • काम पर दबाव
  • स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ती प्रतियोगिता
  • रिश्ते की समस्याएं
  • वित्तीय समस्याएं
  • खालीपन का एहसास
  • इसके अलावा, यह एक आनुवांशिक समस्या भी हो सकती है। जो भी कारण हो, यह समझना आवश्यक है कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग केवल समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें बढ़ाता है। इस प्रकार इससे दूर रहना ही बुद्धिमानी है। जो लोग पहले ही इस समस्या के शिकार हो चुके हैं, वे इससे उबरने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन ले सकते हैं। उचित दवा, प्रियजनों का समर्थन और दृढ़ इच्छा शक्ति नशाखोरी की अंधेरी दुनिया से बाहर ले जा सकती है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए उपचार लंबी अवधि में बढ़ाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समस्या से छुटकारा न मिले।

दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (300 शब्द)

नशीली दवाओं के दुरुपयोग का तात्पर्य दवाओं के अत्यधिक उपयोग से है। यह एक व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिससे मुख्य रूप से मस्तिष्क को नुकसान होता है। ड्रग्स को शुरू में अलग-अलग कारणों से पसंद के कारण लिया जाता है। हालांकि, धीरे-धीरे उनका विरोध करना मुश्किल हो जाता है। अलग-अलग कारण हैं कि लोग दवाओं का रास्ता क्यों अपनाते हैं। यहाँ इन पर एक नज़र है और इस समस्या पर अंकुश लगाने के तरीके भी हैं।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण:

पारिवारिक / संबंध समस्याएँ कई लोगों के परिवार में समस्याएं हैं। उनके लिए, नशीली दवाओं का दुरुपयोग उन समस्याओं के कारण होने वाले तनाव से एक आसान लगता है। युवा, विशेष रूप से मादक पदार्थों के सेवन से अपने संबंधों की समस्याओं से निपटने की कोशिश करते हैं।

काम का दबाव स्कूल और कॉलेज स्तर पर या कार्य स्थल पर प्रतिस्पर्धा और दवा दुरुपयोग का एक और प्रमुख कारण है।

जीन अक्सर यह देखा जाता है कि एक व्यक्ति के जीन भी उसके / उसके मुड़ने वाले व्यसनी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समस्या आमतौर पर, परिवार में नहीं चलती है।

अकेलापन अकेलेपन या खालीपन की भावना भी एक व्यक्ति को दवाओं की ओर मुड़ने के लिए मजबूर कर सकती है।

दवा के दुरुपयोग समाधान:

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विभिन्न चरणों से पीड़ित लोगों को विभिन्न प्रकार की दवाएं दी जाती हैं। यहाँ इन पर एक नज़र है:

उपचार में रहना दवाओं की अनुपस्थिति के अनुकूल होने के लिए रोगी के मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होती है। यह उपचार रोगियों को दवाओं के लिए उनकी लालसा को नियंत्रित करने में मदद करता है।

वापसी उपचार जो लोग दवाओं का उपयोग करना बंद कर देते हैं वे तनाव, चिंता, मनोदशा में बदलाव आदि जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। इन लक्षणों को दूर करने के लिए उन्हें दवाएँ दी जाती हैं।

पलायन को रोकें कई कारक हैं जो एक रिलैप्स को ट्रिगर कर सकते हैं। इन ट्रिगर को नियंत्रित करने के लिए दवाएं विकसित की जा रही हैं।

निष्कर्ष:

इन दिनों ड्रग एब्यूज एक आम समस्या है। हालांकि प्रतिरोध करने में मुश्किल है, दवाओं का उपयोग उचित दवा और मार्गदर्शन के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।

दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (400 शब्द)

नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक पुरानी बीमारी है। जो लोग नशीली दवाओं का दुरुपयोग करते हैं, वे उनके हानिकारक परिणामों के बारे में पूरी तरह से जागरूक होने के बावजूद उनका विरोध करने में असमर्थ हैं। दवाओं का नियमित सेवन मस्तिष्क को प्रतिकूल रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और विभिन्न अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकता है।

दवाओं के भारी सेवन के कारण होने वाले मस्तिष्क परिवर्तन लगातार हो सकते हैं। इस प्रकार नशीली दवाओं की लत एक समस्या के रूप में जानी जाती है। यहाँ नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विभिन्न कारणों पर एक नज़र है और इस समस्या को दूर करने के तरीके भी हैं:

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारक:

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारक मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किए गए हैं। यहाँ इनमें से प्रत्येक पर एक नज़र है:

पर्यावरणीय कारक किसी व्यक्ति के वातावरण में विभिन्न कारक शामिल होते हैं जैसे कि उसकी सामाजिक स्थिति, परिवार, दोस्त, पेशेवर जीवन, आदि। परिवार में समस्याएं, बुरी कंपनी, काम पर प्रतिस्पर्धा और उचित मार्गदर्शन और माता-पिता या शिक्षकों से समर्थन की कमी के कारण अक्सर नशीली दवाओं का सेवन हो सकता है।

जैविक कारक नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक आनुवंशिक समस्या भी हो सकती है। एक बच्चा नशीली दवाओं के दुरुपयोग के शिकार होने की एक उच्च संभावना रखता है यदि उसके माता-पिता में से कोई भी उसी के प्रभाव में रहा हो। कुछ मानसिक विकार भी व्यक्ति को दवाओं की ओर मोड़ सकते हैं।

आयु कारक हालांकि नशा किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है, लेकिन जो लोग कम उम्र में ड्रग्स लेना शुरू करते हैं, उन्हें नशे की लत लगने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके मस्तिष्क में वे क्षेत्र जो आत्म-नियंत्रण, निर्णय और निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अभी भी अपने विकास के चरण में हैं। यही कारण है कि किशोरों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की संभावना अधिक होती है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग का इलाज करने के तरीके

हालांकि मुश्किल है, नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या को ठीक करने के तरीके हैं। यहां कैसे:

विशेषज्ञ मार्गदर्शन इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर से मिलने और उचित दवा लेने का सुझाव दिया जाता है। जो लोग इस गंभीर समस्या से पीड़ित हैं, उनमें से अधिकांश को इसे नियंत्रित करने के लिए पुनर्वास केंद्र में शामिल होने की सिफारिश की जाती है।

सही खाएं और व्यायाम करें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण होने वाली क्षति को शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक होने के लिए फिर से भरना चाहिए और यह केवल एक स्वस्थ आहार के द्वारा किया जा सकता है। खाड़ी में तनाव बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने का भी सुझाव दिया जाता है।

नशीली दवाओं का दुरुपयोग, मुख्य रूप से किसी के जीवन में भावनात्मक उथल-पुथल को दूर करने के प्रयास के कारण होता है, यह स्वयं हानिकारक हो सकता है। इसे एक व्यक्ति की जीवनशैली को खतरा हो जाता है और उसका स्वास्थ भी इससे खराब हो जाता है।

दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, essay on drug abuse in hindi (500 शब्द)

नशीली दवाओं का दुरुपयोग दवाओं के अत्यधिक, बाध्यकारी और दोहराया उपयोग है। यह एक पुरानी बीमारी है जो मरम्मत से परे एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। प्रारंभ में, एक व्यक्ति पसंद से ड्रग्स लेता है। हालाँकि, कुछ समय बाद उनका विरोध करना उनके लिए लगभग असंभव हो जाता है। नशीली दवाओं की लत को नियंत्रित करना मुश्किल है और अक्सर इसे एक बीमारी के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह मुख्य रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है।

यह समस्या क्यों होती है?

अलग-अलग लोगों को अलग-अलग कारणों से ड्रग्स की लत लग जाती है। यहाँ कुछ मुख्य कारणों पर एक नज़र डाली गई है जो इस समस्या का कारण बनते हैं:

अकेलापन अकेलेपन की भावना को दूर करने के लिए कई लोग ड्रग्स लेते हैं। कई बार, लोगों को लगता है कि उनके पास अपने सुख और दुख साझा करने के लिए कोई नहीं है और वे अंततः इस भावना से छुटकारा पाने के लिए ड्रग्स लेते हैं।

प्रतियोगिता स्कूलों, कॉलेजों और काम पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा से दबाव पैदा होता है जिसे संभालना अक्सर मुश्किल होता है। इस दबाव को संभालने के लिए कई लोग दवाओं का सहारा लेते हैं।

रिश्ते की समस्याएं यह नशीली दवाओं के दुरुपयोग का एक सामान्य कारण भी है। असफल रिश्तों के कारण होने वाली भावनात्मक उथल-पुथल को दूर करने के लिए युवा अक्सर ड्रग्स लेते हैं।

प्रयोग बहुत से लोग, ज्यादातर किशोर सिर्फ यह जानने के लिए उत्सुक होते हैं कि ड्रग्स का स्वाद और साथ ही उनके आफ्टर इफेक्ट्स कैसे होते हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि इस प्रयोग से पहले से ही लत लग सकती है।

जीन नशीली दवाओं का दुरुपयोग अक्सर वंशानुगत होता है। यदि माता-पिता में से कोई भी नशे का आदी है, तो बच्चे को समस्या होने का खतरा अधिक होता है।

इस समस्या पर अंकुश कैसे लगाया जाए?

हालांकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग की अंधेरी दुनिया से बाहर निकलना मुश्किल है और इस समस्या से छुटकारा पाने की बहुत अधिक संभावना है, कुछ चीजें हैं जो इस समस्या से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे लोगों की मदद कर सकती हैं। इन पर नीचे विस्तार से चर्चा की गई है:

विशेषज्ञ परामर्श यह एक डॉक्टर से परामर्श करने या बेहतर अभी भी एक पुनर्वास केंद्र में शामिल होने का सुझाव दिया जाता है ताकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से छुटकारा मिल सके। इस समस्या का शिकार होना जितना आसान है, उससे बाहर आना भी उतना ही मुश्किल। पुनर्वास केंद्रों पर कदम दर कदम दृष्टिकोण इस मुद्दे पर अंकुश लगाने का एक प्रभावी तरीका है।

स्वस्थ खाओ दवाओं के भारी सेवन से आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ता है। खोए हुए पोषक तत्वों को फिर से भरने के लिए, एक स्वस्थ आहार का सुझाव दिया जाता है।

व्यायाम शारीरिक गतिविधियाँ जैसे जॉगिंग, डांसिंग, स्विमिंग, योगा आदि, एंडोर्फिन के विकास को बढ़ावा देते हैं, जिन्हें हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होने का सुझाव दिया जाता है क्योंकि दवा की खुराक कम करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है।

ड्रग एब्यूज़ एक गंभीर समस्या है। इन दिनों युवाओं में विशेष रूप से आम है, यह उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है जो नशे के साथ-साथ उनसे जुड़े हैं। मुद्दे की संवेदनशीलता को पहचानना होगा और किसी भी स्थिति में इस अभ्यास को शुरू नहीं करना चाहिए। याद रखें, अकेलेपन, भय, चिंता और दिल टूटने जैसी समस्याओं से निपटने के बेहतर तरीके हैं।

दवाई का दुरूपयोग पर निबंध, 600 शब्द:

नशीली दवाओं का दुरुपयोग, दवाओं का अनिवार्य और अत्यधिक उपयोग, विशेष रूप से किसी व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यह मस्तिष्क में परिवर्तन का कारण बनता है जो किसी व्यक्ति के लिए आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करना और ड्रग्स लेने की इच्छा को रोकने के लिए उनकी शक्ति में हस्तक्षेप करना मुश्किल बनाता है।

मस्तिष्क के कामकाज में परिवर्तन अक्षम्य हैं और यही कारण है कि यह अक्सर रिलेप्स होता है। यहां तक ​​कि जो लोग ठीक हो जाते हैं, वे पुनर्प्राप्ति के वर्षों के बाद भी दवाओं की वापसी का एक उच्च जोखिम रखते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि उपचार पर्याप्त प्रभावी नहीं है। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपचार बंद नहीं किया गया है। यह एक सतत प्रक्रिया है, हालांकि डॉक्टर मरीजों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर समय-समय पर दवा बदलते रहते हैं।

क्या है ड्रग्स की लत?

