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सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi

In this article, we are providing information about Solar Energy in Hindi- Essay on Solar Energy in Hindi Language. सौर ऊर्जा पर निबंध- Importance of Solar Energy ( Saur Urja ) in Hindi.

हमारी पूरी पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घुमती है। यह सूर्य से रोशनी और गर्मी प्राप्त करती है। सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहा जाता है। विशेष रूप से सौर ऊर्जा सूर्य की वह ऊर्जा है जिसे हम विद्युत में परिवर्तित करते हैं। सूर्य के पास बहुत सा प्रकाश और गर्मी है। अगर सूर्य से प्राप्त होने वाली सारी रोशनी को विद्युत में बदल दिया जाए तो पूरे साल की बिजली की खपत की आपूर्ति हो सकती है। भारत में गर्मी ज्यादा रहती है इसलिए सौर ऊर्जा बनाना यहा पर सरल है।

सूर्य की किरणों की गर्मी को दो तरीके से प्रयोग किया जा सकता है एक तो उसकी गर्मी लेकर जिससे कि कपड़े, अनाज आदिलको सुखाया जा सकता है। दुसरा हम सूर्य की किरणों की गर्मी को सोलर पैनेल के माध्यम से एकत्रित करके बिजली पैदा कर सकते है जिससे हम सभी बिजली से चलने वाले उपकरण चला सकते हैं। सूर्य ऊर्जा का ऐसा साधन है जो की कभी भी खत्म नहीं हो सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह विस्तारित है और इससे प्रदुषण भी नहीं होता है। लोग इसे अपने व्यक्तिगत स्तर पर भी लगवा सकते है और प्रयोग कर सकते हैं। इसे एकत्रित भी किया जा सकता है और रात को प्रयोग में लाया जा सकता है। सौर ऊर्जा से सोलर कुकर बनाकर सूर्य की गर्मी से खाना भी बनाया जा सकता है जिससे कि ईंधन की खपत कम होगी और प्रदुषण से भू राहत मिलेगी।

सौर ऊर्जा के प्रयोग में बहुत सी चुनौतियाँ भी है। इसके लिए सोलर पैनल लगवाने के लिए ज्यादा पूँजी का निवेश करना पड़ता है। खराब मौसम औक बारिश में ये सौर ऊर्जा कम ही एकत्रित कर पाते हैं। जिन देशों में ठंड रहती है और धुप कम आती है वहाँ पर सौर ऊर्जा उत्पन्न करना मुश्किल है।

सौर ऊर्जा उन देशों में बहुत ही सफल है जहाँ पर गर्मी बहुत ज्यादा होती है। बढ़ते समय के साथ लोगों ने सौर ऊर्जा के महत्व को समझा है और बहुत से गर्म देशों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। आने वाले कुछ सालों में यह ऊर्जा का सबसे मुख्य स्त्रोत बन जाएगा। सौर ऊर्जा को हम सबको अपने स्तर पर भी लगाना चाहिए ताकि हम पानी और कोयले से बनने वाली बिजली की बचत कर सके। भारत में सौर ऊर्जा को विकसित किया जा जा रहा है। यहाँ पर सिलिकोन वैली की तरह सोलर वैली का भी सपना देखा गया है।

पर्यावरण पर निबंध- Essay on Environment in Hindi

बिजली बचाओ पर निबंध- Save Electricity Essay in Hindi

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5 thoughts on “सौर ऊर्जा पर निबंध- Essay on Solar Energy in Hindi”

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Bhut hi achcha h par iss nibandh pr topic matlb ” विचार बिंदु ” ye bhi kro tb aur bhi achcha ho jaaega nibandh aapka

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सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) के महत्व पर निबंध Solar Energy (Saur urja) and its importance Essay in hindi

भारत  एक  तेजी  से  उभरने  वाली  अर्थव्यवस्था  हैं,  जिसमें  100  करोड़  से  भी  ज्यादा  लोग  शामिल  हैं  और  जिन्हें  ऊर्जा  की  बड़ी  मात्रा  में  आवश्यकता  हैं.  जिसकी  पूर्ति  भारत  सरकार  द्वारा  विभिन्न  नविनीकरणीय  और  अनविनीकरणीय  संसाधनों  का  उपयोग  करके  की  जा  रही  हैं.  हमारा  देश  बिजली  को  उत्पन्न  करने  एवं  उसकी  खपत  करने  में  विश्व  में  पांचवे  स्थान  पर  हैं.  हमारे  देश  में  बिजली  का  उत्पादन  हर  साल  बढ़  रहा  हैं,  पर  हम  इस  बात  से  भी  इंकार  नहीं  कर  सकते  कि  जनसंख्या  भी  साथ  में  बढ़  रही  हैं.

Table of Contents

सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) के महत्व Solar Energy (Saur urja) and its importance in hindi

देश  में  बिजली  का  53%  उत्पादन  कोयले  से  किया  जाता  हैं  और  ऐसा  अनुमान  लगाया  जाता  हैं  कि  वर्ष  2040 – 2050  तक  ये  भी  समाप्त  हो  जाएगा.  भारत  की  72%  से  अधिक  जनता  गाँवों  में  निवास  करती  हैं  और  इसमें  से  आधे  गाँव  बिना  बिजली  के  ही  अपना  जीवन  यापन  कर  रहे  हैं.  अब  भारत  ऐसी  स्थिति  में  आ गया  हैं  कि  अब  हम  ऊर्जा  के  अधिकाधिक  उत्पादन  के  लिए,  ऊर्जा  के  संरक्षण  के  क्षेत्र  में,  उसके  नविनीकरण  एवं  बचाव  के  लिए  कदम  उठाए.  इस  मांग  को  पूर्ण  करने  हेतु  सौर  ऊर्जा  का  उपयोग  सर्वोत्तम  उपाय  हैं,  जिससे  हम  ऊर्जा  की  मांग  एवं  पूर्ति  के  बीच  सामंजस्य  स्थापित  कर  सकते  हैं.

saur urja

सौर उर्जा क्या है (What is solar energy) :

सामान्य  भाषा  में  सौर  ऊर्जा  से  तात्पर्य  सूर्य  से  प्राप्त  होने  वाली  ऊर्जा  से  हैं.  सूर्य  की  किरणों  को  एक  बिंदु  पर  एकत्रित  करके  जब  ऊर्जा  उत्पन्न  की  जाती  हैं,  तो  ये  प्रक्रिया  सौर  ऊर्जा  उत्पादन कहलाती  हैं.  सौर  ऊर्जा  अर्थात्  सूर्य  की  किरणों  को  विद्युत  में  बदलना,  चाहे  वह  पी.  वी.  [ Photovoltaic ]  द्वारा  प्रत्यक्ष  रूप  से  हो  या  सी.  एस.  पी. [ Concentrated  Solar  Power ]  द्वारा  अप्रत्यक्ष  रूप  से. सी.  एस.  पी. में  सौर  ऊर्जा  उत्पन्न  करने  हेतु   लेंस  अथवा  दर्पणों  और  ट्रेकिंग  उपकरणों  का  उपयोग  किया  जाता  हैं  और  सूर्य  प्रकाश  के  एक  बहुत  बड़े  भाग  को  एक  छोटी  सी  किरण   पर  एकत्रित  किया  जाता  हैं.  सोलर पॉवर प्लांट  इसी  तरह  कार्य  करते  हैं.

भारत  एक  उष्ण – कटिबंधीय  देश  हैं,  जिसके  अनेक  लाभों  में  से  एक  लाभ  हमे  सूर्य  प्रकाश  के  रूप  में  भी  प्राप्त  होता  हैं.  उष्ण – कटिबंधीय  देश  होने  के  कारण  हमारे  यहाँ  वर्ष  भर  सौर  विकिरण  प्राप्त  की  जाती  हैं,  जिसमें  सूर्य  प्रकाश  के  लगभग  3000  घंटे  शामिल  हैं,  जो  कि  5000  ट्रिलियन  kWh  के  बराबर  हैं.  भारत  के  लगभग  सारे  क्षेत्रों  में  4 – 7 kWh  प्रति  वर्ग – मीटर  के  बराबर  हैं,  जो   कि  2300 – 3200  सूर्य  प्रकाश   के  घंटे  प्रति  वर्ष  के  बराबर  हैं. चूँकि  भारत  की  अधिकांश  जनता  ग्रामीण क्षेत्र  में  निवास  करती  हैं ,  अतः  वहाँ  सौर  ऊर्जा  की  उपयोगिता  बहुत  हैं.  साथ  ही  विकास  की  भी  संभावनाएँ  हैं  और  अगर  सौर  ऊर्जा  का  उपयोग  प्रारंभ  होता  हैं,  तो  वहाँ  घरेलू  कामों  में  कंडों  एवं  लकड़ियों  का  प्रयोग  होने  में  भी  कमी  आएगी.  जिससे   वायु  प्रदुषण  भी  नहीं  होगा.

भारत  में  सौर  ऊर्जा  उत्पन्न  करने  के  लिए  विशाल  कार्यक्षेत्र  उपलब्ध  हैं  क्योकिं  भारत  की  भूस्थली  ऐसे  स्थान  पर  हैं,  जहाँ  सूर्य  प्रकाश  पर्याप्त  मात्रा  में  पहुँचता  हैं. पृथ्वी  की  सतह  पर  प्रति  वर्ष  पहुँचने  वाले  सूर्य  प्रकाश  की  मात्रा  अत्याधिक  हैं.  पृथ्वी  पर  अनेक  अनविनीकरणीय  पदार्थों,  जैसेः  कोयले,  तेल,  प्राकृतिक  गैस  एवं  अन्य  खनन  द्वारा  प्राप्त  यूरेनियम  पदार्थों   का  एक  वर्ष  में  जितना  उपभोग  होता  हैं,  उसके  दोगुने  से  भी  ज्यादा  हर  वर्ष  सूर्य  प्रकाश  धरती  पर  पहुंचता  हैं  और  व्यर्थ  हो  जाता  हैं.

सौर ऊर्जा तकनीक (Solar energy technology )-:

सौर  ऊर्जा,  सौर  विकिरणों  एवं  सूर्य  के  ताप   के  प्रयोग  द्वारा  एक  विकसित  तकनीक  हैं.  इसके  और  भी  रूप हैं,  जैसे -:  सौर  ताप,  सौर  विकिरण  और  कृत्रिम  प्रकाश  संश्लेषण,  आदि.

भारत में सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ (Saur urja benefits in india) – :

सौर  ऊर्जा  से  होने  वाले  फायदों  के  कारण  यह  और  भी  अधिक  उचित  प्रतीत  होता  हैं.  इसमें  से  होने  वाले  कुछ  लाभ  निम्न – लिखित  हैं -:

  • सौर ऊर्जा  कभी  ख़त्म  न  होने  वाला  संसाधन  हैं  और  यह  अनविनीकरणीय  संसाधनों  का  सर्वोत्तम  प्रतिस्थापन  हैं.
  • सौर ऊर्जा  वातावरण  के  लिए  भी  लाभकारी  हैं.  जब  इसे  उपयोग  किया  जाता  है,  तो  यह  वातावरण  में  कार्बन – डाई – ऑक्साइड  और  अन्य  हानिकारक  गैस  नहीं  छोड़ती,  तो  वातावरण  प्रदूषित  नहीं  होता.
  • सौर ऊर्जा  अनेक  उद्देश्यों  हेतु  प्रयोग  की  जाती  हैं , जैसे -: उष्णता  के  लिए,  सुखाने  के  लिए,  भोजन  पकाने  में  और  बिजली  के  रूप  में,  आदि.  सौर  ऊर्जा  का  उपयोग  कार  में,  हवाई  जहाज  में,  बड़ी  नावों  में,  उपग्रहों  में,  केल्कुलेटर  में  और  अन्य  उपकरणों  में  भी  इसका  प्रयोग  किया  जाना  उपयुक्त  हैं.
  • चूँकि सौर  ऊर्जा  एक  अनविनीकरणीय  ऊर्जा  संसाधन  हैं.  अतः  भारत  जैसे  देशों  में  जहाँ  ऊर्जा  का  उत्पादन  महँगा  पड़ता  हैं,  तो  वहाँ  ये  संसाधन  इसका  बेहतरीन  विकल्प  हैं.
  • सौर ऊर्जा  उपकरण  किसी  भी  स्थान  पर  स्थापित  किया  जा  सकता  हैं.  यहाँ  तक  कि  ये  घर  में  भी  स्थापित  किया  जा  सकता  हैं,  क्योंकिं  यह  ऊर्जा  के  अन्य  संसाधनों  की  तुलना  में  यह  सस्ता  भी  पड़ता  हैं.

भारत में सौर ऊर्जा से होने वाली हानियाँ (Solar power disadvantages) -:

  • हम रात  को  सौर  ऊर्जा  से  बिजली  उत्पादन  का  कार्य  नहीं  कर  सकते  हैं.
  • साथ ही  दिन  में  भी  जब  बारिश  का  मौसम  हो  या  बादल  हो  तो  सौर  ऊर्जा  के  द्वारा  बिजली  उत्पादन  का  कार्य  नहीं  किया  जा  सकता.  इस  कारण  हम  सौर  ऊर्जा  पर  पूरी  तरह  से  भरोसा  नहीं  कर  सकते.
  • केवल वही  क्षेत्र  सौर  ऊर्जा  उत्पादन  करने  में  सक्षम  हो  सकते  हैं,  जहाँ  पर्याप्त  मात्रा  सूर्य  प्रकाश  आता  हो.
  • सौर ऊर्जा  उत्पन्न  करने  के  लिए  हमे  सौर  उपकरणों  के  अलावा  इन्वर्टर  तथा  इसके  संग्रहण  के  लिए  बैटरी  की  आवश्यकता  होती  हैं.  वैसे  तो  सौर  उपकरण  सस्ते  होते  हैं,  परन्तु  साथ  में  उपयोगी  इन्वर्टर  और  बैटरी  इसे  महंगा  बना  देते  हैं.
  • सौर उपकरण  आकार  में  बड़े  होते  हैं,  अतः  इन्हें  स्थापित  करने  हेतु  बड़े  क्षेत्रफल  की  भूमि  की  जरुरत  होती  हैं  और  एक  बार  यदि  ये  उपकरण  लग  जाये  तो  वह  भू – भाग  लम्बे  समय  के  लिए  इसी  उद्देश्य  में  काम  में  लिया  जाता  हैं  और  इसका  उपयोग  किसी  और  कार्य  में  नहीं  किया  जा  सकता.
  • इस प्रकार  उत्पन्न  होने  वाली  ऊर्जा  की  मात्रा  अन्य  संसाधनों  की  तुलना  में  बहुत  ही  कम  होती  हैं,  जो  हमारी  आवश्यकताओ  को  पूरा  करने  में  असमर्थ  हैं.
  • सौर उपकरण  नाज़ुक  होते  हैं,  जिनके  रख – रखाव  का  ध्यान  रखना  बहुत  जरुरी  होता  हैं,  जिससे  इनके  बीमा  आदि  पर  व्यय  होने  से  अतिरिक्त  लागत  भी  होती  हैं,  जिससे  खर्च  बढ़  जाता  हैं.

भारत में सौर ऊर्जा (Saur urja in india)-:

भारत  में  भी  सौर  ऊर्जा  के  लाभों  को  ध्यान  में  रखकर  अनेक  प्रोजेक्ट  प्रारंभ  किये  गये  हैं -:

  • भारत के  थार  मरुस्थल  में  देश  का  अब  तक  का  सर्वोत्तम   सौर  ऊर्जा  प्रोजेक्ट  प्रारंभ  किया  गया  हैं,  जो  अनुमानतः  700 – 2100  GW  ऊर्जा  उत्पन्न  करने  में  सक्षम  हैं.
  • 1 मार्च,  2014  को  गुजरात  के  तत्कालीन  मुख्यमंत्री  ने  मध्यप्रदेश  के  नीमच  जिले  में  देश  का  सबसे  बड़ा  सौर  ऊर्जा  प्लांट  का  उदघाटन  किया  हैं.
  • केंद्र सरकार  ने  ‘ जवाहरलाल  नेहरु  राष्ट्रीय  सौर  ऊर्जा  परियोजना  [ JNNSM ] ’  को  शुरू  कर  वर्ष  2022  तक  20,000  MW  तक  ऊर्जा  उत्पादन  करने  का  लक्ष्य  निश्चित  किया  हैं.

सौर उत्पादित वस्तुएँ (Saur urja equipment)-:

सौर  ऊर्जा  द्वारा  तथा  इसमें  सहायक  वस्तुओं  व  उपकरणों  का  निर्माण  किया  गया  हैं,  जिसमे  से  कुछ  निम्नानुसार  हैं -:

  • ब्रेनी इको  सोलर  होम UPS 1100,
  • सोलर DC सिस्टम  120,
  • सोलर पावर  कंडिशनिंग  यूनिट,
  • PV ग्रिड  कनेक्टेड  इन्वर्टर्स,
  • PWM टेक्नॉलोजी,
  • MPPT टेक्नॉलोजी
  • सोलर कन्वर्जन  किट,
  • सोलर शाइन  वेव  इन्वर्टर,
  • सोलर बैटरी,
  • सोलर स्ट्रीट लाइटिंग  सिस्टम,  आदि.

इस  प्रकार  सौर  ऊर्जा  हमारे  देश  में  विकसित  रूप  ग्रहण  कर  चुकी  हैं  और  हम  इससे  होने  वाले  फायदों  से  लाभान्वित  हो  रहे  हैं.