अलग-अलग लोग अलग-अलग कारणों से इस आत्म-हानिकारक आदत के शिकार होते हैं। मादक पदार्थों की लत के कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:

खालीपन का अहसास खालीपन का एहसास सबसे बुरा एहसास हो सकता है और अक्सर संभालना मुश्किल होता है। इन भावनाओं से छुटकारा पाने के लिए, बहुत से लोग दवाओं का रास्ता अपनाते हैं। उन्हें लगता है कि ड्रग्स उन्हें शून्य को भरने में मदद करेंगे।

काम का दबाव कई छात्र अध्ययन से संबंधित तनाव को दूर करने के लिए ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं। इसी तरह, कॉरपोरेट कार्यालयों में इन दिनों इतना दबाव है कि लोग इसका सामना नहीं कर पा रहे हैं। काम पर होने वाले तनाव और चिंता से निपटने के लिए वे अक्सर दवाओं की ओर रुख करते हैं।

परिवार / रिश्ते की समस्या कई लोग पारिवारिक मुद्दों या रिश्ते की समस्याओं के कारण होने वाले तनाव को दूर करने के लिए ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं और अंततः उसी के आदी हो जाते हैं।

प्रयोग किशोर अक्सर केवल प्रयोग करने के लिए दवाओं की कोशिश करते हैं और उन्हें महसूस होने से पहले ही आदी हो जाते हैं। किशोरों को उनकी लत लगने की संभावना अधिक होती है।

जेनेटिक ड्रग की लत आनुवांशिक भी हो सकती है। अक्सर देखा गया है कि यह समस्या परिवारों में चलती है। इसलिए, अगर उनके माता-पिता ड्रग्स का सेवन करते हैं, तो बच्चों को इसकी लत लगने का खतरा अधिक होता है।

पर्चे पर उपलब्ध दवाएं डॉक्टरों द्वारा निर्धारित अधिकांश दवाएं सड़क दवाओं के समान ही नशे की लत हैं। बहुत से लोग उन्हें सुरक्षित मानते हैं और इनका बार-बार उपयोग करने से व्यसन होता है।

नशीली दवाओं की लत पर काबू पाने के उपाय:

नशा पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, यह असंभव नहीं है। दवा, विशेषज्ञ मार्गदर्शन और परिवार और दोस्तों के समर्थन की मदद से, कोई भी इस समस्या को दूर कर सकता है। मादक द्रव्यों के सेवन को दूर करने में आपकी सहायता के लिए नीचे चर्चा की गई है।

डॉक्टर से सलाह लें मादक पदार्थों की लत से छुटकारा पाने के लिए एक मजबूत इच्छा शक्ति की तुलना में बहुत अधिक है। यदि आपने ड्रग्स की अंधेरी दुनिया से बाहर निकलने का संकल्प लिया है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करने का सुझाव दिया गया है।

व्यायाम दवा की खुराक कम करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है। आप शारीरिक गतिविधियों जैसे जॉगिंग, साइकलिंग, तैराकी, नृत्य और योग को दूसरों के बीच में शामिल करके इसे काफी हद तक दूर कर सकते हैं।

स्वस्थ खाओ दवाओं के नियमित सेवन से आपका शारीरिक स्वास्थ्य ख़राब होता है। इस प्रकार भोजन करने की सलाह दी जाती है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।

लोगों से बात करें अपनी भावनाओं को खुद पर रखने के बजाय, उन्हें बाहर निकालने का सुझाव दिया जाता है। अपने मुद्दों के बारे में अपने परिवार और दोस्तों से बात करें। यह ड्रग्स पर भरोसा करने के बजाय तनाव को दूर करने का एक अच्छा तरीका है।

नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक बढ़ती हुई समस्या है, खासकर युवाओं में। ऐसे कई कारण हैं जो इस समस्या का कारण बनते हैं और इसका जो प्रभाव पड़ता है वह बेहद हानिकारक है। उनके उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए दवाओं के नकारात्मक नतीजों के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। इस समस्या की चपेट में आने वाले लोगों को एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और नशीली दवाओं के दुरुपयोग की नारकीय दुनिया से बाहर आने के लिए उन लोगों से मदद लेनी चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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drugs addiction essay hindi

HOW TO DRUG ADDICTION Abuse in Hindi

मादक द्रव्य और नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

आज के समय में  मादक पदार्थों का सेवन एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। युवाओ का एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है। कोकीन (चरस, हशीश), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, हशीश, भांग जैसे नशीले पदार्थो का सेवन करके लोग अपना जीवन खराब कर रहे है। ये पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देते है जिसमे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है, पर जैसे ही नशा खत्म होता है व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे इन पदार्थो की लत लग जाती है।

स्कूल, कॉलेजो में ड्रग्स, नशीली गोलियां चोरी छिपे बेचीं जा रही है जो युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है। इन मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद जल्द ही इसकी लत लग जाती है। उसके बाद लोग चाहकर भी इसे छोड़ नही पाते हैं। बच्चे अपनी पॉकेट मनी को खर्च करके इसे लेने लग जाते हैं। जल्द ही यह सेवन करने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। आज देश के कई राज्यों में इन मादक पदार्थों/ ड्रग्स को चोरी छिपे बेचा जा रहा है। पंजाब जैसे राज्यों में नशीले पदार्थो के सेवन ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरो में रेव पार्टिस में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं। आमतौर पर पैसे वाले लोग इसका जादा शिकार होते है।

नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

प्रमुख नशीले पदार्थ common drugs and narcotics.

कुछ प्रमुख नशीले पदार्थ –

  • कोकीन (चरस), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, भांग
  • डॉक्टर द्वारा लिखी गयी- नींद की गोलियां, तनाव, चिंता, अवसाद कम करने  वाली गोलियां
  • कफ सीरप जैसे कोरेक्स का सेवन
  • तम्बाकू वाले पदार्थ जैसे- बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, जर्दा, पान मसाला
  • वाष्पशील विलायक जैसे- नेल पॉलिश रिमूवर (Nail Polish Remover), पेट्रोल,   पेंट (Paint)

मादक पदार्थ लेने के कारण   REASONS OF DRUG ABUSE

इसके पीछे निम्न कारण है-

  • आनन्द पाने के लिए युवा और अधेड़ दोनों वर्गों के लोग इसका सेवन करते हैं। इसके सेवन से कुछ समय के लिए शरीर में ताकत रहती है, मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लोगो को इसका प्रयोग उपयोगी लगने लगता है।
  • आजकल की महंगी जीवनशैली में माता-पिता दोनों ही पैसा कमाने के लिए नौकरियां करने लगे है। वो बच्चो का ख्याल नही रख पाते है। जादातर माता-पिता सुबह घर से निकलते है और रात में घर वापिस आते है। वो बच्चो को जेब खर्च के लिए अधिक से अधिक पैसा देते है जिससे वो ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है। कई बार बच्चे अपने अकेलापन को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते हैं। उन्हें सही तरह का मार्गदर्शन नही मिलने के कारण वो भटक जाते हैं।
  • अपने दोस्तों के प्रभाव में आकर बच्चे सबसे पहले ड्रग्स लेना शुरू करते हैं। वो इसे शौक-शौक में लेते है पर जल्द ही इसकी लत लग जाती है। कई बच्चे इसको फैशन समझने लगे हैं। अमीर बच्चो में ये समस्या कुछ जादा ही है। ये नशीले पदार्थ बहुत महंगे होते है, पर अमीर घर के बच्चे इसे आसानी से खरीद लेते है।
  • कुछ लोग अपने दुःख दर्दों, जीवन की समस्याओं से पलायन करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है।
  • कुछ लोग बोरियत, अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए इसका सेवन करते है।

मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव EFFECTS OF DRUG ABUSE

मादक पदार्थो के सेवन का निम्न दुष्परिणाम निकलता है-

  •  नशीले पदार्थो की लत लग जाने के बाद कुछ भी अच्छा नही लगता है। बार-बार नशीला पदार्थ लेने की तलब लगती है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नही सोच पाता है। जब वो पदार्थ नही लेता है तो उसे बड़ी बेचैनी लगती है। बदन दर्द होता है। चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, गुस्सा, हाथ पैरो में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उलटी मितली आना, जैसे लक्षण दिखने लग जाते हैं। Android app banaye kaise
  • इन नशीले पदार्थों का मस्तिष्क, यकृत, ह्रदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव होता है। हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है। वो अपने रुचिकर कार्यों से भी विमुख हो जाता है।
  • नशे के प्रभाव में व्यक्ति दूसरे लोगो के साथ बुरा व्यवहार करता है। महिलाओं से छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा, आत्महत्या, मोटरवाहन दुर्घटना, हत्या, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल शोषण, घरेलू हिंसा जैसे अपराध नशीले पदार्थो के सेवन के बाद हो जाते है।
  • मादक पदार्थों के सेवन के लिए व्यक्ति अपने सारे पैसे खर्च कर देता है। दूसरे लोगो के पैसे चोरी करने लग जाता है। कई बार वो अपनी जमीन, मकान, कार, घर का सामान, गहने और दूसरी सम्पदा भी नशा करने के लिए बेच देता है। व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि बद से बदतर होती चली जाती है। How to increase Hindi ‘s height tips

मादक पदार्थो की लत से कैसे बचे? HOW TO OVERCOME DRUGS ADDICTION?

नशीले पदार्थो के सेवन के लिए निम्न उपाय अपनायें – how to Compost All Type’s खाद at Home Idea’s खाद कैसे बनायें All Step’s in Hindi

  • अपने मन में नशे की लत को छोड़ने की ठान लीजिये। मन में प्रबल इक्षा होना जरूरी है।
  • पुनर्वास केंद्र/ नशा मुक्तिकेंद्र (Rehabilitation Centre) में भर्ती होना अच्छा विकल्प है। वहां पर और भी लोग आते है। सबका इलाज एक साथ डॉक्टरों की देख रेख में किया जाता है। समूह चिकित्सा (Group Therapy) में मरीज का इलाज किया जाता है।
  • मनोवैज्ञानिक पद्धति से रोगी का इलाज किया जाता है। How to Start Milk Dairy Farming Business Idea’s & Development in Hindi
  • ध्यान और योग के द्वारा भी मादक पदार्थो की लत को छोड़ा जा सकता है।
  • हर समय अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और हितैषियों के साथ रहे। जब आप उनके सामने हर समय रहेंगे तो आपको नशा करने का मौका ही नही मिलेगा।
  • नशे से ग्रस्त रोगियों को रोज डायरी लिखनी चाहिये। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है। जीवन की हर एक बात लिखनी चाहिये। नशा करने के बाद के दुषपरिणामो को लिखने से व्यक्ति को आभास होता है की किस तरह उसकी जिन्दगी नशे से खराब हो रही है।

नशीले पदार्थो का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनन्द देता है पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते है। यह व्यक्ति को धीरे धीरे निगल जाता है और उसके जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है। ऐसे लोग आये दिन लोगो से झगड़ा करने लगते है, ऑफिस या कार्यस्थल पर साथी कर्मचारियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार शुरू कर देते है। काम करते हुए दुर्घटना ग्रस्त हो जाना, सस्पेंड होना, बार बार नौकरी बदलना, नौकरी छोड़ना, चिड़चिड़ा और गुस्सैल स्वभाव दिखाने से व्यक्ति का सब कुछ खत्म हो जाता है। व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है। अतः हमे नशीले पदार्थो का सेवन बिलकुल नही करना चाहिये। जो लोग इस समस्या से ग्रस्त है उनको दृढ़ निश्चय करके इसे छोड़ देना चाहिये। याद रखे नशा एक जहर है।

युवाओ में मादक पदार्थ व्यसन के कारण एवं रोकथाम | Essay on Drug Addiction in Hindi

मादक पदार्थ अंग्रेजी के Drugs शब्द का रूपांतरण है जो नशीली दवा का द्योतक है | वस्तुत: मादक पदार्थ ऐसे रासायनिक पदार्थ है जो व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्रियाओं को प्रभावित करते है इन्हें Narcotics औषधि भी कह सकते है जिनको नार्को टेस्ट में प्रयोग किया जाता है | मनोवैज्ञानिक रूप में Drugs ऐसे पदार्थ है जो व्यक्ति के मष्तिष्क ,स्नायुमंडल को प्रभावित करते है | इन पदार्थो के सेवन से कुछ समय के लिए व्यकित मानसिक तनाव एवं चिन्ताओ से मुक्ति का आभास पाता है | यहा तक कि उसका विषाद एवं कष्ट कम हो जाता है तथा उसे अस्थाई शान्ति एवं आनन्द का अनुभव होता है परन्तु धीरे धीरे व्यक्ति इनके सेवन का गुलाम हो जाता है तथा उसे इनकी लत लग जाती है |

मादक पदार्थो का  दुरुपयोग या औषधि व्यसन क्या है ? What is Drug Abuse and Drug Addiction in Hindi

मादक पदार्थो के दुरुपयोग Drug Abuse शब का आशय उन नशीले पदार्थो का सेवन है जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि के हानिकर है अत: मनुष्य के लिए नुकसानदायक औषधियों या मादक पदार्थो का क्षणिक प्रसन्नता एवं शान्ति के लिए सेवन करना , मादक पदार्थ या औषधि अक दुरुपयोग Drug Abuse कहलाता है | औषधि या मादक पदार्थो का व्यसन शारीरिक निर्भरता की ओर इंगित करता है अर्थात मादक पदार्थ या औषधि व्यसन Drug Addiction वह अवस्था है जिसमे व्यक्ति शरीर संचालन के लिए मादक पदार्थो या औषधियों पर निर्भर हो जाता है अन्यथा शरीर संचालन में बाधाये उत्पन्न हो जाती है |

औषधि व्यसन के लक्षण | Sign and Symptoms of Drug Addict

  • मादक पदार्थ / औषधि के सेवन की प्रबल  इच्छा drug addiction help
  • किसी भी प्रकार इन्हें प्राप्त करने का दृढ़ निश्चय drug addiction help
  • मादक पदार्थो के कुप्रभाव के परिणामस्वरूप मानसिक एवं शारीरिक निर्भरता drug addiction help
  • अध्ययन , खेल , शौक , घर , परिवार एवं व्यवसाय में कम रूचि drug addiction help
  • अनुत्तरदायी पूर्ण व्यवहार drug addiction help
  • खाद्यपान और निद्रा की अनियमित आदते drug addiction help
  • चिडचिडापन तथा अनैतिक आचरण जिसमे चोरी करना म झूठ बोलना आदि शामिल है drug addiction help
  • घर ,स्कूल ,उद्योग में अनुपस्थित रहना drug addiction help
  • हाथ पैरो में कम्पन्न होना तथा स्कूटर या मोटर वाहन चलाने में असमर्थ होना drug addiction help
  • शक्ति क्षीण होना drug addiction help
  • आत्महत्या की प्रवृति पाया जाना
  • भुजाओं /जंघाओं पर इंजेक्शन के चिन्ह होना (इंजेक्शन व्यसनी की स्थिथि में )

मादक पदार्थो में धुम्रपान ,गांजा ,चरस ,अफीम , हशीश ,हेरोइन ,कोकीन , L.S.D. , मार्फीन के इंजेक्शन ,शराब आदि का प्रयोग सम्मिलित है इन्हें High of Speed या Kick अथवा Kicks इत्यादि शब्दों से भी व्यक्त किया जाता है |

मादक पदार्थो के प्रकार | Types of Drugs

  • उत्तेजक Stimulant [ कोकीन  ,एम्फीटामाइन ,मिथेड्रीन्, डेक्सीड्रीन, कैफीन ]
  • निश्चेतक Narcotic  [ मार्फीन ने ननिर्मित हेरोइन ]
  • अवसादक Depressant [ बारबिच्युरेट्स , नेम्बूटाल , सिकोनाल ,सेनोरिल ]
  • भ्रान्तिजनक Hallocinogens [L.S.D.]

औषधि व्यसन के कारण | Causes of Drug Addiction in Hindi

  • बुरे दोस्तों की संगति movies about drug addiction
  • रोमांच एवं प्रसन्नता प्राप्ति हेतु movies about drug addiction
  • पलायनवादी प्रवृति movies about drug addiction
  • उत्सुकता की संतुष्टि हेतु movies about drug addiction
  • अपने को स्वतंत्र एवं उन्मुक्त समझना movies about drug addiction
  • शहरीकरण / औधोगिकरण movies about drug addiction
  • मादक पदार्थो की सहज उपलब्धि movies about drug addiction
  • अस्वास्थ्यप्रद शैक्षणिक उपलब्धि movies about drug addiction
  • युवा कुंठाए / छात्र असंतोष / हिप्पी वादी या पॉप संस्कृति drug addiction in punjab
  • अस्वास्थ्यप्रद शैक्षणिक माहौल drug addiction in punjab
  • परिवार का टूटना /अभिभावकों का ध्यान न देना drug addiction in punjab
  • परिवार के किसी सदस्य का औषधि व्यसन होना drug addiction in punjab
  • मादक पदार्थो एवं ड्रग माफीयाओ का विश्वव्यापी जाल drug addiction in punjab

इन कारको को मनोवैज्ञानिक drug addiction in punjab ,सामाजिक ,औषधि उपलब्धि drug addiction in punjab एमव शारीरिक कारणों के अंतर्गत drug addiction in punjab वर्णित किया जा सकता है |

मादक पदार्थो के व्यसन ,दुरुपयोग पर रोकथाम के उपाय | Solution for Drug Addiction in Hindi

  • मादक पदार्थो की तस्करी पर कठोर प्रतिबन्ध
  • औषधि व्यसनियो के प्रति चिकित्सको /नर्सिंग कार्मिको के दृष्टिकोण में बदलाव लाना
  • मादक पदार्थो के खिलाफ व्यापक जन शिक्षा
  • माता पिता ,अभिभावक एवं शिक्षको द्वारा युवाओ की प्रवृतियों पर ध्यान रखना
  • व्यसनियो का उपचार करना
  • सविधानिक प्रावधानों एवं कानूनी प्रतिबंधो का उपयुक्त उपयोग करना तथा इन्हें सुदृढ़ करना
  • नशामुक्ति शिविरों की व्यवस्था तथा अनुवर्ती देखभाल पर विशेष ध्यान देना
  • सीमा पार से मादक पदार्थो की खेप रोकना
  • मादक पदाथो के विरुद्ध विश्व स्तर की कार्यनीति एवं सहयोग की व्यवस्था विकसित करना

Drug Addiction से जुड़े आंकड़े

  • भारत में  Drug Addiction के सबसे ज्यादा मामले पंजाब में मिलते है जहा पर लगभग 75 प्रतिशत युवाओं को Drugs की आदत है जिसका मतलब है कि हर 4 बच्चो में से एक को Drugs की लत है जो बहुत चिंता का विषय है |
  • पंजाब के बाद मुम्बई हैदराबाद और कुछ अन्य शहरों में भी Drug Abuse तेजी से फ़ैल रहा है जिसको रोकना बहुत जरुरी है इसलिए दिल्ली में तो Rehab सेण्टर भी शुरू किये गये जो Drug Addicts को उनकी आदत छुडवाने में मदद करते है |
  • भारत के 75 प्रतिशत से ज्यादा घरो में कम से कम एक मादक पदार्थो का सेवन करने वाल मौजूद हो वो चाहे बीडी ,सिगरेट या ओर कोई नशा करता है |
  • जानकारों का मानना है कि 13-14 वर्ष की उम्र में ही मादक पदार्थो के लत सबसे ज्यादा लगती है इसलिए यदि इस उम्र में बच्चो को कण्ट्रोल किया जाए तो Drug पर भी कण्ट्रोल जो सकता है |
  • हर दिन Drug Abuse की वजह से देश में 10 जाने जाती है जिसमे से एक वव्यक्ति की मौत पंजाब से ही होती है |
  • सयुंक्त राष्ट्र के आंकड़ो के अनुसार 2014 में Drug Addiction की वजह से दुनिया भर में 2 लाख लोगो ने अपनी जान गवाई थी |
  • 500 डॉलर बिलियन के व्यापार के साथ Drugs का व्यापार दुनिया drug addiction essay में पेट्रोलियम और शस्त्रों के बाद तीसरा सबसे बड़ा व्यापार है |
  • UN की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 drug addiction essay लाख लोग हेरोइन एडिक्ट है जबकि अनौपचारिक रूप से देखा जाए तो इनकी संख्या 50 लाख तक हो सकती है |
  • 13 से भी ज्यादा प्रकार की Drug drug addiction essay अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मौजूद है जिनकी कीमत 1.5 लाख प्रति किलो से लेकर 2.5 करोड़ प्रति किलो तक होती है |
  • भारत में Drug Addiction के drug addiction essay सबसे ज्यादा मामले पंजाब ,उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र ,तमिलनाडु राजस्थान और जम्मू कश्मीर में है वही दुसरी ओर भारत में Drug Addiction के सबसे कम मामले सिक्किम , drug addiction essay अंडमान पांडिचेरी और लक्षद्वीप में है |
  • एक Drug Addict प्रतिदिन औसतन 1400 रूपये Drugs में उदा देता है |
  • भारत में Drug माफियाओ के पकड़े जाने पर 10 साल की सजा और 1 या 2 लाख तक के जुर्माने के प्रावधान है |
  • विश्व भर में हर प्रतिदिन 7500 करोड़ Drugs की खपत होती है जिसमे से भारत में रोज 2000 करोड़ के ड्रग की smuggling होती है |
  • भारत में De- Addiction सेंटर्स में 20 प्रतिशत से भी ज्यादा Drug Addict 16 साल से कम उम्र है क्योंकि Drug मेडिकल शॉप पर आसानी से 25 रूपये से कम कीमत पर भी मिल जाती है |
  • Drugs का निर्माण अफ़घानिसतान में होता है जो पाकिस्तान के जरिये भारत में आती है और उसके बाद विश्व के दुसरे देशो में भेजी जाती है | इसमें मुनाफे का प्रतिशत 300 प्रतिशत से भी ज्यादा होता है |
  • Drugs के पैकेट को 553 किमी भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर फेंका जाता है जहा से ड्रग माफिया उसे लेकर 12 घंटे के अंदर दिल्ली पहुचा देते है और वहा से देश के दुसरे इलाको में सप्लाई होती है |

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नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण | Best 5 Speech on Drug Abuse

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  • 1 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 1 -Speech on Drug Abuse In Hindi
  • 2 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 2 -Short And Long Speech On Drugs abuse In Hindi
  • 3 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 3
  • 4 नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 4 -Speech On Drugs Abuse In Hindi For Student

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 1 -Speech on Drug Abuse In Hindi

प्रिय छात्रों – आप सभी को हार्दिक बधाई! मैं स्कूल के सेमिनार हॉल में सभी का स्वागत करता हूँ।

आज हम यहां ड्रग्स के घातक सेवन और यह हमारे युवाओं के जीवन को कैसे नष्ट कर रहे हैं, इसके बारे में चर्चा करने आए हैं। लेकिन चर्चा शुरू होने से पहले, मैं नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर एक संक्षिप्त भाषण देना चाहता हूं और इस संवेदनशील विषय पर अपने छात्रों को ज्ञान देना चाहता हूं।

ड्रग्स, जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक अवैध मामला है जिसे कुछ लोग पीते हैं, धूम्रपान करते हैं, इंजेक्शन लगाते हैं या मानसिक और शारीरिक प्रभावों के लिए खाते हैं। ऐसे कई छात्र हैं जो मस्ती के लिए या कई अन्य कारणों से ड्रग्स का सेवन करते हैं। ड्रग्स की बिक्री का कारोबार करने वाले लोग एक नेटवर्क बनाते हैं और मुख्य रूप से छात्रों को ड्रग्स का आदी बनाने के लिए उन्हें निशाना बनाते हैं। शुरुआत में छात्रों को मुफ्त में दवाएं बेची जाती हैं और धीरे-धीरे जब उन्हें इसकी लत लग जाती है तो वे इसे खरीदना और सेवन करना शुरू कर देते हैं। वास्तव में, छात्र भी अंततः अपने नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं और उसमें काम करना शुरू कर देते हैं।

यह देखा गया है कि छात्र तनाव या अपने शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता की अनुचित अपेक्षाओं के कारण ड्रग्स का सेवन करना शुरू कर देते हैं। उनके परिवारों में भावनात्मक समर्थन और अव्यवस्था की कमी उन्हें कमजोर बनाती है और ड्रग्स पर उनकी निर्भरता को बढ़ाती है। वे इसका उपयोग अपनी मानसिक उत्तेजना की स्थिति को शांत करने के लिए करते हैं। इसके अलावा, यह गरीबी है जो कुछ छात्रों को ड्रग्स की बिक्री और लेनदेन नेटवर्क का हिस्सा बनने और अपनी पॉकेट मनी निकालने के लिए मजबूर करती है। इसलिए, यह नशा करने वाले छात्रों के एक दुष्चक्र की तरह हो जाता है, जिससे वे तब तक बच नहीं पाते जब तक कि समाज उनके बचाव के लिए नहीं आता।