भारत में सौर उर्जा का गाँवों और शहरों में उपयोग

भारत के गांवों और शहरों में भी सौर उर्जा का उपयोग अब संभव हो गया है. एक समय था जब भारत के अनेक गांवों में बिजली नहीं थी. लेकिन तकनिकी विकास और सौर उर्जा की मदद से आज भारत के अनेक गांवों में बिजली है. हालाँकि आज भी भारत में अनेक गाँव ऐसे है जहाँ पर बिजली नहीं है लेकिन, सौर उर्जा की मदद से गांवो और शहरों में बिजली उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है और लोग सौर उर्जा की मदद से अपने घर को रौशन करने में सफल हुए है. सौर उर्जा या सौलर पैनल पर सरकार भी भारतियों की काफी मदद कर रही है.

  • विद्यांजली योजना की जानकारी
  • अनुष्का शर्मा जीवन परिचय
  • बिजली कैसे बचायें ? बिजली बचाओ पर लेख 

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सोलर एनर्जी, सौर ऊर्जा पर निबंध, महत्व | Solar Energy Essay in hindi

सौर ऊर्जा पर निबंध | saur-urja-Solar-Energy-Essay-in-hindi

सोलर एनर्जी, सौर ऊर्जा पर निबंध, सौर ऊर्जा का महत्व (Essay on Solar Energy in hindi, Solar Energy Essay in hindi)

आज का यह निबंध सौर ऊर्जा संयंत्र पर दिया गया है।  इस निबंध के माध्यम से आप बहुत ही सरल शब्दों में सौर ऊर्जा संयंत्र के बारे में जानेंगे। सौर ऊर्जा क्या होती है? सौर ऊर्जा संयंत्र के उपयोग? सौर ऊर्जा संयंत्र के लाभ और हानि? सौर आवश्यक है? सौर ऊर्जा का महत्व? आइये इन सभी के बारे में नीचे दिए निबंध से जानकारी प्राप्त करें।

प्रस्तावना : जैसा की आप सब जानते है की आने वाले समय में कोयले की कमी बहुत ज़्यादा होने वाली है और दिन पर दिन ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। भारत में 1.4 बिलियन के करीब आबादी तेज़ी से बढ़ रही है। दैनिक जीवन में ऊर्जा के प्रयोग को कम करके उसका संरक्षण करना ही ऊर्जा संरक्षण कहलाता है।  पृथ्वी पर ऊर्जा के सीमित संसाधन है और इनका पुनर्निर्माण करने में काफी समय लग जाता है।  भविष्य में भावी पीढ़ी को ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकें।  इसके लिए ऊर्जा का संरक्षण करना अनिवार्य है।

विषय–सूची

सौर ऊर्जा पर निबंध व महत्व (Solar Energy Essay in hindi)

सौर ऊर्जा क्या है (what is solar energy).

सौर ऊर्जा का अर्थ है वह ऊर्जा जो सूर्य के द्वारा प्राप्त होती है उसे हम लोग सौर ऊर्जा कहते है। इस प्रकार के ऊर्जा कभी समाप्त नहीं होगी क्योकि इनका स्त्रोत सूर्य है, और जब तक इस ब्रहमांड में सूर्य है ऐसी ऊर्जा हमेशा उपस्थित रहेगी और सबसे बड़ी बात है की इस ऊर्जा की लागत बहुत ही कम है और इसका इस्तेमाल करना आसान है।

सौर ऊर्जा को ग्रीन ऊर्जा भी कहा जाता है क्योकि इसके इस्तेमाल से हमारे पर्यावरण को किसी प्रकार की क्षति नहीं होती है। वही अगर अन्य ऊर्जा के श्रोत की बात करे तो उसके उपयोग से वातावरण में प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। 

सौर ऊर्जा पर निबंध | saur-urja-Solar-Energy-Essay-in-hindi

सौर ऊर्जा क्यों आवश्यक है?

सौर ऊर्जा हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और तेल, कोयला और ऊर्जा के अन्य परंपरागत साधन पर्यायवरण की समस्या उत्पन्न करते है। ऊर्जा हमारे समाज के अस्तित्व एवं विकास के लिये अत्यंत आवश्यक बन चुका है ऊर्जा की पर्याप्त आपूर्ति न होने पर मानव आकांक्षाए पूरी नहीं विकसित देशो में ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 5-11 किलोवाट है, जबकि विकासशील देशो में यह केवल 1.5 किलोवाट के बीच है। यह ऊर्जा बिजली, ताप, प्रकाश, यांत्रिक ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा आदि के इस्तेमाल की जाती है।

जीवश्म ईंधन हज़ारो सालों तक पृथ्वी के नीचे दबे पेड़-पौधे के जीवश्मों के रूप में होते है, इसलिए उनका भंडार असीमित नहीं है। समय बीतने के साथ साथ दुनियां की आबादी में और वृद्धि होगी इससे लोगो में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी। भविष्य में भूमिगत ऊर्जा के कुछ अन्य भण्डारों का भी पता चल जाएगा। पर ऐसे स्थान बोहोत दूर होने के कारण उन्हें खोज पाना इतना आसन नहीं है।  ईंधन लकड़ी की स्थिति अभी से भयानक रूप ले चुकी है और देश में कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र केवल 17 से 19 प्रतिशत रह गया है, जबकि आदर्श स्थिति के अनुसार यह 33 प्रतिशत से काम नहीं होना चाहिए।  जनसँख्या वृद्धि के कारण वनों पर दबाव अभी और बढ़ेगा।

सौर ऊर्जा का महत्व?

सौर ऊर्जा हमारे जीवन में अधिक महत्व रखती है क्योकि यह ऊर्जा का एक स्वच्छ और नवीकरणीय स्त्रोत है।  इस प्रकार यह किसी भी तरह से पृथ्वी को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। यह ऊर्जा के अन्य प्रदूषण स्त्रोतों पेट्रोलियम गैसों, डीजल, तेल आदि से काफी बेहतर विकल्प हैं। इसके इलावा इसमें कम रखरखाव लगता है। यह दैनिक आधार पर उपलब्ध है और साथ ही साथ इससे किसी तरह है प्रदूषण भी नहीं होगा।

सोलर पैनल सिस्टम को  बहुत अधिक सौर ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती।  इसके अलावा वे 5 से 10 साल की वारंटी के साथ आते है जो बहुत फायदेमंद है।  सबसे अच्छी बात यह है की इससे बिजली का बिल कम आता है।

हम इसका इस्तेमाल ज़्यादातर खाना बनाने और घरो को गर्म रखने के लिए करते है।  इस प्रकार यह उपयोगिता बिलो की लागत को  कम करता है और हमे कुछ पैसे बचने में मदद करता है।  इसके अलावा सौर ऊर्जा के कई अनुप्रयोग भी है। बोहोत सारे समुदाय और गांव अपने घरो और कार्यालयों और अन्य चीज़ो को बिजली प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते है।  हम इसका उपयोग उन क्षेत्रों में भी कर सकते है जहा पावर ग्रिड तक नहीं पहुंच सकती।

सौर ऊर्जा संयंत्र के उपयोग?

1. प्रत्यक्ष उपयोग (Direct)

  • सूर्य के ताप से निकलने वाली ऊष्मा ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में रुपातंरित करके।

2 . अप्रत्यक्ष उपयोग (Ind irect Use)

  • वायु – ऊर्जा का उपयोग करके।
  • सामुद्रिक तरंगो की ऊर्जा का उपयोग करके।
  • बांध में एकत्रित जल की ऊर्जा का उपयोग करके।
  • कोयले व लकड़ी जलाने पर उससे निकलने वाली उष्मा का उपयोग करके।

सौर ऊर्जा संयंत्र के लाभ

(1) सौर ऊर्जा की मदद से बिजली का निर्माण होता है। सोलर पैनल की सहायता से सूर्य से निकलने वाली किरणों को ऊर्जा में बदला जाता है जिससे बिजली का निर्माण होता है। हमारे देश में काफी लोगो ने अपने घरो और अन्य जगहों पर सोलर पैनल लगवाने की समझदारी की है।

(2) लोग सरकार से बिजली ना ले कर खुद से बिजली का निर्माण करते है जिससे उन्हें बिजली के लिए पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती और ज़्यादा बिजली बनने से वह लोग बिजली बेच भी सकते है। सोलर पैनल  लगवाने के लिए सरकार ने लोगो को प्रेरित करना शुरू किया, सरकार ने लोगो को प्रेरित करने के लिए कई योजनाए भी चलाई जिससे लोग सूर्य से बिजली उत्पन्न कर सकें और बिजली की बचत हो सकें|

(3) सौर ऊर्जा से गैस की भी बचत होती है। सोलर कुक्कर की सहायता से खाना बनाया जा सकता है। सोलर कुक्कर में हम दाल चावल से लेकर कोई भी पकवान बना सकते है। इस सोलर कुक्कर को चलाने के लिए न किसी ईंधन की आवश्यकता है और ना किसी गैस की, यह कुक्कर सूर्य की किरणों से चलाया जा सकता है।

(4) सोलर कुक्कर केवल खाना बनाने के उपयोग में ही नहीं बल्कि अन्य चीज़ो के काम में भी आएगा जैसे – पानी को गर्म करना इत्यादि। धूप का प्रभाव अच्छा होने पर सोलर कुक्कर लगभग 200F तक गर्माहट बना सकता है।

(5) यह ऊर्जा का एक अच्छा रूप है जो निशुल्क होता है केवल शुरुवात में निवेश और रख-रखाव के इलावा इसमें किसी प्रकार के निवेश की आवश्यकता नहीं होती।

(6)  जब तक सूर्य मौजूद है तब तक पृथ्वी पर पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध रहेगी, क्योकि ऊर्जा सूर्य से बनती है।

(7) सोलर एनर्जी को बैटरी में एकत्रित किया जा सकता है और इसमें उपयोगिता की लागत कम लगती है।

(8) एक महीने में हम सूर्य से जितनी ऊर्जा प्राप्त करते है वह ईंधन वाली ऊर्जा से अधिक है। एक मीटर की सतह पर गिरने वाली सौर ऊर्जा 60 वाट की पांच लैम्पो में बिजली प्रदान कर सकता है।

(9) सोलर एनर्जी के उत्पादन में पर्यावरण को किसी प्रकार की हानि नहीं होती है।

(10) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो को बिजली की परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन सौर ऊर्जा के उपयोग से अधिक से अधिक लोगो के पास बिजली पहुंच सकती है और उन्हें बिजली खरीदने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे।

 सौर ऊर्जा संयंत्र की हानियाँ

  • सर्दियो के दौरान धूप का प्रभाव कम होता है जिसकी वजह से ऊर्जा बहुत कम बनती है और इसलिए ऊर्जा का उत्पादन भी बहुत कम होत है ।
  • शुरुआत में इस संयंत्र को लगाने के लिए शुरुआती निवेश पूंजी काफी अधिक है ।
  • इस सन्यंत्र कि एक कमी ओर है , इस सन्यंत्र को चलाने के लिये धूप कि आवश्यकता होती है और रात के समय यह बिजली नहीं बना पाएगा और इसीलिये पहले से संचित बिजली का उपयोग करना होगा।
  • इस पैनल को लगाने के लिये बहुत ज़्यदा स्थान की ज़रूरत होती है और साथ ही वह जगह छाया मुक्त होनी चाहिये परंतु जिन स्थानो पर धूप का प्रभाव कम होगा उन संस्थानों पर इस पैनल को लगाने को काई फायदा नहीं है ।
  • इस सन्यंत्र से तो कोइ प्रदूषण नही होगा पर इनकी संरचना मे बोहोत प्रदूषण होता है। सोलर सैल मे सिलिकोन होता है , और यह पर्यावरन के लिये हानिकारक होता है ।
  • इसमे इस पैनल किये जाने वाले उपकरण काफी महंगे और नजुक होते है ।
  • सोलर पैनल कि देख–रेख करना बहुत मुश्किल होता है क्योकि इसे समय – समय पर साफ – सफाई कि आवश्यकता होती है और इसे साफ करना इतना आसान नहीं है ।
  • यदि पैनल लगाते वक़्त इसकि दिशा का ध्यान नही रखा गया तो इस पैनल से नुक्सान हो सकता है ।
  • इस पैनल पर जितनी छाया होगी यह उतनी ही कम बिजली बनाएगा ।
  • यह पैनल बारिश के दिनो मे काम नही करेगा , इसे बारिश से बचाना होगा , यदि नही बचाया गया तो यह खराब हो सकता है।  
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सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

Essay on Solar Energy in Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं आज हम रिन्यूवल एनर्जी के एक माध्यम सौर ऊर्जा पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख यहाँ हिंदी में जानेगे.

सोलर एनर्जी सिस्टम क्या है कैसे काम करता है इसका इतिहास, महत्व प्रकार आदि बिन्दुओं को समेकित करते हुए सौर ऊर्जा पर यह एस्से शोर्ट में स्टूडेंट्स के लिए यहाँ दिया गया हैं.

सौर ऊर्जा  पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

सूर्य किरणों से प्राप्त सौर ऊर्जा हैं. यह हमारे लिए ऊर्जा प्राप्ति का असीमित स्रोत हैं. भारत में सौर ऊर्जा गैर परम्परागत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं.

सौर कुकरों, सौर हीटरों और सौर सेलों में सौर ऊर्जा इस्तेमाल होती हैं. सौर ऊर्जा को संग्रहित करके ताप और विद्युत् ऊर्जा में बदला जाता हैं, मानव निर्मित उपग्रहों तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता हैं.

रेडियो अथवा बेतार संचार क्षेत्रों अथवा सुदूर क्षेत्रों के टीवी रिले केन्द्रों में भी सौर सेल पैनल उपयोग किये जाते हैं. ट्रैफिक सिग्न लों परिकलको तथा बहुत से खिलौनों में सौर सेल लगे होते हैं.

सौर सेलों का रखरखाव सस्ता होता हैं. इन्हें सुदूर अगम्य और ऐसे छितरे बसे हुए क्षेत्रों में भी स्थापित किया जा सकता हैं, जहाँ शक्ति संचरण के लिए केबल बिछाना अत्यंत खर्चीला और व्यापारिक दृष्टि से व्यवहारिक नहीं होता हैं.

सौर सेल द्वारा सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं. जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को संयोजित करते हैं तो यह व्यवस्था सौर पैनल कहलाती हैं.

सौर सेल बनाने में सिलिकॉन का उपयोग किया जाता हैं जो प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग किया जाता हैं.

ज्यों ज्यों मानव सभ्यता प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर उन्नत स्वरूप बनाती गई त्यों त्यों ऊर्जा की खपत भी बढ़ती ही गई. आदिकाल में जहाँ व्यक्ति की आवश्यकताएं सिमित थी लोग कम थे.

जिसके चलते कृत्रिम रूप से उत्पादित ऊर्जा की कभी आवश्यकता ही महसूस नहीं की गई. जैविक रूप से सुलभ ऊर्जा के भंडारों का उत्तरोतर दोहन इस द्रुतगती से हुआ कि आगामी एक सदी में ऊर्जा के समस्त परम्परागत स्रोत समाप्त हो जाएगे.

यदि इसी तरह ऊर्जा के परम्परागत साधनों का उपयोग बढ़ता गया, तो भविष्य में भयानक ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा. मानव ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में वृद्धि नहीं कर सकते.

यह जैविक प्रक्रिया द्वारा लाखों करोड़ों वर्षों में बनते हैं अतः विकल्प के तौर पर पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा तथा बायोगैस के विकल्प तलाशे गये. सूर्य ऊर्जा जिन्हें सोलर एनर्जी कहा जाता हैं यह सस्ती, सर्वसुलभ, निरापद, निरंतर उपयोग लाई जाने वाली अक्षय ऊर्जा हैं.

सौर ऊर्जा का अर्थ है सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा या ऊष्मा. जिन्हें पृथ्वी के हर उस स्थान पर तैयार किया जा सकता है जहाँ सूर्य दिखाई देता हैं.

भविष्य में इसकी प्राप्ति के पथ में कोई अवरोध भी प्रतीत नहीं होता हैं. अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में यह पूर्ण पर्यावरण मित्र हैं. जिनसे किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता हैं.

हमारी पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य ही हैं, जिसके कारण हम देख पाते है प्रकाश की किरणों से रोशनी, उष्मा से ताप तथा जलवायु को संतुलित बनाने में सहायक हैं.

इस तरह सूर्य की ऊष्मा का उपयोग विविध रूपों में किया जाता हैं. मगर सूर्य की ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा के रूप में रूपांतरित करने की तकनीक को सूर्य ऊर्जा संयंत्र कहा जाता हैं.

सौर ऊर्जा के असीमित अनुप्रयोग हैं. प्रकाश के लिए बल्ब आदि से लेकर घरेलू उपयोग के विद्युत् उपकरणों कुकर, फ्रिज, एस सी, छोटी औद्योगिक इकाईयों, पानी की मोटर चलाने तथा भोजन पकाने में सोलर यंत्र सहायक होता हैं.

वैज्ञानिकों ने सोलर कुकिंग यंत्र बनाया हैं जो सूर्य की किरणों का उपयोग भोजन बनाने में करता हैं. सौर ऊर्जा के दैनिक जीवन में उपभोग करने के नयें नयें तरीके खोजे जा रहे हैं. भविष्य में यह आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होगी.

यदि हम सौर ऊर्जा के लाभ/ फायदे की बात करें तो इन्हें मोटे तौर पर दो भागों में विभक्त कर सकते हैं पहला व्यक्तिगत लाभ तथा दूसरा पर्यावरणीय लाभ.

अब तक हमने ऊर्जा के कई वैकल्पिक स्रोतों को पहचान लिया हैं जैसे परमाणु या पवन ऊर्जा आदि मगर ये उन्नत तकनीक, उच्च खर्च एवं प्रदूषण बढ़ाने वाले होते हैं. वहीँ सौर ऊर्जा इस मामले में सर्वसुलभ, सस्ती एवं पर्यावरण हितैषी हैं.