दुर्भाग्य से, छात्र यह महसूस करने में विफल रहते हैं कि नशीली दवाओं के सेवन से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जैसे कि वे मानसिक विकार का अनुभव करने लगते हैं, उनकी बुद्धि का स्तर कम हो जाता है, घातक बीमारियों का अनुभव होता है और असमय मृत्यु हो जाती है। जब कोई पूरी तरह से नशीले पदार्थों के प्रलोभन के आगे झुक जाता है, तो उसके लिए इसके प्रभाव से उबरना बहुत मुश्किल हो जाता है, सिवाय नशीली दवाओं के पुनर्वास के केंद्रों को छोड़कर जहां वे एक नया जीवन प्राप्त करते हैं, लेकिन जिसमें एक उच्च लागत शामिल होती है। वास्तव में, कई ऐसे मामले भी हैं जहां मरीजों की सबसे खराब स्थिति के कारण पुनर्वास केंद्र भी विफल हो जाते हैं।

इसलिए, मैं सभी छात्रों से अनुरोध करता हूं कि इससे पहले कि वे अपने स्वास्थ्य, भविष्य को नष्ट कर दें और उनकी जान ले लें, इससे पहले कि वे ड्रग्स के सेवन से खुद को पूरी तरह से दूर कर लें। उन्हें छूने या उनके करीब आने की कोशिश भी न करें। नशा एक पूरी पीढ़ी को भी तबाह कर सकता है। इसलिए समझदारी से सोचें और समझदारी से काम लें। अपने भविष्य को आकार दें जो उज्ज्वल और उपलब्धियों से भरा हो। डॉक्टर अपने रोगियों को जो दवाएं निर्धारित करते हैं, उन्हें केवल एक विशिष्ट बीमारी का मुकाबला करने के लिए ही लिया जाना चाहिए अन्यथा सरकार को बाजार में इसके अवैध व्यापार पर प्रतिबंध लगाने और हमारे युवाओं को विनाश से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहता हूं कि मादक द्रव्यों का सेवन सभी के लिए एक पूर्ण ‘नहीं’ होना चाहिए और मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे छात्र कभी भी नशीली दवाओं का सेवन करने की कोशिश नहीं करेंगे और इसके उपयोग से पूरी तरह दूर रहेंगे। याद रखें कि हमारे देश को आपकी जरूरत है क्योंकि आप इसके भविष्य और प्रगति के अग्रदूत हैं।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 2 -Short And Long Speech On Drugs abuse In Hindi

गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स – नशाबंदी के 77वें अभियान में आपका स्वागत है।

यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि कैसे हमारे संगठन के सदस्य हर दिन की गिनती करने और नशीली दवाओं की लत या नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जनता तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पहले दिन से और आज यह हमारे संगठन का 77वां अभियान है – हमने वास्तव में कभी नहीं सोचा था कि हम इतना बड़ा विकास करेंगे, यानी वर्तमान में हमारे पास 200 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और एक जन अपील प्राप्त की है। अब तक की प्रतिक्रिया वास्तव में अच्छी रही है और हम लोगों के जीवन को अच्छे के लिए बदलने में सक्षम हैं, जो पहले ड्रग्स के प्रभाव में रहते थे।

इसलिए आज मैं जनता से अपील करना चाहूंगा कि वे खुद को नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रखें और स्वस्थ जीवन जिएं। नशीली दवाओं की लत या नशीली दवाओं के दुरुपयोग को किसी पदार्थ पर अत्यधिक निर्भरता के रूप में वर्णित किया जाता है, जो अनिवार्य रूप से इसका उपयोग करने वाले व्यक्ति की अनिवार्य आवश्यकता बन जाती है। यह आवश्यकता इतनी विवश हो जाती है कि उस पदार्थ के बिना व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तरह अपना जीवन नहीं जी सकता। और, जब ऐसा पदार्थ बाजार में उपलब्ध होना बंद हो जाता है तो उस व्यक्ति को पदार्थ की निकासी से पीड़ित माना जाता है।

नशीली दवाओं की लत कई विकासशील और विकसित देशों में गंभीर सामाजिक समस्याओं में से एक बन गई है और यह निर्विवाद रूप से बड़े पैमाने पर लोगों, समाज, देश और दुनिया के सर्वांगीण विकास में प्रमुख बाधा साबित होती है। हमारा देश एक प्रगतिशील देश है और यह पहले से ही बेरोजगारी, गरीबी और निरक्षरता जैसी कई अन्य गंभीर समस्याओं से ग्रसित है कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या यहां की स्थिति को और भी बदतर बना देती है क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को अपने जीवन को नष्ट करके प्रतिगामी बना देती है। युवा।

इससे भी दुखद बात यह है कि कई नशा करने वाले लोग महंगी दवाओं की इतनी खरीद नहीं कर सकते हैं कि अंत में उन्हें अपने घरों में चोरी जैसी गतिविधियों का सहारा लेना पड़ता है। ये लोग जन्मजात चोर नहीं होते, लेकिन इनका नशा इन्हें जघन्य बना देता है और इन्हें अपने शरीर को नशीले पदार्थ खिलाने के लिए अपराध करने के लिए प्रेरित करता है।

लोग विभिन्न कारणों से नशीले पदार्थों के आदी हो सकते हैं, जिनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया गया है:

खुद को तनाव मुक्त करने के लिए

जब कोई व्यक्ति नशीली दवाओं के प्रभाव में होता है, तो वह सब कुछ भूल जाता है और एक समाधि जैसी अवस्था में प्रवेश करता है। हालांकि, बाद में लोगों को पता चलता है कि दवाओं का उपयोग केवल समस्या को बढ़ा रहा है और वास्तव में तनाव से छुटकारा पाने में उनकी मदद नहीं कर रहा है।

साथियों के दबाव से बाहर

कई बार लोग ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं क्योंकि उनके दोस्त उनके आदी हो जाते हैं। हालांकि, एक बार जब वे इसे लेना शुरू कर देते हैं, तो उनके लिए इस आदत से छुटकारा पाना वाकई मुश्किल हो जाता है।

स्टाइल स्टेटमेंट

आजकल कई किशोर सोचते हैं कि शराब पीने, धूम्रपान और यहां तक ​​कि नशीली दवाओं की लत की आदत ही उन्हें कूल दिखने और दूसरों के सामने स्टाइल स्टेटमेंट बनाने में मदद करती है। हालाँकि, यह केवल तभी होता है जब ये लोग इसके दुष्चक्र में फंस जाते हैं कि उन्हें अपने जीवन के लिए अपूरणीय क्षति का एहसास होता है।

टीनएजर्स और हर व्यक्ति को इस बात को समझना चाहिए कि नशाखोरी की आदत न सिर्फ उनके तन और मन को बहुत प्रभावित करती है, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य को भी खत्म कर देती है। इसलिए हमें नशे को सख्ती से ‘ना’ कहना चाहिए और अपने आस-पास जागरूकता फैलाकर अपने जीवन के साथ-साथ अपने प्रियजनों के जीवन को भी बचाना चाहिए।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 3

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथी छात्रों – आप सभी का हार्दिक स्वागत है! आज, प्रार्थना कक्ष में खड़े होकर, मैं इस अवसर पर मादक द्रव्यों के सेवन पर एक संक्षिप्त भाषण देना चाहूंगा।

मैं अपने प्रधानाचार्य और शिक्षकों से अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस विषय पर बोलने की अनुमति दें क्योंकि यह हमारे युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग की खतरनाक आदत के बारे में बताने का सही समय है। वर्तमान समय में, ऐसे कई कारक हैं जो एक व्यक्ति को मादक पदार्थों की लत का सहारा लेने के लिए प्रेरित करते हैं और उसके जीवन को दयनीय बना देते हैं। सबसे स्पष्ट कारक तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हैं, जिन्होंने आज के युवाओं में एक नए प्रकार के व्यवहार को जन्म दिया है, यानी व्यक्तिवाद और अनुमति। आजकल लोग एकल परिवारों को पसंद करते हैं और कई मामलों में माता-पिता दोनों काम कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अपनी पिछली पीढ़ियों की तुलना में कम सहनशील हो जाते हैं। लोग अपने जीवन को अलगाव में जी रहे हैं और सामाजिक होने से बचते हैं क्योंकि आधुनिक समय में तनाव उन्हें अपने निजी जीवन में वापस लेने के लिए बहुत अधिक हो गया है।

अंत में, ऐसे लोग शराब पीने, धूम्रपान, नशीली दवाओं की लत आदि की आदत में शामिल हो जाते हैं। इसके अलावा, जब कोई बच्चा घर पर संतुष्ट महसूस नहीं करता है या जब वह प्यार, स्नेह और देखभाल से वंचित हो जाता है। माता-पिता में असंतोष की भावना आती है और ऐसे बच्चे नशे की लत के शिकार हो जाते हैं और अपना जीवन पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। इससे अधिक दुख की बात यह है कि यदि नशा करने वाले लोगों को मादक द्रव्यों के सेवन की अनुमति नहीं दी जाती है, तो वह अवसाद, दर्दनाक और बेकाबू आक्षेपों के साथ-साथ उल्टी के भी शिकार हो जाता है!

यह एक स्पष्ट तथ्य है कि नशीले पदार्थों की लत कई व्यक्तियों और हमारे राष्ट्र की प्रगति के पथ को इतना बर्बाद कर रही है कि हमारे युवाओं की इस विनाशकारी आदत पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम राष्ट्रीय स्तर पर लोगों में जागरूकता फैलाना होगा।

हमारी भारत सरकार ने वास्तव में विभिन्न अभियान तैयार किए हैं और यहां तक ​​कि इस दिशा में सफलता हासिल करने में भी सफल रही है। जिन व्यक्तियों के परिवार और मित्र नशीले पदार्थों की लत से पीड़ित हैं, उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे व्यसनों को उपचार प्रदान करने के लिए पुनर्वास संस्थानों और शिविरों से संपर्क करें।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और पूरी तरह से एक वर्जित के रूप में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। हालाँकि, इस आदत के लिए व्यसनी को प्रताड़ित करने या उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यदि आप उस व्यक्ति को इसके इलाज के बारे में समझाने और समझाने की कोशिश करते हैं तो वह स्वेच्छा से इसे चुनने का विकल्प चुन सकता है और खुद को स्वीकार करके इस लत से छुटकारा पा सकता है। / खुद पुनर्वास केंद्रों पर।

एक व्यक्ति जो मादक द्रव्यों के सेवन का शिकार हो गया है, वह अपनी शारीरिक स्थितियों के कारण व्यसन को जारी रखने के लिए मजबूर होता है, लेकिन जल्द ही उन्हें इस आदत के बुरे प्रभाव का एहसास होता है। इन लोगों को बस एक मदद की जरूरत है और इसलिए हमें इन लोगों को उनके सामान्य जीवन में वापस लाने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहन के साथ-साथ समर्थन भी प्रदान करना चाहिए।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भाषण – 4 -Speech On Drugs Abuse In Hindi For Student

माननीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, साथी सहयोगियों और मेरे प्रिय छात्रों – सभी को हार्दिक बधाई!

सबसे पहले, मैं अपने सम्मानित प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य को उनकी उपस्थिति के साथ इस भाषण समारोह की शोभा बढ़ाने और उन्हें भी अपनी स्वीकृति देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। और, सभी साथी शिक्षकों को – क्योंकि आपके सहयोग के बिना यह आयोजन संभव नहीं होता। मैं अपने प्रिय छात्रों को एक छोटी सूचना पर वांछित व्यवस्था करने के लिए बधाई देना चाहता हूं।

आज के भाषण का विषय है नशाखोरी! मैंने इस विषय पर बोलने के लिए चुना है क्योंकि इन दिनों लोगों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में सिखाने के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं। एक शिक्षक के रूप में, यह मेरी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम जहां भी हो सके संदेश फैलाने में उनकी मदद करें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी शुरुआत हमारे अपने स्कूल से करें।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को हमारे तथाकथित सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप माना जाता है। इसने हमारे समाज के सभी वर्गों और क्षेत्रों को प्रभावित किया है। नशीली दवाओं के अवैध उपयोग वाले लोग हर जगह पाए जाते हैं, अर्थात् शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, पुरुषों और महिलाओं के बीच, अमीर और गरीब के बीच। लेकिन लगभग सभी तकनीकी और शैक्षणिक संस्थानों के छात्रावासों में रहने वाली हमारी युवा लड़कियों और लड़कों द्वारा इसका अत्यधिक अभ्यास किया जाता है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की गंभीर स्थिति दुनिया भर में प्रचलित है और दुर्भाग्य से हमारा देश भारत इससे अधिक प्रभावित है। हमारा देश एक पारगमन देश है क्योंकि यह स्वर्ण त्रिभुज के बीच स्थित है जिसमें बर्मा, थाईलैंड और कंबोडिया शामिल हैं, जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से मिलकर गोल्डन क्रिसेंट शामिल है – वे स्थान जहां अधिकांश दवाएं, मुख्य रूप से हेरोइन और अफीम का उत्पादन होता है। जब भी किसी गैरकानूनी गतिविधि की बात आती है तो पाकिस्तान निर्विवाद रूप से दुनिया का केंद्र बिंदु है और जहां तक ​​नशीली दवाओं के उत्पादन का संबंध है – यह केंद्र है। वास्तव में, दवाओं का एक बड़ा हिस्सा भारत के पास जाता है ताकि इसे दूसरे देशों में निर्यात किया जा सके।

यह ड्रग माफिया के नेटवर्क के माध्यम से होता है, जिसके आगे दुर्जेय तस्करों के साथ-साथ आतंकवादियों से भी संबंध हैं। इस प्रक्रिया में, दुर्भाग्य से कई युवा पुरुष और महिलाएं भी इस शैतानी गतिविधि के शिकार हो जाते हैं। पाकिस्तान आईएसआई की मदद से ड्रग माफिया की मदद से अर्जित धन के माध्यम से भारत के खिलाफ कश्मीर के क्षेत्र में छद्म युद्ध में खुद को शामिल कर रहा है। इस प्रकार, आतंकवाद और ड्रग्स बहुत मजबूत संबंध साझा करते हैं।

नशीली दवाओं की यह लत इतनी घातक है कि लोग इसके इस्तेमाल के शिकार हो जाते हैं और लगभग गुलाम बन जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति को इसकी नियमित खुराक नहीं मिलती है, तो वह व्यक्ति इसकी कमी महसूस करने लगता है और गंभीर दर्द से उदास हो जाता है जिससे हाथ-पैरों में संवेदना की कमी भी हो जाती है। मादक द्रव्य विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे हेरोइन, अफीम, चरस, गांजा आदि।

कुछ इंजेक्शन भी हैं जो गंभीर उनींदापन की स्थिति का कारण बनते हैं। यदि कोई नशा करने वाला व्यक्ति जरूरत पड़ने पर दवा की आवश्यक खुराक प्राप्त करने में सक्षम नहीं होता है, तो वह चोरी या किसी को शारीरिक रूप से चोट पहुँचाने आदि जैसे अनुचित साधनों का सहारा लेकर भी इसके लिए कुछ भी करने को तैयार होगा। .

इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि ड्रग्स को सख्ती से ‘नहीं’ कहें और ऐसे लोगों को पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराएं जहां उनकी स्थिति में सुधार किया जा सके इससे पहले कि यह भयानक हो और उस व्यक्ति के लिए घातक साबित हो।

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मादक पदार्थों की लत पर निबंध

मादक पदार्थों की लत पूरी दुनिया में चिंता का एक प्रमुख कारण बन गया है। यह एक विनाशकारी स्थिति है जो किसी भी देश की प्रगति को रोकती है मादक पदार्थों की लत मादक द्रव्यों के सेवन का पर्याय है। यह लत लोगों को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है।

भारत में मादक द्रव्यों के सेवन में नशीले पदार्थ, शामक और उत्तेजक पदार्थ शामिल हैं। अफीम और हेरोइन इसके उदाहरण हैं। एक ड्रग एडिक्ट दिमाग पर अपना नियंत्रण खो देता है और उन गतिविधियों में संलग्न हो जाता है जिन्हें मानव जाति के लिए अवैध माना जाता है जैसे- अपहरण, हत्या, डकैती, चोरी और सूची अंतहीन है। मादक पदार्थों का आदी व्यक्ति कई बार बहुत आक्रामक हो सकते हैं और जानलेवा हो सकते हैं।

नशा क्या है?

नशा मनुष्य के जीवन एक सबसे बड़ा अभिशाप हैं। किसी भी चीज की लत नशे में परिवर्तित हो जाती हैं। लोग हेरोइन, मारिजुआना और नशीले पदार्थों जैसे कुछ पदार्थों या ड्रग्स के आदी हो जाते हैं जो उन्हें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। यह लत ही नशा कहलाता है। जिसमें व्यक्ति को खुद पर नियंत्रण नहीं होता। यह अभिशाप अमुक व्यक्ति के साथ ही उसके परिवार व समाज के लिए हानिकारक साबित होता है।

नशे की लत की हानियां

नशे की लत शारीरिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है। यह व्यसनी को कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक और पेट दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के होने के जोखिम में डालता है। यह अवसाद, अनिद्रा और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बनता है। मादक पदार्थों की लत व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के अलावा मानव व्यवहार को भी प्रभावित करती है।

कोकीन, मारिजुआना और खरपतवार सहित सभी प्रकार की दवाएं मस्तिष्क की वृत्ति को प्रभावित करती हैं। जिसके परिणामस्वरूप व्यवहार संबंधी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा नशे की लत से व्यक्ति अपने परिवार और अपने देश का दुश्मन बन जाता है। नशे की लत से व्यक्ति अपने जीवन को नष्ट कर देता है। यदि वह कुछ साल जीता भी है तो उनका स्वास्थ्य अत्यंत खराब हो जाता है और आजीवन वह स्वास्थ्य की परेशानियों से घिरा रहता है। ऐसा व्यक्ति का जीवन भी एक अभिशाप बन जाता है।

नशे की लत को रोकने के उपाय

नशे की लत को दूर करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं:

मादक पदार्थों की लत को दूर करने के लिए मुख्य आप अच्छे नशा मुक्त केंद्र की मदद ले सकते हैं। इन केंद्रों में योग्य और अनुभवी पेशेवर होते हैं जो जानते हैं कि नशे की लत से कैसे निपटा जाए और उनकी नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने में उनकी मदद कैसे की जाए।

जब नशे की लत से छुटकारा पाने की बात आती है तो हमारे निकट और प्रिय लोगों का प्यार और समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह ड्रग एडिक्ट को इस घृणित आदत को छोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित और प्रेरित रहने में मदद कर सकता है।

दवा भी नशे की लत को रोकने में मदद करती है। जब आप दवाओं का सेवन बंद कर देते हैं, तो आप वापसी के लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं। इन लक्षणों से निपटने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। नशीली दवाओं की लत के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को भी ठीक करने की आवश्यकता है। दवाएं उन्हें ठीक करने में मदद करेंगी।

हमें ऐसे लोगों की मदद करने की जरूरत है, जो लोग नशे की आदत से जूझ रहे हैं। व्यसन को एक बार में छोड़ना आसान नहीं है। यह एक लंबी और धीरे-धीरे चलने वाली प्रक्रिया है और इससे समझदारी से निपटा जाना चाहिए। एक बार में लत को छोड़ने से उनके जीवन पर असर पड़ सकता है। हृदय संबंधी विकार, सांस की समस्याएं, भावनात्मक असंतुलन, लगातार उल्टी आदि समस्याएं यह लत छोड़ने पर उनको प्रभावित करेंगी। अतः मादक पदार्थों की लत को धीरे धीरे जड़ से खत्म करने की आवश्यकता है।

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Drug Abuse Essay In Hindi

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Drug Abuse Essay In Hindi

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – essay on drug abuse in hindi, मादक द्रव्य : मौत का द्वार – substance: the gate of death.

  • प्रस्तावना,
  • मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव,
  • मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम,
  • मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति,
  • मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Nashe Ke Dush Pravrtti Nibandh

प्रस्तावना– वैदिक ऋषियों ने राजा सोम (रस) की प्रशंसा में मंत्र रचे और आगे के उपासकों ने अपने–अपने इष्टदेव या इष्टदेवी के साथ कोई–न–कोई मादक द्रव्य जोड़कर उसके सेवन का धार्मिक और सामाजिक अनुमति–पत्र प्र भोले बाबा के उपासकों ने भाँग, महाकाली के अर्चकों ने मदिरा और इन्द्रियसंयम तथा निर्विघ्न–ध्यान समाधि के साधकों ने चरस, गाँजा, तम्बाकू आदि के सेवन की छूट या सामाजिक स्वीकृति प्राप्त कर ली।

मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव– परम्परागत मादक द्रव्यों: यथा–शराब, भाँग, अफीम के अतिरिक्त आज अनेक नये और तीव्र प्रभाव वाले मादक द्रव्यों का आविष्कार हो चुका है, जो पुराने मादक द्रव्यों से कहीं अधिक घातक हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  • (क) मदिरा–मदिरा या शराब तो जैसे मनुष्य के साथ ही पृथ्वी पर जन्मी है। समुद्र मंथन से प्राप्त रत्नों में यह भी सम्मिलित है। मदिरा सेवन की व्यापकता का युवावर्ग में बढ़ते जाना, समाज के लिए एक अशुभ संकेत है। यह सरकारों की आमदनी का भी बड़ा स्रोत है।
  • (ख) मार्फीन–यह अफीम से बनायी जाती है। यह अफीम से अधिक नशीली होती है। इसके अभ्यस्त लोग इसको इंजेक्शन के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
  • (ग) हेरोइन–यह मार्फीन से बनायी जाती है और इससे दस गुना अधिक नशीली होती है। इसका सेवन बहुतायत में किया जाता है।
  • (घ) हशीश–यह भाँग से प्राप्त की जाती है। इसे जलाकर सिगरेट की भाँति प्रयोग में लाया जाता है।
  • (ङ) ब्राउन शुगर–यह अशुद्ध हेरोइन होती है। यह कई अन्य पदार्थों को मिलाकर प्रयोग की जाती है और एक प्रकार का विष ही बन जाती है।
  • (च) एल. एस. डी.–कुछ लोग मानसिक तनाव दूर करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
  • (छ) स्मैक–यह युवावर्ग में प्रचलित सबसे खतरनाक नशा है। व्यक्ति केवल दो–तीन खुराकों में इसका अभ्यस्त हो जाता है। इसकी लत को छोड़ पाना बहुत कठिन होता है।

मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम– कोई भी नशा हो, अन्ततः मनुष्य के लिए हानिकारक ही होता है। आज समाज में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति बड़ी चिन्ताजनक है। इनका अभ्यस्त होने पर मनुष्य निष्क्रिय और हर तरह से बेकार हो जाता है। वह हर कीमत पर इन द्रव्यों को पाना चाहता है।

आज मादक पदार्थों का अनैतिक और अवैध व्यापार जोरों पर है। अनेक संगठित गिरोह इस धन्धे में लगे हैं। ये चीजें आज सोने से भी कीमती तथा व्यवसाय–सुलभ हैं।

युवावर्ग में मादक पदार्थों का सेवन जिस गति से बढ़ रहा है, वह उन्हीं के लिए नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए भी खतरे की घण्टी है। किसी देश को तबाह करने के लिए आज युद्ध की नहीं, बल्कि मादक द्रव्यों की आवश्यकता होती है। मादक–द्रव्यों के व्यापार की छाया में आतंकवाद और अपराध भी पनप रहे हैं।

मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति– मादक द्रव्यों से धन कमाने वाले लोग घोर अपराधी हैं। ये युवक–युवतियों को बहलाकर या एक–दो खुराक मुफ्त में सेवन कराकर उनको आदी बना देते हैं और फिर वह व्यक्ति इनका गुलाम हो जाता है।

गीच यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कुछ युवक चोरी–छिपे और कुछ इसे शान समझकर अपना रहे हैं। यह युवावर्ग के जीवन को चौपट करने वाली प्रवृत्ति है।

मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय– मादक द्रव्यों के प्रसार की समस्या किसी व्यक्ति या देश–विशेष की नहीं है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है। पूरे विश्व में मादक पदार्थों के विक्रेताओं का जाल फैला हुआ है। इस पर नियन्त्रण न करना विश्व को दारुण विनाश की ओर धकेलना है।