इससे ऊर्जा निर्माण की प्रक्रिया में किसी तरह के रासायनिक उत्पाद या अवशिष्ट भी नहीं निकलते है जिससे पर्यावरण दूषित हो.

इसका दूसरा पहलू आसान पहुँच का हैं. विद्युत् ऊर्जा को देश के दूर दराज इलाकों तक पहुंचाना एक चुनौती भरा काम हैं इसमें अपार जन शक्ति एवं धन का अपव्यय होता हैं.

वहीँ सौर ऊर्जा की उपलब्धता बेहद सरल है चाहे मरुसथल हो या पर्वत हो या कोई द्वीप समूह यह सर्वस्थानिक सुलभ हैं. सरकार के घर घर बिजली पहुचाने के लक्ष्य को सौर ऊर्जा संयंत्रों की मदद से पूर्ण किया जा सकता हैं.

इससे अधिकाँश लोगों तक न केवल बिजली सुविधाएं पहुंचाई जा सकेगी बल्कि लागत में भी बचत होगी. दुनियां के लगभग सभी देशों में व्यापक स्तर पर ऊर्जा के इस नवीकरणीय स्रोत को नई सम्भावनाओं के साथ अपनाया जा रहा हैं.

इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह ऊर्जा निकट भविष्य में कभी भी समाप्त नहीं होगी. इस तरह कहा जा सकता हैं बदले हुए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सोलर एनर्जी ऊर्जा का अच्छा व सस्ता विकल्प हैं. जिसे प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत हैं.

यदि हम सौर ऊर्जा से होने वाले नुकसान या हानियों की बात करें तो सम्भवतः कोई बड़ा नुकसान नहीं हैं. मगर इसकी अपनी कुछ सीमाएं हैं जो इसके उपयोग को सिमित करती हैं.

पहली सीमा यह है कि इसका अधिकतम उपयोग सूर्य की रौशनी अर्थात दिन के समय ही किया जा सकता हैं जब सूरज की किरणें स्पष्ट रूप से धरती तक आ रही हो.

इसके अतिरिक्त बड़े सौर पैनल को स्थापित करने में अधिक खर्च की आवश्यकता पड़ती हैं. साथ ही इन उपकरणों का रखरखाव भी सावधानी से करना होता हैं. 

अधिक मात्रा में ऊर्जा के संचय क लिए पर्याप्त बड़े आकार के सौर पैनलों की जरूरत पड़ती हैं आमतौर पर ये घरों की छत को पूरा कवर कर लेते हैं.

सर्दियों के मौसम या मानसून के दिनों में जब सूर्य बादलों के पीछे छिप जाता हैं ऐसी स्थिति में सौर पैनल से ऊर्जा प्राप्ति संभव नहीं होती हैं. ऐसी स्थिति में हमें ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता हैं.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता हैं खुले मौसम के समय में खासकर दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग अबाधित रूप से किया जा सकता हैं जबकि अन्य समय के लिए घरेलू विद्युत् का सहारा ले सकते हैं.

सौर ऊर्जा का महत्व | Solar Energy (Saur urja) and its importance in hindi

भारत 130 करोड़ आबादी वाला विशाल देश है जहाँ के जीवन के लिए विपुल मात्रा में ऊर्जा भंडार की आवश्यकता हैं. केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अपने नागरिकों की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न नवीकरणीय और अनवीकर णीय ऊर्जा विकल्पों का सहारा लिया जाता हैं.

संसार में कोयले द्वारा विद्युत् उत्पादन एवं उसकी खपत में भारत का पांचवा स्थान हैं. जिस दर से जनसंख्या वृद्धि हो रही है उसी अनुपात में हमारी ऊर्जा सम्बन्धी आवश्यकताएं एवं निर्भरता भी बढ़ती है.

वर्तमान में देश की कुल ऊर्जा का 53 प्रतिशत भाग कोयले द्वारा उत्पादित विद्युत् ऊर्जा हैं. एक अनुमान के अनुसार आने वाले 25-30 वर्षों में कोयले के अधिकांश भंडार समाप्त हो जाएगे.

साथ ही देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो बिना विद्युत् या 24 घंटे में एक छोटे कालखंड में ही रोशनी के दर्शन हो पाते हैं. ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा आदि को प्रोत्साहन देने की महत्ती आवश्यकता हैं.

सौर ऊर्जा के प्रयोग (Use of solar energy essay in hindi)

शरद ऋतु का मौसम चल रहा हो तब चाहे पानी पीना हो या स्नान करना हो. ठंडा पानी हमेशा सिरदर्द बना रहता है उस वक्त हमे जरूरत होती है एक ऐसे साधन कि जो पानी को गर्म करे.

मगर यदि हम थोडा विवेक से काम ले और पानी के बर्तन को कुछ समय के लिए धूप में छोड़ दे तो वह गुनगुना हो जाएगा. सौर ऊर्जा के ये सामान्य उपयोग है जो हमारे जीवन के अभिन्न अंग है.

इसके अलावा कई अन्य तरीको से सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता हैं. दो तरीको से हम सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदल कर इच्छित उपयोग कर सकते हैं.

पहला है विद्युत् सेल एवं दूसरा है किसी द्रव पदार्थ को सूरज की गर्मी से गर्म करने के बाद विद्युत् जनित्र चलाकर ऊष्मा उत्पन्न की जा सकती हैं.

हमारे जीवन में सौर ऊर्जा प्रकाश तथा ऊष्मा के रूप में उपयोग में ली जाती हैं. इसका प्रयोग अनाज को सुखाने, जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतन, जल परिष्करण तथा विद्युत उत्पादन आदि में भी व्यापक स्तर पर किया जा सकता हैं.

सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में कैसे बदलें? (How to convert solar energy into electrical energy?)

वर्तमान में ऐसी दो विधियाँ प्रचलित हैं जिनका उपयोग करके सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता हैं. पहली विधि को सौर तापीय अथवा सोलर थर्मल कहा जाता है जिन्हें बड़े बड़े पावर स्टेशन बनाकर भी विद्युत् कन्वर्जन होता हैं.

इसमें सूर्य की ऊष्मा को गर्म कर घरेलू या व्यावसायिक उपयोग हेतु तैयार किया जाता हैं. दूसरी विधि प्रकाशविद्युत विधि है इसे हम फोटो इलेक्ट्रिक मैथड के रूप में जानते है जिसमें सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदलने के लिए फोटोवोल्टेक सेलों की मदद ली जाती हैं.

सौर ऊर्जा का कारण क्या है? (What is the reason for solar energy?)

सौर ऊर्जा वह उर्जा कहलाती है जिन्हें हम प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य से प्राप्त करते हैं. इन्हें दो विधियों से विद्युत् ऊर्जा में बदल कर घरेलू उपयोग किया जाता हैं.

फोटो इलेक्ट्रिक विधि का अधिक उपयोग किया जाता है जिसमें विद्युत् जनित्र को चला कर ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं.

सौर ऊर्जा से क्या लाभ है? (What is the benefit of solar energy?)

सौर’ का अर्थ है सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करना, अर्थात वह ऊर्जा जो हमें सीधे सूरज से मिलती हैं. यह प्रकाश की किरणों तथा धूप के रूप में अर्जित की जाती हैं.

इसके कई लाभ है यथा यह पर्यावरण का सबसे अनुकूल ऊर्जा स्रोत हैं जिससे सबसे कम मात्रा में पर्यावरण का प्रदूषण होता हैं. यह कार्बनडाई ऑक्साइड जैसे प्रदूषकों से मुक्त हैं.

सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए बड़े संयंत्र अथवा स्थान की आवश्यकता भी नहीं होती हैं. अपने घर की छत पर इसे स्थापित किया जा सकता हैं. सौलर कुकर से भोजन बनाकर हम बिजली की खपत को भी कम कर सकते हैं.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों  Essay on Solar Energy in Hindi  का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा, यहाँ हमने सौर ऊर्जा पर शोर्ट निबंध दिया हैं. इसमें दी गयी जानकारी आपकों अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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सौर ऊर्जा पर निबंध (Essay On Solar Energy In Hindi)

Essay On Solar Energy In Hindi

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सौर ऊर्जा पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Solar Energy In Hindi)

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भारत, तेजी से विकसित होने वाला देश है और यहां की आबादी 140 करोड़ से भी अधिक है। ऐसे में जितने ज्यादा लोग होंगे बिजली की खपत उतनी ही अधिक होगी। ऐसे में भारत सरकार बिजली के उत्पादन में कई संसाधनों का उपयोग कर रही है और उनमें सबसे अधिक प्रसिद्ध सौर ऊर्जा यानी की सोलर एनर्जी है। देश में हर साल जनसंख्या बढ़ रही है। बिजली उत्पादन पारंपरिक तरीकों में प्रयोग होने वाला कोयला भी कम पड़ रहा है, इसलिए इसके उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा जैसा दूसरा विकल्प अपनाया जाने लगा है। सोलर एनर्जी का तात्पर्य है सूरज से आने वाली ऊर्जा। सूरज से मिलने वाली रोशनी से ही बिजली का उत्पादन किया जाता है। यह धरती पर जीवन का सबसे प्राकृतिक और कभी न खत्म होने वाला संसाधन है। भविष्य में हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए भपूर मात्रा में बिजली मौजूद हो उसके लिए हमें इसे इस्तेमाल करना सीखना बेहद जरूरी है। बच्चों को सौर ऊर्जा का महत्व समझाने के लिए कई बार इस विषय पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। हमने इस लेख में सौर ऊर्जा पर अलग-अलग प्रारूप में निबंध लिखने का तरीका और उससे जुड़े प्रमुख बिंदु बताने का प्रयास किया है।

सौर ऊर्जा पर यहाँ 10 बेहतरीन लाइनें दी हुई हैं, इन्हें 100 शब्दों का एक अच्छा छोटा निबंध का रूप भी दे सकते हैं।

  • सूरज से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहा जाता है।
  • सूरज की रोशनी जब फोटोवोल्टिक सेल पर पड़ती है तो बिजली उत्पन्न होती है।
  • यह ऊर्जा जीवन भर चलती है और कभी भी नष्ट नहीं हो सकती है।
  • यह ऊर्जा प्रदूषण मुक्त है और पर्यावरण को स्वच्छ रखती है।
  • एक सोलर प्लांट के रखरखाव में बहुत कम लागत आती है।
  • सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से बिजली का बिल कम आता है।
  • इसकी मदद से ऊर्जा का संरक्षण करना आसान हो जाता है।
  • दैनिक जीवन में इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
  • यह बरसात के मौसम में भी बिजली उत्पादन करती है।
  • इसका उपयोग करने से भविष्य उज्जवल हो सकता है।

सौर ऊर्जा की अहमियत अब हर किसी को पता होने लगी है और सरकार भी इसको बढ़ावा दे रही है। ऐसे में आप भी इसके बारे में कम शब्दों में जानकारी हासिल कर सकते हैं या फिर लिख सकते हैं।

सूरज से मिलने वाली एनर्जी को सोलर एनर्जी या सौर ऊर्जा कहा जाता है। यह ऊर्जा विज्ञान का बहुत ही उपयोगी आविष्कार है। इसकी मदद से सरकार ने देश के कई गांवों और शहरों में रहने वाले लोगों के घरों को रौशन किया है। सोलर एनर्जी एक नवीनीकरण ऊर्जा है, जिसका इस्तेमाल बार-बार किया जा सकता है। इसकी मदद से बिजली का उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। जब सूर्य की किरणें सोलर पैनल पर लगे फोटोवोल्टिक सेल पर पड़ती हैं, तो बिजली उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा कभी भी खत्म नहीं हो सकती है, जब तक सूरज रहेगा लोगों को इसका लाभ हमेशा मिलता रहेगा। गांवों और शहरों में इसकी मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि इसकी लागत बहुत कम है और साथ ही इसे उपयोग करना आसान है। यह ऊर्जा हर तरह से प्रदूषण मुक्त है और इससे हमारे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। सभी इस बात से वाकिफ हैं कि सोलर एनर्जी हमारा भविष्य है और इसको सुरक्षित रखना बेहद जरूरी भी है। पारंपरिक बिजली का उत्पादन ज्यादातर कोयले से होता रहा है, पर अब उसकी मात्रा कम होती जा रही है और वह वक्त दूर नहीं जब यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। लेकिन लोग तो जीवित रहेंगे इसलिए ऊर्जा का उत्पादन लगातार होना जरूरी है। ऐसे में सोलर प्लांट बहुत अच्छा विकल्प है। इससे न सिर्फ वर्तमान में बल्कि भविष्य में हमारी आने वाली पीढ़ियों को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान होगी और बिजली के बिल में बचत भी होगी।

Short Essay on Solar Energy in Hindi

सोलर एनर्जी आने वाले समय के लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाली है। यदि बच्चे को इस विषय पर लॉन्ग एस्से लिखना है तो नीचे दिए गए सैंपल से उसे मदद मिल सकती है।

सौर ऊर्जा क्या है? (What Is Solar Energy?)

सौर ऊर्जा, एनर्जी का वो साधन है जो कि सीधे सूरज से हासिल की जाती है। पृथ्वी पर जीवन का एक आखिरी साधन सूरज की रोशनी है। वैसे तो इसका उपयोग कई प्रकार की चीजों के लिए किया जाता है लेकिन बिजली का उत्पादन इसका सबसे बड़ा योगदान है। यह स्रोत न तो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है और न ही इंसान की जेब को, क्योंकि इससे उत्पादित होने वाली बिजली का बिल बहुत कम रहता है साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषण मुक्त हो जाता है।

सौर ऊर्जा उपकरण (Solar Energy Equipments )

सौर ऊर्जा की मदद से इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की लिस्ट बहुत लंबी है। यहाँ हमने उनमें से कुछ आम और बहुत उपयोग होने वाले उपकरणों के नाम दिए हैं –

  • सोलर डीसी सिस्टम
  • सोलर पावर कंडिशनिंग यूनिट
  • सोलर वॉटर हीटर
  • सोलर चार्जर
  • सोलर स्ट्रीट लाइट
  • सोलर फर्नेस
  • सोलर कन्वर्जन किट
  • सोलर इन्वर्टर
  • सोलर होम लाइटिंग सिस्टम

सौर उर्जा का गांवों और शहरों में उपयोग (Use of Solar Energy in Villages and Cities)

भारत के कई ऐसे गांव और शहर हैं जहां बिजली व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं है लेकिन अब उन जगहों पर भी सोलर एनर्जी का उपयोग संभव हो गया है। एक वक्त था जब देश के कई गांवों में बिजली नहीं आती थी। लेकिन जैसे-जैसे देश का विकास हुआ वहां की बिजली व्यवस्था बेहतर हुई है। नई तकनीक और सोलर प्लांट से अब कई गांवों में लगातार बिजली रहती है। सौर उर्जा की मदद से बिजली उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है और लोगों के घरों में रोशनी हुई है। सरकार भी सोलर पैनल का काम तेजी से बढ़ा रही है।

सौर ऊर्जा के फायदे (Benefits Of Solar Energy)

सौरी ऊर्जा के कई फायदे हैं-

  • इस ऊर्जा से पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है।
  • यह ऊर्जा कार्बन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषकों से मुक्त है।
  • सोलर पैनल के लिए बड़ी जगहों की जरूरत नहीं होती, यह घर की छत पर भी लगाया जा सकता है।
  • इसकी वजह से बिजली का बिल कम आता है।
  • सौर ऊर्जा की मदद से दूरदराज के की क्षेत्रों तक आसानी से बिजली पहुंचाई जाती है।
  • गांवों में इसकी वजह से लोगों को 24 घंटे बिजली का सुख प्राप्त हुआ है।
  • इसको लगाने में लागत कम आती है।
  • सौर ऊर्जा कभी नष्ट नहीं हो सकती है।

सौर ऊर्जा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Solar Energy in Hindi)

  • सौर ऊर्जा का उपयोग हर साल 35 टन कार्बन डाइऑक्साइड और 75 मिलियन तेल बचाता है।
  • 1941 में रसेल ओहल ने पहला फोटोवोल्टिक सेल बनाया था।
  • पहली बार सौर ऊर्जा का उपयोग ईसा पूर्व 7वीं शताब्दी में किया गया था।
  • सोलर पावर प्लांट 40 साल से भी अधिक समय तक चल सकते हैं।
  • भारत का लक्ष्य सौर ऊर्जा में वैश्विक नेता बनना है।
  • वैज्ञानिक अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा स्टेशन बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।

सौर ऊर्जा के निबंध से हमें बिजली की खपत से जुड़ी कई अहम जानकारियां मालूम पड़ती हैं और साथ ही आने वाले समय में इसकी हमारे जीवन में क्या महत्ता होगी उसका भी ज्ञान होता है। देश की बढ़ती जनसंख्या के साथ बिजली की खपत भी अधिक होती जा रही है इसलिए सौर ऊर्जा को इसका बेहतर विकल्प माना गया है और हमारी आने वाली पीढ़ी भी इसका बेहतर तरीके से संरक्षण कर सकेगी।

1. सौर ऊर्जा को अन्य किस नाम से बुलाया जाता है?

सौर ऊर्जा को अक्षय ऊर्जा भी कहा जाता है।

2. दुनिया में सबसे बड़ा सोलर प्लांट कहां लगाया गया है?

दुनिया में सबसे बड़ा सोलर प्लांट भारत के राजस्थान के जोधपुर जिले में ‘भड़ला सौर पार्क’ नाम से है जो 56 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

3. सोलर पैनल का आविष्कार किसने किया ?