अनेक देशों ने मादक पदार्थों की बिक्री अथवा इसे अपने पास रखने को दण्डनीय अपराध घोषित कर रखा है। कई देशों में इसके अवैध व्यापार पर मृत्यु–दण्ड की भी व्यवस्था है। हर सभ्य और दूरदर्शी देश इसे मौत का व्यापार मानता है।

लेकिन कानूनों के बल पर इस संकट से पार पाना सम्भव नहीं लगता है। जनता को इसके खतरे से जागरूक बनाकर तथा इसकी आदत से ग्रस्त युवक–युवतियों के साथ सहानुभूति से पेश आकर इससे बचने की सम्भावना हो सकती है। सरकार को भी कड़े से कड़े कानून बनाकर और निरन्तर सतर्क रहकर इस पर काबू पाना होगा।

उपसंहार– मादक पदार्थों का सेवन मौत को निमन्त्रण देना है। मौत भी अत्यन्त दारुण, धीरे–धीरे चेतना को ग्रसती और लाचार बनाती मौत! मादक पदार्थों का अब हथियार की तरह भी प्रयोग हो रहा है। यह विरोधी देश की युवाशक्ति को खोखला बनाने और बिना युद्ध के ही उसे नष्ट कर देने का घृणित उपाय है।

सहयोग Summary in Hindi

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drugs addiction essay hindi

Essay on addiction in Hindi and His Causes and Effects of Technology

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Essay on addiction in Hindi को सही से परिभाषित किया जाय तो इस का सीधा मतलब है बुरी आदत की लत। जब इंसान को किसी भी बुरी चीज़ से बहुत अधिक लगाव बढ़ जाता है और वह लगाव उसकी आदत में बदल जाता है तब वह चाह कर भी इस आदत से छुटकारा प्राप्त नहीं कर पाता है। जिसे एडिक्शन या लत लगना कहते हैं।

Table of Contents

Causes and Effect on Addiction:

Addiction यानी की लत किसी भी चीज़ से संबंधित हो सकती है, वह चाहे किसी प्रकार का नशा हो, किसी से अधिक लगाव, किसी वस्तु की ओर अधिक व्यसन आदि। व्यसन या लत या addicton जब बढ़ जाता है तो व्यक्ति खुद के साथ साथ अपने परिवार का भी नुकसान करता है। 

दोस्तों, Essay on Addiction in Hindi के अंतर्गत आज हम आपको कई तरह की लत या व्यसन के बारे में बताएंगे। जिसे जानने के बाद आपको पता लग जायेगा कि addiction कितना खतरनाक हो सकता है। इस addiction या लत में आकर कई बार लोग अपनी जान भी गवा बैठते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको मोबाइल, टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया, वीडियो गेम, कंप्यूटर, इंटरनेट, जंक फ़ूड, अल्कोहल से संबंधित व्यसन या लत के बारे में बतायेंगे, जिनसे हमें पता चलेगा की किसी भी चीज़ का अधिक एडिक्शन कितना नुकसानदायक है और इसके साथ इसका निवारण क्या हो सकता है। 

Essay on Addiction of Mobile phones and Computers and Effects and Causes as well as:

आज हर कोई मोबाइल और कंप्यूटर जैसे उपकरणों से गिरा हुआ नजर आता है। जो कि बेहद नुकसानदायक बन चुका है।

Mobile Phones:

आज के युग में मोबाइल हर किसी के पास उपलब्ध है लेकिन मोबाइल के बिना व्यक्ति को काफी असहाय महसूस होने लगता है। इससे ही हम अनुमान लगा सकते हैं कि मोबाइल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण बन गया है। आज कल तो मोबाइल एक नशा बन चुका है। मोबाइल को खुद से दूर रखना आज की युवा पीढ़ी के लिए बहुत कठिन हो गया है।

आज के युवाओं में मोबाइल की लत के प्रमुख कारण आज के समय में मोबाइल में कई सारे एप्लीकेशंस हैं, जो मोबाइल में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इसमें समय व्यतीत करते हुए लोगों को मोबाइल की लत लग जाती है। इनमें व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि शामिल है। यही कारण है कि युवाओं के साथ addiction to mobile phone की समस्या गंभीर रूप से सामने आती हुई नजर आ रही है।

आइए आज हम बात करते कंप्यूटर की लत के बारे में कंप्यूटर भी मोबाइल के जैसा ही एक यंत्र है जो हर किसी के पास होता है। मोबाइल में डाटा ना होने पर इंटरनेट अपने कंप्यूटर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें इंटरनेट की लत होती है वहा असहजता होने की स्थिति में इन्टरनेट की लत होती हैं। विभिन्न तरह के registration, मनोरंजन सब इन्टरनेट के माध्यम से होते हैं। इसी वजह से ज्यादातर लोग कंप्यूटर के लत के शिकार हो जाते हैं। 

अधिकांश, विश्व में सूचनाओं का आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए और किसी भी बड़ी गणना को क्षण भर के समय में करने के लिए कंप्यूटर की रचना की गई थी। इसके दुरुपयोग या अधिक उपयोग की वजह से लोग कंप्यूटर की लत के शिकार होते जा रहे हैं।

इन्टरनेट की लत मनुश्य को को वास्तविक दुनिया से बाहर काल्पनिक दुनिया में ले जाता हैं। इन्टरनेट की उत्पत्ति का सबसे बड़ा कारण एक कंप्युटर से जोड़ना था। 

Effects of Addiction to Mobile and Computer

मोबाइल या कंप्यूटर के नशे और इससे व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव की बात करें तो हम अपना आधा समय व्यतीत कर देते हैं। पूरे दिन मोबाइल का प्रयोग करने से कई प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं जैसे- आँखों का कमजोर होना, सर में दर्द होना, तनाव, अनिद्रा, कम सुनाई पड़ना आदि।

Essay on Addiction of Video Games:

आइए आज हम बात करते वीडियो गेम के बारे में, वीडियो गेम एक इलेक्ट्रॉनिक अथवा intractive गेम हैं जो इसकी ध्वनि का बुरा प्रभाव पड़ता हैं। जो कि ध्वनि प्रभाव और जटिल ग्राफिक्स के लिए जाने जाते हैं। इसको आप टेलीविजन सेट पर या कंप्यूटर पर तारों से जुड़े एक गेम बॉक्स मे स्थापित कर चला सकते हैं। आज पूरी दुनिया में बच्चें video game खेलना काफी पसंद करते हैं जिसकी वजह से उन्हें Video game की बुरी लत लगी हुई है। 

वीडियो गेम अनिवार्य रूप से मनोरंजन का ही एक रूप है। यह मुख्य रूप से बच्चों को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। कंप्यूटर गेम में ऐसे गेम भी शामिल होते हैं जो टेक्स्ट प्रदर्शित करते हैं। जो ध्वनि अथवा कंपन उनके प्राथमिक नियंत्रक या उपयुक्त किसी भी संयोजन रूप में अन्य विधियों का प्रयोग किया जाता है।

Essay on Addiction of Internet:

हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होता है जिसके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की जानकारियों को प्राप्त कर पाते हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर addiction of internet की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। सोचने वाली बात तो यह है कि यह केवल युवाओं में ही नहीं बल्कि व्यस्क लोगों में भी देखा जाता है।

इन्टरनेट पर जुड़े बहुत से लोग आपको हानि पहुचा सकते है। इन्टरनेट को बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल करने पर हमारा जो बहुमूल्य समय है वो बर्बाद हो जाता हैं। इन्टरनेट की वजह से ना जाने कितने दिन नष्ट होते चले जा रहे हैं। अथवा यह एक दिन की बात नहीं हैं। साथ ही साथ बहुत से तरह के लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि इन्टरनेट हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 

दरहसल, इन्टरनेट आज मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। जिस भी मनुष्य को इन्टरनेट की लत लग गई हैं अगर उसका इन्टरनेट कनेक्शन खत्म हो जाए तो मनुश्य बहुत ही ज्यादा परेशान होने लगता हैं। यहां तक कि डेटा ना मिलने पर व्यक्ती का मूड ख़राब हो जाता हैं। बस इसी वजह से 10 में से आज 6 लोगों को इन्टरनेट की लत लग चुकी हैं।

Essay on Addiction of Junk Food in Hindi:

एक और चीज़ की लत जो लोगों में सबसे अधिक होती है वह है जंक फूड। जंक फूड तो आजकल हर बच्चों का और हर इंसान का पसंदीदा बन गया है। बच्चे अपने ब्रेकफास्ट, लंच और कई बार डिनर के समय में भी बच्चे जंक फूड का सेवन करते हैं। जहाँ, बच्चों को जंक फूड बहुत अधिक पसंद आता है वैसे ही वयस्कों को भी देखा गया है की उन्हें भी जंक फूड की लत लगी रहती है।

अगर जंक फूड रोजाना खाया जाए तो इससे बड़े एवं बच्चों दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। बच्चे घर पर खाना छोड़ कर बाहर का खाना खाना ज्यादा पसंद करते हैं जिससे उन्हें पेट की कई सारी बीमारियों से सामना करना पड़ता हैं। जिससे उनके शारीरिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ सकता है। जहां बच्चे खाने में पिज्जा एवं बर्गर खा रहे हैं वहीं वह उचित आहार से दूर हो रहे हैं।

Essay on Addiction Of Social Media:  

सोशल मीडिया एक दो धारी तलवार की तरह है जहां अपनों से जुड़े रहने का मौका मिलता है अथवा अकेलेपन का एहसास हमारे नजदीक नहीं आता। वहीं दूसरी तरफ साइबर अथवा दूसरे लोगों से जीवन की तुलना के प्रवृत्ति की वजह से इसका इस्तेमाल डिप्रेशन की वजह बन सकता है। 

सोशल मीडिया हालांकि दूर के दोस्तों अथवा रिश्तेदारों से मिलने का मौका तो देती है। मगर दोनों पक्षों में आमने सामने बात विवाद नहीं बातें जो की भावनात्मक जुड़ाव के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ज्यादातर मामलों में फेसबुक, व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और भी बहुत सारी साइटों पर घंटा भर चिपकने वाले लोग में शारीरिक सक्रिय की कमी के चलते व्यक्ति के डायबिटीज का जोखिम ज्यादा मिलता है। 

कई बार तो इंसान हमेशा अपना समय बर्बाद करके अपनी न्यूजफीड को देखता रहता है। कई बार जो व्यक्ति सोशल मीडिया को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं वह तो दूरी भी बर्दाश्त नहीं हो सकती। कभी-कभी तो मनुष्य को मोबाइल नोटिफिकेशन आने का क्रम लगा रहता है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करना एक बेचैनी के रूप में होता है।

Essay on Addiction Of Technology:

जितने भी लोग तकनीकी व्यवसाय के बारे में जानते हैं। यह समझते हैं वह अपने मोबाइल फोन के उपयोग से निराशा व्यतीत करते हैं। ऐसे ही नई नई टेक्नोलॉजी की जानकारियां और उनके नए गैजेट लोगों को काफी रुचिकार लगती है। 

लगातार टेक्नोलॉजी की खोज ने मनुष्य के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है। यहां तक कि इसको विश्व के स्वास्थ्य संगठन में gaming disorder को अपने अंतरराष्ट्रीय संघ में शामिल किया है। आधुनिकरण के कारण लोगों की जीवनशैली काफी प्रभावित हो चुकी है।

Essay on Addiction Of Drugs and Alcohal: 

आप इतना तो जानते ही होंगे की ड्रग्स(Essay on addiction in Hindi) और अल्कोहल का सेवन सेहत के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होता है। लेकिन आपको यह नहीं मालूम होगा की जिनको इनकी लत लगती है उनके साथ क्या होता है। इंसान जब शराब, गुटका, सिगरेट का सेवन करता है तो उसे इस नशे की बहुत बुरी लत लग जाती है, वह जब नशे से दूरी बनाने की कोशिश करता है तो वह चाह कर के भी दूर नहीं हो पाता है। इसका कारण यह है कि नशे की लत उसके दिमाग में घर कर लेती है। जिसकी वजह से मनुष्य को जब भी दुख का सुख का आभास होता है तो वह बुरी आदत जैसे ड्रग्स और अल्कोहल का सेवन करता है।