पहले सौर पैनल का आविष्कार 1883 में चार्ल्स फ्रिट्स द्वारा किया गया था।

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सौर ऊर्जा पर निबंध – Essay on Solar Energy in Hindi

सौर ऊर्जा Example of Solar Energy: a solar farm in the mountains

इस पोस्ट में हम सौर ऊर्जा पर 300 और 500 शब्दों के 2 निबंध पढ़ने जा रहे हैं। हम पढ़ेंगे कि सौर ऊर्जा क्या है, इसके लाभ, चुनौतियाँ और सौर ऊर्जा का भविष्य।

सौर ऊर्जा पर निबंध 300 शब्दों में – Solar Energy Essay in Hindi

परिचय – introduction.

सूर्य की किरणों से प्राप्त सौर ऊर्जा, ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्रोत है जो कई लाभ प्रदान करती है। इस निबंध में, हम संक्षेप में सौर ऊर्जा का पता लगाएंगे, जिसमें इसकी परिभाषा, कार्य सिद्धांत, फायदे, चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं शामिल हैं।

सौर ऊर्जा क्या है? – What is Solar Energy?

सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा है। इसे सौर पैनलों और सौर तापीय प्रणालियों जैसी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कैप्चर किया जा सकता है और उपयोग योग्य बिजली में परिवर्तित किया जा सकता है। सौर पैनल सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं, जबकि सौर तापीय प्रणालियाँ विभिन्न उद्देश्यों के लिए सूर्य की गर्मी का उपयोग करती हैं।

Read – जल विद्युत ऊर्जा पर निबंध – jal vidyut urja par nibandh

सौर ऊर्जा के लाभ – Benefits of Solar Energy

Solar Energy / सौर ऊर्जा अनेक लाभ प्रदान करती है। सबसे पहले, यह पर्यावरण के अनुकूल है, कोई हानिकारक उत्सर्जन नहीं करता है और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करता है। यह जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को भी कम करता है, स्वच्छ हवा और स्वस्थ ग्रह में योगदान देता है। इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा बिजली बिलों पर पैसा बचा सकती है, दूरदराज के क्षेत्रों तक ऊर्जा पहुंच प्रदान कर सकती है और रोजगार सृजन के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकती है।

सौर ऊर्जा की चुनौतियाँ: Challenges of Solar Energy

हालाँकि सौर ऊर्जा के कई फायदे हैं, लेकिन इसमें चुनौतियाँ भी हैं। लागत एक बाधा हो सकती है, लेकिन गिरती कीमतें और सरकारी प्रोत्साहन सौर स्थापना को और अधिक किफायती बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा रुक-रुक कर आती है और सूर्य के प्रकाश की उपलब्धता पर निर्भर करती है, लेकिन बैटरी जैसी ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों में प्रगति इस चुनौती का समाधान कर रही है, जिससे बादल वाले दिनों या रात में भी सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है। संभव हो रहा है.

सौर ऊर्जा का भविष्य – Future of Solar Energy

सौर ऊर्जा का भविष्य आशाजनक है। चल रही तकनीकी प्रगति से सौर पैनलों की दक्षता और सामर्थ्य बढ़ रही है। नई सामग्रियां, जैसे कि पेरोव्स्काइट सौर सेल, और भी अधिक दक्षता हासिल करने की क्षमता दिखाती हैं। स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के साथ एकीकरण से विश्वसनीयता बढ़ेगी और ऊर्जा उपयोग अनुकूलित होगा।

निष्कर्ष- Conclusion

सौर ऊर्जा ऊर्जा का एक स्वच्छ, नवीकरणीय और लागत प्रभावी स्रोत है। इसके पर्यावरणीय लाभ, लागत बचत की संभावना और दूरदराज के क्षेत्रों तक ऊर्जा पहुंच प्रदान करने की क्षमता इसे एक आकर्षक समाधान बनाती है। हालाँकि लागत और रुक-रुक कर उपलब्धता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन चल रहे नवाचार इन बाधाओं पर काबू पा रहे हैं। सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल दिखता है, बेहतर प्रौद्योगिकियों और बढ़ते अपनाने से एक टिकाऊ और उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।

जरुर पढ़े – नवीकरणीय ऊर्जा पर निबंध (Essay on Renewable Energy in Hindi) .

500 शब्दों में निबंध: सौर ऊर्जा – Essay on Solar Energy

सौर ऊर्जा सूर्य से आती है और नवीकरणीय ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है। यह काफी समय से मौजूद है और पर्यावरण के लिए अच्छा होने के कारण लोकप्रियता हासिल कर रहा है। यह निबंध सरल शब्दों में सौर ऊर्जा की व्याख्या करेगा, जिसमें यह क्या है, यह कैसे काम करती है, इसके लाभ, चुनौतियां और भविष्य के लिए इसकी संभावनाएं शामिल हैं।

सौर ऊर्जा क्या है? What is Solar Energy?

सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो हमें सूर्य से प्राप्त होती है। इस ऊर्जा का उपयोग हम विभिन्न प्रकार से कर सकते हैं। एक रास्ता सौर पैनलों के माध्यम से है, जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। दूसरा तरीका सूरज की गर्मी का उपयोग करके पानी गर्म करना या अपने घरों के लिए बिजली पैदा करना है। तो, सौर ऊर्जा ऊर्जा का एक स्वच्छ और प्राकृतिक स्रोत है जो सूर्य से आती है।

पढ़े – पवन ऊर्जा पर निबंध: पवन ऊर्जा कैसे काम करती है, लाभ, चुनौतियां भविष्य ।

सौर ऊर्जा के हमारे ग्रह, हमारे बटुए और हमारे समुदायों के लिए कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह स्वच्छ ऊर्जा है। इसका मतलब यह है कि यह प्रदूषण या ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन नहीं करता है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग करके, हम जलवायु परिवर्तन को कम करने और जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसकी रक्षा करने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में, सौर ऊर्जा ने लाखों मीट्रिक टन हानिकारक उत्सर्जन को रोकने में मदद की है।

Saur urja का उपयोग करके हम पैसे भी बचा सकते हैं। जब हमारी छतों पर सौर पैनल होते हैं, तो हम अपनी खुद की बिजली पैदा कर सकते हैं और महंगे जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर सकते हैं। इससे समय के साथ हमारा बिजली बिल कम हो सकता है और हमें पैसे बचाने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में सनरून जैसी कंपनियां एक सेवा के रूप में सौर ऊर्जा कार्यक्रम पेश करती हैं, जिससे घर के मालिकों के लिए सौर ऊर्जा तक पहुंच अधिक किफायती हो जाती है।

भारत जैसे देशों में सुदूर गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता रहा है। अडानी सोलर, टाटा पावर सोलर और विक्रम सोलर जैसी कंपनियां भारत की सौर ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रही हैं। “दूरस्थ गांवों के सौर विद्युतीकरण” कार्यक्रम जैसी पहल के माध्यम से, सौर ऊर्जा ने इन समुदायों के लोगों के जीवन को बदल दिया है, उन्हें प्रकाश, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के लिए बिजली प्रदान की है।

सौर ऊर्जा की चुनौतियाँ – Challenges of Solar Energy

हालाँकि सौर ऊर्जा बहुत बढ़िया है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ हैं जिनसे हमें पार पाना होगा। एक चुनौती सौर पैनल स्थापित करने की प्रारंभिक लागत है। हालाँकि, अच्छी खबर यह है कि सौर पैनलों की लागत कम हो रही है, और अब अधिक लोग उन्हें खरीद सकते हैं। सौर ऊर्जा को सभी के लिए अधिक किफायती बनाने के लिए सरकारें और संगठन प्रोत्साहन और सब्सिडी भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में सौर निवेश कर क्रेडिट (आईटीसी) ने घर मालिकों और व्यवसायों के लिए सौर प्रतिष्ठानों को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एक और चुनौती यह है कि सौर ऊर्जा सूर्य पर निर्भर करती है, इसलिए यह रात में या बादल होने पर उपलब्ध नहीं होती है। लेकिन वैज्ञानिक इसके समाधान पर काम कर रहे हैं. वे बेहतर बैटरियां विकसित कर रहे हैं जो बादल वाले दिनों या रात में उपयोग के लिए सौर ऊर्जा को संग्रहीत कर सकती हैं। टेस्ला जैसी कंपनियों ने पावरवॉल जैसी विशेष बैटरियां बनाई हैं, जो घरों में सौर ऊर्जा को संग्रहित कर सकती हैं, जिससे सूरज की रोशनी न होने पर भी यह उपलब्ध रहती है। ये भंडारण समाधान हमारे सौर ऊर्जा का उपयोग करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं, जिससे अधिक सुसंगत और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है।

सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी में सुधार हो रहा है, सौर पैनल अधिक कुशल और सस्ते होते जा रहे हैं। नए प्रकार के सौर सेल, जैसे कि पेरोव्स्काइट सौर सेल, विकसित किए जा रहे हैं और ये सौर पैनलों को और भी बेहतर बना सकते हैं। ये प्रगति सौर ऊर्जा को सभी के लिए अधिक सुलभ बनाएगी। उदाहरण के लिए, सनपावर और फर्स्ट सोलर जैसी कंपनियां अपने उच्च दक्षता वाले सौर पैनलों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो चुनौतीपूर्ण वातावरण में भी ऊर्जा उत्पादन को अधिकतम करते हैं।

भविष्य में सौर ऊर्जा को स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के साथ भी जोड़ा जाएगा। स्मार्ट ग्रिड बिजली के प्रवाह को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम सौर ऊर्जा का कुशलतापूर्वक उपयोग करें। ऊर्जा भंडारण प्रणालियाँ, जैसे बैटरी, अतिरिक्त सौर ऊर्जा का भंडारण करेंगी ह समय जब हमें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। टेस्ला के पावरपैक और पावरवॉल ऊर्जा भंडारण समाधान के उत्कृष्ट उदाहरण हैं जो घर मालिकों और व्यवसायों को सौर ऊर्जा के उपयोग को अनुकूलित करने में सक्षम बनाते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

सौर ऊर्जा हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं का एक बेहतरीन समाधान है। यह स्वच्छ, नवीकरणीय है और हमारा पैसा बचा सकता है। हालाँकि शुरुआती लागत और सूरज की रोशनी की उपलब्धता जैसी चुनौतियाँ हैं, लेकिन उन्हें दूर करने के लिए प्रगति की जा रही है। प्रौद्योगिकी में निरंतर सुधार और कम लागत के साथ, भविष्य में सौर ऊर्जा और भी अधिक लोकप्रिय हो जाएगी। सौर ऊर्जा को अपनाकर और इसके विकास में निवेश करके, हम अपने पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। तो, आइए सूर्य की शक्ति का उपयोग करें और एक उज्जवल और स्वच्छ दुनिया के लिए सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करें।

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सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy in Hindi

इस निबंध में सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है। सौर ऊर्जा पर निबंध, ‘Essay on Solar Energy in Hindi’ परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। आज सारा विश्व सौर ऊर्जा के महत्त्व को समझ चुका है और इस मुफ्त प्राकृतिक संसाधन को अधिक से अधिक उपयोग करना चाहता है । सौर उर्जा पर निबंध (1000 शब्द) विद्यार्थियों के लिए बिलकुल फ्री है । स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स इसे अपनी आवश्यकता अनुसार छोटा या बड़ा कर सकते हैं। सौर ऊर्जा निबंध को इंग्लिश में भी पढ़ सकते हैं – Solar Energy Meaning Advantages Disadvantages Essay

सौर ऊर्जा क्या है? What is Solar Energy in Hindi?

सूरज एक आग के गोले के सामान है । यह अपनी किरणों के द्वारा धरती पर अपार गर्मी फेंकता रहता है। विभिन्न उपकरणों के द्वारा जब इस heat या गर्मी से बिजली बनायीं जाती है तो उस बिजली को सौर उर्जा कहा जाता है । आपको यह ज्ञात होगा की पौधे सौर ऊर्जा का उपयोग कर अपना भोजन तैयार करते हैं। पत्तियां सूर्य से प्रकाश प्राप्त करके भोजन तैयार करने के लिए प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में इसका उपयोग करती हैं। इस तरह, पौधों द्वारा फल, फूल, और सब्जियां बनाने में सूर्य की अहम् भूमिका है।

सूरज पूरी दुनिया की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। यह कभी न ख़त्म होने वाला उर्जा का स्रोत है । 2 घंटे से भी कम समय में पृथ्वी को सूर्य से इतनी ऊर्जा की मात्रा प्राप्त होती है,जितना हम एक साल में खर्च करते हैं। लेकिन इसे बिजली में बदलने का काम अभी धीरे-धीरे हो रहा है।

सूरज से बिजली कैसे बनती है ?

बिजली उत्पादन विधि जो सूर्य की ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करती है- इसमें सौर पैनलों का उपयोग होता है जो अक्सर एक इमारत की छत पर व्यवस्थित होते हैं या सौर खेतों में केंद्रित होते हैं। सोलर पैनल कई सोलर सेल्स से मिलकर बना होता है। जब इन सोलर सेल्स पर सूर्य की रोशनी पड़ती है तो ये इस प्रकाश को बिजली में बदल देते हैं।

सौर ऊर्जा को इकट्ठा करने के लिए फोटोवोल्टिक प्रणाली अपने सिस्टम में कई घटकों का उपयोग करती है। इस प्रणाली की सबसे उल्लेखनीय विशेषता सौर पैनल है। पैनल सौर ऊर्जा एकत्र करता है और इसे डीसी करंट में बदल देता है और फिर सौर ऊर्जा कनवर्टर इसे एक प्रयोग करने योग्य एसी करंट में बदल देता है। यह प्रणाली व्यावहारिक है और यह दुनिया भर के कई घरों और व्यवसायों पर दिखाई दी है।

आप पढ़ रहे है – Essay on Solar Energy in Hindi

सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भारत की सरकार प्रयासरत है। आइये जानते हैं सरकार द्वारा इस दिशा में उठाये गए महत्वपूर्ण कदम क्या हैं –

  • भादला, राजस्थान में अभी तक की सबसे सस्ती; २.४४ प्रति यूनिट की बिजली का उत्पादन
  • पूरे विश्व में भारत नवीकरणीय उर्जा स्रोत में पांचवें स्थान पर है
  • पिछले पांच सालों से अभी २०२० तक नवीकरणीय उर्जा स्रोतों में २२६% की वृद्धि
  • सौर उर्जा का उत्पादन 2.6GW से 34 GW तक हुआ है |

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, पेरिस 2015

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा 30 नवंबर, 2015 को स्थापित, आईएसए (ISA) का उद्देश्य सौर ऊर्जा को स्केल करना, सौर वित्त, प्रौद्योगिकियों, नवाचार, अनुसंधान और विकास की मांग के एकत्रीकरण के माध्यम से सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करना है | इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA), का उद्देश्य 2030 तक आवश्यक 1000 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक निवेश जुटाना है ताकि वह अपने लक्ष्य को पूरा कर सके।

भारत के प्रमुख सोलर पॉवर प्लांट Solar Energy Plants in India

  • भादला सोलर पार्क – 2,250MW- यह राजस्थान के भादला गाँव में है और सबसे अधिक क्षमता वाला सोलर पार्क है।
  • शक्ति स्थल सौर ऊर्जा परियोजना – 2,050MW- यह कर्नाटक राज्य के पावगाड़ा में स्थापित है | भादला के बाद दूसरा नंबर इसका है।
  • अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क – 1,000MW- यह आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बनाया गया है।
  • रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट – 750 MW – यह मध्य प्रदेश में स्थित है।
  • कामुथी सोलर पॉवर प्लांट – ६४८ MW- यह तमिलनाडु में है।

ज़रूर पढ़ें : रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट क्या है? हिंदी निबंध

सौर ऊर्जा को कैसे उपयोग करें | Uses of Solar Energy

सौर ऊर्जा को कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। सौर ऊर्जा पर काम करने वाले अन्य उपकरण सौर कुकर, सौर हीटर और सौर सेल हैं।

गैस, मिट्टी के तेल, या लकड़ी जैसे पारंपरिक ईंधन का उपयोग करने के बजाय, सोलर कुकर खाना पकाने के लिए प्रयोग करके वातावरण को हानिकारक वायु प्रदुषण से बचाया जा सकता है।

सोलर हीटर वे उपकरण हैं जो सौर ऊर्जा से पानी को गर्म करने में मदद करते हैं।

आखिरी रूप सौर सेल है। ये सौर सेल सीधे सौर प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। कई कैलकुलेटर, कलाई घड़ी इस तकनीक के साथ काम करती हैं।

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Official Website- https://mnre.gov.in/

सौर उर्जा के फायदे निबंध (Advantages of Solar Energy in Hindi)

  • सौर उर्जा का मुख्य लाभ यह है कि यह बिजली का एक कभी न ख़त्म होने वाला स्रोत है।
  • सौर ऊर्जा स्केलेबल भी है। इसका मतलब यह है कि इसे छोटे से छोटे पैमाने से बहुत बड़े पैमाने तक लगाया व इस्तेमाल किया जा सकता है। जब इसे छोटे पैमाने पर उपयोग किया जाता है, तो अतिरिक्त बिजली को बैटरी में संग्रहीत कर लिया जाता है। और जब बड़े लेवल पर सोलर पैनल लगाये जाते है तो पैदा होने वाली बिजली को ग्रिड में फीड कर दिया जाता है।
  • लागत पैनलों की संख्या पर निर्भर करता है कि सौर बिजली की लगत क्या होगी। लेकिन आम तौर पर, सौर ऊर्जा हर साल अधिक सस्ती होती जा रही है। स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में सौर ऊर्जा भविष्य की महत्वपूर्ण उत्पादन पद्धति है, और जैसे-जैसे इसके लिए ज़रूरी उपकरणों की कीमतों में गिरावट आती है, इसका महत्व बढ़ता जाएगा।
  • जब आप बिजली बनाने के लिए सौर पैनलों का उपयोग करते हैं तो कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (CO2) वातावरण में नहीं किया जाता है। इसलिए सौर ऊर्जा एक स्वच्छ स्रोत है | इस तरह बिजली का यह रूप पर्यावरण में हमारे कार्बन पदचिह्न को कम करने और जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • दुर्गम इलाके जहाँ पर बिजली के खंबे और तारों को लगाना बिल्ली के गले में घंटी बाँधने के समान है, अर्थात मुश्किल है, वहां सोलर पैनल लगाकर बिजली की ज़रूरतों की पूर्ती की जा सकती है।
  • बंजर ज़मीन पर सोलर पैनल लगाकर बेकार पड़ी ज़मीन का सदुपयोग किया जा सकता है।

सौर ऊर्जा के नुकसान निबंध Disadvantages of Solar Energy in Hindi

  • सौर ऊर्जा को केवल दिन के दौरान ही उपयोग किया जा सकता है जब सूरज चमकता है। बारिश के दिनों में भी सोलर एनर्जी नहीं बने जा सकती।
  • साथ ही, इसमें उपयोग किए जाने वाले उपकरण महंगे और नाजुक हैं।
  • इन्हें नुकसान से बचने के लिए बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि इन्हें बदलकर लगाने की लागत अधिक होती है।
  • यह उर्जा का एक नया रूप है जिसे अपनाने में लोगों को हिचकिचाहट होती है | क्योंकि आम लोगों को इसका पूरा ज्ञान नहीं है।
  • सरकार की ओर से उर्जा संबंधी कानूनों को सख्ती से लागू नहीं किया गया है।

आशा करते हैं कि आपको यह ‘ Essay on Solar Energy in Hindi’ उपयोगी लगा होगा | आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं |

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सौर ऊर्जा पर निबंध (Short Essay on Solar Energy in Hindi)

वर्षों से हम बिजली के लिए विभिन्न स्रोतों का उपयोग करते आए हैं, जिनमें जल, वायु और ऊर्जा उत्पादक तत्व शामिल हैं। लेकिन इन सभी स्रोतों में से सौर ऊर्जा एक ऐसा स्रोत है जो अन्य स्रोतों से बेहतर है। सौर ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जो स्वच्छ, असीमित और निःशुल्क होती है।

सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से वायु या जल से उत्पन्न ऊर्जा के मुकाबले काफी कम कार्बन उत्पन्न होता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से वायु या जल से उत्पन्न ऊर्जा के मुकाबले काफी कम कार्बन उत्पन्न होता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से वायु या जल से उत्पन्न ऊर्जा के मुकाबले काफी कम कार्बन उत्प

सौर ऊर्जा के उपयोग से बिजली उत्पादन करने के लिए सोलर पैनल का उपयोग किया जाता है। सोलर पैनल एक ऐसा उपकरण है जो सौर ऊर्जा को बिजली में बदलता है। सोलर पैनल में उपयोग किए जाने वाले सेल एक ऐसी प्रक्रिया के द्वारा सौर ऊर्जा को बिजली में बदलते हैं जो प्रक्रिया प्रतिरोध के बिना होती है।

सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के साथ-साथ उद्योगों, घरों और सड़कों के लाइटिंग के लिए भी किया जाता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से उत्पन्न बिजली को उद्य और घरों में उपयोग किया जाता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से उत्पन्न बिजली को सड़कों के लाइटिंग के लिए भी उपयोग किया जाता है।

सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली उन के साथ-साथ वातावरण के लिए भी बेहतर होता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से उत्पन्न बिजली के मुकाबले काफी कम कार्बन उत्पन्न होता है जो वातावरण के लिए बेहतर होता है।

इसलिए, सौर ऊर्जा एक ऐसा स्रोत है जो बिजली उत्पादन के साथ-साथ वातावरण के लिए भी बेहतर होता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से उत्पन्न बिजली को उद्योगों, घरों और सड़कों के लाइटिंग के लिए उपयोग किया जाता है जो वातावरण के लिए बेहतर होता है।

सौर ऊर्जा: एक परिचय

– सौर ऊर्जा क्या है? : सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो सूर्य से प्राप्त की जातीीर्षक में सौर ऊर्जा के प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

सौर ऊर्जा का उपयोग्पादन के ल सौर ऊर्जा का उपयोग : सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिएें बताया जाएगा। – उद्योगों, घरों और सड़कों के लाइटिंग के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग : सौर ऊर्जा का उपयोग उद्योगों, घरों और सड़कों के लाइटिए भी किया जाता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से उद्योगों, घरों और सड़कों के लाइटिंग कैसे किया जाता है, इसके बारे में बताया जाएगा। – सौर ऊर्जा के उपयोग से वातावरण के लिए बेहतर होता है : सौर ऊर्जा का उपयोग करने से वातावरण के लिए बेहतर होता है। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के उपयोग से वातावरण के लिए कैसे बेहतर होता है, इसके बारे में बताया जाएगा।

सौर ऊर्जा के उपकरण

– सोलर पैनल : सोलर पैनल वह उपकरण होता है जो सौर ऊर्जा को बिजली में बदलता है। इस शीर्षक में सोलर पैनल के बारे में जानकारी दी जाएगी। – सोलर इनवर्टर : सोलर इनवर्टर वह उपकरण होता है जल से आई डी सी को बिजली में बदलता है। इस शीर्षक में सोलर इनवर्टर के बारे में जानकारी दी जाएगी। – सोलर बैटरी : सोलर बैटरी वह उपकरण होता है जो सौर ऊर्जा को संचित करता है ताकि उसे बाद में उपयोग किया जा सके। इस शीर्षक में सोलर बैटरी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

सौर ऊर्जा के फायदे

– स्वच्छ ऊर्जा : सौर ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा है जो वातावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के स्वच्छत जुड़े फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। – असीमित ऊर्जा : सौर ऊर्जा एक असीमित ऊर्जा है जो कभी खत्म नहीं होती। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के असीमित होने से जुड़े फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। – निःशुल्क ऊर्जा : सौर ऊर्जा एक निःशुल्क ऊर्जा है जो उपलब्ध होने पर किसी भी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की जा सकती है। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के निःशुल्क होने से जुड़े फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। – कम कार्बन उत्पादन : सौर ऊर्जा का उपयोग करने से कम कार्बन उत्पादन होता है जो वातावरण के लिए अधिक अनुकूल होता है। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के कम कार्बन उत्पादन से जुड़े फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

सौर ऊर्जा के नुकसान

– उपकरणों की लागत : सौर ऊर्जा के उपकरणों की लागत अन्य ऊर्जा स्रोतों के उपकरणों की तुलना में अधिक होती है। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के उपकरणों की लागत से जुड़े नुकसानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। – सौर ऊर्जा का भविष्य कैसा होगा? : सौर ऊर्जा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के भविष्य से जुड़े नुकसानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। – सौर ऊर्जा के विकास के लिए आवश्यकताएं : सौर ऊर्जा के विकास के लिए विभिन्न आवश्यकताएं होती हैं। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के विकास के लिए आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। – सौर ऊा का उपयोग बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? : सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए हमें कुछ चीजें करनी होंगी। इस शीर्षक में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए, इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। – सौर ऊर्जा के उपयोग से हमारे भविष्य को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है? : सौर ऊर्जा के उपयोग से हमारे भविष्य को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।

सौर ऊर्जा के उपयोग

– बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा का उपयोपयोग से बिजली कैसे उत्पादित की जाती है, इसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – उद्योगों,ा का उपयोग उद्योगों, घरों और सड़कों के लाइटिंग के लिए भी किया जाता है। सौर ऊर्जा के उपयोके बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

– सोलर पैनल: सोलर पैनल वह उपकरण होता है जो सौर ऊर्जा को बिजली में बदलता है। सोलर पैनल कैसे काम करता है और इसके प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – सोलर इनवर्टरोलर इनवर्टर वह उपकरण होता है जो जल से आई डी सी को बिजली में बदलता है। सोलर इनवर्टर कैसे काम करता है और इसके प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – सलर बैटरी: सोलर बैटरी वह उपकरण होता है जो सौर ऊर्जा को संचित करता है ताकि उसे बाद में उपयोग किया जा सके। सोलर बैटरी कैसे काम करती है और इसके प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

सौर ऊर्जा से फायदे

– स्वच्छ ऊर्जा: सौर ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा है जो वातावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती। सौर ऊर्जा के स्वच्छत जुड़े फायदों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – असीमित ऊर्जा: सौर ऊर्जा एक असीमित ऊर्जा है जो कभी खत्म नहीं होती। सौर ऊर्जा के असीमित होने से जुड़े फायदों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – निःशुल्क ऊर्जा: सौर ऊर्जा एक निःशुल्क ऊर्जा है जो उपलब्ध होने पर किसी भी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की जा सकती है। सौर ऊर्जा के निःशुल्क होने से जुड़े फायदों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – कम कार्बन उत्पादन: सौर ऊर्जा का उपयोग करने से कम कार्बन उत्पादन होता है जो वातावरण के लिए अधिक अनुकूल होता है। सौर ऊर्जा के कम कार्बन उत्पादन से जुड़े फायदों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

– उपकरणों की लागत: सौर ऊर्जा के उपकरणों की लागत अन्य ऊर्जा स्रोतों के उपकरणों की तुलना में अधिक होती है। सौर ऊर्जा के उपकरणों की लागत से जुड़े नुकसानों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – सौर ऊर्जा का भविष्य कैसा होगा?: सौर ऊर्जा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। सौर ऊर्जा के भविष्य से जुड़े नुकसानों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – सौर ऊर्जा के विकास के लिए आवश्यकताएं: सौर ऊर्जा के विकास के लिए विभिन्न आवश्यकताएं होती हैं। सौर ऊर्जा के विकास के लिए आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?: सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए हमें कुछ चीजें करनी होंगी। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा। – सौर ऊर्जा के उपयोग से हमारे भविष्य को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है?: सौर ऊर्जा के उपयोग से हमारे भविष्य को कैसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, इसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

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सौर ऊर्जा पर निबंध, विचार, नारे एवं कविता Solar energy essay, quotes, slogan, poem in hindi

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दोस्तों कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं सौर ऊर्जा पर हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल इस आर्टिकल में हम सौर ऊर्जा पर निबंध, कविता, विचार एवं नारे पढ़ेंगे तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

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हमारे पास ऊर्जा के कई स्त्रोत हैं जिनसे हम ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। ऊर्जा यानी कि कार्य करने की क्षमता। आज हम देखें तो इस देश दुनिया में ऊर्जा की आवश्यकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऊर्जा हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो चुकी है। ऊर्जा के जरिए ही हम कई तरह का मनोरंजन कर सकते हैं और अपनी कई आवश्यकताएं को पूरा भी कर सकते हैं। कई तरह की उर्जा होती हैं जैसे कि नवीनीकृत ऊर्जा एवं अनवीनीकृत ऊर्जा।

आज हम देखें तो ऊर्जा के इन संसाधनों का हम बहुत ही ज्यादा उपयोग कर रहे हैं जिस वजह से आने वाले समय में जरूर ही ऊर्जा संकट हमारे सामने उत्पन्न हो सकता है और आने वाले समय में हो सकता है कि हमको ऊर्जा प्राप्त ना हो सके।

ऊर्जा के कई साधनों में से एक ऊर्जा है सौर ऊर्जा। यह ऊर्जा हमें सूर्य से प्राप्त होती है। सूर्य से प्राप्त होने के कारण ही इसे सौर ऊर्जा कहते हैं। सौर ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जो कभी भी खत्म नहीं होगी क्योंकि यह सूर्य से हमें प्राप्त होती है। हमारे भारत देश में जहां गर्मी भी कहीं अधिक पड़ती है वहां सौर ऊर्जा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है क्योंकि यह एक ऐसी ऊर्जा है जिस के कई लाभ हैं और इससे किसी भी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता है।

हम सोलर पैनल के माध्यम से ऊर्जा को एकत्रित करके बिजली पैदा कर सकते हैं और इस ऊर्जा को अपने उपयोग में ले सकते हैं। बिजली के जरिए हम हमारे दैनिक जीवन में उपयोग में लिए जाने वाले उपकरणों को चला सकते हैं वास्तव में सौर ऊर्जा काफी महत्वपूर्ण ऊर्जा हो सकती है क्योंकि यह कभी भी खत्म नहीं होगी।

आज हम देखें तो जो हमें विद्युत प्राप्त होती हैं वह कोयला और पानी से बनती है लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में यह हमको प्राप्त ना हो पाए, हमें इसकी बचत करनी होगी लेकिन सौर ऊर्जा हमको हमेशा प्राप्त हो सकती हैं क्योंकि यह सूर्य की रोशनी से बनती है वास्तव में सौर ऊर्जा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण ऊर्जा है।

आज सौर ऊर्जा के महत्व को देखते हुए कई देशों में सोलर पैनल के द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने की ओर विशेष ध्यान दिया गया है यह सौर ऊर्जा उन देशों के लिए काफी लाभदायक या महत्वपूर्ण हो सकती हैं जिन देशों में सूर्य की रोशनी अधिक पड़ती है या गर्मी अधिक होती है लेकिन उन देशों के लिए यह उपयोग में नहीं ली जा सकती है जहां पर बरसात या ठंड का मौसम अधिक होता है वास्तव में सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम अपने कपड़े सुखा सकते हैं इसी के साथ में इसका उपयोग करके हम सोलर पैनल के द्वारा विद्युत उत्पन्न कर सकते हैं और उस विद्युत का उपयोग हम कई उपकरणों को चलाने में कर सकते हैं।

इसका उपयोग करके हम प्रदूषण से भी बच सकते हैं क्योंकि सौर ऊर्जा के द्वारा किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होता है।

सौर ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए सौर ऊर्जा के उपकरण को किसी भी स्थान पर हम स्थापित कर सकते हैं।

सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम ऊर्जा के संकट से बच सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।

सौर ऊर्जा के वास्तव में कई लाभ हैं लेकिन दूसरी ओर देखें तो इसकी कुछ हानियां भी हैं दरअसल सौर ऊर्जा से हम रात के समय बिजली उत्पादन नहीं कर सकते क्योंकि रात के समय सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती।

सौर ऊर्जा को उत्पन्न करने वाले उपकरण जैसे कि सोलर पैनल थोड़े महंगे होते हैं जिसकी वजह से हर कोई इनका उपयोग नहीं कर पाता।

सौर ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जो हमें सूर्य की रोशनी से मिलती है इसीलिए जब आकाश में बादल दिख रहे हो यानी बरसात का मौसम हो या धूप ना हो तो सौर ऊर्जा से उर्जा उत्पन्न नहीं की जा सकती इसलिए यह हमारे लिए हर समय उपयोगी नहीं होती है।

वास्तव में सौर ऊर्जा का हमें उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके कई लाभ हैं हम सौर ऊर्जा का उपयोग करके ऊर्जा के संकट से बच सकते हैं और कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सौर ऊर्जा आने वाले समय में वास्तव में हमारे लिए काफी लाभदायक होगी।

  • ऊर्जा के स्रोतों पर निबंध Essay on sources of energy in hindi
  • ऊर्जा संकट पर निबंध Urja sankat essay in hindi

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  • सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त एक ऐसी ऊर्जा है जो प्रकृति ने हमें उपहार स्वरूप दी है।
  • सौर ऊर्जा का महत्व समझकर हम आने वाले भविष्य में ऊर्जा संकट से बच सकते हैं।
  • गर्मियों में यदि बिजली का बिल आपको बहुत परेशान करता है तो सौर ऊर्जा आपकी काफी मदद कर सकती है।
  • कई विदेशी लोग भी सौर ऊर्जा के महत्व को समझ कर इसका उपयोग करते हैं।
  • कई ऊर्जा खत्म हो सकती हैं लेकिन सौर ऊर्जा कभी भी खत्म नहीं होगी।
  • बदलते इस आधुनिक जमाने में सौर ऊर्जा का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।
  • सौर ऊर्जा अपनाओ तुम बिजली का बिल बचाओ तुम
  • सौर ऊर्जा अपनाएंगे जीवन में आगे बढ़ते जाएंगे
  • सौर ऊर्जा याद आती है बिजली के बिल से छुटकारा दे जाती है
  • सौर ऊर्जा अपनाएंगे देश को ऊर्जा संकट से बचाएंगे
  • आओ हम सब आगे बढ़े सौर ऊर्जा का उपयोग करते चलें
  • सौर ऊर्जा बचत करवाएगी जीवन में राहत दे जाएगी।

poem on solar energy in hindi

सौर ऊर्जा का उपयोग हम करें

जीवन में आगे बढ़ते चले

अब हम ना रुके

ऊर्जा संकट से हम बचे

सौर ऊर्जा कभी खत्म ना होगी

लाभ हमको देती रहेगी

सौर ऊर्जा का उपयोग करें

जीवन में हम बढ़े चलें

सौर ऊर्जा से बिजली बनेगी

रात में भी उजाला करती रहेगी

कोयला पानी की बचत होगी

इनकी अब कम खपत होगी

  • अक्षय ऊर्जा पर निबंध Akshay urja essay in hindi

दोस्तों हमें बताएं कि सौर ऊर्जा पर हमारे द्वारा लिखित निबंध, कविता, विचार एवं नारे Solar energy essay, quotes, slogan, poem in hindi आपको कैसे लगे। यदि आपको ये पसंद आए हो तो कृपयाकर इन्हें अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें धन्यवाद।

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light energy essay in hindi

kamlesh kushwah

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ऊर्जा संसाधन पर निबंध | Essay on Energy Resources in Hindi

light energy essay in hindi

ऊर्जा संसाधन पर निबंध | Essay on Energy Resources in Hindi language.