इससे मानसिक, पारिवारिक अथवा सामाजिक इन तीनों ही स्तर पर बुरा असर पड़ सकता है। नशे की लत से परिवार में अशांति का निवास स्थान रहता है। जिस व्यक्ति को नशा करने का लत होता है उसे आर्थिक तंगी हो जाती है। कुछ व्यक्ति तो नशा कर घर में आकर अपनी पत्नियों पर हाथ उठाते हैं जो कि एक अपराध है। 

नशे की लत के लिए मनुष्य अपनी सारी संपत्ति को पानी की तरह बहा देता है। नशा करने के बाद समाज अथवा कार्यस्थल पर तमाशा करता है। जिससे नशा करने वाले व्यक्ति के इज्जत पर आधात हो जाता हैं। 

आज के दौड़ में नशा मुक्ति(Essay on addiction in Hindi) भारतीय समाज की विडंबना है। निम्न स्तर के जो लोग होते हैं वह अपने सारे पैसे शराब में उड़ा देते हैं। मगर उन्हें यह नहीं पता होता कि इसका दुष्परिणाम इंसान को ही भुगतना होता है। मानो युवा वर्ग के लिए तो नशा एक फैशन बन गया है। नशा किसी भी मनुष्य की जिंदगी को तबाह करने मे सक्षम हैं। अथवा यह एक अपराध भी है कि जो व्यक्ति नशे की तस्करी करता है उसे जेल भी हो सकती है।  

Essay On Addiction and the Future of Youth in India:

आज कल युवाओं बुरी चीजों की ओर लत काफी बढ़ता जा रहा है। यह पिछले कुछ दशकों में अत्यधिक रूप से बढ़ा है। छात्र अथवा छात्राएं विशेष करके विश्वविद्यालय अथवा स्कूलों के बच्चे ज्यादातर नशा करते हैं जैसे कोकीन, ड्रग्स,अफीम आदि। इनके पास नशा लेने के कई सारे तरीके हैं जैसे इंजेक्शन से या फिर मुख से। नशे की आदत से छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल है इस मुश्किल घड़ी में मनुष्य को अगर नशे की लत लग जाए तो वह कई तरह की शर्मनाक घटनाएं करता है। जैसे कि बैंक लूटना, चोरी करना आदि। इसी प्रकार ये मोबाइल और इंटरनेट पर भी बुरी तरह से लगे हुए हैं। 

कल का भविष्य आज के छात्र ही हैं। लेकिन अपने मार्ग से भटककर नशे की लत में छात्र गलत मार्ग का चयन करते हैं और फिर उनके आदि हो जाते हैं।

Conclusion:

कहते हैं अधिक कुछ भी सही नहीं होता, इसीलिए जीवन में कुछ चीजों को सीमित में ही रखना चाहिए।  हालांकि अपने ऊपर की पोस्ट में जाना होगा कि मोबाइल, टेक्नोलॉजी, इंटरनेट(Essay on addiction in Hindi) की अधिक लत सही नहीं होती है, इसके साथ ड्रग्स और अल्कोहल से भी दूर रहना चाहिए। हमेशा तकनीक का जरूरत के अनुसार उपयोग होना चाहिए।

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Drugs are ugly monsters that are sucking all the energy and lifeblood of young people. A few years back only the developed countries were facing the problem of drug addiction among the people. But now it is spreading in developing countries also. In Pakistan more than 2.5 million people are drug addicts, seventy percent of whom are from among the youth.

A drug is a medicine that is used to cure a disease or soothe a patient. But when it is used freely and frequently without medical advice, it becomes an addiction as it intoxicates its user. People take to them within a few days. Some people start taking them as fun but soon fall prey to their addiction. But most people take to them because of their mental worries caused by unemployment, sexual perversion, protracted illness, or some financial or social problem.

The effects of drug addiction are horrible. It clutches its prey forever and makes him invalid in society. He becomes  unable to earn his livelihood. He uses different methods including theft and  murder to get money so that he may buy heroin or some other drug. It mars his health. It affects the mind and paralyzes it. He is no more a normal human being. He forgets his status. Duties, responsibilities, and even himself. He is ruined and with him, his family is also ruined.

Many political figures have their links with the drug mafia or are themselves involved in the business. Drug barons openly use money in financing election campaigns of political parties and individual politicians. They return the favor by extending an umbrella of protection to the drug business.

To curb this curse the government should take stringent and strict measures. Drug addiction should be treated as a disease that needs to be cured. It is a medical, psychiatric, and sociological problem, and  the government should make arrangements to solve this problem along these lines. Drug  addicts should be treated in government hospitals where specialists are appointed to look into the causes of drug addiction. Drug traffickers should be awarded death sentences and all their property should be confiscated. The political parties should also purge their ranks of drug barons and form a united front against the entry of dubious characters into the assemblies.

Write an essay on "Drug Abuse, a Threat to Society". (170 - 200 Words)

Drug addiction is a bad habit and has destroyed the lives of millions of people in this world,  The person who has the habit of taking some narcotics like opium, heroin, marijuana, tobacco,  valium, cocaine, and alcohol is called a drug addict . It is a common problem in the modern world.  Today young men take it as a fashion. It has severely affected and destroyed the normality of  the people. Once one is caught in this habit, it is very difficult for him to get rid of it. The  drug-addicted person feels energetic and active after taking it. The person feels  drowsiness, sleepy, and lives in a fantasy world. He does not live in reality. He devastates his  strength, energy, and power under the bad effects of drugs or narcotics. Drug addiction is  really a very serious threat to any society.

Pakistan is also badly affected by its users and drug pusher s. They are openly involved in  these activities. They smuggle these items without any fear. The smugglers of drugs should be  strictly punished throughout the world. Rehabilitation centers should be opened for the victims, so  that proper medical support and guidance may be provided to these people in these centers.

Media , worldwide organizations, and newspapers should play their role to make people aware  of the bad effects of drugs and narcotics so that the world can be saved and the sufferer can be  rehabilitated, and they can spend healthy, active, meaningful, and energetic life because the young  generation is the real strength of any nation or country

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Drug Addiction in Hindi ड्रग की लत हिंदी में

ड्रग्स बदसूरत राक्षस हैं जो युवा लोगों की सारी ऊर्जा और जीवन की बाढ़ को चूस रहे हैं। कुछ साल पहले केवल विकसित देश ही लोगों के बीच मादक पदार्थों की समस्या का सामना कर रहे थे। लेकिन अब यह विकासशील देशों में भी फैल रहा है। पाकिस्तान में 2.5 मिलियन से अधिक लोग नशीले पदार्थ के नशे में हैं, जिनमें से सत्तर प्रतिशत युवा हैं।

एक दवा एक दवा है जिसका उपयोग किसी बीमारी को ठीक करने या किसी रोगी को शांत करने के लिए किया जाता है। लेकिन जब यह बिना किसी चिकित्सीय सलाह के स्वतंत्र रूप से और अक्सर उपयोग किया जाता है, तो यह एक लत बन जाता है क्योंकि यह अपने उपयोगकर्ता को नशा देता है। लोग कुछ दिनों के भीतर उन्हें ले जाते हैं। कुछ लोग उन्हें मज़े के रूप में लेना शुरू करते हैं लेकिन जल्द ही उनकी लत का शिकार हो जाते हैं। लेकिन अधिकांश लोग बेरोजगारी, यौन विकृतियों, लंबी बीमारी या कुछ वित्तीय या सामाजिक समस्या के कारण अपनी मानसिक चिंताओं के कारण उन्हें ले जाते हैं।

मादक पदार्थों की लत के प्रभाव भयानक हैं। यह अपने शिकार को हमेशा के लिए बंद कर देता है और उसे समाज में अमान्य बना देता है। वह अपनी आजीविका कमाने में असमर्थ हो जाता है। वह पैसा पाने के लिए चोरी और हत्या सहित विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करता है ताकि वह हेरोइन या कोई अन्य दवा खरीद सके। इससे उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। यह मन को प्रभावित करता है और इसे पंगु बना देता है। वह कोई सामान्य इंसान नहीं है। वह अपना रुतबा भूल जाता है। कर्तव्य, जिम्मेदारियां और यहां तक ​​कि खुद भी। वह बर्बाद हो गया है और उसके साथ उसका परिवार भी बर्बाद हो गया है।

कई राजनीतिक हस्तियों के ड्रग माफिया के साथ संबंध हैं या वे खुद इस व्यवसाय से जुड़े हैं। ड्रग बैरन राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत राजनेताओं के चुनाव अभियानों के वित्तपोषण में खुलेआम धन का उपयोग करते हैं। वे दवा व्यवसाय को संरक्षण की एक छतरी देकर एहसान वापस करते हैं।

इस अभिशाप को रोकने के लिए सरकार को कड़े और सख्त कदम उठाने चाहिए। नशीली दवाओं की लत को एक बीमारी के रूप में माना जाना चाहिए, जिसे ठीक करने की आवश्यकता है। यह एक चिकित्सा, मानसिक और सामाजिक समस्या है, और सरकार को इन लाइनों के साथ इस समस्या को हल करने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। नशीली दवाओं के व्यसनों का इलाज सरकारी अस्पतालों में किया जाना चाहिए जहां नशा के कारणों को देखने के लिए विशेषज्ञ नियुक्त किए जाते हैं। मादक पदार्थों के तस्करों को मौत की सजा दी जानी चाहिए और उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली जानी चाहिए। राजनीतिक दलों को भी ड्रग बैरन की अपनी रैंक को शुद्ध करना चाहिए और विधानसभाओं में संदिग्ध पात्रों के प्रवेश के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाना चाहिए।

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Essay on “Drug Abuse and Addiction in India” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Drug Abuse and Addiction in India

Drug abuse is a complex phenomenon, which has various social, cultural, biological, geographical, historical and economic aspects. The disintegration of the old joint family system, absence of parental love and care in modern families where b0th parents are working, decline of old religious and moral values etc lead to a rise in the number of drug addicts who take drugs to escape hard realities of life. Drug use, misuse or abuse is also primarily due to the nature of the drug abused, the personality of the individual and the addict’ s immediate environment The processes of indust1ialization, urbanization and migration have led to loosening of the traditional methods of social control rendering an individual vulnerable to the stresses and Strains of modern life. The fast changing social milieu, among other factors, is mainly contributing to the proliferation of drug abuse, both of traditional and of new psychoactive substances. The introduction of synthetic drugs and intravenous drug use leading to HIV/AIDS has added a new dimension to the problem, especially in the Northeast states of the country

Drug abuse and addiction is on the rise throughout India. According to recent surveys, India has at least seventy million drug addicts. In India, the cultural values are slowly changing, the poorer class 13 suffering with economic hardship while at the same time there 13 a massive rise in the upper class, all of this combined with the dwindling support of family (due to increase work and western life) is leading to drug abuse and addiction.

Indian produced pharmaceuticals, heroin, and alcohol are amongst the most abused drugs. However, drugs like yaba, methamphetamine, ecstasy, cocaine, and crack are all becoming more abused on a daily basis throughout India.

Over the past two decades, India has seen a rise in industrialization and urbanization, which has caused large migrations to its cities This is causing their traditional culture and way of life to slowly loosen; the individual Indians and their new way of life is causing them to be very vulnerable to the stresses and strains of the modern way of life. These stresses and strains may cause the person to turn to drugs to calm their thoughts and deal with everyday life.

Trafficking and Distribution

Because India has seen such a rise in drug abuse and addiction, there is an increasing need for dealers and distributors to traffic the drugs. Many people in India are seeing this opportunity as a way to make fast and easy money. They not only risk the chance of getting caught by police and sentenced to a minimum of ten years in prison, but they are at risk for abusing or developing an addiction to the drugs. They are also at risk for becoming caught up in rivalry and drug related crimes.

By ninth grade, approximately half of Indian students have tried at least one type of drug. These youth begin to damage their physical and psychological health and their intellectual growth, especially when their curiosity turns into abuse. The youth that continue to abuse drugs will normally begin to use harder drugs and develop addictions to them. Some of them will join gangs or drug related organizations.

Most of the youth that get caught up with drugs normally do not continue education through college, and it is not uncommon for these people to end up on the streets. Most of the people who abuse or have an addiction to drugs in India are between the ages of 18 and 35. The majority of them are males, but there are a small percentage of women in India who abuse them; the number of women is slowly rising each year.