ऊर्जा संसाधनों का विकास औद्योगिक विकास का सूचक होती है । हमारे देश में व्यापारिक स्तर पर प्रयोग किए जाने वाले तीन प्रमुख ऊर्जा संसाधन हैं- कोयला, खनिज तेल अथवा पेट्रोलियम एवं जलविद्युत । इसके अतिरिक्त प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा, पवन चक्की, ज्वारीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भूगर्भिक ऊर्जा आदि भी कुछ योगदान करते हैं ।

महत्वपूर्ण ऊर्जा संसाधनों का उत्पादन एवं वितरण प्रतिरूप निम्नवत है :

1. कोयला (Coal):

ADVERTISEMENTS:

यह औद्योगिक ईंधन के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चे माल का स्रोत भी है । कार्बन की घटती गुणवत्ता के अनुसार कोयले के प्रमुख प्रकार एन्थ्रासाइट (80-95%), बिटुमिनस (55-65%), लिग्नाइट (45-55%), पीट (35-45%) एवं केनाल है ।

1 अप्रैल, 2011 को किए गए कोयले की स्थिति 1,200 मी. गहराई तक कोयले के आधार पर भारतीय भू-विज्ञान सर्वेक्षण के अद्यतन आकलन में कोयले का भंडार 285.87 अरब टन है इसमें कोकिंग कोयला 33.47 अरब टन तथा नन कोकिंग कोयला 252.40 अरब टन है । देश में कोयले का समस्त उत्पादन का लगभग 77% भाग बिजली उत्पादन में खपत होता है ।

भारत में आधुनिक ढंग से कोयला निकालने का प्रथम प्रयास पश्चिम बंगाल के रानीगंज कोयला क्षेत्र में किया गया । देश में प्राचीन काल की गोंडवाना शैलों में कुल कोयले का 98% भाग पाया जाता है, शेष 2% तृतीयक या टर्शियरी युगीन चट्‌टानों में मिलता है ।

गोंडवाना युगीन चट्‌टानों का सबसे प्रमुख क्षेत्र पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा ओडिशा राज्यों में विस्तृत है जहाँ से कुल उत्पादन का 76% कोयला प्राप्त होता है । मध्य प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश गोंडवाना क्षेत्र के अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य हैं । गोंडवाना युगीन कोयला मुख्यतः बिटुमिनस प्रकार का हैं, जिसका उपयोग कोकिंग कोयला बनाकर देश के लौह-इस्पात के कारखानों में किया जाता है ।

प्रायद्वीपीय भारत की नदी घाटियाँ कोयला के प्रमुख प्राप्ति स्थल है, जिनमें दामोदर नदी घाटी, सोन-महानदी-ब्राह्मणी नदी घाटी, वर्धा-गोदावरी-इंद्रावती नदी घाटी तथा कोयल-पंच-कान्हन नदी घाटी प्रमुख है । पश्चिम बंगाल का रानीगंज कोयला क्षेत्र ऊपरी दामोदर घाटी में है जो देश का सबसे महत्वपूर्ण एवं बड़ा कोयला क्षेत्र है ।

इस क्षेत्र से देश का लगभग 35% कोयला प्राप्त होता है । झारखंड राज्य में झरिया, बोकारो, गिरिडीह, करनपुरा, रामगढ़ आदि क्षेत्रों से उत्तम कोटि का बिटुमिनस कोयला निकाला जाता है ।

छत्तीसगढ़ का तातापानी-रामकोला कोयला क्षेत्र, ओडिशा का तलचर कोयला क्षेत्र (ब्राह्मणी नदी घाटी) व आंध्र प्रदेश का सिंगरेनी कोयला क्षेत्र (कृष्णा-गोदावरी नदी घाटी) भी प्रमुख कोयला उत्खनन क्षेत्र हैं ।

टर्शियरी युगीन कोयला के सबसे प्रमुख क्षेत्र मालूम (असोम), नेवेली (तमिलनाडु, लिग्नाइट कोयले के लिए प्रसिद्ध) तथा पलना (राजस्थान) हैं । भारत में लिग्नाइट का सर्वाधिक भंडार तमिलनाडु के मन्नारगुडी (19,500 मिलियन टन) में होने का अनुमान लगाया जाता है ।

2. खनिज तेल अथवा पेट्रोलियम (Mineral Oil or Petroleum):

तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC) द्वारा 26 स्थलीय एवं सागरीय तेल संभावी बेसिनों का पता लगाया गया है । इसके अनुसार देश का कुल खनिज भंडार 1,750 लाख टन है । अन्तर्राष्ट्रीय भूगर्भिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में खनिज तेल का भंडार 620 करोड़ टन है । देश के तीन प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है ।

i. असम तेल क्षेत्र (Assam Oil Region):

यह देश का सबसे महत्वपूर्ण एवं प्राचीन तेल क्षेत्र है । यहाँ के तेल क्षेत्रों में डिगबोई, नहरकटिया, हगरीजान-मोरान व सुरमा नदी घाटी प्रमुख है । हगरीजान-मोरान क्षेत्र में प्राकृतिक गैस भी पाई जाती है ।

ii. गुजरात तेल क्षेत्र (Gujarat Oil Region):

गुजरात राज्य में खम्भात तथा अंकलेश्वर महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र हैं । इसके अलावा नवगाँव, कोसाम्बा, ओल्पाद, ढीलका, मेहसाना, कलोल आदि स्थानों पर भी तेल क्षेत्र का विस्तार है । सौराष्ट्र में भावनगर से 45 किमी. दूर अलियाबेट द्वीप में भी तेल का पता लगाया जा चुका है ।

iii. मुम्बई हाई क्षेत्र (Mumbai High Field):

मुम्बई तट से 176 किमी. दूर मुम्बई हाई क्षेत्र भी एक महत्वपूर्ण तेल क्षेत्र हैं जहाँ से 1976 ई. से ही तेल की प्राप्ति हो रही है । इस क्षेत्र के गंभीर सागरीय भाग से तेल निकालने के लिए जापान से ‘सागर सम्राट’ नामक जहाज मंगाया गया था । देश के कुल उत्पादन के 60% खनिज तेल की आपूर्ति इसी क्षेत्र से होती है ।

अपतटीय क्षेत्र खनन विकास एवं नियमन अधिनियम-1957 के अनुसार भारत के समुद्री क्षेत्र एवं महाद्वीपीय ढाल, अनन्य (EEZ) आर्थिक क्षेत्र एवं अन्य समुद्री क्षेत्रों में खनिज उत्खनन हेतु संपूर्ण शक्ति केन्द्रीय सरकार के पास है ।

अपतटीय क्षेत्र के उत्पादित खनिज को राज्य के हिस्से में न जोड़कर अलग से अपतटीय क्षेत्र में दिखाया जाता है । अतः इसके उत्पादन को महाराष्ट्र के उत्पादन में शामिल नहीं किया जाता है । कच्चे तेल व प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गुजरात का भारत में प्रथम स्थान है ।

iv. वर्तमान में कृष्णा-गोदावरी नदी घाटी में ‘रावा अपतट’ से भी खनिज तेल का उत्खनन किया जा रहा है । राजस्थान के ‘बाड़मेर’ में केयर्न इनर्जी एवं ओएनजीसी के द्वारा संयुक्त रूप से ‘मंगला’ तेल क्षेत्र से वाणिज्यिक स्तर पर तेल उत्पादन प्रारंभ हो गया है ।

यह विगत दो दशकों में देश में तेल की सबसे बड़ी उपतटीय (On Shore) खोज है । इसके अलावा ‘भाग्यम’ व ‘ऐश्वर्य’ में भी तेल के प्रचुर भण्डार हैं । इन तीनों क्षेत्रों में संयुक्त रूप से निकासी योग्य तेल के भण्डार एक अरब बैरल आकलित किए गए है । मंगला क्षेत्र से अगले दो वर्षों में कुल स्वदेशी उत्पादन का 20% प्राप्त होगा ।

खनिज तेल प्राप्ति के अन्य संभावित क्षेत्रों का पता लगाने तथा उसके भंडारों के सर्वेक्षण के लिए 1956 ई. में ‘तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम’ (O.N.G.C.) की स्थापना की गई थी जबकि 1959 ई. में असम एवं अरूणाचल प्रदेश के तेल क्षेत्रों एवं भंडारों का पता लगाने तथा उनके विकास हेतु ‘ऑयल इण्डिया लिमिटेड’ (O.I.L.) का गठन किया गया ।

ओएनजीसी ने पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक ड्रिल शिप ‘बेल्फोर्ड डॉल्फिन’ के द्वारा गहरे समुद्र में तेल की खोज के लिए ‘सागर समृद्धि परियोजना’ प्रारंभ किया है । यह समुद्र में 3,000 मी. की गहराई तक खुदाई करने में सक्षम है ।

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (OVL) ने पूर्वी रूस के सखालीन द्वीप के तेल क्षेत्र में तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्पादन हेतु निवेश किया है जहाँ उसकी हिस्सेदारी 20% है । किसी भारतीय कंपनी का यह विदेश में सबसे बड़ा निवेश है । रूसी तेल क्षेत्र से पहला लदान अप्रैल, 2006 में प्रारंभ हो गया है ।

3. प्राकृतिक गैस (Natural Gases):

प्राकृतिक गैस एक महत्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा संसाधन है जो पेट्रोलियम के साथ-साथ एवं स्वतंत्र रूप से भी पाई जाती है । इसका प्रयोग उद्योगों में मशीनों को चलाने के लिए व विद्युत उत्पादन के लिए भी किया जाता है । रासायनिक उर्वरकों के निर्माण में भी इसका उपयोग किया जाता है । इसे पेट्रो रसायन उद्योग में एक औद्योगिक कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है ।

कार्बन डाइऑक्साइड (CO 3 ) के कम उत्सर्जन के कारण प्राकृतिक गैस को पर्यावरण अनुकूल माना जाता है । इसलिए यह वर्तमान शताब्दी का ईंधन कहा जाता है । इसका परिवहन पाइप लाइन द्वारा कम लागत पर आसानी से दूर तक किया जा सकता है ।

भारत में प्राकृतिक गैस को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:

i. घरेलू प्राकृतिक गैस

ii. आयातित LNG ।

a. कंप्रेस्ट नेचुरल गैस (CNG):

प्राकृतिक गैस को वाहनों में प्रयोग करने के लिए 200-250 किग्रा. प्रति वर्ग सेमी. तक दबाया जाता है । इसलिए प्राकृतिक गैस के दबाए हुए रूप को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस कहते हैं ।

b. LNG (Liquefied Natural Gas):

मुख्यतः मीथेन निर्मित प्राकृतिक गैस होती है, जिसे भंडारण एवं परिवहन की सुविधा के दृष्टि से तरल रूप में परिवर्तित किया जाता है । LNG रंगहीन, गंधहीन एवं गैर विषैली होती है ।

कृष्णा-गोदावरी बेसिन (के.जी. बेसिन):

आंध्र प्रदेश में यनम-काकीनाडा तट से 6 किमी. की दूरी एवं 5,061 मी. की गहराई पर प्राकृतिक गैस के नए भंडार मिले हैं । यह देश में प्राकृतिक गैस का अब तक का सबसे बड़ा भंडार है । निजी क्षेत्र की रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने बंगाल की खाड़ी में स्थित कृष्णा-गोदावरी बेसिन (के.जी. बेसिन) के डी-6 ब्लॉक में 1 अप्रैल, 2009 से प्राकृतिक गैस का उत्पादन शुरू कर दिया ।

रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को यह क्षेत्र नइ तेल खोज लाइसेंसिंग नीति के पहले दौर में आबंटित हुआ था । डी-6 ब्लॉक जब अपनी पूरी क्षमता से गैस का उत्पादन करेगा तब देश में गैस का घरेलू उत्पादन दोगुना हो जाएगा तथा इससे देश में गैस की मौजूदा आवश्यकता की 90 प्रतिशत भाग की पूर्ति हो जाएगी ।

गहरे समुद्र से प्राप्त की गई इस गैस की काकीनाडा के समीप ‘गाडीमोडा’ गाँव में स्थापित केन्द्र से पाइप लाइन के माध्यम से देश के उर्वरक व विद्युत कम्पनियों गैस की आपूर्ति की जाएगी । नागार्जुन फर्टीलाइजर्स इसकी पहली ग्राहक व पहली ऐसी इकाई है जो बाजार आधारित कीमत पर मिलने वाले स्वच्छ ईंधन से चलेगी ।

विदेशों में खोज ( Looking Abroad):

म्यांमार के श्वे क्षेत्र में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार का पता लगा है । इसका उत्पादन दिसंबर 2005 से प्रारंभ हो गया है । ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (OVL) एवं भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL) की भागीदारी इसमें क्रमशः 20% व 10% है । दक्षिणी चीन सागर क्षेत्र में तेल व गैस की खोज हेतु भारत की ONGC तथा वियतनाम की कंपनी पेट्रो वियतनाम के बीच समझौता हुआ है ।

भारत-रूस गैस हाइड्रेट सेन्टर (Indo-Russian Centre for Gas Hydrate):

समुद्र के तलहटी में लगभग 2 किमी. की गहराई पर गैस हाइड्रेट या क्लैथरैट (बर्फ में फंसी मीथेन गैस) होते हैं । विश्व में रूस एकमात्र देश है, जिसने साइबेरिया में गैस हाइडेरट से मीथेन गैस निकाला है ।

भारत भी चेन्नई में रूस के सहयोग से गैस हाइड्रेट सेन्टर की स्थापना कर रहा है । गहरे समुद्र में इसके दोहन हेतु दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने मिलकर ‘रोसब’ नामक रिमोट कंट्रोल यंत्र का विकास किया है ।

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प्रकाश क्या है? जानकारी | What Is Light In Hindi

प्रकाश क्या है what is light in hindi.

यह दुनिया के सबसे बड़े रहस्यो में से एक है कि प्रकाश क्या है? What Is Light In Hindi इस प्रश्न का सही जवाब क्या है? यह हम अभी भी पूरे तरीके से नही जानते है लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके गुणधर्मों को समझाने की कोशीश की है। हम जानते है कि प्रकाश (Light) एक तरह की ऊर्जा का प्रकार है जैसे कि Heat, Radio Waves, X Ray etc. प्रकाश की Speed, Frequencyऔर लंबाई मापी जाती है। तो आइये समझने की प्रयास करते है की Light क्या है? उससे पहले प्रकाश वर्ष पर थोड़ी रौशनी डालते है।

प्रकाश वर्ष क्या है? What Is Light Year In Hindi

दोस्तो, अगर हम बात करे प्रकाश की गति की तो यह 1 सेकंड में 186,000 मील की दूरी तय करता है। अगर हम पूरे 1 साल की बात करे तो यह 5880,000,000,000 मील की दूरी तय करता है जिसे 1 प्रकाश वर्ष कहा जाता है।

ब्रह्माण्ड में किसी भी तारे की पृथ्वी से दूरी प्रकाश वर्ष (Light Year) में मापी जाती है।

प्रकाश गति कैसे करता है?

प्रकाश के व्यवहार को समझने के लिए काफी Theories है लेकिन सबसे ज्यादा माने जाने वाली थ्योरी में Sir Isaac Newton और Christian Huygens Devel की थ्योरी है। Newton की थ्योरी के अनुसार प्रकाश “Corpuscles” का बना होता है। Newton ने यह थ्योरी 1704 में दी थी और वो इस Theory से प्रकाश का व्यवहार समझाने में सफल हुए। Corpuscles क्या है? आगे पढ़े –

इसके अनुसार प्रकाश बहुत ही छोटे कणों से मिलकर बनता है। ये Tiny Particles “Corpuscles” कहलाते है।

प्रकाश छोटे कणों में Travel करता है और इस थ्योरी को Theory Of Light भी कहते है।

Corpuscles थ्योरी के कुछ बिंदु

  • प्रकाश छोटे कणों से मिलकर बना होता है जिन्हें Corpuscles कहते है।
  • यह कण पूरी तरह से Elastic प्रवत्ति के होते है।
  • ये Corpuscles प्रकाश के स्रोत्र से लगातार निकलते रहते है। ये स्रोत्र प्रकाशमान होते है जैसे कि सूरज, lamp Etc
  • ये कण सभी दिशाओं में हमेशा Straight line में ट्रेवल करते है।
  • प्रत्येक कण जब Move करता है तो kinetic Energy रखता है।
  • इन कणों की Velocity बहुत ज्यादा high होती है।
Corpuscles Different size में होते है और प्रकाश के अलग अलग कलर का होना Corpuscles के size पर निर्भर करता है।

प्रकाश का तरंग सिद्दांत (Wave Theory Of Light) क्या है?

ये तो हुई न्यूटन  की थ्योरी की बात, अब बात करते है प्रकाश की दूसरी थ्योरी पर जो Christian Huygens Devel ने दी थी जिसके अनुसार प्रकाश तरंगों के रूप में ट्रेवल करता है। इसे प्रकाश का तरंग सिद्दांत “Wave Theory Of Light” भी कहते है। इसको इस तरीके से भी समझ सकते है कि जैसे एक कंकड़ पानी में फेखा जाता है तो वह पानी मे Wave पैदा करता है। ये प्रकाशमान पार्टिकल्स Waves उतपन्न करते है।

चाहे Wave Theory Of Light हो या फिर Corpuscles Theory Of Light हो। वैज्ञानिक इस बात पर सहमत है कि प्रकाश Particles और Wave दोनों तरीके से व्यवहार करता है। लेकिन वैज्ञानिक अभी तक भी इस निष्कर्ष पर नही पहुचे है कि वास्तव में प्रकाश क्या है?

तो दोस्तो, आपको यह हमारा ज्ञानवर्धक आर्टिकल प्रकाश क्या है? What Is Light In Hindi कैसा लगा? हमें कमेंट सेक्शन में जरुर बताना। प्रकाश वर्ष क्या है? प्रकाश का तरंग सिद्दांत और Corpuscles Theory Of Light  क्या है? इन प्रश्नो के उत्तर भी आपको मिल गए होंगे।

ज्ञान अर्जित करने के लिए ये भी पढ़ें –

  • डार्क मैटर क्या है?
  • ब्लैक होल क्या है?
  • बिग बैंग क्या है?

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2 thoughts on “प्रकाश क्या है? जानकारी | What Is Light In Hindi”

आप प्रकाश के ऊपर रोशनी डाल रहे है ,प्रकाश सोच रहा होगा मै खुद प्रकाश हूं मेरा ऊपर तू रोशनी क्या डाल रहा है।😂😉

Sir Focault ki theory ko bhi join kar dete to kaafee accha hota sir ….

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प्रकाश की परिभाषा क्या है , गुण , उपयोग , प्रकाश चाल किसे कहते है , प्रकृति (what is light in hindi)

(what is light in hindi) प्रकाश की परिभाषा क्या है , गुण , उपयोग , प्रकाश किसे कहते है , प्रकाश की चाल कितनी होती है , निर्वात में माध्यम में ?

परिभाषा : यह एक प्रकार की ऊर्जा है जब प्रकाश हमारी आँख की रेटिना पर पड़ता है तो इसके रेटिना पर गिरने से दृष्टि संवेदना उत्पन्न होती है और हमें वस्तुएं दिखाई देती है। प्रकाश एक प्रकार की विकिरण ऊर्जा है जिसका उपयोग वस्तुओं को देखने के लिए मनुष्य की आँखों द्वारा किया जाता है इस प्रकाश उर्जा के कारण ही मनुष्य वस्तुओं को देख सकता है और उनकी उपस्थिति का अनुभव देखकर कर सकता है। प्रकाश की तरंग दैर्ध्य  जो मनुष्य द्वारा वस्तुओं को देखने के लिए उपयोगी होती है उसका मान 380 नैनोमीटर से 740 नैनोमीटर होती है अर्थात मनुष्य वस्तुओं को देखने के लिए यह प्रकाश की रेंज कार्य में आती है अर्थात इस रेंज की तरंग दैर्ध्य के प्रकाश में मनुष्य को वस्तुएं दिखाई देती है।

प्रकाश का वेग 3  x 10  8  m/s  होता है तथा सूर्य से आने वाला प्रकाश धरती पर पहुँचने में लगभग सात मिनट का समय लगाता है।

प्रकाश एक प्रकार की चुम्बकीय विकिरण होती है , मनुष्य की आँखों में एक रेंज की प्रकाश की चुम्बकीय विकिरण को समझ की क्षमता होती है , मनुष्य की आँखों द्वारा 380 नैनोमीटर से 740 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य की रेंज के प्रकाश को समझने की क्षमता रखती है।

प्रकाश के कई स्रोत होते है जिसमे से सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत सूर्य होता है जिसमें प्रकाश का अन्नत भण्डारण होता है , इसके अलावा कृत्रिम स्रोत्त जैसे बैट्री आदि होते है जिससे प्रकाश उत्पन्न किया जाता है।

प्रकाश की प्रकृति (nature of light)

हमारी दृष्टि की अनुभूति जिस बाह्य भौतिक कारण के द्वारा होती है, उसे हम प्रकाश कहते है। अतः प्रकाश एक प्रकार का साधन है, जिसके सहारे आँख वाले लोग किसी वस्तु को देखते है। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता हैं। तब उस वस्तु से प्रकाश टकराकर देखने वाले की आँख पर पड़ता है, जिससे व्यक्ति उस वस्तु को देख पाता है। वास्तव में प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है, जो विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के रूप में संचरित होती है।

प्रकाश की दोहरी प्रकृति-तरंग व कण- आज प्रकाश को कुछ घटनाओं में तरंग और कुछ मे कण माना जाता है। कुछ घटनाओं में उसकी तरंग प्रकृति प्रबल होती है (कण प्रकृति दबी रहती हैं) और कुछ में प्रकाश की कण प्रकृति स्पष्टतः उभरकर जाती है और तरंग प्रकृति दबी रहती है। इसी को प्रकाश की दोहरी प्रकृति कहते है। प्रकाश का विद्युत-चुम्बकीय तरंग सिद्धान्त प्रकाश के केवल कुछ प्रमुख गुणों की ही व्याख्या कर पाता है, जैसे- प्रकाश का परावर्तन, अपवर्तन सीधी रेखा में चलना, विवर्तन, व्यतिकरण व ध्रुवण। प्रकाश के कुछ गुण ऐसे भी है। जिनकी व्याख्या तरंग सिद्धांत नहीं कर पाता है। इनमें प्रमुख है- प्रकाश का विद्युत प्रभाव तथा क्रॉम्पटन प्रभाव। इन प्रभावों की व्याख्या आइन्सटीन द्वारा प्रतिपादित प्रकाश के फोटॉन सिद्धांत द्वारा की जाती है। इस सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे बण्डलों के रूप में चलता है, जिन्हें फोटॉन कहते है। वास्तव में ये दोनों प्रभाव प्रकाश की कण-प्रकृति को प्रकट करते है।

प्रकाश की चाल – सर्वप्रथम रोमर नामक वैज्ञानिक ने बृहस्पति ग्रह के उपग्रहो की गति को देखकर प्रकाश का बंग ज्ञात किया था। उसने बृहस्पति ग्रह के एक उपग्रह में लगने वाले दो ग्रहणां के बीच की अवधि को मापकर प्रकाश की चाल को ज्ञात किया था। प्रकाश का वेग सबसे अधिक निर्वात मे होता है। निर्वात में प्रकाश की चाल का सर्वाधिक स्वीकृत मान 1,86,310 मील प्रति सेकण्ड या 2,99,776 किलोमीटर प्रति सेकण्ड या 3ग108 मीटर प्रति सेकण्ड है। किसी पदार्थ में प्रकाश की चाल निर्वात से कम होती हैं। निर्वात की तुलना में हवा में प्रकाश की चाल 0.03 प्रतिशत कम, पानी में 25 नाइलोन प्रतिशत कम तथा काँच में 35ः कम होती है।

प्रकाश को सूर्य से पृथ्वी तक आने में औसतन 499 से. (अर्थात 8 मिनट 19 से.) का समय लगता है। इसी प्रकार चन्द्रमा से परावर्तित प्रकाश को पृथ्वी तक आने में 1.28 से. का समय लगता है।

प्रकाश का सरल रेखीय गमन- समांग माध्यमों (घनत्व हर भाग में बराबर) में प्रकाश की किरणे सरल रेखाओ में चलती है। इसे प्रकाश का सरल रेखीय गमन कहते हैं। सूची-छिद्र कैमरा में उल्टे चित्र का बनना, विभिन्न प्रकाश की छायाओं का बनना, सूर्य ग्रहण तथा चन्द्र ग्रहण प्रकाश की किरणें के सरल रेखीय गमन के कारण ही संभव होते हैं।

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बिजली के उपयोग पर निबंध-Essay on Importance of Electricity in Hindi

बिजली के उपयोग पर निबंध (essay on importance of electricity in hindi) :.

light energy essay in hindi

भूमिका : विज्ञान ने मनुष्य को अनेक वरदान स्वरूप अविष्कार दिए हैं जिनमें से बिजली भी एक वरदान है। बिजली का आविष्कार करके वैज्ञानिकों ने हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है। हमारे जीवन में बिजली का बहुत उपयोग होता है। बिजली ऊर्जा का एक शक्तिशाली स्त्रोत होता है जिसका प्रयोग अनेक कामों को करने के लिए किया जाता है।

बिजली को भाप या पानी से बनाया जाता है। बिजली वैज्ञानिकों के आविष्कारों की बहुत बड़ी नदी है जिससे यह दुनिया हैरान रह गई है। इसके बिना आधुनिक जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यह पूरा दिन मनुष्य के अनुसार काम करती है यह मनुष्य के लिए भोजन बनाती है, कमरे साफ कराती है और रात को दिन में बदल देती है।

बिजली आज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है। आज के समय में घरों में बिजली का प्रयोग और अधिक बढ़ गया है। अगर थोड़ी बहुत देर के लिए बिजली चली जाती है तो बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। आज के आधुनिक जीवन में बिजली मनुष्य के जीवन की एक बहुत बड़ी जरूरत बन गई है जिसके बिना मनुष्य किसी भी काम को करने में सफल नहीं होता है।

बिजली से चलने वाले उपकरण :  हम बिजली चमत्कारों को चारों ओर आसानी से देख सकते हैं। आज के समय में हर घर में रोशनी, हवा, गर्मी, दूरी की वार्तालाप, समाचार सुनने के उपकरणों को देखा जा सकता है। आज हर घर में रोशनी करने और हवा देने के लिए उपकरण हैं जिससे हमारा जीवन आरामदायक बन गया है।

आजकल सडकों, दुकानों और घरों में रोशनी की व्यवस्था है। आज के समय में हम वो सब काम रात में भी कर सकते हैं जो सिर्फ दिन में किए जाते थे। पहले हम हवा के लिए मेहनत किया करते थे लेकिन आज पंखों के आविष्कार से हमारा जीवन और भी आरामदायक हो गया है। अब बिजली के प्रयोग से सर्दियों में भी गर्मी का आनंद ले सकते हैं।

बिजली के चूल्हों से खाना भी बनाया जाता है। बिजली से कपड़ों पर प्रेस भी की जाती है। बिजली की गर्मी से एक बहुत बड़ा फायदा होता है कि इससे कभी वायु प्रदूषण नहीं होता है। बिजली की वजह से तार और टेलीफोन जैसे साधन उपलब्ध कराये गये हैं। तारों और टेलीफोन के जरिए हम दूर-दूर तक अपने संदेश को भेज सकते हैं।

बेतर साधन की वजह से हम बिना तार के संदेश, फोटो भेजे जा सकते हैं। रेडियो से कहीं दूर होने वाले कार्यक्रमों को आसानी से सुना जा सकता है। बिजली का प्रयोग घर की औरतों के लिए एक वरदान की तरह सिद्ध होता है। रसोईघर में भी बिजली की मदद से खाना बनाया जाता है। कपड़े भी बिजली की मदद से धुल जाते हैं।

आजकल चटनी बनाने और मिर्च मसाले पीसने के लिए और जूस बनाने के लिए भी मशीनों का प्रयोग किया जाता है। आजकल घर-घर में कंप्यूटर को देखा जा सकता है वह भी बिजली के करण ही आया है। भारत अभी इतना विकसित नहीं हुआ है इसी वजह से घरों में कंप्यूटर बहुत कम दिखाई देते हैं। जब कंप्यूटर की उपयोगिता का पता चलेगा तो घरों में भी इसका प्रयोग अधिक होने लगेगा।

भारी मशीनों में उपयोग :  बिजली का प्रयोग भारी मशीनों में भी किया जाता है। बिजली का सबसे अधिक प्रयोग परिवहन में किया जाता है। बिजली की मदद से ट्राम और रेलगाड़ियों को भी चलाया जाता है। बिजली के इंजन बहुत शक्तिशाली होते हैं और इनमें से किसी प्रकार के धुएँ के निकलने से प्रदूषण नहीं होता है।

इन यंत्रों को अधिक गति से भी चलाया जा सकता है और धीमी गति से भी। बिजली के सहारे संसार में ओद्योगिक क्रांति आ गई है। आज के समय में भरी-भरी औद्योगिक मशीने बिजली से ही चलाई जाती हैं। इन भारी-भारी औद्योगिक  मशीनों से अनेक प्रकार की चीजें बनाई जाती हैं।

बिजली से बहुत भारी क्रेनें भी चलाई जा सकती हैं जो अधिक-से-अधिक बोझ को उठा सकती हैं। जो कारखाने बिजली से चलते हैं उनसे कभी वायु प्रदूषण नहीं होता है और दूसरे ऊर्जा के स्त्रोतों से यह बहुत सस्ती होती है। चिकित्सा के लिए भी बिजली का प्रयोग किया जाता है।

एक्स रे मशीनों को बिजली से चलाया जाता है जिससे रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है और डॉक्टर हमें यह बताने में सक्षम हो जाता है कि हमारे शरीर की कौन सी हड्डी टूट गई है और कौन सी हड्डी ठीक है। अगर बीमारी है तो सर्जरी के लिए उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

बिजली की वजह से ही वायलेट जैसी अनेक किरणों का उत्पादन हुआ है जो अनेक रोगों के इलाज में प्रयोग की जाती हैं। बिजली से चलने वाली मशीनों की वजह से ही दिल की धडकन रुक जाने पर उसे फिर से सक्रिय किया जा सकता है। बिजली कृषि में भी अपना योगदान दे रही है। बिजली से कृषि के लिए ट्यूब और कुएँ चलाने के उत्पादन में बहुत मदद करता है।

मनोरंजन का साधन :  बिजली की वजह से ही मनोरंजन के साधन उपलब्ध हो पाए हैं। बिजली की वजह से ही रेडियों, टेलीविजन, वी०सी०आर० जैसे साधनों को मनोरंजन के लिए बनाना संभव हुआ है। आज टेलीविजन की वजह से हम दूर किसी स्थान पर होने वाली महत्वपूर्ण घटना को आसानी से देख सकते हैं।

आज हम बहुत से खेलों जैसे- क्रिकेट, टेनिस, फुटबाल, कबड्डी, और वॉलीबाल का सीधा प्रसारण घर बैठे आसानी से देख सकते हैं। बिजली का प्रयोग मनुष्य की सभी गतिविधियों में किया जाता है। बिजली की वजह से हमारे सुख कई गुना बढ़ जाते हैं।

जो लोग निर्धन होते हैं उनके घरों में भी मनोरंजन की वस्तुएँ आसानी से देखी जा सकती हैं। लेकिन इन साधनों का प्रयोग केवल बिजली से ही किया जा सकता है अगर बिजली न हो तो इनका प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

उपसंहार :  बिजली का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है इसी वजह से इसके उपयोगों को गिनना बहुत अधिक कठिन है। बिजली ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र को बहुत ही प्रभावित किया है। आज के समय में बिजली के बिना शहरी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

बिजली का उपयोग घरेलू कामों में भी बहुत किया जाता है। हम इसका प्रयोग जितना चाहें उतना कर सकते हैं। बाजारों में बिजली से चलने वाले अनेक प्रकार के उपकरण मिल जाते हैं जिनका प्रयोग बहुत से घरों में किया जाता है। उपकरणों का प्रयोग व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह इनका प्रयोग कितना करता है।

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NCERT Solutions for Class 6 Science Chapter 11 Light, Shadows and Reflections In Hindi

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Class 6 is a crucial class in a student’s academic career. Students in Class 6 begin to experience and learn new things in their educational lives. In Class 6, students are introduced to a variety of new activities and curricula. Mathematics, Social Science, Science, Hindi, English, and other key subjects are taught in Class 6. In Class 6, students learn the fundamentals of all of these disciplines. As a result, Class 6 is regarded as an important milestone. If students comprehend the fundamentals and core concepts, it will be easier for them to understand the more difficult concepts in higher-level classes. As a result, students should take their Class 6 studies seriously and study diligently. They must read all of the NCERT books and answer all of the questions at the end of each chapter. If students run into any difficulties, they can refer to Extramarks’ study materials. Extramarks offers NCERT solutions for all topics and chapters from Classes 1–12. Furthermore, the solutions are offered in both Hindi and English, making them accessible to all students.

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Science is an extremely important subject. The science includes sub-subjects such as Biology, Physics, and Chemistry. In Class 6 Science, students learn about Components of Food, Living Organisms, and their Surroundings. Science is often considered a vast and difficult subject by students. To prepare for the subject efficiently, students need to solve all NCERT exercise questions. The NCERT exercise questions will benefit students a lot. While preparing for Science, students should focus on practicing diagrams, chemical reactions, and important formulas. They should incorporate diagrams and chemical reactions in their answers. This will help them increase their score and enhance their answer.  Extramarks provides NCERT solutions for all Class 6 Science chapters. Extramarks NCERT solutions contain all the relevant details as per the demands of the exercise questions. Students must refer to the study resources offered by Extramarks to study the Science chapters effectively.

Studying Class 6 Science efficiently will help students understand Science taught in higher classes. Science is very helpful to prepare for various competitive exams in the future. Class 6 Science is therefore very important to lay a solid foundation for students. Science is a very fascinating subject since it explains to students the processes that underlie everything they encounter on a daily basis. Students must refer to the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi to prepare thoroughly for Chapter 11. They can download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi from the website and mobile application of Extramarks. The NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi can be downloaded in PDF format by students.

NCERT Solutions Class 6 Science in Hindi Medium Other Related Chapters

To prepare for Class 6 Science Chapter 11 In Hindi students must refer to the  NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi offered by Extramarks. The NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi will help students to score high marks in their term-end examinations. The NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi are written by expert Science teachers for the benefit of students.

Students can download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi from the website and mobile application of Extramarks. They are advised to download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi in PDF format so that they can study according to their own convenience.

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Learners can get the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi from the Extramarks website and mobile app.The NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi are written according to the latest CBSE guidelines. The NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi are proofread regularly to avoid any mistakes. Students must revise the provided solutions again and again for maximum benefit.

NCERT Solutions for Class 6 Science Chapter 11 Light, Shadows and Reflections in Hindi

Class 6 Science Chapter 11 is about Light, Shadows, and Reflections. Light allows humans to see numerous items around them. Light is a type of energy. It is possible for some illuminations to be reflected when an object receives light. Objects are visible due to their reflections. In the dark, objects are not reflected and therefore cannot be seen. Light is very essential for the health and well-being of the entire environment. Students will learn the basic concepts of Light, Shadows, and Reflections in this chapter. Below, some of the topics and concepts explained in this chapter are listed:

The different sources of light:

There are two light sources. They are as follows:

Luminous: A luminous body is one that emits light on its own. It can be discovered both naturally and artificially. A few examples include the sun, an electric bulb, and so on.