Since drug abuse and addiction in India has risen, the country has seen an increase in HIV, Tuberculosis, Hepatitis B and C, and other transmitted diseases. Injecting substances is becoming more popular amongst addicts, which is causing healthcare officials to become concerned about an even greater rise in these diseases.

Family Effects

The women and their children are facing problems as well. Many women who are married to drug abusers and addicts are subjected to domestic violence, infectious diseases, and financial problems. Eighty seven per cent of users who were in a rehab center claimed that they were violent to their wife, children, and other family members while using. Most domestic violence comes as a result of the addict needed money to buy more drugs.

India is beginning to see a rise in rehab centers across the country. However, drug use is still considered taboo and a very sensitive matter. Often times, families do not want to send their loved ones to a rehab in India, because of shame or even fear; fear that the government will find out about their loved one’s drug use.

India’s Stand

India has braced itself to face the menace of drug trafficking both at the national and international levels. Several measures involving innovative changes in enforcement, legal and judicial systems have been brought into effect. The introduction of death penalty for drug-related offences has been a major deterrent. The Narc0tic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985, were enacted with stringent provisions to curb this menace. The Act envisages a minimum term of 10 years imprisonment extendable to 20 years and fine of Rs 1 lakh extendable up to Rs 2 lakhs for the offenders. The Act has been further amended by making provisions for the forfeiture of properties derived from illicit drugs trafficking. Comprehensive strategy involving specific programmes to bring about an overall reduction in use of drugs has been evolved by the various government agencies and NGOS and is further Supplemented by measures like education, counseling, treatment and rehabilitation programmes. India has bilateral agreements on drug trafficking with 13 countries, including Pakistan and Burma. Prior to 1999, extradition between India and the United States occurred under the auspices of a 1931 treaty signed by the United States and the United Kingdom, which was made applicable to India in 1942. However, a new extradition treaty between India and the United States entered into force in July 1999. A Mutual Legal Assistance Treaty was signed by India and the United States in October 2001. India also is signatory to the following treaties and conventions:

(a) 1961 UN. Convention on Narcotic Drugs. (19) 1971 UN. Convention on Psychotropic Substances. (c) 1988 UN. Convention against Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances. (d) 2000 Transnational Crime Convention

The spread and entrenchment of drug abuse needs to be prevented, as the cost to the people, environment and economy will be colossal. The unseemly spectacle of unkempt drug abusers dotting lanes and by lanes, cinema halls and other public places should be enough to goad the authorities to act fast to remove the scourge of this social evil. Moreover, the spread of such reprehensible habits among the relatively young segment of society ought to be arrested at all cost. There is a need for the government enforcement agencies, the non governmental philanthropic agencies, and others to collaborate and supplement each Other’s efforts for a solution to the problem of drug addiction through education and legal actions. Practically every country has its own substance abuse problem to face.

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Punjabi Essay on "Drug Addiction", “ਨਸ਼ਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਨਾਰੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖ”, “Say No to Drugs”, Punjabi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and 10

Essay on Drug Addiction in Punjabi Language : In this article, we are providing  ਨਸ਼ਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਨਾਰੀ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਪੰਜਾਬੀ ਲੇਖ  for students...

ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਕਈ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਪਤਾ ਹੈ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿਚ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਭੈੜੀ ਆਦਤ ਲਗਾਤਾਰ ਜ਼ੋਰ ਪਕੜ ਰਹੀ ਹੈ । ਅੱਜ ਕਲ੍ਹ ਸਕੂਲਾਂ, ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਪੜ੍ਹਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ, ਹੋਸਟਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋਸਟਲਰਾਂ ਆਦਿ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹਨ । ਹੋਸਟਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਉੱਤੇ ਤਾਂ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦਾ ਇਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਭੂਤ ਹੀ ਸਵਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ । ਉਹ ਇਕ ਦੂਜੇ ਦੀ ਰੀਸ ਤੇ ਭੇਡ ਚਾਲ ਕਾਰਨ ਇਸ ਬੀਮਾਰੀ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਰਹੇ ਹਨ । ਹੋਸਟਲ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਕੋਲੋਂ ਸ਼ਰਾਬ, ਚਰਸ, ਗਾਂਜਾ, ਕੋਕੀਨ, ਭੰਗ, ਐਲ.ਐਮ.ਡੀ. ਦੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਆਦਿ ਕਈ ਕੁਝ ਮਿਲਦਾ । ਹੈ । ਇਹ ਆਦਰ ਮੁੰਡਿਆਂ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਕੁੜੀਆਂ ਵੀ ਇਸ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਹੋਸਟਲ ਦੇ ਪੁਰਾਣੇ ਨਸ਼ੇਵਾਂਜ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਨਵੇਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਜਬਰਦਸਤੀ ਜਾਂ ਮਜ਼ਾਕੀ ਮਜ਼ਾਕ ਵਿਚ ਇਸ ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸਿਗਰਟ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣਾ ਉਹ ਇਕ ਸ਼ਾਨ ਮੰਨਦੇ ਹਨ । ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਉਹ ਇਹਨਾਂ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਆਦੀ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦਾ ਕਾਰਨ ਜਿੱਥੇ ਉਦਾਸੀਨਤਾ, ਬੇਚੈਨੀ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਪਰੇਸ਼ਾਨੀਆਂ ਹਨ, ਉਥੇ ਛੇੜੀ ਸੰਗਤਾਂ ਵੀ ਹੈ ।

ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਬੀਮਾਰੀ ਨੌਜਵਾਨ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਅਤੇ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਪੀੜੀ ਨੂੰ ਨਕਾਰਾ ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਬਣਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਸੌਖਾ ਇਲਾਜ ਹੈ ਕਿ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਖੁੱਲੀ ਵਿਕਰੀ ਉੱਤੇ ਪਾਬੰਦੀ ਲਾਈ ਜਾਵੇ । ਜਿਹੜਾ ਵੀ ਚੋਰੀ ਛਿਪੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਸਖ਼ਤ ਸਜ਼ਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਕੁਰੀਤੀਆਂ ਦੀ ਥਾਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿਚ ਵੱਖ ਵੱਖ ਢੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮੁਕਾਬਲੇ, ਕਲਾ ਪਿਆਰ, ਸਾਹਿਤ ਸਿਰਜਣਾ ਆਦਿ ਦੀਆਂ ਰੁਚੀਆਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਣ ।

ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਆਦਤ ਸਿਰਫ ਹੋਸਟਲਾਂ ਦੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਇਹ ਆਦਤ ਘਰ ਵਿਚ ਮਾਂ-ਪਿਉ ਦੇ ਪਿਆਰ ਤੋਂ ਸੱਖਣੇ ਰਹਿ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਘਰ ਵਿਚ ਆਪਣੀਆਂ ਜਿੰਮੇਦਾਰੀਆਂ ਪੂਰੀ ਨਾ ਕਰ ਸਕਣ ਦੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਵੀ ਉਹ ਇਸ ਨਸ਼ੇ ਦਾ ਸਹਾਰਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

ਇਸ ਕੰਮ ਲਈ ਇਕੱਲੀ ਸਰਕਾਰ ਕੁਝ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੀ। ਮਾਪਿਆਂ ਨੂੰ ਵੀ ਇਸ ਕੰਮ ਲਈ ਹੰਭਲਾ ਮਾਰਨਾ ਪਏਗਾ । ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸੁਚੱਜੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਕਰਾਇਆ ਜਾਵੇ । ਮਾਂ ਪਿਉ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਰੱਖਣ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਜਰੂਰਤਾਂ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਜਿੰਮੇਦਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਕਰਨ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਨ । ਇਸੇ ਨਾਲ ਹੀ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੀੜੀਆਂ ਨੂੰ ਸਹੀ ਰਾਸਤਾ ਵਿਖਾ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਤੇ ਆਪਣੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਚੜ੍ਹਦੀ ਕਲਾਂ ਵਿਚ ਰਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿਉਂਕਿ ਅਜ ਦਾ ਨੌਜਵਾਨ ਹੀ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਭਵਿੱਖ ਹੈ ।

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NY, LI need more overdose prevention centers

Naloxone, a lifesaving medication that reverses opioid overdoses, is carried at...

Naloxone, a lifesaving medication that reverses opioid overdoses, is carried at all overdose prevention centers. Credit: AP/Keith Srakocic

Every 90 minutes, a New Yorker dies from a preventable drug overdose. Long Island, too, has been ravaged; Nassau and Suffolk counties have two of the 10 highest overdose death rates in New York State. Drug overdoses have become the leading cause of death for New Yorkers under 50, with mortality rates skyrocketing over the past decade — from 8 to 30 deaths per 100,000 people. As the crisis escalates, we must turn to proven solutions: overdose prevention centers, or OPCs.

In the U.S., the first two legally sanctioned OPCs opened in 2021 in East Harlem and Washington Heights, under the nonprofit OnPoint. They reversed 1,300 overdoses in their first year. Three years later, these two centers remain the only OPCs in New York. None have been proposed on Long Island despite the need.

Overdose prevention centers provide a safe space for people struggling with addiction. They can use drugs in a supervised and hygienic environment, access health and social services, find supportive community, and make progress toward recovery. We understand there is often significant community resistance to these centers, but decades of research on OPCs in more than 50 countries has affirmed their efficacy — not only do they reduce overdose deaths, they also reduce disease transmission, public drug use, syringe litter, and drug-related crime, while expanding access to treatment. Naloxone, a lifesaving medication that reverses opioid overdoses and is carried at all OPCs, keeps participants safe and gives them another chance to enter treatment. Not a single person has died at a center, numerous studies have found.

Overdoses consistently rank in the top 15 causes for emergency room admissions. As medical students, we’ve witnessed firsthand the inadequacies of our emergency medical infrastructure in addressing substance use disorders. Our ERs are flooded. We’ve seen patients waiting up to eight hours — and the same patients returning to the ER weeks later because they were discharged to the same conditions that led to their initial overdose with no follow-up care. OPCs provide more comprehensive support and reduce ER strain; OPCs have been shown to reduce ambulance calls for overdoses by up to 67%.

This guest essay reflects the views of Aidan Pillard and Mia Pattillo, medical students at the Icahn School of Medicine at Mount Sinai and Weill Cornell Medical College in Manhattan.

Our experiences volunteering at OnPoint’s OPCs have shown us a compelling vision of what effective support for those battling addiction should involve. People find respite from the streets to shower, wash their clothes, eat a snack, and use their drugs in a safe environment. OPCs serve as gateways to physical and behavioral health services, social services, and job opportunities. The trust between staff and participants catalyzes transformations; some participants begin addiction treatment and others staff the center themselves.

From our Editorial Board, get inside the local, city and state political scenes.

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Some critics argue that OPCs increase crime and nuisance conditions in surrounding neighborhoods. But data from the two existing OPCs paints a different picture: Rates of theft, low-level drug enforcement, and police narcotics activity have all decreased. Moreover, staff engage actively with the community and solicit feedback from neighbors.

Another misconception is that OPCs condone drug use. This argument echoes past objections to harm reduction measures, such as syringe service programs introduced amid the HIV/AIDS epidemic or condom distribution on college campuses — both of which are now highly successful and widely adopted. Providing safe spaces for drug use does not serve to promote it; instead, it minimizes risk.

OPCs treat clients with dignity, save lives, and advance public health and safety. New York must expand OPCs on Long Island and elsewhere and lead the country in combating the overdose crisis.

This guest essay reflects the views of Aidan Pillard and Mia Pattillo, medical students at the Icahn School of Medicine at Mount Sinai and Weill Cornell Medical College in Manhattan.

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drugs addiction essay hindi

'Zombie drug' sending Sierra Leone youth to dig out skeletons. Here is why

The west african country has declared a national emergency after addiction to a drug made from human bones led thousands of youths to dig up skeletons. the crisis explained in 10 points..

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Sierra Leone zombie drug

  • Sierra Leone has declared a national emergency over the drug menace
  • Hundreds of young men have died from organ failure
  • Police officers in large numbers have been deployed to guard cemeteries

"It's like it has something demonic in it. They see their friends and people around them dying, and yet they still take it," a drug addict in Sierra Leone said, as the country grapples with the effects of a drug that is turning youths into "zombies".

The West African country has declared a national emergency after addiction to a drug, kush, made from human bones, has led thousands of youths to dig up skeletons from graves to get intoxicated.

Sierra Leone zombie drug

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