Non – Luminous: A body that cannot emit light on its own. One can only see what these bodies reflect. Some examples are the Moon, mirrors, and so on. For instance, we can only see our faces in the mirror because they reflect. It is not possible to see items through a mirror in a dark room.

To learn more about Luminous and Non-Luminous objects, students must read the NCERT book of Class 6 Science carefully. To answer the question related to these topics, students can refer to the NCERT solutions provided by Extramarks on these concepts.

Opaque, Transparent, and Translucent

Transparent: An object is said to be transparent if a light source passes through it. Water, glass, and so forth are a few examples.

Translucent: A translucent object is one that allows some light to pass through it. Examples include butter paper, frosted glass, and so on.

Opaque: When a light source is totally barred from passing through an item, it is said to be opaque. Examples include the Earth, wood, and so forth.

The solutions to NCERT Science Book Class 6 Chapter 11 provide a thorough explanation of the concepts of transparent, translucent, and opaque.

Shadow Formation

A shadow is cast when an opaque object blocks a source of light. The opposing side of the object casts a shadow (the darker side). The size of the shadow is determined by the distance between a source of light and an opaque object. The angle of light is also important.

Shadows of Various Sizes

The size of the shadow tends to grow larger as the source of light gets closer to the opaque object. When the source of light goes away from the object, the size decreases.

The shadow cast by an opaque item is only visible when it falls on a screen. This includes the ground, room walls, and any surface that acts as a screen.

The shadow can sometimes reveal a lot about the object.

Shadows are always black, and the color of the opaque object has no effect on them.

Light Propagation

Light is known to propagate along a straight line, which is known as rectilinear propagation of light. Students will also learn about Beam of Light and Ray of Light:

Beam of Light: When a group of rays moves in one direction.

A ray of light is the path that light takes to go in a certain direction.

Surface Reflection

When light bounces off a surface, it is called to reflect. The nature of reflection now relies on the surface. When a light source strikes an irregular surface, the parallel beam of light reflects in different directions depending on the angle of the surface. It is referred to as dispersed reflection.

On a smooth surface, the parallel beam of light reflects uniformly in a single direction, depending on the angle of the light. This is referred to as an image.

To understand the topics more clearly, students must focus on reading the NCERT books carefully. They can supplement the NCERT textbooks with the study resources offered by Extramarks. Extramarks provides study resources such as revision notes and past years’ papers analysis for the benefit of students. All the study materials provided are curated by expert subject teachers and will guide students to solve all the NCERT exercises. Students can access all the resources on the website and mobile application of Extramarks. They must download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi to prepare for Chapter 11 of Class 6 Science. Hindi medium students will be able to write accurate and precise answers with the help of the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi.

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Is Class 6 Science tough?

It is true that the difficulty level in all subjects is increased slightly in Class 6, however, students can make it easy on themselves by studying regularly and practising all NCERT exercises. This is also how Class 6 Science should prepare for examinations. Extramarks’ materials can assist students in completing NCERT exercises. Solving NCERT exercises thoroughly will help students to understand the chapter completely. To solve the questions of Class 6 chapter 11 on Light, Shadows and Reflections, students can take the help of the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi.

From where can students download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi?

Students can download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi from the website and mobile application of Extramarks. Students can also access other study materials for preparation for examinations from Extramarks.

Can the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi be downloaded in PDF format?

Yes, the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi are available in PDF format. Students are advised to download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi in PDF format for easy access. Downloading the study resources in PDF format can help students a lot, as they will be able to access the materials any time they want.

Can the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi help students solve mock papers?

Yes, the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi can help students in solving the mock examination questions. They can also refer to Extramarks’ past years’ paper solutions to find authentic solutions. Students must download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi for preparing chapter 11 efficiently.

Are Extramarks’ study materials reliable?

Yes, the study resources provided by Extramarks are reliable and authentic. The study resources provided by Extramarks cover the whole syllabus holistically and can be used by students to prepare for their exams. Further, the study materials are updated regularly according to the latest CBSE guidelines. 

Do the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi contain solutions for all exercise questions of Chapter 11 Class 6 Science?

The NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi are elaborated addressing all the questions of Class 6 Chapter 11 Science in Hindi medium, students can visit the website and mobile application of Extramarks to download the solutions.

Are the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi useful for preparing for competitive exams?

Yes, candidates preparing for various competitive exams can also make use of the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi. They must download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi in PDF format for easy access. Science questions are asked in competitive examinations such as UPSC, Civil Services Examinations, Joint Entrance Examinations etc. Students will be able to prepare for these exams effectively if they have a clear understanding of class 6 Science.

Are the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi provided in English medium too?

Yes, the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi are provided in English too. Students can download the NCERT Solutions Class 6 Science Chapter 11 In Hindi and in English from the Extramarks’ website.

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
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जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

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Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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Light Pollution In Hindi: प्रकाश प्रदूषण पर परीक्षा में निबंध हिंदी में ऐसे लिखें

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  • Updated on  
  • नवम्बर 28, 2023

Light Pollution In Hindi

प्रकाश प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसे लोगों के द्वारा अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। कई बार विद्यार्थियों को प्रकाश प्रदूषण पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। प्रकाश प्रदूषण की वजह रात में आकाश धुंधला हो जाता है। यह अत्यधिक आर्टिफिशियल लाइट पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और वन्य जीवन के लिए एक खतरा पैदा करता है। प्रकाश प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याएं, इकोलॉजिकल डिसरप्शन, एनर्जी वेस्ट जैसी कई प्रकार की समस्याएं होती है। यदि आप Light Pollution In Hindi के बारे में जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

प्रकाश प्रदूषण क्या है, प्रकाश प्रदूषण पर निबंध सैंपल 1, प्रकाश प्रदूषण पर निबंध सैंपल 2, प्रकाश प्रदूषण और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव, प्रकाश प्रदूषण और इससे उत्पन्न होने वाली समस्या, प्रकाश प्रदूषण को रोकने के उपाय, प्रकश प्रदूषण पर 10 लाइन्स.

प्रकाश प्रदूषण तब होता है जब वातावरण में बहुत अधिक मानव द्वारा उत्पन्न किया हुआ प्रकाश होता है। यह प्रकाश विशेषकर रात के समय होता है। यह अत्यधिक रोशनी से लोग परेशान होते हैं तथा यह लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालने का कार्य भी करती है। इससे रात के आकाश में तारे देखना मुश्किल हो जाता है। बच्चों के द्वारा अधिक टीवी देखने पर उनकी आंखों पर असर होता है। जानवरों के प्राकृतिक व्यवहार में भी बाधा आती है और इससे मानव स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

प्रकाश प्रदूषण Light Pollution In Hindi निबंध सैंपल 1 नीचे दिया गया है-

प्रकाश प्रदूषण तब होता है जब लोग बहुत अधिक या गलत प्रकार की कृत्रिम रोशनी का उपयोग करते हैं, खासकर रात में। ऐसा तब होता है जब बाहरी रोशनी चालू छोड़ दी जाती है और रात का आकाश बहुत अधिक उज्ज्वल हो जाता है।  यह पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है, प्रकाश प्रदूषण के चार मुख्य प्रकार हैं: पहला है, चकाचौंध होना यानी बहुत अधिक चमक की उपस्थिति होना। दूसरा प्रकाश अतिचार अर्थात किसी की संपत्ति में अवांछित प्रकाश का प्रवेश होना। तीसरा अति-रोशनी इसका मतलब बहुत अधिक प्रकाश का उपयोग करना।  अंतिम और चौथा आकाश की चमक यानी रात में शहरों पर उज्ज्वल प्रभामंडल। प्रकाश प्रदूषण लोगों और जानवरों दोनों के लिए समस्याएँ पैदा कर सकता है।  इससे नींद में खलल पड़ सकता है और लोग तनावग्रस्त हो सकते हैं।  जानवरों के लिए, विशेष रूप से जो रात में सक्रिय होते हैं, यह उनके खाने और संभोग की दिनचर्या को गड़बड़ा सकता है।  प्रवास के दौरान पक्षी भ्रमित हो सकते हैं, और समुद्री कछुए समुद्र में अपना रास्ता भूल सकते हैं।

प्रकाश प्रदूषण Light Pollution In Hindi निबंध सैंपल 2 नीचे दिया गया है:

प्रकाश प्रदूषण तब होता है जब स्ट्रीट लाइट और अन्य मानव निर्मित स्रोतों के कारण रात का आकाश बहुत अधिक चमकीला हो जाता है। यह एक तरह का प्रदूषण है जिस पर हमारा ज्यादा ध्यान नहीं जाता।  इससे तारे देखना कठिन हो जाता है और यह हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। प्रकाश प्रदूषण के चार मुख्य प्रकार हैं: स्काईग्लो (रात में शहरों पर एक उज्ज्वल प्रभामंडल), चकाचौंध (बहुत अधिक चमक जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती है), प्रकाश अतिचार (अवांछित या घुसपैठ करने वाली रोशनी), और अव्यवस्था (भ्रमित करने वाली और बहुत सारी रोशनी एक साथ समूहीकृत)। प्रकाश प्रदूषण पक्षियों, कीड़ों और समुद्री कछुओं जैसे जानवरों के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे उनके खान-पान और संभोग की आदतें गड़बड़ा जाती हैं। उदाहरण के लिए, चमकदार रोशनी प्रवासी पक्षियों को भ्रमित कर सकती है।  लोगों में यह नींद की समस्या और तनाव का कारण बन सकता है। इससे रात में देखना भी कठिन हो जाता है और ऊर्जा बर्बाद होती है। यदि हम ऐसा निवारण निकालें की हम जरूरत पड़ने पर ही रोशनी का उपयोग करते हैं। यदि हम ये आसान तरीके आजमाते हैं, तो हम प्रकाश प्रदूषण को कम कर सकते हैं और अपने रात के आकाश को सुंदर बनाए रख सकते हैं।  निष्कर्षतः प्रकाश प्रदूषण एक बड़ी समस्या है जिस पर हमें अधिक ध्यान देना चाहिए।  यदि हम इस बात को समझने का प्रयास करें कि यह हमें किस प्रकार प्रभावित करता है, तो हम इसे कम करने और अपने पर्यावरण की देखभाल करने के लिए कार्य कर सकते हैं।

प्रकाश प्रदूषण पर निबंध सैंपल 3

प्रकाश प्रदूषण Light Pollution In Hindi निबंध सैंपल 3 नीचे दिया गया है:

प्रकाश प्रदूषण तब होता है जब लोग बहुत अधिक या गलत प्रकार की कृत्रिम रोशनी करते हैं। ऐसा अक्सर तब होता है जब बाहरी लाइटें पूरी रात जलती रहती हैं या जब वे आकाश में चमकती हैं। कृत्रिम प्रकाश शहरों पर एक चमकदार चमक पैदा करता है, जिससे लोगों के लिए रात में तारों को देखना मुश्किल हो जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिससे कई लोगों ओर व्यक्तियों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। 

अधिकांश लोग वायु और जल प्रदूषण के बारे में जानते हैं, लेकिन प्रकाश प्रदूषण ऐसा प्रदूषण है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है। ऐसा तब होता है जब शहरों में बहुत अधिक अनावश्यक रोशनी होती है, आमतौर पर बहुत अधिक रोशनी से कई समस्याएं होती हैं। जैसे तारे देखना मुश्किल होना और हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ना।  सबसे अधिक ध्यान देने योग्य मुद्दा यह है कि रात का आकाश चमकीला हो जाता है, जिससे तारे दिखाई नहीं देते।  यह उन लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है जो मनोरंजन और नौकरी दोनों के लिए सितारों को देखना पसंद करते हैं।  यह जानवरों को भी प्रभावित करता है और यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है। इसे ठीक करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कम रोशनी का उपयोग करना या हमारे द्वारा उनके उपयोग के तरीके को बदलना आदि। 

हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि बहुत अधिक रोशनी के कारण होने वाला प्रकाश प्रदूषण दुनिया भर में एक बड़ी समस्या है। 1960 के दशक में, शुरुआती उपग्रहों ने पृथ्वी की रात की रोशनी को देखना शुरू किया लेकिन सटीक नहीं थीं।  1972 में अवर्गीकृत, रक्षा उपग्रहों के डेटा ने प्रकाश प्रदूषण की रिसर्च में सहायता की। प्रारंभिक जांच में अलग-अलग छवियों का उपयोग किया गया। 2011 में, VIIRS के साथ सुओमी एनपीपी में काफी सुधार हुआ, जिससे बेहतर इमेजेज की प्राप्ति हुई।  प्रकाश प्रदूषण तीन मुख्य मुद्दों पर प्रकाश डालता है: यह लोगों में नींद के पैटर्न को बाधित करके मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, पक्षियों को नुकसान पहुंचाता है, और रात के समय में आकाश को बहुत अधिक उज्ज्वल बनाता है।  अध्ययन में यह भी पाया गया कि 2012 के बाद से पृथ्वी की रात हर साल रोशन हो रही है, जिसका मुख्य कारण अधिक एलईडी लाइटों का उपयोग है। ये लाइटें अपने आप में खराब नहीं हैं, लेकिन अब इनकी संख्या इतनी अधिक हो गई है कि ये समस्याएं पैदा करती हैं। प्रकाश प्रदूषण समुद्री कछुओं और पक्षियों जैसे जानवरों को प्रभावित करता है, और यह कीड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। तेज़ रोशनी उनके प्राकृतिक व्यवहार को बाधित करती है। इसलिए, जबकि एलईडी लाइटें ऊर्जा बचाने के लिए अच्छी हैं, लेकिन उनका बहुत अधिक उपयोग लोगों और प्रकृति दोनों के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है।

प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए हम कुछ चीजें कर सकते हैं।

  • सबसे पहले, आउटडोर लाइट का उपयोग केवल तभी करें जब आपको वास्तव में उनकी आवश्यकता हो। 
  • यदि आपको उनका उपयोग करना ही है, तो सुनिश्चित करें कि वे बहुत अधिक चमकीले न हों और उन्हें इस तरह से लगाएं की इनका मुख नीचे की ओर हो, आकाश की ओर नहीं।
  • ऐसे लाइट फिक्स्चर का उपयोग करें जो प्रकाश को एक ही स्थान पर रखे, और आप टाइमर या मोशन सेंसर का भी उपयोग कर सकते हैं ताकि रोशनी केवल आवश्यक होने पर ही चालू हो।

अंत में, प्रकाश प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है जो जानवरों और लोगों को नुकसान पहुँचाता है। यह प्राकृतिक स्थानों को खराब कर देता है और रात में तारों का आनंद लेना कठिन बना देता है। यदि हम रोशनी का उपयोग करने के तरीके में थोड़ा बदलाव करें, तो हम चीजों को बेहतर बना सकते हैं और अपने ग्रह की देखभाल कर सकते हैं। हमें इस समस्या के बारे में सीखना चाहिए और अपने स्वास्थ्य, पृथ्वी और ब्रह्मांड के लिए इसे ठीक करने के लिए काम करना चाहिए।

Light Pollution in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई हैं-

  • प्रकाश प्रदूषण होने का मुख्य कारण है रात में कृत्रिम प्रकाश का अत्यधिक उपयोग।
  • शहरी क्षेत्रों से तीव्र गति से बढ़ती संख्या और औद्योगीकरण का एक प्रमुख दुष्प्रभाव प्रकाश प्रदूषण है।
  • प्रकाश प्रदूषण हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करता है और कई जीवों की प्राकृतिक स्थिति को बदल देता है।
  • प्रकाश प्रदूषण से पर्यावरण की प्राकृतिक रोशनी को बदल जाती है और यह वन्य जीवन को भी नष्ट कर देता है।
  • रात में प्रकाश की स्थिति बदलने से पौधों, जानवर भ्रमित हो जाते हैं और प्रकृति पर इस वजह से विनाशकारी प्रभाव पड़ता है।
  • कई सारे पौधे ऐसे हैं जो की प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं और प्रकाश प्रदूषण पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • प्रकाश प्रदूषण की वजह से रात के समय चरने वाले जानवरों की रात में नेविगेशन क्षमता ख़त्म हो सकती है।
  • रात में प्रकाश प्रदूषण के मुख्य स्रोत कार्यालय, घर, कारखाने आदि हैं। 
  • रात के समय हमे तभी बाहरी प्रकाश का उपयोग करना चाहिए जब हमें इसकी आवश्यकता हो। 
  • आसमान में उत्पन्न चमक के प्रभाव से पक्षियों, समुद्री जीवों और रात्रिचर जानवरों की भी मृत्यु हो सकती है।

यह पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करता है, वन्यजीवों के व्यवहार को प्रभावित करता है और एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेशन में भी हस्तक्षेप करता है।  यह मानव के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

सामान्य स्रोतों में स्ट्रीटलाइट्स, आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बाहरी प्रकाश व्यवस्था, बिलबोर्ड और खेल के लिए बनाई गई सुविधाएं इसमें शामिल हैं। ख़राब डिज़ाइन और अत्यधिक चमकदार आउटडोर प्रकाश के कारण अत्यधिक प्रकाश प्रदूषण होता है।

प्रकाश प्रदूषण के परिणामस्वरूप ऊर्जा की बर्बादी होती है और बिजली की लागत में वृद्धि होती है। बिजली के कम उपयोग से से लागत भी कम होती है तथा पर्यावरण को भी कम खतरा होता है। 

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Light Pollution in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
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  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
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  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
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  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
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  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
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  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
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  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
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  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
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  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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